खेल
हांगझोउ, 3 अक्टूबर अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया, उपकप्तान दीप ग्रेस इक्का और दीपिका की हैट्रिक से भारत ने आखिरी पूल मैच में हांगकांग को 13 . 0 से हराकर एशियाई खेलों की महिला हॉकी स्पर्धा के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया ।
वंदना (दूसरा, 16वां और 48वां मिनट) ने फील्ड गोल किये जबकि दीप ग्रेस (11वां, 34वां और 42वां मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर तब्दील किये ।
संगीता कुमारी (27वां और 55वां मिनट), मोनिका (सातवां) और नवनीत कौर (58वां) ने भी गोल दागे ।
भारत पूल ए में चार मैचों में 10 अंक लेकर शीर्ष पर है । दक्षिण कोरिया के सात अंक है लेकिन उसका एक मैच बाकी है । भारत का गोल औसत दक्षिण कोरिया से काफी बेहतर है । आखिरी पूल मैच में कोरिया का सामना मलेशिया से होगा ।
पूल से दो शीर्ष टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी ।
भारतीय टीम ने मैच में शुरू से ही दबदबा बना लिया था । पहले दो क्वार्टर में छह और दूसरे में सात गोल हुए ।
दूसरे ही मिनट में नवनीत के पास पर वंदना ने गोल दागा । भारत को इसके बाद लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका । दीपिका के जवाबी हमले पर भारत ने दूसरा गोल दागा ।
मोनिका और दीप ग्रेस ने दो और गोल करके भारत की बढत 4 . 0 की कर दी । दूसरे क्वार्टर के आखिर में वंदना ने दूसरा गोल दागा । वहीं हाफटाइम से तीन मिनट पहले संगीता ने मोनिका के पास पर गोल करके भारत की बढत 6 . 0 की कर दी ।
दूसरे हाफ मे भी यही सिलसिला जारी रहा । दीप ग्रेस ने तीसरे क्वार्टर में दो पेनल्टी पर गोल करके हैट्रिक पूरी की । वंदना ने भी मैदानी गोल दागकर हैट्रिक लगाई ।
दीपिका ने दो पेनल्टी कॉर्नर तब्दील किये । इस बीच संगीता और नवनीत ने भी गोल दागे ।
भारत बृहस्पतिवार को सेमीफाइनल में पूल बी की दूसरे नंबर की टीम से खेलेगा । (भाषा)
हांगझोउ, 3 अक्टूबर विश्व चैम्पियन लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) ने एशियाई खेलों में फाइनल में पहुंचकर ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया जबकि युवा मुक्केबाज प्रीति पंवार को 54 किलो सेमीफाइनल मुकाबले में हारने के बाद कांस्य से संतोष करना पड़ा ।
तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना ने सेमीफाइनल में एशियाई चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता थाईलैंड की बेसन मानिकोन को सर्वसम्मति से लिये गए फैसले में हराया ।
दूसरी ओर ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी प्रीति को मौजूदा फ्लायवेट चैम्पियन चीन की चांग युआन ने 5 . 0 से हराया ।
पहले तीन मिनट में प्रीति ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए घूंसे बरसाये लेकिन बाद में लय कायम नहीं रख सकी। चीनी खिलाड़ी ने जबर्दस्त आक्रामकता दिखाते हुए उसे कोई मौका नहीं दिया ।
पहले दौर में पांच में से चार जज ने चीनी खिलाड़ी के पक्ष में फैसला दिया । दूसरे दौर में प्रीति ने उसका डिफेंस तोड़ने की कोशिश की । प्रीति को सिर के पीछे से मारने पर युआन को चेतावनी भी मिली ।
उसने आखिरी तीन मिनट में रक्षात्मक खेल दिखाते हुए जीत दर्ज की । (भाषा)
हांगझोउ, 2 अक्टूबर (भाषा)। भारत की स्वप्ना बर्मन ने सोमवार को यह आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया कि एशियाई खेलों की महिला हेप्टाथलान प्रतियोगिता में एक ट्रांसजेंडर खिलाड़ी के कारण वह कांस्य पदक जीतने से वंचित रह गई।
जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली स्वप्ना ने आरोप लगाया कि हमवतन नंदिनी अगसारा महिलाओं की स्पर्धा में भाग लेने के योग्य नहीं थी क्योंकि वह ट्रांसजेंडर है। स्वप्ना ने बाद में यह पोस्ट सोशल मीडिया से हटा दी थी।
नंदिनी ने रविवार को महिलाओं की हेप्टाथलान में कांस्य पदक जीता था जबकि स्वप्ना अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाई और चौथे नंबर पर रही थी।
स्वप्ना ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने चीन के हांगझोउ में चल रहे 19वें एशियाई खेलों में एक ट्रांसजेंडर महिला के हाथों अपना कांस्य पदक गंवा दिया है। मैं अपना पदक वापस चाहती हूं क्योंकि यह एथलेटिक्स के नियमों के खिलाफ है। कृपया मेरी मदद और समर्थन करें।’’
उन्होंने हालांकि कुछ घंटे बाद यह ट्वीट हटा दिया। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विश्व एथलेटिक्स के इस साल 31 मार्च से लागू किए गए नियमों के अनुसार कोई भी एथलीट जिसमें पुरुषों के लक्षण पाए जाते हैं वह महिलाओं की विश्व रैंकिंग प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकता है।
चीन के हांगज़ो शहर में चल रहे एशियन गेम्स में अब तक भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है.
हालाँकि पदक तालिका में भारत चौथे स्थान पर है. भारत मेज़बान चीन और जापान से काफ़ी पीछे है.
