राष्ट्रीय
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के तीतागढ़ के निकट भाजपा के एक स्थानीय नेता को मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने गोली मार दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
पुलिस ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बदमाशों ने भाजपा के स्थानीय नेता मनीष शुक्ला को शाम को बीटी रोड़ पर गोली मार दी, उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. राज्य भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि शुक्ला की मौत हो गई है, लेकिन इस संबंध में पुलिस ने अभी कोई जानकारी नहीं दी है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि घटना के विरोध में सोमवार को बैरकपुरा में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया गया है.
दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने ट्वीट करके कहा, "भाजपा के युवा नेता, वकील और पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला की भयानक हत्या निंदनीय है. टीएमसी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में चल रही खूनी राजनीति का यह एक उदाहरण है."
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल (Governor) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उच्च अधिकारियों को समन भेजा है. राज्यपाल ने इन सभी को सोमवार को सुबह 10:00 बजे राज भवन में मीटिंग के लिए बुलाया है. रविवार रात को उन्होंने ट्वीट करके कहा, “कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात के चलते टीटागढ़ नगर पालिका के पार्षद मनीष शुक्ला की हुई हत्या को देखते हुए समन भेजा गया है.”
सीएम ममता बनर्जी के अलावा, राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) हरि कृष्ण द्विवेदी और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) वीरेन्द्र को समन जारी किया है.
रविवार शाम को बीजेपी नेता की हत्या
बीजेपी के उत्तर 24 परगना जिला कमेटी के सदस्य मनीष शुक्ला की रविवार शाम को हत्या कर दी गई. बंगाल के टीटागढ़ में अज्ञात हमलावरों ने शुक्ला पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. शुक्ला को गंभीर हालत में तुरंत कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई. शुक्ला बैरकरपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के करीबी बताए जाते हैं.
‘राज्य की खूनी राजनीति का एक उदाहरण’
पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करके शुक्ला की हत्या की कड़ी निंदा की है. घोष ने कहा, “भाजपा के युवा नेता, वकील और पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला की भयानक हत्या निंदनीय है. टीएमसी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में चल रही खूनी राजनीति का यह एक उदाहरण है.”
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, “उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के सामने गोली मारकर बीजेपी नेता मनीष शुक्ला की हत्या कर दी गई. इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए.”
बीजेपी ने बुलाया 12 घंटे का बंद
मनीष शुक्ला की हत्या के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने टीटागढ़ में बीटी रोड को ब्लॉक कर दिया. मनीष शुक्ला को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने नारे भी लगाए. टीटागढ़ पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई. वहीं, बीजेपी ने से सोमवार को बैरकपुर इलाके में 12 घंटे का बंद बुलाया है.(tv9bharatvarsh)
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| चालू खरीफ खरीद सीजन के शुरू होने के महज एक सप्ताह में सरकारी एजेंसियों ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5.7 लाख टन से ज्यादा धान खरीद लिया है और पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश में धान की खरीद धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ खरीद सीजन 2020-21 में तीन अक्टूबर तक 5,73,339 टन धान की खरीद हो गई थी।
मंत्रालय ने बताया कि एमएसपी पर 1,082.464 करोड़ रुपये मूल्य के धान की खरीद हो चुकी है और इसका लाभ अब तक 41,084 किसानों को मिला है।
सरकारी एजेंसियां केंद्र सरकार द्वारा तय धान (सामान्य ग्रेड) का एमएसपी 1,868 रुपये प्रतिक्विंटल पर किसानों से धान खरीदती है।
केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए 495.37 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद का अनुमान लगाया गया है, जो केएमएस 2019-20 (खरीफ फसल) के 416 लाख टन के खरीद अनुमान से 19.07 प्रतिशत अधिक है।
ग्वालियर, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| उम्मीदवारों से चुनाव जो कुछ न कराए सो थोड़ा है, अब देखिए न मध्यप्रदेश के ग्वालियर में तो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मतदाताओं के सिर रखकर पैर तक पड़ रहे हैं। रविवार को यह नजारा देख लोग भौंचक रह गए। उपचुनाव में ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से मंत्री तोमर का भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना तय है। तोमर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी। उपचुनाव 3 नबंवर को होने वाला है। रविवार को तोमर जनसंपर्क के क्रम में गदाईपुरा, मल्ल गढ़ा, कल्लू काछी की बगिया क्षेत्रों में थे। इस दौरान तोमर ने इन क्षेत्रों में रहने वाले एक मजदूर हरि मोहन पटेल से गले मिले, उसका सम्मान किया। इसके बाद सिर रखकर उसके पैर पड़े।
