राष्ट्रीय
-दिलनवाज़ पाशा
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जिस मां ने पुलिस हिरासत में अपने बेटे की हत्या के आरोप लगाए थे उसी ने अब शपथपत्र देकर कहा है कि 'बेटे ने घर में ही खुदकुशी की थी.'
खुर्जा नगर थाना क्षेत्र के शहज़ादपुर कनैन गांव के रहने वाले सोमदत्त बैरागी को संदिग्ध परिस्थितियों में 12 दिसंबर की सुबह गांव के ही श्मशान घाट में जला दिया गया था. ये घटना राजधानी दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर की है.
परिजनों ने आरोप लगाया था कि सोमदत्त की मौत पुलिस हिरासत में हुई और जबरदस्ती उसके शव को जला दिया गया. लेकिन रविवार को दर्ज कराई गई एफ़आईआर में परिजनों ने उसके 'घर में आत्महत्या करने' की बात कही है.
सोमदत्त के भाई अनिल ने फ़ोन पर बीबीसी से कहा, "पुलिस ने हम पर बयान बदलने के लिए दबाव डाला. हम बहुत डर गए थे, भाई की मौत के बाद हम होश-हवास पहले ही खो चुके थे. पुलिस ने जैसा बोला, हमने डर के मारे वैसा ही लिख दिया."
वो कहते हैं, "लेकिन सच ये है कि पुलिस हमारे भाई की लाश लेकर गांव आई थी, पुलिस की मौजूदगी में ही उसे जबरदस्ती फूंक दिया गया. हमें नहीं पता उसकी मौत कैसे हुई. हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं."
बुलंदशहर के ज़िलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बीबीसी से कहा, "मौत की न्यायिक जांच की जा रही है. खुर्जा के एसडीएम और पुलिस अधीक्षक देहात की टीम भी जांच कर रही है. अभी रिपोर्ट मुझे नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने के बाद ही साफ़ हो सकेगा कि युवक की मौत कैसे हुई."
जांच टीम को सोमवार को जाँच करके रिपोर्ट देनी थी लेकिन इस समाचार के लिखे जाने तक ज़िलाधिकारी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली थी.
वहीं पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा, "प्रेम प्रसंग में असफल होने पर युवक ने आत्महत्या की. परिजनों ने गांव वालों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार करा दिया था."
क्या है मामला?
बैरागी जाति के सोमदत्त गांव की एक जाट युवती से प्रेम करते थे. युवती की शादी से एक दिन पहले, पांच दिसंबर को, दोनों गांव छोड़कर चले गए.
सोमदत्त के भाई अनिल के मुताबिक़, "मेरे दूसरे भाई सुनील को पुलिस उठा ले गई. उसे तीन दिन अवैध हिरासत में रखा फिर 8 दिसंबर को लड़का-लड़की बाग़पत में मिले. मेरे भाई सुनील को तो पुलिस ने वहीं छोड़ दिया लेकिन लड़के और लड़की को कार में डालकर ले गए."
वो कहते हैं, "पुलिस ने लड़की के बयान दर्ज कराए. हम वहां नहीं थे. पुलिस ने बताया कि लड़की अपने परिजनों के साथ जाना चाहती थी."
अनिल कहते हैं, "12 दिसंबर की सुबह करीब पांच बचे दारोगा मिथिलेश उपाध्याय पुलिस टीम के साथ घर पहुंचे और मुझे सादा कागज देकर बयान पर जबरदस्ती दस्तख़त करवाए."
मृतक सोमदत्त के भाई अनिल का आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में मेरे भाई को श्मशान घाट पर जला दिया गया
वो कहते हैं, "मेरा बयान लिखवाने के बाद उन्होंने बताया कि मेरे भाई ने जो लोअर पहना था उसके नाड़े से फंदा डालकर उसने पुलिस थाने में ही आत्महत्या कर ली. मैंने उनसे कहा कि मेरा भाई नाड़े वाला लोअर तो पहनता ही नहीं है."
अनिल आरोप लगाते हैं, "पुलिस की मौजूदगी में मेरे भाई को श्मशान घाट में फूंक दिया गया. मेरे ताऊ के बेटे ने विरोध किया तो उसे बहुत पीटा. हमें गांव से बाहर निकालने की धमकी दी."
