खेल
नई दिल्ली, 20 जून । पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और पूर्व इंग्लिश कप्तान नासिर हुसैन की दोस्ती रिटायरमेंट के बाद और ज्यादा गहरी हो गई है। रिटायरमेंट से पहले ये दोनों ही खिलाड़ी खेल के मैदान पर कड़े प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। दोनों अक्सर एक-दूसरे की तारीफ करते रहते हैं। नासिर हुसैन का मानना है कि पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भारत को क्रिकेट की दुनिया पावरहाउस बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय क्रिकेट में क्रांति गांगुली लाए हैं। नासिर हुसैन की इस तारीफ के बाद दोनों पूर्व खिलाडिय़ों के बीच सोशल मीडिया पर मजेदार बैंटर चल रहा है।
सौरव गांगुली ने शनिवार को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक कोलाज शेयर किया। ये कोलाज उन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू के 24 साल पूरे होने पर सेलिब्रेट करते हुए किया। गांगुली ने 20 जून 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अपने डेब्यू पर शतक जड़कर गांगुली ने इसे और भी खास बना दिया था। गांगुली ने उस मैच की पहली पारी में 131 रन बनाए थे। इसी के साथ वह अपने पहले टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले 10वें बल्लेबाज बने थे। गांगुली ने हालांकि अपना अंतरार्ष्ट्रीय पदार्पण 1992 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए वनडे मैच से किया था। वह इस मैच में सिर्फ तीन रन ही बना सके थे और अगले चार साल तक बाहर रहे थे।
गांगुली ने इस कोलाज को शेयर करते हुए लिखा, जिंदगी के बेस्ट पल। इस ट्वीट पर जवाब देते हुए नासिर हुसैन ने लिखा, उस हफ्ते की बॉलिंग की कोई तस्वीर नहीं। गांगुली के इस ट्वीट पर रिएक्शन देते हुए मोहम्मद कैफ ने भी बस ड्राइवर के किस्से वाला ट्वीट कर नासिर को ट्रोल किया।(लाइव हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली, 20 जून । ओलंपिक रजत पदक विजेता और विश्व बैडमिंटन चैम्पियन पीवी सिंधु अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के ओलंपिक दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगी। 23 जून को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता महिला पहलवान विनेश फोगाट भी हिस्सा लेंगी।
विनेश दुनियाभर के 23 ओलंपिक खिलाडिय़ों के साथ पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो में अपने विशेष वर्कआउट (कसरत) को दिखाएंगी। वहीं, सिंधु लाइव फिटनेस कार्यक्रम में दुनिया के 22 शीर्ष एथलीटों के साथ भाग लेंगी।
24 साल की सिंधु दुनियाभर के उन एथलीटों में शामिल होंगी जिनके वर्कआउट का सीधा प्रसारण ओलंपिक के इंस्टाग्राम पेज पर किया जाएगा। सिंधु हैदराबाद के अपने घर से ऑनलाइन माध्यम से इससे जुड़ेंगी।
आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने एक बयान में कहा, 'इस बार का ओलंपिक दिवस का कार्यक्रम हर बार से अलग होगा। आइए हम स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक की तैयारी के लिए एकजुटता के साथ खेल की शक्ति का उपयोग करें। (आजतक)
कराची, 20 जून । पाकिस्तान के युवा बल्लेबाज हैदर अली अपने आदर्श रोहित शर्मा की गेंद गेंद को पीटना चाहते हैं और उन्हीं की तरह बार बार दोहरे शतक जमाना चाहते हैं। इस साल अंडर 19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले अली का इंग्लैंड दौरे के लिए पाकिस्तानी टीम में चयन हुआ है।
उन्होंने एक ऑनलाइन मीडिया संवाद में कहा, जहां तक आदर्श का सवाल है तो मेरे रोलमॉडल रोहित शर्मा हैं। मैं बतौर खिलाड़ी उन्हें बहुत पसंद करता हूं और शीर्षक्रम पर टीम को वैसी ही आक्रामक शुरूआत देना चाहता हूं। उनकी तरह सफाईसे बड़े शॉट लगाना चाहता हूं। वह तीनों प्रारूपों में शानदार खेलते हैं।
हैदर अली ने कहा, सबसे बड़ी बात यह है कि रोहित 50 पार करने पर सौ बनाते हैं और फिर 150 या 200 की सोचते हैं। मैं भी उनकी तरह बड़ी पारियां खेलना चाहता हूं। वह वाकई मैच विनर हैं।
अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में भी अपनी बल्लेबाजी से सबको काफी प्रभावित वाले हैदर अली पहले भी रोहित शर्मा की तारीफ कर चुके हैं। उनकी तुलना विराट कोहली और बाबर आजम जैसे स्टार बल्लेबाजों से की जाने लगी है।
हैदर अली ने कहा था कि उनकी तुलना बाबर आजम से की जाए, लेकिन विराट कोहली से नहीं। उन्होंने कहा था कि मेरा नाम हैदर अली है और मैं हैदर अली ही रहूंगा। 19 वर्षीय इस हैदर ने कहा, मेरे आइडल रोहित शर्मा हैं, उनकी खेल की बेस्ट बात उनका स्ट्राइक रेट है, वो अपने खेल में भी चाहता हूं।' पाकिस्तान सुपर लीग में हैदर ने 9 मैचों में 239 रन बनाए थे।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और मौजूदा समय में स्टार कमेंटेटर रमीज रजा भी हैदर से काफी प्रभावित हुए थे, उन्होंने पीएसएल के बाद कहा था कि हैदर स्ट्रोक प्ले के मामले में विराट कोहली और बाबर आजम जैसे ही टैलेंटेड हैं। रमीज राजा ने हालांकि कहा था कि उन्हें अपनी कंसिस्टेंसी पर काम करने की जरूरत है।(एजेंसी)