तोमर इससे पहले अपने निराले अंदाज के कारण हमेशा से चर्चाओं में रहते आए हैं। पहले वे सड़क पर झाड़ू लगाकर, नालियों की सफाई करके और शौचालयों का सफाई अभियान चलाकर सुर्खियां बटोर चुके हैं।
भोपाल, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री बिसाहू लाल सिंह कुछ तस्वीरों में सौ-सौ रुपये के नोट बांटते नजर आ रहे हैं। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री बिसाहू लाल अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से बतौर भाजपा उम्मीदवार उपचुनाव लड़ने वाले हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें वे सौ-सौ के नोट बच्चियों को बांटते नजर आ रहे हैं। ये वे बच्चियां हैं जो सिंह के स्वागत में कलश लिए खड़ी थीं। इन तस्वीरों की आईएएनएस पुष्टि नहीं करता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों को लेकर बिसाहू लाल सिंह से संपर्क किया गया, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए। सिंह ने मार्च, 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। सिंह उन 22 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कमल नाथ सरकार गिराई थी।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा मुख्यालय पर रविवार को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहले चरण की सीटों के उम्मीदवारों के नाम पार्टी ने तय कर लिए हैं। भाजपा सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोमवार को 50 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी हो सकते हैं।
पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में हुई इस बैठक में पहले और दूसरे चरण की सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। इसके बाद तीसरे चरण के उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अधिकृत कर दिया गया। इसका मतलब है कि अब पार्टी आगे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नहीं करेगी।
कुछ सीटों को लेकर सहयोगी जदयू से पेंच फंसा है। इसको लेकर सोमवार को सुबह नौ बजे से दिल्ली में एक बार और जदयू के साथ पार्टी सीटों को लेकर विचार-विमर्श करेगी। इस बैठक में दोनों दल सीटों पर अंतिम रूप से चर्चा करेंगे। इसके बाद दोपहर या शाम तक भाजपा अपनी पहली सूची जारी कर सकती है। इस दौरान सीट शेयरिंग फॉर्मूले की भी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, बिहार प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़णवीस, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, शाहनवाज हुसैन और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
अमरावती, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू और पार्टी महासचिव नारा लोकेश ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एक प्रवक्ता पट्टाभि की कार पर हमला किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार रहते आंध्र प्रदेश में 'जंगलराज' आ गया है।
विशाखापत्तनम, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू और पार्टी नेता सब्बम हरि को 'भ्रष्टाचार का बड़ा भाई' करार दिया। अनाकापल्ली के विधायक गुडीवाडा अमरनाथ ने तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं पर यह टिप्पणी विशाखापत्तनम नगर निगम द्वारा सब्बम हरि का मकान ढहाए जाने के संदर्भ में कही। निगम के मुताबिक, हरि का मकान सरकारी जमीन पर था।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर भारत की मंडियों में कपास (नरमा) की आवक लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकारी खरीद एजेंसी अब तक मंडी नहीं पहुंची है, जिससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 1,000 रुपये प्रतिक्वंटल कम भाव पर बेचने को मजबूर है। हरियाणा के मंडी डबवाली के किसान जसबीर सिंह भट्टी ने बताया कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की खरीद शुरू होने की उम्मीद में भाव में तेजी आई थी, लेकिन खरीद शुरू नहीं होने से फिर नरमी आ गई है।
भट्टी ने बताया कि डबवाली और सिरसा में कपास का भाव 4,700-4,800 रुपये प्रतिक्विंटल चल रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए लंबा रेशा कपास का एमएसपी 5,825 रुपये प्रतिक्विंटल तय किया है। भट्टी ने किसानों को मजबूरी में एमएसपी से 1,000 रुपये प्रतिक्विंटल कम भाव कपास बेचना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें मजदूरों की मजदूरी से लेकर बैंकों का कर्ज चुकाना है और अगली फसल की बुवाई के लिए भी पैसों की जरूरत है।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा कि कपास ही नहीं, मक्का और धान भी मंडियों में एमएसपी से नीचे के भाव बिक रहा है। हालांकि पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर धान की खरीद 26 सितंबर को ही शुरू हो चुकी है और सरकार की ओर से रोज इसके आंकड़े जारी किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार की घोषणा के अनुसार, चालू कपास सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में कपास की खरीद की मंजूरी एक अक्टूबर से दी जा चुकी है। जबकि जरबीर सिंह कहते हैं कि नरमे की खरीद सिर्फ कागजों में शुरू हुई है, जबकि खरीद एजेंसी अभी मंडी नहीं पहुंची है।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि कपास की जो अभी फसल मंडियों में आ रही है, उसमें नमी ज्यादा है जबकि सीसीआई आठ से 12 फीसदी तक ही नमी वाले कपास की खरीद करता है।
