राष्ट्रीय
सादे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद अब भारत ने बासमती के निर्यात को भी और कड़ा कर दिया है. ऐसा अवैध निर्यात को रोकने के मकसद से किया गया है.
भारत ने बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी हैं. भारत सरकार ने रविवार को 1,200 डॉलर यानी लगभग एक लाख रुपये प्रति टन से कम के दाम पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिया है. दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत का यह कदम भारतीय बाजार में दाम कम करने के मकसद से लगाया गया है.
भारत ने जुलाई में ही बासमती के अलावा अन्य किस्मों के सादे चावल के निर्यात को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था. शुक्रवार को ही भारत ने उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी ड्यूटी लगायी थी.
एक सरकारी बयान में कहा गया कि प्रतिबंध के बाद कुछ व्यापारी अन्य किस्मों को भी बासमती का लेबल लगाकर निर्यात कर रहे थे. सरकार ने कहा, "ऐसा देखा गया कि प्रतिबंधों के बावजूद इस साल चावल निर्यात बहुत ज्यादा रहा है."
अवैध निर्यात बढ़ा
सरकार का अनुमान है कि बासमती के निर्यात पर कीमत की सीमा लगाने से अन्य किस्मों पर लगे प्रतिबंध को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. उसके मुताबिक दाम बहुत कम होने के कारण भारत के बासमती चावल की मांग बहुत बढ़ गयी है.
कृषि और प्रोसेस्ड खाने के निर्यात की निगरानी करने वाले प्राधिकरण में एक समिति स्थापित की जाएगी जो चावल निर्यात पर लगीं पाबंदियों के भविष्य पर फैसला लेगी.
भारत और पाकिस्तान में पैदा होने वाला बासमती चावल दुनिय़ाभर में मशहूर है. भारत हर साल 40 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात करता है. यानी भारत जितना चावल निर्यात करता है उसका करीब तीन चौथाई हिस्सा बासमती होता है जबकि एक चौथाई दूसरा चावल होता है. यह अधिकतर निर्यात ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका को होता है.
महंगाई और कूटनीति
भारत में पिछले एक साल में चावल की कीमतों में 11 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है. सरकार ने कहा है कि पिछले एक महीने में ही चावल 3 प्रतिशत महंगा हो चुका है. इस वजह से घरेलू बाजार में महंगाई को लेकर राजनीति भी हो रही है.
कुछ जानकारों का मानना है कि आने वाले महीनों में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कीमतों को काबू करने के लिए सरकार ने चावल पर इतने कड़े प्रतिबंध लगाये हैं.
भारत में इस बार मानसून का मौसम भी बहुत नकारात्मक रहा है. कई हिस्सों में तो ऐतिहासिक बारिश और बाढ़ के कारण फसलें तबाह हुईं और चावल उत्पादन को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं. सरकार का कहना है कि घरेलू बाजार में कीमतें कम रखने के मकसद से ही पाबंदियां लगायी जा रही हैं. हालांकि बीते कुछ सालों में भारत ने खाद्यानों निर्यात को अपनी खाद्य कूटनीति का हिस्सा भी बनाया है.
2022 में उसने गेहूं और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. टूटे चावल का इस्तेमाल जानवरों के चारे के लिए किया जाता है. हालांकि, सरकार ने अब इस वित्त वर्ष में इंडोनेशिया, सेनेगल और गाम्बिया को टूटे चावल के निर्यात का फैसला लिया है. इसके अलावा, भारत ने गेहूं भेजने की इजाजत भी दी है. इसी अवधि में नेपाल को भी निर्यात किया जाएगा.
वीके/सीके (रॉयटर्स)
जम्मू, 26 अगस्त जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में कक्षा के बोर्ड पर धार्मिक नारा लिखने पर 10वीं कक्षा के एक छात्र को शारीरिक दंड देने के आरोप में एक सरकारी स्कूल शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (बनी) के प्रधानाचार्य पर भी किशोर छात्र के साथ मारपीट करने का आरोप है और वह फरार है। उन्होंने बताया कि पीड़ित छात्र का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
कठुआ के उपायुक्त राकेश मिन्हास ने उस घटना की जांच के लिए तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके बाद शनिवार को छात्रों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
पुलिस ने कहा कि 25 अगस्त को कुलदीप सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बेटे को स्कूल के शिक्षक फारूक अहमद और स्कूल के प्रधानाचार्य मोहम्मद हाफिज ने पीटा था।
किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत पुलिस थाने बनी में मामला दर्ज किया गया और स्थानीय थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम ने स्कूल परिसर का दौरा किया और शिक्षक को पकड़ लिया। (भाषा)
डेस मोइनेस (अमेरिका), 27 अगस्त अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल विवेक रामास्वामी का मानना है कि भारत के साथ मजबूत संबंध अमेरिका को चीन से आर्थिक ‘‘स्वतंत्रता’’ घोषित करने में मदद करेंगे।
रामास्वामी ने अंडमान सागर में सैन्य संबंध समेत भारत के साथ मजबूत रणनीतिक संबंधों की भी वकालत की।
रामास्वामी (38) राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के सबसे कम आयु के दावेदार हैं। वह इस समय आयोवा की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। आयोवा में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार चुनने के वास्ते प्राइमरी चुनाव की प्रक्रिया 15 जुलाई से शुरू होगी।
रामास्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘अमेरिका और भारत के मजबूत संबंध चीन से स्वतंत्रता घोषित करने में मददगार हो सकते हैं। अमेरिका आज चीन पर आर्थिक रूप से निर्भर है, लेकिन भारत के साथ मजबूत संबंधों की मदद से चीनी संबंधों से आजादी घोषित करना आसान हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका को अंडमान सागर में सैन्य संबंध समेत भारत के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध भी रखने चाहिए। यदि आवश्यक हुआ तो भारत मलक्का जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है, जहां से वास्तव में चीन को अधिकतर पश्चिम एशियाई तेल की आपूर्ति मिलती है। इसलिए अमेरिका-भारत संबंधों में ये सुधार के वास्तविक क्षेत्र हैं।’’
रामास्वामी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह अमेरिका के लिए अच्छा होगा और यही कारण है कि मैं इसे ध्यान में रखकर नेतृत्व करूंगा।’’
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के दावेदारों की पहली बहस में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद अरबपति भारतीय-अमेरिकी उद्यमी रामास्वामी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। उन्हें लोकप्रियता रेटिंग संबंधी सर्वेक्षणों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद दूसरा स्थान मिला है।
भारतीय मीडिया के साथ पहले संवाद में रामास्वामी भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों के मजबूत समर्थक नजर आए।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) भारत के लिए एक अच्छे नेता रहे हैं और मैं भारत एवं अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हूं।’’
रामास्वामी ने कहा, ‘‘अमेरिकी विदेश नीति की प्रमुख चुनौती यह है कि हम मातृभूमि की रक्षा नहीं कर रहे। हम ऐसे युद्ध लड़ रहे हैं, जो अमेरिकी हितों को आगे नहीं बढ़ाते और हम मातृभूमि को वास्तव में असुरक्षित बना रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यूक्रेन में संलिप्तता जारी रखना अमेरिका के लिए एक गलती है। इससे अमेरिका के राष्ट्रीय हित नहीं पूरे होते।’’
रामास्वामी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसके विपरीत इससे वैश्विक मंच पर अमेरिकी विश्वसनीयता को वास्तव में नुकसान होगा। अमेरिका को कम्युनिस्ट चीन पर ध्यान देने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह सबसे बड़ा खतरा है। सीमा पर रक्षा क्षमताएं बढ़ाने के साथ मातृभूमि की रक्षा करना घरेलू स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
रामास्वामी के दो बेटे कार्तिक (तीन) और अर्जुन (एक) हैं।
