खेल
ब्रिस्टल, 20 जून | भारतीय महिला टीम की खिलाड़ी स्नेह राणा ने कहा है कि वह इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के अंतिम दिन दूसरी पारी में शतक बनाने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही थीं। स्नेह ने इस मुकाबले से टेस्ट में डेब्यू किया था। भारत इस मैच में हार की कगार पर पहुंच गया था, लेकिन स्नेह ने शिखा पांडे और तानिया भाटिया के साथ मिलकर साझेदारियां की और मुकाबले को ड्रॉ कराने में कामयाब रहीं।
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, स्नेह ने कहा, "हमने ऐसा प्रतीत नहीं होने दिया कि हम नर्वस हैं। उस वक्त ऐसी स्थिति थी कि हमें अपने बेसिक्स पर अडिग रहना था। मैंने और शिखा ने यह निर्णय लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, भले ही इंग्लिश खिलाड़ी स्लेजिंग करने की कोशिश करें, लेकिन हमें उनपर ध्यान नहीं देना है। हमारा ध्यान अपने बेसिक्स पर था जिसका हमें नतीजा मिला।"
स्नेह बेहतरीन पारी खेल रही थीं और टेस्ट डेब्यू में अपने शतक से महज 26 रन दूर थीं। हालांकि उन्होंने कहा कि उनका ध्यान शतक पूरा करने पर केंद्रित नहीं था।
स्नेह ने कहा, "उस समय मेरा ध्यान शतक लगाने पर केंद्रित नहीं था, क्योंकि उस वक्त मेरी टीम को जरूरत थी कि मैं वहां रहूं, इसलिए मैंने शतक के बारे में नहीं सोचा। मैं बस टीम को संकट से उबारने में अपना योगदान देना चाहती थी।"(आईएएनएस)
बेलग्रेड, 20 जून | भारत के साजन प्रकाश ने रविवार को यहां बेलग्रेड ओपन तैराकी प्रतियोगिता में 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। हालांकि वह मामूली अंतर से ओलंपिक के क्वालीफाई करने से चूक गए। 27 साल के प्रकाश ने एक मिनट और 56.96 सेकेंड के समय के स्वर्ण जीता। लेकिन शनिवार शाम को वह एक मिनट और 56.48 सेकेंड का ओलंपिक क्वालीफाई का समय नहीं निकाल सके।
युवा तैराक श्रीहरि नटराज ने भी पुरुषों के 100 मीटर बैकस्ट्रोक में 54.45 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हालांकि वह भी 53.85 सेकेंड के ओलंपिक क्वालीफिकेशन के समय को पूरा नहीं कर सके।
शोआन गांगुली ने प्रतियोगिता में भारत के लिए तीसरा स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने पुरुषों के 400 मीटर मेडले स्वर्धा में चार मिनट और 37.70 सेकेंड के समय के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
मान पटेल ने महिलाओं की 50 मीटर बैकस्ट्रोक में 29.79 सेकेंड के साथ रजत, जबकि तनिश मैथ्यू ने पुरुषों के 200 मीटर बटरफ्लाई में कांस्य पदक हासिल किया।
भारतीय तैराकों, खासकर नटराज को अगले सप्ताह ए ओलंपिक क्वालीफिकेशन में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का अंतिम मौका मिलेगा।(आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 20 जून | भारत के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के ड्रॉ रहने के बाद इंग्लैंड महिला टीम की कप्तान हीथर नाइट ने कहा कि यह मुकाबला साबित करता है कि महिला टेस्ट क्रिकेट का खेल में एक स्थान है। इंग्लैंड इस मैच में जीत के करीब था, लेकिन स्नेह राणा और तानिया भाटिया ने नौवें विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी की, जिससे भारतीय टीम इस मुकाबले को ड्रॉ कराने में सफल रही।
नाइट ने क्रिकइंफो से कहा, "यह अच्छा था और इससे साबित हुआ कि महिला टेस्ट क्रिकेट का भी खेल में एक स्थान है। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि इसका नाटकीय और रोमांचक अंत नहीं हो पाया।"
उन्होंने कहा, "यह अच्छा और काफी उत्साहित था। हमने काफी अच्छी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दोनों तरफ के कुछ युवा खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल खेला।"
हालांकि नाइट ने कहा कि बारिश के कारण खेल बाधित होने की वजह से महिला टेस्ट क्रिकेट को भी चार दिन के बजाय पांच दिन का करना चाहिए था।
नाइट ने कहा, "मैं पांच दिनों के टेस्ट क्रिकेट की वकालत करती हूं। महिला क्रिकेट में कई मैच ड्रॉ होते हैं। यह ऐसा है जिसपर विचार करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मौसम के कारण हमारा कुछ समय बर्बाद हुआ। हम इस मैच को फिनिश कर लेते, लेकिन इसमें अतिरिक्त दिन नहीं था।"(आईएएनएस)
बेंगलुरू, 20 जून | इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लब बेंगलुरू एफसी ने भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के साथ दो साल का नया करार किया है और इस करार के बाद छेत्री अब 2023 तक बेंगलुरू एफसी के साथ बने रहेंगे। क्लब ने रविवार को इसकी जानकारी दी। बेंगलुरू एफसी ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि क्लब ने भारत के लिए सबसे ज्यादा इंटरनेशनल गोल करने वाले छेत्री के साथ दो साल का नया करार किया है। छेत्री 2013 में बेंगलुरू एफसी से जुड़े थे। भारतीय कप्तान ने बेंगलुरू एफसी के लिए अब तक 203 मैचों में 101 गोल दागे हैं।
36 साल के छेत्री ने करार पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, " मैं बेंगलुरू एफसी में दो और वर्षों के लिए करार करने पर वास्तव में खुश हूं। बेंगलुरू अब मेरा घर है, और इस क्लब के लोग मेरे लिए परिवार की तरह हैं। ऐसा लगता है जैसे मैंने कल ही पहली बार यहां करार किया था। मैं इस क्लब, समर्थकों और शहर से प्यार करता हूं, इन तीनों के साथ मेरा एक मजबूत रिश्ता है। मैं उनके साथ कई और बेहतरीन पलों का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं।"
छह बार के एआईएफएफ प्लेयर आफ द ईयर रह चुके छेत्री ने 2013 में क्लब के साथ अपना पहला लीग खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने क्लब के साथ पांच और ट्राफी जीती हैं, जिसमें फेडरेशन कप (2015, 2017), इंडियन सुपर लीग (2018-19) और सुपर कप (2018) शामिल है।
छेत्री ने हाल में अपना 76वां इंटरनेशनल गोल किया था। उनका यह गोल दोहा में एएफसी एशियन कप संयुक्त क्वालीफायर में बांग्लादेश के खिलाफ आया था।(आईएएनएस)
साउथम्पटन, 20 जून | भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच यहां चल रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल मुकाबले के दूसरे दिन कमेंट्री बॉक्स में डेब्यू करने के साथ ही प्रशंसकों का काफी मनोरंजन किया।
कार्तिक इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के साथ कमेंट्री कर रहे थे। हुसैन ने मैच के दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा के पुल शॉट की सराहना करते हुए कहा, "रोहित शॉर्ट गेंद में अच्छे पुलर हैं और स्पिन के खिलाफ अपने पैरों का अच्छा इस्तेमाल करते हैं।"
कार्तिक ने इसके जवाब में नासिर से कहा, "हां, बिल्कुल आपके विपरीत।"
कार्तिक के इस जवाब से प्रशंसक काफी खुश हुए और इन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी सराहना की।
एक प्रशंसक ने ट्विटर पर लिखा, "कार्तिक ने कमेंट्री का स्तर ऊंचा किया है। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वह सीधे प्वाइंट पर बात कर रहे हैं।"
एक अन्य फैन ने लिखा, "कार्तिक शायद मेरे पसंदीदा कमेंटेटर बन गए हैं। मैंने सिर्फ उन्हें डेढ़ घंटे ही बोलते हुए सुना है।"
एक प्रशंसक ने लिखा, "कार्तिक कमेंट्री बॉक्स में नासिर की स्लेजिंग करते हुए। गोल्ड।"(आईएएनएस)
साउथम्पटन, 20 जून | काइल जैमिसन (5/31) की शानदार गेंदबाजी से न्यूजीलैंड ने यहां द रोज बाउल में खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले के तीसरे दिन रविवार को भारत की पहली पारी 217 रन पर समेट दी। भारत की ओर से मोहम्मद शमी चार रन बनाकर नाबाद रहे। इंग्लैंड की ओर से जैमिसन के अलावा नील वेगनर और ट्रेंट बोल्ट ने दो-दो विकेट लिए जबकि टिम साउदी को एक विकेट मिला है।
इससे पहले, बारिश के कारण तीसरे दिन का खेल थोड़ी देर से शुरू हुआ। तीसरे दिन भारत ने तीन विकेट पर 146 रन से आगे खेलना शुरू किया और कप्तान विराट कोहली ने 44 और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने 29 रन से पारी आगे बढ़ाई। हालांकि, कोहली ज्यादा देर नहीं टिक सके और जैमिसन ने पगबाधा कर उन्हें आउट किया। कोहली जिन्होंने आज टेस्ट क्रिकेट में 10 साल पूरे किए हैं वह 132 गेंदों पर एक चौके के सहारे 44 रन बनाकर आउट हुए।
