खेल
रियाद, 23 अप्रैल। इंडियन सुपर लीग की टीम मुंबई सिटी एफसी सऊदी अरब के अल शबाब क्लब के हाथों 0-6 से करारी हार झेलने के कारण एएफसी चैंपियन्स लीग फुटबॉल प्रतियोगिता से बाहर हो गयी।
शुक्रवार की रात को खेले गये ग्रुप बी के इस मैच में अल शबाब की तरफ से हट्टन बाहेब्री ने हैट्रिक जमायी।
बाहेब्री ने 19वें मिनट में ही अल शबाब को बढ़त दिला दी थी। इसके बाद उन्होंने 64वें और 66वें मिनट में गोल करके हैट्रिक पूरी की।
इस बीच पहले हॉफ में मध्यांतर से 10 मिनट पहले मुंबई सिटी के कप्तान मुर्तदा फाल ने आत्मघाती गोल कर दिया। इससे सऊदी अरब की टीम मध्यांतर तक 2-0 से आगे थी।
अल शबाब ने दूसरे हॉफ में अधिक हमलावर तेवर अपनाये। बाहेब्री के अलावा इस बीच अब्दुल्ला अल जोइ (52वें मिनट) और कार्लोस (81वें मिनट) ने गोल करके अपनी टीम की बड़ी जीत सुनिश्चित की।
अल शबाब ने 13 अंकों के साथ अगले दौर में जगह बनायी जबकि मुंबई सिटी को बाहर का रास्ता देखना पड़ा। मुंबई अपना आखिरी मैच एयरफोर्स क्लब से खेलेगा जिसमें वह तालिका में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश करेगा। (भाषा)
-अभिजीत श्रीवास्तव
राजस्थान के साथ आईपीएल-2022 में इस मुक़ाबले के अंतिम ओवर में दिल्ली को जीत के लिए 36 रन बनाने थे, यानी सभी छह गेंदों पर छक्के की दरकार थी. पहली तीन गेंदों पर रोवमैन पॉवेल ने लगातार तीन छक्के भी लगा दिए, रोमांच अपने चरम पर था लेकिन दिल्ली जीत न सकी.
शुक्रवार को हुए इस हाई स्कोरिंग मुक़ाबले में दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत के दो फ़ैसले ग़लत साबित हुए और वो महज़ 15 रन के अंतर से मैच गंवा बैठे.
उनका एक फ़ैसला अपनी बैटिंग के दौरान ग़लत शॉट लगा कर आउट होने का था क्योंकि वे तब आउट हुए जब जीतने के लिए उनका पिच पर डटे रहना सबसे अहम था.
पंत का दूसरा फ़ैसला तब ग़लत साबित हुआ जब उन्होंने टॉस जीतकर राजस्थान को पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतारा और जॉस बटलर ने केवल 57 गेंदों पर शतक बना दिया.
ये बटलर का आईपीएल है. उन्होंने आईपीएल 2021 की समाप्ति शतक के साथ की थी और इस बार शतकों की झड़ी लगा दी है.
दिल्ली के ख़िलाफ़ बटलर ने सेंचुरी जमाई जो इस आईपीएल में उनका तीसरा शतक है.
बटलर गेंदबाज़ों पर किस कदर हावी थे इसका अंदाज़ा इससे ही लग जाता है कि उन्होंने अपनी शतकीय पारी में नौ चौके और नौ छक्के यानी 90 रन तो बाउंड्री से ही बना दिए.
बटलर की 116 रनों की पारी इस आईपीएल में सबसे बड़ा स्कोर भी है. साथ ही अब उनके कुल रनों की संख्या भी 491 पर पहुंच गई है.
अप्रैल 2016 में आईपीएल की पारी शून्य से शुरू करने वाले जॉस बटलर के लिए 2022 का यह सीज़न अब तक बहुत शानदार रहा है. उन्होंने तीन शतक बनाए हैं. उनके अलावा केएल राहुल इस सीज़न के एकमात्र शतकवीर हैं.
किसी एक आईपीएल में सबसे अधिक शतक के मामले में अब बटलर केवल विराट कोहली से पीछे हैं.
कोहली ने आईपीएल-2016 में चार शतक बनाए थे.
बात अगर आईपीएल में सबसे अधिक शतक के रिकॉर्ड की करें तो यह क्रिस गेल के नाम है.
गेल ने कुल छह शतक बनाए हैं. गेल के बाद दूसरे नंबर पर अपने पांच शतकों के साथ विराट कोहली हैं.
जॉस बटलर इन दो क्रिकेटरों के बाद चार शतक के साथ तीसरे स्थान पर हैं. बटलर ने आईपीएल 2021 के अपने आखिरी मैच में भी शतक जमाया था.
मैच के बाद बटलर ने बताया कि ये स्टेडियम उन्हें पसंद हैं क्योंकि उनका पहला आईपीएल मुंबई इंडियंस के साथ यहीं खेला गया था.
वो बोले, "मैं अपनी ज़िंदगी के सबसे अच्छे फॉर्म से गुज़र रहा हूं, मुझे इस फॉर्म को पूरे टूर्नामेंट के दौरान बरकरार रखने की ज़रूरत है."
रिकॉर्डतोड़ साझेदारी
बटलर के साथ ही राजस्थान के दूसरे ओपनर देवदत्त पड्डिकल ने भी अर्धशतकीय पारी खेली. पड्डिकल ने 35 गेंदों पर 7 चौके, दो छक्कों की मदद से 54 रन बनाए.
दोनों ने पहले विकेट के लिए 155 रनों की साझेदारी निभाई जो राजस्थान रॉयल्स के लिए एक नया रिकॉर्ड है.
बटलर ने पड्डिकल के बारे में कहा, "हम इतनी अच्छी साझेदारी बनाने में कामयाब रहे, देवदत्त दूसरे छोर से खेले. हमने आक्रामक क्रिकेट खेली और दिल्ली पर दबाव बनाने का फ़ैसला लिया."
सबसे बड़ा स्कोर
राजस्थान रॉयल्स ने 222 रन बनाए जो इस सीज़न में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है. उन्होंने अपने ही 217 के स्कोर को बेहतर किया है. राजस्थान ने कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ इसी हफ़्ते सोमवार (18 अप्रैल) को 217 रन बनाए थे.
बेशक 222 का स्कोर आईपीएल 2022 का सबसे बड़ा स्कोर है लेकिन यह ऑल टाइम बेस्ट स्कोर नहीं है. यह रिकॉर्ड बैंगलोर के नाम है जिसने 2013 में पुणे वैरियर्स के ख़िलाफ़ 263 का स्कोर खड़ा किया था.
जिस तरह से बटलर छक्के, चौके लगा रहे हैं, वो वही तरीक़े अपना रहे हैं जो क्रिस गेल अपनाया करते थे.
अब तक बनाए 491 रनों में से उन्होंने 356 रन तो केवल बाउंड्री से बनाए हैं. वो गेंद के साथ अपने बल्ले का तालमेल करना बखूबी जानते हैं और पिच पर दौड़ने में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहते.
आईपीएल में 500 छक्के
ऑरेंज कैप की रेस में बटलर जहां नंबर एक पर विराजमान हैं. वहां सबसे अधिक व्यक्तिगत छक्कों के मामले में भी बटलर ही टॉप पर हैं. उन्होंने अब तक टूर्नामेंट में सर्वाधिक 32 छक्के लगाए हैं.
राजस्थान-दिल्ली के मुक़ाबले में छक्कों की बरसात भी होते दिखी. बटलर ने जहां अपनी शतकीय पारी में 9 छक्के लगाए वहीं पॉवेल ने महज 36 रनों की अपनी पारी में पांच छक्के जड़े. दिल्ली की पारी में कुल 12 छक्के लगे तो राजस्थान की ओर से कुल 14 छक्के लगे.
बटलर ने 9 छक्कों के साथ इस टूर्नामेंट में किसी एक पारी में सबसे अधिक छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी की है. चेन्नई के रॉबिन उथप्पा ने बैंगलोर के ख़िलाफ़ अपनी 88 रनों की पारी में भी इतने ही (9) छक्के लगाए थे.
राजस्थान की पारी के दौरान ही इस आईपीएल में कुल लगाए गए छक्कों की संख्या 500 के आंकड़े को पार कर गई.
अब आज (यानी शनिवार को) आईपीएल में दो मुक़ाबले हैं. पहला मुक़ाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटन्स के बीच तो दूसरा रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच होना है. (bbc.com)
-अभिजीत श्रीवास्तव
जीत के बाद कप्तान रवींद्र जडेजा पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से गले मिलते हुए. 9 नंबर की पीली जर्सी में रायडू और आईपीएल में डेब्यू कर रहे मुंबई के ऋतिक शौकीन ब्लू जर्सी में साथ खड़े हैं.
चेन्नई और मुंबई के बीच आईपीएल मुक़ाबला अपने जिस हाई वोल्टेज रोमांच के लिए जाना जाता है गुरुवार को ठीक वैसा ही मैच हुआ. आईपीएल के मैच आते और जाते रहते हैं लेकिन कुछ मैच ऐसे हो जाते हैं जिसकी तस्वीर लंबे वक़्त तक लोगों के जेहन में ताज़ा रहती है. चेन्नई और मुंबई के बीच गुरुवार को ठीक ऐसा ही मुक़ाबला हुआ.
वैसे तो मुंबई मैच के पहले ओवर में ही पिछड़ गई थी लेकिन बाद में उसने दमदार वापसी भी की. एक वक़्त तो ऐसा भी लगने लगा था कि मैच चेन्नई के हाथ से खिसक गया है लेकिन क्रिकेट के सबसे बड़े फिनिशर कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी का इरादा एक यादगार फिनिश करने का था.
अंबाति रायडू के आउट होने के बाद धोनी जब 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर मैदान में आए तो उनकी बैटिंग में तूफान से पहले वाली खामोशी थी. अंतिम 18 गेंदों पर जीत के लिए 42 रन चाहिए थे. धोनी ने पहले छह गेंदों पर केवल छह रन बनाए. सातवीं गेंद पर चौका जड़ा. फिर दो सिंगल्स लिए.
अब 12 गेंदों पर 28 रन चाहिए थे. इस ओवर में प्रिटोरियस ने दो चौके जड़े और 11 रन बने.
मैच आखिरी ओवर में पहुंचा. गेंदबाज़ी जयदेव उनदकट कर रहे थे और चेन्नई को जीत के लिए 6 गेंदों पर 17 रन बनाने थे. पहली गेंद पर प्रिटोरियस एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. ब्रैवो आए, दूसरी गेंद पर एक रन बनाए और स्ट्राइक धोनी को मिला. अब चार गेदों पर 16 रन बनाने थे.
धोनी ने पहली गेंद पर लॉन्ग ऑफ़ पर छक्का लगाया. उनदकट ने अगली गेंद बाउंसर दी जिसे धोनी ने पुल करते हुए फाइन लेग पर बाउंड्री से बाहर चार रन के लिए भेजा. अगली गेंद पर धोनी ने दो रन लिए.
इसके बाद आखिरी गेंद पर जीत के लिए चार रन बनाने थे. उनदकट ने लेग स्टंप्स पर यार्कर डाली. धोनी ने इसे फाइन लेग पर बाउंड्री से बाहर चार रन के लिए भेज दिया और इस तरह चेन्नई ने एक यादगार जीत हासिल कर ली.