उन्होंने उनके परिवार के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘वे (रामास्वामी के बेटे) हमारी इस यात्रा को लेकर वास्तव में उत्साहित हैं...कार्तिक कह सकता है कि उसके पिता राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं। मैं नहीं जानता कि क्या उसे इस बात की समझ है। वह केवल तीन साल का है, लेकिन मुझे लगता है कि उसे इतना पता है कि यह बात महत्वपूर्ण है।’’
रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उनकी दावेदारी में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि मैं उन प्रवासियों की संतान हूं, जो बिना पैसे के इस देश में आए थे और जिन्होंने कम उम्र में सफल होने के अमेरिकी सपने को जिया। इससे इस देश में मेरा दृढ़ विश्वास पैदा होता है। यह मुझे इस बात की निश्चितता देता है कि अमेरिका में क्या संभव है।’’
उन्होंने कहा कि वह इसे अगली पीढ़ी को सौंपना अपना कर्तव्य समझते हैं। (भाषा)
राजगढ़, 27 अगस्त मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के एक गांव में तालाब में डूबने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना शनिवार को राजगढ़ कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र में हुई।
राजगढ़ कोतवाली थाने के प्रभारी अनिल राय ने बताया कि मृतकों की पहचान हीरापुरा गांव की रहने वाली प्रेम बाई तंवर और उसकी दो पोतियों पिंकी (11) एवं रवीना (7) के रूप में की गई है।
राय के मुताबिक, प्रेमबाई अपनी दोनों पोतियों के साथ जंगल में भैंसें चराने गई थी, तभी भैंसें पास के किशनपुरिया गांव के समीप बने तालाब में चली गईं। उन्होंने बताया कि भैंसों को देखने के लिए दोनों बालिकाएं भी तालाब में उतरीं और गहरे पानी में जाने से डूबने लगीं।
राय के अनुसार, दोनों पोतियों को डूबता देख दादी प्रेम बाई भी उन्हें बचाने के लिए तालाब में कूद गई और तीनों की पानी में डूबने से मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों के शव बरामद कर जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिए।
राय ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना की विस्तृत जांच जारी है। (भाषा)
श्रीनगर, 27 अगस्त जम्मू-कश्मीर की निजी यात्रा पर आईं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को श्रीनगर में डल झील में प्रसिद्ध तैरते उद्यानों का दौरा किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों बताया कि सोनिया दिन निकलने के साथ ही शिकारा (एक प्रकार की नाव) में सवार होकर तैरते उद्यानों पर पहुंचीं।
लद्दाख की अपनी आठ दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद राहुल गांधी भी इस समय कश्मीर में हैं। उन्होंने भी शनिवार को तैरते उद्यानों का दौरा किया था।
सोनिया ने बाद में डल झील के किनारे स्थित निशात और शालीमार मुगल गार्डन का दौरा किया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में ‘जनभावना की भागीदारी’ की भावना को सबसे आगे बताते हुए रविवार को देशवासियों से देश का मान बढ़ाने के लिए इसे सफल बनाने का आह्वान किया।
आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने कहा कि सितंबर का महीना भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है, जिसके लिए देश पूरी तरह से तैयार है।
भारत की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में नौ और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है।
मोदी ने कहा कि इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक वैश्विक संगठन के प्रतिनिधि दिल्ली आ रहे हैं, जो कि इस शिखर सम्मेलन के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी देशवासियो से कहूंगा कि आइए, मिलकर जी-20 सम्मलेन को सफल बनाएं, देश का मान बढ़ाएं।’’
प्रधानमंत्री ने भारत की अध्यक्षा में हो रहे इस शिखर सम्मेलन को ‘पीपुल्स प्रेसिडेंसी’ करार दिया और कहा कि इसमें जनभागीदारी की भावना सबसे आगे है।
उन्होंने बताया कि जी-20 के 11 विभिन्न भागीदार समूह थे, जिनमें अकादमिक विशेषज्ञ, नागरिक समूह, युवा, महिलाएं, सांसद, उद्यमी और शहरी प्रशासन से जुड़े लोगों ने अहम भूमिका निभाई और इसे लेकर देशभर में हुए आयोजनों में किसी न किसी रूप से डेढ़ करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं।
मोदी ने कहा कि जनभागीदारी की इस कोशिश में दो-दो विश्व रिकॉर्ड भी बन गए हैं। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में हुए जी-20 क्विज में 800 स्कूलों के 1.25 लाख छात्रों की भागीदारी, 450 लंबानी कारीगरों के संग्रहों और सूरत में आयोजित साड़ी ‘वॉकेथॉन’ का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने जी-20 को और ज्यादा समावेशी मंच बनाया है। भारत के निमंत्रण पर ही अफ्रीकी संघ भी जी-20 से जुड़ा और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम मंच तक पहुंची।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल बाली में भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद से अब तक इतना कुछ हुआ है, जो देश को गर्व से भर देता है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में बड़े-बड़े कार्यक्रमों की परंपरा से हटकर, इस बार देश के अलग-अलग 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जी-20 प्रतिनिधि जहां भी गए, वहां लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। ये प्रतिनिधि हमारे देश की विविधता और हमारे जीवंत लोकतंत्र को देखकर बहुत ही प्रभावित हुए। उन्हें यह भी एहसास हुआ कि भारत में कितनी सारी संभावनाएं हैं।’’ (भाषा)
भोपाल, 27 अगस्त समाजवादी पार्टी (सपा) ने मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपने दो और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिससे पार्टी द्वारा अब तक घोषित उम्मीदवारों की संख्या बढ़कर छह हो गई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सपा विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक के रूप में कांग्रेस के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया।
पटेल ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘किसी भी राज्य में गठबंधन के बारे में निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाता है, लेकिन अभी तक हमें आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मध्य प्रदेश में इस तरह के गठबंधन की कोई संभावना नहीं दिख रही है। लेकिन, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इस संबंध में निर्णय लेंगे।’’ विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में कांग्रेस और सपा सहित 26 राजनीतिक दल शामिल हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है।
सत्तारूढ़ भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बाद सपा तीसरी पार्टी है, जिसने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की अभी घोषणा नहीं की है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों के लिए होने वाले चुनावों के वास्ते भाजपा ने अब तक 39 उम्मीदवारों और बसपा ने सात उम्मीदवारों की सूची जारी की है। (भाषा)
मणिपुर बीते तीन मई से जातीय हिंसा की ऐसी अंधेरी सुरंग में फंसा है, जिसका दूसरा छोर दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है. देश के अन्य हिस्सों के लोग भी यहां दो तबकों के बीच बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को भुलाने लगे हैं.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
मणिपुर में मैतेई और कुकी तबकों के बीच हिंसा में अब तक करीब 160 लोगों की मौत हो चुकी है और 50,000 से ज्यादा विस्थापित हो गए हैं. इसके अलावा करोड़ों की संपत्ति जलकर राख हो चुकी है.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भले ही धीरे-धीरे परिस्थिति सामान्य होने का दावा करें, लेकिन जमीनी हकीकत इसके एकदम उलट है. अब भी विभिन्न इलाकों में रह-रह कर हिंसा भड़क उठती है. राज्य में भारी तादाद में सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं. मुख्यमंत्री अब उल्टे इस समस्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं.
मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा
मई में शुरू हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पहली बार अपने मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के साथ दिल्ली के दौरे पर पहुंचे हैं. वहां उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है और विस्थापितों के लिए नए आवास बनाने के लिए आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया है. राज्य के कुकी विधायकों ने पांच जिलों के लिए अलग मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की मांग की है. कुकी समुदाय के 10 बीजेपी विधायक पहले ही कुकी लोगों के लिए अलग प्रशासन की मांग उठाते रहे हैं. उनकी दलील है कि अब राज्य में इन दोनों समुदायों का एक साथ रहना संभव नहीं है.
लेकिन मुख्यमंत्री का दावा है कि वह पर्वतीय जिलों के लिए अलग प्रशासन की मांग करने वाले कुकी विधायकों से मुलाकात कर चुके हैं और राज्य का कोई विभाजन नहीं होगा. बीरेन सिंह कहते हैं, "मैंने मैतेई संगठनों से बात की है और उनसे कहा है कि कुकी विधायकों के इंफाल घाटी के दौरे में बाधा नहीं पहुंचाई जानी चाहिए."
यहां इस बात का जिक्र जरूरी है कि बीरेन सिंह खुद मैतेई हैं. राज्य के मैदानी इलाकों में बसे मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है. दूसरी ओर कुकी जनजाति के लोग दूसरी जनजातियों के साथ पर्वतीय इलाकों में रहते हैं. मुख्यमंत्री सफाई दे रहे हैं कि उनकी सरकार कुकी समुदाय के खिलाफ नहीं है. हालांकि असम राइफल्स की भूमिका पर भी सवाल उठते रहे हैं और राज्य पुलिस के साथ उसकी झड़प के वीडियो वायरल होने के बाद कुछ जांच चौकियों से असम राइफल्स के जवानों को हटा दिया गया है.
कैसे शुरू हुई हिंसा
राज्य में हिंसा, आदिवासियों के संगठन की ओर से आयोजित रैली पर हमले से शुरू हुई थी. उससे कुछ दिन पहले मणिपुर हाईकोर्ट ने सरकार से मैतेई तबके के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा था. दरअसल, मैतेई तबके के लोग मौजूदा कानून के तहत पर्वतीय इलाकों में जमीन नहीं खरीद सकते. इसलिए वे लंबे समय से अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं.
दूसरी ओर, कुकी समुदाय को आशंका है कि ऐसा होने से पर्वतीय इलाकों में उनकी जमीन छिन जाएगी और मैदानी इलाकों की तरह वहां भी मैतेई तबके का बोलबाला हो जाएगा.
हालांकि उस रैली से पहले भी राज्य के विभिन्न इलाकों में छिटपुट हिंसा और हथियार लूटने की घटनाएं होती रही हैं. लेकिन खुफिया एजेंसियां इस बारे में पूर्वानुमान नहीं लगा सकी थीं. हिंसाशुरू होने के बाद केंद्र ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह को राज्य का सुरक्षा सलाहकार बना कर इंफाल भेजा. पुलिस महानिदेशक के तौर पर भी बाहर से राजीव सिंह को भेजा गया. लेकिन इन दोनों अफसरों की तैनाती और बड़े पैमाने पर केंद्रीय बल को सड़कों पर उतारने के बावजूद हिंसा थमने की बजाय बढ़ती रही.
घर लौटने का इंतजार
अब हालत यह है कि इन दोनों तबकों के बीच सांप और नेवले जैसी दुश्मनी हो गई है. मैतेई बहुल इलाकों में एक भी कुकी नजर नहीं आता है. यही हालत कुकी बहुल इलाकों की है. इस हिंसा में जिनके घर जला दिए गए, ऐसे 50,000 से ज्यादा लोग विभिन्न इलाकों में बने राहत शिविरों में दिन काटते हुए अपने अनिश्चित भविष्य की ओर ताक रहे हैं. निकट भविष्य में उनके अपने घर लौटने की कोई उम्मीद नहीं है.
म्यांमार के सीमावर्ती शहर मोरे में रहने वाले ओ. सुनील सिंह अपने परिवार के साथ पांच मई से ही इंफाल के एक राहत शिविर में रह रहे हैं. वह बताते हैं, "कुकी उग्रवादियों ने हमारा सब कुछ लूटने के बाद घर में आग लगा दी. हम दो दिन जंगल के रास्ते पैदल चलते हुए किसी तरह जान बचाकर यहां तक पहुंचे हैं. अब पता नहीं आगे क्या होगा? फिलहाल कुछ भी नहीं सूझ रहा है."
इन शिविरों में रहने वाले चाहे कुकी हों या फिर मैतेई, सबकी जुबान पर ऐसी दिल दहलाने वाली कहानियां हैं. इस हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ शारीरिक अत्याचार की रौंगटे खड़े कर देने वाली घटनाएं भी धीरे-धीरे सामने आ रही हैं. दो युवतियों के ऐसे एक वायरल वीडियो की चर्चा पूरी दुनिया में हुई. अब सीबीआई इन मामलों की जांच कर रही हैं.
क्या पाटी जा सकेगी खाई
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि मणिपुर में मैतेई और कुकी तबकों के बीच दुश्मनी की खाई इतनी चौड़ी हो चुकी है कि निकट भविष्य में इसे पाटना असंभव नहीं, तो बेहद मुश्किल जरूर है. पर्यवेक्षक के. जीवन शर्मा कहते हैं, "केंद्र और राज्य सरकार की चुप्पी ने इस समस्या को और उलझा दिया है. शुरुआत से ही राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर मैतेई तबके का पक्ष लेने के आरोप लगते रहे हैं. सरकार ने भी इस शंका को दूर करने की बजाय इस आग में घी डालने का ही काम किया." वह कहते हैं कि राज्य में नफरत और हिंसा की चिंगारी भीतर ही भीतर सुलग रही है और अक्सर भड़क उठती है.
