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रायपुर, 30 अप्रैल। मार्कफेड के पूर्व एमडी, विशेष सचिव मनोज सोनी को कोर्ट ने 4 मई तक ईडी को रिमांड पर दिया है।ईडी ने आज ही दोपहर सोनी को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश कर 10 दिन की रिमांड मांगा था। 175करोड के कस्टम मिलिंग घोटाले को लेकर आरोपियों की सूची में सोनी का नाम दर्ज है।
मनोज सोनी कस्टम मीलिंग घोटाले में बयान देने ईओडब्लू पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान ही ईडी की टीम अचानक पहुंची और मनोज सोनी को गाड़ी में बिठाकर लेकर चली गई। बता दें कि मनोज सोनी के खिलाफ ईओडब्लू में भी केस दर्ज है। सोनी के ठिकानों पर ईडी का दो बार छापा भी पड़ चुका है। इसी कस्टम मीलिंग घोटाले में ईओडब्लू ने भी मुकदमा दायर है। इसमें मनोज सोनी, रोशन चंद्राकर समेत कई अफसरों, कांग्रेस नेताओं और राईस मिलरों के नाम हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। प्रदेश में तीनों चरण के लिए 18 हजार से अधिक डाक मतपत्रों प्राप्त हुए हैं। यह जानकारी चुनाव आयोग ने दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। भाभी पर टोनहा जादू करने का आरोप लगाकर देवर ने सब्बल मार कर घायल किया।
तारण बाई बंजारे ने खरोरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई कि वो अपने पति और बच्चों के साथ रहती है। उसकी करीब 15 साल पहले शादी हुई थी। सोमवार की रात वह अपने आंगन पर बैठी थी। तभी उसका देवर कुंवर दास बंजारे आया।
उसने टोनही बोलते हुए अश्लील गाली-गलौज देना शुरू कर दिया।देवर ने कहा कि तेरे आने से मुझे अपना खेत बेचना पड़ा और मैं गरीब हो गया हूं।
इसके बाद कुंवर और उसकी मां कामीन बाई और ननन्द चंद्रवती बंजारे ने मिलकर तारणबाई के साथ मारपीट की। इस दौरान दो लोगों ने उसका हाथ पकड़ा और देवर ने सब्बल से मार दिया। जिससे वहलहूलुहान हो गई। इस मामले में खरोरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी करके उन्हें जमानतीय धारा में छोड़ दिया गया है।
वाराणसी, 30 अप्रैल । लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए बाबा विश्वनाथ के दरबार में भी जागरूकता फैलाई जा रही है। मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए श्री काशी विश्वनाथ धाम में पोस्टर लगाए गए हैं। साथ ही टोकन, टिकट और वेबसाइट के जरिए भी मतदान की अपील की जा रही है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सीईओ विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि चुनाव में मतदान करने के लिए काशी विश्वनाथ धाम में पोस्टर लगाए गए हैं। विभिन्न प्रकार के टोकन और टिकट पर भी मतदान की अपील की गई है। ऑफिशियल वेबसाइट से भी संदेश दिए जा रहे हैं।
देश-प्रदेश से आए श्रद्धालुओं को जहां न्यास की तरफ से वोट देने की अपील की जा रही है, वहीं काशीवासियों को भी वोट प्रतिशत बढ़ाने का संदेश दिया जा रहा है।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से 'मेरी काशी, मेरी शान-एक जून को करें मतदान' स्लोगन के जरिए स्थानीय लोगों से सातवें चरण में वोट देने की अपील की जा रही है।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। महादेव सट्टा एप मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों सुरेश चोखानी, गिरीश तलरेजा के खिलाफ ईडी ने आज पीएमएलए कोर्ट में चालान पेश किया। जो करीब 1500 से अधिक पन्नों से अधिक का है। इन दोनों को पिछले माह कोलकाता और भोपाल से
गिरफ्तार करने के बाद से पूछताछ और उस आधार जांच के हवाले से ईडी ने चालान में कुछ और नए नाम शामिल किए हैं। इनके खिलाफ आने वाले दिनों में कार्रवाई की जा सकती है ।
बाराबंकी, 30 अप्रैल । भारत में नीदरलैंड की राजदूत मैरी लुईसा जैराडर्स बाराबंकी के मसौली ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत कस्बा बड़ागाव पहुंची जहां उन्होंने हथकरघा उद्योग से जुड़े लोगों से मिलकर कपड़ा उत्पादन के बारे में बातचीत की।
नीदरलैंड से आए समन्वयक शरद कुमार एव पंचमदास ऑर्गेनिक खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान की अध्यक्ष ऋचा सक्सेना एवं रुद्राश कश्यप भी उनके साथ थे।
राजदूत मैरी लुईसा ने बड़ागाव निवासी मुतलिब अंसारी एवं मतीन अंसारी के घर पहुंच कर हाथ से चलाए जा रहे करघा को देखा और बुनाई एवं रंगाई की जानकारी ली।
सूती कपड़े की बुनाई कर रही मतीन अंसारी के घर की महिलाओं से संवाद करते हुए उन्होंने उत्पादन एवं लागत की जानकारी ली और ये पूछा कि इसके लिए सूत कहां से लाते हैं।
राजदूत ने मुतलिब अंसारी के घर तैयार कपड़ों को भी देखा और गांवों के बच्चो के साथ सेल्फी ली।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल । महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों की रिमांड खत्म आज खत्म होने पर इन्हें एसीबी ईओडब्लू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 4 अप्रैल तक रिमांड पर दिया है। आरोपी राहुल वकटे, रितेश यादव, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर समेत सुनील दम्मानी को कोर्ट में किया गया। राहुल रितेश पिछले साल अगस्त से फरार थे।इन लोगों ने बयान दिया था कि राज्य पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा को कथित घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।इसके बाद से दोनों आरोपी पिछले साल अगस्त से फरार थे। राहुल वक्ते कथित तौर पर हवाला (फंड ट्रांसफर के लिए अवैध चैनल) के माध्यम से मिलने वाले पैसों को वर्मा तक पहुंचाने में लगा हुआ था।
राहुल वक्ते के नाम पर तीन कंपनियां पंजीकृत थीं, जिनमें भारी मात्रा में नकदी जमा की गई थी।यादव कथित तौर पर ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप (महादेव) के पैनल का संचालन कर रहा था और हवाला के माध्यम से पैसे मिलने के बाद वर्मा और एक अन्य व्यक्ति सतीश चंद्राकर की मदद कर रहा था।इसके साथ ही 43 लाख रुपये की हवाला राशि जब्त कर ली गई है।चंद्राकर को ईडी ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. यादव महाराष्ट्र के पुणे में महादेव सट्टेबाजी ऐप पैनल का संचालन कर रहा था।
आरोपी राहुल वकटे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। EOW की टीम ने जेल में बंद पुलिस के निलंबित सिपाही भीम सिंह और कारोबारी अमित अग्रवाल को प्रोडेक्शन वारंट पर पुलिस रिमांड पर लेने का आवेदन लगाया है।
पहले गुजरात के सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार पार्टी को दगा देकर बैठ गया, और फिर मध्यप्रदेश के इंदौर में तो भाजपा के वहां के सबसे बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय ने खुद गाड़ी में ले जाकर कांग्रेस उम्मीदवार का नाम वापिस करवा दिया। इसके बाद इन दो सीटों पर तो कोई चुनाव बचा ही नहीं। इनके अलावा मध्यप्रदेश की खजुराहो सीट पर इंडिया गठबंधन की समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा खारिज हो गया था क्योंकि उस पर दस्तखत नहीं था। उसे भी सोचा-समझा काम माना जा रहा है। अभी हो सकता है कि देश में कुछ और जगहों पर भी ऐसा हो जाए। लोकतंत्र में कानून के तहत जिस तरह की साजिशों की गुंजाइश रहती है, यह उनमें से कुछ नमूने हैं। न तो ऐसा पहली बार हो रहा है, और न ही भाजपा पहली पार्टी है जो कि ऐसा करवा रही है। लेकिन हैरान यह बात करती है कि जो पार्टी चार सौ से अधिक सीटों का दावा कर रही है, उसे ऐसा करवाने की जरूरत क्या पड़ रही है? क्या भाजपा का आत्मविश्वास (या अतिआत्मविश्वास?) कुछ कमजोर पड़ रहा है कि वह मोदी सरकार और अपनी राज्य सरकारों की सफलता के दावे छोडक़र मंगलसूत्र को मुद्दा बना रही है?
