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टिकटॉक के अनुसार नारंगी बिल्लियाँ ‘बुद्धू’ होती हैं, यह कितना सच है?
15-Jan-2024 4:27 PM
टिकटॉक के अनुसार नारंगी बिल्लियाँ ‘बुद्धू’ होती हैं, यह कितना सच है?

एडिलेड, 15 जनवरी  यदि आपने हाल ही में सोशल मीडिया पर बिल्ली के वीडियो देखे हैं, तो आपको शायद यह विचार आया होगा कि बिल्ली के बालों का रंग हमें उनके विशिष्ट गुणों के बारे में कुछ बताता है।

माना जाता है कि नारंगी बिल्लियाँ ‘‘बुद्धू’’ होती हैं, जो हमेशा बिस्तर से गिरती रहती हैं या अजीब जगहों पर फंस जाती हैं।

कछुए के खोल जैसे रंग की बिल्लियों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वह धुन की पक्की होती हैं। अगर सोशल मीडिया पर विश्वास किया जाए तो काली बिल्लियाँ ‘‘अधिक चालाक’’ होती हैं।

यह विचार कि बिल्ली का गुण उसके रंग से जुड़ा है, नया नहीं है। 2012 में बिल्लियों के प्रति मानवीय धारणाओं के एक अध्ययन में बताया गया कि लोग आमतौर पर मानते हैं कि जिंजर बिल्लियाँ मिलनसार होती हैं, जबकि कछुए जैसे रंग वाली बिल्लियों को अलग-थलग और लापरवाह माना जाता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह बिल्लियों के वास्तविक व्यवहार की बजाय सिर्फ लोगों के विश्वास पर आधारित है। तो शोध वास्तव में क्या कहता है?

बिल्ली के बारे में सर्वेक्षण लोगों द्वारा भरे जाते हैं

शोध से पता चलता है कि इनसानों की तरह बिल्लियों में भी कुछ खास गुण होते हैं। एक अध्ययन में बिल्लियों के पांच प्रमुख लक्षण प्रस्तावित किए गए हैं: विक्षिप्तता, बहिर्मुखता, प्रभुत्व, आवेग और सहमति।

शोधकर्ताओं ने बिल्लियों में ‘‘विक्षिप्तता’’ को चिंतित, असुरक्षित, लोगों से डरने और तनावग्रस्त होने से जोड़ा है। विक्षिप्तता की कम प्रवृत्ति वाली बिल्लियाँ स्थिर, भरोसेमंद, शांत और आत्मविश्वासी होने से जुड़ी थीं।

आवेगी के रूप में वर्गीकृत बिल्लियों को अनियमित, लापरवाह और विचलित होने वाला माना गया है, जबकि कम आवेग वाली बिल्लियों को पूर्वानुमानित और विवश माना गया।

आपको इन अध्ययनों से यह समझ में आ सकता है कि ये ऐसे शब्द नहीं हैं जिन्हें बिल्लियाँ अपने लिए चुनेंगी, और आप के विचार को सही साबित कर देंगी।

बिल्ली के गुणों पर सर्वेक्षण इनसानों द्वारा ही भरे जाते हैं। इस प्रकार, परिणाम मानवीय दृष्टिकोण, अनुमान और पूर्वाग्रहों से प्रभावित होते हैं।

दरअसल, बिल्लियों में गुणों को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधियों की समीक्षा से यह निष्कर्ष निकला कि उनके बालों के रंग के कारण गुणों में अंतर की रिपोर्ट करने वाले अध्ययन उसके पालक के पूर्वाग्रह से प्रभावित होने की संभावना है।

नस्ल से जुड़े गुण

जब बिल्ली के गुणों की बात आती है तो रंग के बजाय उसकी संभावित नस्ल अधिक महत्वपूर्ण होती है।

एक अध्ययन में पाया गया कि ब्रिटिश शॉर्टहेयर बिल्लियाँ मानव संपर्क की तलाश करने की सबसे कम संभावना रखती थीं, जबकि कोराट और डेवोन रेक्स बिल्लियाँ इसकी सबसे अधिक संभावना रखती थीं।

हालाँकि, एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि नस्लों के भीतर पर्याप्त भिन्नता मौजूद है, जिससे पता चलता है कि बिल्ली की नस्ल पूरी तरह से उसके विशिष्ट गुणों की व्याख्या नहीं कर सकती है।

ये दोनों अध्ययन एक बार फिर सर्वेक्षण-आधारित थे और इसलिए, फिर से, मानवीय पूर्वाग्रह परिणामों को प्रभावित कर रहा है।

यह रंग या नस्ल नहीं है तो फिर और क्या है?

