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ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में चार और लोगों को गिरफ्तार किया
17-Apr-2024 1:28 PM
ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में चार और लोगों को गिरफ्तार किया

रांची, 17 अप्रैल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य के खिलाफ कथित अवैध जमीन हड़पने से जुड़े धनशोधन मामले में चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान अंतु तिर्की, प्रिय रंजन सहाय, बिपिन सिंह और इरशाद के रूप में हुई है।

ईडी ने मंगलवार को यहां तिर्की और कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी और उनसे पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया।

तिर्की कथित तौर पर सोरेन से जुड़ा हुआ है जबकि सिंह एक रियल एस्टेट व्यवसायी है। ईडी द्वारा इस मामले में दायर किये गये आरोपपत्र के अनुसार सहाय ने अन्य के साथ मिलकर इस जमीन से संबंधित दस्तावेजों में भी फर्जीवाड़ा किया है।

ईडी द्वारा चार और लोगों को गिरफ्तार किये जाने के बाद इस मामले में अब तक कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

ईडी ने जनवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद सोरेन (48) को गिरफ्तार कर लिया था।

वह फिलहाल रांची के होटवार में स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी व राजस्व विभाग के पूर्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, मोहम्मद सद्दाम हुसैन और अफसर अली को भी गिरफ्तार किया गया है।

रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित मामले में सोरेन के खिलाफ जांच की जा रही है। ईडी ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अवैध रूप से यह जमीन हासिल की थी।

सोरेन ने मंगलवार को रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।

एजेंसी ने 30 मार्च को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष प्रसाद, हेमंत सोरेन, उनके सहयोगियों राज कुमार पाहन और हिलरिया कछप तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बिनोद सिंह के कथित सहयोगी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

ईडी ने रांची में स्थित जमीन भी कुर्क कर ली है और अदालत से भूखंड को जब्त करने का अनुरोध किया है।

झारखंड पुलिस द्वारा राज्य सरकार के अधिकारियों समेत कई लोगों के खिलाफ जमीन घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इस मामले में धनशोधन की जांच शुरू की गई थी।

ईडी ने एक बयान जारी कर बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी भानु प्रताप प्रसाद है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोरेन सहित कई लोगों को गैर कानूनी गतिविधियों में मदद कर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है।

उन्होंने यह भी दावा किया, ''झारखंड में भू-माफियाओं का एक गिरोह सक्रिय है जो रांची में भूमि रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता था।'' (भाषा) 

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