राष्ट्रीय
बेंगलुरु, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| बेंगलुरु के येलहंका में 370 मेगावाट गैस बेस्ड कंबाइंड साइकल पावर प्लांट में हुई हीट ब्लास्ट के बाद आग लगने की घटना में दो इंजीनियरों में से गंभीर रूप से घायल एक इंजीनियर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान जनरल इलेक्ट्रिक के बालाजी मुरुगन के रूप में हुई थी। उन्हें शहर के विक्टोरिया अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया था और सोमवार रात उनकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 370 मेगावाट गैस पावर प्लांट में काम करने वाले कम से कम 15 कर्मचारी 2 अक्टूबर के दिन हुए हादसे में घायल हो गए थे।
केपीसीएल ने दावा किया था कि प्रारंभिक जांच के दौरान, यह संदेह था कि तेल रिसाव से आग लग सकती है।
बयान में कहा गया, "घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए मूल कारण का विश्लेषण किया जा रहा है। येलहंका में कंबाइंड साइकल गैस पावर प्लांट निमार्णाधीन और कमीशनिंग चरण में है। निर्माण भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) द्वारा किया जा रहा है।"
वहीं, कर्नाटक राज्य के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा निदेशक के. शिव कुमार ने कहा था कि येलहंका में केपीसीएल के कंबाइंड साइकल पावर प्लांट (370 मेगावाट) में हीट ब्लास्ट उस समय हुआ था, जब इंजीनियर गैस टरबाइन चैम्बर में परीक्षण कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "संयंत्र को दिसंबर में अपने संचालन को चालू करना था। पूरे दिन उन्होंने परीक्षण किया था। लेकिन जब वे परीक्षण कर रहे थे, तो दबाव में भिन्नता देखी गई थी। गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा इस संयंत्र को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाती है। यह घटना तब हुई जब केपीसीएल के इंजीनियर टरबाइन का परीक्षण करने के लिए कई जांच कर रहे थे।"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| अलीगढ़ के इगलास में अपने मौसेरे भाई से दुष्कर्म का शिकार हुई छह साल की एक बच्ची ने मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। यह बच्ची हाथरस की रहने वाली है, लेकिन पिछले साल अपनी मां के निधन के बाद से वह अपने मौसी के साथ रह रही थी। दुष्कर्म की घटना के बाद हालत बिगड़ने के चलते बच्ची को उपचार के लिए दिल्ली लाया गया था।
अलीगढ़ के एसएसपी जी. मुनीराज ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के मामले में शिथिलता बरतने के चलते स्टेशन हाउस अधिकारी को निलंबित कर दिया है।
परिजनों ने बच्ची के शव को सादाबाद-बलदेव रोड पर रख कर आरोपी और दोषी पुलिकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों को शांत करने और स्थिति पर काबू पाने के लिए वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश भर के सिनेमा हॉलों को खुलने में महज नौ दिन शेष हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) की घोषणा करते हुए कहा कि हॉल केवल 50 प्रतिशत लोगों के बैठने की क्षमता के साथ खुलेंगे। सिनेमा हॉल 15 अक्टूबर से खुलने के लिए तैयार हैं।
जावडेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मंत्रालय ने आज सभी मल्टीप्लेक्सों और सिंगल थिएटर सिनेमाघरों को एसओपी जारी किए हैं। ऑडिटोरियम के अंदर केवल 50 प्रतिशत सीटों पर ही लोगों को बैठने दिया जाएगा और खाली रहने वाली सीटों को ठीक से चिह्न्ति किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, कंटेन्मेंट जोन में फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।
जावडेकर ने कहा कि ऑडिटोरियम के बाहर, कॉमन एरिया और वेटिंग एरिया में कम से कम छह फीट की पर्याप्त फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
मंत्री ने कहा कि मल्टीप्लेक्स या सिनेमाघरों में 'थूकना' सख्त वर्जित होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की सुविधा के लिए थिएटरों को टिकटों की बुकिंग के समय मोबाइल नंबर नोट करना होगा।
जावडेकर ने कहा कि सिनेमाघरों को डिजिटल बुकिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जबकि सिंगल स्क्रीन थिएटरों को भीड़ से बचने के लिए अधिक बुकिंग विंडो खोलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "बुकिंग काउंटरों को पूरे दिन खुला रखना होगा और बॉक्स ऑफिस पर भीड़भाड़ से बचने के लिए एडवांस बुकिंग की अनुमति दी जानी चाहिए।"
दिशा-निर्देश देते हुए, मंत्री ने कहा कि केवल पैकेज्ड फूड और पेय पदार्थो की अनुमति होगी और ऑडिटोरियम में वितरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद्य और पेय पदार्थो के लिए कई काउंटर होने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शो के पहले और बाद में एक मिनट की लघु फिल्म को दिखाने की जरूरत है। जावडेकर ने आगे कहा कि फेस मास्क पहनना अनिवार्य है और थिएटर के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल का प्रावधान होना चाहिए। थियेटर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर शो के बाद उसे साफ किया जाए और स्टाफ के सदस्यों को उचित हैंड ग्लव्स, पीपीई किट और बूट दिए जाएं।
थिएटर के अंदर के तापमान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, तापमान को 23-30 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि थिएटर में उचित वेंटिलेशन के इंतजाम किए जाने चाहिए।
कोविड-19 महामारी के कारण 22 मार्च से देश भर के सिनेमा हॉल बंद हैं। सिंगल स्क्रीन थिएटर और मल्टीप्लेक्स लगभग छह महीने के अंतराल के बाद खुल रहे हैं।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर । प्याज का भाव लॉकडाउन के बाद से लगातार चढ़ रहा है और इस बीच सरकार ने इसे कंट्रोल करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में जो किसान लॉकडाउन के समय अपनी प्याज की खेती से घाटा उठाना पड़ा था, उसकी आपूर्ति लॉकडाउन के बाद कर रहे थे लेकिन सरकारी कदम से सकते में हैं।
इस संबंध में अहमदाबाद एपीएमसी (एग्रीकल्चरल प्रोडयूसर एंड लाइवस्टॉक मार्केट कमेटी) में करोबार करने वाले साबिर खान ने डाउन टू अर्थ को बताया “लॉक डाउन के बाद प्याज की सप्लाई में कमी आई है। लॉक डाउन से पहले अहमदाबाद की मार्केट में रोजाना 100-125 ट्रक प्याज के आते थे। अब वर्तमान में यह औसतन 50-60 ट्रक ही मंडी में आ रहे है। इसके चलते काला बाजारी बढ़ गई है। राज्य में प्याज रखने वाले बड़े व्यापारी मोटा नफा पाने के लिए प्याज की सप्लाई को वर्तमान में जानबूझ कर धीमा किए हुए हैं। फरवरी-मार्च में स्टॉकिस्ट किसान से 3 से 7 रुपए के भाव से खरीदी कर सितंबर-अक्टूबर में प्याज को 40-50 रुपए में बेच रहे हैं।
गुजरात से प्याज का निर्यात पाकिस्तान सहित कई अन्य पड़ोसी देशों में किया जाता है लेकिन पिछले वर्ष और अब पिछले माह सितंबर से प्याज निर्यात पर सरकार ने रोक लगा दी है। जिसके कारण राज्य के भावनगर और अमरेली (राज्य के सबसे अधिक उत्पादन करने वाले जिले) के किसान अपनी प्याज अब देश की ही मंडी में सस्ते दामों पर बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
इस संबंध में उत्तर गुजरात के राधरपुर के किसान महेश भाई चौधरी ने डाउन टू अर्थ को बताया कि इस वर्ष खेती कम होने से प्याज का भाव लगातार बढ़ रहा है। और अगले तीन महीनों यानी अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर तक प्याज के भाव उतरने की कोई दूर-दूर तक संभावना कम ही दिख पडृ रही है। वह कहते हैं कि आगामी जनवरी, 2021 के बाद ही जब बाजार में नई प्याज बाजार में आएगी तो ही भाव कम होंगे।
