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भोपाल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए वादा किया है कि, "उप-चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनते ही इन कानूनों को राज्य में लागू नहीं करने का फैसला लूंगा।"
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को कहा कि, "केंद्र और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इस कानून के जरिए पूंजीपति और कॉरपोरेट क्षेत्र को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए बिना किसानों के भविष्य की सोचे ताबड़तोड़ तरीके से प्रदेश में इस कानून को लागू कर दिया गया। किसानों के खिलाफ अमीरों से मिलकर जो साजिशें रची जा रही हैं, उसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करेगी।"
संसद में कृषि कानून पारित करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कमल नाथ ने कहा कि, "संसद में जिस अलोकतांत्रिक ढंग से किसान विरोधी कानून पारित कराए गए हैं, वह भाजपा की मंशा को स्पष्ट करते हैं कि वह सीधे-सीधे इनके जरिए किसानों की कीमत पर बड़े घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है। ये तीनों कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं।"
कमल नाथ ने कहा कि, "मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही किसानों के हित में फैसला लूंगा और इन तीनों कानून को मध्यप्रदेश में लागू नहीं होने दूंगा। साथ ही मंडी टैक्स को न्यूनतम स्तर पर लाया जायेगा और मंडियों का दायरा भी बढ़ाया जायेगा।"
उन्होंने कहा कि, "केंद्र सरकार 23 प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करती है। मगर सिर्फ धान और गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदती है और बहुत सीमित मात्रा में दाल और मोटा अनाज वो भी इसलिए क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित करना होता है और आपात स्थिति के लिए संग्रहित करना होता है। बांकी की फसलों के लिए किसान बाजार के भरोसे होता है।"
उन्होंने कहा कि, "हाल ही में खुद केंद्र सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की रबी 2020-21 की रिपोर्ट में यह आरोप सरकार पर लगाया गया है कि वो किसानों से दाल खरीद कर स्टॉक करती है और जब दाल की फसल आने वाली होती है, तो उसे खुले बाजार में बेंच देती है, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।"
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, "भाजपा दोहरी चाल चरित्र और चेहरे की पार्टी है। इसका ज्वलंत उदाहरण किसान विरोधी कानून हैं। किसानों की आय दोगुना करने का झूठ 15 साल तक शिवराज सिंह चौहान बोलते रहे। असलियत यह है कि आज हमारे किसानों की आय दोगुनी की बजाय आधी ही रह गयी है। केंद्र सरकार वर्ष 2015 में आयी शांताकुमार कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की ओर कदम बढ़ा रही है और देश में समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदने के खात्मे की बुनियाद रख रही है। भाजपा शुरू से ही किसान विरोधी रही है। वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता में आते ही सरकार ने किसानों के हक का भूमि का उचित मुआवजा कानून भी अध्यादेशों के माध्यम से बदलने की कोशिश की थी। मगर कांग्रेस ने किसानों के पक्ष में मुखरता से आवाज उठायी और केंद्र सरकार को उन अध्यादेशों को वापस लेने पर मजबूर किया।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "अन्नदाता किसान जो अथक परिश्रम कर अपना पेट काटकर देश के भोजन का प्रबंध करता है। उसे भाजपा षडयंत्र पूर्वक न केवल कमजोर करने बल्कि उसे कंगाल बनाने में तुली है। कांग्रेस ने तय किया है कि वह भाजपा सरकार की इन कोशिशों को न केवल बेनकाब करेगी, बल्कि उसके मनसूबों को सफल नहीं होने देगी।"
हाथरस, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश हाथरस कांड अभी ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। चारों आरोपियों ने पत्र भेजकर अपने को बेकसूर बताया है। इसके बाद पीड़ित परिवार ने प्रतिक्रिया दी है। परिवार का कहना है कि उसको (पीड़िता) चुपके से जला दिया गया। अब हम लोगों को जहर दे दो। एसपी हाथरस के नाम आरोपियों का पत्र वायरल होने के बाद पीड़ित परिवार ने मीडिया से बाचीत करते हुए कहा कि अब तो हमारे खिलाफ साजिशों का दौर शुरू हो गया है, यह सब सुनाने से बेहतर है कि हमको जहर दे दिया जाए। पीड़िता की भाभी, मां और पिता ने कहा कि हमारे खिलाफ साजिश की जा रही है। भाभी ने कहा कि उसको (पीड़िता) तो जिला व पुलिस प्रशासन ने चुपके से जला दिया। अब हम लोगों को जहर दे दो।
पीड़िता के पिता ने कहा कि हमारे खिलाफ तो लगातार साजिश रची जा रही है। अब पत्र के रूप में एक और बड़ा झूठ सामने आया है। हमारे ऊपर तो रोज आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उन्होंने साफ कहा कि चार में से किसी भी आरोपी से उनकी कभी भी बात नहीं हुई है। न तो इनमें से किसी की भी हमारे लड़के से दोस्ती है। यह चारों तो आतंकी टाइप के हैं, इनसे भला कौन दोस्ती करेगा। इनमें से किसी का भी हमारे घर क्या, घर के आसपास भी आना-जाना नहीं था।
मृत युवती के पिता ने कहा कि चार में से एक आरोपी का नाम हमारे लड़के का भी है। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन की कई जानकारी उनको काफी बाद में मिली।
दो आरोपियों रामू और रवि की मां ने कहा कि हमारे दोनों बेटे निर्दोष हैं। इस केस में उनको बाद में फंसाया गया है। चिट्ठी में जो लिखा है, वह सही होगा लेकिन हमने यह नहीं देखा है कि वह कब युवती से मिलने जाते थे और कब नहीं जाते थे।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के हाथरस केस के मुख्य आरोपी संदीप ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को चिट्ठी लिखकर खुद को बेकसूर बताया है और दावा किया है कि पूरा मामला ऑनर किलिंग का है। संदीप का कहना है कि इस मामले में हम निर्दोष हैं। मेरे रिश्तेदार रवि और रामू को भी फंसाया गया। इसके साथ ही लवकुश का नाम भी डाला गया है। हम चारों निर्दोष हैं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। हाथरस जेल अधीक्षक ने चिट्ठी लिखे जाने की पुष्टि की है। अभी तक एसपी की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