20वें ओवर में धोनी
अंतिम चार गेंदों पर 16 रन बनाने का कारनामा धोनी ने पहली बार नहीं किया है. उन्होंने 2016 में पंजाब के ख़िलाफ़ भी अंतिम चार गेंदों पर 16 रन बनाए थे.
आईपीएल के 20वें ओवर में धोनी का स्ट्राइक रेट 244 का रहा है. वे 20वें ओवर में अब तक 51 छक्के लगा चुके हैं. उनका ओवरऑल रिकॉर्ड 227 मैचों में 223 छक्कों का है. सर्वाधिक छक्कों के मामले में क्रिस गेल (355 छक्के), एबी डिविलियर्स (250 छक्के) और रोहित शर्मा (233 छक्के) धोनी से आगे हैं.
जीत के बाद कप्तान रवींद्र जडेजा ने झुक कर धोनी का अभिवादन किया.
धोनी के इस शानदार प्रदर्शन पर पूर्व क्रिकेटरों समेत सोशल मीडिया पर लोगों ने तारीफ़ों के पुल बांधे.
वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, "ओम फिनिशाय नम:."
पूर्व क्रिकेटर के. श्रीकांत ने चेन्नई की टूर्नामेंट में वापसी की उम्मीद जताते हुए लिखा, "धोनी आप केवल एक फिनिशर नहीं हैं. आप अब तक के सबसे बेहतरीन फिनिशर हैं!"
निश्चित तौर पर जब चेन्नई की पारी में रॉबिन उथप्पा और अंबाति रायडू अपनी अपनी पारियों से जीत का मज़मून लिखा लेकिन जीत दिलाने में सबसे बड़ा किरदार महेंद्र सिंह धोनी का रहा. टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने सच ही लिखा, "धोनी एपिक."
धोनी ट्रैप में फंसे पोलार्ड
जब चेन्नई फील्डिंग कर रही थी और पोलार्ड पिच पर आठ गेंदों में 14 रन बना चुके थे, तब धोनी को एक अनियमित फील्डिंग सेट करते देखा गया.
धोनी ने दो खिलाड़ियों को लॉन्ग ऑन पर फील्डिंग करने भेजा. एक को नियमित लॉन्ग ऑन पर जबकि दूसरे को विकेट से क़रीब छह इंच हटाते हुए लगभग इसके सामने ही रखा.
और पोलार्ड अगली गेंद पर ठीक इस अनिमयित फील्डिंग पोजिशन पर ही अपना कैच थमा बैठते हैं. धोनी ने वहां अपने लंबे खिलाड़ियों में से एक शिवम दुबे को खड़ा किया था.
मुकेश ने पहले ओवर में ही जीत का ट्यून सेट किया
चेन्नई ने जीत की इबारत तो मैच के पहले ही ओवर में लिख दी थी. मैच की दूसरी गेंद पर मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा शून्य पर आउट हो गए.
चेन्नई के मुकेश चौधरी ने रोहित शर्मा को मिड विकेट पर कैच आउट कराया. इसी ओवर पांचवी गेंद पर मुकेश ने अपनी फुल लेंथ आउटस्वींग गेंद पर इशान किशन (शून्य) को बोल्ड कर दिया.
पहली बार चेन्नई सुपरकिंग्स ने किसी आईपीएल मैच के पहले ओवर में दो विकेट लेने का रिकॉर्ड बना डाला. और चेन्नई के लिए ये रिकॉर्ड बनाया मुकेश चौधरी ने.
मैच के बाद मुकेश ने बताया कि, "स्विंग गेंदबाज़ी के लिए कलाई की स्थिति को लेकर वो एक महीने से काम कर रहे हैं. आखिरकार इस मैच में वो दिखा."
मुकेश ने ब्रेविस का विकेट लेकर तीन ओवरों में तीन विकेट लिए लेकिन इस मुक़ाबले में जडेजा ने उन्हें चौथा ओवर नहीं दिया. आखिर इसके पीछे वजह क्या थी, ये वो सलाव है जिसका जवाब हम भी जानना चाहते हैं.
चेन्नई ये मैच भले ही जीत गई हो लेकिन उसके फील्डरों का प्रदर्शन ऐसा रहा कि इस पर टीम को मंथन की ज़रूरत है.
पहले ओवर में मुंबई के दो विकेट गिर चुके थे. सेंटनर दूसरा ओवर डाल रहे थे. इस ओवर में सूर्यकुमार यादव को स्टंप आउट करने का मौका था लेकिन धोनी चूक गए.
इसी ओवर में डेवाल्ड ब्रेविस के आसान कैच को कप्तान जडेजा नहीं पकड़ सके. अगर चेन्नई ये दो मौके न गंवाती तो मुंबई का दूसरे ओवर में 13 रन पर चार विकेट का स्कोर होता.
हालांकि जडेजा का कैच नहीं पकड़ना और धोनी का स्टंप्ड आउट न करना चेन्नई के लिए भारी नहीं पड़ा. ब्रेविस अगले ही ओवर में मुकेश चौधरी की गेंद पर आउट हो गए. तो सूर्यकुमार यादव भी (21 गेंदों पर 32 रन बनाकर) जल्द ही पवेलियन लौट गए.
लेकिन इसी दौरान पिच पर 19 वर्षीय तिलक वर्मा आए और मुकेश चौधरी की गेंद पर ड्वेन ब्रावो ने स्लिप में उनका कैच टपका दिया.
तिलक वर्मा का कैच गिराना चेन्नई के लिए बहुत महंगा साबित हुआ. तिलक न केवल एक छोर पर टिक गए बल्कि धीरे धीरे रन गति को भी बढ़ाते रहे. एक समय रन बनाने के लिए जूझ रही मुंबई की टीम के लिए तिलक वर्मा के न केवल अर्धशतक जमाया बल्कि स्कोर को डेढ़ सौ के पार पहुंचाया जिसकी बदौलत मुंबई इस मैच में अंत तक मुक़ाबला कर सकी.
मैच के बाद जडेजा ने कहा कि, "फील्डिंग पर काम करने और कैच पकड़ने की ज़रूरत है, हम हर मैच में कैच नहीं गिराते रह सकते."
19 साल के तिलक का मिज़ाज़
क्रिकेट में कहा जाता है कि किसी बल्लेबाज़ के मिज़ाज़ की परख करनी हो तो ये देखा जाना चाहिए कि कठिन परिस्थितियों में वो कैसा प्रदर्शन कर रहा है.
तिलक वर्मा ने चेन्नई के ख़िलाफ़ ठीक वैसा ही प्रदर्शन किया.
तिलक केवल 19 साल के हैं और दबाव की परिस्थितियों में इस टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए पिच पर उतरते रहे हैं.
चेन्नई के ख़िलाफ़ उन्होंने नाबाद 51 रनों की पारी खेली तो इससे पहले टूर्नामेंट के छह मैचों में उनका स्कोर 22, 61, नाबाद 38, 0, 36, 26 का रहा है.
अपनी अर्धशतकीय पारी के बाद 19 वर्षीय तिलक वर्मा बोले, "हमारी योजना पूरे 20 ओवरों तक खेलने की थी. अगर हम अच्छी गेंदबाज़ी करते हैं, तो ये स्कोर बचाने में कामयाब हो सकते हैं. वैसे मैदान पर ओस है तो हमें कुछ और रन बनाने चाहिए थे."
डेब्यू मैच में ऋतिक ने जीता दिल
मुंबई की ओर से 21 वर्षीय ऋतिक शौकीन का यह पहला आईपीएल मैच था. उन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया.
जब मैच में मुंबई का स्कोर 47 रन पर चार विकेट था तब शौकीन पिच पर आए और तिलक के साथ 38 रनों की साझेदारी निभा कर आउट हुए, इनमें से 25 रन ऋतिक के बल्ले से निकले.
अपने पहले ही मैच में ऋतिक शौकीन ने न केवल बल्ले से बल्कि अपनी घूमती गेंद से सब का दिल जीत लिया.
पहली ही ओवर में रॉबिन उथप्पा को अपनी गेंद से छकाया तो पूरे मैच में इकोनॉमी के मामले में सबसे किफायती रहे. ऋतिक मैच में कोई विकेट तो नहीं ले सके लेकिन उन्होंने अपने चार ओवरों में केवल 23 रन ही दिए.
कमेंट्री बॉक्स से जहां उनकी तारीफ़ में शब्द निकले वहीं मैच के बाद ड्वेन ब्रावो भी उनकी पीठ थपथपाते देखे गए.
साथ ही सोशल मीडिया पर भी उनकी तारीफ़ की गई और ये लिखा गया- "ऋतिक शौकीन आपने आज बल्ले और गेंद दोनों से बहुत ही प्रभावशाली प्रदर्शन किया... यह उभरता हुआ युवा क्रिकेटर जल्द ही चमकने वाला है."
पांच बार की चैंपियन मुंबई का अनचाहा रिकॉर्ड
मुंबई इंडियंस ने आईपीएल में चेन्नई के ख़िलाफ़ हार के साथ ही एक अनचाहा रिकॉर्ड भी बना दिया है. ये इस सीज़न में मुंबई इंडियंस की लगातार सातवीं हार है. यह पहला मौका है जब आईपीएल में कोई टीम लगातार सात मैच हार गई हो.
हालांकि लगातार छह हार का रिकॉर्ड आईपीएल में पहले भी देखा जा चुका है.
दिल्ली की टीम (तब डेयरडेविल्स थी) वो पहली टीम थी जो 2013 में लगातार छह मैच हारी थी. तब दिल्ली ने पूरे सीजन में कुल तीन मैच ही जीते थे. उस टूर्नामेंट में सभी टीमें प्लेऑफ़ से पहले 16 मैच खेली थीं.
लगातार छह हार का आंकड़ा 2019 में रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर ने भी छुआ. तब आठ टीमों के टूर्नामेंट में बैंगलोर की टीम 14 में से सिर्फ़ पांच मैच जीत कर आखिरी पायदान पर रही थी.
रोहित शर्मा भूलना चाहेंगे ये रिकॉर्ड
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने शून्य पर आउट हो कर आईपीएल में एक नया रिकॉर्ड बनाया है.
वे आईपीएल में सबसे अधिक शून्य पार आउट होने वाले क्रिकेटर बन गए हैं. अब तक रोहित शर्मा आईपीएल में 14 बार शून्य पर आउट हुए हैं.
उन्होंने एक साथ पीयूष चावला, हरभजन सिंह, पार्थिव पटेल, मनदीप सिंह, अजिंक्य रहाणे अंबाति रायडू के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
ये सभी क्रिकेटर आईपीएल में 13 बार शून्य पर आउट हो चुके हैं.
200 का संयोग
चेन्नई की पारी में जयदेव उनदकट ने रॉबिन उथप्पा (30 रन) को आउट किया जो अपना 200वां आईपीएल मैच खेल रहे थे.
महज संयोग था कि टी20 क्रिकेट में यह जयदेव उनदकट का 200वां विकेट भी था.
