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खलीलजाद तालिबान के साथ युद्धविराम में चाह रहे पाक की मदद
15-Sep-2020 7:28 PM
खलीलजाद तालिबान के साथ युद्धविराम में चाह रहे पाक की मदद

इस्लामाबाद, 15 सितंबर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान सुलह के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मे खलीलजाद ने सोमवार को पाकिस्तानी सैन्य और असैन्य नेतृत्व के साथ महत्वपूर्ण बैठकें करने के लिए पाकिस्तान की एक दिवसीय यात्रा की, जिससे अफगान शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

अपने इस्लामाबाद प्रवास के दौरान, खलीलजाद ने रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की। खलीलजाद ने अफगान शांति के लिए पाकिस्तान की ओर से 'ईमानदारी और बिना शर्त समर्थन' की सराहना की। उन्होंने कहा कि शांति प्रक्रिया इस्लामाबाद के समर्थन के बिना संभव नहीं होगी।

खलीलजाद के साथ अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी था। बैठक में अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि, राजदूत मोहम्मद सादिक भी मौजूद रहे।

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख के हवाले से प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "राष्ट्रीय शक्ति के सभी तत्व क्षेत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित शांति, प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एकजुट हैं।"

पाकिस्तानी पक्ष ने अपनी प्रस्तावित चार-स्तरीय रणनीति पर विस्तार से बताया, जिसमें शामिल हैं :

- अंतर-अफगान वार्ता से उभरने वाली सर्वसम्मति का सम्मान करते हुए अफगान-नीत और अफगान-स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया को समर्थन जारी रखना।

- यह सुनिश्चित करना कि अफगानिस्तान अतीत के हिंसक दिनों का गवाह न बने और न ही यहां ऐसे तत्वों के लिए जगह बने, जो इसकी सीमाओं से परे दूसरों को नुकसान पहुंचाए।

- आर्थिक विकास को गहरा और निरंतर करना।

- अफगान शरणार्थियों के लिए अपनी मातृभूमि में उनकी गरिमा और सम्मान के साथ समयबद्ध वापसी सुनिश्चित करना।

दिलचस्प बात यह है कि खलीलजाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान या विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से नहीं मिले और उन्होंने केवल पाकिस्तान के सेना प्रमुख और राजदूत सादिक के साथ बैठक की।

ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान की खलीलजाद की त्वरित यात्रा तालिबान को दबाने के लिए इस्लामाबाद की मदद लेने और दोहा में पहले दौर की वार्ता के दौरान दीर्घकालिक युद्धविराम की घोषणा करने के लिए मजबूर करने के लिए है।

अफगान सरकार तालिबान से लंबे समय से संघर्ष विराम की मांग कर रही है और दोहा में चल रही वार्ता के दौरान इस बिंदु को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा है। अफगान सरकार की शांति प्रक्रिया और बातचीत करने वाली टीम के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने तालिबान द्वारा लंबे समय तक युद्धविराम के बदले में अधिक कैदियों और तालिबान लड़ाकों को रिहा करने की पेशकश की है।

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