रविवार को एक दिन में 15 पदक जीतकर भारत ने ये उम्मीद जताई है कि शायद ये एशियन गेम्स उसके अब तक के सबसे बेहतर प्रदर्शन वाले गेम्स रहें.
रविवार को ट्रैक एंड फ़ील्ड मुक़ाबलों में भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया.
इन मुक़ाबलों में भारत को गोल्ड भी मिले, सिल्वर भी मिले और ब्रॉन्ज़ भी.
लेकिन इन सबके बीच महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में एक विवाद खड़ा हो गया.
विवाद चीन की खिलाड़ी यानी वू को लेकर था, लेकिन इसमें भारत की खिलाड़ी ज्योति यर्राजी भी फँस गईं.
पहले अधिकारियों को ये लगा कि चीन की यानी वू और भारत की ज्योति दोनों ने ग़लत शुरुआत की और एक बार ऐसा लगा कि दोनों को अयोग्य करार दे दिया जाएगा.
लेकिन दोनों खिलाड़ियों ने अपना विरोध जताया और भारतीय अधिकारियों ने भी इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराया.
दौड़ में ज्योति तीसरे नंबर पर आईं, लेकिन बाद में चीन की खिलाड़ी को अयोग्य करार दिया गया और ज्योति को सिल्वर मेडल मिल गया.
'मानसिक परेशानी'
हालाँकि ज्योति ने मुक़ाबले के बाद कहा कि विवाद के कारण उन्हें मानसिक तौर पर परेशानी हुई और इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा.
ज्योति से इस मुक़ाबले में गोल्ड मेडल की उम्मीद की जा रही थी.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ज्योति ने कहा, ''ये बहुत बुरा अनुभव था. मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहती हूँ कि किसी भी खेल में धोखेबाज़ी की जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ग़लत शुरुआत की थी. इसे स्वीकार करना चाहिए. बहुत ड्रामे के बाद आख़िरकार मुझे सिल्वर मिला. ये मेरा पहला एशियन गेम्स था और मैंने सिल्वर मेडल जीता.''
कई लोगों ने ज्योति के सिल्वर मेडल जीतने की तारीफ़ की है और उनका उत्साह बढ़ाया है, तो कई लोगों ने विवाद पर भी अपनी टिप्पणी की है.
लोगों का ये भी कहना है कि अगर ये विवाद न होता, तो शायद ज्योति गोल्ड जीत सकती थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि उनके धैर्य, अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण का फल उन्हें मिला है. पीएम नोदी ने उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी दी हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने भी लिखा है कि ज्योति ने अपने प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाया है.
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ज्योति की जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि आसपास चल रहे घटनाक्रम के बीच ज्योति का ये प्रदर्शन सराहनीय है.
उन्होंने एक्स पर लिखा, "ज्योति ने बाधा पार करते हुए सिल्वर जीता. उन्होंने अपने आसपास चल रहे घटनाक्रम के बीच फ़ोकस बनाए रखा, जो एक सच्चे चैम्पियन की निशानी होती है. देश को आप पर गर्व है."
पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ज्योति के प्रदर्शन की तारीफ़ की है.
हांगज़ो में मौजूद भारतीय एथलेटिक्स फ़ेडरेशन की उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज ने पत्रकारों को बताया कि कैसे भारतीय अधिकारियों ने इसे लेकर विरोध दर्ज कराया था.
उन्होंने भी ये स्वीकार किया कि ज्योति परेशान हो गईं थी और ये विवाद नहीं हुआ रहता, तो वो और बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी.
कौन हैं ज्योति यर्राजी, जिनसे भारत को गोल्ड की उम्मीद थी
विशाखापट्टनम की रहने वाली ज्योति यर्राजी से भारत को 100 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड की उम्मीद थी.
इसकी वजह थी उनका हाल का प्रदर्शन.
इस साल जुलाई में उन्होंने बैंकॉक में हुए 25वें एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप्स में महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड जीता था.
एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप्स के 50 साल के इतिहास में ज्योति पहली भारतीय एथलीट बनीं थी, जिन्होंने 100 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड जीता.
राष्ट्रीय स्तर पर भी महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में ज्योति ने रिकॉर्ड बनाया है.
उन्होंने ये बाधा दौड़ 12.82 सेकेंड में पूरी की थी.
28 अगस्त 1999 को जन्मीं ज्योति के पिता एक सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड हैं.
ज्योति ने एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने के बाद बीबीसी तेलुगू को बताया था कि उनके पीटी टीचर श्रीनिवास रेड्डी ने खेलों में उनकी रुचि पर ध्यान दिया और उन्हें काफ़ी प्रोत्साहित किया था.
कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकीं ज्योति इंग्लिश कोच जेम्स हिलर की निगरानी में तैयारी करती हैं.
ओडिशा के भुवनेश्वर में रिलायंस एथलेटिक्स हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर में वो ट्रेनिंग करती हैं.
आसान नहीं रहा है सफ़र
2015 में ज्योति ने आंध्र प्रदेश इंटर डिस्ट्रिक्ट मीट में गोल्ड जीता था. इसके बाद उन्हें हैदराबाद के साई सेंटर में बेहतर प्रशिक्षण के लिए भेजा गया.
ज्योति का कहना था कि विशाखापट्टन में कोई बड़ा ट्रेनिंग सेंटर नहीं था और वित्तीय समस्याएँ भी थी.
लेकिन 2019 में उन्हें भुवनेश्वर के ट्रेनिंग सेंटर का बुलावा आया और फिर उनकी ज़िंदगी बदल गई.
