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पीएफआई पर प्रतिबंध का कभी विरोध नहीं किया बल्कि भाजपा ने उसके साथ चुनाव लड़ा: दिग्विजय सिंह
27-Apr-2024 8:19 PM
पीएफआई पर प्रतिबंध का कभी विरोध नहीं किया बल्कि भाजपा ने उसके साथ चुनाव लड़ा: दिग्विजय सिंह

भोपाल, 27 अप्रैल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस आरोप को खारिज किया कि उन्होंने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) पर प्रतिबंध का विरोध किया था।

सिंह ने साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पीएफआई की राजनीतिक इकाई के साथ गठबंधन में कर्नाटक में चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।

मध्य प्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सिंह ने ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के संबंध में शाह के आरोप पर भी पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने (सिंह ने) मप्र के मुख्यमंत्री रहते हुए इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था।

शुक्रवार को राजगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत खिलचीपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने सिंह पर पीएफआई पर प्रतिबंध और संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की मौत की सजा का विरोध करने के अलावा ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

सिंह ने कहा कि शाह ने 17 बार उनका नाम लिया और आठ बार उनके बारे में झूठ बोला।

सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा कि शाह ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनकी सलाह पर अपनी पार्टी के घोषणापत्र में मुसलमानों के लिए व्यक्तिगत ऋण को शामिल किया है, लेकिन तथ्य यह है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम व्यक्तिगत ऋण का कोई जिक्र नहीं है।

सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी ‘‘भगवा आतंकवाद’’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है, जैसा कि शाह ने दावा किया है।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्होंने कभी भी अफजल गुरू की फांसी का विरोध नहीं किया इसके विपरीत उन्होंने गुरू को जल्द से जल्द फांसी देने का समर्थन किया था।

सिंह ने कहा,‘‘ अमित शाह ने झूठ बोला कि दिग्विजय सिंह ने पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध किया था।’’ उन्होंने भाजपा पर इस्लामिक चरमपंथी संगठन के साथ गठबंधन में कर्नाटक में स्थानीय चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।

सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध नहीं किया और दावा किया कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिमी पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले व्यक्ति थे।

सिंह ने 1984 और 1991 में राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उनका गृहनगर राघौगढ़ इस संसदीय सीट के अंतर्गत आता है, जहां सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा।

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सिंह ने कहा कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की थी और कभी भी टीकाकरण का विरोध नहीं किया जैसा कि शाह ने आरोप लगाया है।

एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस नेता ने शाह की राजनीति से विदाई संबंधी टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा था,‘‘ समय आ गया है कि उन्हें राजनीति से स्थायी विदाई दी जाए...आशिक का जनाज़ा है, ज़रा धूम से निकले। उन्हें भारी मतों से हरा कर घर बैठायें।’’

सिंह ने दावा किया कि शाह ने लोगों से उनका ‘‘जनाजा’’ निकालने के लिए कहा।

सिंह ने कहा,‘‘ यानी भाजपा नेता मेरा जनाजा निकालना चाहते हैं! क्यों? क्योंकि मुझे आप सभी की परवाह है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘मैं चाहता तो चुनाव लड़ने से इनकार कर देता लेकिन मेरे गृह क्षेत्र के लोगों की उपेक्षा ने मुझे यह चुनाव लड़ने के लिए मजबूर कर दिया।’’

उन्होंने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक लोगों के लिए लड़ते रहेंगे।

भाजपा ने राजगढ़ सीट से मौजूदा सांसद रोडमल नागर को फिर से उम्मीदवार बनाया है।

सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव भोपाल से लड़ा था जहां भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उन्हें लगभग 3.65 लाख वोटों से हराया था। (भाषा)

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