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20 वर्ष में 219 मिलियन टन कोयला निकालेगी अदानी समूह की कंपनी
बिलासपुर, 24 अप्रैल। कोयला मंत्रालय के अपर सचिव एम. नागराजू मंगलवार को एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे।
रायगढ़ में सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने उनका स्वागत किया। रायगढ़ क्षेत्र में पिछले वर्ष एमडीओ मोड पर संचालन के लिए अदानी समूह की कंपनी पेलमा कोलियरीज को दी गई पेलमा ओसी खदान का नागराजू ने दौरा किया एवं परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। विदित हो कि गत वर्ष एसईसीएल ने रायगढ़ क्षेत्र में अवस्थित पेलमा खुली खदान के संचालन के लिए पेलमा कोलियरीज के साथ समझौते किया था। समझौते के अनुसार पेलमा कोलियरीज अगले 20 वर्षों तक खदान का संचालन करेगी जिसके तहत इस परियोजना की डिज़ाइनिंग, फाइनेंसिंग, प्रोक्योरमेंट, निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव से जुड़ी सभी गतिविधियों की ज़िम्मेदारी पेलमा कोलियरीज की होगी। 20 वर्ष की अवधि के दौरान खदान से कुल 219 मिलियन टन से अधिक कोयला निकाला जाना प्रस्तावित है। एक वर्ष में अधिकतम 15 मिलियन टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है। खदान से उच्च गुणवत्ता वाला जी-12 ग्रेड का कोयला निकाला जाएगा। दौरे के दौरान अपर सचिव नागराजू ने सीएमडी डॉ मिश्रा के साथ मिलकर पौधारोपण किया। उन्होंने एसईसीएल द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। दौरे के दौरान निदेशक (वित्त) जी श्रीनिवासन, क्षेत्रीय महाप्रबंधक रायगढ़ क्षेत्र डॉ हेमंत शरद पांडे एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 अप्रैल। कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव के लिए चुनाव प्रचार करने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का 29 अप्रैल को बिलासपुर आगमन हो रहा है।
आमसभा सकरी स्थित सिंचाई कॉलोनी मैदान पर होगी। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, महापौर रामशरण यादव, प्रवक्ता ऋषि पांडेय ने मैदान का निरीक्षण कर इसका चयन किया, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी ले ली गई है। राहुल गांधी की अब तक की सभी चुनावी सभा तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में ही हुई है। कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि कुछ अन्य स्टार प्रचारकों की आमसभा और रोड शो का कार्यक्रम भी बन रहा है।
नई दिल्ली, 24 अप्रैल। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब को टक्कर देते हुए, एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जल्द ही यूजर्स के लिए हाई क्वालिटी वीडियो अपलोड करने के लिए एक टीवी ऐप लॉन्च करेगा। इसकी घोषणा सीईओ लिंडा याकारिनो ने की।
एक्स टीवी ऐप का यूजर इंटरफेस काफी हद तक यूट्यूब जैसा होगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में याकारिनो ने कहा कि छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक, एक्स सब कुछ बदल रहा है।
एक्स सीईओ ने कहा, ''जल्द ही हम एक्स टीवी ऐप के साथ आपके स्मार्ट टीवी पर रियल टाइम कंटेंट लाएंगे। बड़ी स्क्रीन पर हाई क्वालिटी, शानदार एंटरटेनमेंट एक्सपीरियंस के लिए यह आपका पसंदीदा साथी होगा।''
यूजर्स ट्रेंडिंग वीडियो एल्गोरिदम, एआई-पावर्ड टॉपिक, क्रॉस-डिवाइस एक्सपीरियंस, बेहतर वीडियो सर्च, आसान कास्टिंग और व्यापक उपलब्धता (अधिकतर स्मार्ट टीवी पर जल्द ही आने वाले) की उम्मीद कर सकते हैं।
याकारिनो ने कहा, ''हम आपको अपडेट रखेंगे। और हां, कृपया अपने आइडिया शेयर करें। हम अपने कम्युनिटी के लिए एक्स में बदलाव करते रहते हैं।"
ट्रेंडिंग वीडियो एल्गोरिदम यूजर्स को पॉपुलर कंटेंट के जरिए अपडेट रहने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है।
एक एक्स यूजर ने कहा कि क्रिएटर्स के लिए एक वीडियो प्लेलिस्ट/इंडेक्स अच्छा होगा, ताकि हम अपनी खुद की प्लेलिस्ट बना सकें।
यूजर ने लिखा, ''कई यूजर्स अलग-अलग तरह के वीडियो पोस्ट करते हैं और अपने ओरिजनल कंटेंट को 30 सेकंड के न्यूज क्लिप से अलग करना चाहते हैं, जिस पर वे कमेंट कर रहे हैं। इससे दर्शकों को केवल उनके क्यूरेटेड वीडियो देखने में मदद मिलेगी।''
(आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 24 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान समाप्त हो चुका है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौन मतदाताओं से डर गये हैं इसलिए वह पार्टी की लगातार आलोचना कर रहे हैं।
खरगे ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से पूछा, ''अगर कांग्रेस कुछ है ही नहीं तो प्रधानमंत्री क्यों इसे लेकर चिंतित हैं?''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह (खरगे) लगभग 10 से 12 राज्यों का दौरा कर चुके हैं और पार्टी को वहां मतदाताओं से बेहद अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
खरगे ने कहा, ‘‘मुझे खामोश लहर की उम्मीद है। मैं कह सकता हूं कि यह खामोश लहर (अंडरकरंट) दिखाई नहीं दे रही है लेकिन मोदी जी इन मौन मतदाताओं से डरते हैं और यही कारण है कि वह हमेशा कांग्रेस की आलोचना करते रहते हैं।''
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर 'स्तरहीन राजनीति' करने का आरोप लगाया और मोदी को देश के इतिहास के बारे में और अधिक पढ़ने व यह सीखने की सलाह दी कि देश को एकजुट कैसे रखा जाता है। (भाषा)
छत्रपति संभाजीनगर, 24 अप्रैल। महाराष्ट्र में नांदेड प्रशासन ने मतदान से 48 घंटे पहले जिले में स्थानीय ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) केंद्र और अन्य रेडियो चैनलों को चुनावी मामले संबंधी प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