भुवनेश्वर में मिली ट्रेनिंग के बाद ज्योति ने प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी थी.
ज्योति ने ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में 100 मीटर बाधा दौड़ में 13.03 सेकेंड के साथ गोल्ड मेडल जीता.
फरवरी 2020 में ज्योति ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गोल्ड जीता.
इसके बाद ज्योति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी शुरू की. कोविड के कारण 2021 में वो कुछ ख़ास नहीं कर पाईं.
लेकिन वर्ष 2022 में उन्होंने नेशनल्स में 12.79 सेकेंड का समय निकालकर एक रिकॉर्ड बनाया.
अब एशियन चैम्पियनशिप्स के बाद एशियन गेम्स में मेडल जीतकर ज्योति ने उम्मीद जताई है कि वो आगे अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों में भी भारत का मान बढ़ाया है.
ज्योति का भी कहना है कि उनका सपना है पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई करना. (bbc.com/hindi)
तिरुवनंतपुरम, 2 अक्टूबर । वर्ल्ड कप 2023 के मुकाबले के लिए गुवाहटी पहुंचे विराट कोहली को पर्सनल इमरजेंसी के कारण अचानक मुंबई लौटना पड़ा। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि विराट जल्द टीम के साथ वापस जुड़ेंगे।
क्रिकबज की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र ने पुष्टि की कि विराट निजी कारणों से मुंबई गए हैं।
रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से आगे कहा गया कि विराट जल्द ही टीम से जुड़ेंगे।
गुवाहाटी के बारसापारा क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ भारत का पहला अभ्यास मैच शनिवार को एक भी गेंद फेंके बिना बारिश के कारण रद्द कर दिया गया। ऐसी संभावना है कि भारत का दूसरा अभ्यास मैच भी बारिश से प्रभावित हो सकता है।
तिरुवनंतपुरम में अब तक अभ्यास मैच बारिश से प्रभावित रहे हैं। 29 सितंबर को दक्षिण अफ्रीका-अफगानिस्तान का मैच बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था, जबकि 30 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया-नीदरलैंड के बीच मुकाबला 23 ओवर का हो गया था लेकिन बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका।
दक्षिण अफ्रीका को अपना दूसरा अभ्यास मैच सोमवार को न्यूजीलैंड से खेलना है जबकि भारत मंगलवार को नीदरलैंड के खिलाफ अपना मैच खेलेगा।
1983 और 2011 का चैंपियन भारत अपने अभियान की शुरुआत 8 अक्टूबर को चेन्नई के एमए चिदंबरम में पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करेगा। यह पहली बार है जब भारत पूरी तरह से पुरुष वनडे विश्व कप की मेजबानी कर रहा है। (आईएएनएस)।
हांगझोऊ, 2 अक्टूबर । एशियाई खेल 2022 में विथ्या रामराज ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने महान एथलीट पीटी उषा के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
विथ्या, जिन्होंने अपने शुरुआती करियर के दौरान एक बार एथलेटिक्स छोड़ने पर विचार किया था क्योंकि चीजें उनके लिए अच्छी नहीं चल रही थीं, लेकिन अब उनके करियर को एक शानदार मंच मिल गया है जहां उन्हें बड़ी सफलता मिलती नजर आ रही है।
एशिया खेलो में विथ्या रामराज ने महिला 400 मीटर हर्डल के फाइनल में जगह बना ली है। इस दौरान विथ्या ने दिग्गज पीटी उषा के नेशनल रिकॉर्ड (55.42 सेकेंड) की बराबरी कर ली।
विथ्या ने 400 मीटर हर्डल के लिए 55.42 सेकंड का समय लिया और सबसे पुराने रिकॉर्ड में से एक की बराबरी की।
पीटी उषा जो अब भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1984 में लॉस एंजिल्स में ओलंपिक खेलों में यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, जब वह मामूली अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गई थी।
पहली हीट में दौड़ते हुए तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वाली 24 वर्षीय विथ्या, बहरीन के जमाल अमीनत ओलुवासेन यूसुफ से आगे रहकर पहले स्थान पर रहीं। भारतीय धाविका ने धीमी शुरुआत की लेकिन बाद में इसकी भरपाई की और 55.42 के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय तक पहुंची। (आईएएनएस)।
हांगझोऊ, 2 अक्टूबर । एथलीट ज्योति याराजी ने अवैध रूप से अयोग्य ठहराए जाने के प्रयास को नाकाम किया और महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीतने में कामयाब रहीं। रविवार को भारत ने तीन स्वर्ण, सात रजत और चार कांस्य पदक जीते। इस तरह 19वें एशियाई खेलों में कुल मिलाकर 50 पदक हासिल हुए।