सितंबर में प्याज के लगातार भाव चढ़ने के संबंध में चौधरी कहते हैं, प्याज को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। प्याज की कमी होने पर बड़े व्यापारी या स्टोरेज वाले आपस में एकता कर लेते हैं और माल धीरे-धीरे निकालते हैं, जिसके कारण भाव चढ़ना शुरू होता है तो फिर चढ़ते ही जाता है, यह उनके हाथों में होता है।
वहीं दूसरी ओर चौधरी का कहना है कि निर्यात बंद होने से किसानों को कोई नुक्सान नहीं है और घरेलू बाजार में भाव बढ़ने से किसानों को लाभ ही होता है। प्याज का भाव किसानों के पास से जाने के बाद से बढ़ता है। निर्यात बंद होने से व्यापारियों को अवश्य आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ रहा है क्योंकि अच्छी क्वालिटी प्याज का भाव निर्यात पर ही मिलता है।
ध्यान रहे कि प्याज की खेती के मामले में महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद देश में गुजरात पांचवे स्थान पर आता है। कहने के लिए तो लगभग गुजरात के सभी जिलों में प्याज की खेती होती है लेकिन सबसे अधिक प्याज का उत्पादन भावनगर और अमरेली में होता है। सरकार आंकड़ो पर नजर डालें तो उसके अनुसार राज्य में 17 टन प्रति हेक्टर प्याज का उत्पादन होता है। (downtoearth)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक दलित लड़की की कथित रूप से दुष्कर्म के बाद हुई मौत के मामले में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए एक वेबसाइट के खिलाफ हाथरस पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की जांच कर रहा है।
शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्लेटफॉर्म 'कार्ड डॉट कॉम' पर बनाई गई वेबसाइट 'जस्टिसफॉरहाथरस' के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है, क्योंकि प्रारंभिक जांच में एक संदिग्ध संगठन द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए वित्तीय मदद देने के संकेत मिले हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जिले के चंदपा पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 सहित 20 विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस ने दावा किया कि हाथरस मामले में विरोध प्रदर्शन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार को विदेशी लिंक के साथ वेबसाइट का इस्तेमाल कर अस्थिर करने के लिए किया गया।
प्राथमिकी में संदेह जताया गया कि राज्य भर में जाति-संबंधी हिंसा को भड़काने के लिए हाथरस की घटना से संबंधित फर्जी सूचना प्रसारित करने के लिए 'जस्टिस फॉर हाथरस' नाम की एक वेबसाइट बनाई गई थी।
सूत्रों ने कहा कि वेबसाइट पर नजर रखने और कुछ संबंधित स्थानों पर छापेमारी के बाद, साइट निष्क्रिय हो गया और रातों रात गायब हो गया। हालांकि, कानून और व्यवस्था एजेंसियों ने वेबसाइट की सभी भड़काऊ सामग्री सुरक्षित कर ली है।
पुलिस ने कहा कि वेबसाइट ने हाथरस मामले पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी साझा की।
सूत्रों ने कहा कि वेबसाइट का इस्तेमाल उसी तर्ज पर विदेशी फंड जुटाने के लिए एक मंच के रूप में किया गया था, जिस तरह से दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि पीएफआई जैसे कट्टरपंथी चरमपंथी समूह इसके पीछे हो सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि एफआईआर धारा 153 ए और अन्य के तहत दायर की गई है जो पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध हैं और इस अपराध को अंजाम देने के लिए इकट्ठा किए गए सभी पैसे ईडी द्वारा जब्त किए जाने के अधीन हैं।
ईडी विदेशी लिंक संबंधी पूछताछ करेगी और एकत्रित धन और उसके उपयोग के विवरण का भी पता डोमेन सर्वरों से लगाएगी।
सूत्रों ने कहा कि ईडी इस वेबसाइट द्वारा एकत्रित धन के अंतिम लाभार्थियों की भी जांच करेगा। सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) से उस वेबसाइट के बारे में पूछताछ की जाएगी जिसने इसके पेज को होस्ट किया है क्योंकि इसका अनिवार्य रूप से आईपी एड्रेस रिकॉर्ड होना चाहिए जहां से वेब पेज लॉन्च किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि ईडी को पहले आईपी रेजोल्यूशन और संदिग्धों के आईपीडीआर विश्लेषण के लिए सीईआरटी से ट्रैफिक एनालिसिस भी मिलेगा।
ईडी डोमेन या होस्ट खरीदने के लिए इस्तेमाल में लाए ईमेल आईडी की भी जांच करेगी ।
धार/भोपाल, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के धार जिले में मजदूरों से भरे पिकअप वाहन को टैंकर ने पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई है, वहीं 20 से ज्यादा घायल हुए हैं। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री गोपाल भार्गव ने शोक जताया है। पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात से मजदूरी कर मजदूर परिवार अपने गांव टांडा लौट रहे थे। इसी दौरान सोमवार की देर रात को उनका पिकअप वाहन तिरला थाना क्षेत्र में मुम्बई-अहमदाबाद मार्ग पर पंचर हो गया। मजदूरों का यह वाहन चिखलिया फाटे के पास ढाबे के सामने खड़ा था। तभी पीछे से आ रहे टैंकर ने टक्कर मार दी। इस हादसे में कुल छह लोगों की मौत हुई है।
बताया गया है कि मजदूर सोयाबीन की कटाई के लिए गए थे और अपने परिवार के साथ वापस गांव लौट रहे थे। पिकअप वाहन में लगभग पंद्रह मजदूर और उतने ही उनके बच्चे सवार थे। इस हादसे में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायलों को धार के जिला अस्पताल और इंदौर रेफर किया गया है।
इस हादसे पर मुख्यमंत्री चौहान ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, धार जिले के तिरला थाना अंतर्गत इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल रात हुए सड़क हादसे में कई श्रमिक बंधुओं के असामयिक निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने तथा शोकाकुल परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूं।
इसी तरह लेाक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने हादसे पर दुख जताया और कहा धार जिले के तिरला थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए सड़क हादसे में कालकवलित हुए लोगों के आत्मशांति की कामना करता हूं। मृतकों की आत्मा को प्रभु श्रीचरणों में स्थान दें। जो लोग घायल हुए है, ईश्वर उन्हें जल्द स्वस्थ करें।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाथरस और बलरामपुर में कथित रेप को लेकर दिए यूएन रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा, "हाल में महिलाओं के ख़िलाफ़ हुए हिंसा के कुछ मामलों को लेकर यूएन रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर ने कुछ अनुचित टिप्पणियाँ की थीं. भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर को ये पता होना चाहिए कि सरकार इन मामलों को बहुत गंभीरता से ले रही है. जांच अभी जारी है, इसलिए किसी बाहरी एजेंसी को ग़ैर ज़रूरी टिप्पणियाँ करने से बचना चाहिए. संविधान भारत के सभी नागरिकों को समानता की गारंटी देता है. एक लोकतंत्र के रूप में हमारा समाज के सभी तबकों को न्याय देने का रिकॉर्ड रहा है."
इससे पहले 4 अक्टूबर को भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर ने एक बयान में कहा था कि वो भारत में महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ यौन हिंसा के लगातार सामने आ रहे मामलों को लेकर चिंतित हैं.
उन्होंने कहा था कि हाथरस और बलरामपुर में कथित बलात्कार और हत्या के हालिया मामलों से पता चलता है कि देश में वंचित वर्ग की महिलाएं अभी भी लैंगिक भेदभाव और हिंसा की शिकार हैं.
बयान में कहा गया था कि महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए भारत सरकार को जल्द कदम उठाने चाहिए और दोषियों को जल्दी सज़ा मिलनी चाहिए और परिवारों को समय पर न्याय, सामाजिक सहायता, काउंसलिंग, स्वास्थ्य सेवा और पुनर्वास का अधिकार है.
