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नई दिल्ली, 23 नवंबर. प्रशासकों की समिति (COA) के पूर्व सदस्य रामचंद्र गुहा (Ramchandra Guha) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं. मशहूर इतिहासकार ने दावा किया है कि भारतीय क्रिकेट में भाई-भतीजावाद (Nepotism) एक प्रमुख चिंता है. गुहा को 2017 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सीओए के सदस्यों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया था, जो बाद में निजी कारणों का हवाला देते हुए पद से हट गए थे.
उनकी नई प्रकाशित पुस्तक - 'द कॉमनवेल्थ ऑफ क्रिकेट: ए लाइफलॉन्ग लव अफेयर विद द मोस्ट सबल एंड सोफिज्म गेम नॉट टू ह्यूमनइंड' भारतीय क्रिकेट प्रशासन में उनके कार्यकाल की झलक दिखाती है. हाल ही में मिड डे को दिए एक इंटरव्यू में रामचंद्र गुहा ने पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और गृहमंत्री अमित शाह पर भारतीय क्रिकेट को चलाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने सिस्टम की भी आलोचना की है, जो रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों को वक्त पर उनका वेतन नहीं दे पा रहा है.
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रामचंद्र गुहा ने कहा, ''एन श्रीनिवासन और अमित शाह आज भारतीय क्रिकेट को प्रभावी तौर पर चला रहे हैं. राज्य एसोसिएशन किसी की बेटी और किसी के बेटे चला रहे हैं. क्रिकेट बोर्ड साजिश और भाई-भतीजावाद में डूबे हुए हैं और रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों को उनका बकाया चुकाने में बहुत देरी हो रही है. जिन सुधारों की आशा की गई थी, वे नहीं हुए हैं.''
गुहा ने हितों के टकराव के मुद्दे पर भी बात की और इसे भारतीय क्रिकेट के प्रबंधन पर 'लानत' करार दिया. उन्होंने कहा, ''यह लानत हैं. आज आप सौरव गांगुली को देखिए- बोर्ड के प्रमुख और वह क्रिकेट फंतासी खेल का प्रतिनिधित्व करते हैं. भारतीय क्रिकेटरों के बीच पैसों का उनका लालच चौंकाने वाला है.''
उन्होंने आगे कहा, ''मेरी किताब में सबसे ज्यादा बताई गई कहानी बिशन सिंह बेदी के बारे में है. वह काबुल [अफगान क्रिकेटरों को कोच करने] के लिए खुश हैं - कहीं भी क्रिकेट के लिए, कहीं भी पैसे के लिए नहीं. गांगुली को थोड़े अतिरिक्त पैसे के लिए ये सब क्यों करना चाहिए? यदि बोर्ड का अध्यक्ष इस तरह व्यवहार करता है तो नैतिक मानक नीचे चले जाते हैं.''