लेकिन इससे परे यह भी याद रखने की जरूरत है कि जब जिस पार्टी की हवा चलती है, वह इसी तरह के काम करने में लग जाती है। छत्तीसगढ़ में 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी, तो एक गैरविधायक अजीत जोगी मुख्यमंत्री बने। उनके पास कांग्रेस विधायकों का पर्याप्त बहुमत था, लेकिन उन्होंने विधानसभा में आने के लिए एक भाजपा विधायक से इस्तीफा दिलवाकर वहां से उपचुनाव लड़ा जो कि भाजपा का राजनीतिक मखौल उड़ाने जैसा काम था। इसके बाद उन्होंने भाजपा के दर्जन भर विधायक खरीदे, क्योंकि विधानसभा के भीतर तो कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत था, लेकिन कांग्रेस विधायक दल के भीतर बहुत कम लोग जोगी के नामलेवा थे। इसलिए भाजपा से इतने विधायकों को तोडक़र जोगी ने कांग्रेस विधायक दल में अपनी निष्ठावान सदस्य बढ़ाए थे, और अपनी ताकत का अनुपात बेहतर किया था। इसके तुरंत बाद 2003 का चुनाव हुआ, तो कांग्रेस की बुरी शिकस्त हुई, जोगी सरकार को जनता ने खारिज किया, लेकिन जोगी को यह बर्दाश्त नहीं हुआ, और उन्होंने बस्तर के उस वक्त के भाजपा सांसद बलीराम कश्यप के साथ मिलकर भाजपा से परे एक सरकार बनाने की कोशिश की, इसके लिए नगद रकम भी खर्च की गई, और कांग्रेस विधायक दल की तरफ से जोगी ने राज्यपाल के नाम एक समर्थन पत्र भी दिया जिसमें सोनिया गांधी की सहमति-अनुमति होने का झूठा दावा किया गया था। वह पूरा मामला भांडाफोड़ होने से वह छत्तीसगढ़ की इतिहास का सबसे बड़ा, और देश के इतिहास का एक सबसे बड़ा विधायक खरीद-बिक्री कांड हुआ था।
लोगों को याद होगा इसके बाद प्रदेश में तीन बार राज करने वाली भाजपा की रमन सिंह सरकार के चलते हुए बस्तर के अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को बेचते हुए अजीत जोगी और उनका बेटा अमित जोगी टेलीफोन रिकॉर्डिंग में पकड़ाए, और खरीदते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह, और उनका दामाद कॉल रिकॉर्डिंग में फंसे। जोगी प्रदेश कांग्रेस में कोई और नेता बर्दाश्त नहीं कर पाते थे, और पार्टी को नीचा दिखाने के लिए, उन्होंने अपने प्रभाव वाले उम्मीदवार को सत्तारूढ़ भाजपा के हाथ बेच दिया था, और इस खरीद-बिक्री की टेलीफोन रिकॉर्डिंग्स बताती थी कि अजीत जोगी ने उस वक्त के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को नीचा दिखाने के लिए क्या-क्या नहीं किया था। इस अंतागढ़ टेपकांड के सारे सुबूत सामने आने के बाद अमित जोगी को पार्टी से निलंबित किया गया था, और इसके साथ ही जोगी का कांग्रेस से नाता भी खत्म हुआ था। आज जिस तरह गुजरात के सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार ने आखिरी पल में जाकर अपना नामांकन वापिस लिया है, और उसके साथ-साथ सत्तारूढ़ भाजपा की तमाम मशीनरी ने सूरत के बाकी सारे उम्मीदवारों को शाम-दाम-दंड-भेद से बिठा दिया था, और भाजपा उम्मीदवार की देश में सबसे पहली जीत घोषित हो पाई, ठीक वैसा ही काम छत्तीसगढ़ की अंतागढ़ सीट पर भी किया गया था। अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा प्रत्याशी को छोडक़र बाकी हर उम्मीदवार को बिठा दिया गया था, और सिर्फ एक उम्मीदवार सत्ता की पकड़ में नहीं आया था, इसलिए चुनाव की नौबत आई थी, वरना सूरत की तरह वहां भी बिना चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित कर दिया गया होता।
देश में वामपंथी दलों को छोडक़र अधिकतर पार्टियां ऐसी रही हैं जिन्हें किसी भी तरह की खरीद-बिक्री से परहेज नहीं रहा। नेता निजी स्तर पर बिकते हैं, और पार्टियां संगठन के स्तर पर खरीददारी करती हैं, भारतीय संसदीय व्यवस्था दुनिया की एक सबसे अश्लील और बेशर्म मंडी बनी हुई है। दिक्कत यह है कि चुनाव कानूनों के तहत इनमें से कोई भी बात जुर्म नहीं है, और लोग अपनी काया या आत्मा जो भी बेचें, उसमें कुछ गैरकानूनी नहीं रहता। इतना जरूर है कि इस देश में देह बेचने वाली महिलाओं को तो जेल भेजने का पूरा इंतजाम है, लेकिन आत्मा बेचने वाले उम्मीदवारों, निर्वाचित नेताओं, और बाकी राजनेताओं के सम्मान के लिए मालाएं हैं, कानून की अदालत में रियायत है, जांच एजेंसियों से छूट है। अभी इंदौर में जिस कांग्रेस उम्मीदवार ने आखिरी पल में अपना नाम वापिस लिया और भाजपा में शामिल हुआ, उसके बारे में बताया जा रहा है कि राज्य पुलिस ने उसके खिलाफ कोई पुराना मामला ढूंढकर उसमें कोई नई गंभीर दफा जोड़ी थी, और रातों-रात कांग्रेस से गद्दारी करने के पीछे शायद वह भी एक वजह थी।
आज देश भर में मोदी सरकार की जांच एजेंसियों के घेर में आए हुए लोगों के भाजपा में जाने के बहुत से मामले गिनाए जाते हैं। लेकिन यह याद रखने की जरूरत है कि इमरजेंसी के वक्त जगजीवन राम को कांग्रेस छोडक़र विपक्ष में जाने से रोकने के लिए किस तरह की कोशिशें की गई थीं, और फिर मानो उन्हें सजा देने के लिए उनके बेटे सुरेश राम की 21 बरस की छात्रा-मित्र के साथ नग्न तस्वीरों से मेनका गांधी की पत्रिका, सूर्या, का पूरा एक अंक ही भर दिया गया था। इस पूरे स्कैंडल से जगजीवन राम के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की हसरतें धरी रह गई थीं। इसलिए किसी को पार्टी छोडऩे से रोकने के लिए, या पार्टी छोडऩे की सजा देने के लिए तरह-तरह के अनैतिक कामों का इस देश में लंबा इतिहास रहा है। आज भाजपा लोगों को घेरकर जांच और मुकदमे की नोंक पर अपनी पार्टी में ला रही है, लेकिन यह नया सिलसिला नहीं है, इन दिनों बहुत अधिक बढ़ा हुआ जरूर है। ऐसा लगता है कि न तो भारत का चुनाव कानून, और न ही किसी दूसरे तरह के कानून ऐसी साजिशों को रोक पा रहे हैं, हमारा यह मानना है कि दलबदल करने वाले लोगों के खिलाफ कानून कड़ा करने की जरूरत है। लोग अगर थोक में भी दलबदल करें, तो भी इसे नए दल के रूप में