आज (यानी 22 अप्रैल को) आईपीएल-15 में दिल्ली और राजस्थान के बीच मुक़ाबला होगा. (bbc.com)
गुरुग्राम, 20 अप्रैल। गुरुग्राम में 42 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक फर्जी कॉल सेंटर ने इंजीनियर से कथित रूप से नौ लाख रुपये ठग लिये। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गुरुग्राम पुलिस की साइबर सेल ने 15 अप्रैल को नौ महिलाओं सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया, जो उद्योग विहार फेज 5 से कथित तौर पर ‘कॉल सेंटर’ चला रहे थे। पुलिस ने कहा कि यह लोग पिछले छह महीनों में नौकरी चाहने वाले सैकड़ों लोगों से कम से कम 1.25 करोड़ रुपये ठगने में लिप्त हैं।
हैदराबाद निवासी और आईआईटी से एम-टेक की पढ़ाई करने वाले सतपति भी पैसे गंवाने वाले पीड़ितों की फेहरिस्त में शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि सतपति को पिछले साल गिरोह द्वारा कथित रूप से धोखा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने गृह नगर में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस के अनुसार, गुरुग्राम की साइबर प्रकोष्ठ पुलिस ने ‘कॉल सेंटर’ चलाने वाले आरोपियों के बैंक खाते के लेन-देन की जांच करने के बाद सतपति से संपर्क किया।
सतपति ने कहा, ‘‘मैंने प्लेसमेंट डॉट कॉम वेबसाइट पर नौकरी के लिए आवेदन किया था। इसके बाद कॉल करके मुझसे कुछ जानकारी ली गई और अच्छी नौकरी देने का आश्वासन दिया गया।’’
उन्होंने बताया कि एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में 42 लाख रुपये सालाना के पैकेज की नौकरी दिलाने के बहाने पंजीकरण, साक्षात्कार और दस्तावेजों के सत्यापन के लिए उनसे कुल नौ लाख रुपये लिए गए।
सतपति ने जब खुद को ठगा हुआ पाया, तो उन्होंने जालसाजों के खिलाफ हैदराबाद में मामला दर्ज कराया। गुरुग्राम पुलिस द्वारा फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किए जाने के बाद सतपति साइबर अपराध पुलिस के पास अपना बयान दर्ज कराने के लिए गुरुग्राम आये हैं।
साइबर पुलिस आरोपियों के सभी खातों की जांच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि अन्य पीड़ितों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। (भाषा)
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर ने आईपीएल में लखनऊ सुपर जाएंट्स को 18 रन से हरा दिया है.बेंगलौर की इस जीत में टीम के कप्तान फ़ैफ़ डू प्लेसि के 96 रन की पारी का अहम योगदान रहा.
लखनऊ के कप्तान लोकेश राहुल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला लिया. बेंगलौर की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहले ही ओवर में दो विकेट गिर गए. विराट कोहली अपना खाता तक नहीं खोल पाए.
लेकिन फ़ैफ़ डू प्लेसि ने एक छोर को संभाले रखा. उन्होने 64 गेंदों पर 96 रन बनाए. उन्होंने इस पारी में 11 चौके और दो छक्के जमाए. ग्लेन मैक्सवेल ने 23 और शहबाज़ अहमद ने 26 रनों का योगदान दिया. दिनेश कार्तिक 8 गेंदों पर 13 रन बनाकर नाबाद रहे. बेंगलौर ने 20 ओवरों में छह विकेट पर 181 रन बनाए.
इसके जवाब में लखनऊ की शुरुआत भी बहुत अच्छी नहीं रही. लेकिन लोकेश राहुल और क्रुणाल पांडेय ने रन बटोरने का सिलसिला जारी रखा. लेकिन लखनऊ के विकेट लगतार गिरते रहे. राहुल ने 30 और क्रुणाल ने 42 रन बनाए.
मार्कस स्टोइनिस 24 और जैसन होल्डर ने 16 रन बनाए. लेकिन टीम 20 ओवरों में आठ विकेट पर 163 रन बना सकी. बैंगलोर की इस जीत में तेज़ गेंदबाज़ जोश हैज़लवुड का अहम योगदान रहा. उन्होंने 25 रन देकर चार विकेट लिए. (bbc.com)
राजस्थान रॉयल्स ने एक रोमांचक मुक़ाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स को सात रन से हरा दिया. राजस्थान की इस जीत में जोस बटलर के शतक और यजुवेंद्र चहल की हैट्रिक की अहम भूमिका रही.
राजस्थान रॉयल्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवरों में पांच विकेट पर 217 रन बनाए. जोस बटलर ने आईपीएल के मौजूदा सीज़न में दूसरा शतक जमाते हुए 61 गेंदों पर 103 रन बनाए. उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और पांच छक्के जमाए.
कप्तान संजू सैमसन ने 19 गेंदों पर 38 रन की पारी खेली.
इसके जवाब में एरॉन फ़िंच और श्रेयस अय्यर ने दूसरे विकेट के लिए तूफ़ानी अंदाज़ में 107 रन जोड़ दिए थे. एरॉन फिंच ने महज 28 गेंद पर 58 रन ठोके. जबकि श्रेयस अय्यर ने 51 गेंद पर 85 रन बनाए.
मैच के 17वें ओवर तक कोलकाता की स्थिति मज़बूत लग रही थी. उन्होंने अपनी पारी में सात चौके और चार छक्के जमाए. लेकिन 17ओवर की अंतिम तीन गेंदों पर यजुवेंद्र चहल ने हैट्रिक लेकर मैच का रुख़ बदल दिया.
उमेश यादव ने नौ गेंदों पर 21 रन बनाकर मैच का रोमांच बढ़ा दिया लेकिन ओबेद मैककॉय ने आख़िरी ओवर में दो विकेट लेकर टीम को जीत दिला दी. (bbc.com)
कास्टिला ला मंचा (स्पेन), 18 अप्रैल। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने 48वां ला रोडा इंटरनेशनल ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीत लिया है जिन्होंने नौ दौर में आठ अंक बनाये ।
चेन्नई के 15 वर्ष के गुकेश पूरे नौ दौर में अपराजेय रहे । उन्होंने आखिरी दौर में इस्राइल के विक्टर मिखालेवस्की को हराकर जीत दर्ज की । आर्मेनिया के हाइक एम मार्तिरोसियान 7.5 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहे ।
भारत के आर प्रज्ञानानंदा तीसरे स्थान पर रहे जिन्होंने सात अंक बनाये । भारत के ही रौनक साधवानी समेत चार अन्य के भी सात अंक थे लेकिन बेहतर टाइब्रेकर स्कोर के आधार पर प्रज्ञानानंदा को तीसरा स्थान मिला । साधवानी चौथे स्थान पर रहे ।
गुकेश ने सात बाजियां जीती और दो ड्रॉ रही । इनमें से एक ड्रॉ प्रज्ञानानंदा के खिलाफ खेला ।
गुकेश ने भारत के भगत कुशिन, स्पेन के अलबर्टो हर्नांडिज रामोस, डेनियल रोमेरो पालारेस और जेवियर बर्नाबू लोपेज , कोलंबिया के जॉर्ज रेंटेरिया और होंडुरास के नाहुल जी को हराया । (भाषा)
मुंबई, 17 अप्रैल। विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने शनिवार को यहां कहा कि वह देश के लिये कुछ खास करना चाहते हैं और इसलिए भारतीय टीम में वापसी के लिये अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) की इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स पर 16 रन से जीत के नायक रहे कार्तिक ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैंने बड़े लक्ष्य तय किये हैं। मैं उन्हें हासिल करने के लिये वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहा हूं।’’
मैन ऑफ द मैच कार्तिक ने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य देश के लिये कुछ विशिष्ट करना है। यह मेरी यात्रा का हिस्सा है। मैं भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिये हर संभव प्रयास कर रहा हूं। यह जानकर अच्छा लगता है कि लोग मुझे शांतचित मानते हैं।’’
आरसीबी के कप्तान फाफ डुप्लेसी ने भी जीत का श्रेय कार्तिक और शाहबाज अहमद को दिया जिन्होंने आखिर में 97 रन की अटूट साझेदारी की थी।
कार्तिक ने नाबाद 66 और शाहबाज ने नाबाद 32 रन बनाये। इनके अलावा ग्लेन मैक्सवेल ने 55 रन की पारी खेली जिससे आरसीबी ने शीर्ष क्रम लड़खड़ाने के बावजूद पांच विकेट पर 189 रन बनाये।
डुप्लेसी ने मैच के बाद कहा, ‘‘शीर्ष क्रम के लिये यह महत्वपूर्ण है कि हम रन बनाकर योगदान दें। हमारा शीर्ष क्रम नहीं चल पाया लेकिन अन्य बल्लेबाजों ने योगदान दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में बल्लेबाजी करना मुश्किल था लेकिन मैक्सवेल ने जिस तरह से उन पर वापस दबाव बनाया वह महत्वपूर्ण था। लेकिन 190 रन तक पहुंचने के लिये विशेष पारी की आवश्यकता थी और श्रेय दो खिलाड़ियों शाहबाज और दिनेश कार्तिक को जाता है।’’
दिल्ली कैपिटल्स डेविड वार्नर के 66 रन के बावजूद 190 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट पर 173 रन ही बना पाया।
दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत ने कहा कि टीम को बीच के ओवरों में अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना होगा, लेकिन उन्होंने मिशेल मार्श को दोषी नहीं माना जो रन बनाने के लिये जूझ रहे थे।
पंत ने कहा, ‘‘वार्नर ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की और हमें जीत के पूरे मौके दिये। हम बीच के ओवरों में बेहतर बल्लेबाजी कर सकते थे। मार्श को दोष नहीं दे सकता क्योंकि यह उसका पहला मैच था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गेंदबाजों ने रणनीति के अनुसार गेंदबाजी की लेकिन दिनेश कार्तिक ने आखिरी ओवरों में समीकरण बिगाड़ दिये। हमें अपनी गलतियों से सीख लेनी होगी।’’ (भाषा)
-रेहान फ़ज़ल
गुंडप्पा विश्वनाथ के बारे में कहा जाता था कि उनकी कलाइयां फ़ौलाद की बनी हैं. जब वो स्क्वायर कट खेला करते थे तो बल्ले से गेंद के मिलने की आवाज़ पूरे स्टेडियम में गूंजा करती थी.
लेकिन एक ज़माना ऐसा भी था कि विश्वनाथ के लगाए शॉट बाउंड्री तक नहीं पहुंच पाते थे. तब टाइगर पटौदी ने उन्हें एक ज़बरदस्त सलाह दी थी.
विश्वनाथ अपनी आत्मकथा 'रिस्ट अश्योर्ड' में लिखते हैं, "हैदराबाद के ख़िलाफ़ रणजी मैच के बाद पटौदी मेरे पास आए और पूछा क्या तुम जिम में कुछ वक्त बिताते हो? मैंने कहा- जिम और मैं? कभी नहीं. पटौदी बोले- क्या तुम्हारे घर में बाल्टियाँ हैं? जब मैंने कहा हां, तो पटौदी ने कहा- दो बाल्टियों को पूरी तरह पानी से भर लो और उनको दोनों हाथों से पकड़कर दिन में तीन-चार बार लगातार बीस बार उठाओ. मैंने सोचा टाइगर मज़ाक कर रहे हैं लेकिन पटौदी ने कहा वो पूरी गंभीरता से ये सलाह मुझे दे रहे हैं. मैंने पटौदी की सलाह का पालन करना शुरू कर दिया. एक महीने के अंदर मुझे इसका असर दिखना शुरू हो गया और मेरी कलाइयां मज़बूत होती चली गईं."
