खेल
भारतीय तीरंदाज़ दीपिका कुमारी रविवार को पेरिस में आयोजित तीरंदाजी विश्वकप (स्टेज़ 3) में तीन गोल्ड मेडल जीतकर वर्ल्ड रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंच गई हैं.
दीपिका ने महिलाओं की व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा के फाइनल राउंड में रूसी खिलाड़ी एलेना ओसिपोवा को 6-0 से हराकर तीसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया. इससे पहले उन्होंने मिक्स्ड राउंड और महिला टीम रिकर्व स्पर्धा में भी गोल्ड मेडल हासिल किया. दीपिका ने मात्र पाँच घंटे में ये तीनों गोल्ड मेडल हासिल किए हैं.
दीपिका इससे पहले मात्र 18 साल की उम्र में वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी बन चुकी हैं. अब तक विश्व कप प्रतियोगिताओं में 9 गोल्ड मेडल, 12 सिल्वर मेडल और सात ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं दीपिका की नज़र अब ओलंपिक मेडल पर है.
दीपिका अगले महीने टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के लिए जापान जा रही हैं. ख़ास बात ये है कि भारत की ओर से जा रही तीरंदाजी टीम में वह अकेली महिला हैं.
झारखंड के बेहद ग़रीब परिवार में जन्म लेने वाली 27 वर्षीय दीपिका ने पिछले 14 सालों में एक लंबा सफर तय किया है.
तीरंदाजी सीखने के लिए अपने घर से निकलते हुए दीपिका के मन में एक संतोष इस बात का था कि उनके जाने से परिवार पर एक बोझ कम हो जाएगा. लेकिन आज दीपिका ने अपने दम पर परिवार का आर्थिक और सामाजिक दर्जा ऊंचा किया है.
दीपिका के पिता शिव नारायण महतो एक ऑटो-रिक्शा ड्राइवर के रूप में काम किया करते थे. वहीं, उनकी माँ गीता महतो एक मेडिकल कॉलेज में ग्रुप डी कर्मचारी के रूप में काम करती हैं.
ओलंपिक महासंघ ने एक शॉर्ट फिल्म बनाई है जिसमें दीपिका और उनके परिवार ने दीपिका के सफर से जुड़ी चुनौतियों का ज़िक्र किया है.
दीपिका के पिता शिव नारायण बताते हैं, “जब दीपिका का जन्म हुआ तब हमारी आर्थिक हालत बहुत ख़राब थी. हम बहुत ग़रीब थे. हमारी पत्नी 500 रुपये महीना तनख़्वाह पर काम करती थी. और मैं एक छोटी सी दुकान चलाता था.”
इस फिल्म में ही दीपिका बताती हैं कि उनका जन्म एक चलते हुए ऑटो में हुआ था क्योंकि उनकी माँ अस्पताल नहीं पहुंच पायी थीं.
14 बरस की उमर में उठाया तीर-धनुष
कहते हैं कि ज़िंदगी में बहुत कुछ संयोगवश होता है. 14 साल की उम्र में पहली बार धनुष-बाण उठाने वाली दीपिका का तीरंदाजी की दुनिया में प्रवेश भी संयोगवश हुआ. और उन्होंने अपनी शुरुआत बांस के बने धनुष बाण से की.
दीपिका कहती हैं कि “वह तीरंदाज़ी के प्रति इतनी दीवानी हैं क्योंकि उन्होंने इस खेल को नहीं बल्कि इस खेल ने उन्हें चुना है.”
तीरंदाजी की दुनिया में अपनी एंट्री की कहानी बताते हुए दीपिका कहती हैं, “साल 2007 में जब हम नानी के घर गए तो वहां पर मेरी ममेरी बहन ने बताया कि उनके वहां पर अर्जुन आर्चरी एकेडमी है.
जब उसने ये बोला कि वहां पर सब कुछ फ्री है. किट भी मिलती है, खाना भी मिलता है. तो मैंने कहा कि चलो अच्छी बात है, घर का एक बोझ कम हो जाएगा. क्योंकि उस समय आर्थिक संकट बहुत गहरा था.”
लेकिन जब दीपिका ने अपनी ख़्वाहिश पिता के सामने रखी तो वह निराश हो गयीं.
दीपिका बताती हैं, “राँची एक बहुत ही छोटी और रूढ़िवादी जगह है. मैंने जब पिता को बताया कि मुझे आर्चरी सीखने जाना है तो उन्होंने मना कर दिया.”
दीपिका के पिता बताते हैं कि उनका समाज लड़कियों को घर से इतना दूर भेजना ठीक नहीं मानता है.
वे कहते हैं, “छोटी सी बेटी को कोई भी अगर 200 किलोमीटर दूर भेज दे तो लोग क्या कहते हैं, कहते हैं कि ‘अरे बच्ची को खिला नहीं पा रहे थे, इसीलिए भेज दिया...”
लेकिन दीपिका आखिरकार राँची से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित खरसावाँ आर्चरी एकेडमी तक पहुंच गयीं.
लेकिन ये चुनौतियों की शुरुआत भर थी. एकेडमी ने उन्हें पहली नज़र में ख़ारिज कर दिया क्योंकि दीपिका बेहद पतली-दुबली थीं. दीपिका ने एकेडमी से तीन महीने का समय माँगा और खुद को साबित करके दिखाया.
एकेडमी में दीपिका की ज़िंदगी का जो दौर शुरू हुआ वह काफ़ी चुनौती पूर्ण था.
दीपिका बताती हैं, “मैं शुरुआत में काफ़ी रोमांचित थी. क्योंकि ये सब कुछ नया - नया सा हो रहा था. लेकिन कुछ समय बाद मेरे सामने कई तरह की समस्याएं आईं जिससे मैं निराश हो गयी.
एकेडमी में बाथरूम नहीं थे. नहाने के लिए नदी पर जाना पड़ता था. और रात में जंगली हाथी आ जाते थे. इसलिए रात में वॉशरूम के लिए बाहर निकलना मना था. मगर धीरे-धीरे जब तीरंदाज़ी में मजा आने लगा तो वो सब चीज़ें गौण होने लगीं. मुझे धनुष जल्दी मिल गया था और मैं जल्दी शूट भी करने लगी थी. ऐसे में धीरे-धीरे रुचि बढ़ने लगी और फिर तीरंदाज़ी से प्यार हो गया.”
जब दीपिका को मिले ‘द्रोणाचार्य’
दीपिका ने शुरुआत में ज़िला स्तरीय प्रतियोगिताओं से लेकर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. कुछ प्रतियोगिताओं में इनाम राशि 100, 250 और 500 रुपये तक होती थी. लेकिन ये भी दीपिका के लिए काफ़ी महत्व रखती थीं.
इसी दौरान 2008 में जूनियर वर्ल्ड चेंपियनशिप के ट्रायल के दौरान दीपिका की मुलाक़ात धर्मेंद्र तिवारी से हुई जो कि टाटा आर्चरी एकेडमी में कोच थे.