नई दिल्ली 20 जून । सचिन तेंडुलकर ने 24 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में कई रेकॉर्ड बनाए होंगे लेकिन एक चीज जो उन्हें सबसे अलग बनाती है वह उनकी विनम्रता है। यह कहना है कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनिस का।
यूनिस ने कहा, तेंडुलकर सिर्फ एक महान खिलाड़ी ही नहीं हैं बल्कि एक महान इनसान भी हैं। मेरे कहने का मतलब है कि आप उनके टेस्ट और वनडे रेकॉर्ड एक ओर रखें, एक इंसान के तौर पर भी वह शानदार हैं। उनकी विनम्रता के कारण ही सभी उम्र के लोग उन्हें पसंद करते हैं।
पाकिस्तानी टीम के पूर्व कोच ने यह भी कहा कि सचिन ने अपने करियर को बखूबी संभाला। उन्होंने कहा, वह काफी विनम्र इनसान हैं और हर किसी ने मैदान पर उन्हें खेलते और कामयाबियां हासिल करते हुए देखा है। कुल मिलाकर जिस तरह से उन्होंने अपने करियर को संभाला उसके लिए आप उन्हें पूरे अंक देंगे।
यह संयोग की बात है कि सचिन और वकार दोनों ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 1989 में कराची में खेले गए टेस्ट मैच से की थी। और तो और वकार ने तेंडुलकर को मैच की पहली पारी में बोल्ड किया था। और इसी के साथ दोनों खिलाडिय़ों में प्रतिस्पर्धा की शुरुआत हुई।
दोनों के बीच मुकाबले को लेकर वकार ने कहा कि 2003 वर्ल्ड कप में सचिन की 98 रनों की पारी शानदार थी। 274 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने मैच छह विकेट से जीता था। सचिन ने शुरुआत में ही वसीम अकरम, शोएब अख्तर और खुद वकार की गेंदबाजीं पर जमकर स्ट्रोक खेले थे। (नवभारत टाईम्स)
मुंबई, 20 जून। भारतीय क्रिकेट टीम में पिछले दो दशकों में कई ऐसे खिलाड़ी आए जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में फील्डिंग की परंपरा को बदला। फिटनेस पर ध्यान देना और अपनी फील्डिंग से मैच का रुख पलटने का दम रखना, अब धीरे-धीरे ये भारतीय खिलाडिय़ों में भी दिखने लगा है। युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, सुरेश रैना, हार्दिक पांड्या जैसे कई धुरंधरों का नाम फील्डिंग के लिए चर्चित हुआ लेकिन पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर के मुताबिक ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भारतीय टीम ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ फील्डर हैं।
गंभीर ने क्रिकेट कनेक्टेड कार्यक्रम में कहा, मुझे लगता है कि विश्व क्रिकेट में जडेजा से बेहतर फील्डर कोई नहीं है। हो सकता है कि वो स्लिप में और गली में फील्डिंग नहीं करते हैं, लेकिन थ्रो फेंकने के मामले में उनसे बेहतर कोई नहीं है। गौरतलब है कि आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 में भी जडेजा को कुछ ही मौके मिले थे लेकिन उन मौकों का भरपूर फायदा उठाते हुए जडेजा ने बल्लेबाजी के साथ-साथ अपनी फील्डिंग से भी दिल जीते थे।
गौतम गंभीर ने कहा, उनके जैसा आउट फील्ड को कोई कवर नहीं करता। आप उन्हें चाहे प्वाइंट पर रखें या कवर में, आप उन्हें हर जगह फील्डिंग करते हुए पाएंगे। रवींद्र जडेजा, शायद विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फील्डर हैं।
सालों तक अपनी फील्डिंग के दम पर अलग पहचान बनाने वाले सबसे बेहतरीन फील्डरों में शुमार रहे दक्षिण अफ्रीका के महान फील्डर जोंटी रोड्स ने भी कुछ समय पहले ऐसा ही कहा था। उन्होंने भी रवींद्र जडेजा को विश्व का सर्वश्रेष्ठ फील्डर बताया था। एक अन्य बेहतरीन फील्डर सुरेश रैना के साथ बात करते हुए रोड्स ने इंस्टाग्राम पर बताया था कि उनकी नजर में इस समय सबसे बेहतरीन विदेशी और भारतीय फील्डर कौन सा है। रोड्स ने कहा था, मुझे डिविलियर्स को बल्लेबाजी और फील्डिंग करते देखना काफी पसंद है। मार्टिन गुप्टिल हैं.. माइकल बेवन भी, वो काफी तेज थे। जड्डू भी मैदान पर काफी तेज हैं। उन्होंने कहा कि जड्डू (जडेजा) ने कुछ बेहद शानदार कैच लिए हैं।
31 वर्षीय रवींद्र जडेजा ने अब तक 49 टेस्ट मैचों में 36 कैच, वनडे क्रिकेट में 58 कैच और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 21 कैच लपके हैं। वो एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। बल्ले से जहां अब तक वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 4338 रन बना चुके हैं, वहीं गेंदबाजी करते हुए जडेजा 439 विकेट ले चुके हैं। (टाईम्स नाउ)
मेलबर्न, 19 जून । ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट की स्टार खिलाड़ी एलिस पैरी ने कहा है कि उनका देश महिला सीईओ के लिए तैयार है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने मंगलवार को निक हॉक्ले को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी घोषित (सीईओ) नियुक्त किया है। उन्हें केविन रॉबटर्स के पदस से इस्तीफा देने के बाद यह पद मिला है। रोबटर्स को कोविड-19 के मुश्किल समय में उनके द्वारा लिए गए फैसलों के कारण आलोचना झेलनी पड़ रही थी।