प्रियंका गांधी ने पूछा, हाथरस डीएम पर कब होगी कार्रवाई
वहीं कांग्रेस महासचिव और उत्तरप्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने हाथरस मामले में एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है.
सोमवार को उन्होंने ट्वीट कर पूछा कि हाथरस के डीएम पर कब कार्रवाई होगी.
प्रियंका गांधी ने कहा कि योगी सरकार परिवार की माँगों के अनुसार न्यायिक जाँच का फ़ैसला कब करेगी.
योगी सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश की है लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें यूपी पुलिस और सीबीआई दोनों पर भरोसा नहीं.
उनकी माँग है कि इस मामले की न्यायिक जाँच की जाए.
प्रियंका ने कहा कि बीजीपी अभी भी लड़की के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रही है.
पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ाई गई, भाई के साथ रहेंगे दो सुरक्षाकर्मी
हाथरस के पीड़ित परिवर की सुरक्षा यूपी सरकार की ओर बढ़ा दी गई है. लड़की के भाई को दो बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी (होम) अवनीश कुमार अवस्थी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा है, "हाथरस में पीड़ित परिवार के घर के आस-पास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, परिवार के सदस्यों को भी सुरक्षा दी गई है."
पुलिस ने कहा है कि, "गाँव में, 12-15 पीएसी के जवानों को परिवार की '24-घंटे सुरक्षा' के लिए तैनात किया गया है."
इसके अलावा हाथरस पुलिस ने कहा कि भाई के लिए दो सुरक्षाकर्मियों को तैनात किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि कॉन्स्टेबल, तीन एसएचओ, एक डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी तैनात किए गए हैं. गांव में सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है, इसके अलावा मजिस्ट्रेट भी वहां मौजूद हैं.
चंद्रशेखर पर एफ़आईआर
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद और 400-500 अज्ञात लोगों पर एपिडेमिक डिसीज़ एक्ट के अंतर्गत एफ़आईआर दर्ज की गई है.
रविवार को चंद्रशेखर हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने गए थे. उन्होंने परिवार के लिए वाई-कैटेगरी सुरक्षा की भी मांग की थी.
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के अनुसार भाजपा के एक पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने उसी गांव में अभियुक्तों के समर्थन में एक मीटिंग भी बुलाई जिसमें 500 से ज़्यादा लोग शामिल हुए.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़ राजवीर सिंह ने कहा, "हमने सभी जातियों की सभा बुलाई है जहां ये चर्चा हुई कि सरकार ने सीबीआई जांच और नार्कों टेस्ट करवाने का फ़ैसला सही किया है. अगर परिवार कुछ छुपाना नहीं चाहता तो उन्हें इससे डरने की ज़रूरत नहीं है. जिन्होंने गलत शिकायत दर्ज करवाई है, उनके ख़िलाफ़ भी सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए."
कांग्रेस करेगी सत्याग्रह
हाथरस के परिवार को इंसाफ़ दिलाने के लिए कांग्रेस पांच अक्तूबर को राज्य और ज़िला स्तर पर देश भर में धरना प्रदर्शन करेगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटियां महात्मा गांधी या बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्तियों के पास बैठकर मौन धरना करेंगी.
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने बताया कि सभी सांसद, विधायक, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे.
बीजेपी नेता आई प्रियंका गांधी के समर्थन में
महाराष्ट्र बीजेपी की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने प्रियंका गांधी के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार की आलोचना की है.
उन्होंने ट्वीट किया कि "एक पुरुष पुलिसवाले की ज़ुर्रत कैसे हुई कि वह एक महिला नेता के वस्त्रों पर हाथ डाल सके."
उन्होंने भारतीय संस्कृति की दुहाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुलिसवालों पर कार्रवाई करने की अपील की है.
वहीं, पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जाते समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ हुई बदसलूकी की पुलिस आयुक्त कार्यालय जांच करेगा.
नोएडा पुलिस ने इस मामले में जांच के आदेश देते हुए कहा है कि कोई सक्षम महिला अधिकारी इस मामले की जांच करेगी.
जिन्हें विकास पसंद नहीं, वो दंगा फैलाना चाहते हैं: योगी आदित्यनाथ
हाथरस मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिसे विकास अच्छा नहीं लगता, वो जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, "दंगों की आड़ में उन लोगों को राजनीतिक रोटियां सेंकने का मौक़ा मिलेगा, इसलिए वो आए दिन नई साजिशें रचते हैं. इन साजिशों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाना है."
मुख्यमंत्री ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के ज़रिए मंडल, सेक्टर और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात करते हुए ये बातें कहीं.
साथ ही योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट भी किया, "संवाद के माध्यम से बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान संभव है. नए उत्तर प्रदेश में संवाद ही सारी समस्याओं के समाधान का माध्यम है."
उन्होंने लिखा कि पुलिस विभाग को माताओं एवं बहनों से संबंधित विषयों तथा अनुसूचित जाति व जनजाति से जुड़े मुद्दों में अति संवेदनशीलता और सक्रियता से काम करने की आवश्यकता है.
हाथरस में एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और हत्या के बाद से देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. उत्तर प्रदेश की कुछ जगहों पर विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़पें भी हुई हैं.
विपक्षी दल पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. वो पुलिस पर इस मामले में लीपापोती करने का आरोप लगा रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने भी जा चुके हैं.
तेज़ होने विरोध प्रदर्शनों के बीच योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
योगी आदित्यनाथ ने इशारों-इशारों में हाथरस में विपक्ष की भूमिका पर भी कहा कि जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं.
वीडियो कांफ्रेंसिग के ज़रिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस विभाग को माताओं एवं बहनों से संबंधित विषयों तथा अनुसूचित जाति व जनजाति से जुड़े मुद्दों में अति संवेदनशीलता और सक्रियता रखने की आवश्यकता है.