तभी 1972 में इंग्लैंड भारत सीरीज़ कवर करने आए गार्डियन अख़बार के संवाददाता फ़्रैंक कीटिंग ने टिप्पणी की थीं कि "विश्वनाथ की बांह में लोहार जैसी ताकत है."
पटौदी ने चयनकर्ताओं से साफ़-साफ़ कह दिया कि विश्वनाथ को टीम में उसी हालत में चुना जाए जब उन्हें अंतिम एकादश में खिलाया जाए.
विश्वनाथ की ख़ास बात थी कि चाहे रणजी मैच हो या टेस्ट मैच वो मैच के दौरान नेट्स पर अभ्यास नहीं करते थे. दूसरे शब्दों में वो मैच के दौरान अभ्यास से अपनी ऊर्जा ज़ाया नहीं करना चाहते थे.
उस दिन भी ऐसा ही हुआ. अपनी पहली पारी में आस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ एलन कोनोली की पहली दो गेंदों को तो विश्वनाथ ने रक्षात्मक रूप से खेला लेकिन उनकी तीसरी गेंद एक धीमी ऑफ़ ब्रेक थी.
गेंद पहले विश्वनाथ के ग्लव में लगी और फिर पैड्स को चूमती हुई शॉर्ट लेग की तरफ़ उछल गई जहां इयान रेडपाथ ने बहुत आसान कैच लपक लिया. विश्वनाथ बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौटे.
विश्वनाथ लिखते हैं, "अगले चार दिन मेरे जीवन के सबसे तकलीफ़देह दिन थे. लेकिन पटौदी ने मेरे पास आकर कहा था- रिलैक्स, परेशान मत हो. तुम शतक मारोगे. जब मैं दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरा तो मेरे पैर कांप रहे थे लेकिन मैं बहादुर दिखने की कोशिश कर रहा था. दस मिनट बाद जब मैंने मेकेंज़ी की गेंद को फ़ाइन लेग की तरफ़ ग्लांस कर अपना पहला रन लिया तो मेरी जान में जान आई. मुझे सबसे बड़ा दुख है कि इस पारी की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है."
"इस शतक को मैं अपने जीवन के बेहतरीन शतकों में से एक मानता हूं. मेरे सारे शॉट्स उन्हीं जगहों पर गए जहां मैं उन्हें मारना चाहता था. 137 रनों की पारी में मैंने 25 चौके लगाए. शायद इसी पारी की वजह से सुनील गावस्कर मुझे बाद में 'बाउंड्री मैन' कह कर पुकारने लगे थे.' "
इस पारी के साथ ही विश्वनाथ की भारतीय टीम में जगह अगले दस सालों तक के लिए पक्की हो गई.
शानदार बैटिंग से कलकत्ता टेस्ट जिताया
1971 के वेस्ट इंडीज़ दौरे में घायल होने की वजह से विश्वनाथ को बहुत अधिक खेलने का मौक़ा नहीं मिला.
जब 1972 में इंग्लैंड की टीम भारत आई तो विश्वनाथ ने पहले कानपुर में 75 नाबाद रन बनाए और फिर बंबई के आख़िरी टेस्ट में उन्होंने शतक लगाकर उस मिथक को तोड़ा कि अपने पहले टेस्ट में शतक लगाने वाला कोई भी भारतीय खिलाड़ी बाद में शतक नहीं लगा पाता. शतक लगाते ही सिली प्वाएंट पर खड़े साढ़े 6 फ़िट लंबे टोनी ग्रेग ने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया.
1975 में क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में आई वेस्ट इंडीज़ की टीम ने बेंगलुरू और दिल्ली के पहले दो टेस्ट जीतकर ये आभास दिया कि वो भारतीय टीम को 5-0 से हरा कर ही दम लेंगे.
लेकिन कलकत्ता टेस्ट में विश्वनाथ ने शानदार 139 रन बनाकर वेस्टइंडीज़ को चौथी पारी में 310 रन बनाने की चुनौती दी. चंद्रशेखर और बेदी ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए वेस्ट इंडीज़ को 224 रनों पर आउट कर भारत को ऐतिहासिक विजय दिलाई.
उस टेस्ट को याद करते हुए पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी कहते हैं, "उस ज़माने में न तो हेलमेट होते थे और न ही ढंग के थाई पैड. विश्वनाथ ने वो पारी सिर्फ़ अपने कौशल और हौसले के बल पर खेली थी. ऑफ़ साइड की गेंद को लेग की तरफ़ ग्लांस करने की कला सिर्फ़ विश्वनाथ में थी."
मद्रास टेस्ट में खेली 97 रनों की नाबाद पारी
लेकिन विश्वनाथ ने अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारी मद्रास के अगले टेस्ट में खेली. चेपॉक की वो पिच बहुत तेज़ थी और उसमें उछाल भी बहुत था.
रॉबर्ट्स की घातक गेंदबाज़ी के सामने भारत ने 76 रनों पर 6 विकेट खो दिए थे. जब आठवें नंबर पर करसन घावरी बैटिंग करने आए तो विश्वनाथ ने चार्ज संभाल लिया.
विश्वनाथ याद करते हैं, "मैंने कुछ फ़ैंसी शॉट्स लगाने के बजाए अपने खेल के मज़बूत पक्ष पर ध्यान देने का फ़ैसला किया. आज भी जब मैं अपनी आंखे बंद करता हूं तो मेरी आंखों के सामने वो कुछ शॉट्स आ जाते हैं जैसे मैं कोई हाई डेफिनेशन रिकार्डिंग देख रहा हूं. रॉबर्ट्स की एक गेंद मुझे अभी भी याद है जब मैंने उनकी ऑफ़ स्टंप पर पिच की हुई गेंद को कलाई के बल पर मिड ऑन पर चौके के लिए मारा था."
"उसी तरह बायस की गेंद पर भी स्ट्रेट ड्राइव लगाकर मैंने चार रन बटोरे थे. मैंने इन शॉट्स में कोई ताकत नहीं लगाई थी लेकिन टाइमिंग इतनी ज़बरदस्त थी कि गेंद मेरे बल्ले से गोली की तरह निकली. ये शायद उन पानी से भरी बाल्टियों का असर था जिन्हें उठाने की सलाह टाइगर पटौदी ने मुझे दी थी. लॉयड, विव रिचर्ड्स और कालीचरण मेरी तरफ़ इस तरह देख रहे रहे थे मानो कह रहे हों, 'मैन डिड यू रिअली हिट दैट ?"
दसवें विकेट के लिए चंद्रशेखर के साथ 21 रनों की साझेदारी
जुलाई, 2001 में विज़डेन ने इस पारी को 38वीं सर्वकालिक महान पारी और दूसरी ग़ैर-शतकीय महान पारी घोषित किया. इस पारी के 47 साल बाद भी लोग विश्वनाथ की इस पारी को भूल नहीं पाए हैं.
विश्वनाथ लिखते हैं, "मैंने बेदी के साथ मिलकर नौवें विकेट के लिए 52 रन जोड़े. जब चंद्रशेखर बल्लेबाज़ी करने उतरे तो मेरे चेहरे पर मुस्कान थी. उस दोपहर उन्होंने अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण एक रन लिया. उन्होंने कुल एक रन ही बनाए लेकिन 38 मिनटों तक क्रीज़ पर जमे रहे और हमारे बीच 21 रनों की साझेदारी हुई."
"इस बीच हम क़रीब एक दर्जन बार रन आउट होते-होते बचे. हमने हमेशा ओवर की चौथी और पांचवी गेंद पर सिंगल लेने की कोशिश की ताकि अगले ओवर की पहली गेंद मैं ही खेलूं. उस दिन चंद्रा इस तरह दौड़ रहे थे कि यूसेन बोल्ट भी उनके सामने शर्मा जाते."
मद्रास टेस्ट जीत भारत ने सीरीज़ 2-2 से बराबर की
विश्वनाथ आगे लिखते हैं, "जब मैं 96 पर था तो मैंने रॉबर्ट्स की गेंद पर बेहतरीन स्क्वायर कट किया. मैं तेज़ी से नहीं दौड़ा क्योंकि मुझे यकीन था कि गेंद चौके के लिए जाएगी. मैंने तीन चौथाई पिच पार की थी कि मैं क्या देखता हूं कि बॉयस ने गेंद उठाकर तेज़ी से विकेटकीपर की तरफ़ फेंक दी."
"तब तक चंद्रशेखर एक रन ले चुके थे और दूसरा रन लेने के लिए अपनी जान तक देने के लिए तैयार थे लेकिन मैं किसी भी हालत में अपनी क्रीज़ तक नहीं पहुंच सकता था. चंद्रशेखर गहरी-गहरी सांसे ले रहे थे. मैंने उन्हें शांत किया और कन्नड़ में उनसे कहा- अगली गेंद शॉर्ट गेंद होगी लेकिन आप उसे खेल जाएंगे. लेकिन रॉबर्ट्स की वो गेंद लेग कटर थी. चंद्रशेखर के बल्ले से निकले एज को क्लाइव लॉयड ने स्लिप में लपक लिया. पवेलियन लौटते हुए चंद्रशेखर ने मुझसे कहा- क्योंकि तुमने कहा था कि वो शॉर्ट गेंद फेंकेगा, मैं बाउंसर की उम्मीद कर रहा था. तुम्हारी वजह से मैं आउट हुआ. मुझे शतक न मार पाने का दुख था लेकिन मेरे शतक न मार पाने पर मुझसे ज़्यादा दुखी थे चंद्रशेखर. मैंने उन्हें दिलासा दिया मैं 97 नाबाद रन बनाकर भी खुश हूं. अब आप हमें अपनी गेंदबाज़ी से मैच जितवाइए."
"भारत ने 190 रन बनाए. प्रसन्ना ने 5 विकेट लिए. दूसरी पारी में अंशुमान गायकवाड़ के 80 रनों की बदौलत भारत ने वेस्ट इंडीज़ के सामने दूसरी पारी में 256 रन बनाने का लक्ष्य रखा. लेकिन वेस्ट इंडीज़ की टीम सिर्फ़ 154 रन ही बना सकी और भारत ने 2-2 से सीरीज़ बराबर कर ली."
दुनिया के हर देश के ख़िलाफ़ शतक लगाने वाले पहले भारतीय
1977 के आस्ट्रेलिया दौरे में उन्होंने तेज़ पिचों पर उस समय के सबसे तेज़ गेंदबाज़ जेफ़ टॉमसन को पूरी महारत के साथ खेला.
1978 के पाकिस्तान दौरे में जब फ़ैसलाबाद टेस्ट में विश्वनाथ ने शतक लगाया तो वो टेस्ट खेलने वाले सभी देशों के ख़िलाफ़ शतक मारने वाले पहले भारतीय बन गए.
रवि शास्त्री अपनी किताब 'प्लेयर्स इन माई लाइफ़ स्टार गेज़िंग' में लिखते हैं, "हेलमेट के पहले के समय में विश्वनाथ शायद तेज़ गेदबाज़ी को खेलने वाले दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ थे. उनमें तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ जवाबी हमला करने की गज़ब की क्षमता थी."
