राष्ट्रीय
कोच्चि, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| केरल के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व सचिव एम. शिवशंकर और केरल में सोना तस्करी मामले की प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश संग गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के अधिकारियों द्वारा उनके कार्यालय में पूछताछ की जा रही है। यह चौथी दफा है, जब शिवशंकर से एनआईए पूछताछ कर रही है, लेकिन स्वप्ना संग उनकी कंपनी में की जा रही यह पूछताछ पहली दफा है।
सोने की तस्करी का मामला पहली बार 5 जुलाई को तब सामने आया जब यहां यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी पी.एस. सरिथ को सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने 30 किलो सोना दुबई से केरल लाने में मदद दिलाने के आरोप में पकड़ा था।
मामले में बाद में जाकर स्वप्ना का नाम भी जुड़ा, जो पहले यूएई के वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी थीं और बाद में जाकर वह केरल सरकार की आईटी डिपार्टमेंट से जुड़ी। जांच के दौरान शिवशंकर के साथ उनके संबंध का पता चला और आगे खुलासा हुआ कि वह उनके गुरू थे।
स्वप्ना के साथ उनकी जान-पहचान होने के तथ्य का खुलासा होने के बाद विजयन ने पहले उन्हें अपने सचिव और राज्य के आईटी सचिव के पद से हटाया और बाद में उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया।
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में दायर चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने सलमान खुर्शीद और अधिवक्ता प्रशांत भूषण का नाम शामिल किया है। इसके अलावा चार्जशीट में कई नेता, वकील और एक्टिविस्ट के नाम भी सामने आए हैं। उनके नाम कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां और एक आरोपी खालिद सैफी ने अपने प्रकटीकरण बयान में लिया। इस तरह के बयान भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 25 के तहत स्वीकार योग्य नहीं है।
अपने प्रकटीकरण बयान में, इशरत जहां ने कहा कि कई दिग्गजों जैसे पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, अधिवक्ता प्रशांत भूषण, एक्टिविस्ट हर्ष मंदर, योगेंद्र यादव ने प्रदर्शनों में भाग लिया।
खालिद सैफी और अन्य गवाहों ने भी ऐसे ही बयान दिए।
16 सितंबर को, पुलिस ने यूएपीए, भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट और लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट की कॉपी उनके वकीलों को सोमवार को भेज दी गई है।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में इस वर्ष फरवरी में हुई हिंसा के मामले में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में 200 दिन से कम समय में यह चार्जशीट दाखिल की गई।
नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प काफी हिंसक हो गई थी, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हो गए थे।
चार्जशीट में ताहिर हुसैन, सफूरा जारगर, गुलफिशा खातून, दवांगना कलिता, शफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल, अब्दुल खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरन हैदर, शबाद अहमद, तलसीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान का नाम है।
ताहिर हुसैन का नाम चार्जशीट में मुख्य अभियुक्त के रूप में शामिल है। चार्जशीट में हालांकि उमर खालिद, शरजील इमाम, मो. परवेज अहमद, मोहम्मद इलयास, दानिश और फैजल खान के नाम नहीं हैं।
इनके नाम को पूरक आरोपपत्र में जोड़ा गया है।
पटना, 24 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां केंद्र सरकार और बिहार सरकार पर कृषि विधेयकों को लेकर मोर्चा खोलते हुए कहा कि मोदी जी और नीतीश बाबू कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं। सुरजेवाला ने यहां कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन काले कानून के माध्यम से हरितक्रांति को हराने की यह भाजपा की साजिश है।
उन्होंने कहा, "आज देशभर में 62 करोड़ किसान, मजदूर और 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी और जदयू सरकार देश को बरगला रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खेती को बर्बाद करना शुरू किया और आज पूरी तरह से तबाह कर दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेती पर मोदी सरकार हमलावर है। किसान विरोधी यह तर्जरुबा नीतीश बाबू के नेतृत्व में साल 2006 में बिहार में प्रारंभ किया गया था।
रणदीप सुरजेवाला ने सवालिया लहजे में कहा, "अगर अनाज मंडी, सब्जी मंडी व्यवस्था यानी एपीएमसी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, तब कृषि उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा, कहां मिलेगा और कौन देगा?"