दीपिका बताती हैं, “धर्मेंद्र सर ने मुझे सलेक्ट किया और मुझे खरसावां से टाटा आर्चरी एकेडमी लेकर आए. मुझे वो जगह इतनी पसंद आई कि मैंने वहां घुसते ही एक दुआ माँगी कि भगवान में ज़िंदगी भर यहीं रहूं. और मेरी दुआ पूरी भी हुई.”
धर्मेंद्र तिवारी वर्तमान में भी दीपिका के कोच हैं. दुनिया की नंबर वन तीरंदाज बनने से जुड़ा दीपिका का अनुभव बेहद मज़ेदार है.
दीपिका ने अपने एक इंटरव्यू में बताया है कि जब साल 2012 में वह दुनिया की नबंर वन तीरंदाज बन गईं तब उन्हें ये पता ही नहीं था कि वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन होने का मतलब क्या होता है.
इसके बाद उन्होंने अपने कोच से इसके बारे में पूछा तब पता चला कि नंबर वन बनने के मायने क्या होते हैं.
जब हाथ से निकला ओलंपिक मेडल
लेकिन इसके बाद दीपिका के जीवन में एक झटका आया जब ओलंपिक में वो ब्रितानी खिलाड़ी एमी ओलिवर से 6-2 से हार गयीं.
दीपिका बताती हैं कि ये उनकी ज़िंदगी का बेहद तनाव भरा समय था. मैच के बाद दीपिका ने बीबीसी संवाददाता पंकज प्रियदर्शी के साथ बातचीत में अपना अनुभव साझा किया था.
दीपिका ने बताया था कि “इस मैच में हवा काफ़ी ज़्यादा तेज थी. और मैंने पहली बार ऐसी हवा का अनुभव किया था. हवा ने मुझे ज़्यादा कनफ़्यूज़ कर दिया और जब तक मैं हवा का रुख समझ पाती तब तक मैच ख़त्म हो गया.”
बीबीसी संवाददाता ने सवाल पूछा कि क्या वर्ल्ड नंबर वन होने का कोई दबाव था.
इस पर दीपिका ने कहा था, “नहीं, वो दोनों चीज़ें अलग हैं. मैं इतने सारे गेम खेलकर वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी बनी हूं. लेकिन ओलंपिक सिर्फ एक गेम है. इसमें मारना बहुत अलग बात है. आप अंदर जाकर देखिए कि कैसे मारते हैं खिलाड़ी. मैं भी पहली बार इसका सामना कर रही हूं. और ये मेरा पहला ओलंपिक है. मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं था. मुझे बस अपना अच्छा प्रदर्शन करना था.”
हालांकि बाद में एक इंटरव्यू में दीपिका ने ये स्वीकार किया था कि ओलंपिक के दौरान वह काफ़ी दबाव से गुज़र रही थीं. और उनकी तबीयत भी ख़राब हो गयी थी.
इसके बाद रियो ओलंपिक में भी दीपिका के हाथों निराशा लगी. अब दीपिका एक बार फिर टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने की तैयारी कर रही हैं. साल 2012 की तरह इस बार भी वह ओलंपिक से ठीक पहले वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी बन चुकी हैं.
बीते 13 सालों में दीपिका ने कई गोल्ड मेडल जीते हैं, अपने परिवार की आर्थिक हालत को सुधारा है और पिछले साल ही तीरंदाज अतानु दास से शादी की है.
खरसावां से लेकर टाटा आर्चरी एकेडमी समेत पूरे भारत में बच्चे दीपिका कुमारी को एक रोल मॉडल के रूप में देखते हैं.
तीन ओलंपिक खेलों के बीच दीपिका ने एक महिला के रूप में भी काफ़ी लंबा सफर तय किया है. ऐसे में देखना ये होगा कि दीपिका किस तरह तमाम दबावों और चुनौतियों पर पार पाकर ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना सच करती हैं. (bbc.com)
क्रोएशिया के ओसिजेक में खेले जा रहे आईएसएसएफ़ शूटिंग वर्ल्ड कप में भारतीय शूटर राही सरनोबत ने 25 मीटर महिला वर्ग में गोल्ड मेडल जीत लिया है.
हालांकि इसी इवेंट में मनु भाकर सातवें स्थान पर रहीं.
इसी टूर्नामेंट में भारत पहले ही एक सिल्वर और दो कांस्य पदक जीत चुका है.
सरनोबत का गोल्ड मेडल इस गेम में भारत का पहला स्वर्ण पदक है. (bbc.com)
-आदेश कुमार गुप्त
टोक्यो ओलंपिक के लिए पहले ही अपना टिकट पक्का कर चुके और पदक के दावेदार भारत के स्टार एथलीट जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इसी महीने पुर्तगाल के लिस्बन शहर में हुए मीटिंग सिडडे डी लिस्बोआ टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
उन्होंने पाँच पुर्तगाली प्रतिभागियों के बीच 83.18 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता.
नीरज चोपड़ा ने यह दूरी अपने छठे और अंतिम प्रयास में नापी. पुर्तगाल के लिएंड्रो रामोस 72.46 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे और पुर्तगाल के ही फ़्रांसिस्को फ़र्नांडीस 57.25 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
आख़िरी थ्रो में लय हासिल की
पुर्तगाल में नीरज चोपड़ा और दूसरे एथलीटों में दूरी का अंतर बताता है कि प्रतियोगिता का स्तर कैसा था.
वैसे नीरज चोपड़ा ख़ुद लगभग 18 महीने बाद किसी अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे इसलिए यह जीत उनके मनोबल को बढ़ाएगी. नीरज चोपड़ा का शुरूआती थ्रो 80.71 मीटर का था और इसके बाद उनके लगातार दो थ्रो फ़ाउल साबित हुए.
उनका चौथा थ्रो 78.50 मीटर का था, जबकि पाँचवाँ थ्रो फ़ाउल रहा, लेकिन छठा थ्रो उन्होंने कमाल का किया और 83.18 मीटर की दूरी के साथ सर्वश्रेष्ठ भी साबित हुआ. नीरज चोपड़ा इसी साल मार्च में पटियाला में हुई इंडियन ग्रॉ प्री में 88.07 मीटर तक थ्रो कर चुके हैं, जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
पुर्तगाल में वह इससे काफ़ी पीछे रहे, लेकिन इसका कारण दूसरे प्रतिभागियों का कमज़ोर प्रदर्शन भी रहा. जब खिलाड़ी कम दम लगाकर भी स्वर्ण पदक जीत सकता है तो वह अधिक कोशिश क्यों करेगा.
क्यों महत्वपूर्ण है यह स्वर्ण पदक
अब सवाल यह उठता है कि क्या इस प्रदर्शन के आधार पर माना जा सकता है कि नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में पदक जीत ही लेंगे. इस सवाल के जवाब के लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा.
कुछ ही महीने पहले फ़रवरी के अंतिम सप्ताह में पटियाला में हुई इंडियन ग्रॉ प्री-2 में मुझे इंडियन एथलेटिक्स फ़ेडेरेशन की ओर से कमेंट्री करने का अवसर मिला और वहीं नीरज चोपड़ा से मुलाक़ात भी हुई.