"1974-75 और 1978-79 के वेस्ट इंडीज़ दौरे के दौरान उन्होंने मद्रास की तेज़ उछालदार पिच पर रन बनाए थे जहां सारे भारतीय बल्लेबाज़ असफल साबित हुए थे. विश्वनाथ न सिर्फ़ अपने समय के सबसे स्टाइलिश बल्लेबाज़ थे बल्कि ख़राब विकेट पर उस समय उनसे बेहतर भारत में कोई भी नहीं खेलता था."
सुनील गावस्कर का भी मानना था कि विश्वनाथ उनसे बेहतर बल्लेबाज़ थे क्योंकि उनके पास हर गेंद को खेलने के लिए कम से कम तीन स्ट्रोक हुआ करते थे.
गावस्कर अपनी किताब 'आइडल्स' में लिखते हैं, "हममें से अधिकतर लोग अपने शॉट लगाने के लिए ख़राब गेंदों को इंतज़ार किया करते थे लेकिन विश्वनाथ अकेले शख़्स थे जो अच्छी गेंदों पर भी स्ट्रोक लगाने के लिए जाने जाते थे. विश्वनाथ को पटौदी और बेदी के नेतृत्व में मुझसे पहले भारत का उप कप्तान बनाया जाना चाहिए था. इसकी वजह ये थी कि वो मुझसे सीनियर थे और लोकप्रियता और क्रिकेट की जानकारी में उनका सानी कोई नहीं था."
जुबिली टेस्ट में टेलर को वापस बुलाया
विश्वनाथ को जब बाद में भारत का कप्तान बनने का मौक़ा मिला तो उन्होंने खेल भावना की ऐसी मिसाल कायम की जिसे आज तक याद रखा जाता है.
बंबई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जुबिली टेस्ट में भारत की टीम 242 रन बना कर आउट हो गई. जवाब में इंग्लैंड ने 85 रन पर 5 विकेट खो दिए. तभी कपिल की एक गेंद ने टेलर के बल्ले का किनारा लिया और किरमानी ने गेंद को कैच कर लिया. सभी भारतीय खिलाड़ियों ने अपील की और अंपायर हनुमंत राव ने अपनी उंगली भी उठा दी.
विश्वनाथ लिखते हैं, "मैं पहली स्लिप पर फ़ील्ड कर रहा था. मैंने अपनी बाईं तरफ़ विकेटकीपर किरमानी की तरफ़ देखा. उन्होंने न में सिर हिलाया. दाहिनी तरफ़ खड़े गावस्कर ने भी अपने कंधे उचका दिए. हम तीन खिलाड़ी खड़े होकर मंत्रणा करने लगे कि हमें क्या करना चाहिए. गावस्कर ने कहा आप कप्तान हैं, आप जो भी फ़ैसला लेंगे हम उसका समर्थन करेंगे."
"टेलर धीमे-धीमे पवेलियन की तरफ़ बढ़ रहे थे. मैं अंपायर राव के पास गया और बोला- सर हम अपनी अपील वापस लेना चाहेंगे. नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर खड़े इयान बॉथम ये सब नज़ारा देख रहे थे. जैसे ही उन्होंने मुझे अंपायर की तरफ़ जाते देखा उन्होंने चिल्लाकर टेलर से रुक जाने के लिए कहा. मैंने टेलर से वापस आने और बैटिंग जारी रखने के लिए कहा. पिच पर आते ही टेलर और बॉथम दोनों ने मुझसे कहा, 'वेल डन विश गुड शो'."
ये अलग बात है कि विश्वनाथ की ईमानदारी से भारत को नुक़सान हुआ. टेलर और बॉथम ने छठे विकेट के लिए 171 रन जोड़े और भारत वो मैच दस विकेट से हार गया.
स्क्वायर कट और लेट कट के ख़ुदा
विश्वनाथ ने भारत के लिए 91 टेस्ट खेलकर 41.93 के औसत से 6080 रन बनाए. क्रिकेट में 41.93 रन प्रति पारी के औसत को महान खिलाड़ी का औसत नहीं माना जाता.
रिकॉर्ड तो बनते और टूटते रहते हैं लेकिन जो याद रह जाता है कि वो रन आपने कहां बनाए थे, किन परिस्थतियों में और किसके ख़िलाफ़ बनाए थे.
जब क्रिकेट पंडित विश्वनाथ के क्रिकेट करियर पर नज़र दौड़ाते हैं तो वो उनके रिकॉर्ड्स के बार में बात कर अपना वक्त ज़ाया नहीं करते, क्योंकि उन्हें मालूम है कि रिकॉर्ड किसी खिलाड़ी की महानता की असली कहानी बयान नहीं करते.
विश्वनाथ स्क्वायर कट और लेट कट के खुदा थे. वो दृश्य देखने लायक होता था जब वो घुटनों के बल बैठ कर तेज़ गेंदबाज़ को स्क्वायर ड्राइव किया करते थे. मिड विकेट की तरफ़ किए गए उनके फ़्लिक भी उनको बहुत रन दिलवाते थे.
उनके साथ कई टेस्ट खेल चुके और कई दौरों पर उनके रूम मेट रह चुके मदनलाल बताते हैं कि "विश्वनाथ बहुत लेट खेलते थे. कट तो उनसे अच्छा दुनिया में कोई मारता ही नहीं था."
डेनिस लिली ने अपनी आत्मकथा 'मिनेस' में लिखा था कि "गावस्कर ज़रूर एक महान बल्लेबाज़ थे लेकिन मैं विश्वनाथ को उनसे ऊपर रेट करता हूं. वो आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज़ थे जिन्होंने हमारे ख़िलाफ़ एक के बाद कई बेहतरीन पारियां खेलीं."
विश्वनाथ के करियर की ख़ास बात रही कि जब-जब उन्होंने शतक लगाया भारत वो टेस्ट नहीं हारा, या तो उस टेस्ट में भारत की जीत हुई या उसके खेल की बहुत तारीफ़ की गई.
चेन्नई सुपर किंग्स के तेज़ गेंदबाज़ दीपक चाहर आईपीएल 2022 से बाहर हो गए हैं. सीएसके ने एक बयान जारी करके ये जानकारी दी है. टीम का कहना है कि दीपक चाहर को पीठ में चोट लगी है. सीएसके के सीईओ केएस विश्वनाथन ने कहा- हम निशान हैं, क्योंकि हमारा प्रमुख गेंदबाज़ हमारे पास नहीं है. लेकिन चोट लगाना खेल का हिस्सा है. हम दीपक चाहर के जल्द ठीक होने की दुआ करते हैं. दीपक चाहर वर्ष 2018 से चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा हैं. उन्होंने चार सीज़न में कुल 58 विकेट लिए हैं. 2022 के ऑक्शन में सीएसके ने उन्हें अपनी टीम में फिर से शामिल कर लिया था.
इस सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स का प्रदर्शन अभी तक काफ़ी ख़राब रहा है. अभी तक टीम ने सिर्फ़ एक मैच जीता है. अंक तालिका में चेन्नई सुपर किंग्स 10 में से नौवें नंबर पर है. मुंबई इंडियंस 10वें नंबर पर है. आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले महेंद्र सिंह धोनी ने टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. हालाँकि वे टीम में बने हुए हैं. टीम की कप्तानी रवींद्र जडेजा के पास है. सीएसके ने चार बार आईपीएल का ख़िताब जीता है. टीम को वर्ष 2010, 2011, 2018 और 2021 में ख़िताबी जीत मिली थी. (bbc.com)
चंडीगढ़, 15 अप्रैल। स्थानीय गोल्फर युवराज सिंह संधू ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुक्रवार को यहां 50 लाख रूपये पुरस्कार राशि की टाटा स्टील पीजीटीआई प्लेयर्स चैमपियनशिप ट्राफी जीती। यह पिछले पांच महीनों में तीसरी जीत है।
संधू (70-67-65-69) ने अंतिम दौर में तीन अंडर 69 का कार्ड खेला जिससे उनका कुल स्कोर 17 अंडर 271 का रहा।
पच्चीस साल के इस गोल्फर ने 2022 सत्र का दूसरा खिताब अपने नाम किया और 8,08,250 रूपये की पुरस्कार राशि से पीजीटीआई आर्डर ऑफ मेरिट में उन्होंने अपना स्थान भी मजबूत किया।
बांग्लादेश के मोहम्मद जमाल हुसैन मुल्लाह (67-66-69-70) दूसरे स्थान पर रहे। (भाषा)
ताल्लिन (एस्तोनिया), 15 अप्रैल। अमेरिकी फिगर स्केटर इलिया मालिनिन ने जूनियर फिगर स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप के ‘शॉर्ट प्रोग्राम’ में 88.99 अंक हासिल करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
सत्रह वर्षीय मालिनिन ने 84.87 अंकों के पिछले रिकॉर्ड को आसानी से पार किया, जिसे वर्तमान विश्व चैंपियन शोमा ऊनो ने 2015 में जूनियर चैंपियनशिप में बनाया था।
मालिनिन पिछले महीने सीनियर विश्व चैंपियनशिप में नौवें स्थान पर रही थी जबकि जनवरी में अमेरिकी चैंपियनशिप में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था।
कनाडा की वेस्ली चिउ 81.59 अंकों के साथ दूसरे और एस्तोनिया की मिहैल सेलेव्को 81.26 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रही। (एपी)
रियाद, 15 अप्रैल। अली मबखोत के पेनल्टी पर किये गये गोल के कारण मुंबई सिटी को एएफसी चैंपियन्स लीग फुटबॉल प्रतियोगिता के ग्रुप बी के मैच में अल जजीरा से 0-1 से हार का सामना करना पड़ा।
यह मुंबई की तीन मैचों में दूसरी हार है। वह अपने पहले मैच में अल शबाद से 0-3 से हार गया था।
मबखोत के 40वें मिनट में किये गये गोल ने दोनों टीम के बीच अंतर पैदा किया जिससे अल जजीरा गुरुवार को किंग फहद इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गये मैच में तीन अंक हासिल करने में सफल रहा।
संयुक्त अरब अमीरात के क्लब अल जजीरा ने पहले हॉफ में दबदबा बनाये रखा। इस बीच उसने गेंद पर 70 प्रतिशत कब्जा रखा था लेकिन वह गोल करने का वास्तविक मौका नहीं बना पाया। मुंबई ने इस बीच जवाबी हमले करने पर ही ध्यान दिया।
मुंबई को शुरू में झटका लगा जबकि डिफेंडर अमय रनावडे नौवें मिनट में चोटिल हो गये जिनकी जगह मेहताब सिंह को उतारा गया। मेहताब की गलती के कारण ही मुंबई ने पेनल्टी गंवायी। मबखोत ने इसे गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की।
मुंबई सिटी ने बुधवार को इराक के एयर फोर्स क्लब को 2-1 से हराकर इतिहास रचा था। वह इस शीर्ष स्तर के महाद्वीपीय क्लब लीग के किसी मैच में जीत दर्ज करने वाला पहला भारतीय क्लब बना था। (भाषा)
आईपीएल 2022 में गुजरात ने राजस्थान को 37 रनों से हराकर पॉइंट टेबल में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है.