उन्होंने कहा कि ये तीनों अध्यादेश संघीय ढांचे पर सीधे-सीधे हमला हैं। खेती और मंडियां संविधान के सातवें शिड्यूल प्रांतीय अधिकारों के क्षेत्र में आते हैं, लेकिन मोदी सरकार ने प्रांतों से राय लेना तक उचित नहीं समझा। खेती का संरक्षण और प्रोत्साहन स्वभाविक तौरे से प्रातों का विषय है, लेकिन उनकी कोई राय नहीं ली गई।
इधर, राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने पत्रकार वार्ता के बाद आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि महामारी की आड़ में मोदी सरकार 'किसानों की आपदा' को 'पूंजीपतियों के अवसर' के रूप में उपलब्ध करवाकर किसानों के साथ जो व्यवहार कर रही है, उसे देश के किसान कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के हक की लड़ाई संसद से प्रारंभ कर सड़कों पर ले आई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और इस लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ेगी।
संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भी उपस्थित रहे।
चेन्नई, 24 सितंबर (आईएएनएस)| मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे पेरारीवलन को गुरुवार को 30 दिन की पैरोल दी है। पेरोलिवलन की मां अर्पुथमल ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर यह पैरोल दी गई है। साथ ही पैरोल ऐसे समय में दी गई है, जब पुझाल जेल में कैदियों का कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव आया है।
राजीव गांधी की हत्या के मामले में 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था। इनके नाम हैं -- ए.जी. पेरारिवलन, वी.श्रीहरन उर्फ मुरुगन, टी. सुतेन्द्रराज उर्फ संथान, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और वी. श्रीहरन की पत्नी नलिनी श्रीहरन।
ये सभी अपराधी 1991 से जेल में हैं। उसी साल चेन्नई के पास एक चुनावी रैली में लिट्टे की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया था, जिसमें राजीव गांधी की मौके पर ही मौत हो गई थी।
तमिलनाडु सरकार ने इन सभी दोषियों की रिहाई के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है, जिस पर अभी राज्यपाल का निर्णय आना बाकी है।
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| फिटनेस और विराट कोहली का चोली-दामन का नाता है। कोहली देश के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं। यही कारण है कि फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोहली से पूछ ही लिया कि उनकी फिटनेस का राज क्या है और क्या वह भी अपना यो-यो टेस्ट कराते हैं? प्रधानमंत्री गुरुवार को भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान की पहली वर्षगांठ पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कोहली से मुखातिब थे। इस दौरान दोनों के बीच रोचक संवाद हुआ। कोहली अभी संयुक्त अरब अमीरात में अईपीएल खेल रहे हैं और इस अभियान के एक साल होने पर वब खासतौर पर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री से मुखातिब हुए।
इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कोहली से यो-यो टेस्ट और थकान के बारे में सवाल पूछा, जिसका विराट कोहली ने अपने अंदाज में जवाब दिया। कोहली ने कहा कि आजकल लाइफ की डिमांड ज्यादा हो गई है। फिटनेस को नहीं इंप्रूव करेंगे तो खेल में पीछे छूट जाएंगे। खेल में सफलता के लिए सिर्फ स्किल ही नहीं शरीर और दिमाग कितना तंदरुस्त है, ये भी मायने रखता है।
प्रधानमंत्री ने कोहली से पूछा कि आपको कभी थकान नहीं लगती? जिस पर कोहली बोले, ईमानदारी से कहूं तो थकान हर किसी को होती है। अगर आप शारीरिक मेहनत करेंगे तो थकान लगेगी। लेकिन अगर आपका लाइफस्टाइल अच्छा है, अच्छा खा रहे हैं, नींद अच्छी है तो आपकी रिकवरी तेज होगी। अगर मैं थक रहा हूं और एक मिनट में दोबारा तैयार हो जाता हूं, यह मेरा प्लस प्वाइंट है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल टीम के लिए यो-यो टेस्ट हो रहा है। क्या कैप्टन को भी ये टेस्ट कराना पड़ता है? इस पर भारत और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के कप्तान कोहली ने फिटनेस के लिहाज से यो-यो टेस्ट को बहुत जरूरी बताया।
कोहली ने कहा, " इससे टीम का फिटनेस लेवल बढ़ता है। टेस्ट मैच में फिटनेस बहुत जरूरी है। टी-20 और वन डे की तुलना में टेस्ट मैच पांच दिन खेलना होता है। इसमें फिटनेस स्टैंडर्ड ज्यादा मायने रखता है। इसीलिए यो-यो टेस्ट में मैं भी भाग लेता हूं। अगर मैं भी फेल हो जाऊंगा तो सलेक्शन के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा। स्किल हमारे पास हमेशा से रही है, लेकिन फिटनेस भी जरूरी होता है। फिटनेस की वजह से अब हमारे रिजल्ट बेहतर आ रहे हैं।
विराट कोहली ने कहा, जिस पीढ़ी में हमने खेलना शुरू किया, चीजें बहुत तेजी से बदलीं। हमारे स्किल में प्राब्लम नहीं थी, लेकिन फिटनेस में प्रभाव पड़ रहा था। फिटनेस प्रायरिटी होनी चाहिए। प्रैक्टिस मिस हो जाए तो मुझे खराब नहीं लगता। लेकिन फिटनेस छूट जाए तो खराब लगता है।
चंडीगढ़, 24 सितंबर (आईएएनएस)| संसद के दोनों सदनों से पारित हुए तीनों कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने तीन दिवसीय 'रेल रोको' अभियान शुरू किया है। रेलवे के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने 26 सितंबर तक विशेष ट्रेनों का परिचालन रद्द करने का फैसला किया है।
इस फैसले के तहत जिन ट्रेनों को निलंबित किया गया है उनमें स्वर्ण मंदिर मेल (अमृतसर-मुंबई सेंट्रल), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी, सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) शामिल हैं।
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर कस्बों में रेल पटरियों पर धरना दे रहे हैं।
अब तक के इतिहास में पहली बार पार्टी लाइन से हटकर एकजुटता दिखाते हुए पंजाब के 31 किसान संगठनों ने शुक्रवार को संयुक्त राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संगठनों ने पूर्ण पंजाब बंद का भी आह्वान किया है। उन्होंने 25 सितंबर के बाद विरोध प्रदर्शन जारी रखने की भी रणनीति भी बनाई है।