राज्य के विभिन्न इलाकों से लूटे गए हथियारों का एक तिहाई हिस्सा भी अभी बरामद नहीं हो सका है. दोनों समुदायों के तमाम संगठनों के हाथों में ऐसे आधुनिकतम हथियार रहने तक इस समस्या के खत्म होने का कोई आसार नहीं नजर आता. (dw.com)
तमिलनाडु के मदुरै स्टेशन पर चाय बनाने के चक्कर में रेलेवे कोच में आग लगी. शनिवार तड़के हुए इस हादसे में 9 लोग जलकर मारे गए.
मदुरै के एक अधिकारी साली थालापथी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "यह एक अकेला स्टेशनरी कोच था, जिसे प्राइवेट टूरिस्ट ऑपरेटर ने बुक कराया था. किसी ने चाय बनाने की कोशिश की और इससे आग लगी."
अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार तड़के हादसे के वक्त कोच मदुरै रेलवे यार्ड पर खड़ा था. इसे ट्रेन से अलग किया गया था. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, आग करीब सुबह पांच बजे लगी और दो घंटे की मशक्कत के बाद बुझाई जा सकी.
नुकसान की जानकारी देते हुए थालापथी ने कहा, "नौ लोग मारे गए हैं, इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. नौ अन्य घायल हैं, लेकिन उनके जख्म जानलेवा नहीं हैं." प्रशासन के मुताबिक, अभी तक किसी भी शव की पहचान नहीं हो सकती है. कुछ यात्री बोगी से बाहर निकलने में सफल रहे.
कोच में पहुंचाया गैस सिलेंडर
भारतीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश की राजधानी से लखनऊ से यह प्राइवेट कोच रवाना हुआ था. हादसे के वीडियो में अंधेरे में आग में धधकती बोगी दिखाई दे रही है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यात्रियों ने गैरकानूनी तरीके से कोच में गैस सिलेंडर पहुंचाया. इस्तेमाल करते समय सिलेंडर फट गया.
भारत की गिनती दुनिया में सबसे बड़े रेल नेटवर्क वाले देशों में होती है. हर दिन औसतन 2.2 करोड़ लोग भारतीय रेल से यात्रा करते हैं. लेकिन सुरक्षा को लेकर रेलवे पर अकसर सवाल उठते हैं. हाल ही में जून में ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी जिसमें करीब 300 लोग मारे गए.
ओएसजे/आरएस (एएफपी, एपी)
बिहार में इसी माह बीते कुछ दिनों में एक-एक कर तीन गवाहों की हत्या कर दी गई. तीनों मामलों गवाहों को धमकियां मिल चुकी थीं.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
मृतकों में एक पत्रकार विमल कुमार यादव भी हैं, जो अपने छोटे भाई व बलसारा पंचायत के सरपंच शशि भूषण उर्फ गब्बू की चार वर्ष पूर्व हुई हत्या के एकमात्र गवाह थे. विमल ने पत्नी से अपनी जान पर खतरा होने की बात साझा की थी. उन्हें कई मौकों पर भाई के हत्यारों के खिलाफ गवाही देने से रोका गया था. बात नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी. धमकी के बावजूद उन्होंने गवाही दी. 17 अगस्त, 2023 को सुबह के करीब साढ़े पांच बजे अररिया जिले के रानीगंज में प्रेम नगर साधु आश्रम स्थित विमल के आवास का दरवाजा अपराधियों ने खटखटाया और उनके बाहर निकलते ही गोली मार दी. मौके पर ही उनकी मौत हो गई. 21 अगस्त को शशिभूषण की हत्या मामले में सुनवाई होनी थी.
इस घटना के 72 घंटे बाद बेगूसराय जिले के बछवाड़ा में एक रिटायर्ड शिक्षक जवाहर चौधरी (75) को गोलियों से भून डाला गया. इनके छोटे पुत्र नीरज चौधरी को 10 फरवरी, 2021 को घर से बुला कर मौत के घाट उतार दिया गया था. गांव के ही पड़ोसी गोपाल चौधरी से भूमि विवाद में यह हत्या हुई थी. वे इसी कांड में चश्मदीद गवाह थे. केस ट्रायल फेज में था. आरोपित उन्हें इस मामले में पीछे हटने की धमकी दे रहे थे. लेकिन, वे इसके लिए तैयार नहीं थे. अगले दिन उन्हें गवाही देने जाना था. उसके पहले ही उनकी हत्या कर दी गई. केस उठाने के लिए धमकी मिलने की शिकायत करते हुए उन्होंने एसपी को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी.
तीसरी घटना सारण जिले के गौरा थाना क्षेत्र के अदल पट्टी गांव में हुई, जहां नंदकिशोर शर्मा की हत्या के गवाह सुरेंद्र शर्मा की गवाही के पहले ही हत्या कर दी गई. परिजनों का आरोप है कि उन्हें पहले जहर दिया गया और फिर उनके शव को नहर के किनारे फेंक दिया गया. नंदकिशोर की हत्या 2018 में कर दी गई थी. हत्या का आरोप तत्कालीन मुखिया अनिल सिंह पर लगाया गया था. इस मामले में 21 अगस्त को सुरेंद्र शर्मा की गवाही होनी थी. परिजनों का कहना है कि उन्हें मामले से हटने के लिए पैसे का प्रलोभन भी दिया गया था, जिससे उन्होंने इन्कार कर दिया था. इसी वजह से गवाही के पहले ही उनकी हत्या कर दी गई.
गवाह की हत्या केस कमजोर करने की कोशिश
पटना व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राजेश कुमार कहते हैं, ‘‘गवाह किसी भी मुकदमे की महत्वपूर्ण कड़ी है. किसी भी आरोपी को सजा दिलाना काफी हद तक उसकी गवाही पर निर्भर करता है. केस कमजोर करने के उद्देश्य से गवाहों को डराया-धमकाया जाता है. यहां तक कि उनकी हत्या तक कर दिए जाने के मामले सामने आए हैं. यही वजह है कि गवाही देने से लोग कतराने लगे हैं. इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय भी चिंता जाहिर कर चुका है.''
गवाह को धमकी की बात अगर कोर्ट तक पहुंचती है तो अदालत के निर्देश पर उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई जाती है. इसलिए उनका भी दायित्व बनता है कि अगर ऐसी स्थिति उनके समक्ष आती है तो वे संबंधित कोर्ट को अवश्य सूचित करें. इसमें लापरवाही उचित नहीं है.
बीजेपी नेता के गवाह की भी कर दी गई थी हत्या
12 फरवरी, 2016 को भोजपुर जिले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या उस समय कर दी गई थी, जब वे कारनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनवर्षा बाजार में एक शादी समारोह में भाग लेने गए थे. 40 वर्षीय कमल किशोर मिश्र इस हत्याकांड के गवाह थे. 28 सितंबर, 2018 की अलसुबह कारनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनवर्षा गांव में उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया गया, जब वे मवेशी के लिए चारा लेकर अपने खेत से घर लौट रहे थे. उन्हें चार महीने पहले धमकी दी गई थी.