वे इस वीडियो काफ्रेंस में पार्टी कार्यकर्ताओं और मंडल नेताओं को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भरोसा दिलाया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जो लोग राज्य में माताओं और बहनों के सम्मान के चोट पहुंचाने की कोशिश करेंगे उनका नाश कर दिया जाएगा.(bbc)
होशंगाबाद, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में दलित समुदाय की एक विवाहित महिला 7 दरिंदों की दरिंदगी का शिकार हो गई। पुलिस ने इस मामले में चार नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं अन्य की तलाश जारी है। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि पिपरिया थाना क्षेत्र की अनुसूचित जाति वर्ग की एक विवाहित महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके साथ सात लोगों से सामूहिक दुष्कर्म किया। इनमें चार नामजद थे और तीन अज्ञात। पुलिस ने मामला दर्ज कर चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी की तलाश जारी है।
प्रदेश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के विरोध में कांग्रेस ने राजधानी सहित अन्य स्थानों पर मौन धरना दिया।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर वर्ष 2014 से 2019 के बीच पांच साल का कार्यकाल पूरा कर बतौर प्रशासक खुद को साबित कर चुके देवेंद्र फडणवीस के सामने अब खुद को बेहतर इलेक्शन मैनेजर के रूप में पेश करने की चुनौती है। बिहार विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा शानदार नतीजे हासिल करती है तो फिर बतौर चुनाव प्रभारी इसका क्रेडिट देवेंद्र फडणवीस को भी मिलेगा। इसी के साथ भाजपा में फडणवीस का कद और बढ़ेगा। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की बागडोर यूं तो अगस्त से ही देवेंद्र फडणवीस ने संभाल ली थी, लेकिन उन्हें आधिकारिक तौर पर चुनाव प्रभारी बीते 30 सितंबर को नियुक्त किया गया। महाराष्ट्र से बाहर पहली बार किसी बड़े प्रदेश में विधानसभा चुनाव संचालन की जिम्मेदारी देवेंद्र फडणवीस के कंधे पर है। ऐसे में फडणवीस के सामने खुद को बेहतर इलेक्शन मैनेजर के तौर पर साबित करने की चुनौती है। बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय से अच्छा तालमेल रहा है। जिससे पार्टी को उम्मीद है कि भूपेंद्र और फडणवीस की जोड़ी चुनाव में अच्छे नतीजे देगी।
भाजपा के एक प्रमुख नेता ने आईएएनएस से कहा, "देवेंद्र फडणवीस ने बिहार चुनाव प्रभारी की चुनौती को बहुत गंभीरता से लिया है। वह बिहार से लेकर दिल्ली के बीच लगातार बैठकों में शामिल हो रहे हैं। बिहार के प्रमुख हिस्सों का दौरा कर सामाजिक और राजनीति समीकरणों को समझने में जुटे हैं। देवेंद्र ऊजार्वान हैं। पार्टी में उनकी छवि बेहतर मानी जाती है। जिस तरह से पांच साल सफलतापूर्वक उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार चलाई, उससे वह पार्टी के एक बड़े चेहरे बन चुके हैं। चुनावी बिसात बिछाने में माहिर हैं। ऐसे में भाजपा के लिए वह बिहार में सहायक होंगे।"
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि जीएसटी परिषद की 12 अक्टूबर को फिर से बैठक होगी और जीएसटी मुआवजे के लिए उधार के विकल्पों पर राज्य सरकारों और केंद्र के बीच सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। अक्टूबर में फिर से मिलने का फैसला बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी द्वारा लिया गया है। परिषद (काउंसिल) की सोमवार की बैठक में मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो सका।
बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कहा कि केवल 20 राज्यों ने विकल्प-1 को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "हमें आगे बात करने की जरूरत है।"
इससे पहले जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में केंद्र ने राज्य सरकारों को दो विकल्प प्रदान किए थे। पहले विकल्प के तहत क्षतिपूर्ति के लिए राज्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के स्पेशल विंडो से उचित ब्याज दर पर 97,000 करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं। इस रकम को 2022 के बाद के पांच साल में चुकाया जा सकता है। दूसरे विकल्प में राज्यों को कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने का विकल्प दिया गया है।
केंद्र को विकल्पों के बारे में राज्यों के बीच मतभेद है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य पहले विकल्प को अपनाने को तैयार हैं। बाकी राज्य दोनों विकल्पों का विरोध कर रहे हैं। इस वजह से इस मसले पर गतिरोध कायम है।
वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर 2.35 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, क्योंकि केंद्र को कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण जीएसटी उपकर से केवल 65,000 करोड़ रुपये एकत्र होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की 19 वर्षीय दलित युवती के साथ वीभत्स सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में शीर्ष अदालत या हाईकोर्ट के मौजूदा या पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई या एसआईटी जांच की मांग की गई है। जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे और अधिवक्ता विशाल ठाकरे और रुद्र प्रताप यादव ने दायर की है, जिस पर न्यायाधीश ए. एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम के साथ ही प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से निष्पक्ष जांच के लिए उचित आदेश पारित करने का आग्रह किया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा एक मौजूदा या सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराई जाए। इसके साथ ही इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने की भी मांग की गई है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के अधिकारी आरोपियों के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।
दलील में कहा गया कि जब पीड़िता अपने पशुओं के लिए चारा लाने के लिए खेत गई हुई थी, तब उसके साथ दुष्कर्म किया गया और क्रूरता के साथ उससे मारपीट भी की गई। इसमें कहा गया है कि एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की जीभ कटी हुई थी और आरोपियों ने उसकी गर्दन की हड्डी और पीठ की हड्डी भी तोड़ दी थी, जो उच्च जाति के थे।
पीड़िता ने बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पुलिस ने शव का दाह संस्कार करने में जल्दबाजी दिखाई और इस अंतिम प्रक्रिया में पीड़िता के परिजन तक भी शामिल नहीं किए गए। याचिका में कहा गया है कि पुलिस की ओर से यह कहना कि पीड़िता का दाह संस्कार उसके परिवार की इच्छा के अनुसार हुआ है, वह सरासर गलत है।
याचिका में दावा किया गया कि पुलिस ने पीड़िता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया है और इसके बजाय पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों को बचाने की कोशिश की है।
बुलगड़ी, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस के बुलगड़ी में हुई घटना के बाद से लोगों में आपसी व्यवहार पर काफी फर्क पड़ा है। वहीं कुछ समाज के लोगों में बातचीत भी बंद हो गई। हाथरस के बुलगड़ी गांव में कुल करीब 500 लोग हैं, इसमें 5 अलग-अलग समाज के लोग शामिल हैं। दरअसल इस गांव में सबसे अधिक ब्राह्मण और ठाकुर समाज के लोग हैं। वहीं कुल 25 लोग हरिजन समाज के लोग हैं। सालों से यहां लोग आपसी भाईचारे से रह रहें है और हर साल खेतों में धान की बुआई और कटाई भी करते आ रहे हैं। गांव में हुई 19 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद हुई राजनीति के चलते लोगों पर असर पड़ा है। जिसकी वजह से कुछ परिवारों में आपसी दुआ सलाम बंद हो गया है, तो वहीं अभी भी कुछ ऐसे परिवार हैं, जिन्हें इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ा, वो अभी भी अपने खेतों में दूसरे समाज के लोगों को बुलाकर काम दे रहे हैं।
दरअसल हरिजन समाज के लोग इस घटना के बाद से थोड़ा हिचकिचा रहे हैं, वहीं अब घर से बाहर निकलते वक्त जिन दूसरे वर्ग के लोगों से बातचीत होती थी, वो अब बंद हो गई है। गांव में सुबह से रात तक सिर्फ इंसाफ की बात होती है।
गांव के निवासी इंद्रपाल की उम्र करीब 75 वर्ष है और वो गांव के उन 25 लोगों में शामिल हैं, जो एक विशेष वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। उनके अनुसार इस घटना के बाद से दूसरे समाज के लोगों से दुआ सलाम बंद हो गया। हालांकि उनका ये भी मानना है कि कुछ लोग अभी भी उसी तरह व्यवहार कर रहें है, जैसे वो पहले करते थे।
गांव के खेतों में धान की कटाई चल रही है। इंद्रपाल उनके बेटे और नाती-नातिन खेतों में ये काम कर रहे हैं, वहीं जिसका खेत है वो एक ऊंचे वर्ग से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इंद्रपाल ने बताया, "उन्होंने ही हमसे कहा इस घटना में जो होना है वो होता रहेगा, लेकिन तुम आओ काम करो, जीवन यापन करने के लिए समाज नहीं देखा जाता।"
इंद्रपाल ने आरोपी के परिवार के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि, "आरोपी के दादा, पिता और भाई ये सब अच्छे लोग हैं। हम पहले भी अन्य समाज के खेतों में काम करते थे और अब भी कर रहे हैं। पेट पालने में जातिवाद होगा तो भूखे मरने की स्थिति आ जायेगी।"
दरअसल ये जिस शख्श के खेत में काम कर रहे हैं, वो हैं रामदेव तिवारी जो कि इसी गांव के निवासी हैं और इनकी उम्र करीब 70 वर्ष है। रामदेव ने आईएएनएस को बताया, "गांव में इस तरह की घटना हुई, जो कि गलत है, हम कई सालों से सभी साथ रहे हैं और त्योहार भी साथ ही मनाते आ रहे हैं। जो दोषी होगा उसको सजा मिल जाएगी, लेकिन एक घटना की वजह से सालों के व्यवहार तो नहीं छोड़ सकते।"
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें कोविड-19 संकट के दौरान ऋणों की भुगतान अनुसूची पुन: बनाने (वित्तीय पुनर्गठन) की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह के साथ ही न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "भारत सरकार और साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक अतिरिक्त हलफनामे में विभिन्न क्षेत्रों की शिकायतों के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने कोविड-19 महामारी के कारण दी गई छह महीने की मोहलत के दौरान ऋण पर ब्याज वसूलने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने ऋण स्थगन मामले में केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा दायर की गई प्रतिक्रिया पर सोमवार को असंतोष व्यक्त किया, क्योंकि उन्होंने जबाव में कामत समिति की सिफारिश और उस पर कार्रवाई को शामिल नहीं किया था।
शीर्ष अदालत ने कामत समिति की सिफारिशों पर केंद्र से 'स्पेशिफिक' जबाव मांगा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब केंद्र को कामत समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन को स्पष्ट करने के मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। पीठ ने कहा है कि कामत समिति की सिफारिशें का पालन भी पहले भी नहीं किया गया है।
पीठ ने कहा, "इसे हमारे सामने क्यों नहीं रखा गया?"
आरबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी.वी. गिरि ने कहा कि निर्णय उच्चतम स्तर पर लिए गए हैं और सरकार ने छोटे उधारकर्ताओं को हैंड-होल्िंडग का आश्वासन दिया है।
शीर्ष अदालत ने जोर दिया कि आरबीआई को उन सिफारिशों को सार्वजनिक करना चाहिए जिन्हें स्वीकार किया गया है। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख दी है।
केंद्र ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 6 महीने की मोहलत के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर 'ब्याज पर ब्याज' माफ करने का फैसला लिया है। हलफनामे में कहा गया है कि एकमात्र समाधान यही है कि सरकार को चक्रवृद्धि ब्याज की छूट से होने वाले नुकसान का बोझ उठाना चाहिए।
केंद्र ने कहा, 'सावधानी से विचार करने और सभी संभावित विकल्पों को तौलने के बाद, भारत ने छोटे उधारकर्ताओं के लिए हैंड-होल्डिंग की परंपरा को जारी रखने का फैसला किया है।'
बता दें कि 2 करोड़ रुपये तक के ऋणों की श्रेणियों में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, आवास ऋण, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो ऋण, पेशेवर और व्यक्तिगत ऋण शामिल हैं।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी के दिवगंत नेता अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर सकते हैं। उनके पिता भी 14 साल तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे।
रोहन ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि वह डीडीसीए अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ मामलों की सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि अगर रास्ता साफ रहता है तो वह बुधवार को नामांकन दाखिल कर सकते हैं। बुधवार ही नामांकन भरने का आखिरी दिन है।
डीडीसीए के खाली पदों के चुनाव 17 से 20 अक्टूबर के बीच होने हैं।
31 साल रोहन ने आईएएनएस से कहा, "हां, नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन दो-तीन ही बचे हैं। अभी समय है। मैं इसके लिए तैयार हूं। इसमें कोई समस्या नहीं है। मेरी तरफ से कोई रुकावट नहीं है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन कुछ कानूनी केस चल रहे हैं और इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक चुनाव होंगे या नहीं। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। मुझे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने में किसी तरह की समस्या नहीं है। लेकिन मामले कोर्ट में तो सात अक्टूबर ज्यादा दूर लगती है। अगर मैं नामांकन भरता हूं तो मैं सात अक्टूबर को भरूंगा।"
डीडीसीए के सभी समूह जिनकी संख्या पांच है, रोहन के साथ हैं और मौखिक तौर पर उनका साथ देने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन समूहों के मुताबिक, रोहन तभी इस पद के लिए लड़ेंगे जब उनके सामने कोई और चुनाव नहीं लड़ेगा, जिस पर सभी लोग राजी हैं। अभी तक किसी और ग्रुप ने उनके खिलाफ प्रत्याशी उतारने की बात नहीं कही है।
एक सूमह के सदस्य ने कहा, "रोहन जेटली मंगलवार को अपनी टीम का ऐलान करेंगे और बुधवार को अपना नामांकन भरेंगे। हमारे ग्रुप ने उन्हें अपना समर्थन दिया है। जिम्मेदारी उनकी होगी। हम चाहते हैं कि वह डीडीसीए की सफाई करें और इसे एक अच्छी जगह बनाएं। हमारे ग्रुप और बाकी के समूहों ने उनसे कई बार बात की है। रविवार को भी रोहन जेटली ने 30 लोगों के समूह से मुलाकात की।"
डीडीसीए के चुनाव छह पदों के लिए होंगे जिसमें अध्यक्ष के अलावा कोषाध्यक्ष और चार निदेशक हैं।
रजत शर्मा के इस्तीफा देने के बाद से अध्यक्ष पद खाली पड़ा है।
क्रिकेट प्रशासन के नए नियम आने के बाद नए कोषाध्यक्ष का चुनाव होना है। सूत्रों की मानें तो पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभी के करीबी इस पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
सूत्रों ने कहा, "कोषाध्यक्ष पद के लिए हमारे एक प्रत्याशी की योग्यता को लेकर सवाल है। अगर वो शख्स अयोग्य घोषित होता है तो गंभीर के बेहद करीबी रिश्तेदार चुनाव लड़ सकते हैं।"
लखनऊ, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि हाथरस कांड के सहारे राज्य सरकार की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है। सरकार ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। हाथरस कांड में अमन-चौन बिगाड़ने की साजिश करने वालों के खिलाफ पुलिस ने एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज किए। कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
एडीजी प्रशांत का कहना है कि कुछ संगठनों द्वारा हाथरस कांड के सहारे प्रदेश का माहौल और सरकार की छवि बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है। मामले में अलग-अलग थानों में मुकदमे लिखे गए हैं और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ 13 केस दर्ज किए गए हैं।
हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में अमन-चैन बिगाड़ने और जातीय द्वेष फैलाने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार को भड़काने, गलत बयान देने के लिए दबाव बनाने और उन्हें 50 लाख रुपये का प्रलोभन देने की कोशिश करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि हाथरस में प्रशासन की तरफ से विभिन्न राजनैतिक दलों के पांच-पांच लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कई दलों ने नियमों को तोड़ते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कुछ अराजक तत्व सुनियोजित तरीके से अमन-चैन बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की विवेचना की जा रही है। वहीं, विवादित पोस्टर लगाने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एडीजी ने बताया कि इस संबंध में हाथरस के चंदपा थाने में आईपीसी व आईटी एक्ट की 20 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा, अलग-अलग मामलों में हाथरस के चंदपा, सासनी व हाथरस गेट थाने में भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। लखनऊ, मथुरा, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज व अयोध्या में भी 13 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मथुरा में कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं उनके 3-4 अन्य पदाधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत निरुद्घ किया गया है।
एडीजी ने कहा कि पीड़िता और उसके भाई के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए सभी आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। प्रदेश सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी की है।
उनका दावा है कि कुछ संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा प्रदेश में जातीय एवं सांप्रदायिक हिंसा फैलाने और सरकार की छवि खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्मो पर पीड़ित परिवार को भड़काया गया। साथ ही भ्रामक व द्वेषपूर्ण सूचनाओं को प्रसारित करते हुए उन्माद फैलाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
दतिया, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सिंधिया राजघराने पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सिंधिया राजघराना वह है, जब देश के लोग आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब ये लोग अंग्रेजों के जूते-चप्पल उठाकर देश के साथ गद्दारी कर रहे थे। दतिया जिले के भांडेर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित जनसभा में सोमवार को पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव के निशाने पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनका परिवार निशाने पर रहा।
