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तंबाकू, गुटका, पान मसाला का सेवन और धूम्रपान प्रमुख कारण-डॉ. पांडेय
रायपुर, 28 जुलाई। 27 जुलाई को प्रति वर्ष पूरे विश्व में मुख एवं गला कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में मुख एवं गला कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने का है। इस अवसर पर संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कैंसर सर्जन डॉ अर्पण चतुर्मोहता एवं डॉ दिवाकर पांडेय ने बताया कि तंबाकू , गुटका , पान मसाला, धूम्रपान आदि के कारण मुंह व गले के कैंसर बढ़ रहे है। अब मुँह व गले के कैंसर के सर्जरी में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होने लगा है। रोबोटिक सर्जरी से डीपएरिया में स्थित ट्यूमर को भी निकाल लिया जाता है एवं फ्रोजऩसेक्शन से आपरेशन थियेटर में ही पता चल जाता है की कैंसर पूर्ण रूप से निकला या नहीं निकला।
मुंह या गले के कैंसर में जब भी ऑपरेशन किया जाता है, तो जीभ, मसूड़े या गाल को निकालने की वजह से चेहरे में डिफेक्ट बनता है। इस हेतु प्लास्टिक सर्जन डॉ सुभाष साहू एवं डॉ गुरपालछाबड़ा ने बताया की ट्यूमर को निकालने के बाद रिकंस्ट्रक्टिव प्रक्रिया एक अहम भूमिका निभाती है। डॉ सुभाष ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी के जरिए त्वचा प्रत्यारोपण जैसी जटिल प्रक्रिया की मदद से मरीजों को अपने रूप और आत्म विश्वास को बरकरार रखने में मदद मिलती है। डॉ. गुरुपाल ने बताया कि यह मरीजों के जीवनशैली की गुणवत्ता को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है।
इम्यूनोथेरेपी एवं कीमोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ अनिकेत ठोके एवं डॉ राकेश मिश्रा ने बताया की मुख एवं गले के कैंसर में इम्यूनोथेरेपी का बहुत अहम योगदान है, और एडवांस्डस्टेज के बड़े हुए कैंसर में भी कैंसर को खत्म करने और काबू करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
रेडिएशन विशेषज्ञ डॉ. सतीषदेवांगन एवं डॉ रमेश कोठारी ने बताया की मुख एवं गले के कैंसर के ट्रीटमेंट में इमेजगाइडेडरेडियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें बिना किसी साइडइफेक्ट के रेडियोथेरेपी किया जाता है जिससे मुह एवं गले के कैंसर मरीजों को राहत मिलती है।
विशेषज्ञों ने बताया की किसी भी कैंसर हॉस्पिटल में बेहतर कैंसर ट्रीटमेंट हेतु मल्टीडिसीप्लीनरी टीम एप्रोच का यह फायदा है की सभी मरीजों को व्यक्तिगत तौर पे सम्पूर्ण कैंसर केयर प्रदान किया जा सकता है।