भुवनेश्वर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| ओडिशा सरकार ने गुरुवार को राज्य के प्रमुख मंदिर प्रशासन से कोविड -19 नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। सरकार ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए), पुरी और अन्य प्रमुख मंदिरों को निर्देशित किया कि वे भक्तों के लिए कोविड -19 दिशानिदेशरें का कड़ाई से पालन करने के साथ परिसर में पूजा अर्चना करने देने के लिए कार्य योजना तैयार करें।
सरकार ने जिला कलेक्टरों से सभी हितधारकों के साथ परामर्श करने और अगले 10 दिनों में इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने ट्वीट किया, "राज्य सरकार ने पुरी के मंदिर प्रशासन और राज्य के अन्य प्रमुख मंदिरों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे कोविड नियमों का पालन करने वाले उपासकों के लिए मंदिर खोलने की कार्ययोजना तैयार करें। अगले 10 दिनों में सभी के साथ विचार-विमर्श करने के बाद रिस्पांस कलेक्टर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।"
गौरतलब है कि विभिन्न मंदिरों के पुजारी और सेवादार सरकार से धर्मस्थलों को फिर से खोलने के लिए अनुरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हजारों पुजारी और सेवक कमाई के लिए पूरी तरह से मंदिरों पर निर्भर हैं, लेकिन मंदिरों के बंद होने के कारण उनकी आजीविका दांव पर लगी है।
इसके अलावा ओडिशा हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर की गई हैं, जो राज्य में मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों को फिर से खोलने से जुड़े हैं।
राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को 31 अक्टूबर तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
भाजपा एवं उनके कुछ करीबी उद्योगपति मित्रों की मिलीभगत का खुलासा
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर अपने पसंदीदा कारोबारियों के लिए हजारों करोड़ के एक लौह अयस्क घोटाले का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि लौह अयस्क के निर्यात की शर्तों में ढील देते हुए मोदी सरकार ने ऐसा इंतजाम किया कि देश के कुछ कारोबारियों ने 12 हजार करोड़ रूपए का निर्यात शुल्क चुरा लिया।
इस आरोप को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज मीडिया के सामने कहा- केन्द्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 6 सालों में बार-बार ऐसे उदाहरण दिए हैं जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि मोदी सरकार सिर्फ अपने कुछ चुनिंदा अमीर दोस्तों के लिए सत्ता में आई है। हवाई अड्डों से लेकर बंदरगाहों तक, टेलिकम्यूनिकेशन से लेकर नवरत्न कंपनियां और यहां तक की भारत का गौरव मानी जाने वाले भारतीय रेल तक मोदी सरकार अपने दोस्तों पर लूटाने पर सदैव तत्पर दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा- यह सरकार भूल जाती है कि देश और देश के भीतर इन तमाम संस्थानों का निर्माण कुछ मु_ी भर पूंजीपतियों ने नहीं किया बल्कि इस देश का निर्माण एक-एक भारतवासी की मेहनत और खून-पसीने से हुआ है। जिस देश को हर देशवासी ने बनाया हो उसे चंद अमीरों के हाथों में बिकता देख दुख होता है।
श्री खेड़ा ने कहा- आज खनन क्षेत्र में हुए एक बहुत बड़े घोटाले की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। 2014 से पहले लौह अयस्क (कच्चा लोहे) का निर्यात सिर्फ एमएमटीसी द्वारा ही किया जाता था। और एमएमटीसी भी सिर्फ वह लौह अयस्क निर्यात कर सकती थी जिसमें 64 प्रतिशत लोहे की संकेन्द्रण इससे ऊपर के स्तर का लोहा बेचने से पहले एमएमटीसी को भी सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी। जिबकी एमएमटीसी में 89 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है। लौह अयस्क के निर्यात पर 30 प्रतिशत निर्यात शुल्क भी लगता था। यह इसलिए किया जाता था ताकि उम्दा स्तर का लोहा देश में ही रहे और देश के स्टील प्लांट के उपयोग में आए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा- 2014 में जब मोदी सरकार आई तो यह तमाम नियम कानून आनन-फनन में बदल दिए गए। स्टील मंत्रालय ने सबसे पहले तो 64 प्रतिशत लौह संकेन्द्रण का नियम बदला और कुद्रेमुख आयरन ओर कंपनी लिमिटेड (केआईओसीएल) को चीन, ताइवाइन दक्षिण कोरिया और जापान में लौह अयस्क निर्यात की अनुमति दी। इसके अलावा मंत्रालय ने नीति में एक और परिवर्तन करते हुए यह घोषणा की कि लौह अयस्क पर तो 30 प्रतिशत निर्यात शुल्क जारी रहेगे लेकिन अगर यह लौह अयस्क छर्रों के रूप में निर्यात किया जाए तो उस पर कोई निर्यात शुल्क लागू नहीं होगा। निर्यात करने की अनुमति केआईओसीएल को प्राप्त थी लेकिन 2014 से अब तक कई निजी कंपनियों ने छर्रों के माध्यम से हिन्दूस्तान का लौह अयस्क निर्यात करना शुरू कर दिया। इस पर शुल्क के रूप में हजारों करोड़ रूपये की चोरी हुई ।
उन्होंने कहा- अनुमान यह है कि इन निजी कंपनियों ने 2014 से अब तक लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का लौह अयस्क निर्यात किया है। स्मरण रहे इन कंपनियों के पास लौह अयस्क को निर्यात करने की अनुमति नहीं थी। निजी क्षेत्र की वह कंपनियों जिनके पास अपने उपयोग के लिए लौह अयस्क की खदानें थी उन्होंने भी मौके का फायदा उठाते हुए स्टील मंत्रालय और केन्द्र सरकार की नाक के नीचे उम्दा लौह अयस्क का निर्यात छर्रो के माध्यम से किया।
श्री खेड़ा ने कहा- ऐसा करने से न केवल भारत के बेशकीमती प्राकृतिक संसाधन को लुटाया गया बल्कि 12,000 करोड़ रूपये का निर्यात शुल्क भी चोरी किया गया। विदेशी व्यापार (विकास और विनियमन) एक्ट 1992 के तहत इन कंपनियों पर लौह अयस्क छर्रों के गैर कानूनी निर्यात पर 2 लाख करोड़ का जुर्माना बनता है।
उन्होंने कहा- 10 सितंबर 2020 को कानून मंत्रालय ने पत्र (संलग्न) के माध्यम से यह स्पष्ट भी किया कि छर्रों के निर्यात की अनुमति केआईओसीएल को है और उसके अलावा जितनी भी कंपनियों इस्तेमाल कर रहे हैं वह गैर कानूनी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा-यह न केवल विदेशी व्यापार (विकास और विनियमन) एक्ट 1992 के तहत गैर कानूनी है बल्कि कस्टम एक्ट 1962 के तहत भी यह गंभीर अपराध माना जाता है।
हम केन्द्र सरकार से यह जानना चाहते हैं-
1. उच्च गुणवत्ता के लौह अयस्क जिसमें 64 प्रतिशत से ज्यादा लोहे का संकेन्द्रण हो के निर्यात की अनुमति क्यों दे दी गई ?