पैरी ने शुक्रवार को वीडियो कॉल पर संवाददाताओं से कहा, मुझे लगता है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया महिला सीईओ के लिए तैयार है। पैरी के मुताबिक, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की मुखिया क्रिस्टिना मैथ्यूज इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, मैं जानती हूं कि क्रिस के साथ बात आखिरी राउंड है। मुझे नहीं लगता कि यह कुछ भी नया है। सीए में कई महिलाएं उच्च पद पर काम कर रही हैं। बेलिंदा क्लार्क और स्टीफ बेलट्रेम उनमें कुछ नाम हैं।
उन्होंने कहा, हम जिस तरीके से काम करते हैं उसमें उनका रोल काफी अहम है। वहीं, द ऑस्ट्रेलियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सीए ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस को सीईओ पद के लिए आवेदन देने को कहा है। स्ट्रॉस इससे पहले 2015 से 2018 तक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के निदेशक रह चुके हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है। इससे निबटने के लिए रॉबर्ट्स ने अप्रैल में 80 प्रतिशत स्टाफ कम कर दिया था। उन्होंने प्रांतों की अनुदान राशि में कमी कर दी थी और वह खिलाडिय़ों के साथ नये भुगतान करार पर काम कर रहे थे। राबर्ट्स के कुछ फैसलों की कड़ी आलोचना भी हुई।
सीए ने एक बयान में कहा था, बाकी राष्ट्रीय खेलों की तरह क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रहा हैं। हाल ही के महीनों में कोरोना महामारी ने अनिश्चितता पैदा कर दी है। पूरा क्रिकेट जगत इससे प्रभावित है और कुछ कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं।(एजेंसी)
नई दिल्ली 19 जून। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने मुंबई में सड़क के गड्ढे भरने वाले शख्स की तारीफ की है। इस शख्स ने सड़क में गड्ढे के कारण हुई दुघर्टना में अपने बेटे को खो दिया था। भारतीय क्रिकेट जगत में वैरी वैरी स्पेशल लक्ष्मण के नाम से मशहूर यह दिग्गज बल्लेबाज अक्सर सोशल मीडिया के जरिया ऐसे रियस लाइफ हीरोज को सलाम करते रहते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने मुंबई की 99 साल की अम्मा की भी तारीफ की थी, जो प्रवासी मजदूरों की मदद कर रही थीं।
2015 में दादाराव बिलहोरे ने अपने 16 साल के लड़के को खो दिया था। सड़क में गड्ढा होने के कारण दादाराव का बेटा दुर्घटना का शिकार हो गया था। अपने इकलौते बेटे की मौत के बाद दादाराव ने सड़क में गड्ढे भरने का काम शुरू किया।
वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट किया, दादाराव ने जबसे अपने 16 साल के बेटे को मुंबई में एक गड्ढे के कारण हुई सड़क दुर्घटना में खोया है तब से वह सड़क के गड्ढे भर रहे हैं। जब दुख के कारण वह टूटे हुए थे, तब भी वह ब्लॉक्स, कंकड, पत्थर, फावड़ा हाथ में लिए वह हर गड्ढे को भरते हैं। (एजेंसी)
कोच्चि, 19 जून । केरल के कोच्चि में स्थित जवाहरलाल नेहरू इंटरनेशनल स्टेडियम का सचिन पवेलियन काफी खराब हालत में है। यहां से किकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर की यादगार वस्तुएं गायब हो चुकी हैं।
सचिन पवेलियन का उद्घाटन 20 नवम्बर 2013 को तत्कालीन भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने किया था। सचिन ने इस पवेलियन को एक जर्सी, अपने हस्ताक्षर वाला बल्ला और अपनी इस्तेमाल की हुई गेंद उपहार में दी थी।
सचिन पर यह पवेलियन केरल क्रिकेट संघ और ग्रेटर कोच्चि विकास प्राधिकरण की संयुक्त पहल थी। यह स्टेडियम ग्रेटर कोच्चि विकास प्राधिकरण की सम्पत्ति है। यह पवेलियन एक हजार वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसमें सचिन की ढेरों तस्वीरें हैं, जिसमें मास्टर ब्लास्टर की सर डॉन ब्रैडमैन और वेस्टइंडीज के दिग्गज ब्रायन लारा की तस्वीरें शामिल हैं। सचिन की बचपन की तस्वीरें भी इस पवेलियन में लगी हुई हैं।
यह स्टेडियम इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की टीम केरल ब्लास्टर्स एफसी का घरेलू मैदान है। केरल क्रिकेट संघ ने ग्रेटर कोच्चि विकास प्राधिकरण को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी के लिए पत्र लिखा है।
नेहरू स्टेडियम ने 2014 में आईएसएल शुरू होने के बाद से किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन नहीं किया है। इस मैदान पर आखिरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच भारत और वेस्ट इंडीज के बीच आठ अक्टूबर 2014 को खेला गया वनडे मैच था। इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज ने स्टेडियम के खराब हालात पर हैरानी जताई है।(एजेंसी)