मान्यता देने के बजाय सभी का बचा हुआ कार्यकाल खत्म करने के बारे में भी सोचना चाहिए कि क्या वह प्रावधान अधिक न्यायसंगत होगा? इसके अलावा नई पार्टी में किसी के जाने पर कुछ बरस तक उसके चुनाव लडऩे पर रोक रहनी चाहिए, ऐसा इसलिए भी होना चाहिए कि रातों-रात इम्पोर्ट करके अगली सुबह उम्मीदवार बनाने की बेइंसाफी खत्म हो सके। आज भाजपा ने दूसरी पार्टियों से इतने अधिक लोगों को लाकर उम्मीदवार बनाया है कि एक मजाक चल रहा है कि जो लोग बचपन से शाखा जाते थे, और जनसंघ के वक्त से पार्टी में लगातार बने हुए हैं, उन्हें भाजपा टिकटों में आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन मजाक से परे हकीकत यह है कि अपनी पार्टी को धोखा देकर दूसरी पार्टी से चुनाव लडऩे के सिलसिले को कुछ खत्म किया जाना चाहिए, इसे कैसे किया जा सकता है, उस पर चर्चा होनी चाहिए।
नई दिल्ली, 30 अप्रैल । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. आर.वी अशोकन के उस बयान को देखेगी, जिसमें पतंजिल मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण कहा गया है।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ को अवगत कराया कि उन्होंने सोमवार को एक मीडिया आउटलेट को दिए गए आईएमए अध्यक्ष अशोकन के "बहुत परेशान करने वाले साक्षात्कार" को देखा। पीठ में न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी शामिल थे
रोहतगी ने कहा, "वह (आईएमए अध्यक्ष) कहते हैं कि अदालत ने हम पर उंगली क्यों उठाई, अदालत की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। रोहतगी ने कहा कि यह अदालत की कार्यवाही में सीधा हस्तक्षेप है।"
पीठ ने कहा,“इसे रिकॉर्ड पर लाओ, हम इसेे देखेंगे।”
स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का भी प्रतिनिधित्व कर रहे रोहतगी ने कहा कि वह आईएमए अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना की मांग करते हुए एक आवेदन दायर करेंगे।
वरिष्ठ वकील ने पतंजलि द्वारा प्रकाशित सार्वजनिक माफी वाले समाचार पत्रों के पूरे पृष्ठ को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति मांगी।
मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या पतंजलि की मुद्रित माफी का आकार विज्ञापनों के समान था।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश एक हलफनामे में, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि उसके राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने दवा विज्ञापन कानून के बार-बार उल्लंघन के लिए रामदेव, बालकृष्ण, दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अनुमति दे दी है और उनके 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित कर दिया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अप्रैल । इस महीने छंटनी के बाद एलन मस्क अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला में और अधिक लोगों को नौकरी से निकाल रहे हैं। छंटनी से कंपनी के ग्लोबल कार्यबल का 10 प्रतिशत प्रभावित हुआ है।
एलन मस्क ने पिछले हफ्ते कहा था कि टेस्ला को पुनर्गठित करने का समय आ गया है। इलेक्ट्रिक कार कंपनी ने इस साल जनवरी-मार्च अवधि में 1.13 बिलियन डॉलर का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो एक साल पहले के 2.51 बिलियन डॉलर से 55 प्रतिशत कम है।
द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क अपनी वरिष्ठ प्रबंधन टीम को कम कर रहे हैं और सैकड़ों अन्य कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं।"
एलन मस्क द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे गए एक ईमेल के अनुसार, टेस्ला के सुपरचार्जर समूह के वरिष्ठ निदेशक रेबेका टिनुची और नए उत्पादों के प्रमुख डैनियल हो कंपनी छोड़ रहे हैं।
उन्होंने ने लिखा, "हमें कर्मचारियों की संख्या और लागत में कमी के बारे में बिल्कुल कट्टर होने की जरूरत है। एलन मस्क ने अभी तक रिपोर्ट पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।"
टेस्ला ने इस महीने अपने 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की थी।
उन्होंने विश्लेषकों से कहा था कि विश्व स्तर पर ईवी अपनाने की दर दबाव में है और कई अन्य ऑटो निर्माता 'ईवी को वापस खींच रहे हैं और इसके बजाय प्लग-इन हाइब्रिड को अपना रहे हैं'।
एलन मस्क ने कहा, "हमारा मानना है कि यह सही रणनीति नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहन अंततः बाजार पर हावी हो जाएंगे।"
(आईएएनएस)
भिंड, 30 अप्रैल । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेना में लागू की गई अग्निवीर योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर करारा हमला बोला है।
मध्य प्रदेश के भिंड संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के समर्थन में आयोजित जनसभा में राहुल गांधी ने कहा कि अग्निवीर योजना के जरिए मोदी सरकार ने देश की सेना का अपमान किया है। यहां से लोग सेना में सबसे ज्यादा जाते हैं। मोदी सरकार ने दो तरह के सैनिक बना दिए। एक को पेंशन मिलेगी, कैंटीन मिलेगी, अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी और दूसरा जवान जिसको न तो कैंटीन मिलेगी, न पेंशन मिलेगी और न ही अच्छी सैलरी मिलेगी। एक को अग्निवीर कहते हैं दूसरा सामान्य जवान होता है। एक को शहीद होने पर सुविधाएं दी जाएगी, दूसरे को शहीद का दर्जा भी नहीं मिलेगा।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्होंने सेना का अपमान किया है। सैनिक और आमजन अग्निवीर नहीं चाहते, अगर सिर्फ कोई चाहता है तो वह पीएम मोदी हैं। यह मामूली चुनाव नहीं है, दो विचारधाराओं की लड़ाई है। संविधान ने देश के गरीब, आदिवासी, दलित और सामान्य वर्ग के लोगों को अधिकार दिए हैं। जिसे बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन मैदान में है। वहीं, भाजपा ने मन बना लिया है कि अगर वह चुनाव जीतेंगे तो संविधान की किताब फाड़कर फेंक देंगे। देश में लोगों को जो भी मिला है, सब खत्म हो जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चाहती है कि यह किताब फेंक दी जाए। यह जो चुनाव है वह लोकतंत्र, आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई का चुनाव है। दुनिया में ऐसी कोई शक्ति नहीं है, जो संविधान बदल सके। लेकिन, भाजपा के लोग सपने देख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने अंबेडकर के साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और यह संविधान हिंदुस्तान की जनता की आवाज से बनाया। इसे हम ऐसे नहीं मिटने देंगे।