नांदेड लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी अभिजीत राउत ने सोमवार को यह आदेश जारी किया।
आदेश में भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका में उल्लिखित उस प्रावधान का हवाला दिया गया है जो कि ‘‘टीवी या इसी तरह के अन्य माध्यमों के जरिए चुनावी मामलों के प्रसारण पर रोक लगाता है।’’
आदेश में कहा गया कि यह स्पष्ट किया जाता है कि रेडियो को ‘‘अन्य प्रसारण माध्यम के’’ रूप में माना जाएगा और इसलिए उक्त धारा में उल्लिखित 48 घंटों की अवधि के दौरान रेडियो पर चुनाव से संबंधित किसी भी तरह के मामले के प्रसारण/प्रचार करने की अनुमति नहीं होगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नांदेड लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। (भाषा)
(डेविड फेचनर रिसर्च फेलो, ग्रिफ़िथ यूनिवर्सिटी, बेटिना ग्रुन, वियना यूनिवर्सिटी ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड बिज़नेस और सारा डोलनिकर द यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्वींसलैंड)
क्वींसलैंड, 24 अप्रैल। कल्पना करें कि आप एक रेस्तरां में रात का खाना खाने वाले हैं। मेनू ज्यादातर सब्जियों, मशरूम, फलियां और गेहूं से बने पौधे-आधारित मांस के विकल्प प्रदान करता है जो स्वाद, बनावट और गंध में मांस की नकल करते हैं। विकल्प दिए जाने के बावजूद, आप पारंपरिक मांस या सब्जी का व्यंजन ऑर्डर करने का निर्णय लेते हैं। यह एक सामान्य निर्णय है।
ऑस्ट्रेलियाई पौधा-आधारित मांस उद्योग हाल के वर्षों में काफी बढ़ गया है और 2030 तक इसके तीन अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का उद्योग बनने का अनुमान है। फिर भी अधिकांश उपभोक्ता अभी भी रेस्तरां में पौधे-आधारित मांस व्यंजन का ऑर्डर देने से झिझकते हैं।
हमारे नए अध्ययन में, हमने 647 आस्ट्रेलियाई लोगों से पूछा कि वे बाहर भोजन करते समय पौधे-आधारित मांस व्यंजन का ऑर्डर क्यों नहीं देते हैं।
यह पता चला है कि हर किसी के कारण एक जैसे नहीं होते। हमें छह प्रकार के लोग मिले जिन्होंने इन व्यंजनों से परहेज किया।
भोजन के 6 प्रकार
प्रकार 1: पर्यावरण के प्रति जागरूक, पौधा-आधारित मांस खाने वाले
पर्यावरण के प्रति जागरूक पौधा-आधारित मांस खाने वाले को मांस के विकल्पों के साथ कोई समस्या नहीं है। वास्तव में, उन्हें घर पर पौधों पर आधारित मांस उत्पादों के साथ प्रयोग करने में आनंद आता है। उनके पास अपने पसंदीदा ब्रांड हैं लेकिन वे कुछ उत्पादों को नापसंद भी करते हैं।
किसी ऐसे उत्पाद को खाने से बचने के लिए जो उन्हें पसंद नहीं है, वे बाहर भोजन करते समय पारंपरिक सब्जी व्यंजन ऑर्डर करना पसंद करते हैं। वे अपने स्वास्थ्य से अधिक ग्रह की रक्षा के बारे में चिंतित हैं।
टाइप 2: स्वास्थ्य के प्रति जागरूक, पौधा-आधारित मांस समर्थक टाइप 2, टाइप 1 के समान है, सिवाय इसके कि टाइप 2 खाने वाले फिट और स्वस्थ रहने की परवाह करते हैं। जैसा कि एक अध्ययन प्रतिभागी ने हमें बताया, वे ‘‘सिर्फ उन सब्जियों को खाना पसंद करते हैं जिनका उपयोग वे नकली मांस बनाने के लिए करते हैं’’, क्योंकि उन्हें लगता है कि मांस के विकल्पों में बहुत अधिक सोडियम, सोया, वसा, चीनी और आनुवंशिक रूप से संशोधित तत्व होते हैं।
प्रकार 3: जिज्ञासु पौधा-आधारित मांस से परहेज़ करने वाले
जिज्ञासु पौधा-आधारित मांस से परहेज़ करने वाले आम तौर पर एक मांस व्यंजन और कभी-कभी एक सब्जी विकल्प का ऑर्डर देते हैं। जब पौधे-आधारित मांस की बात आती है तो वे इससे बचते हैं।
हालाँकि वे इसे आज़माने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन वे इससे परिचित नहीं हैं और निराशा का जोखिम नहीं उठाना चाहते। जैसा कि एक टाइप 3 भोजनकर्ता ने हमें बताया: यदि मुझे एक नमूना पेश किया जाता, तो मैं इसे आज़माने के लिए अधिक इच्छुक होता, लेकिन इसके निराशाजनक होने का जोखिम इसे आजमाने को उचित नहीं ठहराता।
प्रकार 4: संशयवादी पौधा-आधारित मांस से परहेज़ करने वाले
जिज्ञासु पौधा-आधारित मांस परहेज़ करने वालों की तरह, प्रकार 4 भोजनकर्ता सब्जी के व्यंजनों की तुलना में मांस का ऑर्डर अधिक करते हैं। उनका मानना है कि मांस के विकल्प अस्वास्थ्यकर हैं क्योंकि ‘‘पौधा-आधारित मांस पैकेजों के पीछे पढ़ने से आम तौर पर रसायनों की अधिकता का पता चलेगा’’। वे पौधा-आधारित मांस बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक पर भरोसा नहीं करते हैं।
वे पौधों के साथ मांस की नकल करने और इन उत्पादों को जानवरों के मांस जैसे बर्गर या स्टेक के समान नाम देने के विचार का भी समर्थन नहीं करते हैं।
प्रकार 5: उदासीन मांस प्रेमी
उदासीन मांस प्रेमी को पौधे आधारित मांस से कोई परेशानी नहीं होती है। फिर भी वे पौधे-आधारित मांस व्यंजन का ऑर्डर देने पर विचार नहीं करेंगे। मांस खाना उनके रेस्तरां अनुभव का एक अभिन्न अंग है और वे ‘‘नहीं जानते होंगे कि आप हड्डी से निकलते हुए मांस की नकल कैसे करेंगे’’।
हालाँकि उनके परिवार के अधिकांश लोग और दोस्त भी मांस के व्यंजन ऑर्डर करते हैं, लेकिन उन्हें रेस्तरां द्वारा मांस के विकल्प पेश करने में कोई समस्या नहीं है, अगर उन पर स्पष्ट रूप से लेबल लगे हों और मांस के विकल्पों को सीमित न किया गया हो। उनका मानना है कि मांस खाना प्राकृतिक है, जिसका सारांश एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दिया गया है: जानवरों के मांस के लिए मनुष्यों में निहित पोषण संबंधी आवश्यकता होती है।
प्रकार 6: गंभीर मांस प्रेमी
गंभीर मांस प्रेमी को पौधे-आधारित मांस के बारे में सब कुछ नापसंद है। उन्हें यह समझ में नहीं आता कि कोई मांस के स्थान पर पौधे आधारित विकल्प क्यों अपनाएगा, न ही यह कि यह क्यों महत्वपूर्ण है।
कई बार मैंने यह कचरा खाया है और मुझे इसका बहुत पछतावा हुआ है।
यह क्यों मायने रखता है?