स्टीपलचेज़र अविनाश साबले और तजिंदरपाल सिंह तूर और पुरुष ट्रैप टीम ने तीन स्वर्ण पदक जीते, जबकि देश ने सात रजत और तीन कांस्य पदक भी जीते, जिससे उनकी कुल संख्या 13 स्वर्ण, 21 रजत और 19 कांस्य पदक के साथ कुल 53 पदक हो गई। यह चीन (243), दक्षिण कोरिया (125) और जापान (112) के बाद चौथे स्थान पर है।
यह कई ऐतिहासिक पहलों का दिन था, जो पुरुष बैडमिंटन टीम की उपलब्धि से बड़ा नहीं था, जिन्होंने अपने शीर्ष एकल खिलाड़ी एचएस प्रणय के बिना खेलने के बावजूद, शक्तिशाली चीनी खिलाड़ियों को उनके घरेलू मैदान पर लगभग डरा ही दिया था और 2-3 से हारकर अपना स्थान छीन लिया। सियोल में 1986 में कांस्य पदक के बाद 37 वर्षों में पहली बार एशियाई खेलों में पहला रजत पदक हासिल हुआ।
एकल खिलाड़ी लक्ष्य सेन और शीर्ष युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने अपना दिल खोलकर खेला, लेकिन एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला और मिथुन मंजूनाथ की दूसरी पुरुष युगल जोड़ी किदांबी श्रीकांत को प्रणय के प्रतिस्थापन के रूप में शामिल किया गया और उन्होंने सबसे बड़ा मैच खेला। अपने करियर का तीसरा एकल हार गए क्योंकि चीन ने जीत हासिल की
पुरुष और महिला ट्रैप टीमों ने भी सिंगाय पर इतिहास रचा - किनान चेनाई, ज़ोरावर सिंह संधू और पृथ्वीराज टोंडिमान की पुरुष टीम ने ट्रैप टीम प्रतियोगिता में देश का पहला स्वर्ण पदक जीता, जबकि महिला टीम की राजेश्वरी कुमारी, मनीषा कीर और प्रीति रजक ने अपना पहला पदक - रजत पदक जीता।
रविवार को शूटिंग प्रतियोगिताओं के अंतिम दिन उनके प्रयासों का मतलब था कि भारत ने एशियाई खेलों में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ अंतर हासिल किया।
गोल्फर अदिति अशोक, जो टोक्यो में ओलंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रहीं, रविवार को अंतिम दौर में सात शॉट की रातोंरात बढ़त का फायदा उठाने में विफल रहीं और अंततः महिला गोल्फ व्यक्तिगत में दूसरे स्थान पर रहीं, जो एशियाई खेलों में भारत का पहला व्यक्तिगत पदक था।
जबकि पुरुषों की ट्रैप टीम ने भारत के लिए स्वर्ण पदक की दौड़ शुरू की, अविनाश साबले और तजिंदरपाल सिंह तूर ने इसे अंतिम रूप दिया और शॉट पुटर ने एशियाई खेलों में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
सेबल ने एशियाई खेलों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में 8:19.50 के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए एथलेटिक्स में पदक की दौड़ शुरू की, और एशियाई खेलों में इस विधा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। साबले ने बड़े अंतर से जीत हासिल की, भले ही वह 8:11.20 के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ के करीब भी नहीं पहुंचे, लेकिन 29 वर्षीय एक बड़े आयोजन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर खुश थे, जो शुरू से अंत तक आगे रहे।
तजिंदर पाल सिंह तूर ने दिन का दूसरा स्वर्ण पदक जीता जब उन्होंने प्रतियोगिता के अपने अंतिम थ्रो में 20.36 मीटर तक आयरन बॉल फेंककर स्वर्ण पदक जीता।
तूर, जिन्होंने अपने पहले दो प्रयासों में फाउल किया था, अपने तीसरे प्रयास में 19.51 के साथ एक्शन में आए और अपने अगले प्रयास में उन्होंने 20 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया। हालांकि, सऊदी अरब के मोहम्मद दाउदा ए टोलो ने 20.18 की दूरी तक थ्रो करके इस समय बढ़त बना ली।
एशियाई खेलों (20.75 मीटर) और एशियाई रिकॉर्ड रखने वाले तूर ने अपना पांचवां प्रयास विफल कर दिया, लेकिन फिर उस दिन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, जब यह सबसे ज्यादा मायने रखता था, उन्होंने लोहे की गेंद को 20.36 मीटर तक फेंककर स्वर्ण पदक जीता।
राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता जेसविन एल्ड्रिन 7.78 का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके और पुरुषों की लंबी कूद में 10 प्रतिभागियों में आठवें स्थान पर रहे, जबकि सपना बर्मन महिलाओं की हेप्टाथलॉन में केवल चार अंकों से पदक से चूक गईं, नंदिनी को 5708 अंक मिलने के साथ प्रतिभागिताएं खत्म हुईं।
दो बार की विश्व चैंपियन निकहत ज़रीन ने क्वार्टर फाइनल में हारकर अपना अभियान कांस्य पदक के साथ समाप्त किया। (आईएएनएस)।
हांगझोउ, 1 अक्टूबर अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम ने एशियाई खेलों की कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा के व्यक्तिगत क्वालीफिकेशन में रविवार को दक्षिण कोरिया की प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया जबकि विश्व चैम्पियन अदिति स्वामी चौथे पायदान पर रही।