बिहार में हरेक साल ऐसी कई घटनाएं होती हैं, जिनमें मारा गया व्यक्ति या तो कोई चश्मदीद होता है या फिर केस की अहम कड़ी.
बदनाम छवि वाली बिहार पुलिस
गवाह के अदालती संघर्ष की कहानी सिवान के चंदा बाबू की चर्चा किए बिना अधूरी है. चंदा बाबू के एक बेटे की हत्या इसलिए कर दी गई थी कि वह अपने ही दो भाइयों की हत्या का गवाह था. बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन के आदेश पर उसके गुर्गों ने चंदा बाबू के दो बेटों की जान एसिड से नहला कर ले ली थी. तीसरा बेटा राजीव रोशन इस तेजाब कांड का एकमात्र गवाह था. उसकी भी बाद में हत्या कर दी गई. इसका आरोप शहाबुद्दीन पर ही लगा. चंदा बाबू इसमें गवाह थे. उन्होंने कोर्ट में शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही दी. उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. इसमें उन्होंने अपना पूरा परिवार खो दिया. अंतत: शहाबुद्दीन को सजा हुई और जेल जाना पड़ा. अब इस दुनिया में न चंदा बाबू हैं और न शहाबुद्दीन.
बिहार पुलिस के एक अधिकारी बताते हैं, ‘‘गवाहों द्वारा सुरक्षा की मांग पर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. कई मामलों में अदालत भी पुलिस को दिशा-निर्देश देती है. कोर्ट आने-जाने के दौरान भी उन्हें प्रोटेक्शन मिलता है. लेकिन, इन सबके बावजूद गवाह को धमकियों से बेफिक्र नहीं रहना चाहिए. इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को देनी चाहिए.''
जाहिर है, ये घटनाएं राज्य सरकार, पुलिस-प्रशासन या फिर न्यायपालिका, सभी के लिए बड़ी चुनौती हैं. जब गवाही ही नहीं होगी तो न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण कैसे होगी, अपराधियों को सजा कैसे मिलेगी. गवाहों की हत्या हर हाल में रोकनी ही होगी. (dw.com)
ठाणे, 26 अगस्त महाराष्ट्र के ठाणे शहर में पुलिस ने पहली कक्षा के एक छात्र को पीटने के आरोप में एक निजी स्कूल की अध्यापिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अध्यापिका द्वारा कथित रूप से पीटे जाने के कारण छह वर्षीय छात्र के सिर पर चोट आई है।
अधिकारी ने बताया कि यह कथित घटना सोमवार को हुई थी और कलवा के ‘न्यू इंग्लिश स्कूल विटावा’ की अध्यापिका के विरुद्ध शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया।
कलवा पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा,' बच्चे की मां 21 अगस्त को उसे स्कूल से लाने के लिए गई थी। उस समय उसकी अध्यापिका ने मां से कहा था कि बच्चा सही से पढ़ाई नहीं कर रहा और अभिभावकों को ध्यान देना होगा कि उसका गृहकार्य पूरा हो।'
उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि रात में भोजन करते समय छात्र की मां ने उसके सिर पर सूजन और जमा हुआ खून देखा। इस बारे में पूछे पर बच्चे ने बताया कि अध्यापिका ने उसे पीटा है।
अधिकारी ने बताया कि इसके तुरंत बाद छात्र की मां ने अध्यापिका से इस बारे में सवाल किया तो वह कोई उचित जवाब नहीं दे पाई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अभिभावकों ने अगले दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि पहले भी अध्यापिका बच्चे को धक्का दे चुकी है। वे भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं चाहते इसलिए शिकायत दर्ज करा रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि पुलिस ने बच्चे को कलवा के एक सरकारी अस्पताल भेजा जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया।
शिकायत के आधार पर, अध्यापिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर चोट पहुंचाना) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है और जांच जारी है। (भाषा)
मुजफ्फरपुर, 26 अगस्त । बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र में अज्ञात अपराधियो ने एक पंचायत के मुखिया के आवास पर गोलीबारी की। इस गोलीबारी में मुखिया के पति बाल -बाल बच गए। घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।
पुलिस के मुताबिक, सकरा थाना क्षेत्र के मच्छी पंचायत में शुक्रवार की देर रात बाइक सवार अपराधियों ने एक मुखिया के घर के बाहर उनके पति के ऊपर गोली चला दी, इसमें मुखिया पति बाल बाल बच गए। मच्छी पंचायत के मुखिया कौशल्या देवी के पति ने बताया कि शुक्रवार की देर रात एक बाइक पर सवार दो अपराधी दरवाजे के पास पहुंचे और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए गोली चलाने लगे। गोली घर के बाहर खड़े वाहन में भी लगी है। मुखिया और उनके पति भाग कर जान बचाई।
मुजफ्फरपुर (पूर्वी) पुलिस उपाधीक्षक शाहिरयार अख्तर ने शनिवार को बताया कि इस घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटनास्थल से पुलिस ने एक खोखा बरामद किया है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 26 अगस्त । देश में स्पेसटेक क्षेत्र को इस साल अब तक 62 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है, जो पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है।
मार्केट इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्पेसटेक परिदृश्य में फंडिंग के मामले में सातवें स्थान पर है और इस क्षेत्र में अपना प्रभाव मजबूती से स्थापित कर रहा है।
यह असाधारण विकास प्रवृत्ति आगामी महीनों में भी जारी रहने की उम्मीद है। भारतीय स्पेसटेक क्षेत्र की यात्रा परिवर्तन में से एक रही है, जो 2020 में क्षेत्र के निजीकरण से प्रेरित है।
2010 और 2019 के बीच जुटाए गए 35 मिलियन डॉलर के मामूली फंड से, इस क्षेत्र ने 2020 में जबरदस्त छलांग लगाई और 28 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की।
यह प्रवृत्ति तेजी से वृद्धि के साथ जारी रही, 2021 में 96 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई और 2022 में प्रभावशाली 112 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है।
"रिपोर्ट में कहा गया है, "पहले सरकारी भागीदारों का वर्चस्व था। इस क्षेत्र में निजीकरण के बाद निजी क्षेत्र की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। निजी संस्थाएं अब रॉकेट और उपग्रहों के अनुसंधान, विनिर्माण और निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जो नवाचार के एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रही हैं।"
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक शक्तिशाली देश के रूप में भारत का उद्भव इसके प्रभावशाली उपग्रह परिनियोजन द्वारा और अधिक उजागर होता है।
381 उपग्रहों को निचली कक्षा में स्थापित करने के साथ, भारत ने खुद को इस क्षेत्र में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित किया है।
विशेष रूप से, यूके स्थित वनवेब के लिए इसरो द्वारा कक्षा में 36 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण वैश्विक उपग्रह स्वामित्व में भारत के योगदान को दर्शाता है।
सेटेलाइट निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की योजना भी पाइपलाइन में है।
सेटेलाइट-आधारित इमेजिंग सॉल्यूशंस को भी पर्याप्त समर्थन मिला है, पिछले दो वर्षों में 84.2 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की गई है। पिक्सेल जैसी कंपनियों ने पृथ्वी अवलोकन के लिए अग्रणी तकनीकें पेश की हैं, जबकि ध्रुव स्पेस और बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस अपनी अनूठी पेशकशों के माध्यम से इस क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 26 अगस्त । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में धार्मिक भेदभाव के आधार पर एक क्लास टीचर द्वारा अन्य बच्चों से एक छात्र की पिटाई कराने की घटना की निंदा करते हुए इसे भाजपा-आरएसएस की नफरत भरी राजनीति का परेशान करने वाला परिणाम बताया।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं देश की वैश्विक छवि को खराब करती हैं और संविधान के खिलाफ हैं।