(आईएएनएस)
रोहित की कप्तानी में खेलेगी टीम इंडिया
भारतीय क्रिकेट चयनकर्ताओं ने टी20 विश्व कप के लिए टीम की घोषणा कर दी है. टीम में ऋषभ पंत वापसी कर रहे हैं लेकिन शुभमन गिल पहले 15 खिलाड़ियों में जगह नहीं मिल पाई है.
उन्हें तीन अन्य खिलाड़ियों के साथ रिजर्व में रखा गया है.
शिवम दुबे और विकेट कीपर बैट्समैन संजू सैमसन को भी जगह मिली है. स्पिनर युजवेंद्र चहल की भी टीम में वापसी हुई है.
टीम इंडिया- रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक (उपकप्तान), यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, संजू सैमसन, शिवम दुबे, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह.
इसके अलावा शुभमन गिल, रिंकू सिंह, के अहमद और खलील अहमद और आवेश ख़ान को रिजर्व में रखा गया है. (bbc.com/hindi)
गुवाहाटी, 30 अप्रैल । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा सदस्य प्रज्वल रेवन्ना की संलिप्तता वाले महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले की मंगलवार को निंदा की और जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिलाओं का किसी भी तरह से अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी।
रेवन्ना (33) हासन लोकसभा सीट से भाजपा-जनता दल सेक्युलर (जदएस) गठबंधन के प्रत्याशी हैं, जहां 26 अप्रैल को मतदान हुआ था।
जदएस ने रेवन्ना को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया है।
शाह ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''मीडिया में रेवन्ना से संबंधित मामले की जो खबरें सामने आ रही हैं वह दुखद हैं और उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।''
उन्होंने जोर देकर कहा, ''भाजपा का रुख स्पष्ट है। हम नारी शक्ति के किसी भी तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।''
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल का उम्मीदवार मामले में शामिल हैं लेकिन मैं सिर्फ एक छोटा सा सवाल पूछना चाहता हूं कि राज्य (कर्नाटक) में किसकी सरकार है।
शाह ने कहा, ''कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में है और इस मामले पर उन्हें ध्यान देना चाहिए। क्यों उन्होंने इतने दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की । हम कोई कदम नहीं उठा सकते क्योंकि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है।'' (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। रामावतार जग्गी हत्या कांड के प्रमुख आरोपी याह्या ढेबर जिला कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सजायाफ्ता याह्या और 28 अन्य को भी सरेंडर करने कहा था। याह्या महापौर एजाज ढेबर का बड़ा भाई है। इसके अलावा पूर्व पुलिस अफसर आरसी त्रिवेदी, वीके पाण्डेय, एएस गिल और सूर्यकांत तिवारी भी सरेंडर करने कोर्ट पहुंचे हैं।
सूत्रों के मुताबिक याह्या सोमवार रायपुर जिला कोर्ट की कार्यावधि समाप्ति से कुछ देर पहले सरेंडर करने गया था। लेकिन जज ने मंगलवार को आने कहा। उसी अनुसार याह्या ने आज 11 बजे कोर्ट पहुंचकर सरेंडर किया। इस दौरान उनके वकील भी थे। वर्ष-2003 में 4 जून को हुए इस हत्याकांड के दो प्रमुख आरोपी चिमन सिंह और एक अन्य ने सरेंडर किया था।
उल्लेखनीय है कि जग्गी हत्याकांड में चिमन सिंह, याह्या ढेबर समेत 28 लोगों को जिला अदालत ने सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा है। इसके बाद सभी को सरेंडर करने के आदेश दिए थे। ढेबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा पूर्व पुलिस अफसर आरसी त्रिवेदी, वीके पाण्डेय, एएस गिल और सूर्यकांत तिवारी भी सरेंडर करने कोर्ट पहुंचे। इस मामले में त्रिवेदी, और बाकियों को भी अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है। ये सभी सुप्रीम कोर्ट गए थे। कोर्ट ने उन्हें 29 अप्रैल तक सरेंडर की अवधि बढ़ा दी थी।
नई दिल्ली, 30 अप्रैल । पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर इलाके में स्थित चाचा नेहरू अस्पताल को मंगलवार को बम होने के संबंध में एक ईमेल मिला, जिसके बाद अस्पताल परिसर को खाली करा लिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, बम की सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों के साथ अस्पताल पहुंची।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "एहतियात के तौर पर मरीजों को अस्पताल से बाहर ले जाया गया और परिसर में तलाशी ली गई। हालांकि, कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।"
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। छत्तीसगढ़ मूल के दूसरे मुख्य सचिव अमिताभ जैन की सेवानिवृत्त के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनसे पहले विवेक ढांड सीएस रह चुके हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग मे जैन के साथ चार अन्य अफसरों के आदेश जारी किया है। 1989 बैच के आईएएस जैन अगले वर्ष 30 जून को रिटायर होंगे। पेंशन, ग्रेच्युटी संबंधी प्रक्रिया को पूर्ण करने शासन एक वर्ष पूर्व आदेश जारी करता है। जैन के साथ टोपेश्वर वर्मा सचिव राजस्व मंडल,कुमार लाल चौहान कलेकिटर बलौदाबाजार, विपिन मांझी कलेक्टर नारायणपुर भी अगले वर्ष मई और अक्टूबर में रिटायर होंगे।