इन दोनों के शानदार प्रदर्शन से भारत ने टीम स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल किया।
ओलिंपिक खेलों में शामिल रिकर्व वर्ग के तीरंदाजों ने भी पुरुष वर्ग में अच्छा प्रदर्शन किया।
अनुभवी अतनु दास चौथे स्थान पर रहे, प्रतिभाशाली युवा तीरंदाज धीरज बोम्मदेवरा पुरुष वर्ग में कट बनाने वाले छठे स्थान के साथ अगले सर्वश्रेष्ठ भारतीय थे।
भारतीय पुरुष रिकर्व टीम को क्वालीफिकेशन में 2022 अंकों के साथ तीसरी वरीयता मिली। दक्षिण कोरिया 2048 अंकों के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि चीनी ताइपै (2030) ने दूसरा स्थान हासिल किया।
एशियाई खेलों में अपने पहले पदक की उम्मीद लगाये ज्योति ने क्वालीफायर में शुरुआती 36 निशाने में सिर्फ पांच अंक गंवाये और कुल 355 अंक बनाये। उनके 16 निशाने बिलकुल सटीक लगे जबकि 15 निशाने सटीक के बेहद करीब रहे।
उन्होंने अगले 36 निशानों से 349 अंक के साथ शीर्ष स्थान पक्का किया।
ज्योति, अदिति और प्रणीत कौर (12वां स्थान) की भारतीय तिकड़ी ने टीम स्पर्धा में 2087 अंक बनाये। यह स्कोर कोरिया के बराबर था लेकिन अधिक सटीक निशाने के कारण भारत को पहली वरीयता मिला।
शीर्ष वरीयता के कारण भारतीय टीम को शुरुआती दौर में बाई मिली है। टीम अपना अभियान हांगकांग और बांग्लादेश के बीच होने वाले मैच के विजेता के खिलाफ शुरू करेगी।
पुरुषों के रिकर्व वर्ग में दो बार के ओलंपियन अतनु चौथे स्थान (678) के साथ शीर्ष भारतीय रहे। धीरज ने 675 अंक बनाये। तुषार शेलके 15वें स्थान पर रहे और एलिमिनेशन दौर में जगह बनाने से चूक गये। वह टीम स्पर्धा में चुनौती पेश करेंगे। (भाषा)
हांगझोउ, 1 अक्टूबर भारतीय पुरुष टीम के रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान का हराकर स्वर्ण पदक जीतने के बाद मिश्रित टीमों ने भी यहां एशियाई खेलों के अपने पूल चरण के मुकाबले जीतकर अच्छी शुरुआत की।
पूल ए में दीपिका पल्लीकल और हरिंदर पाल सिंह संधू की जोड़ी ने जेइजिन यू और हवायिओंग युम की दक्षिण कोरिया की जोड़ी को 22 मिनट में 2-0 (11-2, 11-5) से हराया।
अनाहत सिंह और अभय सिंह की जोड़ी ने भी 15 मिनट चले पूल डी के मैच में डेविड विलियम पेलिनो और वोने एलिसा डालिडा की फिलिपीन्स की जोड़ी को 2-0 (11-7, 11-5) से शिकस्त दी। (भाषा)
हांगझोउ, 30 सितंबर। भारतीय पुरुष टीम शनिवार को यहां एशियाई खेलों की ब्रिज स्पर्धा में दूसरे स्थान पर बरकरार है और मिश्रि टीम एक स्थान के सुधार से चौथे स्थान पर पहुंच गयी है लेकिन महिला टीम सातवें स्थान पर खिसक गयी है।
भारतीय पुरुष टीम 196 बोर्ड पर 205.98 अंक से दूसरे स्थान पर बनी हुई है जबकि हांगकांग ने जापान के पछाड़कर पहला स्थान हासिल कर लिया है।
पुरुषों के राउंड रॉबिन 2-1 मैच में भारत ने फिलीपींस पर 18.65-1.35 से और पाकिस्तान पर राउंड रॉबिन 2-2 मैच में 17.91-2.09 से जीत हासिल की।
बाद में पुरुष टीम को बांग्लादेश और थाईलैंड से हार का सामना करना पड़ा।
भारत की मिश्रित टीम शुक्रवार को पांचवें स्थान पर थी लेकिन अब 178.62 अंक से चौथे स्थान पर पहुंच गयी। चीनी ताइपे शीर्ष पर बनी हुई है जिसके बाद थाईलैंड दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है।
भारतीय महिला टीम को हालांकि हांगकांग से राउंड रॉबिन 2-1 मैच में 3.45-16.55 और राउंड रॉबिन 2-2 मैच में चीन से 1.24-18.76 से हार मिली। इसके बाद टीम ने राउंड रॉबिन 2-3 मैच में इंडोनेशिया को हराया।
भारतीय महिला टीम अंतिम स्थान पर चल रही दक्षिण कोरिया से एक स्थान ऊपर है। (भाषा)
हांगझोउ, 30 सितंबर अनुभवी रोहन बोपन्ना और रूतुजा भोसले ने पहला सेट हारने के बाद वापसी करते हुए चीनी ताइपै के सुंग हाओ हुआंग और एन शुओ लियांग को 2 . 6, 6 . 3, 10 . 4 से हराकर एशियाई खेलों की मिश्रित युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया ।
अब भारतीय टेनिस दल कम से कम एक स्वर्ण पदक लेकर लौटेगा । इस बार एशियाई खेलों में टेनिस में भारत की झोली में दो ही पदक गिरे जिनमें पुरूष युगल का रजत शामिल है ।
भारत ने टेनिस में 2002 में बुसान में चार, 2006 में दोहा में चार, 2010 में ग्वांग्झू में पांच, 2014 में इंचियोन में पांच और 2018 में जकार्ता में तीन पदक जीते थे ।
साकेत माइनेनी और रामकुमार रामनाथन ने पुरूष युगल में रजत जीता है । (भाषा)