तब नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो के मुक़ाबलों में हिस्सा तो नहीं लिया था, लेकिन ख़ुश थे कि कोरोना काल के कारण लंबे समय से अभ्यास से दूर खिलाड़ियों को किसी प्रतियोगिता में भाग लेने का मौक़ा तो मिला.
नीरज चोपड़ा की पैनी नज़र जैवलिन थ्रो के इवेंट में शामिल हर खिलाड़ी पर थी. उन्होंने बताया था कि वह प्रतियोगिता उनके तय कार्यक्रम में नहीं थी, लेकिन वह आने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे.
नीरज चोपड़ा के नाम तब भी 88.06 मीटर के थ्रो का राष्ट्रीय रिकार्ड था. इस शानदार कामयाबी का राज़ उन्होंने साल साल 2018 में हुए एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हुई तैयारी को माना. इसके बाद वह कंधे की चोट का शिकार हो गए और तमाम प्रतियोगिताओं से भी दूर हो गए
पुर्तगाल में स्वर्ण पदक जीतने से पहले पिछले दिनों नीरज चोपड़ा की निराशा और व्यथा उन्हीं के शब्दों में तब बयां हुई, जब उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के बिना उनसे टोक्यो में पदक की उम्मीद ना करें, क्योंकि प्रतिद्वंदिता के अभाव में केवल घर में अभ्यास करने से खिलाड़ी के स्तर में सुधार नहीं होता.
नीरज चोपड़ा ने साफ़ साफ़ कहा कि भारत में सभी खिलाड़ी से ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद लगा लेते हैं, जबकि ऐसा करना मुश्किल होता हैं, क्योंकि बाक़ी विदेशी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन भारत के खिलाड़ी ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा भर हैं. उनके बीच वह बेहद मुश्किल से 80-82 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर पा रहे थे.
तीन महीने पहले सुधारा अपना ही राष्ट्रीय रिकार्ड
साल 2019 नीरज चोपड़ा के लिए बेहद मुश्किलों भरा रहा. वह कंधे की चोट से जूझते रहे और जब फ़िट हुए, तो कोरोना के कारण देसी और विदेशी प्रतियोगिताएँ एक के बाद एक कर रद्द हो गईं. आख़िरकार इसी साल मार्च के पहले सप्ताह में पटियाला में ही हुई इंडियन ग्रॉ प्री-3 में उन्होंने नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया.
एक साल बाद शानदार वापसी करते हुए उन्होंने 88.07 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा. इससे पहले उन्होंने साल 2018 में जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में 88.07 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था और स्वर्ण पदक भी जीता था.
इससे पहले उन्होंने गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी 86.47 मीटर के जैवलिन थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था.
नीरज चोपड़ा ने साल 2017 में जनवरी में दक्षिण अफ्रीका में हुई सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो कर 85 मीटर के बैंचमार्क को पार कर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई किया. इससे पहले कोहनी की चोट के कारण उन्हें सर्जरी भी करानी पड़ी.
क्यों हैं टोक्यो ओलंपिक में पदक के दावेदार
अपने पहले ही ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे नीरज चोपड़ा से टोक्यो में पदक की उम्मीद इसलिए है, क्योंकि पिछली बार रियो में हुए ओलंपिक में जर्मनी के थॉमस रोहलर ने 90.30 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण, कीनिया के जूलियस येगो ने 88.24 मीटर के साथ रजत और त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोरन वाल्कॉट ने 85.38 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता.
ऐसे में अगर नीरज चोपड़ा अपना वर्तमान रिकार्ड थ्रो 88.07 मीटर ही दोहरा दें, तो उनसे टोक्यो में पदक की उम्मीद तो की ही जा सकती है.
जूनियर स्तर से ही दिखाया दमख़म
हरियाणा के पानीपत ज़िले में जन्में 23 साल के नीरज चोपड़ा अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट है. उन्होंने पोलैंड में साल 2016 में हुई आईएसएसएफ U-20 विश्व चैंपियनशिप में यह उपलब्धि हासिल की.
साल 2016 में ही उन्होंने दक्षिण एशियाई खेलों में 82.23 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद साल 2017 में उन्होंने 85.23 मीटर तक जैवलिन थ्रो कर एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता.
फ़िटनेस पर देना होगा ध्यान
पुर्तगाल में मिले अनुभव ने नीरज चोपड़ा की अंतरराष्ट्रीय अनुभव ना मिलने की शिकायत को तो दूर कर दिया हैं, लेकिन ओलंपिक में पदक पाने के लिए उन्हें अपनी फ़िटनेस पर और ध्यान देना होगा ताकि वह आसानी से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बरक़रार रख सकें. अब तो टोक्यो ओलंपिक की उलटी गिनती भी शुरू हो चुकी है.
जैवलिन थ्रोअरों के लिए पिछले ही दिनों दो क्रॉफ्ट ट्रेनिंग गेराट ( केटीजी ) यानी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मशीन भी पटियाला पहुँच चुकी है. जर्मनी में बनी इस एक मशीन की क़ीमत 50 लाख रुपए है, जो पिछले साल ही आ जाती लेकिन कोविड के कारण नहीं आ सकी.
इससे थ्रो करने की ताक़त बढ़ती है. नीरज चोपड़ा और दूसरे जैवलिन थ्रो करने वाले खिलाड़ियों ने इसका इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है.
भारतीय एथलेटिक्स फ़ेडेरेशन इसी महीने 25 से 29 जून तक पटियाला में राष्ट्रीय अंतराज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन करेगी, जो ओलंपिक का कोटा हासिल करने का अंतिम अवसर होगा.
कोरोना को देखते हुए विदेशी एथलीट भारत आने से डर रहे हैं. अगर कुछ विदेशी एथलीट यहाँ आते, तो कड़ी प्रतिस्पर्धा होती और नीरज चोपड़ा सहित भारत के बाक़ी एथलीटों को भी अपनी ताक़त का अंदाज़ा लगता.