यादव ने कहा कि "कांग्रेस के पच्चीस लोग पार्टी छोड़कर गए हैं, उनके मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं, वे उस राजघराने के हैं, जिसने देश की आजादी की लड़ाई में गद्दारी की थी।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर गए ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार का पुराना इतिहास है, इनकी तीन पीढ़ी का इतिहास है, देश की आजादी का इतिहास है, जब देश आजाद हो रहा था, तब हमारे पुरखे झंडा लेकर लड़ाई लड़ रहे थे, तब सिंधिया और इनके परिवार के लोग अंग्रेजों की जूते-चप्पल उठाकर देश के साथ गद्दारी कर रहे थे। "यह वही सिंधिया परिवार है जो झांसी की रानी के नहीं हुए, वह हमारे क्या होंगे।"
भांडेर की सभा में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी भाजपा की प्रदेश सरकार पर जमकर हमले बोले। उन्होंने कहा, "मुझे कभी पद का लालच नहीं रहा, मुझे मध्यप्रदेश के भविष्य की चिंता थी। मैं प्रदेश के लोगों को ऐसा प्रदेश नहीं सौंपना चाहता था, जिसमें सौदेबाजी की राजनीति हो, इसलिए मैंने अपनी सरकार बचाने व टिकाने के लिए कोई सौदा नहीं किया।"
पटना, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने सोमवार की रात अपने सात प्रयाशियों के नामों की घोषणा कर दी। हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया के इमामगंज से चुनाव लड़ेंगे। हम के प्रवक्ता राजेश पांडेय ने प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए बताया कि सोमवार को पार्टी की एक बैठक में 'हम' के हिस्से में आई सभी सात सीटों के लिए प्रत्याशियों का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष मांझी और प्रधान महासचिव संतोष कुमार सुमन के निर्देश पर सूची जारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी जहां इमामगंज से पार्टी के प्रत्याशी होंगे, वहीं बाराचट्टी से ज्योति देवी, टेकारी से अनिल कुमार तथा मखदुमपुर से देवेंद्र मांझी को प्रत्याशी बनाया गया है।
इसके अलावा जमुई के सिकंदरा से प्रफुल कुमार मांझी को, पूर्णिया के कसबा विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र यादव को तथा औरंगाबाद के कुटुंबा से श्रवण भुइयां को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।
उल्लेखनीय है कि राजग के प्रमुख घटक दल भाजपा और जदयू ने अब तक सीट बंटवारे की अधिाकरिक घोषणा नहीं की है।
बिहार में पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को होगी। दूसरे चरण में 3 नवंबर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणाम 10 नवंबर को निकलेंगे।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| अफगानी प्याज के उत्तर भारत की मंडियों में उतरने से पहले देश की राजधानी दिल्ली में प्याज के दाम में नरमी आ गई है। दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में सोमवार को प्याज के थोक भाव में दो से तीन रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई। अमृतसर के प्याज कारोबारी गौरव ने बताया कि अफगानिस्तान से चली प्याज की बोर्डर पर आ चुकी है, लेकिन मंडियों में अफगानी प्याज के उतरने में अभी दो दिन और लगेंगे।
आजादपुर मंडी के कारोबारी बताते हैं कि मंडी में प्याज की आवक में सुधार हुआ है और मौजूदा भाव पर जितनी मांग है, उतनी आपूर्ति होने लगी है।
कारोबारियों की मानें तो अफगानी प्याज आने के साथ-साथ घरेलू आवक भी आने वाले दिनों में बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि राजस्थान में प्याज की नई फसल उतर गई है जिससे कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) की रेट लिस्ट के अनुसार, शनिवार को मंडी प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये प्रति किलो से 40 रुपये प्रति किलो था जो सोमवार को घटकर 12.50 रुपये से लेकर 37.50 रुपये प्रति किलो पर आ गया।
हालांकि दिल्ली-एनसीआर में प्याज के खुदरा भाव में कोई फर्क नहीं पड़ा है। अभी भी उपभोक्ताओं को 40 से 50 रुपये किलो प्याज खरीदना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र की प्रमुख प्याज मंडी लासल गांव में सोमवार को प्याज का थोक भाव 800 रुपये से 3921 रुपये प्रतिक्विंटल था।
आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान की अलवर मंडी में प्याज की नई फसल उतर गई है और दिल्ली में भी आने वाले दिनों में नई फसल कील आवक बढ़ने वाली है।
उन्होंने बताया कि इस समय दिल्ली में राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र के अलावा गुजरात से भी प्याज की आवक हो रही है और मौजूदा भाव पर जितनी मांग है, उसके अनुरूप आपूर्ति होने लगी है, इसलिए कीमतों में तेजी पर ब्रेक लग गया है।
आजादपुर एपीएमसी के आंकड़ों के अनुसार, मंडी में रविवार को प्याज की आवक 1,083.5 टन थी और सोमवार को भी आवक 285.2 टन दर्ज की गई।
शर्मा ने कहा कि अफगानी प्याज दिल्ली की मंडियों में उतरने में अभी देर है, लेकिन उससे पहले घरेलू आवक बढ़ने लगी है, जो खुशी की बात है।
कारोबारी बताते हैं कि अफगानी प्याज की मांग उसकी क्वालिटी पर निर्भर करेगी। अमृतसर के कारोबारी गौरव ने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाले प्याज की क्वालिटी के साथ-साथ, आयात का खर्च को भी जोड़कर देखा जाएगा कि मौजूदा भाव पर मंगाने में फायदा है या नहीं।
बेंगलुरु, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कर्नाटक कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार और उनके भाई के कई ठिकानों पर सीबीआई द्वारा छापेमारी करने के बाद डीकेएस (डी.के. शिवकुमार) की मां गौराम्मा ने सोमवार को कहा कि "केंद्रीय एजेंसियों को उनके बेटों से बहुत प्यार है।" इसके साथ ही उन्होंने जांच एजेंसियों को अपने प्रयासों के लिए शुभकामनाएं भी दीं। कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक, दिल्ली और मुंबई में सुबह 6 बजे 14 स्थानों पर छापेमारी की।
बेंगलुरु के बाहरी इलाके कनकपुरा में पत्रकारों से बात करते हुए गौराम्मा ने कहा, "वे कई बार उसके लिए छापेमारी कर चुके हैं। यह बस एक और छापा है। इसके बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। वह पहले कई मौकों पर केंद्रीय एजेंसियों के सामने पेश हो चुका है। इसलिए, अब हमारे लिए चिंता की बात नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "एक मां के रूप में मैं सिर्फ एक अनुरोध करना चाहूंगी कि मेरे बेटों को समय पर खाना खाने दें और उन्हें अपनी दवा लेने की अनुमति दें।"
उन्होंने आगे कहा, "यह सर्वशक्तिमान द्वारा एक और परीक्षा है, जो हमारा सख्त इम्तिहान ले रहे हैं। हम इस आरोप से पाक साफ निकलेंगे।"
मुंबई, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| फिल्मकार अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली अभिनेत्री पायल घोष ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को पत्र लिखकर अपने वकील और अपने लिए वाई-स्तरीय सुरक्षा देने की मांग की है। पायल के वकील नितिन सतपुते ने सोमवार को अपने असत्यापित ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और पत्र साझा किया, जिसमें उल्लेख किया था कि आरोपी 'स्वतंत्र रूप से घूम रहा है' और अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है।
अभिनेत्री ने दावा किया कि आरोपी उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है, साथ ही अपने असुरक्षित होने की बात भी कही।
पत्र साझा करते हुए वकील ने लिखा, "आज 5.10.2020 को अनिल देशमुख को पायल घोष और नितिन सतपुते को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पत्र लिखा गया।"
पायल ने हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के दौरान उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग की थी।