हांगझोउ, 30 सितंबर भारतीय बाधा धाविका ज्योति याराजी और नित्या रामराज ने एशियाई खेलों में महिलाओं की सौ मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में प्रवेश कर लिया जबकि लंबी कूद में मुरली श्रीशंकर और जेस्विन एल्ड्रिन ने फाइनल में जगह बनाई ।
एशियाई चैम्पियन याराजी 13 . 03 सेकंड का समय निकालकर अपनी हीट में दूसरे स्थान पर रही । चीन की युवेइ लिन शीर्ष रही ।
नित्या रामराज अपनी हीट में पांचवें स्थान पर रही लेकिन 13 . 30 सेकंड के समय के साथ दूसरी सबसे तेज लूजर के रूप में क्वालीफाई कर लिया ।
लंबी कूद में राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता श्रीशंकर ने स्वत: क्वालीफिकेशन मार्क 7 . 90 मीटर से ऊंची कूद लगाकर फाइनल में जगह बनाई । श्रीशंकर का सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन 8 . 41 मीटर है । उन्होंने 7 . 97 मीटर की कूद लगाई । वहीं जेस्विन एल्ट्रिन ने 7 . 67 मीटर की कूद लगाई थी जो स्वत: क्वालीफिकेशन के लिये पर्याप्त नहीं थी ।
वह शीर्ष 12 में अपनी हीट में दूसरे स्थान पर रहकर क्वालीफाई कर गए ।
पुरूषों के 1500 मीटर वर्ग में जिंसन जॉनसन और अजय कुमार ने क्वालीफाई किया । जॉनसन 3 : 56 . 22 का समय निकालकर स्वत: क्वालीफाई करने में कामयाब रहे । वहीं अजय कुमार अपनी हीट में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में पहुंचे ।
इनके फाइनल रविवार को होंगे । (भाषा)
नयी दिल्ली, 30 सितंबर एशियाई खेलों में अभूतपूर्व प्रदर्शन करने वाले भारत के युवा निशानेबाजों की तारीफ करते हुए राष्ट्रीय पिस्टल कोच समरेश जंग ने कहा कि चीन जैसे दिग्गज को हराकर इन्होंने अपनी क्षमता और संभावनायें साबित कर दी है और अब इस लय को बरकरार रखने की जरूरत है ।
10 मीटर एयर पिस्टल कोच जंग ने हांगझोउ से भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ यह उनके सफर की शुरूआत है । अभी ये 17 , 18 , 20 वर्ष के हैं और इन्हें लंबा सफर तय करना है लेकिन ये एशियाई खेल उनके लिये मील का पत्थर साबित होंगे ।’’
भारतीय निशानेबाजों ने एशियाई खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए छह स्वर्ण, आठ रजत और पांच कांस्य समेत 19 पदक जीत लिये हैं ।
रियो और तोक्यो ओलंपिक से बैरंग लौटने की निराशा को दूर करके इन खेलों से पेरिस ओलंपिक के लिये नयी उम्मीद जगी है ।
राष्ट्रमंडल खेल 2006 में पांच स्वर्ण जीत चुके जंग ने कहा, ‘‘ इन निशानेबाजों को इस आत्मविश्वास की जरूरत थी कि ये दिग्गजों को हरा सकते हैं । चीन जैसे पावरहाउस को चीन में हराने से इनका मनोबल बढा होगा । इससे इन्हें यह भरोसा मिला है कि ये किसी को भी हरा सकते हैं ।’’
सत्रह वर्ष की पलक गूलिया और 18 वर्ष की ईशा सिंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल महिला वर्ग में स्वर्ण और रजत पदक हासिल किया । वहीं सरबजोत सिंह, अर्जुन सिंह चीमा और शिवा नरवाल ने चीनी टीम को हराकर 10 मीटर एयर पिस्टल पुरूष टीम वर्ग में स्वर्ण जीता । भारत ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल और मिश्रित टीम वर्ग में रजत पदक भी हासिल किये ।
जंग ने कहा ,‘‘ शीर्ष दो पर रहना गर्व की बात है । जब भी राष्ट्रगीत बजता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं । दो तिरंगे एक साथ ऊपर लहराते देखना अद्भुत था और मुझे यकीन है कि हर भारतीय को ऐसा ही महसूस हुआ होगा ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ ईशा और पलक बहुत छोटी हैं । उनमें अपार प्रतिभा है और इसी वजह से वे राष्ट्रीय टीम में हैं । उनके लिये यह सबसे बड़ी स्पर्धा थी । विश्व चैम्पियनशिप से एशियाई खेल अलग होते हैं और उन्होंने यहां शानदार प्रदर्शन किया । युवाओं के ऐसे प्रदर्शन से भारतीय निशानेबाजी का भविष्य उज्जवल दिखता है ।’’
प्रदर्शन से खुश जंग ने हालांकि यह भी अफसोस जताया कि कुछ भारतीय निशानेबाज मामूली अंतर से पदक से चूक गए।
उन्होंने कहा ,‘‘मैं नतीजों से बहुत खुश हूं लेकिन कुछ निशानेबाज मामूली अंतर से चौथे स्थान पर रह गए । वे पदक जीत सकते थे । वैसे भी सुधार की गुंजाइश तो हमेशा ही रहती है ।’’