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर भारत की मंडियों में बीते सप्ताह कपास का भाव 4,900-5,150 रुपये प्रतिक्विंटल तक चला गया था। सूत्र बताते हैं कि पंजाब में सीसीआई कपास की खरीद सोमवार से शुरू कर सकती है।
कॉटन बाजार के जानकार गिरीश काबरा ने बताया कि भारतीय कॉटन यानी रूई की इस समय वैश्विक बाजार में जबरदस्त मांग है और चालू सीजन में निर्यात मांग तेज रहने की उम्मीद है, जिससे कॉटन की कीमतों में मजबूती रहेगी। उन्होंने कहा कि कॉटन के दाम में मजबूती रहने से किसानों को आने वाले दिनों में उनकी फसल का अच्छा भाव मिल सकता है।
नोएडा, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| नोएडा पुलिस ने रविवार को डीएनडी फ्लाईवे पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ की गई बदसलूकी पर खेद जताया है। प्रियंका गांधी हाथरस सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जा रही थी जब पुलिस ने उन्हें रोका था। इस दौरान वहां जम कर हंगामा हुआ था। नोएडा पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, "नोएडा पुलिस को डीएंडडी पर एक अनियंत्रित भीड़ को संभालने के दौरान प्रियंका गांधी के साथ हुई घटना पर गहरा अफसोस है। मुख्यालय ने इसका स्वत: संज्ञान लिया और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा जांच का आदेश दिया। हम नोएडा पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं की गरिमा, हमारे लिए सर्वोपरि है।"
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को शनिवार को दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएंडडी) फ्लाईवे पर उस समय धक्का दिया गया था जब वो अपने एक पार्टी कार्यकर्ता का नोएडा पुलिस से लाठीचार्ज के दौरान बचाव कर रही थी। प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और कई कांग्रेस कार्यकर्ता पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस जाने की कोशिश कर रहे थे।
हंगामे के दौरान कैद किए गए वीडियो में प्रियंका एक कांग्रेस कार्यकर्ता को बचाने के लिए बैरिकेड से कूदते हुए दिख रही हैं। हालांकि बाद में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने गए।
--आईएएनएस
भोपाल, 4 अक्टूबर (आईएएमएस)। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के उम्मीदवारों के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में द्वंद्व जारी है। दोनों ही राजनीतिक दल अब तक सभी उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पाए हैं।
राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना प्रस्तावित है। पिछले विधानसभा चुनाव में इन स्थानों में से 27 स्थानों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, तो एक स्थान पर भाजपा का उम्मीदवार जीता था। इस तरह इन 28 स्थानों पर विधानसभा के उपचुनाव होना है।
उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से दो सूचियां जारी की जा चुकी हैं। इनमें कुल 24 उम्मीदवारों के नाम थे। चार स्थानों पर उम्मीदवारों के नामों का फैसला नहीं हो पाया है। पार्टी में इसको लेकर खींचतान भी चल रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने आधिकारिक तौर पर अभी तक एक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। वैसे, पार्टी की ओर से यही कहा जा रहा है कि 25 वे नेता पार्टी के उम्मीदवार होंगे जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं, उनका चुनाव लड़ना तय है। शेष तीन स्थानों को लेकर भाजपा में भी आम राय नहीं बन पा रही है।
कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अंदरूनी खींचतान के दौर से गुजर रहे हैं। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के भीतर सबसे ज्यादा खींचतान भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र को लेकर है, पार्टी में यहां के उम्मीदवार के नाम पर अलग-अलग राय है और उसी के चलते सहमति नहीं बन पा रही है। इसी तरह भाजपा में आगर-मालवा, जौरा और ब्यावरा को लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है। ब्यावरा में तो असंतोष का आलम यह है कि कई कार्यकर्ता पार्टी के प्रदेश दफ्तर में आकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
उम्मीदवार चयन में हो रही देरी को लेकर दोनों ही दलों के नेता एक ही तर्क दे रहे हैं कि उम्मीदवार आम राय से तय किए जा रहे हैं, यही कारण है कि नामों का ऐलान में कुछ देरी हो रही है।
राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा की मानें, तो भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों के लिए उम्मीदवारों के नामों का चयन आसान नहीं है। भाजपा को जहां कांग्रेस छोड़कर आए बहुसंख्यक नेताओं को उम्मीदवार बनाने की चुनौती है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के लिए भी नए चेहरों को मैदान में लाना आसान नहीं हो रहा है। दोनों ही दल दूसरे दल से आए नेताओं को उम्मीदवार बना रहे हैं और यही कारण है कि इन राजनीतिक दलों में खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है।