नए बल्लेबाज के रूप में उतरे ऋषभ पंत को भी जैमिसन ने अपना शिकार बनाया। पंत ने 22 गेंदों पर एक चौके की मदद से चार रन बनाए। रहाणे ने इसके बाद जिम्मेदारी संभाली और अर्धशतक की ओर बढ़ने लगे, लेकिन वेगनर ने पचासा जड़ने से पहले ही रहाणे को आउट कर भारतीय पारी लड़खड़ा दी। रहाणे ने 117 गेंदों पर पांच चौकों के सहारे 49 रन बनाए।
इसके बाद साउदी ने रविचंद्रन अश्विन को आउट किया जिन्होंने 27 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 22 रन बनाए। भारत ने लंच तक सात विकेट पर 211 रन बनाए थे और लंच के बाद भारत ने मात्र छह रन के अंतराल पर इशांत शर्मा (4), जसप्रीत बुमराह (0) और रवींद्र जडेजा (53 गेंदों पर दो चौके की मदद से 15 रन) के विकेट गंवाए। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 20 जून| भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप की कठोरता के अभ्यस्त होने में मदद करने के लिए और अपनी टीम के लिए और अधिक टेस्ट मैच खेलने की वकालत की है। भारतीय टीम ने स्नेह राणा (नाबाद 80) और तानिया भाटिया (नाबाद 44) के बीच नौवें विकेट के लिए हुई 99 रनों की अविजित साझेदारी के दम पर यहां काउंटी क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए एकमात्र टेस्ट मुकाबले के चौथे दिन शनिवार को मैच को ड्रॉ करा दिया।
इंग्लैंड ने दूसरे दिन नौ विकेट पर 396 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की थी जबकि भारत की पहली पारी आज पहले सत्र में 231 रनों पर सिमट गई । इससे इंग्लैंड को 165 रनों की बड़ी बढ़त हासिल हुई, जिसके बाद उसने भारत को फोलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया।
मिताली ने मैच के बाद कहा, " पांच दिवसीय टेस्ट होना एक अच्छा विचार है लेकिन (पहले) हमें वास्तव में नियमित रूप से टेस्ट मैच शुरू करने होंगे।"
भारतीय महिला टीम करीब सात साल बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रही थी। टीम ने पिछले पांच दशक में केवल 36 टेस्ट मैच खेले हैं। भारतीय टीम ने 2010 से 2020 तक केवल दो ही टेस्ट मैच खेले हैं।
मिताली ने कहा, " एक सीरीज में एक टेस्ट मैच का होना महत्वपूर्ण है और फिर इसे पांच दिनों तक ले जाएं। मैं पांच दिवसीय टेस्ट के साथ भी ठीक हूं, लेकिन मैं एक सीरीज में पहले एक टेस्ट मैच करना पसंद करूंगा और फिर इसे वहां से ले जाऊंगा।"
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अब इंग्लैंड के साथ वनडे और टी 20 सीरीज खेलनी है। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 19 जून | भारतीय महिला टीम ने यहां काउंटी क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मुकाबले के चौथे दिन शनिवार को अपनी दूसरी पारी में चायकाल तक आठ विकेट पर 243 रन बना लिए हैं और उसे अब तक 78 रन की बढ़त हासिल हो चुकी है। चायकाल के समय स्नेह राणा 63 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 27 और तानिया भाटिया 10 गेंदों पर तीन रन बनाकर नाबाद हैं।
इंग्लैंड की ओर से सोफी एकल्सटन ने अब तक चार जबकि नैटली सीवर ने दो और कैथरीन ब्रंट तथा हीटर नाइट ने एक-एक विकेट लिए हैं।
इससे पहले, भारतीय टीम ने लंच के बाद तीन विकेट पर 171 रन से आगे खेलना शुरू किया। लेकिन टीम ने जल्दी जल्दी अपने विकेट गंवा दिए। पूनत राउत ने 39, कप्तान मिताली राज ने चार, हरमनप्रीत कौर ने 8, पूजा वस्त्रकर ने 12 और शिखा पांडे ने 18 रन बनाए।
इससे पहले, इंग्लैंड ने दूसरे दिन नौ विकेट पर 396 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की थी जबकि भारत की पहली पारी आज पहले सत्र में 231 रनों पर सिमट गई और इससे इंग्लैंड को 165 रनों की बड़ी बढ़त हासिल हुई, जिसके बाद उसने भारत को फोलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया।(आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 19 जून | फोलोऑन खेलने को मजबूर हुई भारतीय महिला टीम ने यहां काउंटी क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मुकाबले के चौथे दिन शनिवार को अपनी दूसरी पारी में लंच तक तीन विकेट पर 171 रन बना लिए हैं। भारतीय टीम ने इस तरह फोलोऑन उतार दिया है और अब वह छह रन आगे गई है। लंच के समय पूनम राउत 83 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 39 रन बनाकर नाबाद हैं। दीप्ति शर्मा के टीम के 171 के स्कोर पर आउट होते ही लंच की घोषणा कर दी गई, जिन्होंने 168 गेंदों पर आठ चौकों की बदौलत 54 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। दीप्ति और राउत के बीच तीसरे विकेट के लिए 167 गेंदों पर 72 रनों की साझेदारी हुई।
इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की ओर से सोफी एकल्सटन ने अब तक दो और नैटली सीवर ने एक विकेट लिया है।
इससे पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपने कल के स्कोर एक विकेट पर 83 रन से आगे खेलना शुरू किया। शेफाली वर्मा ने अपनी पारी को 55 रन और दीप्ति शर्मा ने 18 रन से आगे खेलना शुरू किया। दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 70 रनों की साझेदारी की।
शेफाली को एकल्सटन ने ब्रंट के हाथों कैच कराया। शेफाली ने 83 गेंदों पर 11 चौके और एक छक्के की मदद से 63 रनों की शानदार पारी खेली। उनके अलावा स्मृति मंधाना ने आठ रनों का योगदान दिया।
इंग्लैंड ने दूसरे दिन नौ विकेट पर 396 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की थी जबकि भारत की पहली पारी आज पहले सत्र में 231 रनों पर सिमट गई और इससे इंग्लैंड को 165 रनों की बड़ी बढ़त हासिल हुई, जिसके बाद उसने भारत को फोलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 19 जून | इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की बाएं हाथ की स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन का मानना है कि भारत की विस्फोटक बल्लेबाज शेफाली वर्मा के खिलाफ गेंदबाजी करना बेहद चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कोई नहीं जानता है कि क्या होने वाला है। फोलोऑन खेल रही भारतीय महिला टीम ने यहां काउंटी क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मुकाबले के तीसरे दिन शुक्रवार को बारिश से बाधित दिन का खेल खत्म होने तक दूसरी पारी में एक विकेट पर 83 रन बना लिए और वह अभी 82 रन पीछे चल रही है।
इंग्लैंड ने दूसरे दिन नौ विकेट पर 396 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की थी जबकि भारत की पहली पारी आज पहले सत्र में 231 रनों पर सिमट गई और इससे इंग्लैंड को 165 रनों की बड़ी बढ़त हासिल हुई, जिसके बाद उसने भारत को फोलोऑन खेलने पर मजबूर कर दिया। शेफाली ने पहली पारी में 96 रन बनाए थे जबकि दूसरी पारी में वह 55 रनों पर नाबाद हैं।
सोफी ने तीसरे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा, " यह हमेशा दिलचस्प होता है जब मैं और शेफाली खेल के किसी भी प्रारूप में खेलते हैं। जब टी20 की बात आती है, तो मुझे लगता है कि वह वास्तव में उच्च श्रेणी की है, इसलिए उनके खिलाफ गेंदबाजी करना वाकई दिलचस्प है।"
टी20 रैंकिंग की नंबर वन गेंदबाज ने कहा, " आप कभी नहीं जानते कि वह (शेफाली) क्या करने वाली है, आप कभी नहीं जानते कि वह शॉट खेलने वाली है या चूकने वाली। इसलिए उनके खिलाफ गेंदबाजी करना वास्तव में दिलचस्प है और मेरे लिए यह काफी अच्छा मुकाबला है।"
सोफी ने कहा कि जब वह शेफाली को गेंदबाजी कर रही होती हैं, तो उनके दिमाग में एक ही चीज चलती है कि यह 'मेरी सर्वश्रेष्ठ गेंद' है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैं सिर्फ अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद फेंकती हूं और अपनी गति बदलती हूं इसलिए जब मैं एक टेस्ट मैच में आती हूं तो यह मेरी सर्वश्रेष्ठ गेंद को लंबे समय तक फेंकने की कोशिश करने जैसा होता है। लेकिन जब शेफाली की बल्लेबाजी होती है तो मुझे लगता है कि वह कोशिश करती है और आर्म बॉल का इस्तेमाल करती है, इसिलए मैं थोड़ी गति बदल लेती हूं।" (आईएएनएस)
-रेहान फ़ज़ल
91 साल के मिल्खा सिंह का निधन 18 जून,2021 को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद की मुश्किलों के चलते हो गया. वे भारत के सबसे मशहूर एथलीट रहे हैं.
