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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मलेशिया में चीन के साथ भारत के रिश्तों पर अहम बयान दिया है.
उन्होंने कहा, "हर देश अपने पड़ोसी के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है. लेकिन हर रिश्ते का एक आधार होता है. चीन के साथ हमारे रिश्ते कई वजहों से ख़राब हैं. इसमें हमारे बीच सीमा से जुड़ा विवाद भी शामिल है. लेकिन इसके बावजूद कई सालों में हमने एक मजबूत रिश्ता कायम किया है."
"क्योंकि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि जब तक हम ये सीमा से जुड़े विवाद सुलझाते हैं तब तक हम सीमाओं पर भारी मात्रा में सैनिकों का जमावड़ा नहीं करेंगे. अस्सी के दशक में बनना शुरू हुई ये सहमति कई समझौतों में नज़र आई. इन समझौतों ने आपसी रिश्तों को स्थिरता प्रदान की. इसके आधार पर दूसरे क्षेत्रों में रिश्ते आगे बढ़े. व्यापार, निवेश और पर्यटन से लेकर दोनों तरफ के लोगों का आना जाना हुआ."
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से कुछ वजहों से जिनके बारे में अब तक नहीं पता है ये समझौते 2020 में तोड़ दिए गए. और सीमा पर हिंसा और खूनखराबा हुआ. ये सवाल इस बात का नहीं है कि आप चीन सीमा पर जो ख़र्च कर रहे हैं, उसे भारतीयों पर ख़र्च करना बेहतर होगा. भारतीय जनता के प्रति मेरा पहला कर्तव्य सीमाओं को सुरक्षित करना है. मैं उस पर कभी समझौता नहीं कर सकता." (bbc.com/hindi)