--आईएएनएस
लखीमपुर खीरी, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| लखीमपुर खीरी के एक गांव में एक गरीब दलित परिवार में आपस में जुड़ी हुई जुड़वा बच्चियों के जन्म से न सिर्फ परिवार में खुशहाली आई है, बल्कि आर्थिक परेशानी की समस्या भी आन पड़ी है। ऐसे में बच्ची के माता-पिता ने मददगारों से आर्थिक सहायता की अपील की, जिससे नवजात शिशुओं की सर्जरी हो सके और उनका शरीर अलग हो सके। डंडूरी गांव में रहने वाले जुड़वा बच्चियों के पिता राम कुमार गौतम दिहाड़ी मजदूर हैं।
वहीं दूसरी ओर लखीमपुर खीरी में डॉक्टर इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि गुरुवार को जन्मी जुड़वा बच्चियों की डिलीवरी घर पर सुरक्षित रूप से हुई। डॉ. एसके सचान ने कहा, "हम आश्चर्यचकित हैं कि होम डिलीवरी में संयुक्त जुड़वा बच्चे बच गए, जो ऐसे मामलों में संभावित कई जटिलताओं को देखते हुए दुर्लभ है।"
जुड़वां बच्चियां ओम्फालोपैगस होते हैं, उनका पेट आपस में मिला होता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में नवजात के जीवित रहने की दर सिर्फ 5 से 25 प्रतिशत है। इस तरह के जुड़वा आमतौर पर एक लिवर के साथ पैदा होते हैं, लेकिन कई बार कुछ मामले अलग भी होते हैं, जिनमें छोटी आंत और पेट का निचला हिस्सा जुड़ा रहता है।
आमतौर पर संयुक्त शिशुओं को उनकी शारीरिक रचना के कारण सीजेरियन सेक्शन डिलीवरी की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में वे घर पर एक सामान्य प्रसव के माध्यम से पैदा हुई।
नवजातों को शुक्रवार सुबह उनके पिता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां कर्मचारियों ने कहा कि वे स्वस्थ हैं। वहां से जुड़वा बच्चों को मेडिकल परीक्षण के लिए लखनऊ के एक अस्पताल में भेजा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त जुड़वा बच्चों की मृत्युदर बहुत अधिक है और उस पर लड़कियों के जन्म पर जीवित रहने की संभावना और कम हो जाती है। उन्होंने कहा, "हम शिशुओं के इलाज की संभावना की जांच करेंगे।"
--आईएएनएस
जेएनएन, मोगा,04 अक्टूबर | लंबे समय के बाद मंच पर आए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू राहुल गांधी की मौजूदगी में पंजाब के कांग्रेस नेताओं को असहज कर गए। उन्होंने किसानों के मुद्दे केंद्र सरकार को घेरने के साथ-साथ अपनी ही पंजाब सरकार को भी घेरा। सिद्धू ने कहा कि जब हिमाचल की सरकार सेब पर एमएसपी दे सकती है, तो पंजाब सरकार अपनी एमएसपी क्यों नहीं दे सकती है।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब दाल और तिलहन को इंपोर्ट करता है। यहां का किसान उसे क्यों नहीं उपजा सकता। कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा के वह आभारी हैं। सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को कृषि कानूनों के खिलाफ विशेष सत्र बुलाकर इसका विरोध करने को कहा है। पंजाब को भी विशेष सत्र बुलाना चाहिए और इसके विरोध में प्रस्ताव पारित करना चाहिए और राष्ट्रपति को भेजना चाहिए।
मंच से सिद्धू ने कहा कि सबसे पहले राहुल, फिर जाखड़ और हरीश रावत के बाद कैप्टन का नाम लिया। सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि हमे स्वाबलंबी बनना पड़ेगा। सिद्धू जब बोल रहे थे तो कांग्रेस थोड़ी असहज हो गई। इस पर हरीश रावत अपनी सीट से उठ चुके थे। बाद में सिद्धू ने अपना भाषण खत्म किया, तब रावत अपनी सीट पर बैठे।
सिद्धू ने कहा कि अगर दूध भट्टी पर चढ़ा हुआ है तो उबाल आना निश्चित है। ऐसे ही अगर किसानों और लोगों में रोष आ जाए तो सरकारों का उखड़ना निश्चित है। कहा कि किसान आज अपनी एमएससी खोने को लेकर घबराया हुआ है। पंजाब व देश को हरित क्रांति चाहिए थी। हरित क्रांति के बाद पंजाब देश का अन्नदाता बना, लेकिन आज इसी पंजाब के किसान पर मार पड़ रही है।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब ने पूरे देश के राज्यों में अन्न पहुंचाया। आज केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को मारने पर तुली हुई है। कहा कि केंद्र सरकार ने यह कानून संसद में बिना किसी बहस के पारित किए हैं। यह फेडरल सिस्टम पर हमला है। कहा कि मंडियोंं से 5000 करोड़ आता था। इन्होंने नए कानून लाकर इसको नुकसान पहुंचाया है। नए कानूनों से मजदूर बेरोजगार हो जाएगा। यूरोप व अमेरिका में जो सिस्टम फेल हो चुका है उसे भारत में अपनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा इकट्ठे होकर नहीं लड़े तो किसानों को बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने कहा कि पूंजीपति वकीलों की फौज लेकर आएंगे और किसानों को बरगलाएंगे। सरकार अगर किसान को कर्ज देती है तो इसे लोन कहती है, लेकिन अगर वही सरकार पूंजीपतियों को लाखों करोड़ों का कर्ज देती है तो उसे इन्सेंटिव कहती है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह अदानी और अंबानी को निवेश के लिए पंजाब में न घुसने दे।(JAGRAN.COM)