जैसा कि डेविड एटनबरो कहते हैं: “हमें अपना आहार बदलना होगा। ग्रह अरबों मांस खाने वालों का समर्थन नहीं कर सकता।” कभी-कभी मांस व्यंजन के बजाय पौधों पर आधारित भोजन का ऑर्डर देने से वैश्विक खाद्य प्रणाली के पर्यावरणीय प्रभाव में काफी कमी आ सकती है। पशु कृषि खाद्य-संबंधी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 56% हिस्सा है, लेकिन केवल 18% कैलोरी और 37% प्रोटीन पैदा करता है।
चिकन, पोर्क और बीफ़ के पौधे-आधारित विकल्प औसतन 43%, 63% और 93% कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करते हैं।
इसका मतलब है कि चार लोगों का एक परिवार बीफ़ पैटीज़ के बजाय प्लांट-आधारित मीट बर्गर का ऑर्डर देकर ब्रिस्बेन से गोल्ड कोस्ट तक ड्राइविंग के बराबर कार्बन उत्सर्जन बचाता है।
5 तरीके जिनसे रेस्तरां पौधे-आधारित मांस व्यंजनों को बढ़ावा दे सकते हैं। रेस्तरां भोजन करने वालों (विशेष रूप से जिज्ञासु और संशयवादी पौधे-आधारित मांस से परहेज करने वालों) को मांस के विकल्पों से परिचित कराने की एकदम सही जगह हैं।
पौधा-आधारित मांस व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए रेस्तरां यहां पांच सरल चीजें कर सकते हैं:
निराशा के डर को कम करने के लिए नि: शुल्क नमूने सौंपें, मांस ऑर्डर करने की आदतों को तोड़ने के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से पौधे-आधारित मांस परोसें, जैसा कि ब्रिस्बेन पब ने किया है। (द कन्वरसेशन)
मुंबई, 24 अप्रैल। महाराष्ट्र पुलिस की साइबर प्रकोष्ठ इकाई ने बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह का कथित तौर पर 'डीपफेक' वीडियो अपलोड करने के मामले में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के एक उपयोगकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इस वीडियो में अभिनेता कांग्रेस के लिए मतदान करने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि अभिनेता के पिता जुगजीत सिंह भवनानी की शिकायत के बाद एक ‘एक्स’ उपयोगकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
‘डीपफेक’ से आशय ऐसी छवियों और वीडियो से है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)अथवा अन्य तकनीकों से तैयार की जाती हैं और जिसमें आमतौर पर पीड़ित की सहमति नहीं होती।
शिकायत के अनुसार रणवीर सिंह जब एक फैशन शो के प्रचार के लिए वाराणसी में थे तब उन्होंने मीडिया को दिये गये एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की थी।
प्राथमिकी के अनुसार अभिनेता ने कहा कि ‘‘ हमारी समृद्ध संस्कृति, विरासत, इतिहास और परंपरा का जश्न मनाना मोदी जी का उद्देश्य और लक्ष्य है क्योंकि हम बहुत तेजी से आधुनिकता की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें अपनी जड़ों, अपनी सांस्कृतिक विरासत को कभी नहीं भूलना चाहिए।’’
प्राथमिकी में बताया कि लेकिन एक ‘एक्स’ उपयोगकर्ता ने रणवीर सिंह के इस सक्षात्कार का एक ‘डीपफेक’ वीडियो बनाया जिसमें अभिनेता यह कहते दिख रहे हैं कि ‘‘ मोदी जी का उद्देश्य और लक्ष्य हमारे दर्दनाक जीवन, भय और बेरोजगारी का जश्न मनाना है क्योंकि हम अन्याय की ओर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमें अपने विकास और न्याय की मांग करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए इसलिए न्याय के लिए मतदान करें, कांग्रेस को मतदान करें।’’
उनके पिता ने शिकायत में कहा कि रणवीर सिंह ने कभी ऐसा नहीं कहा और उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया मंच उपयोगकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 417 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि मामले में जांच जारी है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को पंचायती राज दिवस के अवसर पर देश की जनता को शुभकामनाएं दीं और कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार इन्हें मजबूत बनाने के लिए काम करना जारी रखेगी।
पंचायती राज मंत्रालय 24 अप्रैल को 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' के रूप में मनाता है। वर्ष 1993 में आज के ही दिन संविधान (73वां संशोधन) का अधिनियम 1992 लागू हुआ था, जिसके अंतर्गत स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया गया था।
मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘पंचायती राज दिवस पर ग्रामीण भारत को बदलने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले सभी लोगों को बधाई। हमारी सरकार पंचायती राज संस्थानों को मजबूत करने और लोगों के सपनों को पंख देने के लिए काम करना जारी रखेगी।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज बुधवार दोपहर तिहाड़ जेल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के मामले में 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था हालांकि केजरीवाल ने पद नहीं छोड़ा है। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि केजरीवाल जेल से सरकार चलाना जारी रखेंगे।
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी 'आप' के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने 15 अप्रैल को तिहाड़ जेल में केजरीवाल से मुलाकात की थी।
पाठक ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया था कि केजरीवाल हर सप्ताह दो मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और संबंधित विभागों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के बाद अपने मंत्रियों को पानी की आपूर्ति और सरकारी अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता जैसे मुद्दों के समाधान के लिए संदेश भेजा था।
उन्होंने पार्टी विधायकों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने और वहां के लोगों की मदद करने को भी कहा था। (भाषा)
मुंबई, 24 अप्रैल। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने महाराष्ट्र के ठाणे, रायगढ़ जिले और मुंबई के कई हिस्सों में 27 से 29 अप्रैल तक लू का अलर्ट जारी किया है।