लखनऊ , 24 सितंबर (आईएएनएस)| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पर एक बार फि र सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार किसानों को विश्वास में लेकर निर्णय लेती तो बेहतर होता। मायावती ने गुरूवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केंद्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।
इससे पहले मायावती ने लिखा था कि संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, पास कर दिये गये हैं। उससे बसपा कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।
ज्ञात हो कि कृषि सुधार बिल के विरोध में कई विपक्षी दल लामबंद हैं। बीते रविवार को विपक्षी दलों ने इसके विरोध में राज्यसभा में हंगामा भी किया था। हालांकि विपक्षी दल होने के बावजूद बसपा ने इस हंगामें से स्वयं को दूर रखा था, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार इस मुद्दे पर पार्टी की राय रखते हुए इसका विरोध कर रही हैं।
किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के विरोध में शुक्रवार को चक्का जाम करने का भी निर्णय किया है।
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फिट इंडिया मुहिम की पहली वर्षगांठ के अवसर पर फिटनेस जगत की हस्तियों से संवाद किया। ताकि, देश के लोगों को फिट रहने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस दौरान एक्टर और 'आयरन मैन' मिलिंद सोमन ने अपनी 81 वर्षीय मां को फिटनेस की मिसाल बताया। मिलिंद सोमन ने कहा कि उनकी मां ने 60 वर्ष की उम्र में ट्रैकिंग शुरू की। मिलिंद सोमन ने बताया कि वह फिट रहने के लिए जिम जाने में विश्वास नहीं करते। वह आठ बाई दस फुट की जगह में भी फिट रह सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक सवाल के जवाब में मिलिंद सोमन ने बताया, "मेरा कोई रुटीन नहीं है। मुझे एक्सरसाइज करना पसंद है। दिन में जितना समय मिलता है, चाहे तीन मिनट हो या तीन घंटा हो, मैं एक्टिविटीज करता रहता हूं। मैं कभी जिम नहीं जाता। मैं कभी मशीन यूज नहीं करता। अगर सामान्य रूप से फिट रहना है, हेल्दी बनना है तो घर पर भी आसान चीजों को लेकर भी फिट और हेल्दी रह सकता हूं। मैं लोगों से कहता हूं कि आठ बाई दस फुट की जगह में भी मैं फिट रह सकता हूं।"
मिलिंद सोमन ने कहा, "मैं 2012 में दिल्ली से बांबे दौड़ा था। मेरी मां 81 साल की हैं, वो जो आज कर सकती हैं, मुझे उनकी उम्र में वैसा ही बनना है। मां मेरी मिसाल है। मिलिंद सोमन ने कहा कि हमारे दादा लोग 40-40 किमी पैदल चलते थे। देश के कई हिस्सों में महिलाएं पानी लेने के लिए 40-40 किमी चलती हैं।
मिलिंद सोमन ने कहा कि मैं मैराथॉन दौड़ सकता हूं। इसकी तैयारी कर सकता हूं। लोगों को समझ होनी चाहिए कि हमें कितना फिट रहना चाहिए। मैराथान, पर्वत चढ़ने के लिए या सामान्य जीवन के लिए फिट रहने के अलग-अलग मापदंड होते है। फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए यह समझ विकसित होगी। लोगों को समझना चाहिए कि 40 की उम्र में जिंदगी खत्म नहीं होती, यहां से शुरूआत हो सकती है।
बीजेपी सरकार पिछले 6 महीने से जनता से मास्क लगाने की अपील कर रही है। जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं पुलिस उनसे जुर्माना वसूल रही है। उसी पुलिस विभाग के मुखिया अगर सार्वजनिक स्थान पर इस तरह की बातें करें तो कोरोना महामारी से लड़ने की मुहिम का क्या होगा?
देश में कोरोना का कहर चरम पर है। केंद्र की मोदी सरकार यह जताने की कोशिश कर रही है कि सबकुछ ठीक है। लेकिन असल में देश में स्थिति कैसी है यह किसी छिपी नहीं है। देश में कोरोना की दस्तक से लेकर अब तक पीएम मोदी कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर दर्जनों बार मास्क लगाने को लेकर जनता से अपील कर चुके हैं, लेकिन आलम यह है कि उनकी पार्टी के नेता और मंत्री ही लगातार उनकी अपील और नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश का है, जहां के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सार्वजनिक कार्यक्रम में बिना मास्क के दिखाई दिए।
#WATCH Madhya Pradesh Home Minister Narottam Mishra says, "I don't wear it" when asked why is he not wearing a mask at an event in Indore. (23.09.2020) pic.twitter.com/vQRyNiG3ES
— ANI (@ANI) September 24, 2020
हैरानी की बात तो यह है कि इंदौर में एक कार्यक्रम में नरोत्तम मिश्रा से जब मास्क नहीं लगाने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बिन झिझक सरेआम कह दिया कि मैं कार्यक्रमों में मास्क नहीं लगाता। उन्होंने कहा कि मैं किसी कार्यक्रम में मास्क नहीं लगाता। उन्होंने कहा कि इसमें क्या होता है, मैं नहीं पहनता। जरा सोचिए जो बीजेपी सरकार पिछले 6 महीने से जनता से मास्क लगाने की अपील कर रही है। जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं पुलिस उनसे जुर्माना वसूल रही है। उसी पुलिस विभाग के मुखिया अगर सार्वजनिक स्थान पर इस तरह की बातें करें तो कोरोना महामारी से लड़ने की मुहिम का क्या होगा? सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी की बातें और अपली उन्हीं की पार्टी के नेता और मंत्री नहीं सुनते? ऐसे में आप आम जनता से क्या उम्मीद लगाकर बैठे हैं।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का यह बयान जब मीडिया की सुर्खियां बनीं तो उनकी नींद टूटी है। आनन फानन में उन्होंने अब मास्क नहीं पहनने को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने कहा, “मास्क नहीं पहनने पर मेरा बयान कानून का उल्लंघन प्रतीत होता है। यह पीएम की भावना के अनुरूप नहीं था। मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं और खेद व्यक्त करता हूं। मैं मास्क पहनूंगा। मैं सभी से मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील करता हूं।” (navjivanindia.com)