2. वह कौन सी कंपनियां हैं जिन्होंने 2014 से लेकर अब तक बिना अनुमति के लौह अयस्क का निर्यात किया? उनके नाम सार्वजनिक किए जाए।
3. 2014 से लेकर अब तक क्या सरकार ने, क्या सरकार की किसी भी जांच एजेंसी ने लौह अयस्क के गैर कानूनी निर्यात को लेकर किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी की जांच की ?
4. केन्द्र सरकार ने अपने किसी मंत्री अथवा इससे संबंधित अधिकारी जिन्होंने यह गैर कानूनी निर्यात होने दिया पर क्या कार्यवाही हुई ?
5. इस 2 लाख करोड़ के घोटाले में देश के बेशकीमती प्राकृतिक संसाधनों की खुली लुट हुई है इसकी नैतिक जिम्मेदारी नरेन्द्र मोदी जी किस पर टालेंगे।
हम इन तमाम प्रश्नों के उत्तर सरकार से पूछते हैं।
हाथरस, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में हर रोज एक नया मोड़ सामने आ रहा है। चारो आरोपियों ने एसपी हाथरस को पत्र लिखकर अपने को निर्दोष बताया है। यह पत्र तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एसपी को भेजी गई चिट्ठी में चारों आरोपी संदीप, रामू, रवि और लवकुश के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान भी हैं। जेलर आलोक सिंह ने बताया कि पत्र हाथरस एसपी को भेज दिया गया है।
हाथरस केस में आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक को लिखी चिट्ठी में खुद को झूठे मामले में फंसाए जाने की दलील दी है। आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में वारदात के पूरे घटनाक्रम को बताया है।
मुख्य आरोपी ने चिट्ठी में यह भी दावा किया कि उसकी मृत युवती के साथ दोस्ती थी, जिस पर उसके परिवार को एतराज था। घटना वाले दिन के बारे में आरोपी का कहना है कि वह उस दिन मिलने खेत पर गया था लेकिन बाद में वह युवती के भाई व मां के कहने पर घर वापस लौट आया था और अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिला रहा था। मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में मृत युवती के भाई और उसकी मां पर युवती के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। उसने कहा, हम लोगों की फोन पर बात होती थी। इसी वजह से उस दिन मां और भाई ने लड़की की पिटाई की थी। यह लोग भी मौके पर बाद में पहुंचे थे। उन्हें पानी भी पिलाया था, लेकिन उल्टा उन्हें ही फंसा दिया गया। चारों आरोपियों ने इस मामले में पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में बताया कि इस केस में आरोपी बनाए गए रवि और रामू उसके परिवार से ताल्लुक रखते हैं और रिश्ते में उसके चाचा हैं।
इनका कहना है कि उस दिन मृत युवती की पिटाई मां और भाई ने की थी। आरोपियों ने यह भी बताया है कि उनकी मृत युवती से दोस्ती और काफी देर फोन पर ओर बात करने की वजह से उसको भाई व मां ने पीटा है। इतनी बुरी तरह पीटा है, इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं थी। इन लोगों ने कहा कि, घटना वाले दिन भी हमारी मृत युवती से मुलाकात हुई थी। इस दौरान लड़की की मां तथा भाई के कहने पर मैं वहां से चला गया। हमारी फोन पर बात होती थी, लेकिन हमने कभी उसको न तो मारा-पीटा और न ही उसके साथ गलत काम किया।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह के अनुसार, जेल मैनुअल के मुताबिक किसी भी बंदी को जेल से बाहर चिट्ठी भेजने का अधिकार है। बुधवार को दोपहर में यह चिट्ठी लिफाफा बंद कराकर उपलब्ध कराई गई जो शाम तक हाथरस के एसपी को दी गई।
भोपाल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा बुलाई जाने वाली जनसभाओं में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए 100 से ज्यादा लोगों को बुलाने की छूट रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 100 लोगों को सभा में बुलाने की सीमा को खत्म कर दिया है। राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि भारत सरकार की कोरोना संक्रमण को लेकर नई गाइडलाइन आई है। उसमें परिवर्तन हुआ है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, जो चुनावी सभाएं होंगी प्रदेश के अंदर, उन सभाओं में 100 व्यक्तियों के जमा होने की सीमा अब समाप्त कर दी गई है।
उन्होंने आगे बताया कि गाइडलाइन के अनुसार, 100 लोगों की सीमा समाप्त की गई है लेकिन जो आवश्यकताएं हैं, प्रतिबंध हैं, मास्क है, सोशल डिस्टेंसिंग है, सैनिटाइजर का उपयोग, वो सब पूर्ववत जारी रहेंगी।
ज्ञात हो कि राज्य के 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले है। केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण तय की गई गाइडलाइन में राजनीतिक कार्यक्रमों में अधिकतम 100 लोगों की संख्या सीमा तय की थी। इस संख्या सीमा को अब खत्म किया गया है ।
बदायूं (उत्तर प्रदेश), 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| उप्र के हजरतपुर गांव में एक पांच साल की दलित बच्ची से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। आरोपी पीड़िता का अपना चाचा है। पीड़िता को अत्यधिक रक्तस्राव होने के बाद अपना अपराध छिपाने के लिए आरोपी ने उसके अंगों पर मोबिल तेल डालकर स्राव रोकने की कोशिश की। पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्ची अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी, तभी 35 वर्षीय आरोपी उसे पड़ोस में अपने घर ले गया।
पीड़ित बच्ची द्वारा पेट में अत्यधिक दर्द की शिकायत करने के बाद उसके परिवार को घटना के बारे में पता चला। उसे एक डॉक्टर के पास ले जाया गया, जिसके बाद दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
आरोपी पर आईपीसी की धाराओं और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लड़की के परिवार को सरकारी लाभार्थी योजना के तहत 3 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं, क्योंकि वे 'बहुत गरीब' हैं।
जिला मजिस्ट्रेट कुमार प्रशांत ने लड़की के परिवार को मदद करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में कहा, "हमने सुनिश्चित किया है कि उनका राशन कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाए और खेत की जमीन का एक टुकड़ा पट्टे पर प्रदान किया जाए।"
बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने गुरुवार को कहा, "आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और लड़की को उचित इलाज मिल रहा है। उसकी हालत स्थिर है। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।"
उन्होंने आगे कहा कि सर्कल अधिकारी मामले की जांच करेगा और चार्जशीट जल्द ही दायर होने की उम्मीद है।
एसएसपी ने कहा, "हमारे पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हम फास्ट-ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल सुनिश्चित करेंगे।"
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| पिछले साल बालाकोट में संचालित अभियान में शामिल भारतीय वायु सेना के तीन अधिकारियों को गुरुवार को 88वें वायु सेना दिवस के अवसर पर वीरता पदक से सम्मानित किया गया। युद्ध सेवा पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों में स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल, ग्रुप कैप्टन हंसल सीक्वेरा और ग्रुप कैप्टन हेमंत कुमार वडस्रा शामिल हैं।