हालांकि कश्यप ने सभी आरोपों से इनकार किया है, वहीं पायल का दावा है कि फिल्मकार ने पुलिस के सामने झूठ बोला था। अभिनेत्री ने फिल्मकार का नार्को एनालिसिस, लाई डिटेक्टर और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की भी मांग की है।
नयी दिल्ली, 05 अक्टूबर (वार्ता)। सांसद एवं कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (केआईआईटी) तथा कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्थान (केआईएसएस) के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत का कहना है कि देश में खर्च होने वाली कुल धनराशि का 40 प्रतिशत हिस्सा बच्चों की शिक्षा पर व्यय किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र की बुनियाद को मजबूत किया जा सके।
उन्होंने ‘बाल शिक्षा पर केआईआईएस मॉडल की समझ और नये दौर की शुरुआत’ पर सोमवार को आयोजित एक वेबिनार में कहा कि जब उन्होंने अपना कार्य शुरू किया था तो न उनके पास कोई मजबूत पृष्ठभूमि थी और न ही कोई आर्थिक सहारा था तथा बैंकिंग जगत की भी कोई जानकारी उन्हें नहीं थी। उन्होंने 25 वर्ष की आयु में महज पांच हजार रुपए की शुरुआती पूंजी से शुरुआत की थी।
इस कार्यक्रम में एल्कॉन ग्रुप ऑफ स्कूल के निदेशक डॉ अशोक पांडे और यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) निदेशक मंडल के अध्यक्ष विश्वास त्रिपाठी ने भी शिरकत की। श्री त्रिपाठी ब्राजील,रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाणिज्य उद्योग मंडल के अध्यक्ष भी हैं। श्री त्रिपाठी ने देश के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा को प्रदान करने की योजना में अहम भूमिका निभाई है और उनके विशेषज्ञता क्षेत्रों में प्रबंधन सलाह, कॉरपोरेट सलाह, अंकेक्षण एवं कराधान, निवेश नियोजन और व्यापार सलाहकार सेवा तथा व्यापार विकास शामिल है।
डॉ पांडे को शिक्षा के क्षेत्र में 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है और वह युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।
डॉ सामंत के पिता का निधन महज चार वर्ष की आयु में हो गया था और बचपन में ही उन्हें घोर गरीबी का सामना करना पड़ा था। उनका बचपन ओडिशा के एक दूरदराज गांव में विधवा मां और सात भाई बहनों के साथ बीता। आज वह शिक्षा के क्षेत्र में एक किवदंती बन चुके हैं जो हमेशा मानवता की सेवा में रत हैं तथा समाज सुधार की भूमिका निभा कर गरीबों, वंचितों और हाशिए पर रह रहे लोगों के लिए आशा की किरण बने हुए हैं।
लोकसभा सदस्य श्री सामंत अविवाहित हैं और उनका मानना है कि उनकी सफलता में शक्तियों के विकेन्द्रीकरण ने काफी भूमिका अदा की है। उनका कहना है,“ मेरा कोई पुश्तैनी कारोबार नहीं है लेकिन मैने हमेशा अपने सहकर्मियों पर भरोसा किया है और उन्हें उनकी इच्छानुसार काम करने की छूट दी।”
इसमें वित्तीय निर्णय भी शामिल हैं लेकिन वह प्रत्येक कार्य पर खुद नजर रखते हैं। उनका मानना है कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा और जीवन पर्यन्त सीखने की ललक की अहम भूमिका है और अधकचरा ज्ञान निरक्षर रहने से कहीं अधिक खतरनाक है।
वह पिछले 30 वर्षों से रोजाना 16 से 18 घंटे प्रतिदिन काम कर रहे हैं और कभी थकान नहीं होती है। इसका कारण वह अपनी उस ऊर्जा को मानते हैं जो उन्हें अध्यात्म से प्राप्त होती है। वह एक दूरदृष्टि युक्त समाज सुधारक हैं जिन्होंने 1992 में शिक्षा को सामाजिक विकास का एक साधन बनाया था ताकि लोगों को गरीबी से मुक्त किया जा सके।
उन्होंने ओडिशा में कटक के कालाराबैंक के दूरदराज के एक गांव को स्मार्ट गांव में तब्दील कर दिया है और समूची मानपुर पंचायत को एक मॉडल पंचायत में विकसित किया है। डॉ सामंत का एक ही मकसद है, “ भूख,गरीबी और निरक्षरता को शून्य स्तर पर लाना है।”
केआईआईएस कक्षा एक से स्नातकोत्तर तक छात्रों को मुफ्त आवास, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रदान कर रहा है तथा उन्हें वोकेशनल प्रशिक्षण भी दे रही है। इसी तरह केआईआईटी भी आदिवासी छात्रों को निशुल्क आवास और शिक्षा की सुविधा प्रदान कर रहा है। इसमें अब तक 27 हजार से अधिक छात्रों ने शिक्षा प्राप्त कर देश-विदेश में संस्थान का नाम रोशन किया है।
केआईआईटी इस समय दो हजार बेड का एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल और एक संबद्ध मेडिकल कालेज संचालित कर रहा है और केआईआईएस विश्व में सबसे बड़ा आदिवासी आवासीय संस्थान बन चुका है जिसमें इस समय 30 हजार आदिवासी बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। केआईआईटी और केआईआईएस को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स तथा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया जा चुका है।
नयी दिल्ली, 05 अक्टूबर (वार्ता) । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आ चुकी है और अब भी बहुत बड़ी आबादी पर संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लोगों के कोरोना वायरस कोविड-19 से संक्रमित होने के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे बस एक पहलू हैं क्योंकि इतने वृहद स्तर पर गिनती के सटीक होने की संभावना कम होती है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक पूरी दुनिया में 3,50,78,236 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं तथा अब तक 10,36,104 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ माइकल रायन ने आज कहा ,“ दुनिया के हर दसवें व्यक्ति के कोरोना संक्रमण के चपेट में आने की पूरी संभावना है। हालांकि, शहरी और ग्रामीण इलाकों के अनुसार,संक्रमण की स्थिति बदल सकती है। कुल मिलाकर यह कहना उचित होगा कि दुनिया की बड़ी आबादी पर अब भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। अब हम मुश्किल समय की ओर जा रहे हैं। यह महामारी लगातार फैल रही है।”
उन्होंने कहा,“ दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है और यूरोप तथा पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में संक्रमण और संक्रमण के मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं।”
डॉ रायन ने इससे पहले कहा था कि संक्रमण के जो आंकड़े अभी सामने आ रहे हैं, वे कुल संक्रमितों की संख्या को सटीक नहीं दर्शाते हैं।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| नोकिया इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक दिग्गज टेक कम्पनी 6 अक्टूबर को भारत में अपने स्मार्ट टीवी का नया रेंज लॉन्च करने जा रही है। नए टीवी 32 इंच और 50 इंच के मॉडल हो सकते हैं।
नोकियापावरयूजर के मुताबिक दोनों टीवी को भारत सरकार से बीआईएस सर्टिफिकेट मिल चुका है।
दोनों टीवी एंड्रायड 9.0 के साथ होंगे और इनमें नेटफ्ल्क्सि, प्राइम वीडियो और डिज्नी प्लस हॉटस्टार प्रीलोडेड होंगे।
32 इंच मॉडल फुल एचडी रिज्योल्यूशन के साथ होगा और इसक कीमत 25 हजार के करीब होने का अनुमान है।
इसी तरह 50 इंच का टीवी 35 से 40 हजार रुपये के बीच का हो सकता है।
नागपुर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा न करते हुए 22 वर्षीय एक नेपाली युवती अपहर्ता और दुष्कर्मी के चंगुल से बचकर किसी तरह 900 किलोमीटर दूर नागपुर पहुंची और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दुष्कर्म पीड़िता की दर्दनाक कहानी सुनकर महाराष्ट्र पुलिस ने तुरंत 'जीरो एफआईआर' दर्ज कर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पीड़िता को महिला पुलिस एस्कॉर्ट के साथ लखनऊ भेज दिया।
कोराडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर वजीर शेख ने कहा कि पीड़िता 2018 में काठमांडू से आई थी। वह हाईस्कूल तक पढ़ी है और उत्तर प्रदेश के नोएडा में इवेंट मैनेजमेंट फील्ड में काम करती रही है।
