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इस बार पीईटी-पीपीटी और पीएटी नहीं?
08-Jul-2020 1:59 PM
इस बार पीईटी-पीपीटी और पीएटी नहीं?

12वीं के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है-व्यापमं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 जुलाई।
प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 19 हजार सीटें हैं, और प्रवेश परीक्षा के लिए 17 हजार आवेदन आए हैं। ऐसे में व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने सरकार को चिट्ठी लिखी है कि चाहे तो पीईटी के बिना बारहवीं के अंक के आधार पर एडमिशन दिया जा सकता है। मंडल ने यह भी कहा है कि व्यापमं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों को ध्यान में रखकर पीईटी और अन्य प्रवेश परीक्षा कराने के लिए तैयार है। बावजूद इसके किसी केन्द्र कोरोना संक्रमण के प्रकरण आते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी व्यापमं की नहीं होगी। 

कोरोना के फैलाव को देखते हुए केन्द्र सरकार के निर्देश पर स्कूल-कॉलेज 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। चूंकि देशभर में  कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है। ऐसे में 31 तारीख के बाद भी शिक्षण संस्थाएं खुल पाएंगी, इसकी उम्मीद कम ही दिख रही है। दूसरी तरफ, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए पीईटी, पीपीटी और पीएटी की परीक्षाएं होती हैं। मगर कोरोना फैलाव के चलते छत्तीसगढ़ में प्रवेश परीक्षा के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 

बताया गया कि प्रदेश के तीन सरकारी के साथ-साथ निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में पीईटी के जरिए प्रवेश दिया जाता है। प्रदेश के कॉलेजों में कुल 19 हजार सीटें हैं। इसके लिए 17 हजार ही आवेदन आए हैं। वैसे तो व्यापमं ने पीईटी और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी कर रखी है। ऑनलाईन प्रवेश परीक्षा का विकल्प भी है। व्यापमं के चेयरमैन डॉ. आलोक शुक्ला ने राज्य शासन को चिट्ठी लिखी है जिसमें   कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बारहवीं के प्राप्तांक  के आधार पर इंजीनियरिंग-कृषि और नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश दिया जा सकता है।
 
डॉ. शुक्ला ने यह भी कहा कि परीक्षा कराने के लिए भी व्यापमं तैयार है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की सारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। बावजूद इसके किसी केन्द्र में कोरोना संक्रमण होने की दशा में व्यापमं की जिम्मेदारी नहीं होगी। सूत्र बताते हैं कि तकनीकी शिक्षा विभाग जल्द ही इसको लेकर कोई फैसला लेगा। तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव खुद डॉ. शुक्ला है। वे विभागीय मंत्री के समक्ष विधिवत प्रस्ताव रखेंगे और इसको लेकर कैबिनेट में फैसला हो सकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य बनने के बाद पहले साल सिर्फ बारहवीं के अंक के आधार पर प्रवेश दिया गया था। कुछ इसी तरह की स्थिति इस बार भी बन सकती है। 

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