युद्ध क्षेत्र में आसाधारण सेवा व कर्तव्यों के निर्वहन के मद्देनजर युद्ध सेवा पदक दिए जाते हैं।
स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल भारतीय वायु सेना की एक फाइटर कंट्रोलर हैं। वह उस टीम का हिस्सा थीं, जिसने साल 2019 में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान का नेतृत्व किया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला बोला था। भारत में किए गए इस आतंकी हमले में कुल 40 सैनिक शहीद हुए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को किए गए हमले की जिम्मेदारी ली थी।
भारतीय वायु सेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को वायु सेना के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पीलीभीत, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के सुंदर नगर गांव के पास सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 49 वीं बटालियन के जवानों और नेपाली नागरिकों के बीच संघर्ष होने की खबर है, जिसके कारण क्षेत्र में तनाव फैल गया है। ये संघर्ष मंगलवार को होने की सूचना मिली है।
एसएसबी के नौजला सीमा चौकी के प्रभारी उज्जवल सिंह ने कहा कि एसएसबी ने सोमवार को नेपाल से आ रहे एक ट्रक को जब्त किया था। ट्रक में 24.55 लाख रुपये मूल्य के सौंदर्य प्रसाधन थे। नौजालहा गांव के एक विक्रम चक्रवर्ती को तस्करी के लिए गिरफ्तार भी किया गया है।
इसके बाद बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक सीमा पर जमा हो गए, जो कि बंदरबोझ गांव में सिंचाई पाइपलाइन फटने के कारण किसी व्यक्ति की जमीन पर जलभराव का विरोध करने आए थे। लेकिन उनका मकसद एसएसबी की कार्रवाई का विरोध करना था।
मामले को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल को बुलाना पड़ा।
एसएसबी अधिकारियों का मानना है कि जलजमाव के साथ सीमा की जांच के चलते कुछ नेपाली नागरिकों को परेशानी हुई क्योंकि यह रास्ता भारत में माल की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अब यहां से आना-जाना मुश्किल हो गया है, क्योंकि रास्ते में फिसलन है।
ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि कुछ नेपाली नागरिकों ने पुलिस की उपस्थिति में दो एसएसबी जवानों के मोबाइल फोन छीन लिए ताकि उन्हें सीमा पर अपमानजनक ²श्य की वीडियो-रिकॉडिर्ंग करने से रोका जा सके। हालांकि, एसएसबी ने घटना की पुष्टि नहीं की।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कोरोनावायरस के खिलाफ लोगों की लड़ाई पर जोर देते हुए जिंदगियां बचाने में जुटे कोविड वारियर्स की भूमिकाओं की सराहना की। मोदी ने ट्वीट किया, "भारत में कोविड-19 की लड़ाई लोगों द्वारा जारी है और इसे हमारे कोविड वारियर्स से बहुत ताकत मिलती है। हमारे सामूहिक प्रयासों ने कई लोगों की जान बचाई है। हमें गति को जारी रखना है और अपने नागरिकों को वायरस से बचाना है।"
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "आइए कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट हों। हमेशा याद रखें, मास्क जरूर पहनें, हाथ साफ करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, दो गज की दूरी रखें। एक साथ हम सफल होंगे और एकसाथ हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विजयी होंगे।"
भारत में कोविड-19 के कुल 68,35,655 मामलों के साथ 68 लाख का आंकड़ा पार हो चुका है और अब तक 1,05,526 लोग मारे गए हैं। प्रधानमंत्री का ट्वीट इसी के मद्देनजर आया है।
हाथरस, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस मामले में पुलिस ने कांग्रेस के दलित नेता श्योराज जीवन के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। जीवन को हाथरस के बुलगड़ी गांव में स्थानीय लोगों को उकसाने की कोशिश करते हुए कैमरे में कैद किया गया था। जिसके बाद उनके खिलाफ ये मामला दर्ज किया गया। कांग्रेस नेता को वीडियो में कथित रूप से देखा गया था, जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया कि कांग्रेस ने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए हाथरस की घटना का इस्तेमाल किया।
वह हाथरस में पीड़ित परिवार और पूरे वाल्मीकि समुदाय को उकसाने के लिए भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।
जीवन केंद्रीय कैबिनेट में पूर्व राज्य मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के राष्ट्रीय सचिव हैं।
हाथरस पुलिस ने श्योराज जीवन पर राजद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है और उनसे पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है।
मामला बुधवार रात को दर्ज किया गया।
दलित कांग्रेस नेता ने हालांकि सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने दावा किया कि वह पीड़ित परिवार से 19 सितंबर को मिले थे जब पीड़िता जे.एल.एन. अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी।
हालांकि, उन्हें वीडियो में यह कहते हुए देखा गया कि हाथरस में बड़े पैमाने पर जाति आधारित दंगे भड़काने की तैयारी की गई है। उन्होंने कथित तौर पर यह भी स्वीकार किया कि उनकी जमीनी कार्रवाई इतनी मजबूत थी कि आगामी हिंसा को कोई नहीं रोक सकता था।
वीडियो क्लिप में जीवन ने बड़े नेताओं का भी नाम लिया है जो हाथरस मामले में अशांति पैदा करने के लिए कांग्रेस पार्टी की पहल का हिस्सा होंगे।
राहुल गांधी तब हाथरस आएंगे जब चारों ओर से गोलियां चलने लगेंगी, जीवन को यह कहते हुए कैमरे पर दिखाया गया है।
कांग्रेस नेता को यह कहते हुए देखा गया कि, दोनों पक्ष से दो लोगों को मरना चाहिए। एक नेता को मरना चाहिए या किसी आम आदमी को। भयंकर झड़प होगी, इसे कोई नहीं रोक सकता। यह एक खूनी लड़ाई होगी। कोई भी दंगों को रोक नहीं सकता है, जिस तरह से स्थिति पनप रही है। क्योंकि वाल्मीकि समाज एक लड़ने वाला समुदाय है। कई लोग मारे जाएंगे।
बिना जीवन का नाम लिए वीडियो का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे तत्व हैं जो अपने भड़काऊ बयानों के जरिए माहौल को भड़काकर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले में जहां योगी सरकार दंगे कराने की साजिश की थ्योरी दे रही है, वहीं दूसरी तरफ पीड़िता का परिवार लगातार मिल रही धमकियों की वजह से खौफ के साये में है। डर का आलम ये है कि पीड़िता का परिवार अब गांव छोड़ना चाहता है। आज तक की खबर के अनुसार पीड़िता के पिता और भाई का कहना है कि वो लगातार मिल रही धमकियों के कारण डर में जीने को मजूबर हैं। आरोपियों के परिवार की तरफ से उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
खबर के अनुसार परिवार ने कहा कि हादसे के बाद से गांव में भी कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है। हादसे के बाद से किसी ने पानी तक नहीं पूछा। परिवार ने कहा कि यहां तक कि मदद करने के बजाय लोग हमसे दूरी बना रहे हैं। आरोपियों की तरफ से दबाव बढ़ता जा रहा है। इसलिए हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। हम किसी रिश्तेदार के यहां चले जाएंगे।
