अंतरराष्ट्रीय
Ibrahim AlAagha
इब्राहिम का परिवार अपने घर में बहुत से रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ रह रहा है.
उनके माता-पिता के घर में फिलहाल 90 लोग रह रहे हैं क्योंकि उनका कहना है कि हमारा परिवार कभी किसी को खाली हाथ नहीं लौटाता.
हालात ये हैं कि सिर्फ़ दो गद्दों पर परिवार के सदस्य अलग-अलग पालियों में सोते हैं. असल में कोई भी आराम नहीं कर पा रहा.
वो कहते हैं, "जगने से सोने तक हम सब सिर्फ़ जीने की कोशिश कर रहे हैं."
इस इलाके में खाने की कमी है. परिवार का हर सदस्य रोज़ बाहर जाता है ताकि अगर कहीं खाना बांटा जा रहा हो तो उन्हें भी मिल सके. इस परिवार के पास पानी और गेहूं है और ये रोटी बना सकते हैं.
लेकिन ये भी सिर्फ़ एक समय का ही खाना पूरा कर सकता है. बच्चों के लिए ये बहुत मुश्किल है. परिवार के 10 बच्चों की उम्र तो पाँच साल से भी कम है.
इब्राहिम कहते हैं, "बच्चे हर वक्त खाना और पानी मांगते हैं, और हम भी उन्हें जितना संभव है उतना देने की कोशिश कर रहे हैं...यहां सबकुछ बहुत सीमित है. ये बहुत ही मुश्किल है. हम बड़े तो फिर भी सह सकते हैं, भूखे रह सकते हैं. लेकिन जब बच्चे खाना मांगते हैं तो हम उन्हें न नहीं कर सकते."
घर में एक गर्भवती महिला और एक बुज़ुर्ग भी हैं.
इब्राहिम कहते हैं कि इन बुज़ुर्ग के पास अब बस कुछ दिन की ही दवाएं बची हैं.
वो कहते हैं, "अगर किसी के साथ कुछ बुरा हो जाता है तो हमारे पास अस्पताल जाने का कोई रास्ता नहीं है...मुझे हर पल इसकी चिंता रहती है." (bbc.com/hindi)