इस मैच से पहले तक 10 में से 6 टीमों के एक बराबर छह अंक थे. हालांकि नेट रन रेट के आधार पर पॉइंट टेबल में राजस्थान टॉप पर तो गुजरात की टीम पांचवें स्थान पर थी.
अब गुजरात के आठ अंक हो गए हैं वहीं राजस्थान की टीम नंबर-1 से तीसरे स्थान पर खिसक गई है.
इस मुक़ाबले में टॉस जीत कर संजू सैमसन ने पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला लिया. शुरुआती ओवरों में उनका यह फ़ैसला अच्छा दिख रहा था. गुजरात के दो विकेट 15 रन बनने तक आउट हो गए और जल्द ही इन-फॉर्म बल्लेबाज़ शुभमन गिल (13 रन) भी आउट हो गए.
इसके बाद कप्तान हार्दिक पंड्या एक छोर से जम गए और अंत तक नाबाद रहते हुए 52 गेंदों पर 87 रनों की पारी खेली. उन्होंने अभिनव मनोहर (43 रन) के साथ चौथे और डेविड मिलर (नाबाद 31 रन) के साथ अर्धशतकीय साझेदारी निभाई और अंत तक आउट नहीं हुए.
गुजरात ने 20 ओवरों में 192 रन बनाए. राजस्थान की ओर से कुलदीप सेन, युजवेंद्र चहल और रियान पराग ने एक-एक विकेट लिए.
लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान की टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज़ जॉस बटलर ने तेज़ी से रन बटोरना शुरू किया. हालांकि फॉर्म में चल रहे देवदत्त पड्डिकल बिना खाता खोले ही आउट हो गए. लेकिन बटलर का तूफ़ानी अंदाज थमा नहीं.
बटलर की पारी की अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक वक़्त उनका स्कोर टीम के कुल स्कोर से केवल एक रन कम था.
बटलर ने केवल 24 गेंदों पर 54 रन बनाए तब टीम का कुल स्कोर 65 रन था. लेकिन उनके आउट होने के बाद राजस्थान की टीम की ओर से शिमरॉन हेटमायर (29 रन) के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ 20 रन से अधिक नहीं बना सका.
राजस्थान की टीम ने 20 ओवरों में 9 विकेट पर 155 रन बनाए और गुजरात ने मुक़ाबला 37 रनों से जीत लिया. गुजरात की ओर से लॉकी फर्ग्यूसन और यश दयाल ने तीन-तीन विकेट लिए तो कप्तान हार्दिक पंड्या और मोहम्मद शमी ने एक-एक विकेट चटकाए.
इस जीत के साथ ही आईपीएल 2022 के पॉइंट टेबल में गुजरात की टीम टॉप पर पहुंच गई है.
हार्दिक पंड्या को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया. (bbc.com)
मुंबई इंडियंस आईपीएल सीज़न-15 में लगातार पांचवां मैच हार गयी है. बुधवार को पुणे में खेले गए मुक़ाबले में पंजाब किंग्स ने मुंबई इंडियंस को 12 रन से हराया.
मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला लिया. पंजाब के कप्तान मयंक अग्रवाल और शिखर धवन ने अपनी टीम को ज़ोरदार शुरुआत की.
मंयक अग्रवाल ने 32 गेंदों पर 52 रन बनाए जबकि शिखर धवन ने 50 गेंद पर 70 रन बनाए. इसके बाद जीतेश शर्मा ने 15 गेंद पर नाबाद 30 रन बनाए. पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवरों में पांच विकेट पर 198 रन बनाए.
इसके जवाब में मुंबई इंडियंस की शुरुआत ख़राब रही. ईशान किशन महज तीन रन बना सके. रोहित शर्मा ने 17 गेंद पर 28 रन बनाए. लेकिन वे अपनी पारी को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके.
इसके बाद डेवाल्ड ब्रेविस और तिलक वर्मा ने तीसरे विकेट के लिए बेहतरीन साझेदारी निभायी. ब्रेविस ने 25 गेंदों पर 49 रन बनाए. वहीं तिलक वर्मा ने 20 गेंदों पर 36 रन बनाए.
सूर्य कुमार यादव ने 30 गेंदों पर एक चौका और चार छक्के की मदद से 43 रन बनाए लेकिन उनके साथ तिलक वर्मा और कीरोन पोलॉर्ड रन आउट हुए और ये रन आउट आख़िर मुंबई इंडियंस को बेहद महंगा पड़ा.
पंजाब की ओर से ओडियन स्मिथ ने आख़िरी ओवर में तीन विकेट लेकर टीम को शानदार जीत दिलाई. वहीं दूसरी ओर आईपीएल इतिहास की सबसे कामयाब टीम मुंबई इंडियंस को इस सीज़न में पांच मैचों के बाद भी पहली जीत का इंतज़ार है. (bbc.com)
मुंबई, 13 अप्रैल। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ का मानना है कि सभी प्रारूपों में भारतीय टीम की अगुआई करने का मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट में रोहित शर्मा पर ‘मानसिक तनाव’ पड़ रहा है।
रिकॉर्ड पांच बार आईपीएल खिताब जीतने वाली रोहित की अगुआई वाली मुंबई इंडियन्स की टीम को आईपीएल 15 में पहली जीत का इंतजार है और टीम अपने शुरुआती चारों मुकाबले गंवा चुकी है।
रोहित की अगुआई में इससे पहले भारत ने वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला जीती। भारत ने टेस्ट श्रृंखला में भी श्रीलंका को हराया।
स्मिथ के हवाले से ‘क्रिकेट.कॉम’ ने कहा, ‘‘भारत की सीमित ओवरों की टीम का कप्तान बनने के बाद यह पहला टूर्नामेंट है जिसमें वह मुंबई इंडियन्स की कप्तानी कर रहा है। क्या इस मानसिक तनाव का खामियाजा आईपीएल में भुगतना पड़ रहा है। इस बारे में विचार किया जाना चाहिए।’’
रोहित को फरवरी में भारत का पूर्णकालिक टेस्ट कप्तान नियुक्त किया और उनकी पहली श्रृंखला मार्च में श्रीलंका के खिलाफ थी।
मौजूदा सत्र में फ्रेंचाइजी के लिए रोहित बल्ले से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं और दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल कप्तानों में से एक स्मिथ हैरान है कि क्या सभी प्रारूपों में राष्ट्रीय टीम की अगुआई करने का इससे कुछ लेना देना है।
रोहित चार मैच में 20 की औसत से सिर्फ 80 रन बना पाए हैं।
स्मिथ ने कहा कि अगर रोहित बल्ले से लय हासिल करते हैं तो मुंबई इंडियन्स के लिए चीजें आसान हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘वह इतना महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। अगर आप टीम को देखें तो रोहित शानदार खिलाड़ी है जो अब तक फॉर्म हासिल नहीं कर पाया है।’’
स्मिथ ने कहा, ‘‘आपके पास इशान किशन है, सूर्यकुमार यादव कुछ मैच के लिए चोटिल थे। वह अब आ गए हैं और अच्छी लय में नजर आ रहे हैं। इसके बाद मैच को फिनिश करने की क्षमता रखने वाले कीरोन पोलार्ड हैं। आपके पास डेवाल्ड ब्रेविस है लेकिन वह युवा खिलाड़ी है। बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत है।’’
स्मिथ ने कहा कि पंजाब किंग्स के खिलाफ मुकाबले के लिए मुंबई की टीम को वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजी आलराउंडर फाबियन एलेन को टीम में शामिल करना चाहिए। (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 अप्रैल। भुनेश्वर (ओडिशा) में आयोजित सब जूनियर, जूनियर व सीनियर भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) चैम्पियनशिप प्रतियोगिता गत दिनों आयोजित की गई थी, जिसमें ज्ञानेश्वरी ने सिल्वर और जगदीश ने कांस्य पदक जीता।
प्रतियोगिता में जयभवानी व्यायाम शाला की ज्ञानेश्वरी यादव ने स्नैच 74 किग्रा क्लीनजर्क 87 किग्रा टोटल 161 किग्रा वजन उठाकर अपने वजन समूह में द्वितीय व सिल्वर मेडल पर कब्जा किया, वहीं सीनियर भारोत्तोलन प्रतियोगिता में राजनांदगांव के जगदीश विश्वकर्मा अपने 96 किग्रा ग्रुप में 146 किग्रा स्नैच व 187 किग्रा क्लिनजर्क कुल वजन 333 किग्रा वजन उठाकर तृतीय स्थान पाकर कांस्य पदक पर अपना नाम किया। वहीं जय भवानी व्यायाम शाला की वेट लिफ्टर एकता बंजारे ने अपने वजन समूह में चतुर्थ, सोनाली यदु व मिथलेश सोनकर ने छठवां स्थान प्राप्त किया। अनंत मांडवी दसवां स्थान पर रहे।
उक्त खिलाडिय़ों की सफलता पर अजय श्रीवास्तव, डोमन मोहोबिया, अमित अजमानी, अशोक श्रीवास, बसंत मेगी, शेख वसीम, नीरज शुक्ला, विवेक रंजन सोनी, दीपक ठाकुर, मनोज यादव, चोवाराम सोनकर, अकाश सोनी, नारायण लोहार, तामेश्वर बंजारे नाहिद अख्तर, रितेश घरड़े, अजय लोहार, दाऊद खान, रवि गुप्ता, अजय कुलदीप, रामा यादव, नितिन शर्मा, जग्गु ठाकुर, नोमेन्द्र यादव, गणेश साहू, प्रेमप्रकाश सिन्हा, संजय सरोदे, सरला साहू, कोमल गुप्ता, डॉ. दीपिका पटेल, एक्का, प्रेरणा राणे, अरूण चौधरी, रणविजय प्रताप सिंह, किशोर मेहरा, अशोक मेहरा आदि ने बधाई प्रेषित की। उक्त जानकारी जिला भारोत्तोलन संघ के सचिव अशोक श्रीवास ने दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 13 अप्रैल। आईएसबीएम यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित प्रीमियर लीग के शानदार छठवें दिन कुल 7 टीमों ने हिस्सा लिया जिनके मध्य कड़ा मुकाबला हुआ। बोडराबांधा, चुरकीदादर, भैसामुड़ा, गणेशपुर, अमेठी, फॉरेस्टर टीम छुरा और अम्लोर टीम के खिलाडिय़ों ने अपने खेल का प्रदर्शन किया। जिसमें जिसमें गणेशपुर की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इस लीग में अपना दबदबा कायम किया हुआ है, कल गणेशपुर की टीम ने कुल 3 मैच जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है।
टीम अमलोर, फारेस्ट टीम छुरा ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन वो इस लीग से बाहर हो गए हैं। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अमलोर और गणेशपुर के मध्य हुआ जिसमें गणेशपुर टीम के बैट्समैन डीजे, बालू और रवि, अरुण ने शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी से अपना जौहर दिखाया और अपने टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया , पहले मैच में बालू और दूसरे मैच में डीजे ने अपनी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत मैन ऑफ द मैच का खिताब पाया । इस टूर्नामेंट में टीम जन्नत- 11 छुरा और कनसिंघी, नर्रा-11 और चरौदा (बागबाहरा) के मध्य सेमीफाइनल के 12 अप्रैल को मैच होना है। आईएसबीएम प्रीमियर लीग का फाइनल मैच 13 अप्रैल को होगा। अब तक इस लीग में कुल 25 टीम ने हिस्सा लिया है । विश्वविद्यालय की ओर से शील्ड और ट्रॉफी के साथ प्रथम पुरस्कार 21000 और द्वितीय पुरस्कार 11,000 की राशि के रखी गई है।
चेन्नई सुपर किंग्स की आईपीएल सीज़न 15 की पहली जीत लगातार चार मैच हारने के बाद रविंद्र जडेजा की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल सीज़न 15 में पहला मैच जीत लिया है.