आईएमडी की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बुधवार को बताया कि ठाणे, रायगढ़ और मुंबई के कई हिस्सों में एक गैर-चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है जिसके कारण तापमान में वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि 27 और 28 अप्रैल को तापमान काफी अधिक रहने का अनुमान है।
मुंबई और पड़ोसी क्षेत्र के लिए इस माह जारी किया गया यह लू का दूसरा अलर्ट है।
मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में 15 और 16 अप्रैल को भीषण गर्मी थी और नवी मुंबई के कई हिस्सों में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
आईएमडी ने लोगों से लंबे समय तक धूप में रहने से बचने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और हल्के रंग के, ढीले तथा सूती कपड़े पहनने साथ ही धूप में निकलते वक्त सिर ढकने का परामर्श दिया है। (भाषा)
कोलकाता, 23 अप्रैल। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने "विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं व मतदाताओं को धमकी देकर" आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक हमीदुल रहमान को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदू अधिकारी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने इस महीने की शुरुआत में चोपरा से विधायक रहमान द्वारा उत्तर दिनाजपुर में निर्वाचन क्षेत्र में दिए गए भाषण की जांच की और उनसे 25 अप्रैल को शाम पांच बजे तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा।
अधिकारी ने कहा, “शुभेंदू अधिकारी ने 11 अप्रैल को ‘एक्स’ पर वीडियो पोस्ट कर हमें एक शिकायत दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि एक जनसभा में भाषण देते समय रहमान मतदाताओं और विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं को धमका रहे थे।”
उन्होंने कहा कि रहमान को यह कहते हुए सुना गया, “केंद्र सरकार की सेनाएं 26 (अप्रैल) तक यहां रहेंगी। उसके बाद आपको हमारी सेनाओं के साथ रहना होगा। अपने कीमती वोट बर्बाद न करें। केंद्रीय बल 26 (अप्रैल) को यहां से चले जाएंगे और तब केवल हमारे 'केंद्रीय बल' यहां रहेंगे, फिर शिकायत मत करना कि मुझे क्या और क्यों हुआ।”
अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सीईओ ने भाषण की प्रतिलेख को प्रमाणित किया है।
अधिकारी ने कहा, “जांच के बाद यह पाया गया कि एमसीसी और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 व भारतीय दंड संहिता की धाराओं का उल्लंघन हुआ है।” (भाषा)
शिलांग, 23 अप्रैल। शिलांग में 26 वर्षीय यूट्यूबर के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अपराध का एक कथित वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल हो गया, जिसके बाद पीड़िता ने 20 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता ने एक स्थानीय समाचार चैनल को बताया, ‘‘मुझे मेरे दोस्त ने नशीला पदार्थ दिया था। मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।’’
पुलिस ने बताया कि 18 से 20 साल की उम्र के तीनों आरोपियों को पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले से गिरफ्तार किया गया।
पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक ऋतुराज रवि ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अन्य आरोपी व्यक्तियों की तलाश जारी है। (भाषा)
जम्मू, 23 अप्रैल। पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का "अबू हमजा" छद्म नाम वाला एक विदेशी आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सरकारी कर्मचारी की हत्या में शामिल था। पुलिस ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की।
थानामंडी क्षेत्र के कुंडा टॉप गांव में सोमवार को मोहम्मद रज्जाक (40) की हत्या कर दी गई थी। रज्जाक सरकार के समाज कल्याण विभाग में काम करते थे जबकि उनके भाई मोहम्मद ताहिर चौधरी प्रादेशिक सेना में एक सैनिक हैं।
रज्जाक को मंगलवार को गांव में दफना दिया गया।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया, "लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े दो आतंकवादी गांव में प्रादेशिक सेना के एक अधिकारी के परिसर में घुस गए।"
उन्होंने बताया कि हालांकि चौधरी हमले में बाल-बाल बच गए।
अधिकारी ने बताया कि थानामंडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा, "आतंकवादी कृत्य में शामिल प्रत्येक व्यक्ति का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। विश्वसनीय साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। हमलावरों में से एक की पहचान अबू हमजा छद्म नाम वाले "विदेशी आतंकवादी" के रूप में हुई है।”
इस बीच, ग्रामीणों ने जनाजे की नमाज के दौरान की स्थिति पर चर्चा करते हुए क्षेत्र के कोपरा में सैन्य चौकी बहाल करने की मांग की, जो 2010 तक वहां स्थापित थी, लेकिन बाद में हटा दी गई थी।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने हत्याकांड के बाद मंगलवार को राजौरी जिले में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए क्षेत्र में निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। (भाषा)
मुंबई, 23 अप्रैल। महाराष्ट्र की 11 लोकसभा सीटों पर सात मई को तीसरे चरण में होने वाले मतदान के लिये चुनावी मैदान में कुल 258 उम्मीदवार हैं।
तीसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख सोमवार (22 अप्रैल) थी।
प्रदेश में तीसरे चरण के चुनाव में सभी की निगाहें बारामती लोकसभा सीट पर होंगी, जहां शक्तिशाली शरद पवार परिवार के दो सदस्य एक-दूसरे के सामने हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के पुणे जिले की बारामती सीट पर सबसे अधिक 38 उम्मीदवार हैं, इसके बाद माधा में 32, उस्मानाबाद में 31, लातूर में 28 , हटकनंगले में 27, कोल्हापुर में 23, सोलापुर में 21, सांगली में 20, सतारा में 16, रायगढ़ में 13 और रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग में नौ उम्मीदवार मैदान में हैं। (भाषा)
पतंजलि आयुर्वेद की सार्वजनिक माफ़ीनामे के साइज़ पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल करने के अगले ही दिन कंपनी ने बुधवार को प्रमुख अख़बारों में फिर से माफ़ी छपवाई है. इस बार अख़बार के लगभग एक चौथाई पन्ने पर माफ़ीनामा छपवाया गया है.