इनसे पहले इसी वर्ष जुलाई में डॉ संजय अलंग, अगस्त में आनंद मसीह, सितंबर में रीता शांडिल्य, दिसंबर में जीआर चुरेंद्र और शारदा वर्मा सेवानिवृत्त होंगी।
जैन के स्थान पर नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की कवायद अगले वर्ष जनवरी से ही शुरू होगी। इसके लिए सबसे पहला नाम एसीएस रेणु पिल्लै ही है। उन्हे बनाकर राज्य की भाजपा सरकार महिलाओं के बीच बड़ा संदेश देना चाहेगी। राज्य गठन के बाद से छत्तीसगढ़ में एक भी महिला आईएएस को सीएस नहीं बनाया गया है। पूर्व एक अफसर इंदिरा मिश्रा को एसीएस से ही रिटायर होना पड़ा था। देश के कुछ राज्यों तेलंगाना शांति कुमारी, मप्र में वीरा राणा इस समय महिला आईएएस ही मुख्य सचिव हैं। रेणु के बाद एसीएस सुब्रत साहू, मनोज पिंगुवा, रिचा शर्मा के भी नाम हैं।
पौने दो सौ करोड़ घोटाले का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। कस्टम मिलिंग घोटाले में ईडी ने कार्रवाई की है। इस कड़ी में खाद्य विभाग के पूर्व विशेष सचिव, और मार्कफेड एमडी मनोज सोनी को हिरासत में लिया है।
बताया गया कि कस्टम मिलिंग घोटाले में बयान देने मनोज सोनी ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुंचे थे। पूछताछ के बाद ईडी की टीम वहां पहुंची, और गाड़ी में बिठाकर साथ ले गई। मनोज सोनी के खिलाफ ईओडब्ल्यू में भी प्रकरण दर्ज है।
मनोज सोनी के यहां ईडी ने दबिश दी थी। कस्टम मिलिंग के एवज में मिलर्स से करीब पौने 2 सौ करोड़ घोटाले का आरोप है। घोटाले में मनोज सोनी के साथ रोशन चंद्राकर के अलावा कांग्रेस नेताओं व राइस मिलरों के नाम हैं।
उल्लेखनीय है कि मनोज सोनी भारतीय दूर संचार सेवा के अधिकारी हैं। सोनी लंबे समय तक खाद्य विभाग में पदस्थ रहे हैं। भूपेश सरकार में विशेष सचिव के साथ-साथ एमडी मार्कफेड बनाया गया था। उन पर वसूली का गंभीर आरोप रहा है। मनोज सोनी को पहले छोड़ दिया गया था। राज्य सरकार ने उनकी सेवाएं केन्द्र को लौटा दी है।
नई दिल्ली, 30 अप्रैल । एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि दर्द निवारक और एनेस्थेटिक (बेहोशी की दवा) के रूप में उपयोग किए जाने वाली यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा स्वीकृत सिंथेटिक फेनेटाइल के मानव शरीर में जाने से मस्तिष्क को बड़ी क्षति हो सकती है, जो शायद कभी ठीक न हो।
फेनेटाइल सस्ता है और यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है। यह हेरोइन की तुलना में 50 गुना अधिक शक्तिशाली है। बीएमजे केस रिपोर्ट्स पत्रिका में डॉक्टरों ने 47 वर्षीय एक व्यक्ति का इलाज करने के बाद चेतावनी जारी की है। दवा सूंघने के बाद व्यक्ति अपने होटल के कमरे में बेहोश पाया गया।
ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के छात्र, मुख्य लेखक क्रिस ईडन ने कहा, ''हम अच्छी तरह से जानते हैं कि क्लासिक ओपियेट के दुष्प्रभावों में रेस्पिरेटरी डिप्रेशन, चेतना की हानि शामिल है।
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन हम यह नहीं जानते थे कि इससे मस्तिष्क को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है और यह मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जैसा कि इस मामले में हुआ।"
एक मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति में फेनेटाइल सूंघने से ''टॉक्सिक ल्यूकोएन्सेफैलोपैथी" डाग्नोस नामक बीमारी हुई, जो मस्तिष्क में सूजन और क्षति का कारण बनी। इससे बेहोशी आ गई। मस्तिष्क में नुकसान के साथ मृत्यु भी हो सकती है।
यह स्थिति विभिन्न संकेतों और लक्षणों में प्रकट होती है, जिनमें से सबसे स्पष्ट हैं न्यूरोलॉजिकल और व्यवहारिक परिवर्तन, जो हल्के भ्रम से लेकर स्टूपर, कोमा और मृत्यु तक ले जा सकती है।
हालांकि इस बीमारी से कुछ लोग पूरी तरह ठीक हो जाएंगे जबकि दूसरों की स्थिति धीरे-धीरे खराब हो सकती है।
इस व्यक्ति के मामले में मस्तिष्क के स्कैन से पता चला कि उसके ब्रेन के सेरिबैलम भाग में सूजन और चोट है।
वह आदमी 18 दिनों तक बिस्तर पर ही पड़ा रहा और उसे ट्यूब के माध्यम से भोजन दिया गया। डॉक्टरों ने इलाज के लिए कई अलग-अलग दवाएं दी।
26 दिनों बाद उसका रिहैबिलिटेशन हुआ और एक और महीने के बाद वे घर लौट आया। हालांकि बाह्य रोगी फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा जारी रही।
अध्ययन में बताया गया कि उसे पूरी तरह से ठीक होने और पूर्णकालिक काम पर लौटने में लगभग एक साल का वक्त लग जाएगा।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अप्रैल । केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दो पन्ने की चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में उन्होंने जहां अमित शाह की तारीफ की और चुनाव में जीतने की शुभकामनाएं भी दी। वहीं, कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर भी प्रहार किया। अमित शाह गुजरात के गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी हैं।
