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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अगस्त। निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका रायपुर से दायर की जा चुकी है, एक अन्य याचिका बिलासपुर से भी दायर की जा रही है।
रायपुर की एक पूर्व बैंकर प्रीति उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। हाईकोर्ट ने ट्यूशन फीस लेने के लिये जो आदेश जारी किया था, उसी आदेश के बहाने पालकों को गुमराह किया जा रहा है। उपाध्याय के दो बच्चे निजी स्कूल में अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा है कि स्कूल में आठ घंटे पढ़ाई होती है जबकि मोबाइल पर यही कोर्स डेढ़ घंटे में पूरा कराया जा रहा है।
छात्रों को असेम्बली, कम्प्यूटर क्लास, लेबोरेट्री, स्पोर्ट्स जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है जो ट्यूशन फीस में शामिल होता है। स्कूलों को नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर चलाया जाना है फिर वे किस बुनियाद पर 100 प्रतिशत फीस वसूल रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि केवल स्कूल ही नहीं पालक भी कोरोना महामारी के चलते आर्थिक संकट से घिरे हैं पर स्कूल प्रबंधक लाभदायी उद्योग की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
बिलासपुर में पालकों के संगठन के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि सीबीएसई द्वारा सन् 2016 से ही गाइडलाइन है कि ट्यूशन फीस व अन्य फीस अनुमोदित कराने के बाद ही प्रबंधन उसे छात्रों से ले सकता है। इसके बावजूद ज्यादातर स्कूलों ने मनमाने ढंग से फीस में वृद्धि की है। ऐसा करने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने का भी प्रावधान है। ट्यूशन फीस पर हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपील की जा रही है।