जंग ने कहा ,‘‘ लेकिन मैं पदक विजेताओं की सराहना करना चाहूंगा । हमारे निशानेबाजों ने काफी मेहनत की थी और वे पूरी तैयारी के उतरे थे ।’’ इस प्रदर्शन के बाद क्या पेरिस ओलंपिक में पदक की उम्मीद की जा सकती है, यह पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ पदक की उम्मीद तो हमेशा रहती है और इसीलिये हम ओलंपिक में जाते हैं । ओलंपिक में निशानेबाजी में इतने पदक जीतने के बाद हम सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने नहीं जाते लेकिन इस खेल में कोई गारंटी नहीं होती ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं लेकिन कोई और हमसे बेहतर कर जाता है तो कुछ नहीं कर सकते । उसे भुलाकर आगे बढना होता है । हम पूरी कोशिश करेंगे कि जीत की यह आदत बनी रहे ।’’
भविष्य के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ अभी एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप है जहां से ओलंपिक कोटा मिलेंगे । निशानेबाजों को दस दिन का ब्रेक मिलेगा जिसके बाद राष्ट्रीय शिविर शुरू होगा ।’’
राष्ट्रमंडल खेलों में ढेरों पदक जीतने के बाद ‘गोल्डफिंगर’ का उपनाम पाने वाले जंग अब यह विशेषण किसे देना चाहेंगे, यह पूछने पर उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा ,‘‘ अभी मैं इंतजार करूंगा और कुछ समय और इसे अपने पास ही रखूंगा ।’’ (भाषा)
हांगझोउ, 29 सितंबर। दो बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने शुक्रवार को यहां एशियाई खेलों में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर पेरिस ओलंपिक कोटा और पदक पक्का किया।
एशियाड में अपना तीसरा मुकाबला खेल रही निकहत को क्वार्टरफाइनल में जोर्डन की नासार हनान पर आरएससी (रैफरी द्वारा मुकाबला रोकना) से जीत दर्ज करने में तीन मिनट से भी कम समय लगा।
राष्ट्रमंडल खेलों की मौजूदा चैम्पियन निकहत ने करारे मुक्कों से शुरुआत की और लगातार सटीक मुक्कों से दबदबा जारी रखा।
निकहत का दबदबा इतना था कि रैफरी को जोर्डन की मुक्केबाज को तीन ‘स्टैंडिंग काउंट’ देने के लिए बाध्य होना पड़ा जिसके बाद उन्होंने मुकाबला रोक दिया।
विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन स्थानीय प्रबल दावेदार जिचुन जू को 5-0 से हराकर क्वार्टरफाइनल में पहुंचने में कामयाब रहीं।
वहीं लक्ष्य चाहर को 80 किग्रा वर्ग के राउंड 16 में पहले ही दौर के मुकाबले में किर्गिस्तान के ओमुरबेक बेकझिगिट उलूलु से 1-4 की हार मिली।
महिलाओं के 50 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा और 60 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल जबकि 66 किग्रा और 75 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाने वाली मुक्केबाज पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी।
पुरुष वर्ग में सात वजन वर्गों से स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को ओलंपिक कोटा मिलेगा। (भाषा)
हांगझोउ, 29 सितंबर । यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में एक साधारण कमरा है और इसने हांगझोउ में 19वें एशियाई खेलों में भारतीय निशानेबाजों के शानदार प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एशियाई खेलों में भारतीय निशानेबाजों की सफलता का चार्ट इस कमरे में एक अनूठी सिमुलेशन तकनीक और ड्राई शूटिंग के माध्यम से लगाया गया था, जिसे निशानेबाजों द्वारा 'वॉर रूम' कहा जाता है।
भारत ने हांगझोउ में अब तक छह स्वर्ण पदक सहित 18 पदक जीते हैं, जो एशियाई खेलों में निशानेबाजी में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। निशानेबाजी में भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में दोहा एशियाई खेलों में था जब भारतीय निशानेबाजों ने 13 पदक जीते थे - 3 स्वर्ण, 5 रजत और 6 कांस्य।
शुक्रवार को, महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत की स्वर्ण पदक विजेता पलक गुलिया ने इस बारे में बात की कि कैसे तुगलकाबाद में डॉ कर्णी सिंह रेंज में वॉर रूम के अंदर फाइनल के परिदृश्य का अनुकरण करने से उन्हें एशियाई खेलों की तैयारी में मदद मिली।
उसने कहा, "हमने इस वॉर रूम में विभिन्न स्थितियों का अनुकरण किया, जैसे फ़ाइनल, अंतिम चार शॉट, अंतिम दो शॉट, और फिर विभिन्न मापदंडों की जांच की - जैसे नाड़ी की दर, दिल की धड़कन, सांस लेना आदि। किस ब्रेक के बाद (10 शॉट, 12, 14 शॉट) क्या हम अति उत्साहित हो रहे हैं, हम कब आराम कर रहे हैं - एक ऐसी स्थिति जिसमें हमें हमेशा फाइनल में रहना चाहिए - यह सब हमने वॉर रूम में किया। ''
पलक ने एशियाई खेलों में स्वर्ण और रजत पदक जीतने के बाद कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से बहुत सारे सत्र किए और मानसिक प्रशिक्षण सत्रों में भी भाग लिया, जिनमें से हमारे पास हर हफ्ते तीन थे। इससे मुझे एशियाई खेलों की तैयारी में बहुत मदद मिली।" .