1929 में अविभाजित भारत में जन्मे मिल्खा सिंह की कहानी जीवटता की कहानी है.
ऐसा शख़्स जो विभाजन के दंगों में बाल-बाल बचा, जिसके परिवार के कई सदस्य उसकी आंखों के सामने क़त्ल कर दिए गए, जो ट्रेन में बेटिकट सफ़र करते पकड़ा गया और जेल की सज़ा सुनाई गई और जिसने एक गिलास दूध के लिए सेना की दौड़ में हिस्सा लिया और जो बाद में भारत का सबसे महान एथलीट बना.
1960 के रोम ओलंपिक में विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के बावजूद मिल्खा सिंह भारत के लिए पदक नहीं जीत पाए और उन्हें चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा.
जब मिल्खा ने बर्तन धोए और सड़कों पर सोए
'यह दौड़ तुम्हें बना देगी या बर्बाद कर देगी'
मिल्खा सिंह ने पहली बार विश्व स्तर पर अपनी पहचान तब बनाई, जब कार्डिफ़ राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने तत्कालीन विश्व रिकॉर्ड होल्डर मैल्कम स्पेंस को 440 गज की दौड़ में हराकर स्वर्ण पदक जीता.
उस पूरी रात मिल्खा सिंह सो नहीं सके. अगले दिन 440 यार्ड की दौड़ का फ़ाइनल चार बजे था. सुबह मिल्खा ने अपनी नसों को आराम देने के लिए टब में गर्म पानी से स्नान किया, नाश्ता किया और दोबारा कंबल ओढ़कर सोने चले गए. दोपहर उनकी नींद खुली.
उन्होंने खाने में सूप का एक कटोरा और डबल रोटी की दो स्लाइस लीं. जानबूझकर उन्होंने ज़्यादा इसलिए नहीं खाया कि कहीं इसका असर उनके प्रदर्शन पर न पड़े. मिल्खा उस दिन को याद करते हुए कहते हैं, ''एक बजे मैंने कंघा किया और अपने लंबे बालों के जूड़े को सफ़ेद रुमाल से कवर किया.''
''एयर इंडिया के अपने बैग में मैंने अपने स्पाइक्ड जूते, एक छोटा तौलिया, एक कंघा और ग्लूकोज़ का एक पैकेट रखा. फिर मैंने ट्रैक सूट पहना, अपनी आंखें बंद की और गुरु नानक, गुरु गोविंद सिंह और भगवान शिव को याद किया.''
मिल्खा सिंह को उस दिन का एक-एक क्षण याद है. ''मेरी टीम के साथी बस में मेरा इंतज़ार कर रहे थे. जब मैं अपनी सीट पर बैठा तो उन्होंने मुझसे मज़ाक किया कि मिल्खा सिंह आज ऑफ़ कलर लग रहा है. एक ने पूछा क्या बात है? आज आप ख़ुश क्यों नहीं लग रहे? मैंने उनका कोई जवाब नहीं दिया लेकिन मेरा मन थोड़ा सा हल्का हो गया.''
मिल्खा ने बीबीसी को बताया कि उन्हें नर्वस देखकर उनके कोच डॉक्टर हावर्ड उनकी बग़ल में आकर बैठ गए और बोले, ''आज की दौड़ या तो तुम्हें कुछ बना देगी या फिर बर्बाद कर देगी. अगर तुम मेरी टिप्स का पालन करोगे, तो तुम माल्कम स्पेंस को हरा दोगे. तुममें ऐसा कर पाने की क्षमता है.''
छठी लेन में थे भारत के मिल्खा सिंह
मिल्खा कहते हैं कि इससे उनकी थोड़ी हिम्मत बढ़ी. स्टेडियम पहुंचकर वह सीधे ड्रेसिंग रूम गए और फिर लेट गए. लगा कि हल्का सा बुख़ार चढ़ गया है. तभी डॉक्टर हावर्ड फिर आए. उन्होंने उनकी पीठ और पैरों की मसाज की. फिर कहा, "मेरे बच्चे, तैयार होना शुरू करो. एक घंटे में तुम्हारी दौड़ शुरू होने वाली है."
हावर्ड पिछले कई दिनों से मिल्खा के हर प्रतिद्वंद्वी की तकनीक का जायज़ा ले रहे थे.
पहली हीट के दौरान वो रात में खाने के बाद उनके कमरे में आकर उनके पलंग पर बैठकर अपनी टूटी-फूटी हिंदी में बोले थे, ''मिल्खा हम स्पेंस को 400 मीटर दौड़ते देखा. वो पहला 300 मीटर स्लो भागता और लास्ट हंडरेड गज में सबको पकड़ता. तुम्हें 400 मीटर नहीं दौड़नी है, 350 मीटर दौड़नी है. समझो कि इतनी लंबी ही रेस है.''
मिल्खा बताते हैं, ''440 यार्ड की दौड़ के फ़ाइनल का पहला कॉल तीन बजकर 50 मिनट पर आया. हम छहों लोग स्टार्टिंग लाइन पर जाकर खड़े हो गए. मैंने अपने तौलिये से अपने पैरों का पसीना पोंछा. मैं अपने स्पाइक के फीते बांध ही रहा था कि दूसरी कॉल आई. मैंने अपना ट्रैक सूट उतारा. मेरी वेस्ट पर भारत लिखा हुआ था और उसके नीचे अशोक चक्र बना था. मैंने कुछ लंबी-लंबी सांसें ली और अपने साथी प्रतियोगियों को विश किया.''
इंग्लैंड के साल्सबरी पहली लेन में थे. इसके बाद थे दक्षिण अफ़्रीका के स्पेंस और ऑस्ट्रेलिया के केर, जमैका के गास्पर, कनाडा के टोबैको और छठी लेन में थे भारत के मिल्खा सिंह.
राष्ट्रमंडल खेलों में भारत पूरे कर पाएगा 500 पदक?
सिर्फ़ आधा फ़ीट का फ़र्क
जैसे ही स्टार्टर ने कहा - ऑन यॉर मार्क, मिल्खा ने स्टार्टिंग लाइन के पीछे अपना बांया पैर किया, दाहिने घुटने को बाएं पैर के समानांतर किया और दोनों हाथों से धरती को छुआ.
गोली दाग़ते ही मिल्खा इस तरह भागे जैसे ततैयों का एक झुंड उनके पीछे पड़ा हो. उनको हावर्ड की दी हुई नसीहत याद थी. पहले 300 मीटर्स में उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया.
मिल्खा सबसे आगे दौड़े चले जा रहे थे और जब स्पेंस ने देखा कि मिल्खा बिजली की गति से दौड़ रहे हैं, तो उन्होंने उनसे आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन भाग्य मिल्खा सिंह के साथ था.
मिल्खा याद करते हैं, ''मैंने सफ़ेद टेप को उस समय देखा जब दौड़ ख़त्म होने में 50 गज शेष रह गए थे. मैंने वहां तक स्पेंस से पहले पहुंचने के लिए पूरा दम लगा दिया. जब मैंने टेप को छुआ तो स्पेंस मुझसे सिर्फ़ आधा फ़ीट पीछे था. अंग्रेज़ पूरी ताकत से चिल्ला रहे थे - कम ऑन सिंग, कम ऑन सिंग. टेप छूते ही मैं बेहोश होकर मैदान पर ही गिर पड़ा.''
मिल्खा सिंह को स्ट्रेचर से डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां उनको ऑक्सीजन दी गई. जब उन्हें होश आया, तब जाकर उन्हें अहसास होना शुरू हुआ कि उन्होंने कितना बड़ा कारनामा अंजाम दिया है.
उनके साथियों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया. उन्होंने तिरंगे को अपने जिस्म पर लपेटा और पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया. यह पहला मौका था जब किसी भारतीय ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.
मिल्खा सिंह
जब विजयालक्ष्मी पंडित दौड़ती हुई आईं और गले लग गईं
जब इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ ने मिल्खा सिंह के गले में स्वर्ण पदक पहनाया और उन्होंने भारतीय झंडे को ऊपर जाते देखा तो उनकी आखों से आंसू बह निकले.
उन्होंने देखा कि वीआईपी इन्क्लोजर से एक छोटे बालों वाली, साड़ी पहने एक महिला उनकी तरफ़ दौड़ी चली आ रही हैं. भारतीय टीम के प्रमुख अश्वनी कुमार ने उनका परिचय करवाया. वह ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त विजयलक्ष्मी पंडित थीं.
मिल्खा सिंह याद करते हैं, ''उन्होंने मुझे गले लगाकर मुबारकबाद दी और कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संदेश भिजवाया है कि इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद वह इनाम में क्या लेना चाहेंगे? मेरी समझ नहीं आया कि मैं क्या मांगूं. मेरे मुंह से निकला कि इस जीत की खुशी में पूरे भारत में छुट्टी कर दी जाए. मैं जिस दिन भारत पहुंचा पंडित नेहरू ने अपना वादा निभाया और पूरे देश में छुट्टी घोषित की गई.''