हाथरस (उत्तर प्रदेश), 24 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ ऊंची जाति के चार लोगों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की घटना सामने आई है। आरोपियों ने पीड़िता का गला घोंटने की भी कोशिश की। पीड़िता को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में आईसीयू में भर्ती कराया गया है। हालांकि पीड़िता ने घटना के बाद के दिनों में पुलिस को अपना बयान दर्ज करा दिया था और उसने कहा कि 14 सितंबर को जब वह जानवरों के लिए चारा इकट्ठा करने गई थी, तब ऊंची जाति के चार पुरुषों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
इससे पहले पीड़िता के भाई की शिकायत के आधार पर पुलिस ने हत्या के प्रयास और एससी / एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत संदीप के तौर पर पहचाने गए एक आरोपी पर मामला दर्ज किया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी ने पुरानी दुश्मनी को लेकर लड़की को मारने की कोशिश की थी।
लड़की के बयान के बाद मंगलवार को एफआईआर में दुष्कर्म के आरोप जोड़े गए और तीन और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने कहा, "एक और आरोपी को पकड़ लिया गया है और अन्य को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
एडिशनल एसपी प्रकाश कुमार ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 161 के तहत लड़की का बयान जांच अधिकारी द्वारा पहले दर्ज नहीं किया गया था, क्योंकि लड़की को हाथरस जिला अस्पताल से अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रेफर करने के बाद वह आईसीयू में थी। उन्होंने कहा कि चार्जशीट जल्द ही दाखिल की जाएगी।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष दीपक कुमार ने पीड़िता से मुलाकात की और आरोप लगाया कि परिवार को आरोपी के साथ-साथ पुलिस द्वारा धमकी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के राज्य प्रमुख अजय कुमार लल्लू को इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट देंगे।
पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए बुधवार को हाथरस पहुंचे कांग्रेस नेता श्योराज जीवन वाल्मीकि ने बयान दर्ज करने में देरी के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, साथ ही कहा कि दलित समुदाय के सदस्यों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
श्रीनगर, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| जम्मू और कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों के हमले में घायल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान की मौत हो गई है। गुरुवार को मोटरसाइकिल सवार आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के जवान पर नजदीक से गोली चला दी थी जिसमें जवान घायल हो गया था। उसे श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने जवान की मौत की पुष्टि की।
आतंकवादियों ने जवान की रायफल भी छीन ली थी।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने मिलकर आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान शुरू कर दिया है।
-जेके कर
छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में शामिल है जहां आबादी के अनुपात में कोरोना के कम टेस्ट हो रहें हैं। देश में कोरोना के सबसे कम टेस्ट राजस्थान में हुये हैं जहां मात्र 1.16 फीसदी आबादी का ही टेस्ट किया गया है। इसके बाद मध्यप्रदेश आता है जहां आबादी के मात्र 2.2 फीसदी का ही टेस्ट हुआ है। उसके बाद नंबर आता है पश्चिम बंगाल का जहां 2.93 फीसदी आबादी का ही कोरोना का टेस्ट कराया गया है। इन तीनों राज्यों के बाद छत्तीसगढ़ है जहां आबादी के 3.26 फीसदी आबादी का ही कोरोना का टेस्ट कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि खुद राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 1 सितंबर को कोरोना से संक्रमितों की कुल संख्या 33,017 थी जो 23 सितंबर को बढक़र 93,351 की हो गई है। इस तरह से सितंबर माह के महज 22 दिनों में ही कोरोना के मरीजों की संख्या तकरीबन तिगुनी हो गई है।
बता दें कि हमने राज्यों की 31 मई, 2020 तक की अनुमानित जनसंख्या यूनिक आइडेंटिटी ऑथारिटी ऑफ इंडिया से लिया है। इसी तरह से किन-किन राज्यों में कोरोना के कितने टेस्ट हुये हैं उसके लिए कोविड19 इंडिया डॉट ओआरजी से आकड़ें लिये हैं। आंकड़ों की जांच करने के लिए हमने छत्तीसगढ़ जनसंपर्क द्वारा जारी आंकड़ों से इसकी तुलना भी की है। छत्तीसगढ़ जनसंपर्क के आंकड़ों के अनुसार 23 सितंबर 2020 तक राज्य में कुल 10,50,165 कोरोना टेस्ट की जानकारी दी गई है तथा कोविड19 इंडिया डॉट ओआरजी के अनुसार राज्य में 9,60,000 टेस्ट ही बताया जा रहा है। जाहिर है कि सरकारी आंकड़े समय के साथ अपडेट किए जाते रहते हैं। इस तरह का अंतर अन्य राज्यों का भी होगा जो अपडेट न होने के कारण पिछले दिनों का हो सकता है। बहरहाल, तुलना करने के लिये हम इन उपलब्ध आंकड़ों को ही प्रस्थान बिंदु मानकर चलेगें। नतीजा कमोबेश एक सा ही होगा।
गौरतलब है कि जानकारों तथा विश्व-स्वास्थ्य-संगठन द्वारा ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कराने पर जोर दिया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द कोरोना संक्रमितों की
पहचान करके उनका ईलाज़ किया जा सके तथा संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। कुछ जानकार कोरोना के कुल कितने टेस्ट हुये हैं उस पर जोर देते हैं तो कुछ प्रति दस लाख में से कितने लोगों का टेस्ट कराया गया है उस पर ध्यान देते हैं। जबकि यहां पर हम किस राज्य की कितनी आबादी है तथा उसके कितने फीसदी लोगों का टेस्ट कराया जा चुका है उसके आधार पर विश्लेषण कर रहें हैं। इसी के साथ जुड़ा हुआ एक तथ्य यह भी है कि कोरोना का टेस्ट कोरोना के लक्षण होने पर तथा पुष्ट संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का ही किया जाता है।
अभी तक देश की कुल आबादी के 4।81 फीसदी का ही टेस्ट कराया गया है। देश में सबसे ज्यादा टेस्ट गोवा, अरुणाचल प्रदेश तथा दिल्ली में कराया गया है। गोवा में 15.13 फीसदी, अरुणाचल प्रदेश में 14.64 फीसदी तथा दिल्ली में 14.43 फीसदी आबादी का टेस्ट कराया गया है। जम्मू-कश्मीर में 10.73 फीसदी, आंध्रप्रदेश में 9.83 फीसदी, त्रिपुरा में 8.87 फीसदी, असम में 8.48 फीसदी, मणिपुर में 7.11 फीसदी आबादी का कोरोना टेस्ट कराया गया है।