आनुवंशिकी व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाला एकमात्र कारक नहीं है। पर्यावरण और किसी जानवर को कैसे पाला जाता है इसका भी उसके गुणों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।

यदि बिल्ली के बच्चे लगभग नौ सप्ताह की उम्र तक लोगों के साथ मेलजोल नहीं रखते हैं, तो उनके मनुष्यों और अन्य जानवरों के प्रति डरपोक और शर्मीले होने की संभावना अधिक होती है।

चाहे आपकी बिल्ली हाथ से पाली गई हो, ब्रीडर से खरीदी गई हो या किसी बक्से में पाई गई हो, वे संभवतः अपनी मां के साथ बिताए गए समय के आधार पर अलग-अलग व्यवहार करेंगी।

वास्तव में, मनुष्य विशेष व्यवहार संबंधी लक्षणों को कुछ निश्चित अर्थ देने की प्रवृत्ति रखते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि कोई बिल्ली डरपोक है, तो उसे बुद्धिमत्ता की कमी के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि वह अपने वातावरण के साथ उस तरह से घुलने-मिलने की कम संभावना रखती है, जिसे हम ‘‘चुस्त चौकन्ने’’ के रूप में पहचानते हैं।

दूसरी ओर, अपने वातावरण में सहज महसूस करने वाली आश्वस्त बिल्लियाँ ‘‘बूद्धू’’ लग सकती हैं, क्योंकि वे लापरवाह तरीके से कार्य करती हैं जो इनसान की नजरों में ‘‘बेवकूफ’’ के रूप में दर्ज होती हैं।

किसी किताब को उसके आवरण से या किसी बिल्ली को उसके रंग से मत आंकिए।

जबकि बिल्ली के रंग के साथ व्यक्तित्व को जोड़ने वाले मजाकिया सोशल मीडिया वीडियो हानिरहित हो सकते हैं, लेकिन वे जो पूर्वाग्रह पैदा करते हैं, उसके अधिक हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, काली बिल्लियों को अन्य रंग की बिल्लियों की तुलना में किसी आश्रयस्थल द्वारा अपनाने की उम्मीद कम होती है इसलिए उनके मरने का खतरा अधिक होता है।

काले जानवरों की तस्वीर खींचना अधिक कठिन होता है, जिसका अर्थ है कि वे गोद लेने की तस्वीरों में उतने आकर्षक नहीं दिख सकते। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि काली बिल्लियाँ दुर्भाग्य का प्रतीक हैं, या जादू टोना या बुराई से जुड़ी हैं।

काली बिल्लियों के कम मिलनसार होने की रूढ़िवादिता गहरे रंग के बालों पर चेहरे के भावों को पढ़ने में कठिन होने से भी उत्पन्न हो सकती है।

इससे पहले कि आप इसे अटकलों के रूप में खारिज करें, एक अध्ययन ने विभिन्न रंगों की बिल्लियों की तस्वीरों का उपयोग करके काली बिल्लियों के प्रति मानव पूर्वाग्रह की पुष्टि की है।

हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि लोग बिल्लियों के बारे में उनके रंग के आधार पर निर्णय लेते हैं। हम मानव बालों के रंग के आधार पर भी निर्णय लेते हैं - उदाहरण के लिए, भूरे बालों वालों को मूर्ख या लाल बालों वालों को उग्र मानने की धारणा है।

और मानवीय रूढ़िवादिता की तरह, हमारी बिल्लियों को मनमाने वर्गों में रखना किसी के लिए उपयोगी नहीं है।

इसके बजाय, अपनी बिल्ली और किसी भी बिल्ली के बारे में ऐसे सोचना सबसे अच्छा है, जैसे कि वे अपने आप में विशिष्ट हैं।

बिल्लियाँ अपने रंग से कहीं अधिक हैं। लोग और बिल्लियाँ घनिष्ठ भावनात्मक बंधन बनाते हैं।

किसी के सुबह उठने का कारण बिल्ली हो सकती है। बिल्लियाँ अत्यधिक वफादार, अटूट साथी, मित्र और परिवार भी हो सकती हैं।

आइए उनके जटिल, अद्भुत गुणों को केवल एक रंग या प्रकार तक सीमित न रखें। (द कन्वरसेशन)

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