शेख ने आईएएनएस को लड़की के बारे में बताया, "छह महीने तक नोएडा में काम करने के बाद, एक दोस्त सूफी विश्वकर्मा ने बेहतर नौकरी की संभावनाओं का लालच देकर उसे सूरत (गुजरात) बुलाया। वहां सूफी ने उसका परिचय 25 वर्षीय 'राखी भाई' प्रवीण जे. यादव से यह बताकर करवाया कि वह दुबई में काम करने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।"
मार्च में, लॉकडाउन के दौरान जब सूरत में कोरोना के कारण हालात ठीक नहीं रहे, सूफी पीड़िता को लखनऊ ले गया, जहां वह सेमरा इलाके में किराए के फ्लैट में रहने लगी।
शेख ने कहा, "भारत में इतने लंबे समय तक काम करने के बाद पीड़िता ने लगभग 1.50 लाख रुपये बचाय थे, जो उसने सूफी को नेपाल में रह रही अपनी छोटी सौतेली बहन की पढ़ाई के लिए ट्रांसफर करने के लिए दिए थे। मध्य सितंबर में, उसने सूफी को पैसे वापस करने के लिए कहा। लेकिन उसने इनकार कर दिया। उसने नेपाली युवती के साथ झगड़ा किया, मारपीट की। उसका पासपोर्ट ले लिया और घर से निकाल दिया।"
अजनबी शहर में असहाय अवस्था में उसने अपनी आपबीती बताने के लिए दुबई में रहने वाले यादव को फोन किया। यादव ने युवती के लिए पास के ट्रांस होटल में एक कमरा बुक किया।
शेख ने जीरो एफआईआर के हवाले से बताया कि कुछ ही समय बाद, आरोपी यादव ने दुबई से उड़ान भरी और होटल के कमरे में उसके साथ रहने लगा और कथित रूप से तीन दिन तक उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर, वह उसे एक दोस्त के घर ले गया और वहां उसके साथ एक सप्ताह तक दुष्कर्म किया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव ने वीडियो, तस्वीरें ले लीं, युवती का फेसबुक और इंस्टाग्राम पासवर्ड हैक किए और उन्हें उसके परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों को पोस्ट कर दिया।
युवती ने यादव को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, लेकिन उसने डॉन होने और पुलिस को अपनी जेब में रखने का दावा किया।
यह यादव का प्रभाव ही था कि पीड़िता ने एक स्थानीय पुलिसकर्मी को बुलाया, उसे अपनी दुखद कहानी सुनाई, लेकिन पुलिसकर्मी ने यह कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया कि 'यह तुम्हारा निजी मामला है।'
पीड़िता ने महाराष्ट्र पुलिस को बताया कि यूपी पुलिस से न्याय की उम्मीद खो देने पर, उसने कुछ दिनों के लिए अहमदाबाद में एक दोस्त से मिलने और लखनऊ लौटने का नाटक किया, क्योंकि सूफी और यादव ने पहले ही उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। इस जोड़ी ने अनिच्छा से उस पर भरोसा किया और पीड़िता ने चुपचाप नागपुर में फोन कर एक नेपाली दोस्त, मंदिरा अनूप मिश्रा को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाकर मदद मांगी।
शेख ने कहा, "मिश्रा दंपति आसानी से सहमत हो गए और होटल व्यवसायी अनूप मिश्रा ने 29 सितंबर को लखनऊ से नागपुर के लिए लगभग 900 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए एक ओला कैब बुक की और वह अगले दिन यहां पहुंची।"
लखनऊ में पीड़िता ने वकीलों सहित कई लोगों से सलाह ली और अंत में कोराडी पुलिस से संपर्क किया।
शेख ने कहा, "हमने उसे उसके कानूनी अधिकारों के बारे में समझाया और 3 अक्टूबर को जीरो एफआईआर दर्ज की। रविवार को हमने पुलिस की दो सदस्यीय टीम को अन्य औपचारिकताओं के लिए कैब से लखनऊ भेजा। वे उसे फिर नागपुर ले आएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी जोखिम का सामना करने के लिए उसे नहीं छोड़ा जाएगा।
लखनऊ में, स्थानीय पुलिस से तीनों स्थानों का 'पंचनामा बनाने, पीड़िता का मेडिकल कराने, उसके (सूफी और यादव) आरोपियों का पता लगाते हुए एक पूरी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू किए जाने की उम्मीद है।
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कोराडी पुलिस अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।
नागपुर पुलिस की जांच में पता चला कि लखनऊ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से स्नातक यादव को हाल ही में हथियार तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| जामिया में एक स्मार्टफोन-सक्षम पीओसी प्रोटोटाइप विकसित किया गया है। इससे तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता के बिना ही, एक घंटे के भीतर कोरोना होने या नहीं होने का पता लगाया जा सकता है। जामिया मिलिया इस्लामिया के मल्टीडिसिप्लिनरी सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड स्टडीज (एमसीआरएएस) ने अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिल कर कोविड-19 का पता लगाने के लिए यह आरएनए इक्स्ट्रैक्शन फ्री सलाइवा आधारित किट की खोज की है। इस तकनीक का नाम एमआई-एसईएचएटी (मोबाइल इंटीग्रेटेड सेंसिटिव एस्टीमेशन एंड हाई स्पसेफिसिटी एप्लिकेशन टेस्टिंग) है। इसका उपयोग कोविड-19 का पता लगाने में प्वाइन्ट ऑफ केयर (पीओसी) डिवाइस के रूप में घर-घर परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
डॉ. मोहन सी जोशी, सहायक प्रोफेसर (यूजीसी-एफआरपी और डीबीए, वेलकम ट्रस्ट इंडिया अलायंस फेलो), डॉ. तनवीर अहमद, असिस्टेंट प्रोफेसर (यूजीसी-एफआरपी) और डॉ. जावेद इकबाल, रामालिंगस्वामी फेलो (डीबीटी) ने वीएमएमसी (सफदरजंग अस्पताल) के डॉ. रोहित कुमार और वेलेरियन केम लिमिटेड के सीईओ डॉ. गगन दीप झिंगन के साथ मिलकर यह बड़ी खोज की है।
इस टीम के डॉ. मोहन सी जोशी ने नई तकनीक के बारे में बताते हुए कहा, "एक स्मार्टफोन-सक्षम पीओसी प्रोटोटाइप विकसित किया गया है। इससे तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता के बिना ही, एक घंटे के भीतर कोरोना होने या नहीं होने का पता लगाया जा सकता है। ऐसे कठिन समय में जब कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए कम कीमत में किसी व्यक्ति में इसके वायरस के लक्षण को जल्द से जल्द पता लगाना जरूरी हो गया है, उसके लिए यह सलाइवा आधारित किट बहुत कारगर साबित होगा।"
जामिया एमसीआरसी में पीएचडी के छात्र मुहम्मद इकबाल आजमी और इमाम फैजान, ने प्रयोगशाला में सभी प्रयोगों के संदर्भ आधारों को चिह्न्ति किया, जिससे टीम को प्रोटोटाइप विकसित करने में मदद मिली।
नेचुरल साइंसेज फैकल्टी डीन प्रोफेसर सीमी फरहत बसीर, एमसीएआरएस के निदेशक प्रो. एम जुल्फिकार, उप निदेशक, डॉ. एस.एन. काजिम और फैकल्टी के अन्य सदस्यों ने भी इस खोज के काम में बहुमूल्य मदद की।
टीम ने भारत सरकार के बौद्धिक संपदा भारत कार्यालय में अपनी इस नई तकनीक के पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है।
जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा, "यह तकनीक वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक गेम-चेंजर हो सकती है। एमआई-एसईएचएटी सही मायनों में स्मार्ट इनोवेशन का एक बेहतरीन उदाहरण है और आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना का प्रतीक है। एक अनुकूल तकनीक होने के नाते, एमआई-सीएचएटी होम टेस्टिंग को प्रोत्साहित करेगा। कोविड-19 रोगियों की पहचान कर, इस रोग के प्रसार को सीमित करने में बहुत अहम भूमिका निभाएगा।"
प्रो. अख्तर ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा, "जामिया अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की, जो इस घातक वैश्विक महामारी से लड़ने में अपनी भूमिका अच्छे से निभा रहे हैं।
एमसीएआरएस के निदेशक प्रो एम जुल्फिकार ने कहा, "एमआई-सीएचएटी से भारत के ग्रामीण इलाकों में तेजी से स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य-विशेषज्ञों की सेवाओं का विस्तार होगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिकतर गांवों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का अभी काफी अभाव है।"