जबकि तमिलनाडु में 8.64 फीसदी, केरल में 7.14 फीसदी, हरियाणा में 6.24 फीसदी, तेलंगाना में 6.68 फीसदी, गुजरात में 6.24 फीसदी, ओडिशा में 6.27 फीसदी, पंजाब में 5.47 फीसदी, उत्तराखंड में 5.68 फीसदी आबादी का टेस्ट कराया गया है।
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 24 सितंबर (आईएएनएस)| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने राज्य की पुलिस से मांग की है कि 15 दिसंबर को नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन और हिंसा की फिर से जांच करें और 'निर्दोष' लोगों पर लगे मामलों को खत्म करें। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद के नेतृत्व में छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को आगरा के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अजय आनंद को ज्ञापन सौंपा। एडीजी आनंद ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उनकी मांगों पर गौर करेंगे।
ज्ञापन में कहा गया, "घटना के बाद पुलिस द्वारा मोटरसाइकिलों की बरामदगी के आधार पर छात्रों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं करना चाहिए क्योंकि उनमें से कई निर्दोष हैं। लिहाजा मामले की फिर से जांच करने के बाद ही आरोप लगाए जाने चाहिए।"
साथ ही कहा गया है कि जिन छात्रों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें 'राजनीति से प्रेरित' इस घटना के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि छात्रों के खिलाफ पुलिस बल का उपयोग करने को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बता दें कि पिछले साल 15 दिसंबर को एएमयू छात्रों द्वारा सीएए के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में अलीगढ़ रेंज के तत्कालीन डीआईजी प्रीतिंदर सिंह, सुरक्षा गार्ड, एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और छात्रों समेत 70 लोग घायल हो गए थे।
जिला पुलिस ने मामले में दो प्राथमिकी दर्ज कर एएमयू के 7 छात्रों सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया था।
बाद में उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने भी मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 1,000 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
मुरादाबाद, 24 सितंबर (आईएएनएस)| मुरादाबाद में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें अपनी नाबालिग बेटी के उत्पीड़न का विरोध करने पर 45 वर्षीय पिता को कथित तौर पर युवक, उसके दोस्तों और परिवार के सदस्यों ने पीट-पीटकर मार डाला। यह घटना मंगलवार शाम को महेशपुरा गांव की है। मृतक हरिओम आरोपी युवक रणवीर के परिवार से यह शिकायत करने गए थे कि वह उनकी 14 वर्षीय बेटी के साथ छेड़छाड़ करता है।
शिकायत करने जाने पर रणवीर (24), ने अपने दोस्तों विकास (23), शर्मा यादव (24) और अमर सिंह (26) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर हरिओम को ईंटों और डंडों से बेरहमी से पीटा।
पीड़ित ने गंभीर चोट के कारण बुधवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और रणवीर और उसके दोस्तों विकास, शर्मा यादव और अमर सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुरादाबाद, प्रभाकर चौधरी ने कहा, "यह पता चला है कि दोनों परिवार आपस में रिश्तेदार हैं, और उनके बीच कुछ विवाद चल रहा था।"
एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने कहा, "हरिओम की मौत के बाद उनके परिवार के सदस्यों और कुछ ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दिया। स्थानीय पुलिस की ओर से लापरवाही सामने आई है, क्योंकि पुलिस कार्रवाई में देरी हुई थी। जांच का आदेश दिया गया है।"
मामले 57 लाख और मौतें 91 हजार के पार
नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)| देश में 24 घंटे में कोरोनावायरस के 86,508 मामलों के साथ कुल संख्या 57,32,518 तक पहुंच गया है। वहीं 1,129 नई मौतों के बाद कुल संख्या 91,149 हो गई है। कुल मामलों में से 9,66,382 सक्रिय मामले हैं, वहीं 46,74,987 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में रिकवरी रेट 81.55 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.59 प्रतिशत है।
देश में सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में 12,63,799 मामले और 33,886 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। इसके बाद प्रभावित राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने बुधवार को 11,56,569 नमूनों का परीक्षण किया। इसके साथ ही अब तक जांच किए गए नमूनों की कुल संख्या 6,74,36,031 हो गई है।
मामले 57 लाख और मौतें 91 हजार के पार
नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)| देश में 24 घंटे में कोरोनावायरस के 86,508 मामलों के साथ कुल संख्या 57,32,518 तक पहुंच गया है। वहीं 1,129 नई मौतों के बाद कुल संख्या 91,149 हो गई है। कुल मामलों में से 9,66,382 सक्रिय मामले हैं, वहीं 46,74,987 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में रिकवरी रेट 81.55 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.59 प्रतिशत है।
देश में सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में 12,63,799 मामले और 33,886 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। इसके बाद प्रभावित राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने बुधवार को 11,56,569 नमूनों का परीक्षण किया। इसके साथ ही अब तक जांच किए गए नमूनों की कुल संख्या 6,74,36,031 हो गई है।
अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद में एक दिलचस्प मामला सामने आया है जिसे जानकार पर भी हैरान रह जाएंगे। आमतौर पर पति व पत्नी के बीच किसी तीसरे की मौजूदगी भी अमान्य है, लेकिन जब मसला प्रेम प्रसंग का हो और पत्नी ऐसे मामले के उजागर होने के बाद भी प्रेम प्रसंग जारी रखने की नसीहत देकर छोड़ दे तो किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