ये माफ़ीनामा योग गुरु रामदेव और पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण की ओर से जारी किया गया है.
इसमें लिखा गया है, "भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायालाय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए हम व्यक्तिगत रूप से, साथ ही कंपनी की ओर से बिना शर्त क्षमायाची हैं. हम 22 नवंबर 2023 को प्रेस कॉन्फ़्रेंस आयोजित करने के लिए भी क्षमाप्रार्थी हैं."
"हम अपने विज्ञापनों के प्रकाशन में हुई गलती के लिए भी ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं और पूरे मन से प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि ऐसी त्रुटियों की पुनरावृत्ति नहीं होगी. हम पूरी सावधानी और अत्यंत निष्ठा के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम न्यायालय की महिमा का सम्मान बनाए रखने और लागू कानूनों एवं माननीय न्यायालय/संबंधित अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं."
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से अख़बारों में छपे माफ़ीनामे की कटिंग कर के उसे बिना एनलार्ज किए सुप्रीम कोर्ट में जमा करने को कहा था.
कोर्ट ने कहा था, "हम माफ़ीनामे का असली साइज़ देखना चाहते हैं. ये हमारे निर्देश हैं. हम चाहते हैं कि जब हम ये देखें तो हमें इसके लिए माइक्रोस्कोप न इस्तेमाल करना पड़े."
सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी मुकुल रोहतगी की ओर से दी गई इस जानकारी के बाद आई, जिसके अनुसार पतंजलि आयुर्वेद ने 67 अख़बारों में सोमवार को माफ़ीनामे छपवाए थे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल किया था कि क्या ये माफ़ीनामे पतंजलि के उत्पादों के विज्ञापन जितने ही बड़े थे. (bbc.com/hindi)
बहराइच (उप्र), 23 अप्रैल। पुलिस चौकी में समझौते के नाम पर कथित तौर पर की गई पिटाई से अपमानित एक युवक द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने के एक मामले में संबंधित चौकी प्रभारी व आरक्षी सहित चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी और बताया कि युवक की 26 अप्रैल को शादी होने वाली थी।
मामला जिले के विशेश्वरगंज थानांतर्गत धनुही चौकी क्षेत्र के बालापुर गांव का है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांव के युवक अनूप कुमार (21) का विवाह एक गांव में तय हुआ था और 26 अप्रैल को बारात जानी थी। दोनों पक्षों के बीच दहेज की मोटरसाइकिल को लेकर कुछ विवाद हुआ और शादी टूटने लगी।
मसला सुलझाने के लिए चौकी इंचार्ज ने दोनों पक्ष को शनिवार सुबह चौकी पर बुलाया। अनूप शनिवार रात को चौकी से वापस अपने घर पहुंचा और उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
मृतक अनूप के पिता समय प्रसाद की ओर से सोमवार को की गई शिकायत पर चौकी इंचार्ज अयोध्या सिंह, एक सिपाही, लड़की के पिता व शादी तय कराने वाले एक रिश्तेदार के विरुद्ध थाने में धारा 506 (धमकी देना), 323 (मारपीट) व 306 (खुदकुशी के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
परिजनों का आरोप है कि चौकी प्रभारी अयोध्या सिंह व एक आरक्षी ने मृतक अनूप की चौकी में पिटाई कर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। शिकायत में कहा गया है कि लड़की के पिता कुंजीलाल व एक अन्य ने अनूप को समझौते के लिए धमकाया था।
परिजनों का कहना है कि युवक अपनी बेइज्जती बर्दाश्त ना कर सका और उसने फांसी के फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी।
अपर पुलिस अधीक्षक रामानंद प्रकाश कुशवाहा ने बताया कि दहेज में मिलने वाली बाइक के ‘मॉडल’ को लेकर हुए विवाद को सुलझाने के लिए चौकी प्रभारी ने दोनों पक्ष को बुलाकर समझौता कराया था।
कुशवाहा ने कहा कि चौकी में सभी राजी हो गए थे, लेकिन लड़का संभवतः किसी और वजह से शादी के लिए तैयार नहीं था जिस कारण उसने घर पहुंच कर खुदकुशी कर ली।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शव पर चोट के निशान नहीं होने की बात है। फिलहाल मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। (भाषा)
पटना, 23 अप्रैल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को लोगों को एक खुला पत्र लिखा और पिछले शासन में राज्य की स्थिति को याद करते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को वोट देने तथा अपने पड़ोसियों को ऐसा करने के लिए तैयार करने का आग्रह किया।
छब्बीस अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार समाप्त होने में केवल एक दिन शेष रहने के बीच जदयू प्रमुख ने पत्र में कहा कि बिहार की सेवा करना उनका धर्म है और पूरा राज्य उनके परिवार की तरह है।
जद (यू) राज्य की उन सभी पांच सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है जिन पर शुक्रवार को दूसरे चरण में मतदान होगा।
राज्य के सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे कुमार ने अपने धुर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद और राजद का नाम लिए बिना पत्र में प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, "आपको पिछले शासन के तहत बिहार की दुर्दशा याद होगी।"
जनवरी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन समाप्त कर पुन: राजग में लौटे कुमार ने कहा, ‘‘घोटाले, हत्या, डकैती और अन्य प्रकार के अपराध बिहार को परिभाषित करने लगे थे। व्यापारी और उद्योगपति दूसरे राज्यों में चले गए। यहां तक कि फिरौती के लिए डॉक्टरों का भी अपहरण किया गया।’’
उन्होंने, "बिहार के उत्थान के लिए 2005 से लेकर अब तक मेरे द्वारा किए गए काम के बारे में आप सभी जानते हैं। आज, हमारे राज्य ने बिजली, सड़क, शिक्षा और कानून-व्यवस्था में सर्वांगीण प्रगति के साथ अपना खोया हुआ गौरव वापस पा लिया है।"