फ़्लाइंग सिख बनने की कहानी
1960 में मिल्खा सिंह के पास पाकिस्तान से न्योता आया कि वह भारत-पाकिस्तान एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लें. टोक्यो एशियन गेम्स में उन्होंने वहां के सर्वश्रेष्ठ धावक अब्दुल ख़ालिक को फ़ोटो फ़िनिश में 200 मीटर की दौड़ में हराया था.
पाकिस्तानी चाहते थे कि अब दोनों का मुक़ाबला पाकिस्तान की ज़मीन पर हो. मिल्खा ने पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया क्योंकि विभाजन के समय की कई कड़वी यादें उनके ज़हन में थीं जब उनकी आंखों के सामने उनके पिता को क़त्ल कर दिया गया था.
मगर नेहरू के कहने पर मिल्खा पाकिस्तान गए. लाहौर के स्टेडियम में जैसे ही स्टार्टर ने पिस्टल दागी, मिल्खा ने दौड़ना शुरू किया. दर्शक चिल्लाने लगे-पाकिस्तान ज़िंदाबाद..अब्दुल ख़ालिक ज़िंदाबाद..ख़ालिक, मिल्खा से आगे थे लेकिन 100 मीटर पूरा होने से पहले मिल्खा ने उन्हें पकड़ लिया था.
इसके बाद ख़ालिक धीमे पड़ते गए. मिल्खा ने जब टेप को छुआ तो वह ख़ालिक से करीब दस गज आगे थे और उनका समय था 20.7 सेकेंड. ये तब के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी थी. जब दौड़ ख़त्म हुई तो ख़ालिक मैदान पर ही लेटकर रोने लगे.
मिल्खा उनके पास गए. उनकी पीठ थपथपाई और बोले, ''हार-जीत तो खेल का हिस्सा है. इसे दिल से नहीं लगाना चाहिए.''
दौड़ के बाद मिल्खा ने विक्ट्री लैप लगाया. मिल्खा को पदक देते समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति फ़ील्ड-मार्शल अय्यूब खां ने कहा, ''मिल्खा आज तुम दौड़े नहीं, उड़े हो. मैं तुम्हें फ़्लाइंग सिख का ख़िताब देता हूं.'' (bbc.com)
लंदन, 18 जून| चार बार की ग्रैंड स्लैम विजेता और विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान की खिलाड़ी जापान की नाओमी ने इस महीने होने वाले विंबलडन ओपन टेनिस टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है। विंबलडन का आयोजन इस साल 28 जून से होना है। 23 वर्षीय ओसाका भले ही विंबलडन से हट गई हैं, लेकिन उन्होंने शुक्रवार को पुष्टि करते हुए बताया कि वह 23 जुलाई से होने वाले टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेंगी।
ऑल इंग्लैंड क्लब ने बयान जारी कर कहा, "ओसाका इस साल विंबलडन में हिस्सा नहीं लेंगी। वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहती हैं। ओसाका ओलंपिक में हिस्सा लेंगी और वह अपने घरेलू दर्शकों के बीच खेलने के लिए उत्साहित हैं।"
ऑस्ट्रेलियन ओपन और यूएस ओपन की विजेता रहीं ओसाका पहले राउंड के मुकाबले के बाद इस साल फ्रेंच ओपन से हट गई थीं।
ऑल इंग्लैंड क्लब ने कहा, "ओसाका को हम सभी इस साल विंबलडन में मिस करेंगे लेकिन हम उनका फैसला समझ सकते हैं। हम अगले साल उनका विंबलडन में स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं।" (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 19 जून| महान धावक मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात अंतिम सांस ली। वह 91 साल के थे और कोविड-19 के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई के बाद विजेता के रूप में सामने आए थे। बुधवार को उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था। मिल्खा को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। मिल्खा परिवार ने एक बयान जारी कर इस महान धावक के निधन की पुष्टि की।
पूर्व एथलीट, जिसे 'फ्लाइंग सिख' नाम से भी माना जाता है, को एक सप्ताह तक मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के बाद ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के बाद 3 जून को पीजीआईएमईआर में भर्ती कराया गया था।
मिल्खा ने एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता में चार बार स्वर्ण पदक जीता है और 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। हालांकिक, 91 वर्षीय को 1960 के रोम ओलंपिक के 400 मीटर फाइनल में उनकी एपिक रेस के लिए याद किया जाता है।
उन्होंने 1956 और 1964 के ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें 1959 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
बीते 13 जून को ही मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोरोना के कारण निधन हो गया था। सिंह के परिवार में तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं। गोल्फर जीव, जो 14 बार के अंतरराष्ट्रीय विजेता हैं, भी अपने पिता की तरह पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं।
उनके निधन के बाद मिल्खा सिंह के परिवार ने भी एक बयान जारी किया।
पारिवारिक बयान में कहा गया है, उन्होंने बहुत संघर्ष किया लेकिन भगवान के अपने तरीके हैं और शायद यह सच्चा प्यार और साथ था कि हमारी मां निर्मल जी और अब पिताजी दोनों का निधन हो गया है।
परिवार ने कहा, हम पीजीआई में डॉक्टरों के बहादुर प्रयासों और दुनिया भर से और खुद से मिले प्यार और प्रार्थना के लिए उनके आभारी हैं। हम आपको धन्यवाद देते हैं।
मिल्खा तब लोकप्रिय हुए जब उन्होंने 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में 45.6 सेकंड का समय निकालकर चौथा स्थान हासिल किया। उस समय तक, यह एक व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने के लिए एक भारतीय एथलीट के सबसे करीब था।
बाद में, निश्चित रूप से, पी.टी. ऊषा 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में 400 मीटर दौड़ में एक कांस्य पदक से चूक गईं। उसने 55.42 सेकेंड का समय निकाला और केवल 0.01 सेकेंड से कांस्य पदक से चूक गई।
दशकों बाद मिल्खा सिंह पर बॉलीवुड फिल्म बनी।
पीजीआईएमईआर के बयान में कहा गया, प्रोफेसर जगत राम, निदेशक पीजीआईएमईआर ने इस 'सबसे प्रतिष्ठित' खेल आइकन के दुखद निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की, जिन्हें मैदान पर और बाहर उनकी असाधारण उपलब्धियों और उनके प्यारे और मानवीय व्यक्तित्व के लिए याद किया जाएगा। (आईएएनएस).
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के पहले दिन का खेल बारिश की वजह से रद्द हो गया. पहले दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी गई.
बीसीसीआई ने ये जानकारी देते हुए बताया है कि शनिवार को स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10.30 बजे खेल शुरू होगा.
ये मैच इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खेला जा रहा है. आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप का आयोजन पहली बार किया है. (bbc.com)
बेंगलुरु, 18 जून | हॉकी इंडिया ने आगामी टोक्यो ओलंपिक खेलों 2020 में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुप्रतीक्षित 16 सदस्यीय पुरुष हॉकी टीम की शुक्रवार को घोषणा कर दी।
टीम में 10 से अधिक खिलाड़ी ऐसे हैं, जो ओलंपिक में पदार्पण करेंगे। इस टीम में अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश और मिडफील्डर मनप्रीत सिंह के साथ-साथ ओलंपिक खेल चुके अन्य खिलाड़ियों में हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, सुरेंद्र कुमार और मनदीप सिंह शामिल हैं।
अनुभवी बीरेंद्र लाकड़ा को भी टोक्यो 2020 के लिए टीम का हिस्सा बनने का एक उपयुक्त अवसर मिला। लाकड़ा घुटने में चोट के कारण 2016 रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
इसके अलावा, अमित रोहिदास, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, नीलकांत शर्मा, सुमित नवोदित फॉरवर्ड शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह और ललित कुमार उपाध्याय टीम में शामिल हो रहे हैं। (आईएएनएस)
टीम चयन पर बोलते हुए, मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा, "16 खिलाड़ियों का अंतिम चयन करना आसान प्रक्रिया नहीं रही है क्योंकि खिलाड़ियों के इस समूह में बहुत सारी गुणवत्ता और महत्वाकांक्षा है। सभी एथलीटों का प्रदर्शन स्तर एक इष्टतम स्तर पर है । इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे एक साथ अच्छा काम करते हैं। वे जानते हैं कि ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का क्या मतलब है। अब हम उसी तीव्रता के साथ प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और हमारा लक्ष्य टोक्यो में एक सामूहिक इकाई के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।"
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में 11 पदक जीते हैं जिनमें आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं। हालांकि, भारत ने 41 साल पहले ओलंपिक में पदक जीता था।
ओलंपिक की तैयारियों को देखते हुए भारतीय टीम ने इस साल यूरोप और अर्जेटीना का दौरा किया था। मनप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने एफआईएच प्रो लीग मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन अर्जेटीना को हराया था।
भारतीय पुरुष टीम को पूल-ए में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अजेर्टीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन और मेजबान जापान के साथ रखा गया है। यह टूर्नामेंट 23 जुलाई से 5 अगस्त तक टोक्यो में होगा।
भारतीय टीम :
गोलकीपर : पी आर श्रीजेश
डिफेंडर : हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, सुरेंद्र कुमार, अमित रोहिदास, बीरेंद्र लकड़ा
मिडफील्डर : हार्दिक सिंह, मनप्रीत सिंह, विवेक सागर प्रसाद, नीलकांत शर्मा, सुमित
फारवर्ड : शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मनदीप सिंह।
-अभिजीत श्रीवास्तव
लंबे इंतज़ार के बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल आज से भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खेला जा रहा है. अगले पाँच (या छह) दिनों के दरम्यान ये तय होगा कि लगभग 12 करोड़ रुपए की प्राइज मनी किसकी झोली में जाएगी.
