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बड़े-बड़े डाकू मिलकर मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं: इमरान ख़ान
31-Jan-2021 1:07 PM
बड़े-बड़े डाकू मिलकर मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं: इमरान ख़ान

Daniel_pearl photo from wikipedia

 -इक़बाल अहमद

पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते सरकार और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के अलावा अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के आरोप में जेल में बंद उमर सईद शेख़ की रिहाई से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.

सबसे पहले बात डेनियल पर्ल हत्या केस की.

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के अभियुक्त चरमपंथी अहमद उमर सईद शेख़ समेत चार लोगों को रिहा कर दिया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल के ब्यूरो चीफ़ डेनियल पर्ल की साल 2002 में हत्या कर दी गई थी. वो पाकिस्तान में सक्रिय चरमपंथी समूहों पर स्टोरी करने गए थे. निचली अदालत ने उमर सईद समेत चार लोगों को अपहरण और हत्या का दोषी पाते हुए फ़ाँसी की सज़ा सुनाई थी.

लेकिन साल 2020 के अप्रैल में सिंध हाई कोर्ट ने शेख़ और उनके साथियों को केवल डेनियल पर्ल के अपहरण का दोषी क़रार दिया और उनकी सज़ा कम कर दी. चूँकि वो चारों अपहरण की सज़ा पहले ही जेल में काट चुके थे इसलिए अदालत ने उनकी रिहाई के आदेश दे दिए थे.

Ahmed Omar Saeed Sheikh.png photo from wikipedia

डेनियल पर्ल के परिवार के विरोध के बाद पाकिस्तानी सरकार ने इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

लेकिन पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया.

अख़बार जंग के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरिका उमर शेख़ के ख़िलाफ़ अमेरिका में कार्रवाई करने के लिए तैयार है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उमर शेख़ और उनके साथियों की सज़ा सुनिश्चित कराने के लिए उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री से फ़ोन पर बातचीत की है. ब्लिंकेन ने उमर शेख़ की रिहाई के फ़ैसले को पाकिस्तान समेत दुनिया भर में दहशतगर्दी के शिकार बनने वालों के लिए अपमान क़रार दिया है.

अख़बार जंग के अनुसार सिंध की राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने उमर शेख़ की रिहाई के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है.

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस मामले में सिंध सरकार और केंद्र सरकार पूरी तरह एक साथ हैं. ग़ौरतलब है कि सिंध में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार है जबकि केंद्र में इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ की सरकार है.

अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी की अमेरिका के नए विदेश मंत्री से पहली बातचीत थी. अख़बार के अऩुसार शाह महमदू क़ुरैशी ने उन्हें मुबारकबाद दी और दोनों देशों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने पर ज़ोर दिया.

क़ुरैशी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के राजनीतिक हल के लिए दोनों देश इच्छुक हैं और ज़रूरत इस बात की है कि अफ़ग़ानिस्तान में सबसे पहले हिंसक वारदातों में कमी लाए जाए ताकि अफ़ग़ानिस्तान समस्या के राजनीतिक हल के लिए रास्ता हमवार हो.

अख़बार के अनुसार बातचीत के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि डेनियल पर्ल हत्या केस में क़ानून का पालन करना दोनों देश के हित में है.

अमेरिका और तालिबान ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है कि अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली के लिए हुए दोहा समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है.

अख़बार दुनिया के अनुसार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के कारण अफ़ग़ानिस्तान शांति समझौते को ख़तरा पैदा हो गया है.

दोहा में तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका लगभग हर दिन दोहा समझौते का उल्लंघन कर रहा है.

तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि नागरिक इलाक़ों में बमबारी की जा रही है.

तालिबान प्रवक्ता ने अमेरिका के उन आरोपों को भी ख़ारिज कर दिया कि तालिबान दोहा समझौते का पालन नहीं कर रहा है.

इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि बाइडन प्रशासन दोहा समझौते को पूरी तरह लागू करने और अफ़ग़ानिस्तान में जंग को ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन तालिबान हमले में कमी और अल-क़ायदा के साथ संबंध ख़त्म करने के वादे को पूरा नहीं कर रहे हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में अल-क़ायदा और इस्लामिक स्टेट

photo from social mediaislamic state

इस्लामिक स्टेट (आईएस) की गतिविधियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन के लिए केवल ढाई हज़ार अमेरिकी फ़ौज काफ़ी है लेकिन अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फ़ौज के पूरी तरह हटने का मामला अफ़ग़ानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच समझौते पर निर्भर है.

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को हिंसा की जिस नई लहर का सामना है ऐसे में तालिबान नेतृत्व को यह बात समझनी चाहिए कि वो अमेरिकी सेना की वापसी और स्थायी शांति के लिए किए जाने वाले फ़ैसले को और मुश्किल बना रहे हैं.

दूसरी तरफ़ अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने बाइडन प्रशासन से अपील की है कि वो अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना हटाने में जल्दबाज़ी न करें.

अख़बार दुनिया के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर समस्या के हल के लिए अपनी सेवा देने की पेशकश की है.

अख़बार के अनुसार इस साल के पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यूएन महासचिव ने पाकिस्तान की सरकारी न्यूज़ एजेंसी के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "कश्मीर का कोई सैन्य हल नहीं है, क्योंकि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी तबाही का कारण होगा."

अख़बार के अनुसार महासचिव ने आगे कहा, "मेरा यक़ीन है कि नियंत्रण रेखा और भारत प्रशासित कश्मीर में तनाव का ख़ात्मा निश्चित तौर पर बहुत ज़रूरी है और मेरा ख्याल है कि दोनों देश कश्मीर की समस्या के हल के लिए मिलकर गंभीरता से बातचीत करें."

पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार और विपक्ष के बीच एक दूसरे पर हमलों का दौर जारी है. ताज़ा मामला ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की ताज़ा रिपोर्ट का है.

अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की साल 2019-20 की रिपोर्ट कहती है कि भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान और सात अंक नीचे चला गया है.

imran khan from his twitter page

मुस्लिम लीग (नवाज़) ने ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट को इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ चार्जशीट क़रार देते हुए कहा, "यह रिपोर्ट सरकार के भ्रष्टाचार का मुंह बोलता सबूत है. आज देश में सबसे भ्रष्ट सरकार है."

इसके जवाब में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा, "बड़े-बड़े डाकू मिलकर मुझे ब्लैकमेल कर रहे हैं. एक भगोड़ा लीडर लंदन में बैठकर इंक़लाबी बन रहा है. यह सब पार्टी को एकजुट रखने के लिए सरकार के जाने की तारीख़ें बताते रहते हैं. फ़ज़लुर्रहमान भ्रष्ट आदमी हैं, उनको मौलाना कहना उलेमा का अपमान है. फ़ज़लुर्रहमान मदरसे के बच्चों को इस्तेमाल करके अरबपति बने हैं." (bbc.com)

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