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मल्टीपल मायलोमा से पीडि़त 51 वर्षीय व्यक्ति का रामकृष्ण केयर अस्पताल में सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट
11-Jul-2023 2:38 PM
मल्टीपल मायलोमा से पीडि़त 51 वर्षीय व्यक्ति का  रामकृष्ण केयर अस्पताल में सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट

 अस्पताल में मरीजों को मिल रही  हर संभव मदद् 

रायपुर, 11 जुलाई। रामकृष्ण केयर अस्पताल के निदेशक डॉ. संदीप दवे ने बताया कि रामकृष्ण केयर अस्पताल में राजधानी के 51 वर्षीय व्यक्ति का मायलोमा में ऑटोलॉगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर जान बचाई गई।  कई महीनों से कमर दर्ज से पीडि़त मरीज को अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट (अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण ) किया गया। 

डॉ. रवि जायसवाल, सलाहकार हेमेटो-ऑन्कोलॉजी और बीएमटी ने बताया कि पीडि़त व्यक्ति को 2 महीने से पीठ के निचले हिस्से में गंभीर दर्द के साथ रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका ब्लड टेस्ट, बोन मेरो की जांच की गई।

उन्होंने बताया कि उसके बाद उन्हें मल्टीपल मायलोमा- स्टेज 3 से पीडि़त था। मरीज को 4 महीने तक इंडक्शन कीमोथेरेपी की गई। इसके बाद रामकृष्ण केयर बीएमटी यूनिट में ऑटोलॉगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपण) किया गया।

उन्होंने बताया कि मरीज को कीमोथेरेपी की उच्च खुराक दी गई। जिससे कैंसर कोशिकाएं को खत्म किया जा सके। स्टेम सेल डाला फिर मरीज को बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में भर्ती किया।

इस प्रक्रिया में एनेस्थीसिया या सर्जरी शामिल नहीं है। परिधीय रक्त स्टेम कोशिकाओं की पर्याप्त खुराक एकत्र की गई। एंटीबायोटिक इंजेक्शन के उपयोग के बिना ट्रांसप्लांट के 12 दिनों के भीतर वह ठीक हो गया। 

रामकृष्ण केयर अस्पताल के निदेशक डॉ. संदीप दवे ने रामकृष्ण केयर अस्पताल में सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने के लिए डॉक्टरों को बधाई देते हुए कहा कि हर बार जब हमारे डॉक्टर अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया करते हैं, तो वे मरीज को एक नया जीवन देते हैं। हमारे रोगियों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने वाले सफल अंग प्रत्यारोपण उपचार से हमें बहुत गर्व है।

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