कुमार ने कहा, ‘‘बिहार की सेवा करना मेरा धर्म है. पूरा राज्य मेरे लिए परिवार जैसा है।’’
उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव के इस दावे का स्पष्ट रूप से खंडन किया कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियां कराईं।
कुमार ने रेखांकित किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में, ‘‘मैंने 10 लाख सरकारी नौकरियों और इतनी ही संख्या में रोजगार का वादा किया था।’’
उन्होंने कहा, "मैं आपसे वादा करता हूं कि मेरी सरकार सरकारी नौकरियों सहित रोजगार सृजन जारी रखेगी।"
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अंत में मैं यही अपील करूंगा कि आपके निर्वाचन क्षेत्र में मतदान हो रहा है। कृपया राजग को बिहार की सभी 40 सीट जीतने का लक्ष्य हासिल करने में मदद करें।’’ (भाषा)
अलीगढ़/मेरठ (उप्र), 23 अप्रैल। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) नहीं चाहती कि अनुसूचित जाति (एससी)- अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिले।
मायावती ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी केंद्र की सत्ता में आयी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने मेरठ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ बनाने का वादा किया।
बसपा प्रमुख ने मंगलवार को मेरठ के लोहिया नगर क्षेत्र के अलीपुर मैदान में पार्टी उम्मीदवार देवव्रत कुमार त्यागी और अलीगढ़ के महेश्वर इंटर कॉलेज में बसपा उम्मीदवार हितेन्द्र कुमार के समर्थन में अलग-अलग चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।
उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व कांग्रेस पर निशाना साधा और आरक्षण के मुद्दे को लेकर सपा को कठघरे में खड़ा किया।
मायावती ने कहा, ‘‘सरकारी नौकरियों में दलितों, आदिवासियों के लिए आरक्षित पद सालों से भरे नहीं गए हैं।’’
मायावती ने कहा, ''उत्तर प्रदेश में जब सपा की सरकार थी तब एससी-एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण बिल्कुल खत्म कर दिया गया था।''
बसपा प्रमुख ने आम मतदाताओं को सपा से सचेत करते हुए कहा '' क्या एससी-एसटी के कर्मचारी वर्ग ऐसी पार्टी (सपा) को वोट देकर अपना वोट खराब करेंगे, जो आपके आरक्षण को खत्म करने के लिए पूरे जी जान से लगी हुई है।''
उन्होंने आरोप लगाया, ''सपा नहीं चाहती है कि एससी-एसटी वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिले।''
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल पूछा, ''जब पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए राज्यसभा में बसपा संशोधन विधेयक लेकर आई तो सपा सांसदों ने संसद में इस विधेयक को फाड़ दिया था। आप खुद ही बताइए कि ऐसी समाजवादी पार्टी दलितों शोषितों का क्या भला कर सकती है?''
बसपा प्रमुख ने केंद्र में सत्ता में आने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ की तरह मेरठ में भी एक खंडपीठ बनाने का वादा करते हुए कहा कि ''केंद्र की सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, हमारी पार्टी केंद्र की सत्ता में आयी तो इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी।''
मायावती ने पश्चिमी क्षेत्र को मिलाकर अलग से राज्य बनाने का भी वादा किया।
उन्होंने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा था लेकिन केंद्र सरकार ने उसे अमल में नहीं लाया।
मायावती सरकार ने 2011 में उत्तर प्रदेश को विभाजित कर पूर्वांचल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने का प्रस्ताव पारित किया था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र में हमारी पार्टी सत्ता में आयी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा।
मायावती ने मेरठ लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार को चुनाव जिताने की अपील की।
मेरठ और अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण के अंतर्गत 26 अप्रैल को मतदान होना है।
मेरठ लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण गोविल, समाजवादी पार्टी की सुनीता वर्मा और बसपा के देवव्रत कुमार त्यागी मुकाबले में हैं।
उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर मुसलमानों के उत्पीड़न और जुल्म ज्यादती का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बसपा सत्ता में आयी तो मुसलमानों का उत्पीड़न रोका जाएगा।
मौसम खराब होने की वजह से अलीगढ़ में कई घंटे देर से पहुंची बसपा प्रमुख ने कहा कि अलीगढ़ लोकसभा सीट से मतदाताओं ने कई बार भाजपा के ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को कामयाब बनाया, लेकिन जनता उनकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं रही।
उन्होंने कहा कि जनता को विकल्प नहीं मिलता तो मजबूरी में उन्हें ( अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश शर्मा) जिता देते थे, लेकिन हमने यहां से ब्राह्मण समाज का उम्मीदवार देकर उसका विकल्प दिया है, जो जनता के सुख दुख में रहता है।
अलीगढ़ के बसपा उम्मीदवार हितेन्द्र कुमार उपाध्याय के बारे में उन्होंने कहा कि हितेन्द्र को टिकट देने के लिए सिर्फ ब्राह्मण ही नहीं, सर्व समाज और मुस्लिम समाज के लोग भी लखनऊ आकर मुझसे सिफारिश किये।
अलीगढ़ की सभा में ही उन्होंने हाथरस (आरक्षित) सीट के उम्मीदवार धनगर समाज के हेम बाबू को भी जिताने की अपील की। साथ ही मायावती ने मथुरा से जाट उम्मीदवार दिये जाने की वजह बताते हुए कहा कि मथुरा की जनता चाहती थी कि बाहरी नहीं बल्कि पढ़ा लिखा स्थानीय व्यक्ति उनका उम्मीदवार हो तो हमने मथुरा से सुरेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है। (भाषा)