पत्र में पीएम मोदी ने अमित शाह को लिखा, ''तेरह साल की उम्र में आपने आपातकाल के खिलाफ खड़े लोगों को सहयोग देते हुए अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। 80 के दशक से जनकल्याण के विभिन्न कार्यों में आपने मेरे साथ काम किया, तभी से ही मैंने आपका समाज सेवा और भारत के उत्थान के प्रति अटूट समर्पण करीब से देखा है। पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए आपने ऐतिहासिक सदस्यता अभियान चलाए, जिसके परिणामस्वरूप हमने भाजपा को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनाने के अपने साझा सपने को साकार किया। भारत के गृह मंत्री रहते हुए अनुच्छेद-370 समाप्त करने से लेकर सीएए एवं भारतीय न्याय संहिता जैसे महत्वपूर्ण नीतियों को पारित करवाना और नए सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करना- केंद्रीय मंत्री के रूप में आपने अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों में अहम भूमिका निभाई है।
आप संसद में एक उत्कृष्ट वक्ता रहे हैं और जटिल से जटिल मुद्दों को भी स्पष्ट तरीके से समझाने में सक्षम रहे हैं। आप राज्य और केंद्र सरकार में सफल मंत्री के साथ-साथ पार्टी के सबसे मूल्यवान कार्यकर्ताओं में से हैं, जो आज भी भाजपा के विस्तार और विकास की दिशा में दिन-रात काम कर रहे हैं। आप एक ओर जहां देश के विकास लिए सदैव तत्पर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गांधीनगर के जनप्रतिनिधि की अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी शानदार तरीके से करते आये हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपकी कार्यशैली, अनुशासन और देश के प्रति आपकी अटूट निष्ठा के लिए गांधीनगर की जनता का स्नेह, उनकी सराहना एवं उनका समर्थन सदैव आपके साथ रहेगा।
मुझे विश्वास है कि संसद में आप जनता जनार्दन का भरपूर आशीर्वाद लेकर आएंगे और नई सरकार में हम सब एक साथ मिलकर देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेंगे। आप जैसे ऊर्जावान साथी मुझे संसद में मजबूती प्रदान करेंगे। आपके लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं व कार्यकर्ताओं से मैं विनम्र भाव से कहना चाहता हूं कि यह चुनाव साधारण नहीं है। यह चुनाव हमारे वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का एक सुनहरा अवसर है। यह चुनाव पांच-छह दशकों के कांग्रेस के शासनकाल में हमारे परिवार और परिवार के बुजुर्गों ने जो कष्ट सहे हैं, उनसे मुक्ति पाने का अहम क्षण है। पिछले एक दशक के दौरान समाज के हर वर्ग के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हुए देशवासियों की अनेक कठिनाइयों को दूर किया गया है।''
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ''भाजपा को मिलने वाला हर वोट एक मजबूत सरकार बनाने और वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने के प्रयास को गति देने वाला मत है। चुनाव के पहले दो चरणों के उत्साहजनक रुझान बताते हैं कि भारत की जनता इस चुनाव में हमारे इस विजन को समर्थन देने का मन बनाकर आगे बढ़ रही है।
इसके अलावा, मैं आपसे कांग्रेस पार्टी और उसके इंडी अलायंस के विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण उद्देश्यों के विरुद्ध मतदाताओं को जागरूक करने का आग्रह करता हूं। उनका इरादा एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों से आरक्षण छीनकर अपने वोट बैंक को देना है, भले ही धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है। वे लोगों की मेहनत की कमाई को छीनकर अपने वोट बैंक को देने पर तुले हुए हैं। कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे ‘विरासत कर’ जैसे खतरनाक विचारों का समर्थन करेंगे। इन्हें रोकने के लिए देश को एकजुट होना ही होगा।''
आखिर में उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए लिखा, ''इन दिनों गर्मी काफी बढ़ गई है और इससे लोगों को होने वाली असुविधाओं से मैं अवगत हूं। मगर यह चुनाव राष्ट्र के भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए मेरी लोगों से अपील है कि वे धूप तेज होने से पहले, सुबह-सुबह ही मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान कर आएं। यह जरूरी है कि हमारे कार्यकर्ता बड़ी संख्या में लोगों को बाहर निकलकर मतदान के लिए प्रोत्साहित करें। बूथ जीतने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। संसदीय क्षेत्र में जीतने के लिए जरूरी है कि हम हर एक बूथ पर जीत सुनिश्चित करें। साथ ही उन सबके बीच, मैं पार्टी के साथी कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी और अपने आस-पास के लोगों की सेहत का भी ख्याल रखें। मेरी ओर से सभी मतदाताओं को आप गारंटी देना कि मोदी का पल-पल देशवासियों के नाम है। आपको चुनाव में विजयी होने की शुभकामनाएं।''
(आईएएनएस)
एकला चलने की सलाह
चर्चा है कि पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू चुनाव प्रबंधन में अपनी भागीदारी चाहते हैं। साहू को विधानसभा टिकट नहीं दी गई थी। वो तीन बार विधायक, और एक बार महासमुंद से सांसद रहे हैं। रमन सरकार में मंत्री भी रहे। साथ ही चंद्रशेखर साहू पीएससी के सदस्य भी रहे हैं। संगठन में भी अहम जिम्मेदारी मिलती रही है। साहू प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे। मगर वो कार्यकर्ताओं के पसंदीदा नहीं रहे।
चंद्रशेखर साहू को लेकर पार्टी के भीतर यह कहा जाता है कि जब भी वो पॉवरफुल रहे। उनका व्यवहार एकदम बदल जाता है। यही वजह है कि अभनपुर सीट से उनकी टिकट काटकर नए चेहरे इंद्र कुमार साहू को प्रत्याशी बनाया गया, तो कार्यकर्ताओं में स्वागत किया। इंद्र कुमार साहू कांग्रेस के ताकतवर नेता धनेन्द्र साहू को हराने में सफल रहे।
दूसरी तरफ, चंद्रशेखर साहू को संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है। उन्हें महासमुंद में प्रचार के लिए कहा गया था। महासमुंद का चुनाव निपटने के बाद रायपुर लोकसभा में अपनी भूमिका चाहते हैं। चर्चा है कि पार्टी के कई प्रमुख नेताओं से उनकी चर्चा हुई है। विधानसभा वार जिम्मेदारी बंट चुकी है। अब चंद्रशेखर साहू को सलाह दी गई है कि वो कार लेकर अकेले चुनाव प्रचार में निकल जाए।