ओलंपिक जैसे बड़े खेल मेले में मिल्खा सिंह और पीटी उषा थोड़े से अंतर से ही पदक जीतने से चूक गए थे, तो ऐसे में नीरज चोपड़ा का तन और मन से फ़िट रहना बेहद ज़रूरी है, ख़ासकर यह देखते हुए कि वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर उनमें टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल करने की क्षमता और दमख़म है. (bbc.com)
रोम, 28 जून | भारत के श्रीहरि नटराज ने रविवार को सेटे कोली ट्रॉफी में टाइम ट्रायल के दौरान पुरुषों के 100 मीटर बैकस्ट्रोक में टोक्यो ओलंपिक खेलों के क्वालीफिकेशन समय को तोड़ दिया, लेकिन उनके इस कारनामे को अभी तक अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ (एफआईएनए) से मंजूरी नहीं मिली है। नटराज ने 53.77 सेकेंड का समय निकाला, जो ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय 53.85 सेकेंड से तेज था। अगर फिना ने उनके समय को मंजूरी दे दी, तो बेंगलुरु का 20 वर्षीय तैराक क्वालीफिकेशन में कटौती करने वाला दूसरा भारतीय बन जाएगा, जो ओलंपिक के लिए एक स्वचालित बर्थ की गारंटी देता है।
नटराज का 53.77 सेकेंड का प्रदर्शन भी उनके अपने पिछले राष्ट्रीय रिकॉर्ड 54.07 सेकेंड से बेहतर है।
उम्मीद की जा रही है कि फिना अगले हफ्ते नटराज की टाइमिंग पर फैसला दे सकती है।
शनिवार को, भारत के साजन प्रकाश रोम में पुरुषों की 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय हासिल करने वाले पहले भारतीय तैराक बन गए। प्रकाश ने 1:56.38 सेकेंड का समय निकाला, जो ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय 1:56.48 सेकेंड से बेहतर था।
तैराकी में ओलंपिक क्वालीफाइंग की समय सीमा रविवार तक थी। (आईएएनएस)
टोक्यो, 27 जून| जापान सरकार ने भारत सहित छह दक्षिण एशियाई देशों के टोक्यो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वालों को जापान रवाना होने से पहले सात दिनों तक हर दिन कोविड-19 परीक्षण करने के लिए कहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जापान के सरकारी प्रसारक एनएचके ने रविवार को कहा कि भारत, नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और अफगानिस्तान के एथलीटों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सभी सदस्यों को डेल्टा संस्करण के प्रसार के कारण सख्त जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, जिसे पहली बार भारत में पहचाना गया था।
एनएचके ने कहा कि उपाय 1 जुलाई से प्रभावी होंगे।
इन देशों के प्रतिभागियों को जापान में प्रवेश करने से पहले ही टीकाकरण की आवश्यकता होती है, जो अन्य प्रतिनिधिमंडलों के एथलीटों के लिए पूर्व शर्त नहीं है।
सभी विदेशी टीमों को प्रस्थान से चार दिनों के भीतर दो बार सदस्यों का परीक्षण करना चाहिए, और हर दिन सिद्धांत रूप में जापान पहुंचने के बाद।
नवीनतम चरण में मिस्र, वियतनाम, मलेशिया, ब्रिटेन और बांग्लादेश के प्रतिभागियों को प्रस्थान से तीन दिन पहले हर दिन परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 27 जून | टैमी ब्यूमोंट (नाबाद 87) और नताली शिवर (नाबाद 74) की बेहतरीन पारियों की मदद से इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को यहां खेले गए पहले वनडे मुकाबले में भारत को 8 विकेट से हरा दिया। 201 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लिश टीम ने अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर 34.5 ओवरों में ही लक्ष्य हासिल कर लिया। मेजबान टीम ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की लीड ले ली है।
इंग्लैंड ने लॉरेन हिल (16) और हीदर नाइट (18) के विकेट गंवाए। टैमी ने 87 गेंदों का सामना कर 11 चौके और दो छक्के लगाए जबकि नताली ने 74 गेंदों पर 10 चौके और एक छक्का लगाया।
भारत की ओर से झूलन गोस्वामी और एकता बिष्ट ने एक-एक विकेट लिया।
दोनों टीमों के बीच दूसरा वनडे टान्टन में 30 जून को खेला जाएगा।
इससे पहले, अपने करियर के 22वें साल में प्रवेश कर चुकीं अनुभवी बल्लेबाज औ्र कप्तान मिताली राज के शानदार अर्धशतक की बदौलत भारत इंग्लैंड के सामने 202 रनों का लक्ष्य रखा।
टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी कर रही भारतीय टीम ने 108 गेंदों पर सात चौके लगाने वाली मिताली और 32 रन बनाने वाली पूनम राउत तथा 30 रनों की पारी खेलने वाली दीप्ति शर्मा की अच्छी पारियों की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट पर 201 रन बनाए।
पूनम ने 61 गेंदों का सामना कर चौके लगाए जबकि दीप्ति ने 46 गेंदों का सामना कर तीन बार गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेजा।
इसके अलावा पूजा वस्त्राकर और शेफाली वर्मा ने 15-15 रनों की पारी खेली।
इंग्लैंड की ओर से सोफी एसलेस्टन ने तीन विकेट लिए जबकि कैथरीन ब्रंट और आन्या सुब्रसोल ने दो-दो सफलता हासिल की। (आईएएनएस)
पेरिस, 27 जून | भारत की पति-पत्नी जोड़ी-अतनु दास और दीपिका कुमारी ने रविवार को यहां तीरंदाजी विश्व कप चरण 3 में मिश्रित रिकर्व टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। दास और दीपिका ने अच्छी तरह से संयुक्त रूप से नीदरलैंड पर 5-3 से जीत हासिल कर भारत को दिन का दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। नीदरलैंड को चांदी से संतोष करना पड़ा।
सेमीफाइनल में, भारतीय टीम ने स्पेन को 5-3 से हराया और क्वार्टर फाइनल में उनकी शिकार यूएसए टीम थी जिसे उसने 6-0 से हराया था।
भारत ने रिकर्व महिला टीम स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता। दीपिका, कोमलिका बारी और अंकिता भक्त की टीम ने मेक्सिको को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
शनिवार को भारत के अभिषेक वर्मा ने पुरुषों के कंपाउंड इवेंट में यूएसए के क्रिस शैफ को हराकर स्वर्ण पदक जीता।
शनिवार को खिताब जीतकर वर्मा ने साल के अंत में होने वाले विश्व कप फाइनल के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है।
भारत की कंपाउंड तीरंदाजी टीम ग्वाटेमाला सिटी में विश्व कप के उद्घाटन सत्र से चूक गई क्योंकि भारतीय टीम के सदस्यों में से एक ने प्रस्थान से पहले कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया और पूरी टीम को मैदान में उतारा गया।
2019 ओलंपिक योग्यता चक्र में, दीपिका ने टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए एक व्यक्तिगत स्पर्धा में क्वालीफाई किया था, जबकि अतनु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव की पुरुष रिकर्व टीम ने नीदरलैंड में 2019 विश्व चैंपियनशिप के दौरान पुरुष वर्ग में टीम कोटा स्थान हासिल किया था। (आईएएनएस)