हाथरस पीड़िता के पिता ने डरते हुए बताया कि हमें यहां मौत दिखाई दे रही है। गांव के लोग डर की वजह से हालचाल पूछने तक नहीं आ रहे हैं। पिता ने कहा कि सोच रहे हैं कि कहीं नाते रिश्तेदारी में चले जाएं। कहीं भी चले जाएंगे भीख मांगकर खाएंगे, पर जिंदा तो रहेंगे। वहीं पीड़िता के बड़े भाई ने कहा कि यहां रहना मुश्किल हो गया है। छोटे भाई को मारने की धमकी दी जा रही है। पीड़िता के छोटे भाई ने कहा कि कोई हमें पूछने भी नहीं आया।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप की घटना सामने आई थी। लड़की के साथ बुरी तरह मारपीट भी की गई थी, जिसमें उसकी जीभ काट दी गई थी, रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी और गर्दन मरोड़ दी गई थी। अलीगढ़ में लंबे इलाज के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया था, जहां लड़की का निधन हो गया था। इसके बाद यूपी पुलिस ने रात के अंधेरे में ही परिवार की गैरमौजूदगी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसकों लेकर काफी विवाद हुआ था।(navjivan)
दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में आज इस वक़्त 88वां वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है।
समारोह में आकाश मिसाइल, ध्रुव हेलिकॉप्टर, मिराज-2000, जगुआर, तेजस, सुखोई-30, एमकेआई रोहिणी रडार सिस्टम, अपाचे हेलिकॉप्टर, और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान शामिल हैं।
प्रयागराज, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस पीड़िता के परिवार के सदस्यों की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि जिला प्रशासन ने उन्हें उनके घर में अवैध रूप से कैद कर रखा है। कोर्ट से जिला प्रशासन को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 'परिवार के सदस्यों को अवैध कैद से मुक्त किया जाए और उन्हें अपने घर से बाहर निकलने और लोगों से मिलने की अनुमति दी जाए।'
पीड़िता के परिवार द्वारा दायर इस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के लिए उसे 8 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया गया है।
पीड़िता के पिता ओम प्रकाश, पीड़िता की मां, दो भाइयों और परिवार के दो अन्य सदस्यों ने याचिका दायर की है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 29 सितंबर को जिला प्रशासन ने याचिकाकतार्ओं को उनके घर में अवैध रूप से कैद कर दिया है और तब से उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
आगे यह भी आरोप लगाया गया है कि "हालांकि, बाद में कुछ लोगों को याचिकाकतार्ओं से मिलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जिला प्रशासन अभी भी उन्हें (याचिकाकतार्ओं) को अपने घर से अपनी इच्छानुसार बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रहा है।"
इस याचिका में याचिकाकतार्ओं ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें स्वतंत्र रूप से मिलने या संवाद करने से रोका जा रहा है, जिससे उनकी स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के साथ-साथ सूचना प्राप्त करने के अधिकार का भी उल्लंघन हो रहा है।
वहीं याचिका में खुद को अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत का राष्ट्रीय महासचिव होने का दावा करते हुए एक व्यक्ति सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि उन्हें याचिकाकतार्ओं ने टेलीफोन पर संपर्क कर सारी जानकारी दी और उनकी ओर से ही उन्होंने याचिका दायर की है।
किसी व्यक्ति को अवैध रूप से कैद करने पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हाईकोर्ट में दायर की जाती है।
कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अगर कोर्ट को पता चलता है कि व्यक्ति अवैध रूप से कैद में है, तो न्यायाधीश उस व्यक्ति की रिहाई का आदेश दे सकते हैं।
नई दिल्ली: गैस क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाते हुये सरकार ने बिना नियमन वाले क्षेत्रों से निकलने वाली गैस को बेचने की पूरी तरह से छूट दे दी. इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को फायदा होगा और वह अपनी सहयोगी कंपनियों को गैस की बिक्री कर सकेंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गैस मूल्य की खोज के लिये एक मानक इलेक्ट्रानिक- बोली प्रक्रिया को मंजूरी दी गई. Also Read - जियो ने विकसित की ‘स्वदेश निर्मित’ 5जी प्रणाली, देश को ‘2जी-मुक्त’ बनाने का लक्ष्य
सरकार ने 2016 से लेकर 2019 के बीच सभी क्षेत्रों को मूल्य तय करने की आजादी दे दी थी. हालांकि, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और आयल इंडिया लिमिटेड (आयल) को नामांकन आधार पर दिये गये क्षेत्रों को इसमें शामिल नहीं किया गया था. मूल्य निर्धारण की आजादी दी गई लेकिन गैस बिक्री को लेकर कई तरह के प्रतिबंधों को जारी रखा गया. गैस उत्पादक उससे जुड़ी सहयोगी कंपनियों को गैस की बिक्री नहीं कर सकते थे और कई मामलों में तो सरकार द्वारा नामित किसी अधिकारी को ही गैस उठाने को प्राधिकृत कर दिया गया था. इससे प्रतिस्पर्धा में रुकावट आई और दाम भी कृत्रिम रूप से नीचे रहीं . Also Read - कर्जमुक्त हुई रिलायंस इंडस्ट्रीज, मुकेश अंबानी ने 9 माह पहले ही शेयरधारकों से पूरा किया वादा
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने यहां सेवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने प्राकृतिक गैस विपणन के क्षेत्र में सुधारों को मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा कि इससे ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उन्हें नामांकन आधार पर दिये गये गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं होगा. इनके लिये हाल ही में 1.79 डालर प्रति इकाई (प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) की दर तय की गई है. Also Read - रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त कंपनी बनने ओर अग्रसर, कुछ सप्ताह में अच्छा-खासा धन जुटाया
उन्होंने कहा कि सीसीईए ने पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी ई- बोली के जरिये गैस का मूल्य खोज निकालने के लिये एक मानक प्रक्रिया को भी मंजूरी दी है. इसके साथ ही गैस उत्पादक कंपनी की सहायक इकाइयों को भी बोली प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति होगी. जिन गैस क्षेत्रों के उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) में गैस विपणन की पूरी आजादी का प्रावधान किया गया है उन क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की मार्केटिंग को पूरी आजादी दी गई है. इससे वेदांता के स्वामित्व वाली केयर्न और फोकस एनर्जी जैसी कंपनियों को फायदा होगा. ये कंपनियां अब किसी को भी गैस की बिक्री कर सकेंगी.
