विचार / लेख
-सिद्धार्थ ताबिश
एक बात ध्यान से समझ लीजिये कि आपको सिर्फ लगता है कि तमाम सांसारिक सुख आपको अपने किसी ईष्ट, ख़ुदा या देवता की पूजा या इबादत करने से मिल जाते हैं तो ये उतना ही झूठ है जितना सूरज का बर्फ जितना ठंडा होना।
कभी किसी को इस दुनिया में कोई भी सांसारिक सुख किसी की पूजा-अर्चना और इबादत से नहीं मिले हैं और न मिलेंगे। बिल गेट्स आपके किसी देवता और अल्लाह की इबादत नहीं करता है और उसे सब मिल। आपसे कहीं ज्यादा मिला। जुकरबर्ग से लेकर एलोन मस्क तक, किसी ने सांसारिक सुख के लिए किसी की आराधना नहीं की। और वो सब हम और आपसे कहीं ज्यादा पाए, कहीं ज्यादा रचनात्मक बने और कहीं ज्यादा इस पृथ्वी पर योगदान दिया। दुनिया के तमाम नास्तिक, कांवड़ ले जाने वालों और दरगाह में लोट लगाने वालों से कहीं ज्यादा सुखी और संपन्न हंै।
इस दौर में आप मिस्र वासियों की तरह हर मौसम और हर तरह की आपदा के लिए देवताओं और ख़ुदाओं से डरते रहेंगे और उनसे मदद मांगते रहेंगे तो फिर इस दौर में आपके पैदा होने का क्या औचित्य है?
आप हाथ में जो मोबाइल लेकर टहलते हैं, उसमें बिना तार के आप किसी से भी कहीं भी बैठकर बात कर सकते हैं, उसे देख सकते हैं और उसकी आवाज सुन सकते हैं। प्राचीन मिस्र के लोगों को आप बस मोबाइल ही दिखा देंगे तो वो उसे किसी देवता का चमत्कार मानेंगे और मोबाइल के आगे नतमस्तक हो जायेंगे। मगर आप आज मोबाइल हाथ में लेकर घूमते हैं इसलिए आपको ये कोई अजूबा नहीं लगता है। उस दौर के किसी भी पैगंबर और देवदूत को अगर आप आज मोबाइल, कार, हवाई जहाज दिखा दें तो वो डर के भाग जाएगा। यकीन मानिए वो ऐसा भागेगा और डर जाएगा कि आप हँसेंगे उसे देखकर।
कोई भी पशु-पक्षी किसी भी देवता और ख़ुदा की आराधना नहीं करता है। उसका जीवन बिना किसी भक्ति के प्रकृति के साथ एकरूप होकर चलता है। वो किसी से कुछ भी नहीं माँगता है और लाखों करोड़ों साल से उसका अस्तित्व इस पृथ्वी पर है।
कोई धर्म जो तुम्हें मंगता और भिखारी बनाता है, अपने ईष्ट के सामने गिड़गिड़ाने को बोलता है तो वो धर्म नहीं, किसी दूसरे व्यक्ति का बनाया जाल है जिसमें वो आपको फंसाकर अपनी नस्लों के लिए एक स्थायी व्यापार बना कर चला गया है।। गिड़गिड़ाना और मांगना धर्म का हिस्सा कभी नहीं रहा है।। ये व्यापार का हिस्सा है और आप चतुर व्यापारियों के बनाए नियम को धर्म समझते हैं।