रायपुर, 24 अप्रैल। मंगलवार को सक्ती,धमतरी में सभा और राजभवन में रात्रि विश्राम के बाद पीएम मोदी 9 बजे अंबिकापुर रवाना हो गए । उन्होंने रास्ते में उन्हें देखने खड़े लोगों को हाथ हिलाकर विदाई ली।
10.35 बजे अंबिकापुर हेलीपैड पर उनका विमान उतरेगा। 10:40 बजे अंबिकापुर हेलीपैड से सड़क मार्ग से पीजी कालेज मैदान पहुंचेंगे। 10:45 से 11:25 तक आमसभा को संबोधित करेंगे। यहां से वे रायगढ़ एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे। जहां से वे मप्र जाएंगे
रायपुर, 24 अप्रैल। वाट्सएप पर किसी दूसरी कंपनी का फर्जी आई.डी. व डीपी बना कर धोखाधड़ी करने वाले युवक को पुलिस ने बोकारो से गिरफ्तार किया है।
हिमांशु श्रीवास्तव 39 वर्ष निवासी पार्थिव प्रोविंस काॅलोनी सरोना, एसीबी इंडिया प्रा. लिमि. कम्पनी का कार्मिक है। उसने सिविल लाइंस साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था। इसके मुताबिक मोबाईल नम्बर 99555-18973 का धारक, एसीबी इंडिया कम्पनी के डाॅयरेक्टर रूद्र सेन सिंधु का डीपी व फर्जी आई.डी. बना कर कम्पनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर धोखाधड़ी कर रहा। इस रिपोर्ट पर विवेचना दौरान सायबर सेल से तथ्यात्मक जानकारी ले आरोपी का पहचान होने पर पुलिस टीम को झारखण्ड भेजा गया। जहां आरोपी अनंत कुमार सिंह पिता रविन्द्र कुमार सिंह 33 वर्ष निवासी प्रजापति पेट्रोल पम्प के पास, आल हेवेल्स अपार्टमेन्ट चिराचास, बोकारो, झारखण्ड को पकड़ा।उससे इस्तेमाल किए गए रियल-मी कम्पनी का फोन एवं सिम नम्बर 99555-18973 जप्त किया। उसे धारा 419, 420 भादवि 66(सी) 66(डी) आई.टी. एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूरत में बीजेपी के उम्मीदवार की निर्विरोध जीत को जनता का अपमान बताया है.
सूरत में कांग्रेस के उम्मीदवार का पर्चा निरस्त हो जाने और अन्य उम्मीदवारों के अपना नाम वापस लेने के बाद बीजेपी उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया गया है.
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा है, “सूरत में जनता का अपमान हुआ है. वहां वोट ही नहीं डालने दिया गया. हम तो पहले से कह रहे हैं, भाजपा वोट डालने का अधिकार ही छीन लेगी. देखिए वही हुआ है. ये भी संविधान की हत्या है क्योंकि इस तरह धांधली से जीते हुए लोग, जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं.”
अखिलेश ने लिखा, “भाजपा चुनाव आयोग को ठेंगा दिखा रही है. चुनाव आयोग को कम से कम अपनी मानहानि के लिए तो कार्रवाई करनी चाहिए.”
अखिलेश यादव ने चंडीगढ़ के मेयर पद के चुनाव का भी ज़िक्र किया जहां बीजेपी उम्मीदवार की जीत को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था.
अखिलेश ने कहा, “चंडीगढ़ मेयर चुनाव की तरह हमारी एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से अपील है कि ‘सूरत’ की घटना का स्वत: संज्ञान ले और चुनाव रद्द करके सब षड्यंत्रकारियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए. सूरत में नये सिरे से चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाए.” (bbc.com/hindi)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के महिलाओं के मंगलसूत्र से जुड़े बयान पर तीखा जवाब दिया है.
रविवार को, राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस महिलाओं के गहने और मंगलसूत्र लेकर पैसा ऐसे लोगों में बांट देगी जिनके अधिक बच्चे हैं, जो घुसपैठिए हैं.
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का उदाहरण देते हुए कहा था कि कांग्रेस के लिए देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का है.
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा है कि ऐसे बयानों से वे देश में नफ़रत के बीज बो रहे हैं.
वहीं, कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए अब प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर तीख़ा जवाब दिया है.
प्रियंका गांधी ने कहा, “कैसी-कैसी बहकी-बहकी बातें की जा रही हैं. पिछले दो दिनों से कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी आपका मंगलसूत्र, आपका सोना छीनना चाहती हैं. 70 सालों से ये देश स्वतंत्र हैं, 55 साल कांग्रेस की सरकार रही है, क्या किसी ने आपका सोना छीना, आपके मंगलसूत्र छीने. इंदिरा गांधी ने जब जंग हुई, अपना सोना इस देश को दिया. मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश के लिए क़ुर्बान हुआ है.”
प्रियंका गांधी ने कहा, “मंगलसूत्र का महत्व समझते तो वो ऐसी अनैतिक बातें ना करते. किसान पर क़र्ज़ चढ़ता है तो उसकी पत्नी अपनी मंगलसूत्र को गिरवी रखती है. बच्चों की शादी होती है या दवाई की ज़रूरत होती है तो महिलाएं अपने गहने गिरवी रखती हैं.”
प्रियंका गांधी ने कहा, “ये बात ये लोग नहीं समझते और इसका प्रमाण ये है कि जब नोटबंदी हुई और जब महिलाएं की बचत इन्होंने ली और कहा कि बैंकों में पहुंचाओ, तब मोदी जी कहां थे. वो आपसे आपकी बचत का पैसा ले रहे थे.”
प्रियंका ने कहा, “जब देश में उन्होंने लॉकडाउन किया और सारे मज़दूर देश भर से, बेंगलुरु से, यूपी-बिहार और अलग-अलग स्थानों के लिए पैदल निकले, जब कोई सहारा नहीं मिल रहा था, तब महिलाओं ने अपने गहने गिरवी रखें, तब मोदी जी कहां थे? किसान आंदोलन हुआ, 600 किसान शहीद हुए, उनकी विधवाओं के मंगलसूत्र के बारे में सोचा मोदी जी ने.”
मणिपुर में जातीय हिंसा के दौरान महिलाओं को नग्न करके घुमाने और इस घटना पर प्रधानमंत्री के कोई प्रतिक्रिया ना देने पर सवाल करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “मणिपुर में एक जवान की बीवी का वस्त्रहरण करके पूरे देश के सामने घुमाया, मोदी जी चुप थे, उसके मंगलसूत्र के बारे में नहीं सोचा उन्होंने.”