दरअसल, मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग से पति का एक अन्य महिला के साथ प्रेम प्रसंग का मामला उजागर हो गया। इसके बचाव में पति ने कहा कोरोना महामारी के चलते बिजनेस में घाटा लग गया और प्रेमिका आर्थिक मदद कर रही है। इस पर पत्नी बोली जब तक कर्ज नहीं उतर जाता प्रेम प्रसंग बनाए रखो। (sakshi)
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम 'यूपीएससी जेहाद' ने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया है और इसी वजह से चैनल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और बताने के लिए कहा गया है कि उसके खिलाफ क्यों न कोई कार्रवाई की जाए। केंद्र की ओर से पेश सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को कहा कि सुदर्शन टीवी को 28 सितंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है और सुझाव देते हुए कहा कि कोर्ट को मामले की सुनवाई स्थगित कर देनी चाहिए।
इसपर, पीठ ने कहा कि अगर उसने मामले में हस्तक्षेप नहीं किया होता और रोक नहीं लगाई होती तो, सभी 10 एपिसोड टेलीकास्ट कर दिए जाते।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, "कार्यक्रम अभी तक समाप्त हो गया होता, अगर कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया होता।"
मेहता ने इसपर कहा कि यह अच्छा होगा अगर अदालत का हस्तक्षेप मामले में अंतिम उपाय हो।
न्यायमूर्ति ने कहा कि इसके साथ ही सुनवाई को भी समाप्त करने की जरूरत होती है, सभी अच्छी चीजों का भी अंत होता है।
नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)| चुनावी राज्यों में शुमार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का फोकस बढ़ गया है। एक साल में चार बार संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के दौरे से बड़े संकेत मिलते हैं। तीन दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद 25 सितंबर को मोहन भागवत कोलकाता से रवाना होंगे। बताया जा रहा है कि वह कोलकाता से ओडिशा जाएंगे।
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 22 सितंबर को कोलकाता पहुंचे। संघ सूत्रों ने बताया कि अगले दिन 23 सितंबर यानी बुधवार को उन्होंने पश्चिम बंगाल के कुछ संघ प्रचारकों से भेंट कर उनसे राज्य के हालात के बारे में जानकारी ली। वह 24 सितंबर को भी संघ और सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों से मिलेंगे। इसके बाद 25 सितंबर की सुबह कोलकाता से रवाना होंगे। सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक साल में चार बार के दौरे से पश्चिम बंगाल को लेकर आरएसएस की खास रणनीति के संकेत मिलते हैं।
राज्य में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिस तरह से ममता बनर्जी सरकार तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है, उससे संघ राज्य में किसी भी परिस्थिति में सत्ता परिवर्तन चाहता है। ऐसे में संघ राज्य में चुनाव से पहले अपने काडर को मजबूत करने में जुटा है। संघ के शीर्ष अधिकारियों की ओर से पश्चिम बंगाल पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। गांव-गांव से संघ स्वयंसेवक तैयार करने में जुटा है।
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की सक्रीयता की बात करें तो इससे पूर्व पिछले साल वह एक और 31 अगस्त को कोलकाता आए थे, वहीं 19 सितंबर 2019 को भी उनका दौरा हुआ था। उस दौरान भी उन्होंने कई संगठनात्मक बैठकें लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। इस प्रकार मोहन भागवत का सितंबर 2020 में यह चौथा दौरा है।
- Deborah Grey
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (KPSS) के अध्यक्ष संजय टिकू रविवार, 20 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। हमारे सहयोगी संपादक देबोराह ग्रे के एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि वे इस कदम को उठाने के लिए क्यों मजबूर हुए।
Q) आपने जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों को कई ज्ञापन और अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं और यहां तक कि 27 अगस्त, 2020 को उपराज्यपाल से भी मुलाकात की। इस बीच ऐसा क्या हुआ कि आप आमरण अनशन के लिए मजबूर हो गए?
संजय टिकू: घाटी में गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडित समुदाय को तत्काल राहत की जरूरत है। यह मुख्य रूप से रोजगार योजनाओं को लागू न करने के कारण है, जिसके परिणामस्वरूप सामुदायिक सदस्यों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह समुदाय के लिए रोजगार योजनाओं के विषय पर जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2016 के फैसले के बावजूद है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के बारे में यह और अन्य चिंताओं को कई ज्ञापनों के माध्यम से अधिकारियों को सूचित किया गया था, जिनमें से अंतिम 12 अगस्त को भेजा गया था, जहां हमने उन्हें जवाब देने के लिए एक पखवाड़ा दिया। जब मैं उपराज्यपाल से मिला, तो उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि समुदाय द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर किया जाएगा और वह मुख्य सचिव से बात करेंगे। हालाँकि, जब मैंने एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव कार्यालय से संपर्क किया, तो मुझे बताया गया कि एलजी के कार्यालय से ऐसा कोई संचार प्राप्त नहीं हुआ है। मैंने उन्हें दो से तीन ईमेल भेजे और उनसे इस मुद्दे पर फिर से चर्चा करने के लिए समय मांगा, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मुझे लगा कि गैर प्रवासियों के साथ सौतेले व्यवहार को उजागर करने का एकमात्र तरीका आमरण अनशन ही है।
Q) आपने यह भी कहा है कि आपको लगता है कि आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण (DMRR & R) विभाग जानबूझकर गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों की अनदेखी कर रहा है। ऐसा क्यों है?
