अंतरराष्ट्रीय
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ग़ज़ा के अस्पताल पर हुए हमले के लिए 'नृशंस आतंकवादियों' को ज़िम्मेदार ठहराया है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीनी अधिकारी रियाद मंसूर ने कहा है कि वो झूठ बोल रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की ख़बर के अनुसार, चरमपंथी संगठन हमास 'अल अहली अस्पताल' पर हमले के लिए इसराइल को दोषी ठहरा रहा है जबकि नेतन्याहू इस दावे को ख़ारिज कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीनी अधिकारी रियाद मंसूर ने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए नेतन्याहू को झूठा करार दिया है.
सवाल में मंसूर से पूछा गया था कि नेतन्याहू ये दावा कर रहे हैं कि इंटेलिजेंस की जानकारियों में ये सामने आया है कि इस हमले के लिए 'इस्लामिक जिहाद' ज़िम्मेदार है.
इस पर मंसूर ने कहा, "वो झूठ बोल रहे हैं. उनके डिजिटल प्रवक्ता ने ट्वीट किया था कि इसराइल ने ये हमला ये सोचते हुए किया कि अस्पताल के आसपास हमास का बेस है...इसके बाद वो ट्वीट डिलीट कर दिया गया. हमारे पास उस ट्वीट की कॉपी है. अब उन्होंने फ़लस्तीनियों पर आरोप लगाने के लिए कहानी बदल दी. इसराइली सेना के प्रवक्ता ने एक बयान दिया था जिसमें अस्पताल खाली करने के लिए कहा था...उनका इरादा था कि अस्पताल खाली हो या वो हमला करेंगे. वो इस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं."
ग़ज़ा के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अस्पताल पर इसराइल के हमले में क़रीब 500 लोगों की मौत हुई है.
इसराइल ने इस हमले में खुद की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा है कि ये हमला 'फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद' के रॉकेट का परिणाम है. इस चरमपंथी संगठन ने भी इसकी ज़िम्मेदारी से इनकार किया है. (bbc.com/hindi)