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युद्ध में अल्प विराम के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं इजराइल, बंधकों की रिहाई की शर्त रखी
04-Nov-2023 1:12 PM
युद्ध में अल्प विराम के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं इजराइल, बंधकों की रिहाई की शर्त रखी

तेल अवीव, 4 नवंबर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में और मदद की आपूर्ति संभव बनाने और आम नागरिकों की रक्षा करने के लिए युद्ध को ‘‘मानवीय आधार पर कुछ देर रोकने’’ को लेकर बढ़ते अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और जोर देकर कहा कि जब तक हमास करीब 240 बंधकों को आजाद नहीं कर देता, तब तक कोई अस्थायी संघर्ष विराम नहीं होगा।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन युद्ध शुरू होने के बाद तीसरी बार इजराइल गए। उन्होंने दक्षिणी इजराइल में सात अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए नृशंस हमले के बाद उसे कुचलने की इजराइल की मुहिम के प्रति अपना समर्थन दोहराया। उन्होंने गहराते मानवीय संकट से निपटने के लिए युद्ध कुछ देर के लिए रोकने के अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाडइन के आह्वान को भी दोहराया।

इजराइल की बमबारी और जमीनी हमलों के कारण फलस्तीन में बढ़ती मृतक संख्या और गहराते मानवीय संकट को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अस्पतालों का कहना है कि इजराइली घेराबंदी के कारण दवाओं और ईंधन की कमी के चलते उनकी व्यवस्था ढहने के कगार पर है।

संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को बताया कि गाजा के करीब 15 लाख लोगों या 70 प्रतिशत आबादी को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है।

फिलीस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के गाजा निदेशक थॉमस व्हाइट ने कहा कि गाजा में औसत व्यक्ति इस समय प्रतिदिन दो ब्रेड पर जी रह रहा है, जिनमें से अधिकतर संयुक्त राष्ट्र के भंडार में मौजूद आटे से बने हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल की मांग भी बढ़ रही है।

नेतन्याहू से बातचीत के बाद ब्लिंकन ने कहा कि मदद पहुंचने की गति बढ़ाने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में मदद के लिए युद्ध को कुछ देर रोकने की आवश्यकता है। हमास ने करीब एक महीने पहले इजराइल पर किए हमलों के दौरान लोगों को बंधक बना लिया था।

नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने ब्लिंकन को बताया है कि जब तक बंधकों को रिहा नहीं किया जाता, इजराइल ‘‘पूरी ताकत से आगे बढ़ेगा।’’

अमेरिकी अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि वे संघर्ष विराम की मांग नहीं कर रहे, बल्कि मानवीय सहायता उपलब्ध कराने या अन्य मानवीय गतिविधियों की अनुमति देने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में कुछ देर के युद्ध विराम की मांग कर रहे थे, जिनके बाद इजराइली अभियान फिर से शुरू हो सकते हैं। नेतन्याहू ने इस विचार पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उन्होंने संघर्ष विराम से कई बार इनकार किया है।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ ने शुक्रवार को कहा कि बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए युद्ध में ‘‘कुछ समय का विराम’’ आवश्यक है।

गाजा सिटी पर इजराइली बलों की घेराबंदी और हवाई हमले जारी हैं। ‘अल जजीरा’ टीवी ने बताया कि गाजा सिटी के एक स्कूल में शुक्रवार को किए गए हमले में कई लोग हताहत हुए है।

गाजा में अस्पताल निदेशकों ने कहा कि उत्तरी गाजा में तीन अस्पतालों के प्रवेश द्वार पर उस समय हमले हुए, जब अस्पतालकर्मी घायलों को दक्षिण की ओर ले जाने की कोशिश कर रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने कहा कि गाजा के शिफा अस्पताल के बाहर कम से कम 15 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए। ‘इंडोनेशियन’ अस्पताल के निदेशक ने बताया कि अस्पताल के बाहर हुए हमले में कम से कम 50 अन्य लोग हताहत हुए।

इजराइली सेना ने कहा कि उसके विमान ने शुक्रवार को एक एम्बुलेंस पर हमला किया जिसका इस्तेमाल हमास के लड़ाके हथियार ले जाने के लिए कर रहे थे। इन दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमला शिफा अस्पताल पर हुए हमले से जुड़ा है या नहीं।

लेबनान के उग्रवादी समूह हिजबुल्ला के नेता ने कहा कि सीमा पार लड़ाई ‘‘युद्ध में तब्दील’’हो चुकी है।

हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला ने क्षेत्र में अमेरिका की सैन्य तैनाती का जिक्र करते हुए कहा कि “भूमध्य सागर में आपके बेड़े... हमें नहीं डरा सकेंगे। हिजबुल्ला सभी विकल्पों के लिए तैयार है।”

नसरल्ला ने कहा कि उसकी ताकतवर मिलिशिया सीमा पर इजराइल के साथ अभूतपूर्ण लड़ाई में जुटी हुई है। उसने क्षेत्र में संघर्ष और तेज होने की धमकी भी दी।

भाषण में नसरल्ला ने यह घोषणा नहीं की कि क्या हिजबुल्ला इजराइल-हमास युद्ध में पूरी तरह से शामिल हो रहा है। उसने धमकी दी कि लेबनान-इजराइल सीमा पर लड़ाई अब तक देखे गए स्तर तक "सीमित नहीं" रहेगी।

गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गाजा में अब तक 9,200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो तिहाई महिलाएं एवं नाबालिग हैं।

इस युद्ध में इजराइल के 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर की मौत हमास के शुरुआती हमले में हुई थी। (एपी) 

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