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भारत के ‘मूक गांव’ की तीन मूक-बधिर बहनें पहली बार मतदान को उत्सुक, दूसरों के लिए बन रहीं मिसाल
19-Apr-2024 9:44 AM
भारत के ‘मूक गांव’ की तीन मूक-बधिर बहनें पहली बार मतदान को उत्सुक, दूसरों के लिए बन रहीं मिसाल

गंदोह (जम्मू-कश्मीर), 18 अप्रैल। भारत के ‘मूक गांव’ के नाम से मशहूर और जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के गंदोह इलाके में स्थित दधकाई गांव की तीन मूक-बधिर बहनें पहली बार वोट डालने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। वे अन्य ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित भी कर रही हैं।

डोडा उधमपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां पहले चरण में शुक्रवार (19 अप्रैल) को मतदान होगा। इस सीट से केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार जितेंद्र सिंह, कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह सहित 12 उम्मीदवार मैदान में हैं।

भद्रवाह शहर से 105 किलोमीटर दूर पहाड़ी की चोटी पर स्थित आदिवासी बहुल दधकाई गांव में 105 परिवार रहते हैं। इनमें से 55 परिवारों में रहस्यमय तरीके से कम से कम एक व्यक्ति ऐसा है जो न तो बोल सकता है और न ही सुन सकता है। गांव में ऐसे 84 लोग हैं जो मूक-बधिर हैं और इनमें 43 महिलाएं एवं 10 साल से कम उम्र के 14 बच्चे शामिल हैं।

तीनों बहनें- जिनकी उम्र 20 से 24 वर्ष के बीच है- मतदाता सूची में अपना नाम शामिल होने के बाद मतदान में भाग लेने को लेकर उत्साहित हैं।

रेहम अली की बेटियां- रेशमा बानो (24), परवीन कौसर (22) और सायरा खातून (20) पहली बार मतदान के लिए उत्साहित हैं और वे अपने पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

गांव के पूर्व पंच मोहम्मद रफीक ने कहा कि पूरे गांव को युवा मतदाताओं पर गर्व है, खासकर इन लड़कियों पर, जो हर घर में चर्चा का विषय बन गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें गांव में 100 फीसदी मतदान की उम्मीद है।’’ (भाषा)

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