उम्मीदवारों के खिलाफ मामले
चुनाव प्रचार के बीच में प्रत्याशियों के खिलाफ कई गड़े मुद्दे सामने आ जाते हैं। सरगुजा में कांग्रेस प्रत्याशी शशि सिंह के खिलाफ कथित तौर पर जमीन कब्जे का मामला उछला, तो भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज के खिलाफ आत्मानंद स्कूल बनवाने के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आ गया।
चिंतामणि महाराज लूंड्रा, और सामरी से विधायक रहे हैं। एक पत्र वायरल हुआ है जिसमें पंच-सरपंचों ने आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए 51 हजार रूपए लेने का आरोप लगाया था। और इसकी शिकायत सीएम तक की थी। अब चुनाव में इसका कितना असर होता है, यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद पता चलेगा।
इसमें नहीं, उपचुनाव में दिलचस्पी
कहावत है एक अनार सौ बीमार। मगर रायपुर दक्षिण में सौ नहीं 55 कम है। बाकी बचे 45 को 4 जून का इंतजार हैं। इनमें सांसद से लेकर पार्षद तक शामिल हैं।
लग रहा पहली बार विकल्प बनने का अवसर मिल रहा है। क्यों चूकें। सभी भैया को जिताने जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। भैया का बताया हर काम कर रहे। कोई काम छोटा या स्टेटस से कम नहीं मान रहे। गांव-गांव, गली- गली घूम रहे। खासकर दक्षिण क्षेत्र के मोहल्लों का तो कई राउंड का जनसंपर्क कर चुके हैं।
भले ही स्वयं का घर उस क्षेत्र में न आता हो। अब सबको भैया के इस्तीफे और दीपावली के आसपास उप चुनाव का। अब देखना यह है कि इन 45 में कौन भैया की पसंद होता है या सीट घर के लिए सुरक्षित रखते हैं। जो दावेदार नहीं वे भैया के करीबी एक महाराज को उपयुक्त और जिताऊ प्रत्याशी बताने लगे हैं।
हिलते-डोलते विधायक
एक विधायक की दिनचर्या, जनसंपर्क अभियान की खूब चर्चा है। पहली ही बार में चुनाव क्रैक करने वाले ये नए नवेले माननीय स्वयं के राजनीति में रमने की बात भी कहते हैं। इनके जनसंपर्क के तौर तरीके पर पटरी न बैठने से इनका एक सुरक्षाकर्मी पीएसओ ने तबादला ले लिया है। अमूमन ऐसा होता नहीं है।
सशस्त्र बल के जवान तो पीएसओ बनने जोड़ तोड़ करते हैं लेकिन यहां मामला उलट निकला। बताते हैं कि जनसंपर्क के दौरान विधायक जी क्षेत्र के जिस भी नेता, कार्यकर्ता के यहां जाते हैं, हिलते डुलते निकलते हैं। उसके बाद उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है । वाई कैटेगरी के सुरक्षाधारी इन नेताजी के एक एक कर्मी छोडऩे लगें तो सुरक्षा एजेंसी की दिक्कतें बढ़ जाएंगी।
बूथ का हिसाब करोड़ों में !
चुनावी रैलियां, पोस्टर-बैनर, टीवी रेडियो के विज्ञापन पर खर्च तो अपनी जगह हैं मगर असल खर्चीला काम है अपने पक्ष के मतदाताओं को घरों से निकालकर मतदान केंद्र तक पहुंचाना। इसमें जिसे सफलता मिलती है, जीत का सेहरा उसके सिर पर बंधता है। इसीलिये हर गंभीर प्रत्याशी और दलों का लक्ष्य होता है कि बूथ को मजबूत किया जाए।
इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेना और फिर भाजपा में शामिल होना इस समय चर्चा में है। कांग्रेस छोडऩे की वजह तो उन्होंने भी दूसरे कांग्रेसियों की तरह सनातन धर्म के प्रति निष्ठा को बताया है, लेकिन छन कर कुछ दूसरे कारण भी सामने आए हैं। इनमें से एक है, मतदान के दिन बूथ पर खर्च कितना किया जाए। अक्षय कांति करोड़पति हैं। पार्टी को शायद उम्मीद थी कि चुनाव का सारा खर्च वे बिना झिझक उठाएंगे। उन्हें वोटिंग के दिन बूथ पर होने वाले खर्च के बारे में भी बता दिया गया। पहले कहा गया कि चार एजेंटों के लिए 6000 रुपये और इतना ही खर्च लगभग 30 कार्यकर्ताओं के भोजन पानी के लिए। यानि एक बूथ पर सिर्फ मतदान के दिन 12 हजार रुपये खर्च। इंदौर में लगभग 2500 बूथ हैं। मतलब करीब 3 करोड़ रुपये। कहा जाता है कि इसके बाद प्रत्याशी को बताया गया कि एजेंट 6000 में नहीं मिल रहे हैं, उनको 10 हजार देना पड़ेगा। प्रत्याशी सोच में पड़ गए। खर्च करीब 4 करोड़ पहुंच रहा था। वह सीट जहां से कांग्रेस पिछले 40 सालों से हारती रही है, शायद प्रत्याशी को इतनी रकम बहा देना सही सौदा नहीं लगा।
बूथ मैनेजमेंट बहुत संवेदनशील मामला होता है। अधिकांश प्रत्याशी अपना बूथ मैनेजमेंट खुद ही देखते हैं। एजेंटों तक पैसे सही तरीके से बांटे जाएं इसके लिए विश्वासपात्र लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है। क्योंकि, इसमें कई बार अमानत में खयानत हो जाती है। प्रत्याशी खर्च करने के बावजूद चुनाव नहीं निकाल पाता।
इंदौर के मामले ने एक अंदाजा लगाने का मौका दिया है कि आखिर प्रत्याशियों का खर्च चुनाव आयोग की निर्धारित सीमा से अधिक कैसे पहुंच जाता है। अपने छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण में जिन सात सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें भी हर एक सीट पर 22-23 सौ मतदान केंद्र हैं। इंदौर से कुछ कम ज्यादा यहां भी उतना ही खर्च होना है। जब कोई पार्टी किसी प्रत्याशी को मजबूत बताकर मतदान में उतारती है तो मजबूती का मतलब उसकी वित्तीय मजबूती भी होती है।
गुड़ाखू और चेपटी की चिंता
पब्लिक मीटिंग में भीड़ को स्टार प्रचारक के आते तक रोके रखने के लिए कवासी लखमा काफी हैं। 29 अप्रैल को सकरी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा से पहले उन्होंने मंच संभाला। शुरुआत में प्रधानमंत्री की नकल करते हुए- भाइयों और बहनों...। फिर भाजपा सरकार की महतारी वंदन योजना पर बोलने लगे। कहा- एक हजार रुपये तो महीने का गुड़ाखू और चेपटी ( देसी शराब की छोटी बोतल) भी नहीं मिलती। मोदी की गारंटी पर कहा- एक गारंटी जरूर है, वह है बीवी छोडऩे की। लखमा ने और भी बातें की जिन पर विवाद भी हो सकता है इसलिये इतना ही ठीक है।
लकड़ी का चॉपर...