वेलिंगटन, 19 जून । केंद्रीय अनुबंध सूची 2020-21 में जगह न मिलने से निराश न्यूजीलैंड की विकेटकीपर रेचल प्रीस्ट ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। प्रीस्ट ने इसके बाद तस्मानिया से करार कर लिया है। 34 साल की प्रीस्ट ने न्यूजीलैंड की कॉन्ट्रैक्ट सूची में पिछले सत्र में वापसी की थी।
प्रीस्ट ने कहा, न्यूजीलैंड की महिला टीम में 13 सालों तक खेलना सबसे सुखद रहा लेकिन मैंने बहुत सोच विचार के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। उन्होंने इस दौरान 87 वनडे मैच और 75 टी-20 मैच खेले। उनके नाम एकदिवसीय मैचों में 1674 रन और टी-20 में 873 रन हैं।
प्रीस्ट की फॉर्म में हाल में गिरावट आई थी जब उन्होंने टी-20 विश्वकप के दौरान चार मैचों में 60 रन बनाए थे। लेकिन उनके लिए अभी राहें और भी हैं। तस्मानिया के साथ 2020-21 सत्र करार कर वह आगे बढ़ सकती हैं।
प्रीस्ट ने तस्मानिया क्रिकेट को कहा, मैं क्रिकेट तस्मानिया और टाइगर्स कार्यक्रम के साथ क्रिकेट के अपने अगले अध्याय की प्रतीक्षा कर रही हूं और खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रही हूं।
उन्होंने कहा, मुझे सेलियन (ब्रिग्स) से फोन आया था कि वे टीम में कुछ अनुभवी लोगों को जोडऩा चाहते हैं। यह एक ऐसी कॉल थी जिसकी वास्तव में मुझे उम्मीद नहीं थी। यह एक शानदार अवसर है और मैं उस अनुभव से जुडऩे और नये लोगों से सीखने की इच्छुक हूं।
उन्होंने कहा, यह शायद दुनिया की सबसे अच्छी घरेलू प्रतियोगिता है, इसलिए इसमें मैं हमेशा आगे बढऩा चाहती थीं। यह एक बहुत ही रोमांचक अवसर है और मैं इसके लिए उत्सुक हूं।(एजेंसी)
मैड्रिड, 19 जून । करीम बेंजेमा के दो गोल की मदद से रियल मैड्रिड ने वेलेंसिया को 3-0 से हराकर स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में बार्सिलोना के साथ खिताबी जंग बरकरार रखी। रियल मैड्रिड अपने घरेलू मैदान पर दर्ज की गयी इस जीत से बार्सिलोना से अब केवल दो अंक पीछे रह गया है। बार्सिलोना ने मंगलवार को लीगानेस को 2-0 से हराया था जो उसकी वापसी के बाद दूसरी जीत है। कोरोना वायरस महामारी के कारण लीग लगभग तीन महीने तक ठप्प रही थी।
पहले हाफ में मैड्रिड की टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन दूसरे हाफ में उसने जल्द ही खेल पर नियंत्रण बना दिया। पहले हाफ में वेलेंसिया ने गोल कर दिया था, लेकिन वीडियो समीक्षा के बाद यह गोल अमान्य करार दिया गया।
बेंजेमा ने 61वें मिनट में एडेन हेजार्ड के पास पर अपना पहला गोल किया। पिछले साल घुटने की चोट से जूझने के बाद पहली बार खेल रहे मार्को एसेन्सिया ने 74वें मिनट में स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर कदम रखा और 30 सेकेंड के अंदर गोल भी दाग दिया। बेंजेमा ने 86वें मिनट में अपना दूसरा और टीम की तरफ से तीसरा गोल किया।
इस बीच रियल सोसिडैड को एल्वेस के हाथों को 2-0 से हार का सामना करना पड़ा जिससे वह फिर से चौथा स्थान हासिल करने में नाकाम रहा। एल्वेस की तरफ से बोर्जा सेंज ने 56वें मिनट में जबकि मार्टिन आगुरगाबिरिया ने दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम में गोल किया। (एजेंसी)
अब तक की छानबीन में खुलासा
नई दिल्ली, 19 जून। एनबीए के मशहूर पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी कोबे ब्रायंट की इस साल 26 जनवरी को एक दुखद हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे में मौत हो गई थी। लॉस एंजिल्स में हुए इस हादसे में कोबे के अलावा 8 अन्य लोगों की भी इस हादसे में मौत हुई थी, जिसमें उनकी 13 साल की बेटी गियेना भी शामिल थीं। इस दुर्घटना की जांच कर रही फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की अब तक की छानबीन के मुताबिक लॉस एंजिल्स में उस दिन घना कोहरा था और इसके चलते पायलट को भ्रम हो गया।
हेलिकॉप्टर क्रैश से पहले पायलट को यही लग रहा था कि उनका हेलिकॉप्टर ऊपर की ओर जा रहा है, जबकि असलियत में वह नीचे गिर रहा था। नैशनल ट्रांस्पोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड के मुताबिक हेलिकॉप्टर के पायलट ऐरा जोबायान ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को यह संदेश भेजा था कि वह 4000 फीट की ऊंचाई पर चढ़ रहे हैं, जिससे वह बादलों के ऊपर आ जाएं लेकिन सचाई यह थी कि वह चॉपर पहाड़ी की ओर नीचे आ रहा था।
इस रिपोर्ट के मुताबिक जोबायान को भ्रम को गया था, जिसमें उसे नीचे की ओर आते हुए भी ऐसा महसूस हुआ कि वह ऊपर की ओर जा रहे हैं। एविएशन सुरक्षा से जुड़े सलाहकार जॉन कॉक्स कहते हैं, ऐसी कम दृश्यता वाली स्थिति में जब कोई पायलट गुमराह हो जाता है तो यह किसी के भी साथ यह हो सकता है।
