अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाक़ात में अरब मुल्कों के नेताओं ने संघर्ष विराम को लेकर स्पष्ट बात कही तो अम्मान में हुई प्रेस कांफ्रेंस में ब्लिंकन ने कहा कि "अब यथास्थिति की ओर नहीं लौटा जा सकता."
मिस्र और जॉर्डन ने तत्काल संघर्ष विराम पर ज़ोर दिया लेकिन ब्लिंकन ने स्पष्ट किया कि 'अमेरिका इस मांग का समर्थन नहीं करता.'
उन्होंने मानवीय आधार पर कुछ समय के लिए युद्ध को रोके जाने की वकालत की लेकिन साथ ही ये भी कहा कि संघर्ष विराम का हमास फायदा उठा सकता है.
उन्होंने कहा कि इसराइल को आत्मरक्षा करने का हक़ है लेकिन नागरिकों के हताहत होने से बचने के लिए हर संभव उपाय किए जाने चाहिए.
अरब देशों के नेताओं ने सुनाई खरी खरी
अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ अरब देशों के नेताओं की बातचीत में स्पष्ट रूप से तत्काल संघर्ष विराम की बात कही गई है.
मिस्र के विदेश मंत्री सामेह शौकरी ने कहा कि उन्होंने ब्लिंकन को दोहरा मानदंड अपनाने को लेकर चेताया है.
उन्होंने अरब देशों की बिना शर्त तत्काल संघर्ष विराम की बात को दुहराया.
इससे पहले जॉर्डन के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री आयमान सफ़ादी ने कहा कि अमेरिकी विदेश और अरब विदेश मंत्रियों के बीच बहुत ‘ईमानदार, सीधी और विस्तृत’ बातचीत हुई है.
उन्होंने यह भी कहा कि ‘एक ऐसे विनाश को तुरंत रोके जाने पर आपसी इच्छा जताई गई जो पीढ़ियों तक इस इलाक़े को सताएगा.’
सफ़ादी ने कहा कि ‘अमेरिका और अरब देशों में जिन बातों पर सहमति बनी उसमें मानवीय सहायता बहाल करना, नागरिकों की रक्षा करना और अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता के क़ानून का पालन करना शामिल है.’
उन्होंने ये भी कहा कि ‘फ़लस्तीनी लोगों को उनकी ज़मीन से विस्थापित करने को ख़ारिज किए जाने पर भी सहमति बनी है.’
सफ़ादी ने कहा कि ‘सभी अरब देशों ने तत्काल संघर्ष विराम की मांग की है और वे इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते कि इसराइल आत्मरक्षा में कार्रवाई कर रहा है.’
उन्होंने कहा, "नागरिकों की हत्या, उनके अस्पतालों, मस्जिदों को तबाह करने को सही नहीं ठहराया जा सकता है और यह इसराइल की सुरक्षा या इस क्षेत्र में शांति को सुनिश्चित नहीं करेगा."
आज ग़ज़ा से कोई भी विदेशी नागरिक नहीं निकला
फ़लस्तीनी सूत्रों के अनुसार, आज रफ़ाह क्रॉसिंग से ग़ज़ा से कोई भी विदेशी नागरिक या घायल फ़लस्तीनी मिस्र की ओर नहीं जा सका.
बीबीसी अरबी संवाददाता अला रागाई ने कहा कि विदेशी पासपोर्ट वाले सैकड़ों नागरिक बॉर्डर पर गए थे लेकिन गेट नहीं खुला.
सूत्रों के अनुसार, फ़सस्तीनी ओर के सूत्रों ने कहा कि जबतक घायलों की सुरक्षा पर कोई सहमति नहीं बन जाती विदेशी नागरिकों को जाने देने पर अस्पष्टता बनी हुई है.(bbc.com/hindi)