अंतरराष्ट्रीय
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन की आलोचना करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी की शुरुआत को समझने के लिए वहां जाने वाली रिसर्च टीम के लिए वह बाधाएं खड़ी कर रहा है. वहीं चीन का कहना है कि यह मामला "पेचीदा" है.
चीन, 6 जनवरी | चीन का कहना है कि वह डब्ल्यूएचओ के साथ अब भी रिसर्च टीम के आने की तारीख पर चर्चा कर रहा है. एक दिन पहले ही डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस ने चीन की आलोचना करते हुए कहा था कि वह रिसर्च टीम को आने से रोक रहा है. इसके जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है कि महामारी की शुरुआत का पता लगाने के लिए चीन का रवैया हमेशा ही "खुला और जिम्मेदाराना" रहा है. उन्होंने कहा कि चीन डब्ल्यूएचओ के साथ मिल कर इस दिशा में काम कर रहा है लेकिन रिसर्च टीम के चीन आने का सही समय अभी वे निर्धारित नहीं कर पाए हैं.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "इस समस्या की जड़ बहुत जटिल है. अंतरराष्ट्रीय टीम का काम चीन में सफलतापूर्वक पूरा हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए हमें कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होगा और ठोस योजनाएं बनानी होंगी. फिलहाल दोनों पक्ष (चीन और डब्ल्यूएचओ) इस सिलसिले में बातचीत कर रहे हैं. यह मात्र वीजा का मुद्दा नहीं है. हम उनके साथ संपर्क में हैं."
चुनयिंग ने कहा की चीनी रिसर्चर इस वक्त देश में जगह जगह हो रहे संक्रमण को समझने में लगे हैं, "हमारे रिसर्चर पूरे दिल से महामारी को काबू में लाने की इस मुश्किल जंग में लगे हुए हैं." उन्होंने इसे एक छोटी सी "गलतफहमी" का नाम दिया और कहा कि इसमें किसी भी तरह का मतलब निकालना गलत होगा.
टीम को नहीं दिया वीजा
दरअसल 10 अंतरराष्ट्रीय रिसर्चरों की एक टीम को जनवरी में चीन के वुहान पहुंचना था. वुहान से ही एक साल पहले कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक गेब्रयेसुस ने कहा कि इस टीम के सदस्य अपने अपने देशों से रवाना होने को तैयार थे लेकिन ऐन मौके पर चीन ने कह दिया कि उसकी तैयारियां अभी पूरी नहीं हुई हैं, "आज हमें यह पता चल रहा है कि चीनी अधिकारियों ने टीम के आने के लिए जरूरी अनुमति तक नहीं ली है. मैं यह सुन कर बहुत निराश हुआ हूं, खास कर तब जब दो लोग अपने देशों से रवाना भी हो चुके हैं और बाकियों को आखिरी मौके पर बताया गया कि उन्हें नहीं आना है."
समाचार एजेंसी एपी की एक खोजी रिपोर्ट के अनुसार चीनी सरकार अपने रिसर्चरों से वायरस की शुरुआत से जुड़ी जांच करा रही है और चीन से बाहर के रिसर्चरों को इससे दूर रख रही है. इसके अलावा देश में इस बात का भी प्रचार किया जा रहा है कि वायरस की शुरुआत चीन में ना हो कर, कहीं और हुई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कोरोना महामारी को ले कर चीन की खुल कर आलोचना करते रहे हैं और इसी सिलसिले में उन्होंने डब्ल्यूएचओ से अलग होने की बात भी कही थी. ट्रंप ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएचओ सबसे अधिक पैसा अमेरिका से लेता है लेकिन काम चीन के हित में करता है.
आईबी/एके (एपी, रॉयटर्स)