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने रविवार को कहा कि केंद्र कोविड-19 वैक्सीन की 40-50 करोड़ खुराक की खरीद की योजना पर काम कर रहा है, जिसे जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अनुयायियों के लिए अपने साप्ताहिक वेबिनार 'संडे संवाद' में कहा, "सरकार की योजना है कि 40-50 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन डोज प्राप्त की जाए और उसका उपयोग किया जाए। हमारा लक्ष्य जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को कवर करना है। इसके लिए, हम बड़े पैमाने पर मानव संसाधन, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण इत्यादि में क्षमता निर्माण कर रहे हैं।"
मंत्री ने कहा कि नीति अयोग सदस्य, वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "वैक्सीन की खरीद केंद्रित रूप से की जा रही है और प्रत्येक खेप को वास्तविक समय तक ट्रैक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।"
हर्ष वर्धन ने कहा कि ये समिति देश में विभिन्न टीकों की उपलब्धता की समय सीमा को समझने के लिए काम कर रही हैं। समिति निर्माताओं से भारत की इन्वेंट्री के लिए अधिक से अधिक संख्या में डोज उपलब्ध कराने, आपूर्ति प्रबंधन और उच्च-जोखिम वाले समूहों की प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, "यह काम प्रगति पर है, जो टीकाकरण कार्यक्रम के तेजी से रोल-आउट सुनिश्चित करने के लिए टीके तैयार होने तक पूरा हो जाएगा।"
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और उच्च जोखिम वाले लोग सरकार की प्राथमिकता सूची में ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्तमान में एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें राज्यों को वैक्सीन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उच्च जोखिम वाले जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा, "फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, सेनेटरी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और कई अन्य व्यावसायिक श्रेणियां शामिल होंगी जो मरीजों के इलाज, परीक्षण और उपचार में शामिल हैं।"
मंत्री ने कहा, "वैक्सीन को पूर्व-निर्धारित प्राथमिकता और क्रमबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, आने वाले महीनों में पूरी प्रक्रिया का विवरण साझा किया जाएगा।"
हर्ष वर्धन ने यह भी बताया कि राज्यों को बारीकी से कोल्ड चेन सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के बारे में विवरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है जो कि टीका के ब्लॉक स्तर वितरण के लिए आवश्यक होंगे।
उन्होंने कहा, "इस अभ्यास को इस अक्टूबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।"
--आईएएनएस
बुलगड़ी (हाथरस), 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| भीम आर्मी के नेता चन्द्रशेखर आजाद रविवार को दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलने बुलगड़ी गांव पहुंच चुके हैं। उनके साथ अन्य साथियों को अंदर परिवार से मिलने की इजाजत दी गई है। सिर्फ 5 लोग ही भीम आर्मी चीफ के साथ परिवार से मिलने पहुंचे हैं।
दरअसल चंद्रशेखर आजाद के काफिले को पुलिस प्रशासन ने हाथरस से पहले ही रुकवा दिया था ताकि हालात को काबू में रखा जा सके।
इसके बाद वो अपने काफिले को छोड़कर पैदल ही परिवार से मिलने के लिए आएं हैं।
चन्द्रशेखर ने गांव में आते ही मीडिया से कहा, बहुत दिनों से मुलाकात नहीं हुई, जो हालात है उससे नहीं लगता कुछ अच्छा हो रहा है। परिवार से मिलने के बाद प्रेस वार्ता करेंगे।
-- आईएएनएस
गुरुग्राम, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 में एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस में 25 साल की एक युवती के साथ जबरन मारपीट की गई और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यह मामला शनिवार देर रात की है, जहां आरोपी ने युवती के सिर पर वार कर दिया। युवती पश्चिम बंगाल की निवासी है।
पुलिस ने रविवार को कहा, "एक सुरक्षाकर्मी ने पुलिस को सूचित किया, जहां घटनास्थल से मात्र 100 मीटर पर पुलिस वाहन गस्त दे रहा था, जिसके बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। युवती को समय से अस्पताल पहुंचाया गया। युवती की स्थिति अब खतरे के बाहर है। चारों आरोपियों को गुरुग्राम के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार कर लिया गया है।"
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रंजन (23), पवन (24), पंकज (26) और गोविंद (20) के रूप में हुई, सभी चक्करपुर गांव के निवासी हैं। रंजन प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस में ऑफिस ब्यॉय का काम करता है, जबकि अन्य स्विगी, जोमैटो में काम करते हैं।
युवती को कथित तौर पर सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन से रात करीब 1:30 बजे पेड सेक्स के लिए पिक कर डीएलएफ स्थित ऑफिस में ले गया। रंजन जैसे ही युवती को ऑफिस ले गया, वहां पहले से ही उसके तीन और साथी मौजूद थे। रंजन ने युवती से सभी के साथ सेक्स करने को कहा, लेकिन युवती ने आपत्ति जताई, जिसके बाद उसके साथ जबरन सामूहिक दुष्कर्म किया गया और मारपीट की गई।
--आईएएनस