संजय टिकू: 2016 के उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद अभी तक रोजगार योजनाओं को लागू नहीं किया गया है। हमने कई बार उनसे मुलाकात की, लेकिन वे अभिमानी बने हुए हैं। साथ ही, जब भी हमने किसी प्राधिकरण को ज्ञापन या प्रतिनिधित्व भेजा है, हमने इसे राहत विभाग को भी भेजा है। फिर भी वे अभिनय करने में असफल रहे हैं। गृह मंत्रालय ने 23 जून को उन्हें सरकारी योजना के अनुसार योग्य गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडित युवाओं के लिए नौकरियों के लिए चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा था। हालाँकि, उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है! यह एक आश्चर्य है कि राहत विभाग के अधिकारी जानबूझकर हमारी अनदेखी कर रहे हैं। मुझे आश्चर्य है कि शायद हमारे सभी ज्ञापन सिर्फ कूड़ेदान में फेंक दिए जाते हैं!
Q) बेरोजगारी अभी भी युवाओं में सबसे बड़ी समस्या है, या यह नहीं है?
संजय टिकू: अक्टूबर 2016 में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, 600 गैर-प्रवासी युवा कश्मीरी पंडित सरकारी योजना के तहत नौकरी पाने के योग्य पाए गए थे। लेकिन योजना के क्रियान्वयन में देरी के कारण इनमें से 86 लोग अपात्र हो गए हैं क्योंकि वे उम्र के मानदंडों को पार कर चुके हैं। अब, उनके साथ क्या होने जा रहा है? हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वे इस योजना के लिए विचार करें क्योंकि यह प्रशासनिक देरी थी जिससे वे अयोग्य हो गए। इसके अलावा, 500 से अधिक युवा ऐसे हैं जो पात्र हैं और यहां तक कि उन्हें अभी तक नौकरी नहीं दी गई है। सेवा चयन बोर्ड ने गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों से आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन भी नहीं लिए हैं, ताकि वे योग्यता परीक्षण के लिए उपस्थित हो सकें। पहले हम राज्य प्रशासन से संपर्क करते थे। जब अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया, तो हमने यूटी अधिकारियों से संपर्क किया। अब, कोविड के कारण, बेरोजगारी की स्थिति बदतर हो गई है और बदले में समुदाय द्वारा सामना की जाने वाली वित्तीय कठिनाइयों को बढ़ा दिया है।
Q) क्या आपको लगता है कि समुदाय का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक सेंकने के लिए किया गया है?
संजय टिकू: हर कोई मुझे बताता है कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के प्रति सहानुभूति रखता है। लेकिन फिर गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को कम करने के लिए क्यों कुछ नहीं किया गया है? हम इस उदासीनता, इस सौतेले व्यवहार से थक चुके हैं। कश्मीर पंडितों के बीच पात्र परिवार जिन्होंने उग्रवाद के कारण घाटी छोड़ दी, उन्हें मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। लेकिन गैर-प्रवासी परिवारों को कुछ नहीं मिलता है! यह क्या है? हम कुछ अतिरिक्त नहीं मांग रहे हैं। गैर-प्रवासियों को वही राशि दें जो प्रवासी कश्मीरी पंडित परिवारों को दी जाती है। यह हमारी प्रमुख मांगों में से एक है। हमने कुल 160 ज्ञापन भेजे हैं, जिनमें से 110 को जून 2020 से ही भेजा गया है। कोई भी हमें गंभीरता से नहीं ले रहा है!(sabrangindia)
वाराणसी, 24 सितंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक और कीर्तिमान जुड़ गया। फाइटर विमान राफेल के स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट वाराणसी की शिवांगी सिंह शामिल हुई हैं। वाराणसी के फुलवरिया स्थित शिवांगी के घर पर पड़ोस के बच्चे जुटे और परिवार के साथ खुशियां मनाईं। शिवांगी की इस सफलता पर मां सीमा सिंह ने कहा कि बेटी ने जो सपना देखा था, उसे पूरा किया है।
शिवांगी की पोस्टिंग इस समय राजस्थान में है। शिवांगी के बचपन के बारे में मां ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में होनहार थीं। शुरुआती स्कूलिंग के बाद उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) पढ़ने गई थीं। एक महीने के तकनीकी प्रशिक्षण में क्वालीफाई करने के बाद अब वह राफेल की टीम का हिस्सा बन गई हैं।
शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि हम लोगों को गर्व है कि हमारी बेटी देश का नाम रोशन करेगी। बीएचयू में ही वह नेशनल कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं। बीएचयू से 2013 से 2015 तक एनसीसी कैडेट रहीं। साथ ही सनबीम भगवानपुर से बीएससी किया। शिवांगी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में 2013 में उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने 2016 में प्रशिक्षण के लिए वायु सेना अकादमी ज्वाइन की थी। पिछले 16 दिसंबर 2017 को ही हैदराबाद स्थित एयर फोर्स अकादमी में उन्हे फाइटर पायलट का तमगा मिला था। हैदराबाद में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शिवांगी इस समय मिग-21 की फाइटर पायलट हैं।
कुमारेश्वर सिंह ने बताया कि बिटिया ने मान बढ़ाया है। पिता ने बताया कि एक दिन पहले ही बेटी से बात हुई तो जानकारी मिली। बेटी पर हमें नाज है। वह अन्य बेटियों के लिए एक नजीर बनी है। इसे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अब बस बिटिया को राफेल उड़ाते देखने का सपना है, वो भी पूरा हो जाएगा। शिवांगी की मां सीमा सिंह गृहिणी हैं और भाई मयंक बनारस में 12वीं का छात्र है।
नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)| सीबीआई ने बुधवार को अवैध मवेशी व्यापार मामले में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पंजाब में 15 स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कमांडेंट सतीश कुमार का आवास भी शामिल है। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने रायपुर, गाजियाबाद, दिल्ली, मुर्शिदाबाद और रायपुर में तैनात कुमार के सिलीगुड़ी परिसर में तलाशी ली।
सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद अवैध कारोबार में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात अधिकारियों की संलिप्ता का खुलासा होने के बाद कुमार, मोहम्मद इनामुल हक, अरनुल एसके, मोहम्मद गोलम मुस्तफा और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
सीबीआई ने कहा, "मामले में नामित तस्करों ने आरोपी अधिकारियों को पैसे दिए थे। सीमा शुल्क अधिकारियों भी तस्करों से माल का 10 प्रतिशत हिस्सा घूस के रुप में लेते थे।"
सीबीआई ने दावा किया कि नीलामी में केवल कुछ ही तस्करों को मवेशियों को बहुत ही कम कीमत पर खरीदने की अनुमति दी जाती थी। स्थानीय बाजारों में मवेशियों के रिकॉर्ड रखने के बाद जानवरों को बांग्लादेश में बेच दिया जाता था।
नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का बुधवार को नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वह करीब 65 वर्ष के थे। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण उनका एम्स में इलाज चल रहा था। हालत बिगड़ जाने पर बुधवार की देर शाम उन्होंने आखिरी सांस ली। कर्नाटक के बेलगाम से सांसद सुरेश अंगड़ी 11 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन पर गहरा दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें एक असाधारण कार्यकर्ता और प्रभावी मंत्री बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सुरेश अंगड़ी, एक असाधारण कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कर्नाटक में पार्टी को मजबूत बनाने में कड़ी मेहनत की। वह एक समर्पित सांसद और प्रभावी मंत्री थे, जो हर जगह प्रशंसित थे। उनका निधन बहुत दुखद है। परिवार और सगे-संबंधियों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।"
भोपाल, 23 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा की गई किसानों की कर्जमाफी को शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा में स्वीकार किए जाने के दो दिन बाद सरकार की सफाई आई है। सरकार का कहना है कि 'अधिकारियों ने गलत जानकारी दे दी'। कांग्रेस ने सफाई में दिए गए बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। राज्य की विधानसभा में सरकार की ओर से दो दिन पहले स्वीकार किया गया था कि कांग्रेस के शासनकाल की जय किसान कर्जमाफी योजना में लगभग 27 लाख किसानों के कर्जमाफी की स्वीकृति दी गई है। इस पर कांग्रेस के भाजपा को जमकर घेरा, क्योंकि भाजपा किसानों का कर्ज माफ न होने का आरोप लगाती रही है।
इस मामले के तूल पकड़ने पर सरकार की ओर से बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सफाई दी। उनका कहना है कि किसान कर्जमाफी को लेकर अधिकारियों ने गलत जानकारी दी थी, सरकार इसकी जांच करा रही है।
नगरीय प्रशासन मंत्री और सरकार की सफाई को पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने गैर-जिम्मेदाराना बयान करार दिया है। उनका कहना है कि विधानसभा संवैधानिक संस्था है, वहां बोले गए एक-एक शब्द का महत्व होता है। किसी सवाल का जवाब देने की प्रक्रिया है, सदन में जवाब शेष किए जाने से पहले मंत्री को ब्रीफिंग की जाती है। मंत्री खुद जवाब पर हस्ताक्षर करता है, उसके बाद सदन में उत्तर आता है। किसान कर्जमाफी के मामले में अधिकारी वही कह रहे हैं, जो सच्चाई है। सच्चाई है यह है कि किसानों का कर्ज माफ किया गया है।
नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)| देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अब तक निर्भया फंड का 1910 करोड़ रुपये इस्तेमाल हुआ है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में हुए एक सवाल के जवाब में दी है। वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के बाद केंद्र सरकार ने 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की थी। फंड के तहत राज्यों को आर्थिक सहायता देकर महिला सुरक्षा की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है। दरअसल, केरल से लोकसभा सांसद एंटो एन्टोनी ने लोकसभा में बुधवार को एक अतारांकित सवाल में पूछा था कि क्या सरकार निर्भया योजना के तहत महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में सुधार के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता दे रही है? पिछले पांच वर्षों में कितनी धनराशि का इस्तेमाल हुआ? इस सवाल का बुधवार को लिखित में जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि निर्भया फंड के तहत प्राप्त प्रस्तावों की जांच अधिकारियों की एक अधिकार प्राप्त समिति करती है। इसे समिति सिफारिशें करती हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि निर्भया फंड के शुरू होने के बाद से विभिन्न मंत्रालयों के मुताबिक अब तक 1910 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान मिले निर्भया फंड की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली को 2018-19 में निर्भया फंड का 74.23 करोड़ और 2019-20 में 291.32 करोड़ रुपये जारी किया गया। इसी तरह उत्तर प्रदेश को 2018-19 में 93.96 और 2019-20 में 105.50 करोड़ मिले। गुजरात को पिछले दो वर्षों में 58.07 और 68.95 करोड़ मिले। अगर पिछले पांच वर्षों की बात करें तो 2015-16 में 26.49 करोड़, 2016-17 में 460.42 करोड़, 2017-18 में 298.04 करोड़, 2018-19 में 1003.19 और 2020-21 में 1144.57 करोड़ रुपये जारी हुए।