एक्स, पूर्व ट्विटर पर खड़गे ने कहा, ''यूपी के एक स्कूल में जिस तरह धार्मिक भेदभाव के आधार पर एक शिक्षिका ने एक बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाया, वह बीजेपी-आरएसएस की नफरत भरी राजनीति का परेशान करने वाला नतीजा है। ऐसी घटनाएं हमारी वैश्विक छवि को धूमिल करती हैं। ये संविधान के खिलाफ है।''
उन्होंने कहा, ''सत्ताधारी दल की विभाजनकारी सोच का जहर समाज में इस कदर फैल चुका है कि एक ओर शिक्षा अध्यापिका तृप्ता त्यागी बचपन से ही धार्मिक नफरत का पाठ पढ़ा रही हैं तो दूसरी ओर सुरक्षा देने वाले आरपीएफ जवान चेतन कुमार धर्म के नाम पर निर्दोष लोगों की हत्या कर रहा है। जान लेने पर उतारू हो जाते है।''
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "किसी भी प्रकार की धार्मिक कट्टरता और हिंसा देश के विरुद्ध है। दोषियों को छोड़ना देश के खिलाफ अपराध है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इस मामले में तुरंत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और सजा दी जानी चाहिए, ताकि कोई और इस तरह का जहर मिलाने से पहले सौ बार सोचे।"
उनकी टिप्पणी एक वायरल वीडियो के बाद आई है जिसमें मुजफ्फरनगर में एक स्कूल शिक्षिका हिंदू छात्रों से क्लास के अंदर एक अल्पसंख्यक बच्चे को थप्पड़ मारने के लिए कह रही है।
पुलिस ने वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। बाद में, बच्चे के पिता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने मामले में समझौता कर लिया है और कोई मामला आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं।
उन्होंने मीडिया से कहा, "हमने मामला नहीं उठाने का फैसला किया है। स्कूल ने हमारी फीस वापस कर दी है। हमारा बच्चा उस स्कूल में नहीं जाएगा, हमने फैसला किया है।"
मुजफ्फरनगर पुलिस ने यह भी दावा किया कि यह वीडियो मुजफ्फरनगर के गांव खुब्बापुर के एक स्कूल का है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 26 अगस्त । कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आलोचना के बावजूद भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था और देश में विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विकास के लिए ढांचा तैयार किया। इसका लाभ देश काेे मिल रहा है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा,"इस बात को मान्यता नहीं दी गई है कि पहले दिन से ही नेहरू ने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, जबकि दिल्ली में कुछ लोग अधिक अमेरिकी भागीदारी की वकालत कर रहे थे और कुछ अन्य सोवियत संघ के साथ घनिष्ठ सहयोग की बात कर रहे थे।"
नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उपलब्धियों को याद करते हुए उन्होंने कहा, "नेहरू पहले और बाद में इंदिरा गांधी अंतरिक्ष कार्यक्रम को भारतीय पेशेवरों द्वारा डिजाइन, नियंत्रित और निष्पादित किए जाने को लेकर वे स्पष्ट थे।।"
उन्होंने कहा, "नेहरूवादी युग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए नींव और विशाल बुनियादी ढांचे का निर्माण इस तीखी आलोचना के बावजूद किया गया कि एक अत्यंत गरीब देश होने के कारण भारत इस तरह के निवेश को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।''
उनकी टिप्पणी भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और पाकिस्तान को इस उपलब्धि पर भारत और भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई देने में दो दिन लगने के मद्देनजर आई है। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 26 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन के लैंडिंग प्वाइंट को 'शिव शक्ति प्वाइंट' के नाम से जाना जाएगा।
इसरो आए पीएम ने कहा कि चंद्रयान-2 की लैंडिंग विफलता वाले स्थान को "तिरंगा बिंदु" कहा जाएगा, जबकि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के उतरने का दिन (23 अगस्त) देश में "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" के रूप में मनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इसरो कमांड सेंटर में वैज्ञानिकों की सभा को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं कीं।
पीम ने कहा, “भारत ने उस टचडाउन प्वाइंट का नाम “शिव शक्ति प्वाइंट” रखने का फैसला किया है, जहां विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी।
चंद्रमा का शिव शक्ति प्वांइट हिमालय से कन्याकुमारी तक एकता का प्रतीक होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि शिव शक्ति प्वाइंट भावी पीढ़ियों को मानवता के कल्याण के लिए विज्ञान के उपयोग की दिशा में प्रेरित करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रमा पर वह प्वांइट जहां चंद्रयान मिशन-2 ने निशान छोड़े हैं उसे "तिरंगा" कहा जाएगा।
पीएम ने कहा, तिरंगा प्वाइंट प्रेरणा का काम करेगा। यह एक प्रतीक होगा जो बताएगा कि असफलता अंत नहीं है। यह इस बात का भी प्रमाण होगा कि यदि आप प्रतिबद्ध हैं तो सफलता निश्चित है। चंद्रयान-3 मिशन ने पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है, भावना को आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि हर बच्चा, जो चंद्रमा का बीज बोएगा उसके अंदर उपलब्धि की भावना होगी।
पीएम मोदी ने कहा, “हिंदुस्तान (भारत) हर साल 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाएगा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का जश्न मनाया जाएगा। ”
इसके पूर्व शनिवार सुबह इसरो पहुंचने पर प्रधानमंत्री का इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ, इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के निदेशक बी.एन. रामकृष्ण और यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक एस. शंकरन ने स्वागत किया।
पीएम मोदी ने तीनों वैज्ञानिकों को गले लगाकर स्वागत किया और उनकी पीठ थपथपाई।
बाद में, उन्होंने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी इसरो में 45 मिनट तक वैज्ञानिकों से बातचीत करेंगे।
हजारों लोग इसरो के आसपास जमा होकर पीएम मोदी के जयकारे लगाते नजर आए (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 26 अगस्त । एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी एक्स ने सप्यापित कंपनियों के लिए लिंक्डइन पर कदम रखा दिया है और जॉब हायरिंग बीटा खोला है। इससे इस प्लेटफार्म पर जाकर कपनियां अपनी नौकरियों की सूचना दे सकती है और लोग नौकरियां ढूंढ सकते हैं।
सत्यापित संगठन (वे जो सत्यापन स्थिति के लिए प्रति माह 1,000 डॉलर का भुगतान करते हैं) अब नई सुविधा के साथ अपने एक्स प्रोफाइल पर नौकरी लिस्टिंग की सुविधा दे सकते हैं।
एक्स ने एक पोस्ट में कहा, "एक्स हायरिंग बीटा तक शीघ्र पहुंच अनलॉक करें, विशेष रूप से सत्यापित संगठनों के लिए।"
एलन मस्क द्वारा संचालित कंपनी ने कहा, “अपनी सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाएं प्रदर्शित करें और लाखों प्रासंगिक उम्मीदवारों तक व्यवस्थित रूप से पहुंचें। बीटा के लिए आज ही आवेदन करें।''
यह अभी तक एक लिंक्डइन किलर नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से एक्स को "एवरीथिंग ऐप" बनाने की दिशा में एक कदम है।
एक्स ने कहा, “एक्स हायरिंग तक शीघ्र पहुंच के लिए साइन अप करें, जो वर्तमान में सत्यापित संगठनों के लिए उपलब्ध है। यदि पात्र हैं, तो हम आपके खाते पर हायरिंग सुविधाओं को सक्षम करेंगे।”
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट सामने आई थी कि एक्स जल्द ही एक नौकरी खोज सुविधा शुरू करेगा, इससे उपयोगकर्ता सीधे प्लेटफॉर्म पर नौकरी ढूंढ सकेंगे।
मस्क ने इस साल मई में इस फीचर का संकेत दिया था। (आईएएनएस)।
कोलकाता, 26 अगस्त । रैगिंग के कारण 10 अगस्त को कोलकाता के प्रतिष्ठित जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के एक नए छात्र की मौत हो गई। यह बात विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में कही है।