पेरिस, 27 जून | भारतीय रिकर्व महिला टीम ने रविवार को यहां तीरंदाजी विश्व कप चरण 3 में मेक्सिको को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। पेरिस विश्व कप 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों से पहले आखिरी वैश्विक प्रतियोगिता है।
फाइनल में पहुंचने के रास्ते में, भारत ने सेमीफाइनल में फ्रांस को 6-2 से हराया और क्वार्टर फाइनल में तुर्की को 6-0 से हराया।
पिछले सप्ताहांत, भारतीय महिला रिकर्व तीरंदाजी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी और ओलंपिक के लिए महिला टीम कोटा स्थान से चूक गई। भारत ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट से बाहर होने के लिए पहले मैच में कोलंबिया से 0-6 से हार गया।
दीपिका कुमारी, कोमलिका बारी और अंकिता भकत की टीम ओलंपिक क्वालीफिकेशन से बाहर होने के लिए कोलंबिया से अपना पहला मैच हार गई।
भारतीय तीरंदाजों के लिए ओलंपिक खेलों के लिए महिला टीम कोटा स्थान जीतने का यह आखिरी मौका था।
मेक्सिको, अमेरिका और इटली तीन शीर्ष टीमें थीं और उन्होंने ओलंपिक खेलों के लिए रिकर्व महिला टीम कोटा स्थान जीता।
2019 ओलंपिक योग्यता चक्र में, दीपिका ने टोक्यो ओलंपिक के लिए एक व्यक्तिगत स्पर्धा में क्वालीफाई किया था, जबकि अतनु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव की पुरुष रिकर्व टीम ने नीदरलैंड में 2019 विश्व चैंपियनशिप के दौरान पुरुष वर्ग में टीम कोटा स्थान हासिल किया था। (आईएएनएस)
ब्रिस्टल, 27 जून | अपने करियर के 22वें साल में प्रवेश कर चुकीं अनुभवी बल्लेबाज औ्र कप्तान मिताली राज के शानदार अर्धशतक की बदौलत भारतीय महिला टीम ने रविवार को यहां जारी पहले वनडे मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड के सामने 202 रनों का लक्ष्य रखा है। टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी कर रही भारतीय टीम ने 108 गेंदों पर सात चौके लगाने वाली मिताली और 32 रन बनाने वाली पूनम राउत तथा 30 रनों की पारी खेलने वाली दीप्ति शर्मा की अच्छी पारियों की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट पर 201 रन बनाए।
पूनम ने 61 गेंदों का सामना कर चौके लगाए जबकि दीप्ति ने 46 गेंदों का सामना कर तीन बार गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेजा।
इसके अलावा पूजा वस्त्राकर और शेफाली वर्मा ने 15-15 रनों की पारी खेली।
इंग्लैंड की ओर से सोफी एसलेस्टन ने तीन विकेट लिए जबकि कैथरीन ब्रंट और आन्या सुब्रसोल ने दो-दो सफलता हासिल की। (आईएएनएस)
शनिवार को केरल के एक पुलिस अधिकारी साजन प्रकाश ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय तैराक बने। श्री प्रकाश 1: 56.38 – रोम में चेट्टी कोली ट्रॉफी में 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में क्वालीफाइंग मानक से 0.1 सेकंड कम थे और स्वचालित रूप से टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर गए।
केरल पुलिस ने अपनी आधिकारिक पकड़ में 26 वर्षीय तैराक की उपलब्धि के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि यह देश के लिए “गर्व का क्षण” है। जो बात उनके रिकॉर्ड को और भी बेहतर बनाती है, वह यह है कि पिछले दो वर्षों में, श्री प्रकाश अपने गले में एक स्लिपरी डिस्क से जूझ रहे हैं।
भारतीय तैराकी महासंघ ने भी आधिकारिक हैंडल में श्री प्रकाश की उपलब्धि के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि यह “भारतीय तैराकी में एक सिंचाई का क्षण” था और क्वालीफाइंग इवेंट का एक वीडियो साझा किया।
श्री प्रकाश का अभिनन्दन करने वालों में व्यवसायी आनंद महिंद्रा भी शामिल थे।
अपने ट्वीट में, श्री महिंद्रा का मानना था कि यह “एक नए युग का प्रतीक है जिसमें भारतीय खेल के उच्चतम स्तरों पर भाग ले रहे हैं”। एक हल्के नोट में, मिस्टर महिंद्रा ने कहा, “मुझे विशेष रूप से जलन हो रही है। मैं बचपन से तैर रहा हूं, लेकिन अभी तक बटरफ्लाई स्ट्रोक की लय में महारत हासिल नहीं की है! किसी को भी इसे कम करने के लिए कुछ सुझाव हैं?”
अन्य अभिवादन भी थे। जब एक उपयोगकर्ता सुधीर नायर ने “गो फॉर गोल्ड” लिखा, तो दूसरे उपयोगकर्ता नासिर ने कहा कि यह भारत और केरल के लिए “गर्व का क्षण” था।
कुछ दिन पहले, श्री प्रकाश को अपना ओलंपिक ‘ए’ क्वालीफाइंग स्कोर प्राप्त करने से पहले, अभिनेता माधवन ने ट्वीट किया, उनसे “एक कट बनाने का आग्रह किया जो भारत के लिए इतिहास बनाएगा”।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, श्री प्रकाश ने अपने कोच प्रदीप कुमार को उनकी सफलता पर बधाई दी। श्री प्रकाश ने कहा कि श्री कुमार के प्रशिक्षण सत्रों ने उन्हें टोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाई करने में मदद की और कोच उनके एंकर थे। साजन को एक साल की लंबी बीमारी के बाद गर्दन और कंधे में चोट लगी, जिसने उन्हें ओलंपिक में धकेल दिया, और अक्षम्य दुबई गर्मियों के दौरान गहन प्रशिक्षण लिया।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 रियो खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री प्रकाश के लिए यह लगातार दूसरा ओलंपिक है। (indiantimes.info)
ब्रिस्टल, 26 जून | भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज जब रविवार को यहां मैदान पर उतरेंगी तो वह सचिन तेंदुलकर के बाद 22 साल तक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाली दूसरी क्रिकेटर बन जाएंगी। तेंदुलकर 22 साल और 91 दिनों तक खेले, जबकि मिताली ने 22 साल में सिर्फ एक दिन बिताया होगा जब वह रविवार को इंग्लैंड के कप्तान हीथर नाइट के खिलाफ टॉस के लिए बाहर जाएंगी।
38 वर्षीय मिताली ने 26 जून, 1999 को आयरलैंड के खिलाफ मिल्टन कीन्स में पदार्पण किया था। वह तब केवल 16 वर्ष की थी।
22 वर्षों के दौरान, उन्होंने 214 महिला एकदिवसीय मैचों में सात शतकों और 55 अर्धशतकों के साथ 7,098 रन बनाए हैं। जोधपुर में जन्मी यह महिला क्रिकेट में 6,000 से अधिक एकदिवसीय रन बनाने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2364 टी20 अंतरराष्ट्रीय रन भी बनाए हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मिताली ने कहा, मुझे मेरे करियर पर बधाई संदेश प्राप्त करना अच्छा लगता है। अगर मुझे एक 16 साल के बच्चे को संदेश देना है, तो मैं कहूंगी (आईएएनएस)
एम्स्टर्डम, 27 जून | डेनमार्क ने वेल्स को 4-0 से हराकर यूरो 2020 फुटबॉल टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली टीम बनने का गौरव हासिल किया। केस्पर डोलबर्ग (27वें मिनट, 48वें मिनट), जोकिम माहेले (88वें मिनट) और मार्टिन ब्रेथवेट (94वें मिनट) इस एकतरफा मुकाबले में गोल करने वाले खिलाड़ी रहे।
