अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एक बार फिर से रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए मैदान में हैं. इसकी शुरुआत भी उनके हक़ में हुई है.
डोनल्ड ट्रंप ने आयोवा से कॉकस जीत लिया है.
कॉकस का आयोजन स्कूल जिम, टाउन हॉल समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होता है. कॉकस एक तरह की स्थानीय बैठक है. इनका आयोजन दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियां करती हैं. आयोजन में होने वाले खर्च भी यही वहन करती हैं. बैठक में रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और राष्ट्रपति उम्मीदवारों के चयन को लेकर समर्थन देने पर बात करते हैं.
डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को डेलिगेट्स हासिल करने के लिए कुल आए लोगों का ख़ास फ़ीसदी समर्थन पाना ज़रूरी है. कॉकस में हिस्सा लेने वाले लोग तकनीकी रूप से राष्ट्रपति प्रत्याशी नहीं चुनते हैं बल्कि वे डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं. ये डेलिगेट्स फिर कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं.
डेलिगेट्स नेशनल कन्वेंशन के लिए राज्य से और कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट कन्वेंशन से चुने जाते हैं. अयोवा जैसे राज्य में हर दूसरे साल पर कॉकस का आयोजन होता है. हालांकि ज़्यादातर राज्य में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्राइमरी का आयोजन होता है.
अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति का चुनाव है. इस बार अयोवा का कॉकस में महज़ 30 मिनट के भीतर ही डोनाल्ड ट्रंप ने जीत लिया.
इस रेस में नंबर पर दो पर कौन सा रिपब्लिकन नेता होगा, इस पर सबकी निगाहें हैं.
इस दौड़ में भारतीय मूल के रिपब्लिकन विवेक रामास्वामी 21 वोटों के साथ सबसे पीछे हैं. अब तक दूसरे और तीसरे नंबर पर रिपब्लिकन नेता रॉन डिसेंटस और निकी हेली हैं.
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक़- ट्रंप को 85, डिसेंटस को 79, हेली को 64 और रामास्वामी को 21 लोगों का समर्थन मिला है.
ट्रंप की आयोवा से जीत पर ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ ग्रुप ने बयान जारी कर कहा, “अयोवा के लोगों ने साफ़ संदेश दे दिया है कि वो डोनाल्ड ट्रंप को रिपलब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार चाहते हैं.” (bbc.com/hindi)