जॉन कॉक्स ने कहा, ऐसी स्थिति में पायलट के लिए यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि वह आसमान और जमीन के इलाके में फर्क कर पाए। ऐसे अनुभव करने वाला वह कोई पहला व्यक्ति नहीं था। उन्होंने कहा कि हालांकि यह रिपोर्ट निर्णायक नहीं है अभी इसकी फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है। इससे पहले एक जांच रिपोर्ट में यह भी साफ हो गया था कि पायलट के शरीर में कोई अल्कोहल या दवा के सेवन के सबूत नहीं मिले थे। (नवभारत टाईम्स)
रोम, 18 जून। क्रिस्टियानो रोनाल्डो को पेनल्टी लेने का मौका तक नहीं मिला क्योंकि नैपोली ने इससे पहले पेनल्टी शूटआउट में जुवेंतस को 4-2 से हराकर छठी बार इटालियन कप फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर दिया था। बुधवार को स्टेडियो ओलंपिका स्टेडियम में दर्शकों के बिना खेले गये इस मैच में रोनाल्डो की बारी आने से पहले ही आर्काडीज मिलिक ने नैपोली की तरफ से निर्णायक गोल दाग दिया था। इससे पहले निर्धारित समय में मैच गोलरहित बराबर रहा था।
रोनाल्डो को इटालियन कप में रिकॉर्ड 13 बार खिताब जीतने वाले जुवेंतस की तरफ आखिरी पेनल्टी लेनी थी, लेकिन इससे पहले पाउलो डायबेला का शॉट गोलकीपर ने रोक दिया जबकि डेनिलो का शॉट क्रासबार के ऊपर से बाहर चला गया। ऐसे में पांच बार के बैलन डिओर विजेता रोनाल्डो को मैदान पर खड़े होकर नैपोली को जीत दर्ज करते हुए देखना पड़ा।
इस हार से रोनाल्डो अपने आंसू नहीं थाम पाए। उनके साथी जुआन कॉडराडो ने कहा, वह परिणाम से थोड़ा दुखी था। जब भी मैच पेनल्टी में जाता है तो वह लॉटरी की तरह हो जाता है। रोनाल्डो के पास खेल के पांचवें मिनट में ही गोल करने का मौका था लेकिन नैपोली के दूसरी पसंद के गोलकीपर अलेक्स मेरेट ने उनका प्रयास नाकाम कर दिया था।
जुवेंतस के कोच मॉरिजियो सारी ने कहा कि रोनाल्डो कोरोना वायरस के कारण तीन महीने तक फुटबॉल से बाहर रहने के बाद अपनी चिर परिचित तेजी को हासिल करने के लिये संघर्ष करते हुए दिखे। उन्होंने कहा, जब आप मैच नहीं खेल रहे होते हैं तो यह आम बात है।
लगभग तीन महीने के लॉकडाउन के बाद इटली में पिछले सप्ताह दूसरे चरण के सेमीफाइनल के साथ फुटबॉल की वापसी हुई। पूर्व कार्यक्रम के अनुसार यह फाइनल 13 मई को खेला जाना था। सेरी ए भी शनिवार से शुरू हो जाएगी। इस जीत से नैपोली को यूरोपा लीग ग्रुप चरण में सीधा प्रवेश भी मिल गया है। (एजेंसी)
तिरुवनंतपुरम, 18 जून । साल 2007 और 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे तेज गेंदबाज श्रीसंत के करियर की नए सिरे से आगामी रणजी सीजन में शुरुआत हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीसंत को आगामी रणजी सीजन के लिए केरल की टीम में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए एसोसिएशन ने उन्हें फिटनेस साबित करने को कहा है।
साल 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत के क्रिकेट खेलने पर पर बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन कोर्ट ने बीसीसीआई को पिछले साल उनपर लगाए गए प्रतिबंध की समीक्षा करने को कहा था ऐसे में बीसीसीआई लोकपाल ने सुनवाई करते हुए प्रतिबंध को सात साल का कर दिया था। सितंबर में प्रतिबंध की सात साल की अवधि समाप्त हो रही है। इसके बाद वो फिर से घरेलू क्रिकेट खेलने सकेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, केरल क्रिकेट एसोसिएशन सितंबर में प्रतिबंध खत्म होने के बाद श्रीसंथ को टीम में शामिल करेगा। इस बारे में बोर्ड के अधिकारियों ने कोच टीनू योहानन से चर्चा कर ली है। हालांकि कोराना वायरस संक्रमण के कारण आगामी रणजी सीजन के आयोजन को लेकर स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है बावजूद इसके एसोसिएशन ने आगे बढ़कर दल का चयन करने का फैसला किया है। श्रीसंथ को प्रतिबंध खत्म होने के बाद कैंप में बुलाया जाएगा। इस बारे में केसीए के अंदर सहमति भी बन गई है।
माना जा रहा है कि केरल के सीनियर तेज गेंदबाज संदीप वॉरियर अगले सीजन तमिलनाडु की ओर से खेल सकते हैं। ऐसे में यदि वो फिट हुए तो टीम में एक अनुभवी तेज गेंदबाज के रूप में खेलने और गेंदबाजी का नेतृत्व करने का उनका रास्ता साफ हो सकता है।(टाईम्स नाउ)
लंदन, 18 जून । इंग्लैंड के लिए एकमात्र टेस्ट खेलने के 50 साल बाद अंतत: पूर्व बल्लेबाज एलेन जोन्स को टेस्ट क्रिकेटर का दर्जा मिल गया है। जोन्स 1970 में शेष विश्व एकादिश के खिलाफ इंग्लैंड की सीरीज के पहले टेस्ट में खेले थे। इन मैचों को शुरुआत में टेस्ट का दर्जा हासिल था लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 1972 में इनका दर्जा छीन लिया।
एलेन जोन्स को शून्य और पांच रन के स्कोर पर माइक प्रॉक्टर ने आउट किया और उन्हें कभी दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला। जोन्स ने इस तरह 48 साल तक टेस्ट क्रिकेट का दर्जा छिना रहा।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अब 81 साल के जोन्स को औपचारिक रूप से 696वें नंबर के टेस्ट क्रिकेटर के रूप में शामिल किया है। मौजूदा लॉकडाउन पाबंदियों के कारण जोन्स को कैप सौंपने का कार्यकम वीडियो लिंक के जरिए हुआ।