वेल्स के कप्तान बेल ने कहा, यह निराशाजनक है, मैं बस इतना ही कह सकता हूं। हमने एक मौका गंवा दिया है, लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि हम अच्छा खेले। मुझे अभी भी अपने साथियों पर गर्व है। (आईएएनएस)
कुओर्टेन (फिनलैंड), 27 जून | भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शनिवार को यहां कुओर्टेन खेलों में 86.79 मीटर की दूरी के साथ कांस्य पदक जीता। ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले 23 वर्षीय एथलीट ने अपने अभियान की शुरूआत 83.21 मीटर के मामूली थ्रो के साथ की और अपने दूसरे प्रयास में 86.79 मीटर तक सुधार किया।
जर्मनी के जोहान्स वेटर ने 93.59 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 89.12 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन चोपड़ा की यूरोपीय पर तीसरी प्रतियोगिता है। उन्होंने 10 जून को लिस्बन में और 22 जून को कार्लस्टेड में स्वर्ण पदक जीते।
लेकिन लिस्बन और कार्लस्टेड दोनों में चोपड़ा का प्रदर्शन औसत था। हालांकि 2018 जकार्ता एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड 88.07 मीटर है, जो मार्च में पटियाला में दर्ज किया गया था।
लिस्बन में, चोपड़ा ने 83.18 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि कार्लस्टेड में उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 80.96 मीटर था।
चोपड़ा ने दक्षिण अफ्रीका में जनवरी 2020 में टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने के बाद, कोविड महामारी के कारण लगभग 18 महीने बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वापसी की है।
शिवपाल सिंह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले दूसरे भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी हैं। हालांकि, उन्होंने ओलंपिक की तैयारी के लिए पटियाला में प्रशिक्षण लेने का विकल्प चुना है। (आईएएनएस)
मालोर्का, 26 जून| दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी डेनियल मेदवेदेव ने मालोर्का ओपन के फाइनल में अमेरिकी सैम क्वेरे को 6-4, 6-2 से हराकर अपने करियर का पहला ग्रास कोर्ट टेनिस खिताब जीता। यह टूर्नामेंट सोमवार से शुरू होने वाले विंबलडन के लिए अभ्यास के तौर पर काम करता है।
मेदवेदेव ने फाइनल के रास्ते में कोरेंटिन मौटेट, पांचवीं वरीयता प्राप्त कैस्पर रूड और चौथी वरीयता प्राप्त पाब्लो कारेनो बुस्टा को हराया था।
यह उनकी 11वीं एटीपी खिताबी जीत है।
हालांकि विंबलडन में मेदवेदेव के सामने बड़ी चुनौती है। उनके पहले दौर के प्रतिद्वंद्वी, जेन-लेनार्ड स्ट्रफ ने उन्हें हाले ओपन के पहले दौर में हराया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 जून| भारत के युवा निशानेबाजों-मनु भाकर और सौरभ चौधरी ने एक साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (आईएसएसएफ) विश्व कप में लगातार छठा पदक जीता। इससे पहले इन दोनों ने पांच स्वर्ण पदक जीते थे लेकिन इस बार वे रजत पदक जीत सके। मनु और सौरभ को क्रोएशिया के ओसिजेक में शनिवार को स्वर्ण पदक के मैच में विटालिना बत्सारशकिना और आर्टेम चेनौर्सोव की रूसी जोड़ी से 12-16 से हार मिली।
भारतीय जोड़ी ने कड़ा संघर्ष किया, 6-6 के स्तर पर और फिर 6-12 से वापस लड़ते हुए इसे 12-12 पर वापस ले लिया, लेकिन यह ओलंपिक स्पर्धा में विश्व स्तरीय रूसी जोड़ी को हराने के लिए पर्याप्त नहीं था।
भारत के पास अब जारी ओसिजेक निशानेबाजी विश्व कप में एक रजत और दो कांस्य पदक हैं और वह पदक तालिका में नौवें स्थान पर है। रूस वर्तमान में कुल सात पदक के साथ तीन स्वर्ण पदक के साथ तालिका में शीर्ष पर है।
ओसीजेक आईएसएसएफ राइफल/पिस्टल/शॉटगन विश्व कप चरण में कुल 17 देशों के पास पदक हैं, जो अगले महीने टोक्यो 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से पहले अंतिम विश्व स्तरीय प्रतियोगिता है।
रविवार को महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में मनु और राही सरनोबत एक्शन में नजर आएंगी। पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में संजीव राजपूत और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर प्रतिस्पर्धा करेंगे। (आईएएनएस)
दुबई, 25 जून| टी20 विश्व कप 17 अक्टूबर से शुरू होकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 14 नवंबर तक चलेगा। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरूआती कुछ मैच ओमान में खेले जाएंगे। ऐसे में जबकि निलंबित 2021 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के शेष मैच 15 अक्टूबर को समाप्त हो रहे हैं, टी-20 विश्व कप दो दिन बाद आठ टीमों -बांग्लादेश, श्रीलंका, आयरलैंड, नीदरलैंडस, स्कॉटलैंड, नामीबिया, ओमान, पापुआ न्यू गिनी के साथ शुरू होगा। इनमें से चार टीमें सुपर-4 में जगह बनाने के लिए संघर्ष करेंगी।
राउंड 1 एलिमिनेशन मैच यूएई के साथ-साथ ओमान में भी आयोजित किए जाएंगे।
शुक्रवार शाम को संपर्क किए जाने पर, एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषदके प्रवक्ता ने कहा, कोई घोषणा आसन्न नहीं है।
आईसीसी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, जिसे टूर्नमेंट आवंटित किया गया था, इसकी तारीखों और स्थानों के साथ 28 जून के बाद ही सामने आएंगे। (आईएएनएस)
ऑकलैंड, 25 जून| सामान्य परिस्थितियों में, विश्व चैंपियन टीम का आगमन, विशेष रूप से जिसने पहली बार ट्राफी जीती है, एक परेड और सार्वजनिक अभिनंदन के साथ होता है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा परिस्थितियों में टेस्ट चैम्पियनशिप जीतकर लौटी न्यूजीलैंड टीम के लिए कोई विजय जुलूस आयोजित नहीं होगा। इस सप्ताह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को आठ विकेट से हराने वाली कीवी टीम सिंगापुर के रास्ते स्वदेश पहुंचने पर सीधे 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन हो जाएगी।
इसके अलावा, प्लेइंग इलेवन के चार सदस्य - कप्तान केन विलियमसन, तेज गेंदबाज काइल जैमीसन, सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे और ऑलराउंडर कॉलिन डी ग्रैंडहोमे टी-20 ब्लास्ट खेलने के लिए इंग्लैंड में रहेंगे। टीम के बाकी 11 सदस्य और सहयोगी स्टाफ के आठ सदस्य शनिवार सुबह न्यूजीलैंड पहुंचेंगे।
न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी क्रिस व्हाइट ने मीडिया में कहा, हमने अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया है, लेकिन हम निश्चित रूप से उन्हें मनाने के लिए किसी न किसी रूप में उन्हें एक साथ लाना चाहेंगे। मुझे नहीं लगता कि कोई परेड होगी।
व्हाइट ने कहा, मौजूदा माहौल चुनौतीपूर्ण है, लेकिन अगर हम अपने व्यावसायिक भागीदारों और अपने व्यापक क्रिकेट परिवार के साथ जश्न मना सकें तो सभी को एक साथ लाना बहुत अच्छा होगा।