हालाकि, आंतरिक जांच समिति द्वारा शुक्रवार शाम को जेयू के अंतरिम उपाध्यक्ष के कार्यालय को सौंपी गई रिपोर्ट में उन परिस्थितियों के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया जो घटना का कारण बनीं।
आंतरिक जांच रिपोर्ट में केवल यह बताया गया है कि घटना के पहले छात्र मानसिक दबाव में था।
इसने यह भी स्वीकार किया है कि विश्वविद्यालय परिसर में इसके पहले भी रैगिंग की घटनाएं हुई थीं, लेकिन ऐसी घटना नहीं हुई थी।
आंतरिक रिपोर्ट इस बात पर भी चुप है कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र महीनों बाद भी छात्रावास पर कब्जा क्यों किए रहते हैं।
मामले में जेयू के गणित में स्नातकोत्तर के पूर्व छात्र, सौरव चौधरी को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था।
जेयू के अंदरूनी सूत्रों का एक वर्ग स्वीकार करता है कि विश्वविद्यालय की अपनी जांच समिति की आंतरिक रिपोर्ट प्रशासनिक अक्षमता को स्वीकार करता है, जिसके कारण अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। (आईएएनएस)।
गुरुग्राम, 26 अगस्त । 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा में शामिल एक संदिग्ध को गिरफ्तार करने के प्रयास में हरियाणा के नूंह जिले के एक गांव में छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया।
यह घटना सिंगार गांव में उस समय हुई, जब क्राइम ब्रांच पुन्हाना यूनिट की टीम इरशाद नाम के संदिग्ध को गिरफ्तार करने गई थी।
पुलिस के अनुसार इरशाद को बस स्टैंड से पकड़े जाने पर वहां मौजूद स्थानीय लोगों की क्राइम ब्रांच टीम के साथ बहस हो गई और वे इरशाद को छुड़ाकर गांव की ओर भाग गए।
यूनिट ने महिला पुलिस कर्मियों सहित अतिरिक्त बल बुलाया और गांव में प्रवेश किया, जहां महिलाओं के एक समूह ने उन पर पत्थरों से हमला किया।
हमले में उपनिरीक्षक विनीत और सिपाही अमर सिंह समेत तीन जवान घायल हो गये।
हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
अब तक पांच महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
लेकिन इरशाद फिलहाल फरार है।
इस बीच, हिंदू समूह 28 अगस्त को ब्रजमंडल यात्रा फिर से शुरू करने पर अड़ा हुआ है, नूंह में शनिवार से 29 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।
डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह एक एहतियाती कदम है। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 26 अगस्त। तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक यात्री ट्रेन के कोच में आग लगने से छह लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
रेलवे सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यह घटना लखनऊ-रामेश्वरम एक्सप्रेस में हुई।
सूत्रों के मुताबिक सभी मृतक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। प्रभावित कोच में कुल 55 यात्री थे।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि खाना पकाने के प्रयास के दौरान आग भड़क गई।
मदुरै से अग्निशमन कर्मी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया।(आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 26 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद मोदी ने स्वागत के लिए एकत्र हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि न केवल भारत में, बल्कि दुनिया का हर व्यक्ति जो विज्ञान और भविष्य में विश्वास करता है, चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मना रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "विज्ञान की सफलता और देश की उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु में सुबह के समय का माहौल देखना अच्छा लगता है। मैंने ग्रीस और जोहान्सबर्ग में इसी तरह की तस्वीरें देखीं। दुनिया के हर कोने में सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विज्ञान में आस्था रखने वाले लोग भी इसी भावना के इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं।"
लोगों की भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, "आप इतनी सुबह आ गए, मैं खुद को रोक नहीं सका क्योंकि जब चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ तब मैं यहां नहीं था। मैंने संकल्प किया था कि जब मैं भारत आऊंगा तो सबसे पहले बेंगलुरु जाऊंगा और वैज्ञानिकों को बधाई दूंगा।”
"यह भाषण देने का समय नहीं है। मैं वैज्ञानिकों से मिलने के लिए उत्सुक हूं। मैं मिशन की सफलता का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु और लोगों को धन्यवाद देता हूं। बच्चे भी जश्न मनाने आए हैं। यह भारत का भविष्य है।"
मोदी ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को भी आवश्यक व्यवस्था बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाने के बाद 'जय विज्ञान' जय अनुसंधान' का नारा भी लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए सड़क के दोनों ओर हजारों लोग जमा थे। उन सभी के हाथ में तिरंगा था। (आईएएनएस)।
एंटानानारिवो, 26 अगस्त । मेडागास्कर की राजधानी एंटानानारिवो के बारिया स्टेडियम में एक उद्घाटन समारोह के दौरान प्रवेश द्वार पर भगदड़ मचने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 अन्य घायल हो गए। मेडागास्कर के प्रधानमंत्री क्रिश्चियन नत्से ने ये बात कही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने शुक्रवार शाम को मीडिया से कहा, "फिलहाल, अस्थायी तौर पर मरने वालों की संख्या 12 है और लगभग 80 घायल हैं, जिनमें से 11 को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, "घायलों की चिकित्सा लागत सरकार वहन कर रही है और मैं पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
उद्घाटन समारोह में, राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने भगदड़ में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 26 अगस्त । तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक यात्री में आग लगने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए।
रेलवे सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यह घटना शनिवार तड़के लखनऊ-रामेश्वरम एक्सप्रेस में हुई।
सूत्रों ने बताया कि सभी मृतक उत्तर प्रदेश के थे और रामेश्वरम तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे।
प्रभावित कोच में 55 यात्री थे, जिसे शुक्रवार को नागरकोइल में जोड़ा गया था।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि खाना पकाने के लिए अवैध रूप से कोच के अंदर ले जाए जा रहे गैस सिलेंडर में विस्फोट के कारण आग लगी।
इस बीच, घायल हुए 20 लोगों में से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन मदुरै रेलवे स्टेशन से 1 किमी दूर एक यार्ड में खड़ी थी और यात्री दर्शन के लिए मीनाक्षी मंदिर के लिए निकलने वाले थे।
अग्निशमन एवं बचाव सेवा विभाग मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाया।
ट्रेन जब मदुरै रेलवे स्टेशन पहुंची तो कई लोग उतर चुके थे।
मदुरै जिला कलेक्टर संगीता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि घायलों को अस्पतालों में भेज दिया गया है और इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की आगे जांच की जाएगी। (आईएएनएस)।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रीस की एक दिवसीय यात्रा पर हैं. मोदी से पहले इंदिरा गांधी ग्रीस जाने वाली आखिरी भारतीय प्रधानमंत्री थीं. इंदिरा गांधी की यात्रा के 40 साल बाद जानिए क्यों जरूरी है ग्रीस भारत के लिए.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद मोदी एक दिन की यात्रा पर ग्रीस पहुंचे हैं. यह उनकी पहली ग्रीस यात्रा है. राजधानी एथेंस पहुंचने पर मोदी का स्वागत विदेश मंत्री जॉर्ज जेरापेट्राइटिस ने किया. यात्रा के दौरान मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिससे मिलेंगे और द्विपक्षीय रिश्तों पर बातचीत करेंगे.
