अंतरराष्ट्रीय
विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से अपनी दावेदारी का कैंपेन वापस ले लिया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर के अनुसार, 38 साल के बिजनसमैन रामास्वामी ने अपने शुरुआती कैंपेन के समय खूब सुर्खियां बटोरी थीं. लेकिन सोमवार को आयोवा कॉकस में सबसे कम वोट पाने के बाद उन्होंने अपना कैंपेन वापस लेने की घोषणा की है और कहा है कि वो डोनल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए समर्थन करेंगे.
सोमवार की रात कॉकस के नतीजे आने बाद उन्होंने कहा- “हमें वो नहीं मिला जो हम आज पाना चाहते थे.”
डोनल्ड ट्रंप ने आयोवा से कॉकस जीत लिया है. वहीं रॉन डिसेंटस दूसरे नंबर पर हैं.
कॉकस का आयोजन स्कूल जिम, टाउन हॉल समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होता है. कॉकस एक तरह की स्थानीय बैठक है. इनका आयोजन दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियां करती हैं. आयोजन में होने वाले खर्च भी यही वहन करती हैं. बैठक में रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और राष्ट्रपति उम्मीदवारों के चयन को लेकर समर्थन देने पर बात करते हैं.
डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को डेलिगेट्स हासिल करने के लिए कुल आए लोगों का ख़ास फ़ीसदी समर्थन पाना ज़रूरी है. कॉकस में हिस्सा लेने वाले लोग तकनीकी रूप से राष्ट्रपति प्रत्याशी नहीं चुनते हैं बल्कि वे डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं. ये डेलिगेट्स फिर कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं.
डेलिगेट्स नेशनल कन्वेंशन के लिए राज्य से और कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट कन्वेंशन से चुने जाते हैं. अयोवा जैसे राज्य में हर दूसरे साल पर कॉकस का आयोजन होता है. हालांकि ज़्यादातर राज्य में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्राइमरी का आयोजन होता है.
अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति का चुनाव है. (bbc.com/hindi)