विराट और विलियम्सन की टीमें इंग्लैंड में कैसा खेलती हैं? क्या पिच तेज़ गेंदबाज़ों को मदद देगी या स्पिनरों को? क्या बारिश बनेगी विलेन? या देखने को मिलेगा रोमांचक मुक़ाबला? रिकॉर्ड्स क्या कहते हैं? वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में विराट और विलियम्सन के बीच टक्कर में किसकी टीम होगी दूसरे पर हावी? किस टीम का पलड़ा दिख रहा है भारी?
पिच
सबसे पहले बात साउथैम्पटन के पिच की, जिस पर पहले दो दिन अमूमन तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलती है. इसके बाद जैसे ही यह सूखना शुरू करती है, तो भारत के घरेलू मैदानों की तरह यह स्पिन गेंदबाज़ी के माकूल बन जाती है.
हेड ग्राउंड्समैन साइमन ली ने भी कहा है कि यह पिच तेज़ गेंदबाज़ों को मदद दे सकती है.
ईएसपीएन क्रिकइन्फ़ो से बातचीत में वे कहते हैं कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल एकतरफा न हो और बेहतरीन गेंदबाज़ी और शानदार बल्लेबाज़ी दोनों ही देखने को मिले.
उन्होंने कहा, "पिच पर पेस, बाउंस के साथ-साथ गेंद तेज़ी से कैरी भी करेगी. इस पिच पर खेली गई एक गेंद भी दर्शक मिस नहीं करना चाहेंगे."
साइमन ली कहते हैं, "यहाँ तेज़ गेंदबाज़ों को पेस और बाउंस से मदद मिलती है, तो सीम मूवमेंट भी काफ़ी कारगर साबित होता है. लेकिन इस मैदान पर पिच जल्द ही सूख भी जाती है. लिहाजा स्पिनर्स को भी बराबर मदद मिलेगी."
कुछ ऐसा ही पूर्व क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर भी दोहराते हैं.
वे कहते हैं, "बीते कुछ दिनों से मौसम के गरम रहने की वजह से मुझे उम्मीद है पिच तेज़ी से ख़राब होगी और इससे भारत के स्पिनरों के पास मौक़ा होगा."
क्या मौसम बनेगा विलेन?
जून के महीने में इंग्लैंड में गर्मी का मौसम होता है और अमूमन यहाँ भारी बारिश देखने को मिलती है.
साउथैम्पटन में मौसम के मिजाज के अस्थिर रहने की संभावना है. स्थानीय मौसम विभाग ने रुक-रुक कर तेज़ बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है.
ऐसे में संभव है कि बारिश फ़ाइनल के पहले दो दिन का मज़ा बिगाड़ दे. ये भी संभव है कि इस फ़ाइनल टेस्ट के दौरान बारिश कई बार ख़लल पैदा करे.
आईसीसी ने इस टेस्ट के लिए एक रिजर्व दिन रखा है. लिहाजा यह रिजर्व दिन मैच का नतीजा दिलाने में कारगर साबित हो सकता है.
कैसे तय होगा विजेता, नियमों में क्या है बदलाव?
इवेंट बड़ा है तो आईसीसी ने इसकी पूरी तैयारी की है. फ़ाइनल का नतीजा निकले इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव भी किए गए हैं.
गेंद: भारतीय टीम अपनी घरेलू पिचों पर एसजी गेंद से खेलती है, जबकि न्यूज़ीलैंड की टीम कुकाबुरा से लेकिन फ़ाइनल उन्हें ग्रेड-1 ड्यूक्स क्रिकेट बॉल से खेलना होगा.
रिज़र्व दिनः इंग्लैंड में मौसम लगातार बदलता रहता है और संभव है कि फ़ाइनल पर भी इसका असर पड़े. तो आईसीसी ने इसके इंतजाम में टेस्ट मैच के लिए एक दिन रिजर्व रखा है. यानी अगर पाँच दिनों के दरम्यान अगर किसी दिन का खेल ख़राब जाता है या ओवर कम फेंके जाते हैं, तो रिजर्व दिन का इस्तेमाल किया जा सकेगा.
ड्रॉ या टाईः अगर मैच ड्रॉ या टाई रहा तो भारत- न्यूज़ीलैंड संयुक्त विजेता घोषित किए जाएंगे.
प्लेइंग टाइमः हाँ अगर पाँच दिन के दरम्यान 60 मिनट से कम प्लेइंग टाइम का नुकसान होता है तो इसे पाँचवे दिन खेल का समय बढ़ा कर पूरा कर लिया जाएगा. छठे दिन का खेल होगा या नहीं इसकी घोषणा पाँचवे दिन के आख़िरी घंटे से पहले की जाएगी.
शॉर्ट रनः नियमों के मुताबिक़ मैच के दौरान अगर कोई किसी बल्लेबाज़ ने शॉर्ट रन लिया या किसी शॉर्ट रन पर आपत्ति होती है, तो ऐसे में ग्राउंड अंपायर, थर्ड अंपायर की मदद ले सकते हैं. शॉर्ट रन पर अगर बैटिंग या फील्डिंग कप्तान कोई रिव्यू लेता है, तो उसके पास पहले ग्राउंड अंपायर से पूछने का मौक़ा होगा कि क्या बल्लेबाज ने शॉर्ट रन लेने का प्रयास किया है.
साउथैम्पटन में भारतीय टीम
टेस्ट चैम्पियनशिप का फ़ाइनल पहले लॉर्ड्स में खेला जाना था, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इसे साउथैम्पटन शिफ़्ट कर दिया गया. यह इंग्लैंड के उन स्टेडियमों में है, जहाँ 10 से भी कम टेस्ट खेले गए हैं.
महज 6 टेस्ट मैचों को आयोजित करने वाले इस मैदान पर दो टेस्ट पहले बैटिंग करने वाली टीम, तो एक टेस्ट पहले फील्डिंग करने वाली टीम जीती है. बाक़ी तीन मैच ड्रॉ रहे हैं. भारतीय टीम ने यहाँ दो मैच खेले हैं, दोनों ही इंग्लैंड के ख़िलाफ़ और दोनों में ही भारत की हार हुई है.
साउथैम्पटन में टेस्ट के नतीजे
वर्ल्ड चैंपियनशिप का यह फ़ाइनल पहले लंदन के लॉर्ड्स में आयोजित होने वाला था, लेकिन इसका वेन्यू बदल कर क़रीब 80 किलोमीटर दूर साउथैम्पटन के रोज बाउल स्टेडियम कर दिया गया.
इंग्लैंड में टेस्ट मैच कुल 10 स्टेडियमों में आयोजित किया जाता है और रोज बाउल उन चार स्टेडियमों में से है, जहाँ अब तक खेले गए मैचों की गिनती दहाई के आँकड़े को भी नहीं छू सकी है.
जहाँ लॉर्ड्स में 140 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं, वहीं रोज बाउल में अब तक कुल छह टेस्ट ही खेले गए हैं.
सभी छह मैच कोई न कोई विदेशी टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ही खेली है. पहली बार है कि जब कोई दो विदेशी टीमें यहाँ आपस में टेस्ट खेल रही हैं.
इन छह मैचों में दो बार इंग्लैंड जीता है, तो एक बार उसे हार का सामना करना पड़ा है. केवल एक विदेशी टीम को यहाँ जीतने का सौभाग्य प्राप्त है. वेस्टइंडीज़ ने बीते वर्ष विजडन ट्रॉफी का पहला टेस्ट जुलाई में इंग्लैंड से चार विकेट से जीता था.
जिन दो टेस्ट मैचों में इंग्लैंड को जीत मिली है, उसमें उसने भारतीय टीम को हराया था.
अगर बात इस मैदान पर सबसे कम स्कोर बनाने वाली टीम का करें, तो वो रिकॉर्ड भी भारत के नाम ही दर्ज है.
कौन है सबसे सफल भारतीय क्रिकेटर?
भारतीय एकादश के कुछ क्रिकेटरों को इस पिच पर खेलने का अनुभव है. विराट कोहली ने यहाँ दो टेस्ट खेले हैं और 42.75 की औसत से 171 रन बनाए हैं. रहाणे ने भी दो मैच खेले हैं और 56.00 की औसत से 168 रन बनाए हैं.
वहीं चेतेश्वर पुजारा ने तो इस मैदान पर 2018 में 132 रनों की नाबाद पारी खेली थी. वे इस पिच पर शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं. पुजारा ने भी दो टेस्ट खेले हैं और उन्होंने 54.33 की औसत से 163 रन बनाए हैं.