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व एमएलसी नसीब पठान का रविवार को मेदांता अस्पताल में कोरोना से निधन हो गया है। पार्टी के नेताओं ने इस दुखद समाचार पर शोक व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर से ताल्लुक रखने वाले नसीब ने पार्टी के नेता संजय गांधी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी और राज्य में दो बार एमएलसी भी चुने जा चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पठान दिल से एक सच्चे सेनानी और पार्टी के एक बहुत सक्रिय कार्यकर्ता थे।
पठान उत्तर प्रदेश के कुछ मुस्लिम कांग्रेसी नेताओं और गांधी परिवार के वफादार लोगों में से थे। शनिवार को उन्होंने अस्पताल में अपने बिस्तर पर लेटे हुए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथरस सफर पर एक वीडियो क्लिप भी बनाया था।
रियाद, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरानावायरस प्रसार मद्देनजर मक्का मस्जिद पर हाजियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी, जिसे 6 महीने बाद फिर से खोल दिया गया है। अरब न्यूज के रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब के हज मंत्रालय और उमराह के ईटमारना एप के माध्यम से आवेदन करने के बाद श्रद्धालुओं ने सुबह 6 बजे मस्जिद में प्रवेश किया।
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए यहां की सरकार ने मस्जिद को बंद करने की घोषणा की थी। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर भी रोक लगा दिया था और पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था।
मस्जिद में प्रति दिन केवल 6,000 हाजियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वहीं हज और उमरा मंत्रालय ने पांच मीटिंग प्वाइंट्स तैयार किए हैं, जिसमें अल-गाजा, अजयद और अल-शाशा साइटें शामिल हैं, जहां हाजी एक जगह पर एकत्र होगें और ग्रैंड मस्जिद के लिए बसों में स्वास्थ्य पेशेवरों से मिलेंगे।
अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए मस्जिद प्रशासन ने प्रवेश द्वार और हॉल में थर्मल कैमरा का इंतजाम किया है, ताकि शरीर के तापमान में वृद्धि पर नजर रखी जा सके और अगर किसी के तापमान मानक से अधिक मिला तो अलर्ट जारी किया जा सके।
अरब न्यूज के अनुसार मस्जिद को दिन में 10 बार साफ किया जाएगा।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को भुनाने में जुटी कांग्रेस ने राहुल गांधी के 6 अक्टूबर के दौरे से पहले हरियाणा में एकजुट प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए रविवार को राज्य के पार्टी विधायकों और अन्य की बैठक बुलाई। पंजाब में राहुल की 'ट्रैक्टर रैली' समाप्त होने के बाद इस सिलसिले में उनका यह दूसरे उत्तर भारतीय राज्य का दौरा होगा।
15, जीआरजी रोड स्थित कांग्रेस के वॉर रूम में हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्य इकाई प्रमुख कुमारी शैलजा और राज्य मामलों के प्रभारी विवेक बंसल व अन्य ने भाग लिया।
दिलचस्प बात यह है कि हुड्डा पार्टी नेताओं द्वारा कांग्रेस प्रमुख को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक थे, जिसमें पार्टी के भीतर व्यापक सुधार की मांग की गई थी।
राहुल गांधी द्वारा रविवार को पंजाब के मोगा जिले के बधनी कलां से कांग्रेस की 'ट्रैक्टर रैली' शुरू होनी निर्धारित है और लुधियाना में एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे।
हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रैक्टर रैली को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस इस तरह के परिदृश्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही पार्टी शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत अपने-अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया है, जो राज्य विधानसभाओं को केंद्रीय कानूनों को रद्द करने के लिए कानून पारित करने की अनुमति देता है। पारित प्रस्ताव को फिर राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा जाता है।
कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन पहले ही इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा 19 वर्षीय कथित हाथरस सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की पहचान को साझा किए जाने पर सवाल उठने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने कहा है कि दुष्कर्म की पुष्टि हो जाने पर यह उन सभी को नोटिस भेजेगा, जिन्होंने पहचान साझा की थी, जिसमें अभिनेत्री स्वरा भास्कर और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा, "न केवल अमित मालवीय, बल्कि दिग्विजय सिंह, स्वरा भास्कर और कई अन्य लोगों ने हाथरस पीड़िता की पहचान का सोशल मीडिया और जंतर-मंतर पर खुलासा किया है।"
शर्मा ने आगे कहा कि दुष्कर्म पर रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है और अदालत ने भी इसका स्वत:संज्ञान लिया है। एक बार इसकी स्पष्टता के बाद, एनसीडब्ल्यू सभी को नोटिस देगा। उन्होंने कहा, "मेरे पास प्रत्येक व्यक्ति का डिटेल है।"
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर की शाम को, मालवीय ने पीड़िता का एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया कि हाथरस पीड़िता ने एएमयू के बाहर एक रिपोर्टर के साथ बातचीत में दावा किया था कि उसका गला घोंटने की कोशिश की गई थी।
यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की पहचान को सुरक्षित रखने के कानूनों का उल्लंघन करने को लेकर भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के लिए 48 सेकंड का वीडियो पर्याप्त है।
भारतीय दंड संहिता के तहत, यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता की पहचान उजागर करना निषिद्ध है। लेकिन मालवीय के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ, एनसीडब्ल्यू ने स्पष्ट किया है, जब भी वह उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा, तो स्वरा भास्कर और दिग्विजय सिंह जैसे अन्य लोगों को भी परिणाम भुगतना होगा।
कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हाथरस की 19 वर्षीय लड़की की मौत 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।
प्रमोद कुमार झा
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| बाजार में मिलने वाले पॉलिशदार चावल के मुकाबले कोदो सेहत के लिए ज्यादा गुणकारी है। कोदो एक प्रकार का मोटा अनाज है ओर मोटे अनाजों में सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ-साथ फाइबर यानी रेशे ज्यादा होते हैं, लिहाजा तंदुरुस्ती के लिए खाने में मोटे अनाज को शामिल करना लाजिमी है।
लोकल फूड के लिए हमेशा वोकल रहने वाले जाने-माने पाक कला विशेषज्ञ संजीव कपूर कहते हैं कि पॉलिशदार अनाज के बजाय कोदो, रागी, ज्वार जैसे मोटे अनाज सेहत के लिए ज्यादा गुणकारी हैं, इसलिए पंचसितारा होटलों के खान-पान के मेन्यू में भी मिलेट्स को शामिल किया जाने लगा है।
टाटा सम्पन्न में ऑनबोर्ड शेफ संजीव कपूर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि लोकल फूड न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि जायके में भी लाजवाब है, इसलिए पंचसितारा होटलों के मेन्यू में क्षेत्र विशेष के लोकल फूड को भी शामिल किया जाता है क्योंकि उसकी मांग होती है। उन्होंने कहा, ''हमने टाटा संपन्न के साथ एक खिचड़ी लांच की थी जिसमें हमने इसमें दाल-चावल के साथ-साथ बहुत सारे मिलेट्स और मसाले शामिल किए और उसकी खूब मांग है।''
घर के खाने को महत्वपूर्ण बताने वाले संजीव कपूर कहते हैं कि पीजा, बर्गर व अन्य कांटिनेंटल फूड भी घर मे बने तो बेहतर है।
खाने में मोटे अनाजों के प्रति लोगों की बढ़ती दिलचस्पी निस्संदेह सेहत के लिए फायदेमंद है क्योंकि वैज्ञानिक बताते हैं कि इनमें ढेर सारे सूक्ष्मपोषक तत्व पाये जाते हैं। हालांकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत पाने वाले राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) के वैज्ञानिक कहते हैं कि खाने में मोटे अनाजों को एक सीमित मात्रा में ही शामिल किया जाना चाहिए।
हैदराबाद स्थित एनआईएन के वैज्ञानिक और न्यूट्रीशन इन्फोरमेशन एंड कन्यूनिकेशन डिवीजन के प्रमुख डॉ. सुब्बारव एम. गवरावारपु ने कहा कि मार्केट में जैसा चल रहा है कि बाकी सब अनाज को छोड़कर सिर्फ मोटा अनाज खाइए, वह ठीक नहीं है क्योंकि खाने में विविधता जरूरी है। उन्होंने कहा, ''एनआईएन का कहना है कि एक दिन के खाने में एक व्यक्ति के लिए अगर 2,000 कैलोरी की जरूरत है तो उसमें करीब 270 ग्राम अनाज होना चाहिए। इसमें 40 से 50 फीसदी या 120 से 130 तक मोटा अनाज लेना अच्छा है। बाकी बचपन से जो अनाज खाते आ रहे हैं उनको शामिल करना चाहिए।''
डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि मोटे अनाज में सूक्ष्मपोषक तत्व और फाइबर पाये जाते हैं इसलिए खाने में इनको शामिल करना लाभकारी है मगर, अन्य सभी खाद्य पदार्थों को छोड़कर सिर्फ मोटे अनाज खाने की बात करना ठीक नहीं है।
बीते महीने सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया गया। पोषण माह के आखिर में लोकल फूड के महत्व पर एक खास कार्यक्रम 'स्थानीय आहारम सम्पन्न पोषणम' में खान-पान के विशेषज्ञों ने देश के विभिन्न प्रांतों में उगाई जाने वाली मौसमी फसलों के सेवन को ज्यादा गुणकारी बताया। एनआईएन और टाटा संपन्न की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन की निदेशक डॉ. आर. हेमलता ने कहा कि स्थानीय खाद्य पदार्थों के लिए खुल कर बात करने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने रविवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुष्टि की है कि करंसी नोट कोरोना के संभावित वाहक हो सकते हैं। संस्था ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रोत्साहन दिए जाने की मांग की है। इससे पहले 9 मार्च को सीएआईटी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या करंसी नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हैं या नहीं।
कन्फेडरेशन ने एक बयान में कहा है कि मंत्रालय से यह पत्र आरबीआई को भेज दिया गया था। उसने सीएआईटी को संकेत देते हुए जवाब दिया था कि नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हो सकते हैं, जिसमें कोरोनावायरस भी शामिल है। लिहाजा, इससे बचने के लिए डिजिटल भुगतान का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए।
पत्र में आरबीआई ने आगे कहा, "कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए जनता विभिन्न ऑनलाइन डिजिटल चैनलों जैसे मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड आदि के माध्यम से घर बैठे भुगतान कर सकती है। इससे वह नकदी का उपयोग करने और निकालने से बचेगी।"