अनिल का कहना है कि सोमदत्त को उन्हीं कपड़ों में जला दिया गया था जो उन्होंने पहने हुए थे. लाश का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया था.
बीबीसी के पास मौजूद वीडियो में लोग उनके शव को लकड़ियों और गोबर के उपलों के ढेर पर रखते दिख रहे हैं. सोमदत्त ने जैकेट और पेंट पहनी हुई है. एक दूसरे वीडियो में इस दौरान पुलिसकर्मी भी मौजूद दिख रहे हैं. सोमदत्त के भाई सुनील वीडियो में लाश को उठाकर चिता पर रखते हुए और सुबकते हुए नज़र आ रहे हैं.
सोमदत्त के भाई सुनील कहते हैं, "यहीं उपले निकाले और उसे फूंक दिया. मैं वहां कोने में बैठा रो रहा था. हमारी सुनने वाला कोई नहीं था. पूरा गांव और पुलिस एक साथ थे और हम अकेले."
हमने ये वीडियो ज़िलाधिकारी को भेजकर उनका जवाब मांगा था. बुलंदशहर के ज़िलाधिकारी रवींद्र कुमार का कहना है, "जांच रिपोर्ट आने के बाद ही टिप्पणी की जाएगी. ये नए वीडियो जांच टीम को सौंप दिए गए हैं."
ऑनर किलिंग
सुनील ने बीबीसी से कहा, "दोनों के गांव से भाग जाने के बाद लड़की के परिजनों ने मुझे बुलाया था. उन्होंने कहा था कि दोनों को पकड़वाओ और तुम अपने लड़के को मारो और हम अपनी लड़की को मारेंगे. हमने उनसे कहा कि हम बहुत ग़रीब आदमी है, हमसे ये काम नहीं हो पाएगा."
वो कहते हैं, "हमारे लड़के को तो उन्होंने मार दिया है, अब वो अपनी लड़की को मारें तो इंसाफ़ होगा."
सुनील कहते हैं, "गांव से भागकर हमारे भाई ने समाज के ख़िलाफ़ काम किया. पूरा गांव हमारे ख़िलाफ़ हो गया है. हमारे सिर्फ़ दस-बारह घर हैं और दूसरी तरफ़ पूरा गांव है. उन्होंने हमारी लड़कियों को घर से उठा लेने की धमकी दी है."
लड़की कहां है?
लड़की के परिजनों ने इस घटना को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लड़की के बारे में उन्होंने बताया कि वो एक रिश्तेदार के घर है और सुरक्षित है.
सोमदत्त के परिवार के सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए वो कहते हैं, "पहले उन्होंने हमारी इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ किया, अब वो हमें झूठे मुक़दमों में फंसा रहे हैं."
लड़की की मां कहती हैं, "हमारी बेटी का अच्छे घर में रिश्ता हुआ था. अगले दिन बारात आनी थी. हमने लाखों रुपए ख़र्च किए थे. उन लोगों ने हमारी बेटी के साथ इतना बड़ा कांड कर दिया. हमें कहीं का नहीं छोड़ा."
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युवक के परिवार पर पलायन का दबाव
सोमदत्त के भाई अनिल कहते हैं कि लड़का-लड़की के गांव से चले जाने के बाद उनके परिवार को गांव छोड़ने को कहा गया.
अनिल कहते हैं, "हमारे भाई को मार दिया और हमसे जबरदस्ती लिखवा लिया कि उसने घर में आत्महत्या की है. हमें लड़की के परिवार वालों से जान का ख़तरा है. हमें पुलिस से भी डर लग रहा है. हमें गांव ही छोड़ना पड़ेगा लेकिन हम जाएंगे भी तो कहां?"
बुलंदशहर पुलिस ने सोमदत्त की मौत को 'घर में की गई आत्महत्या' माना है और लड़की के पिता समेत पांच लोगों के ख़िलाफ़ मारपीट करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का मुक़दमा दर्ज किया है.
बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के मुताबिक, "मामले की अभी जांच चल रही है, जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जाएगा."