बात अगर गेंदबाज़ी की करें, तो मोहम्मद शमी इस मैदान पर सात विकेट लेकर सबसे सफल भारतीय गेंदबाज़ हैं. उनके बाद रवींद्र जडेजा ने पाँच विकेट लिए हैं तो जसप्रीत बुमराह और ईशांत शर्मा ने चार-चार विकेट लिए हैं.
न्यूज़ीलैड के कौन खिलाड़ी सबसे दमदार?
न्यूज़ीलैंड के लिए इंग्लैंड का यह मैदान टेस्ट मैचों के मामले में नया है. ब्लैक कैप्स की टीम पहली बार यहाँ टेस्ट मैच में उतरेगी. लेकिन ऐसा नहीं है कि वो इस ग्राउंड से अनजान हैं. उन्हें यहाँ तीन वनडे मैचों में दो जीतने का अनुभव है.
भले ही न्यूज़ीलैंड के लिए इस मैदान पर ये पहला टेस्ट मैच है. न्यूज़ीलैंड की टीम इस बार भी गेंदबाज़ी स्क्वॉड के साथ मैदान में होगी.
तो बल्लेबाज़ी में कप्तान केन विलियम्सन और मध्यक्रम में रॉस टेलर समेत टॉम लैथम, टॉम ब्लंडल जैसे ओपनर मौजूद हैं. हाल के दिनों में इन दोनों ने टीम को अच्छी शुरुआत दी है.
इसके बाद खुद कप्तान केन विलियम्सन आते हैं, जो फ़िलहाल टेस्ट की रैंकिंग में नंबर-1 पर विराजमान हैं. न्यूज़ीलैंड का मिडिल ऑर्डर टीम इंडिया की तरह ही मज़बूत है. दिग्गज रॉस टेलर के अलावा हेनरी निकोल्स, बीजे वॉटलिंग इस टीम के मज़बूत स्तंभ हैं.
टीम इंडिया को जिस एक कीवी क्रिकेटर पर विशेष ध्यान रखना होगा, वो हैं ख़ब्बू बल्लेबाज़ डेवोन कॉनवे जिन्होंने अपने करियर के पहले ही टेस्ट में दोहरा शतक बनाया और दूसरे टेस्ट में भी 80 रनों की अहम पारी खेली. यह उनका तीसरा टेस्ट मैच है.
टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड से सबसे बड़ी चुनौती उसके बॉलिंग डिपार्टमेंट से मिलेगी. क्योंकि इंग्लैंड की कंडीशन न्यूज़ीलैंड के लिए ज़्यादा आरामदायक है, जैसा कि मेजबान टीम के साथ दो टेस्ट की सिरीज़ के दौरान देखने को भी मिला.
न्यूज़ीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी, नील वैगनर, काइल जैमिसन जैसे तेज़ गेंदबाज़ हैं, तो वहीं मिशेल सैंटनर जैसा स्पिनर भी है. ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी का भारत के ख़िलाफ़ शानदार रिकॉर्ड भी रहा है, तो जैमिसन ने हाल के दिनों में काफ़ी शानदार प्रदर्शन किया है.
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दो टेस्ट खेल कर न्यूज़ीलैंड की टीम यहाँ के मौसम में ढल गई है और जिस तरह से इसने घरेलू टीम को घुटने टेकने पर मजबूर किया है.
भारत vs न्यूज़ीलैंडः टेस्ट में किसका पलड़ा भारी?
बात अगर दोनों टीमों के बीच टेस्ट मैचों की करें, तो ये 1955 से लेकर अब तक कुल 59 बार टेस्ट मुक़ाबले में भिड़ी हैं. भारत ने कुल 21 टेस्ट मैच में जीत हासिल की है, जबकि न्यूज़ीलैंड 12 मैच में जीत पाया है. शेष 26 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं.
जहाँ न्यूज़ीलैंड की धरती पर भारत को पाँच जीत हासिल हुई. वहीं भारत में खेलते हुए न्यूज़ीलैंड दो टेस्ट जीत सका है. यानी रिकॉर्ड के मुताबिक़ पलड़ा भारतीय टीम का ही भारी रहा है.
अपनी घरेलू पिच पर दोनों ही टीमें बेहतरीन रिकॉर्ड रखती हैं और मेज़बान की पिचों पर मैच जीतना मेहमान टीम के लिए आसान नहीं रहा है. 2010 से अब तक न्यूज़ीलैंड में खेले गए सिरीज़ में भारत की हार हुई है तो भारतीय पिचों पर ब्लैक कैप्स की.
अपनी घरेलू पिचों पर दोनों ही टीमें शेर हैं. लेकिन ये पहली बार न्यूट्रल वेन्यू पर आपस में भिड़ रही हैं. और सबसे अहम बात कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल तक के सफ़र में न्यूज़ीलैंड जहाँ बिना कोई सिरीज़ हारे पहुँची है वहीं भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड के हाथों ही 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था.
भारतीय टीम ने 1971 में एक और 1986 में दो टेस्ट जीत कर सिरीज़ अपने नाम की तो 2002 में लॉर्ड्स टेस्ट हारने के बाद हेडिंग्ले में पारी के अंतर से इंग्लैंड को हराकर सिरीज़ ड्रॉ किया था. 2007 में तीन टेस्ट मैचों की सिरीज़ 1-0 से जीती. वहीं 2014 और 2018 में एक एक टेस्ट जीतने के बाद भी उसे सिरीज़ में हार का सामना करना पड़ा था.
ख़ास बात ये है कि जो सात जीत भारतीय टीम को इंग्लैंड में मिली हैं उनमें से चार बीते 10 सालों के दौरान हासिल हुई हैं.
बात अगर न्यूज़ीलैंड की करें तो उसने इंग्लैंड की सरजमीं पर 56 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें 30 मैचों में इंग्लैंड तो 6 टेस्ट में न्यूज़ीलैंड की जीत हुई है. यहाँ सबसे अहम बात यह है कि इसी महीने एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड को हरा कर सिरीज़ अपने नाम करने वाली न्यूज़ीलैंड की टीम का मनोबल काफ़ी ऊँचा है.
भारत को इंग्लैंड में इस साल अगस्त-सितंबर के महीने में पाँच टेस्ट मैचों की सिरीज़ खेलनी है. निश्चित ही वो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीत कर और रैकिंग में नंबर एक टीम बन कर ही इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैदान में उतरना चाहेगा.
वहीं न्यूज़ीलैंड की टीम नंबर-1 की रैंकिंग को बरकरार रखना चाहेगी. हालांकि भारत को जहाँ यह मुकाम हासिल करने के लिए इस फ़ाइनल को जीतना ही होगा वहीं न्यूज़ीलैंड की टीम मैच ड्रॉ रहने की स्थिति में भी पहले पायदान पर बनी रहेगी.
कौन किस पर है भारी?
इंग्लैंड को हरा कर न्यूज़ीलैंड की टीम का मनोबल काफ़ी ऊंचा है. इंग्लैंड में गेंदबाज़ी करना न्यूज़ीलैंड की टीम के लिए कमोबेश उनके घरेलू कंडीशंस के समान ही होता है. ऐसे में अगर मौसम उनके अनुकूल रहा तो पलड़ा निश्चित ही उनका भारी हो सकता है लेकिन पिच जैसे ही सूखने लगेगी तो भारतीय स्पिनर हावी हो सकते हैं.
न्यूज़ीलैंड के पूर्व तेज़ गेंदबाज रिर्चड हैडली कहते हैं, "दोनों देशों के बीच मौसम की भी अपनी भूमिका होगी. अगर ठंड अधिक होगी तो पलड़ा न्यूज़ीलैंड के पक्ष में भारी होगा. ऐसी परिस्थिति में ड्यूक्स गेंदें वैसे तो दोनों टीमों के स्विंग गेंदबाज़ों के पक्ष में काम करेगी और न्यूज़ीलैंड के पास टिम साउदी, बोल्ट और जैमीसन जैसे बेहतरीन स्विंग गेंदबाज़ हैं. ऐसे में ऑफ़ स्टंप से बाहर जाती गेंद दोनों टीमों के बल्लेबाज़ों के लिए चुनौती होगी."
"दोनों ही टीमों में बेहतरीन और उच्चकोटि के बल्लेबाज़ हैं लिहाजा ये मुक़ाबला दिलचस्प होगा. कौन जीतेगा ये कहना मुश्किल है. तो जो टीम इंग्लैंड के प्लेइंग कंडीशन में तेज़ी से सबसे अनुकूल तरीक़े से तैयार होगी उसका पलड़ा भारी होगा."