मोदी ग्रीस की राष्ट्रपति कैटरीना साकेलारोपोलो से भी मिलेंगे. वो ग्रीस के बिजनेस लीडर्स से भी मिलेंगे और इसके अलावा ग्रीस में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे. इस यात्रा के मद्देनजर आइए दोनों देशों के आपसी संबंधों पर एक नजर डालते हैं.
पुराने रिश्ते
दोनों देशों के बीच दोस्ताना रिश्तों का पुराना इतिहास है. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की शुरुआत मई 1950 में हुई. उसी साल दिल्ली में ग्रीस का दूतावास खुला था. एथेंस में भारतीय दूतावास 1978 में खुला था. ग्रीस लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का समर्थन करता है.
मोदी सरकार विशेष रूप से ग्रीस के साथ संबंधों को और गहरा करने की ओर ध्यान दे रही है. जनवरी 2023 में ही विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी आधिकारिक यात्रा पर ग्रीस गई थीं. उनसे पहले वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल अप्रैल 2022 में ग्रीस गई थीं.
उनसे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर जून 2021 में ग्रीस गए थे. जून 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी चार दिनों की आधिकारिक यात्रा पर ग्रीस गए थे. उनके साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी था और दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए.
दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्ते भी हैं. 2022-23 में दोनों देशों के बीच 160 अरब रुपयों का व्यापार हुआ. हालांकि इस व्यापार का तराजू ग्रीस की तरफ ज्यादा झुका रहा. भारत ने 95 अरब रुपयों का आयात किया और 64 अरब रुपयों का निर्यात किया.
भारत एल्युमीनियम, ऑर्गेनिक केमिकल, मछलियां, लोहा, इस्पात, प्लास्टिक, फल, प्याज, गरम मसाले, कॉफी, चाय, बड़ी मशीनें, मेडिकल उपकरण, गाड़ियां, पुर्जे समेत कई उत्पाद ग्रीस निर्यात करता है. ग्रीस से भारत एल्युमीनियम फोरील, सल्फर, सीमेंट, न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर, कपास, रसीले फल, मशीनें, संगमरमर, नाव, जहाज समेत कई उत्पादों का आयात करता है.
ग्रीस में कई भारतीय कंपनियां भी सक्रिय हैं. इनमें भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जीएमआर और भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी यूपीएल हेल्लास शामिल हैं. जीएमआर ग्रीस की एक कंपनी के साथ मिल कर क्रीट द्वीप पर नया एयरपोर्ट बना रही है.
ग्रीस में 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक वहां 11,333 भारतीय रहते थे. अनुमान है कि इस समय देश में रह रहे भारतीय लोगों की संख्या 13 से 14,000 के बीच है. भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह मुख्य रूप से पंजाब के रहने वाले सिख समुदाय के लोग हैं.
राजनीतिक समर्थन
कई राजनीतिक मुद्दों पर ग्रीस भारत के हितों का समर्थन करता है. कश्मीर विवाद पर ग्रीस भारत की स्थिति का समर्थन करता है. भारतीय विदेश मंत्रालय का दावा है कि "नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए)/राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी), धारा 370 को हटाना, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन और राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले जैसे विषयों पर ग्रीस ने कहा है कि यह सब भारत के आंतरिक मामले हैं."
हार्ड न्यूज पत्रिका के संपादक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार संजय कपूर का मानना है कि सामरिक रूप से ग्रीस भारत के लिए बेहद जरूरी बन गया है. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "पिछले कुछ सालों से भारत ग्रीस और साइप्रस के साथ मिल कर तुर्की का मुकाबलाकरने के लिए काम कर रहा है. तुर्की पाकिस्तान का समर्थक रहा है."
कपूर ने यह भी कहा कि मोदी की यात्रा इस बात का भी संकेत है कि भारत अपने तरीके से ग्रीस की अर्थव्यवस्था में प्रवेश करना चाहता है, जैसा कि चीन ने कई साल पहले किया था. उनके मुताबिक, "यह दिखाता है कि अभी तक जितना समझा गया, भारत उससे बड़ा भू-सामरिक खेल खेल रहा है." (dw.com)
पटना, 25 अगस्त । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जाति आधारित सर्वे का काम पूरा हो गया है और जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
पटना में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "गिनती पूरी हो चुकी है और डेटा संकलित करने का काम चल रहा है। यह जल्द ही सामने आएगा। सर्वे से समाज के वंचित लोगों को मदद मिलेगी। यह एक तस्वीर देगा कि किस वर्ग को कितना विकास की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, ''मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि भाजपा नेता जाति-आधारित सर्वे पर क्या कह रहे हैं। मैं कह सकता हूं कि जाति-आधारित सर्वे कराने का बीजेपी सहित सभी दलों का सर्वसम्मत निर्णय था। हम इसके पक्ष में हैं, शुरुआत से।"
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी भी सर्वे पर रोक नहीं लगाई। इस संबंध में दायर जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा, 'केंद्र देश की जनगणना क्यों नहीं करा रहा है जो हर 10 साल में होती है और 2021 में होनी थी। (आईएएनएस)।