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, आरबीआई का जवाब बताता है कि डिजिटल भुगतान का उपयोग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए।
सीएआईटी ने निर्मला से लोगों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 'इंटेंसिव' देने की योजना शुरू करने का आग्रह किया है।
बयान में कहा गया है, "डिजिटल लेनदेन के लिए लगाए गए बैंक शुल्क को माफ किया जाना चाहिए और सरकार को बैंक शुल्क के बदले बैंकों को सीधे सब्सिडी देनी चाहिए। यह सब्सिडी सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं डालेगी, बल्कि यह नोटों की छपाई पर होने वाले खर्च को कम कर देगी।"
भोपाल, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दलित युवती के साथ तीन युवकों द्वारा बंधक बनाकर दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने युवती की शिकायत पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला भोपाल के बैरागढ़ थाना क्षेत्र का है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, एक युवती के माता पिता ने बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। रविवार की सुबह युवती को एक मकान से बहदवास हालत में बरामद किया गया। युवती ने बताया है कि वह अपने परिचित देवसिंह से शनिवार की दोपहर को एक्टिवा मांग कर ले गई थी। जब वह एक्टिवा वापस करने गई तो देवसिंह ने उसके साथ छत पर ले जाकर जबरदस्ती की एवं अन्य दो दोस्तों ने भी साथ ले जाने में सहयोग किया।
पुलिस उप महानिरीक्षक इरषाद वली ने बताया है कि युवती की शिकायत के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
बलिया, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। बलिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है। ऐसा तभी हो सकता है जब माता-पिता अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार देंगे । बलिया में स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए, भाजपा विधायक ने कहा कि न तो शासन और न ही हथियारों का उपयोग ऐसे अपराधों को रोक सकता है।
उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, "'ना शासन से, ना तलवार से', बल्कि अच्छे संस्कारों की मदद से इन घटनाओं को रोका जा सकता है। सभी माता-पिता को अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार देने चाहिए। यह शासन और अच्छे संस्कारों का संयोजन है, जो देश को सुंदर बना सकता है।"
सुरेंद्र सिंह आए दिन विवादित बयान देते रहते हैं।
सिंह ने पहले सरकारी अधिकारियों की तुलना वेश्याओं से करके विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था, "अधिकारियों की तुलना में वेश्याएं बेहतर हैं। वे पैसे लेती हैं और पूरी रात नाचती हैं। लेकिन ये अधिकारी जनता से पैसा लेने के बावजूद अपना काम नहीं करते हैं।"
वह विवादों में तब आए, जब उन्होंने कहा था कि "जिन मुस्लिमों की कई पत्नियां और कई बच्चे हैं, उनमें पशुता की प्रवृत्ति है।"
भाजपा विधायक ने कहा था, "मुस्लिम धर्म में आप जानते हैं कि लोग 50 पत्नियां रखते हैं और 1,050 बच्चों को जन्म देते हैं। यह एक परंपरा नहीं, बल्कि एक पशुवादी प्रवृत्ति है। समाज में सिर्फ दो से चार बच्चों को जन्म देना सामान्य है।"
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा अध्यक्ष मायावती पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
सुमित शर्मा
हाथरस (यूपी), 4 अक्टूबर (न्यूज18)। हाथरस गैंगरेप की लड़ाई सीबीआई तक आ गई, लेकिन इंसाफ की जंग थमी नहीं है। उधर, रविवार को हाथरस के बसंत बाग स्थित पूर्व विधायक राजवीर पहलवान के आवास पर पहले से तय पंचायत शुरू हुई। पंचायत में कई लोग उमड़े। पूर्व विधायक के आवास पर शुरू हुई इस पंचायत में हाथरस मामले को लेकर कई अहम बातें रखी गईं। पंचायत में क्षेत्र के सवर्ण समाज के लोग भी इकट्ठा हुए। पंचायत के दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को निर्दोष बताया है। वहीं सीएम योगी के सीबीआई जांच की सिफारिश वाले फैसले का सवर्ण समाज के लोगों ने स्वागत भी किया।
घटना के बाद पीडि़त परिवार से मुलाकात करने पहुंचे सपा प्रदेश उपाध्यक्ष निजाम मलिक द्वारा आरोपियों के सर काटने पर एक करोड़ की राशि देने की बात को लेकर सवर्ण समाज में विरोध है। दरअसल लगातार आरोपियों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर सवर्ण समाज के लोगों का धरना-प्रदर्शन जारी है। पीडि़त परिवार पर लगाये गंभीर आरोप मीडिया के खिलाफ भी सवर्ण समाज में आक्रोश देखा गया। गांव में पुलिस का सख्त पहरा है। अब हाथरस कांड की जांच सीबीआई के हवाले करने की तैयारी है। योगी सरकार ने केंद्र सरकार से इस बात की सिफारिश की है। लेकिन पीडि़त परुवार सीबीआई जांच की सिफारिश संतुष्ट नजर नहीं आया।
पीडि़त परिवार का कहना है कि उन्होंने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी। उनकी मांग है कि पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए। हालांकि परिवार ने यह विश्वास जताया कि उन्हें योगी सरकार पर पूरा भरोसा है। हाथरस केस में जहां एक तरफ सियासत तेज है वहीं जांच एजेंसियां में भी तेजी है। आज एक फिर एसआईटी टीम हाथरस पहुंची है। टीम हाथरस पीडि़ता के घर पर परिवारवालों का बयान रिकॉर्ड कर रही है। इससे पहले घटना के बाद एसआईटी टीम मौक पर पहुंची थी।