प्रधान ने कहा कि प्राकृतिक गैस विपणन क्षेत्र में किये गये इस सुधार से गैस के मौजूदा 8.40 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन (एमएमएससीएमडी) में 4 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन उत्पादन को और जोड़ने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि गैस उत्पादक कंपनी द्वारा खुद की गैस को खरीदने के मामले पर रोक जारी रहेगी ताकि इसमें किसी तरह का एकाधिकार नहीं हो सके. हालांकि, इन कंपनियों की अनुषंगी कंपनियों को गैस मूल्य खोज के लिये होने वाली नीलामी में बोली लगाने की अनुमति होगी.
पिछले साल ही रिलायंस और उसकी भागीदारी बीपी ने अपने केजी-डी6 ब्लॉक से 50 लाख घनमीटर गैस प्रतिदिन की बोली निकाली थी जिसमें एस्सार और जीएसपीसी सफल रहीं. हालांकि, रिलायंस और बीपी खुद इस गैस को खरीदने के लिये तैयार थी लेकिन नियमों के तहत वह ऐसा नहीं कर पाये. अब रिलायंस और बीपी का संयुक्त उद्यम इंडिया गैस साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड गैस बिक्री में बाली लगाने और खरीदारी करने की हकदार होगी.(india)
चंडीगढ़ : नवजोत सिंह सिद्धू की भाजपा में घर वापसी हो सकती है. भाजपा नेता इसके संकेत दे रहे हैं लेकिन सिद्धू इस मुद्दे पर मौन हैं. सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में छतीस का आंकड़ा रहा है और कई बार यह मुद्दा कांग्रेस आलाकमान के भी संज्ञान में लाया गया है. सिद्धू अकाली दल के खिलाफ रहे हैं. वह जब भाजपा में थे तब आलाकमान पर अकाली दल से नाता तोड़ने के लिए दवाब बना रहे थे. जब उनकी बात अनसुनी की गई तो वे भाजपा से अलग हो गए.
अब जबकि अकाली दल खुद भाजपा का साथा छोड़कर अकाली दल से अलग हो चुका है तब सिद्धू के लिए भाजपा में घर वापसी का रास्ता साफ है. पंजाब के मोगा से रविवार को राहुल गांधी की किसान बचाओ रैली की शुरूआत हुई थी. सिद्धू भी इस रैली में शामिल हुए। लेकिन अगले दिन सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू राहुल के मार्च से गायब रहे. संगरूर और पटियाला की रैली में सिद्धू शामिल नहीं रहे. दरअसल सिद्धू ने राहुल के मंच से ही पंजाब सरकार पर निशाना साधा. इस कारण मुख्यमंत्री नाराज बताए जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि सोमवार को सिद्धू को रैली में नहीं बुलाया गया.
इस बीच पंजाब के भाजपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मास्टर मोहन लाल ने दावा किया है कि नवजोत सिद्धू की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है और वह 2022 का चुनाव भाजपा से लड़ेंगे. मास्टर मोहन लाल ने दावा किया है कि नवजोत सिद्धू के साथ बातचीत जारी है. वह 2022 का चुनाव भाजपा से लड़ें.
मास्टर मोहन लाल ने कहा कि सिद्धू 2014 में अमृतसर लोकसभा सीट से अपना टिकट कटने और अरुण जेटली के चुनाव मैदान में उतरने से नाराज थे. इसके अलावा सिद्धू दंपती खुलकर भाजपा को अकाली दल से नाता तोड़ने की बात कह रहे थे. अब सिद्धू की दोनों शर्तें पूरी हो गई हैं, इसलिए उनकी भाजपा में घर वापसी का रास्ता साफ है.
आपको बता दें कि लंबे वक्त के बाद पिछले दिनों मंच पर आए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, राहुल गांधी की मौजूदगी में पंजाब के कांग्रेस नेताओं को असहज कर गए थे. उन्होंने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के साथ-साथ अपनी ही पंजाब सरकार को भी घेरने का काम किया था.(encounterindia)
"मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा. हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है."
बिहार पुलिस के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने ये बयान फ़ेसबुक पर जारी किया है. इसके पहले जेडीयू ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, इसमें गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं था.
इस लिस्ट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय और मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले से चर्चा में आईं मंजू वर्मा का नाम शामिल है.
बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने बीते महीने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और उसके बाद वो बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे.
राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पुलिस बल से रिटायर होकर वो राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते हैं. माना जा रहा था कि वो चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार बन सकते हैं.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बयानों से देश भर में चर्चा का केंद्र बने गुप्तेश्वर पांडेय का नाम जेडीयू उम्मीदवारों की सूची में नहीं आया तो इसे लेकर भी सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा हुई. बाद में पांडेय ने फ़ेसबुक पर बयान जारी किया.
इन चर्चित नामों को मिला टिकट
जेडीयू उम्मीदवारों की सूची में जो चर्चित नाम शामिल हैं उनमें लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय का नाम भी शामिल है.
चंद्रिका राय इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल में रह चुके हैं. वो आरजेडी से मंत्री भी रहे थे.
चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या की शादी तेज प्रताप से हुई थी. बाद में इस रिश्ते में विवाद शुरू हो गया. चंद्रिका राय ने अपनी बेटी के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए लालू की पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी और बेटे पर मामला भी दर्ज कराया था. इसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था और जेडीयू में शामिल हो गए थे.
भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जेडीयू ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले से चर्चा में आईं मंजू वर्मा को भी उम्मीदवार बनाया है.
बालिका गृह मामले में मंजू को मंत्री पद गंवाना पड़ा था. अब इन्हें चेरियाबरियारपुर से फिर टिकट मिला है.(bbc)
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यकारी निदेशक एम. राजेश्वर राव को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है। नियुक्ति समिति ने बुधवार को राव को डिप्टी गवर्नर बनाए जाने का अनुमोदन किया है।
राव वर्तमान में केंद्रीय बैंक के साथ एक कार्यकारी निदेशक हैं।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के एक नोटिफिकेशन में कहा गया है, "मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के पद पर भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक एम. राजेश्वर राव की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।"
राव आरबीआई एन. एस. विश्वनाथन की जगह लेंगे। यह पद छह महीने से यह पद खाली पड़ा हुआ था। विश्वनाथन 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए थे।
अयोध्या, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद भक्त अपनी श्रद्घा के अनुसार कुछ न कुछ भेंट कर रहे हैं। इसी बीच बुद्धवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम् से 4500 किलोमीटर की यात्रा कर लाया गया एक 613 किलो का घंटा रामलला को भेंट किया गया है। इस घंटे की खास बात है कि इसकी ध्वनि कई किलोमीटर तक सुनाई देती है। इसे लीगल राइट काउंसिल ने भेंट किया है।
यह विशेष घंटा तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी मांडा लेकर आई हैं। राजलक्ष्मी बुलेट रानी के नाम से देश में मशहूर हैं। वे विश्व की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने 9़5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। रामरथ पर रखकर यह घंटा अयोध्या लाया गया है। 17 सितंबर को रामरथ यात्रा की शुरुआत हुई थी, जो 7 अक्टूबर को 21 दिन में 10 राज्यों से होकर अयोध्या में पूरी हुई।
राजलक्ष्मी ने बताया कि रास्ते में जगह-जगह इस घंटे की और भगवान राम दरबार व गणेश की मूर्ति का पूजन किया गया। यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं।
राम मंदिर में लगने वाला यह घंटा अनूठा है। यह 4 फीट ऊंचा है और वजन 613 किलो है। कांसे से बना हुआ है। इसकी चौड़ाई 3़9 फीट है। अयोध्या पहुंचने पर राजलक्ष्मी मांडा ने कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया। वे भगवान श्री राम के रथ को तमिलनाडु से अयोध्या तक खुद ड्राइव करके आई हैं।
इस मौके पर सांसद, नगर विधायक, महापौर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।
ज्ञात हो कि काफी समय की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भूमिपूजन करने के बाद रामलला के दर्शन के लिए देश भर से लोग आ रहे हैं और रामलला के लिए भेंट ला रहे हैं।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने बुधवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर दिया।
रोहन के पिता दिवंगत अरुण जेटली 1999 से 2013 तक 14 साल तक इस पद पर रहे थे।
रोहन ने आईएएनएस से कहा, "मैंने नामांकन भर दिया है क्योंकि किसी को तो काम करना है। क्रिकेट प्रशासन आसान नहीं है। जो चीजें डीडीसीए के लिए जरूरी है वो की जानी चाहिए।"
रोहन के खिलाफ सिर्फ एक इंसान-सुनील कुमार गोयल ने नामांकन भरा लेकिन उम्मीद है कि वह 10 अक्टूबर को अपना नाम वापस ले लेंगे।
रोहन को डीडीसीए के बाकी समूहों से समर्थन मिला है लेकिन बाकी पदो के लिए कोई आम सहमति नहीं बनी है। डीडीसीए में छह पदों के लिए 17 से 20 अक्टूबर के बीच चुनाव होने हैं।
इसमें अध्यक्ष, कोषाध्याक्ष और चार निदेशक हैं।। कोषाध्यक्ष के लिए 19 लोगों ने नामांकन भरा है, लेकिन एक या दो लोगों के अंत तक इस रेस में बने रहने की उम्मीद है बाकी के लोग अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सीके. खन्ना की पत्नी शशि खन्ना ने इस पद के लिए नामांकन भरा है और वह मजबूत दावेदार लग रही हैं।
शशि ने आईएएनएस से कहा, "मैं निश्चित तौर पर कोषाध्यक्ष पद के लिए लडूंगी। मैंने कागजों के दो सेट भरे हैं ताकि मैं सुरक्षित रह सकूं। कुछ और लोगों ने भी इस पद के लिए नामांकन भरा है लेकिन इनमें से ज्यादा लोग किसी ग्रुप के नहीं हैं। इसलिए उम्मीद है कि वह अपना नामांकन वापस ले लेंगे।"
निदेशकों के चार पदों के लिए कुल 19 लोगों ने नामांकन भरे हैं।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि बीज से वृक्ष बनता है और बीज को मिट्टी में मिल जाना पड़ता है। समर्पण ही बीज की ताकत है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते तो हैं, लेकिन दिखते नहीं हैं। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी थे राष्ट्रवादी साहित्यकार और पत्रकार मामाजी माणिक चंद्र बाजपेयी। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को मामाजी माणिक चंद्र बाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, "व्यक्ति क्या बनता है, क्या करता है? इसके कारण वह यशस्वी बनता है। यश एक बात है, सार्थकता अलग बात है। मामाजी का जीवन ऐसा था। इसीलिए संघ चल रहा है। "
पांचजन्य और विश्व संवाद केंद्र मध्य प्रदेश की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, "यश का परहेज नहीं है, लेकिन सार्थकता अनिवार्य है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते हैं, लेकिन दिखते नहीं। जो कुछ न करें तो भी उनके होने का परिणाम होता है।"
मोहन भागवत ने कहा कि, "माणिक चंद्र वाजपेयी कौन हैं? यही उनका सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है। उनके इसी समर्पण के कारण आज हम उनके बारे में बातचीत कर रहे हैं। बीज मिट्टी में मिलकर वृक्ष खड़ा कर देता है। ऐसे ही थे माणिक चंद्र बाजपेयी। वे जानते थे कि विश्व को अपना बनाना है तो पहले भारत को अपना बनाना होगा। इसके लिए भारतीयों को खड़ा करना होगा होगा।"
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव-2020 को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) ने अपने कोटे की सभी 115 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। राजग में शामिल जदयू ने बुधवार को प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अपने कोटे की सभी 115 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। जदयू ने रूपौली से जहां बीमा भारती को प्रत्याशी बनाया है, वहीं परसा से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय को टिकट थमाया है।
इसके अलावा, महुआ से आश्मा परवीन को, जबकि सरायरंजन से विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है।