एलेन जोन्स ने अपनी नई कैप हासिल करने के बाद कहा, यह फिट बैठती है। अब मैं हेलमेट का इंतजार कर रहा हूं। जोन्स ने प्रथम श्रेणी में 36,049 रन बनाए हैं, जो आाईसीसी से स्वीकृत टेस्ट में नहीं खेलने वाले किसी बल्लेबाज के सर्वाधिक प्रथम श्रेणी रन हैं।(एजेंसी)
नई दिल्ली, 18 जून । 1999 वल्र्ड कप में भारतीय टीम को जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में केवल 3 रनों से हार मिली थी। जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज हेनरी ओलंगा ने जो कमाल किया उसकी यादें क्रिकेट फैन्स के जेहन में आज भी ताजी है। ओलंगा ने 45वें ओवर में 5 गेंद के अंदर भारत के 3 विकेट लेकर भारत से जीत छीन ली थी। क्रिकेट छोडऩे के बाद अब ओलंगा गायक बन गए हैं।
भारत ने मैच में टॉस जीता और पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 252 रन बनाए जिसमें 68 रन की पारी एंडी फ्लॉवर ने खेली थी। इस मैच में 51 रन अतिरिक्त के रूप में बने थे। वनडे इतिहास में यह तीसरा सबसे ज्यादा अतिरिक्त रन बनने का अनचाहा रिकॉर्ड है। जब भारतीय टीम 253 रन का पीछा करने उतरी तो आसानी के साथ लक्ष्य के करीब पहुंची।
मैच में ट्विस्ट उस समय आया जब नयन मोंगिया 41वें ओवर में 7वें विकेट के रूप में 28 रन बनाकर आउट हुए। यहां से पूरी जिम्मेदारी रॉबिन सिंह ने अपने कंधे पर ली लेकिन 45वें ओवर की दूसरी गेंद पर हेनरी ओलंगा ने उन्हें 246 रन के स्कोर पर आउट कर मैच को रोमांचक स्थिती में पहुंचा दिया। यहां से भारत को जीत के लिए 7 रन चाहिए थे।
इसी ओवर में ओलंगा ने वो कमाल कर दिया जिसकी याद आज भी ताजा है। ओलंगा ने इसी ओवर में 5 रन के अंदर 3 विकेट लेकर भारत को 3 विकेट से हरा दिया। ओलंगा ने पहले रॉबिन सिंह (35), फिर पांचवीं गेंद पर जवागल श्रीनाथ (18) को आउट किया तो आखिरी में वेंकेटेश प्रसाद को आउट कर जिम्बाब्वे के लिए एक रोमांचक जीत की कहानी लिखी। यहां से ओलंगा जिम्बाब्वे क्रिकेट के नए स्टार बनकर उभरे थे। भारतीय फैन्स को इस रोज काफी निराशा दी थी।
हेनरी ओलंगा के पिता केन्या निवासी थे, ऐसे में उन्हें जिम्बाब्वे क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले केन्या की नागरिकता छोडऩी पड़ी थी। ओलंगा 2003 तक जिम्बाब्वे क्रिकेट में अहम हथियार साबित हुए थे।
2003 वल्र्ड कप में पहले ही मैच में ओलंगा और एंडी फ्लावर ने काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे और एंटी-व्हाइट कैंपेन का हिस्सा बने जिससे जिम्बाबे सरकार काफी खफा हो गए और ओलंगा पर वॉरंट निकाला गया औऱ साथ ही राजद्रोह का आरोप भी लगाया था। उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी। आखिर में हेनरी को जिम्बाब्वे छोड़कर जाना पड़ा।
जिम्बाब्वे छोड़कर हेनरी ओलंगा अब अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में जा बसे हैं। कुछ दिन पहले ओलंगा आचानक ऑस्ट्रेलिया के चैनल 9 पर आने वाले शो द वायस में नजर आए जिसमें वो गाना गाते हुए नजर आए। हेनरी ओलंगा का यह वीडियो खूब वायरल हुआ। क्रिकेट छोडऩे के बाद अब ओलंगा गायक बन गए हैं। (एनडीटीवी)
नई दिल्ली, 18 जून। भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद का असर अब भारतीय क्रिकेट पर भी पड़ सकता है। गलवान वैली में हुई झड़प जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए, के बाद चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है। अब इसका असर इंडियन प्रीमियर लीग और टीम इंडिया पर भी नजर आ सकता है।
इंडियन प्रीमियर लीग का टाइटल स्पॉन्सर चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो है। इतना ही नहीं कंपनी टूर्नमेंट के दौरान सबसे ज्यादा विज्ञापन भी देती है। चीनी कंपनी ने 2018 में 2199 करोड़ रुपये में पांच साल के लिए यह अनुबंध हासिल किया था। हालांकि अभी तक इस साल आईपीएल नहीं हुआ है लेकिन इन भावनाओं के बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सामने वीवो को लेकर कश्मकश जरूर होगी।
साल 2020 का आईपीएल की वास्तविक तारीख 29 मार्च थी। लेकिन फिलहाल इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। कोरोना वायरस महामारी के चलते आईपीएल के आयोजन पर संदेह है। हालांकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली कई बार इस बात का इशारा दे चुके हैं कि बोर्ड आईपीएल करवाने का इच्छुक है।
बोर्ड सितंबर-अक्टूबर में आईपीएल के लिए विंडो तलाश रहा है। हालांकि इसे लेकर भी कई पेंच हैं। इस बीच एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप होना है। पर वर्ल्ड कप का मेजबान ऑस्ट्रेलिया साफ कर चुका है कि वह इन हालात में इन हालात में यह टूर्नमेंट नहीं करवा सकता। (नवभारत टाईम्स)