तो इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर फिल टफनेल का मानना है कि पलड़ा भारतीय टीम का भारी हो सकता है क्योंकि उसके पास रविचंद्रन अश्विन जैसे स्पिनर हैं. साथ ही वे कहते हैं कि भारतीय बल्लेबाज़ी भी न्यूज़ीलैंड से कुछ बेहतर है. (bbc.com)
ब्रिस्टल, 17 जून| डेब्यू करने वाली सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा (96) और स्मृति मंधाना (78) रन की अर्धशतकीय पारी से भारतीय महिला टीम ने यहां काउंटी ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मुकाबले के दूसरे दिन गुरुवार को दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में पांच विकेट पर 187 रन बना लिए हैं और वह अभी इंग्लैंड के स्कोर से 209 रन पीछे चल रही है। इंग्लैंड ने दूसरे सत्र में नौ विकेट पर 396 रन बनाकर पारी घोषित की थी। स्टंप्स तक हरमनप्रीत कौर 10 गेंदों पर एक चौके की मदद से चार रन और दीप्ति शर्मा चार गेंदों पर खाता खोल बिना क्रीज पर मौजूद हैं। इंग्लैंड की ओर से कप्तान हीथर नाइट ने दो विकेट लिए जबकि नताली स्काइवर, कैटी क्रॉस और सोफी एक्लेस्टोन को अबतक एक-एक विकेट मिले हैं।
भारत को शेफाली और मंधाना ने मजबूत शुरुआत दिलाई और दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 167 रन जोड़े। लेकिन कैटी ने शेफाली को आउट कर भारत को पहला झटका दिया और शेफाली अपने करियर के पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ने से चूक गईं। उन्होंने 152 गेंदों पर 96 रन की पारी में 13 चौके और दो छक्के जड़े।
इसके बाद मंधाना भी ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सकीं और स्काइवर ने उन्हें आउट कर पवेलियन भेजा। मंधाना ने 155 गेंदों पर 14 चौकों की मदद से 78 रन बनाए। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारतीय पारी को लड़खड़ा दिया। टीम इंडिया ने इसके बाद महज चार रन के अंतराल पर शिखा पांडे (0), कप्तान मिताली राज (2) और पूनम राउत (2) के विकेट गंवाए।
इससे पहले, इंग्लैंड ने दूसरे दिन छह विकेट पर 269 रन से आगे खेलना शुरू किया और सोफिया डंकली ने 12 तथा कैथरीन ब्रंट ने सात रन से आगे अपनी पारी बढ़ाई। हालांकि, जल्द ही गोस्वामी ने ब्रंट (8) को आउट कर दिया।
इसके बाद डंकली ने सोफी एक्लेस्टोन के साथ साझेदारी बनाई और दोनों बल्लेबाजों ने आठवें विकेट के लिए 56 रनों की साझेदारी की। लेकिन दीप्ति ने एक्लेस्टोन को आउट कर इस साझेदारी का अंत किया। एक्लेस्टोन ने 56 गेंदों पर एक चौके की मदद से 17 रन बनाए।
इंग्लैंड ने लंच तक आठ विकेट पर 357 रन बनाए थे लेकिन लंच ब्रेक के बाद स्नेह ने अन्या श्रुबसोल को आउट किया जिन्होंने 33 गेंदों पर छह चौकों और एक छक्के की मदद से 47 रन बनाए। श्रुबसोल के आउट होते ही इंग्लैंड ने पारी घोषित कर दी। इंग्लैंड की ओर से डंकली 127 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 74 रन नाबाद रहीं।
भारत की तरफ से स्नेह राणा ने चार विकेट और दीप्ति ने तीन विकेट लिए, जबकि पूजा वस्त्राकर और झूलन गोस्वामी को एक-एक विकेट मिला। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 17 जून | भारतीय महिला टीम ने यहां काउंटी ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मुकाबले के दूसरे दिन गुरूवार को टी ब्रेक तक पहली पारी में बिना विकेट खोए 63 रन बना लिए हैं और वह अभी इंग्लैंड के स्कोर से 333 रन पीछे चल रही है। इंग्लैंड ने दूसरे सत्र में नौ विकेट पर 396 रन बनाकर पारी घोषित की। चायकाल तक शैफाली वर्मा 73 गेंदों पर पांच चौकों एक छक्के की मदद से 35 और स्मृति मंधाना 65 गेंदों पर चार चौकों के सहारे 27 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।
इससे पहले, इंग्लैंड ने दूसरे दिन छह विकेट पर 269 रन से आगे खेलना शुरू किया और सोफिया डंकली ने 12 तथा कैथरीन ब्रंट ने सात रन से आगे अपनी पारी बढ़ाई। हालांकि, जल्द ही गोस्वामी ने ब्रंट (8) को आउट कर दिया।
इसके बाद डंकली ने सोफी एक्लेस्टोन के साथ साझेदारी बनाई और दोनों बल्लेबाजों ने आठवें विकेट के लिए 56 रनों की साझेदारी की। लेकिन दीप्ति ने एक्लेस्टोन को आउट कर इस साझेदारी का अंत किया। एक्लेस्टोन ने 56 गेंदों पर एक चौके की मदद से 17 रन बनाए।
इंग्लैंड ने लंच तक आठ विकेट पर 357 रन बनाए थे लेकिन लंच ब्रेक के बाद स्नेह ने अन्या श्रुबसोल को आउट किया जिन्होंने 33 गेंदों पर छह चौकों और एक छक्के की मदद से 47 रन बनाए। श्रुबसोल के आउट होते ही इंग्लैंड ने पारी घोषित कर दी। इंग्लैंड की ओर से डंकली 127 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 74 रन नाबाद रहीं।
भारत की तरफ से स्नेह राणा ने चार विकेट और दीप्ति शर्मा ने तीन विकेट लिए जबकि पूजा वस्त्राकर और झूलन गोस्वामी को एक-एक विकेट मिला।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 17 जून | हॉकी इंडिया ने इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए 16 सदस्यीय महिला हॉकी टीम की घोषणा की। हॉकी इंडिया ने बताया कि इस टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मेल है और टीम में आठ अनुभवी खिलाड़ियों को जगह दी गई है। ओलंपिक के लिए कप्तान की घोषणा बाद में की जाएगी।
आठ अनुभवी खिलाड़ियों में रानी रामपाल, सविता, दीप ग्रेस एका, सुशीला चानू पुखरमबाम, मोनिका, निकी प्रधान, नवजोत कौर और वंदना कटारिया शामिल हैं जो 2016 रियो ओलंपिक टीम में भी शामिल थीं।
मुख्य कोच शुअर्ड मरिने ने कहा, "इस टीम ने पिछले कुछ वर्षो में काफी मेहनत की है और लगातार लय बरकरार रखी है। टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मेल है जो बेहतरीन है। हम टोक्यो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हैं।"
महिला हॉकी टीम का यह तीसरा ओलंपिक होगा। टीम ने इससे पहले 1980 मॉस्को और 2016 रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था।
रियो ओलंपिक के बाद भारतीय टीम ने 2016 एशिया चैंपियंस ट्रॉफी और 2017 एशिया कप जीता था जबकि उसने 2018 एशियन खेलों में रजत पदक जीता था।
ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर, उदिता, निशा, नेहा, नवनीत कौर, शर्मिला देवी और लालरेमसियामी ओलंपिक में डेब्यू करेंगी।
भारतीय महिला हॉकी टीम इस प्रकार है :
सविता (गोलकीपर), दीप ग्रेस एका, निकी प्रधान, गुरजीत कौर, उदिता (डिफेंडर्स), निशा, नेहा, सुशीला चानू पुखरमबाम, मोनिका, नवजोत कौर, सलिमा टेटे (मिडफील्डर्स),रानी रामपाल, नवनीत कौर, लालरेमसियामी, वंदना कटारिया और शर्मिला देवी (फॉरवडर्स)। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 17 जून | इंग्लैंड महिला टीम के खिलाफ यहां बुधवार से शुरू हुए एकमात्र टेस्ट मुकाबले की पिच सपाट और स्पिनरों को मददगार वाली रही जो भारतीय महिला टीम के लिए आश्चर्यजनक रहा।
भारत की ऑफ स्पिनर स्नेह राणा ने कहा, "शुरूआत में पिच धीमी थी लेकिन बाद में यहां स्पिनरों को मदद मिली क्योंकि पिच शुरूआत से ही टर्न कर रही थी।"
इंग्लैंड की शुरूआत पहले दिन अच्छी रही थी और उसने तीसरे सत्र तक दो विकेट पर 230 रन बना लिए थे लेकिन दिन ढलने के साथ ही टीम इंडिया ने वापसी की और दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड के छह विकेट 269 रन तक गिरा दिए।
स्नेह ने कहा, "बल्लेबाजी के लिए यह पिच अच्छी थी। मुझे लगता है कि यह आगे भी ऐसी ही रहेगी।"
इस बीच, इंग्लैंड की कप्तान हीथर नाइट और पूर्व खिलाड़ी एलेजांद्रा हार्टेली ने इस्तेमाल की हुई पिच उपलब्ध कराने पर इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की आलोचना की थी। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 17 जून (आईएएनएस)| सोफिया डंकली (नाबाद 66) की अर्धशतकीय पारी से इंग्लैंड की महिला टीम ने यहां काउंटी ग्राउंड में भारत के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट मुकाबले के दूसरे दिन गुरूवार को लंच तक पहली पारी में आठ विकेट पर 357 रन बना लिए। लंच ब्रेक तक डंकली 122 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 66 रन और अन्या श्रुबसोले 18 गेंदों पर दो चौकों के सहारे 16 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। भारत की ओर से स्नेह राणा और दीप्ति शर्मा ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि पूजा वस्त्राकर और झूलन गोस्वामी को अबतक एक-एक विकेट मिला है।