विलियमसन के दूर होने के बाद से यह जल्द ही नहीं हो सकता है या वस्तुत: ऐसा नहीं हो सकता है।
विलियमसन की अनुपस्थिति में, वरिष्ठ गेंदबाज टिम साउदी ने डब्ल्यूटीसी गदा को उस फ्लाइट में ढोया जो विलियमसन की सीट पर रखी गई थी।
व्हाइट ने कहा, एक बड़ी उपलब्धि, हमारे महान दिनों में से एक। मुझे टीम और पूरे संगठन पर बहुत गर्व है।
टीम को शनिवार सुबह 9.30 बजे से ठीक पहले ऑकलैंड में उतरना है और परिवारों के साथ पुनर्मिलन से पहले प्रबंधित क्वारंटीन में प्रवेश करना है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 24 जून| हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वह यहां अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर ओलंपिक पदक विजेताओं से बातचीत कर रहे थे। हरियाणा के खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल विभाग में सरकारी नौकरी पाने के अलावा अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की नियुक्ति शिक्षा विभाग और अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर की जाएगी।
खेल को बढ़ावा देने की इच्छा व्यक्त करते हुए, खट्टर ने कहा कि यदि अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को कोच या प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो युवा खिलाड़ियों को बहुत फायदा हो सकता है।
राज्य ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई है। इसके तहत खिलाडिय़ों द्वारा जीते गए मेडल के हिसाब से तीन फीसदी आरक्षण के साथ सरकारी सेवाएं दी जा रही हैं।
इसके अलावा, राज्य खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल स्टेडियमों के नवीनीकरण के साथ-साथ खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है।
खेल राज्य मंत्री ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए 30 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। प्रत्येक खिलाड़ी को तैयारी राशि के रूप में 5 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को 4 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 2.50 करोड़ रुपये की नकद राशि दी जाएगी।
संदीप सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस के अवसर पर खेल परिसरों में 11,000 पौधे लगाए जाएंगे जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद हवलदार शिव कुमार के नाम पर यहां अपने आवास पर पौधारोपण किया। (आईएएनएस)
रायपुर, 24 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अध्यक्ष छत्तीसगढ ओलम्पिक एसोसिएशन के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस भव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक कुलदीप जुनेजा एवं वर्चुवल रूप से भारतीय ओलिंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता, खेल मंत्री उमेश पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, स्वेता सिन्हा आयुक्त खेल एवं युवा कल्याण, छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा, उपाध्यक्ष बसीर अहमद खान, विजय अग्रवाल, कैलाश मुररका, विष्णु श्रीवास्तव, अतुल शुक्ला, एवं अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित थे अतिथियों द्वारा केक काट कर सेलिब्रेट किया गया
मुख्य श्री जुनेजा ने खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के लिए महासचिव श्री होरा के निरन्तर खेल के प्रति कार्य और लगन से छत्तीसगढ़ के खेलो को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि कोरोना महामारी में सावधानी बरते और अपना ख्याल रखे।
पुरस्कार समारोह के दौरान श्री होरा ने आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री की ही प्रेरणा है, जिसकी वजह से एक बेहतर आयोजन हो पाया है। 27 जिलों से 3000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा, जहां इस तरह का आयोजन किया गया। होरा ने सभी खिलाडिय़ों को अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि कोरोना काल में हिम्मत करके यह आयोजन किया है। खेल और खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। सरकार से भी पूरी मदद मिल रही है, जिसकी वजह से ऐसा संभव हो सका है।
इस अवसर पर वर्चुवल रूप से अतिथि के रूप में जुड़े भारतीय ओलिंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के लिए सराहनीय कदम बताया और उन्होंने खिलाडिय़ों और संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ आने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि श्री होरा खेल के प्रति छत्तीसगढ़ राज्य स्तर पर जो लगन के साथ कार्य कर रहे है वह सराहनीय है। उनके काम करने का तरीका बहुत अलग और काफी अच्छा है, पहले छत्तीसगढ़ के खेलों को बढ़ावा नही मिला। लेकिन भूपेश सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के खेलों को बहुत ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है।
साउथम्पटन, 23 जून | भारतीय टीम की दूसरी पारी यहां द रोज बाउल में खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले के छठे और अंतिम दिन बुधवार को 170 रनों पर सिमट गई। भारत ने इसके साथ ही 138 रनों की बढ़त ली और उसने न्यूजीलैंड को जीत के लिए 139 रनों का लक्ष्य दिया। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 249 रन बनाकर 32 रनों की बढ़त हासिल की थी। भारतीय बल्लेबाजी क्रम दूसरी पारी में नाकाम साबित हुआ और कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका। भारत की ओर से विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने 88 गेंदों पर चार चौकों की मदद से सर्वाधिक 41 रन बनाए। 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब भारत का कोई बल्लेबाज अर्धशतक नहीं बना सका।
न्यूजीलैंड की ओर से टिम साउदी ने चार विकेट, ट्रेंट बोल्ट ने तीन विकेट, काइल जैमिसन ने दो विकेट और नील वेगनर ने एक विकेट लिया।
बारिश के कारण दो दिनों का खेल पूरी तरह धुल गया था, जिसके कारण आज रिजर्व डे रखा गया। इससे पहले, भारत ने आज दो विकेट पर 64 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई और चेतेश्वर पुजारा ने 12 और कप्तान विराट कोहली ने आठ रन से आगे खेलना शुरू किया। कोहली हालांकि ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सके और जैमिसन की गेंद पर 29 गेंदों पर 13 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
कोहली के जाने के बाद पुजारा भी जैमिसन का शिकार बने। पुजारा ने 80 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 15 रन बनाए। उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने फिर पंत के साथ साझेदारी जमाई लेकिन यह साझेदारी कुछ बड़ा रूप लेती उससे पहले ही बोल्ट ने रहाणे को आउट कर भारत को पांचवां झटका दिया। रहाणे ने 40 गेंदों पर एक चौके की मदद से 15 रन बनाए।
