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केन्द्रीय वित्तमंत्री को छग चेम्बर ने भेजे आम बजट सुझाव
11-Jan-2024 2:20 PM
केन्द्रीय वित्तमंत्री को छग चेम्बर ने भेजे आम बजट सुझाव

रायपुर, 11 जनवरी। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चेम्बर ने आम बजट हेतु आयकर संबंधी सुझाव दिया गया।

नगद लेन देन सीमा
 नगर लोन/डिपाजिट लेन-देन की सीमा जो कि वर्तमान में मात्र बीस हजार है उसे दो लाख किया जाना चाहिए। नगद खरीदी-बिक्री की सीमा जो कि वर्तमान मे दस हजार है वह दो लाख तक होनी चाहिए। मशीनरी, दुपहिया वाहन, चार पहिया एवं स्थायी संपत्ति (10 हजार से अधिक) नगद में खरीदने से अब डेप्रिसियेशन नहीं मिलेगा । जबकि इसे पूर्ववत रखना उचित रहेगा।

आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, 2 लाख या अधिक रूपये से अधिक की राशि एक सौदों के बदले एक दिन में 1 अप्रैल 2017 के बाद नगद नहीं ली जा सकती है। इससे व्यापार उद्योग में नगदी प्रवाह मे रोक लगेगी । वेतन आय के स्थिति में 50000/- मानक छूट को बढ़ाकर 200000/- किया जाना चाहिए। 50 प्रतिशत लाभ घोषित किये जाने वालों प्रावधानों में संशोधन करके, 30 प्रतिशत तक सीमा किया जाना चाहिए।

क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने पर लगने वाले स्वैपिंग चार्जेस को पूरी तरह माफ किया जाना चाहिए जिससे कि डिजीटल लेनदेन को बढावा मिले ।

हाउस प्रापर्टी संबंधित
हाऊसिंग लोन मे ब्याज की छूट 2,00,000 रूपये छूट है उसे बढ़ाकर रूपये 4 लाख तक किया जाना चाहिए।  कैपिटल एसेस्टस बेचने पर होने वाले लांग टर्म लाभ को जिस तरह एक रेसिडेन्सियल हाऊस (घर) खरीदने पर समायोजन मिलता है, उसी प्रकार नये उद्योगों व विस्तार के लिए प्लंाट व मशीनरी खरीदने मे इन्वेस्ट करने पर समायोजन का लाभ मिलना चाहिए।
बिल्डर के लिए काल्पनिक किराये पर 12 माह के बाद टैक्स लगाना उचित नहीं है।

टी.डी.एस.
टी.डी.एस. काटने के लिए बैंक के ब्याज मे 40,000/50,000 रूपये तक तथा अन्य ब्याज पर 5,000 रूपये तक के ब्याज की छूट है इस लिमिट को बढाकर 1,00,000 रूपये कर दिया जाना न्यायसंगत होगा। इसमे बचत खाते के साथ ही एफ. डी. आर. खातों के ब्याज को भी सम्मिलित करना उचित होगा।
जिसमें टी.डी.एस. के रिर्टन विलंब से प्रस्तुत किये जाने पर जो शुल्क (200 रूपये प्रतिदिन) विभाग द्वारा लिया जाता है उसे समाप्त किया जाना चाहिए ।

आयकर रिटर्न
2024-25 के लिए इनकम टैक्स स्लेब निम्न प्रकार से होना चाहिए जिससे देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति दी जा सकती हैं। पार्टनरशिप फर्म में आयकर की दर जो वर्तमान मे 30 प्रतिशत एवं कंपनी में 22 प्रतिशत है उसे घटाकर 20 प्रतिशत की जानी चाहिए ।

जिन व्यापारियों की स्क्रूटनी लगातार 3 वर्षो तक हुई हो उसे अगले वर्ष की स्क्रूटनी से मुक्त रखा जावे, वर्तमान मे ऐसे कई व्यापारी है जिनकी स्क्रूटनी लगातार 10 वर्षो से हो रही है। 15 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की जानी चाहिए। केपिटल गेन की गणना वास्तविक मूल्य पर होनी चहिए न कि स्टाम्प वेल्यू पर । 
प्रत्येक शहर में हालमार्किग सेन्टर खोली जाएं ताकि कारोबारियों को सुविधा मिले। 

वायदा बाजार:- कृषि जिन्सो पर वायदा शीघ्र बंद हों। खुदरा व्यापार को बढ़ावा देन। खुदरा व्यापार स्वरोजगार का सबसे बडा साधन है,  लगभग साढे तीन करोड भारतीयों को खुदरा व्यापार रोजगार देता है।
 

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