इससे पहले, इंग्लैंड ने दूसरे दिन छह विकेट पर 269 रन से आगे खेलना शुरू किया और डंकली ने 12 तथा कैथरीन ब्रंट ने सात रन से आगे अपनी पारी बढ़ाई। हालांकि, जल्द ही गोस्वामी ने ब्रंट (8) को आउट कर दिया।
इसके बाद डंकली ने सोफी एक्लेस्टोन के साथ साझेदारी बनाई और दोनों बल्लेबाजों ने आठवें विकेट के लिए 56 रनों की साझेदारी की। लेकिन दीप्ति ने एक्लेस्टोन को आउट कर इस साझेदारी का अंत किया। एक्लेस्टोन ने 56 गेंदों पर एक चौके की मदद से 17 रन बनाए।
नई दिल्ली, 17 जून | पूर्व राष्ट्रीय भाला फेंक कोच काशीनाथ नाइक का कहना है कि कोच उवे हॉन और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के बीच विवाद का असर टोक्यो ओलंपिक की तैयारी कर रहे एथलीटों पर पड़ेगा। राष्ट्रीय टीम के 2013 से 2018 तक कोच रहे नाइक ने आईएएनएस से कहा, "ओलंपिक खेलों को अब 40 दिन से भी कम रह गए हैं और हॉन तथा भारत के शीर्ष भाला फेंक एथलीट एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में सब ठीक नहीं है। इस विवाद से एथलीटों का ध्यान भटक सकता है और उनके प्रदर्शन पर भी प्रभाव डाल सकता है।"
नवंबर 2017 से हॉन राष्ट्रीय शिविर के साथ हैं और उन्हें महीने में करीब पांच लाख 90 हजार का वेतन मिलता है। उनका अनुबंध भी इस साल सितंबर तक बढ़ाया गया है।
हॉन ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि सही दौरे नहीं मिलने और अच्छी फूड सप्लीमेंट नहीं मिलने के कारण ओलंपिक की तैयारी सही दिशा में नहीं चल रही है।
हॉन ने कहा था, "एथलीटों को टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के लिए उच्च स्तरीय विदेशी दौरे नहीं मिले।"
इसके एक दिन बाद भारतीय की अग्रणी महिला भाला फेंक एथलीट अनु रानी और शिवपाल सिंह इस विवाद में कूद पड़े और इन्होंने कहा कि हॉन विदेशी दौरे पर जाने के लिए ज्यादा इच्छुक हैं क्योंकि उन्होंने अन्य देशों के एथलीटों को ट्रेनिंग दी है और वह भारतीयों को नजरअंदाज करते हैं।
हॉन ने इस बारे में संदेश भेज कहा, "मैं एएफआई और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की इजाजत के बिना कुछ नहीं सक सकता। मैं अपनी नौैकरी खतरे में नहीं डाल सकता।"
एएफआई के अध्यक्ष एदिले सुमारीवाला ने फोन का जवाब नहीं दिया जबकि साई ने कहा कि हॉन सिंह और राजेंदर को ट्रेनिंग देते हैं और अनु को ट्रेनिंग नहीं देते।
साई ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा, "फरवरी से अनु हॉन के साथ ट्रेनिंग नहीं कर रही हैं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 जून| नीदरलैंड हॉकी टीम के टेक्टिशियन और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कोच रोएलान्ट ओल्टमान्स का कहना है कि भारत हॉकी में ओलंपिक में पदक जीतने का प्रबल दावेदार है। ओल्टमान्स ने कहा, "मेरे लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम उन पांच दावेदारों में से एक है जो टोक्यो में पदक जीत सकती है। टीम ने पिछले दो वर्षो में विश्व की शीर्ष टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है।"
उन्होंने कहा, "भारत ने साबित किया है कि वह ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और नीदरलैंड जैसी टीमों को हरा सकती है। हालांकि ओलंपिक में ऐसा करना थोड़ा अलग है। अगर आप मुकाबले में पीछे चल रहे हैं तो आपको घबराने और आगे चल रहे हैं तो उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। आपको हर स्थिति में नियंत्रित होकर रहना है।"
पाकिस्तान हॉकी टीम के दो बार कोच रह चुके ओल्टमान्स ने कहा कि ओलंपिक में मौसम बड़ा फैक्टर निभाएगा क्योंकि टोक्यो में काफी नमी होती है।
ओल्टमान्स ने कहा, "शारीरिक फिटनेस की बात करें तो विश्व की सभी शीर्ष टीमें एक ही स्तर पर हैं। लेकिन मौसम भारत के पक्ष में है क्योंकि उन्हें ऐसे मौसम की आदत है। वहां का मौसम यूरोप की टीमों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।" (आईएएनएस)
हाले (जर्मनी), 15 जून| विश्व के नंबर-2 खिलाड़ी रूस के डेनिल मेदवेदेव बड़े उलटफेर का शिकार हुए हैं और उन्हें नोवेंटी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में विश्व के 45वें नंबर के खिलाड़ी जर्मनी के जान लेनार्ड स्ट्रफ के हाथों हार का सामना कर बाहर होना पड़ा। लेनार्ड ने ओपनिंग राउंड के मुकाबले में मेदवेदेव को 7-6(6), 6-3 से हराया।
लेनार्ड के करियर की यह सबसे बड़ी जीत है। उनका अगले दौर में मुकाबला 76वें नंबर के खिलाड़ी अमेरिका के मार्कोस गिरोन से होगा जिन्होंने कनाडा के वासेक पोसपिसिल को 7-6(4), 7-6(6) से हराया।
इस हार के साथ ही मेदवेदेव की विंबलडन की तैयारियों को झटका लगा है। मेदवेदेव को हाल ही में फ्रेंच ओपन के क्वार्टर फाइनल में स्टेफानोस सितसिपास से हार का सामना करना पड़ा था।
इस बीच, दक्षिण अफ्रीका के लॉयड हैरिस ने आठवीं सीड फ्रेंच के गाएल मोंफिल्स को 6-4, 6-4 से हराया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी जो इस साल मार्च में दुबई ड्यूटी फ्री टेनिस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे थे, उनका सामना स्लोवाकिया के क्वालीफायर लुकास लाको से होगा।
लाको ने एक अन्य मुकाबले में अर्जेटीना के गुइडो पेला को 6-7(5), 7-5, 6-1 से हराया।
जापान के केई निशिकोरी को लिथुआनिया के रिकार्डस बेरांकिस को हराने में मेहनत करनी पड़ी। निशिकोरी ने एक घंटे 41 मिनट तक चले मुकाबले में बेरांकिस को 6-3, 2-6, 6-2 से हराया।
निशिकोरी का अगले दौर में सामना अमेरिका के सेबास्टियन कोरदा के साथ होगा जिन्होंने स्पेन के रोबटरे बतिस्ता अगुत को 6-3, 7-6(0) से हराया। (आईएएनएस)
दोहा, 16 जून | भारत और अफगानिस्तान के बीच यहां खेला गया एशियन कप 2023 और 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स का ग्रुप-ई का मुकाबला 1-1 से ड्रॉ पर समाप्त हुआ। भारत को इससे पहले कतर के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था जबकि पिछले मुकाबले में उसने बांग्लादेश को 2-0 से पराजित किया था और अब उसने अफगानिस्तान के साथ 1-1 से ड्रॉ खेला।
इस मैच में भारत ने एक भी गोल नहीं किया लेकिन इसके बावजूद वह अगले राउंड में जाने में सफल रहा। भारत के खाते में जो गोल जुड़ा वह दरअसल अफगानिस्तान के गोलकीपर ओवैस अजीजी ने किया।
इस आत्मघाती गोल की मदद से भारत ने लीड ली और उसे कायम रखने की कोशिश जारी रखी लेकिन अफगानिस्तान की तरफ से हुसैन जमानी ने 82वें मिनट में गोल कर स्कोर बराबर कर दिया।
निर्धारित समय तक दोनों टीमें बढ़त हासिल नहीं कर सकीं और यह मुकाबला 1-1- की बराबरी पर समाप्त हुआ।
भारत इस ड्रॉ के बाद क्वालीफायर्स के तीसरे और अंतिम राउंड में पहुंच गया है। अफगानिस्तान ने भी आगे का टिकट कटा लिया है।
भारत ग्रुप- ई में आठ मैचों में सात अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। उन्होंने केवल एक मैच जीता, तीन हारे और चार गेम ड्रॉ रहे। भारत ने छह गोल किए और सात गोल खाए।
अफगानिस्तान आठ मैचों में छह अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहा, जिसमें से उसने एक जीता और चार हारे। तीन गेम ड्रॉ रहे।
पूल में अपराजित अकेली टीम कतर ने आठ मैचों में सात जीत और एक ड्रॉ के साथ 22 अंकों के साथ समूह में शीर्ष स्थान हासिल किया। ओमान सात मैचों में से पांच जीत में से 15 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। उसे एक और मैच खेलना है।(आईएएनएस)