लंच ब्रेक के बाद रवींद्र जडेजा अपना विकेट गंवा बैठे। उन्होंने 49 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 16 रन बनाए। एक छोर से जहां भारत के विकेट गिर रहे थे तो वहीं पंत दूसरे छोर से पारी को संभाले रहे। हालांकि वह बहुत ज्यादा देर तक संघर्ष नहीं कर सके और बोल्ट की गेंद पर आउट हुए।
इसके एक गेंद बाद ही रविचंद्रन अश्विन 19 गेंदों पर सात रन बनाकर आठवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। शमी ने अंत में कुछ जोर लगाया लेकिन उन्हें साउदी ने आउट किया। शमी ने 10 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 13 रन बनाए। फिर साउदी ने जसप्रीत बुमराह को खाता खोले बिना आउट कर भारत की पारी को समेट दिया। इशांत शर्मा छह गेंदों पर एक रन बनाकर नाबाद रहे। (आईएएनएस)
साउथम्पटन, 22 जून| टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच यहां जारी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल मुकाबला अगर ड्रॉ पर समाप्त होता है तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को विजेता चुनने के लिए कोई फॉर्मूला बनाना चाहिए। दोनों टीमों के बीच फाइनल मुकाबले का पहला और चौथा टेस्ट बारिश की भेंट चढ़ा था और बिना एक भी गेंद डाले मुकाबला खत्म करना पड़ा। भारत ने पहली पारी में 217 रन बनाए जिसके जवाब में न्यूजीलैंड ने अबतक दो विकेट पर 101 रन बनाए हैं।
आईसीसी पहले ही इस बात की घोषणा कर चुका है कि मुकाबला ड्रॉ या रद्द रहने पर ट्रॉफी दोनों टीमों के बीच शेयर की जाएगी।
गावस्कर ने एक न्यूज चैनल से कहा, "डब्ल्यूटीसी फाइनल मुकाबला ड्रॉ रहन पर विजेता चुनने के लिए फॉर्मुला बनाया जाना चाहिए। आईसीसी क्रिकेट समिति को इस बारे में विचार कर निर्णय लेना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा है कि फाइनल मुकाबला ड्रॉ पर खत्म होगा और ट्रॉफी शेयर की जाएगी। ऐसा पहली बार होगा जब फाइनल में ट्रॉफी को शेयर किया जाएगा। दो दिन में तीन पारियों का होना मुश्किल है। हां, अगर दोनों टीमें बल्लेबाजी में बेहद खराब प्रदर्शन करती है तो तीन पारियां हो सकती हैं।"
गावस्कर ने कहा, "फुटबॉल में विजेता चुनने के लिए पेनल्टी शूटआउट या अन्य तरीके हैं। टेनिस में पांच सेट या टाई ब्रेकर होता है।" (आईएएनएस)
साउथम्पटन, 21 जून | भारत और न्यूजीलैंड के बीच यहां द रोज बाउल में खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले का चौथा दिन बारिश की भेंट चढ़ गया और बिना एक भी गेंद डाले स्टंप्स की घोषणा कर दी गई। चौथे दिन का खेल बारिश के कारण शुरू नहीं हो सका और और पहले सत्र का खेल पूरी तरह धुल गया। इसके बाद बीच में बारिश कुछ देर के लिए रुकी, लेकिन एक बार फिर बारिश आई। पांच घंटे के इंतजार के बाद अंतत: दिन के खेल को समाप्त करना पड़ा।
पहले दिन का खेल भी बारिश की भेंट चढ़ा था, लेकिन फाइनल मैच के लिए 23 जून को रिजर्व डे रखा गया था, जिस कारण अभी भी दो दिन का मुकाबला खेला जाना है।
तीसरे दिन रविवार को भी खराब रोशनी के कारण मुकाबला समय से पहले खत्म किया गया था। भारत की पहली पारी 217 रन पर सिमटी थी और स्टंप्स तक न्यूजीलैंड ने दो विकेट पर 101 रन बनाए थे। कीवी टीम भारत के स्कोर से अभी भी 116 रन पीछे चल रही है।
न्यूजीलैंड की ओर से डेवोन कॉनवे 54 रन और टॉम लाथम 30 रन बनाकर पवेलियन लौटे थे, जबकि कीवी टीम के कप्तान केन विलियम्सन 12 रन और रॉस टेलर खाता खोले बिना क्रीज पर मौजूद हैं। भारत की तरफ से रविचंद्रन अश्विन और इशांत शर्मा को अबतक एक-एक विकेट मिला है।
पांचवें दिन देखना दिलचस्प होगा कि न्यूजीलैंड की टीम पहली पारी में कितना स्कोर बना पाती है, जबकि भारतीय गेंदबाजों पर कीवी टीम की पहली पारी को जल्द से जल्द समेटने की जिम्मेदारी होगी। (आईएएनएस)
मुंबई, 21 जून| भारतीय क्रिकेट बोर्ड अगले महीने टोक्यो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों की मदद करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को 10 करोड़ रुपये दान देगा। यह निर्णय इसकी शीर्ष परिषद की एक आकस्मिक बैठक में लिया गया। आईओए को समर्थन थोड़ा आश्चर्य के रूप में आया है, विशेष रूप से दुनिया भर में कोविड-19 स्थिति और इसकी आसन्न तीसरी लहर के कारण ओलंपिक खेलों के बारे में कुछ सुस्त संदेहों को देखते हुए। कुछ लोगों और संगठनों ने जुलाई-अगस्त खेलों को स्थगित करने/रद्द करने का आह्वान किया है, जो पिछले साल होने वाले थे, लेकिन महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जून | भारतीय महिला हॉकी महासंघ (आईडब्ल्यूएचएफ) की सचिव अमृत बोस का रविवार को निधन हो गया। वह 84 वर्ष की थीं। आईडब्ल्यूएचएफ के सचिव होने के साथ ही अमृत ने अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी और दिल्ली महिला हॉकी संघ के अध्यक्ष के रूप में काम किया था।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोम्बाम ने कहा, "यह हमारे लिए काफी दुखद दिन है। अमृत ने देश में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए बड़ी भूमिका निभाई और हम सभी उनकी याद करेंगे। हम उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। भगवान शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में दुख सहन करने की शक्ति दे।"(आईएएनएस)
टोक्यो, 20 जून | टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति अगले महीने 23 जुलाई से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में करीब 20,000 दर्शकों को नेशनल स्टेडियम में प्रवेश दे सकता है। इनमें दर्शकों के अलावा अधिकारी भी शामिल होंगे। ओलंपिक और पैरालंपिक में विभिन्न स्पर्धाओं के लिए प्रशंसकों को प्रवेश देने का फैसला सोमवार को लिया जाएगा।
समाचार एजेंसी क्योडो की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के बढ़ते जोखिम को लेकर चिंता के कारण बिना दर्शकों के ही ओलंपिक और पैरालिंपिक का आयोजन करने का दबाव बढ़ रहा है और ऐसी खबरें हैं कि दर्शकों पर किसी तरह की पाबंदी लगाई जाएगी।
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव कात्सुनोबु काटो ने कहा कि अगर देश में कोरोनावायरस की स्थिति बिगड़ती है तो सरकार सभी प्रशंसकों को प्रतिबंधित करने पर विचार करेगी। काटो ने कहा, "अगर हम कोरोनोवायरस संक्रमणों के मामलों में वृद्धि देखते हैं, तो मूल नियम आवश्यक उपाय करना और अन्य आयोजनों की तरह ही ओलंपिक से निपटना है।"
आयोजन समिति ने विदेशी दर्शकों पर पहले से ही प्रतिबंध लगा रखा है।(आईएएनएस)