मुंबई के डीवाई पाटील स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर को 23 रन से हराया. इस जीत के हीरो रहे शिवम दुबे और रॉबिन उथप्पा.
टॉस जीत कर फ़ैफ डू प्लेसि ने पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया. चेन्नई सुपर किंग्स के दो विकेट भी जल्दी गिर गए लेकिन इसके बाद दुबे और उथप्पा ने पारी को संभाल लिया.
रॉबिन उथप्पा ने 50 गेंद पर चार चौके और नौ छक्के की मदद से 88 रन बनाए. वहीं दूसरे छोर पर युवा बल्लेबाज़ शिवम दुबे ने उनका बख़ूबी साथ दिया. दुबे ने 46 गेंदों पर नाबाद 95 रन बनाए. अपनी पारी में दुबे ने पांच चौके और आठ छक्के लगाए. वे आख़िर तक आउट नहीं हुए.
इन दोनों की तूफ़ानी पारी के चलते चेन्नई सुपर किंग्स ने चार विकेट पर 216 रन बनाए. इसके जवाब में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर की टीम 20 ओवरों में नौ विकेट पर 193 रन बना सकी. टीम के स्टार बल्लेबाज़ फ़ैफ़ डू प्लेसि और विराट कोहली दोहरे अंक में नहीं पहुंच सके. जबकि ग्लेन मैक्सवेल 26 रन बना सके.
आख़िरी पलों में 14 गेंदों पर दिनेश कार्तिक ने 34 रन बनाकर मैच का रोमांच ज़रूर बढ़ाया लेकिन उनके आउट होते ही टीम की उम्मीद ख़त्म हो गई.
चेन्नई सुपर किंग्स की ओर महेश तिकशाना ने 33 रन देकर चार विकेट चटकाए, जबकि रविंद्र जडेजा ने 39 रन देकर तीन विकेट लिए. (bbc.com)
पुणे, 12 अप्रैल । शुरुआती चार मैच हारने के बाद मुश्किलों का सामना कर रही मुंबई इंडियन्स की टीम बुधवार को यहां पंजाब किंग्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग मुकाबले में जीत का खाता खोलने के लक्ष्य के साथ उतरेगी।
धीमी शुरुआत के लिए पहचानी जाने वाली पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियन्स की मौजूदा सत्र में शुरुआत बुरे सपने जैसी रही है और टीम अपने पहले चार मुकाबले गंवा चुकी है।
वर्षों से मजबूत टीम के रूप में खुद को स्थापित करने वाली मुंबई की टीम मौजूदा सत्र में अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने में बुरी तरह नाकाम रही है और अगर अपने अभियान को पटरी पर लाना है तो टीम को कई चीजों में सुधार करने की जरूरत है।
टीम के बल्लेबाज बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे हैं जबकि गेंदबाज भी अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं जिससे टीम की मुसीबत बढ़ गई है।
मुंबई की वापसी की राह काफी मुश्किल नजर आ रही हैं क्योंकि वह 10 टीम की तालिका में नौवें स्थान पर चल रही है लेकिन कप्तान रोहित शर्मा टीम ही नहीं बल्कि अपने प्रदर्शन में भी सुधार करना चाहेंगे।
रोहित फ्रेंचाइजी के लिए उस तरह का प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं जिसके लिए वह जाने जाते हैं और उन्हें अगर टीम के अभियान को पटरी पर लाना है तो आगे बढ़कर अगुआई करनी होगी और अपने संयोजन को सही रखना होगा।
पंजाब की टीम दो जीत और इतनी ही हार के साथ अंक तालिका में सातवें स्थान पर चल रही है और गुजरात टाइटंस के खिलाफ पिछले मैच में मिली हार के बाद टीम की नजरें जीत की राह पर लौटने पर टिकी होंगी।
मुंबई के लिए शीर्ष क्रम में रोहित काफी महत्वपूर्ण हैं लेकिन उनके सलामी जोड़ीदार इशान किशन, सूर्यकुमार यादव और तिलक वर्मा को भी बल्लेबाजी में अधिक जिम्मेदारी लेनी होगी जिससे कि टीम के लिए देर ना हो जाए।
विविध शॉट खेलने की क्षमता रखने वाले डेवाल्ड ब्रेविस भी अब तक उम्मीद के मुताबिक नहीं खेल पाए हैं। टीम प्रबंधन को उम्मीद होगी कि बल्लेबाजी इकाई एकजुट होकर योगदान देने में सफल रहेगी।
अगर टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करना है या लक्ष्य को हासिल करना है तो शीर्ष तीन में से एक बल्लेबाज को बड़ी पारी खेलनी होगी।
मुंबई के लिए सबसे कमजोर पहलू अनुभवी आलराउंडर कीरोन पोलार्ड का प्रदर्शन रहा है। अकेले दम पर मैच का रुख पलटने की क्षमता रखने वाले पोलार्ड अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं पहुंच पा रहे और वेस्टइंडीज के इस बल्लेबाज को आगामी मुकाबलों में लय हासिल करने की उम्मीद होगी।
मुंबई को हालांकि पंजाब के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना होगा जिसकी अगुआई कागिसो रबाडा कर रहे हैं और टीम में राहुल चाहर, वैभव अरोड़ा और अर्शदीप सिंह जैसे गेंदबाज भी हैं।
जसप्रीत बुमराह सहित मुंबई के गेंदबाजों में मौजूदा सत्र में वह पैनापन नजर नहीं आया है जिसके लिए वे जाने जाते हैं।
लेग स्पिनर मुरुगन अश्विन, बासिल थंपी और जयदेव उनादकट की मौजूदगी वाले आक्रमण को बुमराह का साथ देना होगा जो तेज गेंदबाजी में अपना जादू दोहराने की कोशिश करेंगे। मुंबई को अगर जीत दर्ज करनी है तो इन तीनों के 12 ओवर महत्वपूर्ण होंगे।
मुंबई को ऐसी टीम से भिड़ना है जिसके पास शिखर धवन, लियाम लिविंगस्टोन और एम शाहरूख खान जैसे बड़े शॉट खेलने में सक्षम खिलाड़ी हैं।
टीम इस प्रकार हैं:
मुंबई इंडियंस: रोहित शर्मा (कप्तान), अनमोलप्रीत सिंह, राहुल बुद्धि, रमनदीप सिंह, सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा, टिम डेविड, अर्जुन तेंदुलकर, बासिल थम्पी, ऋतिक शौकीन, जसप्रीत बुमराह, जयदेव उनादकट, जोफ्रा आर्चर, मयंक मार्कंडेय, मुरुगन अश्विन, रिले मेरेडिथ, टाइमल मिल्स, अरशद खान, डेनियल सैम्स, डेवाल्ड ब्रेविस, फैबियन एलेन, कीरोन पोलार्ड, संजय यादव, आर्यन जुयाल और इशान किशन।
पंजाब किंग्स: शिखर धवन, मयंक अग्रवाल, अर्शदीप सिंह, कागिसो रबाडा, जॉनी बेयरस्टो, राहुल चाहर, हरप्रीत बरार, एम शाहरुख खान, प्रभसिमरन सिंह, जितेश शर्मा, इशान पोरेल, लियाम लिविंगस्टोन, ओडियन स्मिथ, संदीप शर्मा, राज अंगद बावा, ऋषि धवन, प्रेरक मांकड़, वैभव अरोड़ा, रितिक चटर्जी, बलतेज ढांडा, अंश पटेल, नाथन एलिस, अथर्व ताइडे, भानुका राजपक्षे और बेनी हॉवेल। (भाषा)
-प्रदीप कुमार
सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन ने शानदार बल्लेबाज़ी करके अपनी टीम को गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ आठ विकेट से जीत दिला दी.
केन विलियम्सन ने कप्तान की पारी खेलते हुए 46 गेंदों पर 57 रन बनाए. उनकी पारी ट्वेंटी-20 क्रिकेट के लिहाज से धीमी रही. लेकिन उन्होंने चार ज़ोरदार छक्के और दो चौके जमाए. अपनी इस पारी की बदौलत केन विलियम्सन मैन ऑफ़ द मैच भी आंके गए.
लेकिन अगर गुजरात टाइटंस की टीम से एक चूक नहीं हुई होती तो ना तो केन विलियम्सन ये स्कोर बना पाते और मैच का रुख़ भी बदल सकता था.
आख़िर वो चूक क्या थी और गुजरात टाइटंस की टीम की ओर से किस खिलाड़ी ने ये चूक की, ये जानने में आपकी दिलचस्पी ज़रूर जगी होगी.
दरअसल, केन विलियम्सन पारी के पहले ही ओवर में आउट थे. हैदराबाद सनराइजर्स की ओर से ओपनिंग करने केन विलियम्सन पहले ओवर की चौथी गेंद पर आउट थे.
मोहम्मद शमी की मिडिल स्टंप की गेंद को खेलने में केन विलियम्सन चूके थे और गेंद उनके पैड से टकरायी थी. मोहम्मद शमी और गुजरात टाइटंस के विकेटकीपर मैथ्यू वेड ने एलबीडब्ल्यू की अपील की थी.
लेकिन मैच अंपायर ने केन विलियम्सन को आउट नहीं दिया. पहली झलक में ऐसा लग रहा था कि गेंद इन साइड एज़ के बाद पैड से टकराई है.
ऐसे में हार्दिक पांड्या के पास रिव्यू लेने का मौका था और मैथ्यू वेड ने दो-तीन बार कप्तान से रिव्यू लेने को कहा भी, लेकिन पांड्या सहमत नहीं हुए.
तब केन विलियम्सन दो रन बनाकर खेल रहे थे. बॉल ट्रैकिंग रिव्यू सिस्टम ने अगले ही ओवर में बताया कि गेंद केन विलियम्सन के बल्ले से नहीं लगी थी और वे विकेट के सामने खड़े भी थे.
यानी हार्दिक पांड्या ने रिव्यू लिया होता तो केन विलियम्सन आउट क़रार दिए जाते. इस एक चूक के बदले गुजरात टाइटंस को दो अहम अंक गंवाने पड़ गए.
शमी और विलियम्सन की टक्कर
वैसे आईपीएल में केन विलियम्सन और मोहम्मद शमी के बीच एक दिलचस्प टक्कर का इतिहास भी रहा है. दरअसल, मोहम्मद शमी आईपीएल के इकलौते ऐसे गेंदबाज़ हैं जो केन विलियम्सन को तीन बार आउट कर चुके हैं. उनके ख़िलाफ़ विलियम्सन का औसत दहाई अंकों का भी नहीं है.
शमी और विलियम्सन की टक्कर में, एक बार फिर बाजी मोहम्मद शमी के नाम होती लेकिन शमी ना तो खुद और ना ही अपने कप्तान को आश्वस्त कर सके कि विलियम्सन के ख़िलाफ़ रिव्यू लिया जाए.