लंदन, 17 जून । इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जुलाई के पहले हफ्ते में जब टेस्ट सीरीज शुरू होगी तब पूरी दुनिया की नजरें उस पर टिकी होंगी। इस सीरीज के अलावा एक खिलाड़ी भी ऐसा होगा जिस पर निगाहें रहेंगी। ये खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि इंग्लैंड के ऑलराउंडर जोफ्रा आर्चर हैं। आर्चर का जन्म वेस्टइंडीज में ही हुआ था, जूनियर क्रिकेट भी वहीं से खेला लेकिन फिर वो पिछले साल इंग्लैंड के नागरिक बने और अब इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। ये पहला मौका होगा जब आर्चर अपनी घरेलू टीम के सामने होंगे।
वेस्टइंडीज के टेस्ट कप्तान जेसन होल्डर ने मंगलवार को कहा कि उनकी टीम आठ जुलाई से साउथम्पटन में शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में वेस्टइंडीज के बारबाडोस में जन्में तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को इंग्लैंड के एक अन्य खिलाड़ी की तरह ही देखेगी। आर्चर ने 2018 में इंग्लैंड की तरफ से खेलने की अर्हता हासिल की थी। वह 2014 में वेस्टइंडीज की तरफ से अंडर-19 टीम में खेल चुके हैं।
वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज केमार रोच ने रविवार को आर्चर को आगाह किया था कि श्रृंखला के दौरान उनके साथ दोस्ती जैसी कोई चीज नहीं होगी। होल्डर ने भी इसी तरह की बात की और कहा कि तीन मैचों की श्रृंखला शुरू होने के साथ ही आर्चर के साथ दोस्ती पीछे छूट जाएगी।
होल्डर ने 'गुड मार्निंग ब्रिटेन' कार्यक्रम में कहा, 'आर्चर अब इंग्लैंड का खिलाड़ी है। केमार रोच ने कल साक्षात्कार दिया था और उन्होंने भी यही बात कही थी।' उन्होंने कहा, 'मैदान से बाहर हम दोस्त हैं लेकिन जब हम मैदान पर प्रवेश करते हैं तो वह हमारे लिये इंग्लैंड का एक अन्य खिलाड़ी है। मुझे विश्वास है कि वह भी हमें परेशानी में डालने के लिये तैयार होगा।,
अमेरिका में जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नस्लवाद के खिलाफ विश्व भर में चल रहे प्रदर्शन के बारे में होल्डर ने कहा कि वेस्टइंडीज की टीम 'ब्लैक लाइव्स मैटर' अभियान का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने कहा, 'एक टीम के रूप में हम इस अभियान के प्रति अपना समर्थन दिखाएंगे। हमारी इसको लेकर चर्चा हुई और आठ जुलाई को हम अपना समर्थन दिखाएंगे।'(टाईम्स नाउ)
ब्रेमेन (जर्मनी), 17 जून। बायर्न म्यूनिख ने राबर्ट लेवानडोवस्की के गोल की मदद से वर्डर ब्रेमेन को 1-0 से हराकर लगातार आठवीं बार बुंदेसलीगा का खिताब जीता जबकि अभी उसके दो मैच बचे हुए हैं। इस जीत से बायर्न ने दूसरे स्थान पर काबिज बोरुसिया डोर्टमंड पर 10 अंक की बढ़त हासिल कर ली है। डोर्टमंड अपने बाकी बचे तीन मैचों में अधिक से अधिक नौ अंक ही हासिल कर सकता है।
वर्डर ने बायर्न को पहले हाफ में अधिकतर समय रोके रखा, लेकिन चैंपियन टीम आखिर में गोल करने में सफल रही। लेवोनडोवस्की ने यह गोल खेल के 43वें मिनट में किया। जेरोम बोटेंग ने लेवोनडोवस्की की तरफ गेंद बढ़ाई, जिसे उन्होंने अपनी छाती से नियंत्रित करके खूबसूरत शॉट से गोल के अंदर पहुंचाया। यह बुंदेसलीगा के इस सत्र में उनका 31वां गोल है।
बायर्न के अलफोंसो डेविस को 79वें मिनट में दूसरा पीला कार्ड मिला, जिसके बाद टीम को 10 खिलाडिय़ों के साथ खेलना पड़ा। गोलकीपर मैनुअल नेयुर ने अंतिम क्षणों में युवा ओसाको के हेडर का शानदार बचाव किया।
बायर्न ने पिछले महीने बुंदेसलीगा के फिर से शुरू होने के बाद सात जीत दर्ज की हैं और इस तरह से अपना कुल 30वां खिताब जीता। कोरोना वायरस के कारण यह लीग मार्च से ठप्प पड़ी थी। बायर्न अब खिताब की तिकड़ी बनाने की राह पर है। उसे चार जुलाई को जर्मन कप फाइनल में बायर लीवरकुसेन से भिडऩा है और वह चैंपियंस लीग के खिताब की दौड़ में भी है।
बुंदेसलीगा के एक अन्य मैच में अंतिम स्थान पर चल रहे पेडरबोर्न को यूनियन बर्लिन के हाथों 0-1 से हार का सामना करना पड़ा जिससे वह दूसरी डिवीजन में खिसक गया। (एजेंसी)
मैड्रिड, 17 जून । बार्सिलोना ने 99 हजार क्षमता वाले कैंप नोउ स्टेडियम में दर्शकों के बिना खेले गए पहले मैच में अपने स्टार स्ट्राइकर लियोनेल मेस्सी के गोल की मदद से लेगानेस को 2-0 से हराकर स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा।
बार्सिलोना ने धीमी शुरुआत की, लेकिन अन्सु फाती ने 42वें मिनट में गोल करके उसे बढ़त दिला दी। इसके बाद मेस्सी ने 69वें मिनट में पेनल्टी पर गोल किया जो वर्तमान सत्र में लीग में उनका 21वां गोल है। इससे मेस्सी के करियर की कुल गोल की संख्या 699 पर पहुंच गई है। इनमें से 629 गोल उन्होंने बार्सिलोना की तरफ से किए हैं।
बार्सिलोना ने इस जीत से अपने चिर प्रतिद्वंद्वी रियल मैड्रिड पर पांच अंक की बढ़त बना ली है। बार्सिलाना के अब 29 मैचों में 64 अंक जबकि रीयाल के 28 मैचों में 59 अंक हैं। रीयाल अपना अगला मैच गुरुवार को वेलेंसिया के खिलाफ खेलेगा।
मेस्सी ने इससे पहले ला लिगा के फिर से शुरू होने पर मालोर्का के खिलाफ बार्सिलोना की 4-0 से जीत में भी गोल किया था। कोरोना वायरस महामारी के कारण ला लिगा मार्च से ठप्प पड़ी थी।