जदयू की सूची में बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं है। कुछ दिनों पहले पांडेय जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी, तब संभावना व्यक्त की गई थी वे जदयू की ओर से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने गृह जिले नालंदा के नालंदा विधानसभा क्षेत्र से मंत्री श्रवण कुमार पर फिर से विश्वास जताते हुए उन्हें टिकट थमाया है, जबकि बक्सर के डुमरांव से अंजुम आरा को चुनावी मैदान में उतारा गया है।
दिनारा से मंत्री जयकुमार सिंह चुनावी मैदान में खम ठोकेंगे तथा झाझा से दामोदर रावत एकबार फिर दो-दो हाथ करते नजर आएंगे। जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा फिर से चुनावी मैदान में उतारे गए हैं।
उल्लेखनीय है कि जदयू राजग में भाजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) , विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के साथ चुनाावी मैदान में है। बंटवारे में जदयू के हिस्से 122 सीटें आई हैं, जिसमें से उसने अपने कोटे की सात सीटें हम को दी है। भाजपा के हिस्से 121 सीटें आई हैं, जिसमें से उसने 11 सीटें वीआईपी को दे दी है।
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान को लेकर बुधवार को नामांकन दाखिल किए जाने में तेजी आ गई है। बुधवार को कई दिग्गज नेताओं ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जहां हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) उम्मीदवार के रूप में इमामगंज क्षेत्र से नामांकन का पर्चा भरा, वहीं गया में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।
अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह ने जमुई विधानसभा से नामांकन का पर्चा दाखिल किया। श्रेयसी को भाजपा ने जमुई से प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और युवक कांग्रेस के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष ललन कुमार ने भागलपुर के सुल्तानगंज से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।
बिहार के दिग्गज नेता रहे दिग्विजय सिंह की पुत्री श्रेयसी सिंह ने नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद अपने जीत का दावा करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता जमुई का विकास है। उन्होंने कहा कि राजग विकास के मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में है और जमुई तथा बिहार का विकास उनकी प्राथमिकता है।
इधर, ललन कुमार ने भी अपनी जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन एकजुट है और महागठबंधन यहां तीन चौथाई सीटों पर जीतकर बिहार की सत्ता में वापसी करेगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार चुनाव में मुख्य मुकाबला राजग और विपक्षी दलों के महागठबंधन में माना जा रहा है। राजग में जहां भाजपा, जदयू, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हम है, वहीं महागठबंधन में राजद के अलावा कांग्रेस व कई वामपंथी दल शामिल हैं।
बिहार में पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगी। दूसरे चरण में 3 नवंबर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणाम 10 नवंबर को निकलेंगे।
पीलीभीत, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के माला वन रेंज में बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी बुधवार को दी। गजरौला थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरिया करम गांव निवासी सुखवीर सिंह पर मंगलवार शाम को हमला उस वक्त हुआ, जब वह माला वन रेंज के पास से अपने घर की तरफ जा रहे थे।
मृतक के परिजनों ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की, लेकिन वन अधिकारी उनके बातों से सहमत नहीं हुए। अधिकारी का कहना है कि जहां हमला हुआ वो वन परिसर के लगभग एक किलोमीटर भीतर हुआ है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के उपनिदेशक नवीन खंडेवाल ने कहा कि वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया है।
उन्होंने कहा, "हालांकि, हमने बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए इलाके में कैमरा ट्रैप लगाने के लिए फील्ड फोर्स की तैनाती की है। हमने ग्रामीणों से अपनी सुरक्षा के लिए वन क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने की अपील भी की है।
रांची, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| करीब सात महीने के अंतराल के बाद झारखंड में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर गुरुवार से खुल जाएंगे। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 1 अक्टूबर को मंदिरों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। राज्य सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ दुर्गा पूजा मनाने की भी अनुमति दी है।
अधिकारियों ने राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों का दौरा किया और भक्तों के लिए दिशानिर्देश जारी किए। रामगढ़ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को मां छिन्नमस्तिका मंदिर का दौरा किया और मंदिर को फिर से खोलने की तैयारियों को लेकर समीक्षा की।
मां छिन्नमस्तिका मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, मास्क के बिना किसी भी भक्त को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और भक्त को अपने साथ सैनिटाइजर ले जाना होगा। वहीं एक वक्त में सिर्फ पांच भक्तों को ही गर्भ गृह में जाने की अनुमति दी जाएगी। सुबह की प्रार्थना के बाद मंदिर खोला जाएगा। मंदिर परिसर में एक समय में अधिकतम 100 लोगों को अनुमति दी जाएगी, जबकि परिसर में प्रवेश के लिए कतार में सिर्फ 150 भक्तों को ही अनुमति दी जाएगी।
शिव मंदिर में भक्तों को शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं होगी। लोगों को सिर्फ 'अर्ध्य' प्रणाली के माध्यम से दूर से जल चढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।
वहीं देवघर का शिव मंदिर पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर खोला गया था। देवघर मंदिर में पूजा करने के लिए एक समय में सिर्फ 100 भक्तों को अनुमति दी जाती है। यह शिवलिंग 12 ज्योर्तिलिगों में से एक है।
राज्य में जगह-जगह कोविड -19 प्रोटोकॉल के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाएगा।
राज्य सरकार के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि दुर्गा पूजा विशेष रूप से चयनित छोटे पंडाल में भी की जा सकती है, जहां यह पूजा पारंपरिक रूप से होती आ रही है। पूजा में जन-भागीदारी की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, इन पंडालों का निर्माण किसी भी थीम पर आधारित नहीं होगा।
मूर्ति चार फीट से अधिक ऊंची नहीं होगी। आदेश में कहा गया है कि पूजा पंडाल के आस-पास के क्षेत्र में कोई सजावट या लाइटिंग व्यवस्था नहीं होगी और न ही पूजा पंडालों में और इसके आसपास द्वार या तोरणद्वार बनाए जाएंगे। पंडाल में मूर्ति वाले स्थान को छोड़कर पूरा पूजा पंडाल पूरी तरह हवादार होगा। दुर्गा पूजा पंडाल और उसके आसपास खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं होगी।