अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों ने एक जहाज़ पर मिसाइल दागी. इस हमले में जहाज़ पर सवार सभी लोग सुरक्षित हैं.
ब्रिटेन की मैरिटाइम सिक्योरिटी फ़र्म एंब्रे ने कहा कि ये मिसाइल हमला अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से हूतियों पर की गई कार्रवाई के जवाब में किया गया.
ईगल बल्क नाम की अमेरिकी शिपिंग कंपनी ने भी पुष्टि कर दी है कि यमन के तट के पास उनके जहाज़ पर हमला हुआ है. कंपनी ने कहा, "जिब्राल्टर (जहाज़) पर एक अज्ञात चीज़ से हमला हुआ."
कंपनी ने कहा कि इस जहाज़ में स्टील के उत्पाद थे और इसे सीमित नुकसान पहुंचा है, लेकिन अब ये जहाज़ इलाके से बाहर की ओर जा रहा है. हमले में कोई घायल नहीं हुआ है.
ईरान समर्थित हूती बीते साल नवंबर से ही लाल सागर से होकर जाने वाले जहाज़ों पर हमला कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे इसराइल से जुड़े जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं. हालांकि, वास्तविकता ये है कि कई जहाज़ों का इसराइल से कुछ लेना-देना नहीं है.
यूनाइटेड स्टेट्स कमांड फॉर द मिडिल ईस्ट (सेंटकॉम) का कहना है कि अमेरिका के जहाज़ पर हूतियों ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है. सेंटकॉम ने कहा कि जहाज़ को हमले से कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है और वह अपना सफ़र जारी रखे हुए है.
दूसरी ओर, यमन में हूतियों के ख़िलाफ़ हमले को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने संसद में बयान दिया है.
उन्होंने बताया कि 16 नवंबर के बाद से अब तक हूतियों ने लाल सागर में 25 "अवैध" और "अस्वीकार्य" हमले किए हैं.
पीएम सुनक ने कहा कि 9 जनवरी को हुआ हमला दशकों बाद रॉयल नेवी पर हुआ सबसे बड़ा अटैक था.
सुनक ने कहा कि अभी तक हूतियों के 13 ड्रोन और मिसाइल लॉन्च साइट्स को ध्वस्त कर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि अभी तक आम लोगों के जान-माल के नुकसान के बारे में कोई सबूत नहीं मिला है.
सुनक ने कहा कि हूतियों के हमले यमन में भी 'गंभीर मानवीय परिस्थितियां' पैदा होने का जोखिम बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि यमन के हज़ारों-लाखों लोगों के लिए खाद्य सहायता लाल सागर के रास्ते से ही पहुंचती है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अपने कहे को करने के लिए तैयार है.
सुनक ने कहा कि ये हूतियों पर निर्भर करता है कि अब वे इसे आगे न बढ़ाएं. (bbc.com/hindi)