'वो नशे में धुत था और मुझे 15वीं मंजिल से नीचे लटका दिया'- चहल
केन विलियम्सन की पारी ने हैदराबाद को जीत की राह पर ज़रूर डाला लेकिन उसे अमली जामा निकोलस पूरन ने पहनाया. निकोलस पूरन मैच के 14वें ओवर में बल्लेबाज़ी करने तब आए जब राहुल त्रिपाठी रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौटे थे.
आम तौर पर बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी की गेंद पर चोट खाकर या फिर विकेटों के बीच भागते हुए गिरकर रिटायर्ड हर्ट होते हैं, लेकिन राहुल त्रिपाठी अपने हमनाम राहुल तेवतिया की गेंद पर पर ज़ोरदार छक्का लगा कर रिटायर्ड हर्ट हुए.
लेग स्टंप के बाहर की गेंद को लॉन्ग ऑफ़ पर छक्का जमाने के बाद राहुल त्रिपाठी अपना संतुलन नहीं रख पाए और गिर पड़े. जिसके बाद उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा.
निकोलस पूरन को सेट होने के लिए टाइम मिला और फर्ग्यूसन ने अपनी ही गेंद पर उनका कैच भी टपका दिया. पूरन ने 18 गेंदों पर नाबाद 36 रन बनाकर टीम को शानदार जीत दिलाई.
आईपीएल में पांड्या के 100 छक्के
हार्दिक पांड्या की कप्तानी में गुजरात टाइटंस ने सीजन में भले पहला मुक़ाबला गंवाया हो लेकिन इस मैच में उन्होंने आलराउंड खेल दिखाया.
पहले तो बल्लेबाज़ी में 42 गेंदों पर पांड्या ने नाबाद 50 रन बनाए. बल्लेबाज़ी के दौरान पांड्या ने आईपीएल में 100 छक्के लगाने का मुकाम भी हासिल किया. लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी से टीम को उतना फ़ायदा नहीं पहुंचा जिसकी उम्मीद की जा रही थी. इसकी एक वजह तो खुद पांड्या ही रहे. जो ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करने के लिए जाने जाते हैं लेकिन इस मुक़ाबले में उन्होंने धीमी बल्लेबाज़ी की.
अगर उनकी पारी से चार चौके और एक छक्के को हटा कर देखें तो 37 गेंदों पर उनके बल्ले से करीब 28 रन निकले. हालांकि उनकी मौजूदगी का ये असर ज़रूर रहा कि अभिनव मनोहर ने 21 गेंदों पर 35 रनों की पारी खेल कर टीम के स्कोर को 160 के पार तक पहुंचाया.
आईपीएल की पिछली धुरंधर चेन्नई और मुंबई की हार का सिलसिला कब थमेगा?
कप्तान पांड्या इसके बाद गेंदबाज़ी में चार ओवरों में महज 27 रन देकर एक विकेट चटकाया. लेकिन टीम के बाक़ी गेंदबाज़ विलियम्सन, अभिषेक शर्मा और निकोलस पूरन पर कोई अंकुश नहीं लगा सके.
भुवनेश्वर कुमार और टी नटराजन
इस मुक़ाबले में सनराइजर्स हैदराबाद के दो तेज़ गेंदबाज़ों की प्रदर्शन पर भी लोगों का ध्यान गया. भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज़ ने मैच का जो पहला ओवर फेंका, वह नौ गेंदों का ओवर था. तीन अतिरिक्त गेंदों का असर ये हुआ है कि इस ओवर में कुल 17 रन बने.
हालांकि इसके बाद अगले तीन ओवरों में भुवनेश्वर ने ज़ोरदार वापसी की बीस रन देकर दो अहम विकेट लिए.
वहीं टी नटराजन ने पारी का अंतिम ओवर फेंका जिसमें उन्होंने महज सात रन दिए. चार ओवरों में 34 रन देकर उन्होंने भी दो विकेट चटकाए.
ख़ास बात यह है कि अंतिम ओवरों में वे विपक्षी बल्लेबाज़ों को अपने यार्कर से ख़ूब छका रहे हैं. आईपीएल के मौजूदा सीज़न में अब उनसे ज़्यादा यॉर्कर कोई नहीं डाल पाया है, और डेथ ओवरों में सबसे ज़्यादा पांच विकेट भी उनके नाम हैं. (bbc.com)
चार्ल्सटन, 11 अप्रैल। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और चेक गणराज्य की उनकी जोड़ीदार लूसी हरडेका का चार्ल्सटन ओपन टेनिस टूर्नामेंट में शानदार अभियान का यहां फाइनल में हार के साथ् निराशाजनक अंत हुआ।
सानिया और हरडेका की गैरवरीयता प्राप्त जोड़ी रविवार को खेले गये फाइनल में पोलैंड की आंद्रेजा क्लेपैक और स्लोवानिया की मैग्डा लिनेट की चौथी वरीयता प्राप्त जोड़ी से एक घंटे 24 मिनट में 2-6, 6-4, 7-10 से हार गईं।
सानिया और हरडेका ने इस डब्ल्यूटीए 500 प्रतियोगिता में इससे पहले शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने सेमीफाइनल में झांग शुआई और कैरोलिन डोलेहाइड की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी को उलटफेर का शिकार बनाकर महिला युगल फाइनल में जगह बनायी थी।
उन्होंने क्वार्टर फाइनल में एलेक्सा गुआराची और जेसिका पेगुला की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को हराया था।
सानिया और हरडेका फरवरी में दुबई टेनिस चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में भी पहुंची थी।
भारत की सबसे सफल टेनिस खिलाड़ी सानिया पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि टेनिस में यह उनका आखिरी सत्र होगा। उनके नाम पर कुल छह ग्रैंडस्लैम खिताब हैं जिनमें मिश्रित युगल के तीन खिताब भी शामिल हैं। (भाषा)
भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को डबल लेग एफआईएच प्रो लीग मुकाबले के पहले मैच में ओलंपिक चैंपियन नीदरलैंड्स को 2-1 से हरा दिया.
भारत की ओर सेनेहा ने 11वें मिनट और सोनिका ने 28वें मिनट पर गोल किया. ये दोनों ही गोल पेनल्टी कॉर्नर से किए गए. जिससे हॉफ़ टाइम तक भी भारत की झोली में दो गोल आ चुके थे.
नीदरलैंड्स की ओर से जैनसेन यीबी ने 40वें मिनट पर पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर अपनी टीम के लिए खाता खोला.
इस जीत के साथ भारत 15 प्वाइंट के साथ दूसरे स्थान पर आ चुका है वहीं 17 अंकों के साथ नीदरलैंड्स लिस्ट में पहले स्थान पर है.
शनिवार को दोनों टीमें एक बार और आमने सामने होंगी. (bbc.com)
नयी दिल्ली, 9 अप्रैल। भारतीय मुक्केबाज गोविंद साहनी (48 किग्रा) ने शनिवार को स्थानीय दावेदार नटहाफोन थुआमचेरोन पर आसान जीत के साथ फुकेट में थाईलैंड ओपन का स्वर्ण पदक जीता।
भारतीय मुक्केबाज ने अपने दमदार मुक्कों से तीनों दौर में दबदबा बनाते हुए 5-0 से जीत दर्ज की।
अमित पंघाल (52 किग्रा) और मोनिका (48 किग्रा) को हालांकि फाइनल में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
विश्व चैंपियनशिप 2019 के रजत पदक विजेता पंघाल को फिलिपीन्स के रोगेन लेडन के खिलाफ बेहद कड़े मुकाबले में खंडित फैसले में 2-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
दोनों मुक्केबाजों के बीच बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिला। भारत के 26 साल के पंघाल ने पहला दौर जीता लेकिन लेडन अगले दो दौर जीतकर मुकाबला अपने नाम करने में सफल रहे।
दूसरी तरफ मोनिका को भी कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद स्थानीय मुक्केबाज चुटामस राक्सा के खिलाफ 0-5 की हार के साथ रजत पदक मिला।
भारत ने टूर्नामेंट में एक स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक के साथ कुल छह पदक जीत लिए हैं।
शुक्रवार को मनीषा (57 किग्रा), पूजा (69 किग्रा) और भाग्यवती कचारी (75 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते।
टूर्नामेंट के पिछले सत्र में भारत ने एक स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक के साथ कुल आठ पदक जीते थे।
शनिवार को ही आशीष कुमार, अनंत प्रह्लाद चोपाडे, वरिंदर सिंह और सुमित भी स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे। (भाषा)
सुनचियोन (दक्षिण कोरिया), 9 अप्रैल। भारत की पीवी सिंधू को युवा आन सियोंग के खिलाफ लगातार चौथी शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे यहां शनिवार को कोरिया ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के महिला एकल सेमीफाइनल में उनका अभियान खत्म हो गया।
तीसरी वरीय भारतीय सिंधू को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद दुनिया की चौथे नंबर की कोरियाई खिलाड़ी के खिलाफ 48 मिनट में 14-21 17-21 से हार का सामना करना पड़ा।
बीस साल की सियोंग के खिलाफ सिंधू मुकाबले के दौरान अधिकतर समय पिछड़ी ही रही।
दूसरी वरीय कोरियाई खिलाड़ी ने शानदार शुरुआत करते हुए 6-1 की बढ़त बनाई। सिंधू ने दो ताकतवर रिटर्न के साथ स्कोर 4-7 किया लेकिन सियोंग ने दो सटीक रिटर्न, शरीर पर एक शॉट और बेसलाइन के करीब एक रिटर्न के साथ ब्रेक तक 11-6 की बढ़त बना ली।
सिंधू ने मुकाबले में तेजी लाने का प्रयास किया लेकिन सियोंग अपने शॉट में विविधता से हमेशा एक कदम आगे ही रही। भारतीय खिलाड़ी ने स्मैश के साथ कुछ अंक जुटाए लेकिन सियोंग पर दबाव नहीं बना सकीं।
सियोंग ने इसके बाद आठ गेम प्वाइंट हासिल किए जिसमें से सिंधू ने दो बचाए लेकिन कोरियाई खिलाड़ी ने ताकतवर स्मैश के साथ गेम जीत लिया।
दूसरे गेम में सिंधू ने अच्छी शुरुआत करते हुए 3-0 की बढ़त बनाई लेकिन सियोंग ने लगातार पांच अंक के साथ स्कोर 5-3 कर दिया।
दोनों खिलाड़ी 9-9 के स्कोर पर बराबर थी लेकिन सिंधू के नेट पर शॉट मारने से ब्रेक तक सियोंग ने 11-9 की बढ़त बना ली।
कड़े मुकाबले के बीच सियोंग पहले 14-12 और फिर 16-14 से आगे थी। सिंधू ने इसके बाद गलतियां करके कोरियाई खिलाड़ी को 18-14 की बढ़त बनाने का मौका दे दिया।
सिंधू ने लगातार तीन अंक के साथ स्कोर 17-18 किया लेकिन सियोंग ने शानदार रिटर्न के साथ अंक हासिल किया और फिर भारतीय खिलाड़ी के नेट पर शॉट मारने से तीन मैच प्वाइंट हासिल किए। सियोंग ने शानदार स्मैश के साथ मैच अपने नाम किया। (भाषा)