बार्सिलोना के लिये यह पिछले तीन साल में दूसरा अवसर है जबकि उसने कैंप नोउ में दर्शकों के बिना मैच खेला। उसने इससे पहले दर्शकों के बिना घरेलू मैच अक्टूबर 2017 में खेला था। तब कैटालोनिया आंदोलन के कारण दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं दी गई थी।
इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण बार्सिलोना को कैंप नोउ से दर्शकों को दूर रखना पड़ा। बार्सिलोना अपना अगला मैच शुक्रवार को तीसरे स्थान पर काबिज सेविला से खेलेगा। मंगलवार को खेले गए अन्य मैचों में पांचवें स्थान पर चल रहे गेटेफ ने एस्पिनयोल से गोलरहित ड्रॉ खेला जबकि सातवें स्थान के विल्लारीयल ने मालोर्का को 1-0 से हराया। एस्पिनयोल और मालोर्का दोनों पर दूसरी डिवीजन में खिसकने का खतरा मंडरा रहा है।(एजेंसी)
नई दिल्ली, 17 जून । खेल जगत में चीन ने ऐसा दबदबा कायम किया कि वह ओलंपिक में सुपर पावर बन गया। उसके लिए खेल का महत्व किसी जंग से कम नहीं। उसकी सफलता के पीछे एक खास मिशन है, जिसके तहत वह लगातार आगे बढ़ता गया और अपनी मेडल टैली को मजबूत बनाता गया। चीन का मानना है कि वह एक मिशन के तहत काम करता है और बहुत जल्दी सफलता हासिल करने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी करता है। उसकी ट्रेनिंग इतनी कड़ी होती है, जिसे किसी सजा से कम नहीं माना जा सकता।
चीन ने पहली बार 1952 के हेलसिंकी (फीनलैंड) ओलंपिक में हिस्सा लिया। तब उसे द पीपल्स रिपब्लिक और चाइना कहा जाता था। उस ओलंपिक में उसे कुछ नहीं मिला। तैराकी में उसके एक खिलाड़ी ने भाग लिया था। इसके बाद अगले 32 सालों तक उसने किसी ओलंपिक में हिस्सा नहीं लिया। उसने 1984 के ओलंपिक (अमेरिका) में खुद का आजमाया, तब किसी ने सोचा नहीं होगा कि यह एशियाई देश इतने मेडल जीत सकता है।
1984 के ओलंपिक में खास बात यह रही कि चीन ने 32 मेडल अपने नाम किए, जिसमें 15 गोल्ड, 8 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज शामिल रहे। उसके बाद उसके पदकों की संख्या लगातार बढ़ती गई, यानी 1984 की बात करें, तो उसके खाते में एक भी मेडल नहीं था और 2016 तक वह 224 स्वर्ण पदकों के साथ कुल 546 मेडल (समर ओलंपिक) जीत चुका है। इस बदलाव के पीछे चीन की दीर्घकालीन योजना का बड़ा हाथ है।
उसने अपनी अर्थव्यस्था को मजबूत करने के साथ-साथ खेलों की ओर ध्यान लगाया। उसने अपने लोगों को भरोसा दिलाया कि स्पोर्ट्स में भविष्य हो सकता है। छोटे-छोटे समूह बनाकर लोगों को जागरूक किया गया। गावों और कस्बों की ओर फोकस किया गया। क्योंकि वहां रोजगार के अवसर नहीं थे। बच्चों के माता-पिता विश्वास में लिया गया। स्कूलों में खेलों का अनिवार्य कर दिया गया और कहा गया कि खेलों को पार्ट टाइम के तौर पर नहीं लिया जा सकता।
अगली चुनौती बेहतर आधारभूत संरचना की थी, तो उसने शुरू में 10,000 ऐसे सेंटर्स बनाए, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग की सुविधाएं दिलाई गईं। साथ ही उसने अपने ट्रेनर्स को भी प्रशिक्षण दिलवाना शुरू किया। उसे पता था कि बच्चों को वे ट्रेनिंग देने में तभी कामयाब हो पाएंगे, जब तक ट्रेनर खुद सक्षम न हों। चीन ने बहुत सोच समझकर अपने लिए उन खेलों को चुना जो उसे पदक दिला सकते थे।
चीन को पता था कि वह टीम गेम्स में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते, ऐसे में व्यक्तिगत स्पर्धा पर ज्यादा ध्यान दिया गया। और सबसे बढ़कर उसने वैसे व्यक्तिगत स्पर्धाओं को चुना, जिसमें उसके खिलाड़ी ज्यादा फिट बैठ सकते थे। उदाहरण के तौर पर चीनियों का शरीर जिम्नास्टिक के लिए अनुकूल था। यानी चीन ने वही खेल चुने, जिसमें प्रतिस्पर्धा कम थी। जिम्नास्टिक के अलावा जूडो, डाइविंग, स्विमिंग, रनिंग जैसे खेलों को प्राथमिकता दी गई। दूसरी तरफ टेबल टेनिस और बैटमिंटन में तो चीन को जवाब नहीं।
दूसरे देशों में पांच साल से किसी बच्चे को ट्रेनिंग दी जाती है। चीन का मानना है कि मेडल जीतने के लिए बच्चों को इससे पहले से ही तैयार किया जाना चाहिए। इसी सोच के तहत चीन में बच्चों के लिए क्रूर ट्रेनिंग कैंप लगाए जाते हैं। यहां तीन साल से ज्यादा की उम्र के बच्चे बेहद कड़ी ट्रेनिंग से गुजरते हैं। इसी तकलीफ को सहकर ही वे चैम्पियन बनने की कला सीखते हैं। बच्चे को घंटों की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें कई बार किसी डंडे से लटके रहना होता है तो कभी घंटों पानी में खड़े रहना पड़ता है, ताकि बच्चे अपनी ताकत और जज्बा बढ़ा सकें।
इसके अलावा बच्चों को बिना किसी वजह के स्कूल में घंटों सजा भी दी जाती है। इसके पीछे एक ही मकसद होता है- ये बच्चे अपनी ताकत बढ़ा सकें। चीन के नैनिंग प्रांत के नैनिंग जिम का दृश्य किसी को भी भावुक कर सकता है, जहां छोटे-छोटे बच्चे रोते-बिलखते ट्रेनिंग पूरी करते हैं।(आजतक)