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शक्तिराज सिंह का व्याख्यान
रायपुर, 28 जुलाई। इन्टरनेशनल माइण्ड व मेमोरी मैनेजमेन्ट ट्रेनर ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह ने बतलाया कि चिन्ता, तनाव, भय, दु:ख और अशान्ति के कारण बीमारियाँ बढ़ रही हैं। खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि मन को अपना दोस्त बना लो।
जब हम तनाव में होते हैं तो इससे हमारी धमनियों में ब्लाकेज होना शुरू हो जाता है। कोलस्ट्रोल बढ़ जाता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा इण्डोर स्टेडियम में जीवन प्रबन्धन कला पर आधारित तीन दिवसीय शिविर के दूसरे दिन ब्रह्माकुमार शक्तिराज भाई ने विचार परिवर्तन से संसार परिर्वन विषय पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने कहा कि हमारे विचारों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अपनी सोच को बदल लो तो जीवन बदल सकता है। उन्होंने बतलाया कि जब जेल में बन्द कैदियों से उन्होंने पूछा कि कैसे आना हुआ तो कैदियों ने उन्हें बतलाया कि माइण्ड में कन्ट्रोल नहीं होने से उनसे अपराध घटित हो गया। अब उसका पछतावा हो रहा है। अगर मन पर नियंत्रण करना जान जाते तो जेल में नहीं आना पड़ता।
उन्होंने कहा कि इन्सान ने कम्प्यूटर को बनाया है। कम्प्यूटर ने इन्सान को नहीं बनाया है। तो सोचो हमारे अन्दर कितनी असीमित शक्तियाँ निहित हैं।
हमारा अवचेतन मन एक जिन्न की तरह है। हम उसे जो भी कमाण्ड देंते हैं वह उसे ज्यों का त्यों स्वीकार कर लेता है। जरूरत अपनी शक्तियों को पहचानने की है। हनुमान जी की तरह हम भी अपनी शक्तियों को भूले हुए हैं।