प्रियंका ने कहा कि मोदी महिलाओं को डराकर उनका वोट हासिल करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, “पलक नहीं झपकाई उन्होंने, आज वो चुनाव के लिए, वोटों के लिए, ऐसी बातें कर रहे हैं, डरा रहें हैं महिलाओं को ताकि वो डरकर वोट करें, शर्म आनी चाहिए उन्हें.” (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि वह इसराइली हमलों के बाद ग़ज़ा के नासेर और अल-शिफ़ा अस्पतालों में हुई तबाही और यहां सामूहिक क़ब्रें पाए जाने की ख़बरों से 'भयभीत' हैं.
वोल्कर तुर्क ने इन मौतों की स्वतंत्र जाँच कराए जाने की मांग की है.
फ़लस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने नासेर अस्पताल में मिली सामूहिक क़ब्रों से क़रीब 300 लोगों के शव बाहर निकाले हैं. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि इतने लोगों की मौत कब हुई या फिर इन्हें कब दफ़नाया गया.
इसराइल की सेना ने कहा है कि ये दावा कि इन शवों को उन्होंने दफ़नाया है, पूरी तरह 'बेबुनियाद' हैं.
लेकिन उसने ये ज़रूर कहा है कि फ़रवरी में ख़ान यूनिस शहर के अस्पताल में अपने दो सप्ताह के अभियान के दौरान, इसराइली सैनिकों ने फ़लस्तीनियों के दफ़नाए शवों की 'उन जगहों पर जाँच की', जहां बंधकों को रखने से जुड़े ख़ुफ़िया इनपुट मिले थे.
अब रिहा हो चुके 10 बंधकों ने कहा कि उन्हें क़ैद के दौरान लंबे समय तक नासेर अस्पताल में रखा गया.
नासेर अस्पताल में इसराइली कार्रवाई से पहले वहां के कर्मचारियों ने कहा था कि वे अस्पताल के परिसर में ही शव दफ़नाने को मजबूर थे क्योंकि बाहर जारी जंग की वजह से क़ब्रिस्तान तक पहुंचना मुमकिन नहीं था.
नवंबर में अल-शिफ़ा अस्पताल पर हुई पहली इसराइली कार्रवाई से पहले वहां भी ऐसी ही ख़बरें आई थीं. (bbc.com/hindi)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साल 2008 में हुए मुंबई हमलों को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार को घेरा है.
जयशंकर ने कहा कि 'यूपीए सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई इस तर्क के आधार पर नहीं की क्योंकि पाकिस्तान पर हमला करना, कुछ न करने से ज़्यादा महंगा पड़ता.'
विदेश मंत्री ने 'फॉरेन पॉलिसी द इंडिया वे: फ्रॉम डिफिडेंस टू कॉन्फ़िडेंस' विषय पर आयोजित एक चर्चा के दौरान ये बातें कही.
इस दौरान उन्होंने यूपीए सरकार का ज़िक्र करते हुए कहा कि 'रक्षात्मक दौर में आतंकवाद स्वीकार कर लिया गया था.'
जयशंकर ने कहा, "मुंबई (हमले) के बाद, पिछली यूपीए सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लिखा कि 'हम बैठे, हमने बहस की. हमने सभी विकल्पों पर विचार किया. फिर हमने कुछ नहीं करने का फ़ैसला किया.' ये महसूस किया गया कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत, उस पर हमला न करने से कहीं अधिक है."
जयशंकर ने कहा कि 'अब फ़ैसला करने का अधिकार मैं आप पर छोड़ता हूं.'
उन्होंने कहा कि भारत के सामने सीमाओं पर कुछ चुनौतियां हैं और उनसे बचाव का तरीका केवल सार्वजनिक तौर पर अपनी छवि बनाना नहीं बल्कि बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, सेना की मदद करना और एक ऐसा सिस्टम बनाना है जो सीमा पर ख़तरे की स्थिति में जवाब दे सके. (bbc.com/hindi)
हुबली, 23 अप्रैल। भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने मंगलवार को मांग की कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार छात्रा नेहा हिरेमथ की हत्या की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दे।
उन्होंने यहां नेहा हिरेमथ के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
नेहा हिरेमथ (23) की 18 अप्रैल को धारवाड़ के बीवीबी कॉलेज परिसर में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आरोपी फैयाज खोंडुनाइक मौके से भाग गया, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
नेहा ‘मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन’ (एमसीए) पाठ्यक्रम की प्रथम वर्ष की छात्रा थी और फैयाज पहले उसका सहपाठी रह चुका था।
विजयेंद्र ने कहा, ‘‘मैं पीड़ित परिवार से मिला। राज्य सरकार जिस तरह से इस मामले से निपट रही है उससे वे भी खुश नहीं हैं। सरकार ने मामला सीआईडी को सौंप दिया है, लेकिन केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। हम यहां राज्य सरकार पर दबाव नहीं डाल रहे हैं, लेकिन मामले में जो अन्य व्यक्ति शामिल हैं, उनमें से किसी को भी जांच के लिए नहीं बुलाया गया है।’’
यहां नेहा के माता-पिता से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि इस मामले के संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, गृह मंत्री जी. परमेश्वर और कुछ मंत्रियों द्वारा दिए गए बयान ‘‘बहुत परेशान करने वाले हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘इस तरह के गंभीर मामले में मुख्यमंत्री कैसे कह सकते हैं कि हत्या व्यक्तिगत कारणों से हुई है? गृह मंत्री कुछ और बयान देते हैं और जिला प्रभारी मंत्री अप्रत्यक्ष रूप से अल्पसंख्यकों का समर्थन करते हैं।’’
विजयेंद्र ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का सवाल कहां है? यह हुबली में दिनदहाड़े हत्या का मामला है। महिलाओं की सुरक्षा सवालों के घेरे में है।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को घोषणा की थी कि उनकी सरकार ने हुबली में हुई छात्रा की हत्या के मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का फैसला किया है। साथ ही मामले का जल्द निपटारा करने के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया जाएगा। (भाषा)