पेड़ को तराशे गए लकड़ी के हेलीकॉप्टर की इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर डालने वाले कुछ लोगों ने बताया कि यह बस्तर का है। सर्च करने पर पता चलता है कि दुनिया भर में इस तस्वीर और संबंधित वीडियो को ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर किया जा रहा है। कुछ ने दावा किया है कि ओरिजनल वीडियो नेशनल जियोग्राफिक चैनल ने रिलीज की है। कुछ का कहना है कि यह वास्तविक नहीं है, एआई से तैयार किया गया है। यदि सचमुच एआई से तैयार किया गया हो तो बुरी बात नहीं है। कम से कम इसमें डीपफेक का मामला तो नहीं बनता, जिसने इन दिनों नामी हस्तियों को परेशान कर रखा है। जो भी हो, जहां के भी बच्चे हों-प्रकृति की गोद में वे खुश दिखाई दे रहे हैं और जो लोग तस्वीर को देख रहे हैं, उनका भी मन खिल रहा है। ([email protected])
नई दिल्ली, 30 अप्रैल । भारतीय नौसेना के नए प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी नेवी को और अधिक मजबूत व टेक्नोलॉजिकली एडवांस्ड सर्विस बनाने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने 30 अप्रैल को नौसेना प्रमुख का कार्यभार संभाला। इससे पहले वह नौसेना उप प्रमुख के रूप में कार्यरत थे।
मंगलवार को नेवी चीफ का पद संभालने के उपरांत संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा, "भारतीय नौसेना का 26वां नौसेना अध्यक्ष बनने पर मुझे अत्यंत गर्व और सम्मान की अनुभूति हो रही है। मुझसे पहले 25 नौसेना अध्यक्षों ने अपनी कर्मठता और समर्पण से हमारी नौसेना को युद्ध तत्पर, विश्वसनीय, सुगठित और भविष्य की ताकत बनाई है। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं भारतीय नौसेना को और आत्मनिर्भर, मजबूत, टेक्नोलॉजिकली एडवांस्ड सर्विस बनाऊं।"
उन्होंने कहा, "मेरी पूरी कोशिश रहेगी भारतीय नौसेना, हमारे देश के समुद्री हित और समुद्री रक्षा दोनों पर हरदम खरी उतरे - कभी भी, कहीं भी, कैसे भी। मैं आप लोगों के द्वारा सभी भारतीयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी नौसेना हरदम "राष्ट्र प्रथम" के मंत्र का पालन करते हुए आपके साथ खड़ी है। शं नो वरुणः जय भारत।"
मंगलवार सुबह नौसेना अध्यक्ष को गार्ड ऑफ़ ऑनर देकर सम्मानित भी किया गया। इसके साथ ही अभी तक नौसेना स्टाफ के प्रमुख रहे पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम एडमिरल आर हरि कुमार 30 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो गए। पदभार संभालने से पहले नौसेना प्रमुख पीवीएसएम, एवीएसएम, एनएम एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
रक्षा मंत्रालय के मुकाबिक एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को 1 जुलाई, 1985 को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में नियुक्त किया गया था। वे संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ हैं। नौसेना में उनकी लगभग 39 वर्षों की लंबी और विशिष्ट सेवा रही है। उन्होंने नौसेना उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया है।
वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी भारतीय नौसेना के पोतों विनाश, किर्च और त्रिशूल की कमान संभाल चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण परिचालन और स्टाफ नियुक्तियों पर भी कार्य किया है। इनमें पश्चिमी बेड़े के परिचालन अधिकारी, नौसेना परिचालन के निदेशक, नेटवर्क केंद्रीय परिचालनों के प्रधान निदेशक और नई दिल्ली में नौसेना योजना के प्रधान निदेशक के पद शामिल हैं।
रियर एडमिरल के रूप में उन्होंने नौसेना स्टाफ के सहायक प्रमुख (नीति और योजना) और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया है। उन्होंने वाइस एडमिरल के पद पर एझिमाला स्थित प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी के कमांडेंट, नौसेना परिचालन महानिदेशक, कार्मिक प्रमुख और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया है।
सैनिक स्कूल- रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी- खड़कवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, नेवल हायर कमांड- करंज और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज- अमेरिका स्थित नेवल कमांड कॉलेज के विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा किया है।
(आईएएनएस)
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल । कस्टम मीलिंग घोटाले में ईडी ने खाद्य विभाग के पूर्व विशेष सचिव और मार्कफेड एमडी मनोज सोनी को हिरासत में लिया है।
आईटीएस सेवा के अफसर मनोज सोनी 175 करोड़ के कस्टम मीलिंग घोटाले में बयान देने ईओडब्लू पहुंचे थे।
पूछताछ के दौरान ही ईडी की टीम अचानक पहुंची और मनोज सोनी को गाड़ी में बिठाकर लेकर चली गई।
बता दें कि मनोज सोनी के खिलाफ ईओडब्लू में भी केस दर्ज है। सोनी के ठिकानों पर ईडी का दो बार छापा भी पड़ चुका है। इसी कस्टम मीलिंग घोटाले में ईओडब्लू ने भी मुकदमा दायर है। इसमें मनोज सोनी, रोशन चंद्राकर समेत कई अफसरों, कांग्रेस नेताओं और राईस मिलरों के नाम हैं।
सोनी आईटीएस सेवा के दूसरे अफसर हैं जो पिछली कांग्रेस सरकार के किसी घोटाले में आरोपी है। इनसे पहले एपी त्रिपाठी तीन हजार करोड़ के शराब घोटाले में दूसरी बार जेल भेजे गए हैं।
उज्जैन, 30 अप्रैल । बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री मंगलवार को उज्जैन के श्री महाकाल मंदिर में बाबा के दर्शन करने पहुंचे।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री ने सुबह की भस्म आरती में भी भाग लिया। उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर भगवान शिव की आराधना भी की। वहीं गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने मन्दिर समिति की और से पुष्प माला पहनाकर उनका सम्मान किया।
महाकाल के दर्शन करने के बाद धीरेन्द्र शास्त्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र हो। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि महाकाल मंदिर की परम्परा बनी रहनी चाहिए।
धीरेन्द्र शास्त्री किसी कथा के सिलसिले में इंदौर आए थे।
बारह ज्योतिर्लिंगों में एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों के लिए लोगों का आना जारी है। यहां रोजाना लगभग ढाई लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आते हैं।
-- (आईएएनएस)