"वॉर रूम" प्रशिक्षण नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के हाई-परफॉर्मेंस डायरेक्टर, पियरे ब्यूचैम्प के दिमाग की उपज है।
वॉर रूम में, तस्वीरों के माध्यम से, कोच शूटिंग रेंज का अनुकरण करते हैं जिसमें निशानेबाज अगले भाग में हिस्सा लेंगे और फिर उन्हें क्वालीफाइंग या अंतिम ड्राई शूट (पूरी दिनचर्या का पालन करें और बिना किसी गोला-बारूद के सिर्फ शूटिंग) जैसी स्थितियां दें।
राष्ट्रीय टीम के पिस्टल कोच रौनक पंडित ने कहा, "पहले, निशानेबाज दीवार पर ड्राई-शूट करते थे। लेकिन अब हम रेंज और लक्ष्य की तस्वीरें खरीदते हैं जिन्हें दीवार पर प्रक्षेपित किया जाता है। हमारे पास कुछ संगीत है और माहौल ऐसा है जैसे वे आयोजन स्थल पर सामना करेंगे। तैयारी कर रहे हैं इस तरीके से वास्तव में निशानेबाजों को मदद मिली है।"
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, एचपीडी ने फरवरी 2022 से एक नया मानसिक-प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है और एनआरएआई ने दिमाग-प्रशिक्षण कार्यक्रम को चलाने में मदद के लिए तीन खेल मनोवैज्ञानिकों को काम पर रखा है।
पंडित हांगझोउ में निशानेबाजों को पदक जीतने में मदद करने में वॉर रूम द्वारा निभाई गई भूमिका पर अपने फैसले में सशक्त हैं।
उन्होंने कहा, "वॉर रूम में प्रशिक्षण लेने वाले 85 प्रतिशत निशानेबाजों ने यहां पदक जीते हैं।"
एशियाई खेलों के बाद, कोचिंग स्टाफ ने कार्यक्रम जारी रखा और पेरिस ओलंपिक खेलों की अगुवाई में विभिन्न स्पर्धाओं में कोरिया में एशियाई चैंपियनशिप के लिए निशानेबाजों को तैयार करने में मदद करने के लिए अधिक डेटा विश्लेषण भी शामिल किया। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 29 सितंबर । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शुक्रवार को अपने कार्यालय कृष्णा में भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम और कर्नाटक की पुरुष ब्लाइंड क्रिकेट टीम के सदस्यों को सम्मानित किया।
भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने आईबीएसए विश्व क्रिकेट टूर्नामेंट (क्रिकेट फॉर ब्लाइंड) में स्वर्ण पदक और पुरुष ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने रजत पदक जीता।
मुख्यमंत्री ने भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की कप्तान वर्षा.यू और टीम के खिलाड़ियों दीपिका, गंगव्वा और कर्नाटक की पुरुष टीम के प्रकाश जे, सुनील कुमार, बसप्पा वोडगोल को सम्मानित किया।
महिला क्रिकेट टीम ने अगस्त में आईबीएसए विश्व खेलों में ऑस्ट्रेलिया को नौ विकेट से हराकर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा।
कर्नाटक राज्य ओलंपिक संगठन के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव गोविंदा राजू के नेतृत्व में पदक विजेता खिलाड़ियों की टीम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं।
मुख्यमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और गोविंदराजू के साथ अलग से चर्चा करने और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने खिलाड़ियों से बातचीत की और उनसे खिलाड़ियों को मिलने वाले प्रशिक्षण, वे गेंद को कैसे पहचानते हैं, उन्होंने कितने मैच खेले हैं आदि के बारे में दिलचस्प सवाल पूछे।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार नसीर अहमद, क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इंडिया के आजीवन अध्यक्ष महंतेश, सीएबीआई के अध्यक्ष बूसागौड़ा और समर्थनम ट्रस्ट के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। (आईएएनएस)।
हांगझोउ, 29 सितंबर रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी एशियाई खेलों में टेनिस पुरूष युगल स्पर्धा के फाइनल में हार गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा ।
रोहन बोपन्ना और रुतुजा भोसले की मिश्रित युगल जोड़ी ने हालांकि फाइनल में पहुंच कर टेनिस में भारत के स्वर्ण पदक की आस जगाये रखी है।
बोपन्ना और भोसले की जोड़ी ने चीनी ताइपै की मिश्रित युगल सेमीफाइनल में चान हाओ-चिंग और यू-हसिउ सू को 6 . 1, 3 . 6, 10 . 4 से हराया।
इससे पहले पुरूष युगल में भारतीय जोड़ी को फाइनल में चीनी ताइपै के सू यु सियू और जैसन जुंग ने सीधे सेटों में हराया । गैर वरीय चीनी ताइपै टीम के दोनों सदस्य सू (182) और जुंग (231) की एकल रैंकिंग बेहतर थी जो उनके खेल में भी नजर आया । उन्होंने दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी को 6 . 4, 6 . 4 से हराया ।
रामकुमार का एशियाई खेलों में यह पहला और माइनेनी का तीसरा पदक है । वह 2014 इंचियोन खेलों में सतनाम सिंह के साथ पुरूष युगल रजत और सानिया मिर्जा के साथ मिश्रित युगल स्वर्ण जीत चुके हैं ।
टेनिस में इस बार भारत का यह पहला पदक है । जकार्ता में 2018 में भारत ने तीन पदक जीते थे लेकिन इस बार दो पदक के साथ ही लौटना होगा ।
रामकुमार ने मैच के बाद कहा ,‘‘ यह एशियाई खेलों में मेरा पहला पदक है । मैं भारत के लिये हमेशा से पदक जीतना चाहता था । यह मेरा लक्ष्य था और साकेत के साथ पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं । ’’
उन्होंने कहा ,‘‘ एशियाई खेल बड़ा टूर्नामेंट है और इसमें पदक जीतना बड़ी बात है । उम्मीद है कि अगली बार और पदक जीत सकेंगे ।’’
पुरूष युगल फाइनल में किसी टीम ने पहले तीन गेम में अंक नहीं गंवाये । चौथे गेम में जुंग के डबल फॉल्ट पर टीम ने अंक बनाया । सभी खिलाड़ियों ने अपनी सर्विस बरकरार रखते हुए स्कोर 2 . 2 कर दिया ।
सू ने फोरहैंड पर शानदार विनर लगाकर 30 .0 की बढत बना ली । ब्रेक तक बढत 4 . 2 की हो गई जब भारतीयों ने कई सहज गलतियां की ।
रामकुमार ने डबल फॉल्ट के साथ शुरूआत की लेकिन फिर दो ऐस लगाये । ताइपै टीम ने पहला सेट आसानी से जीता ।
दूसरे सेट में भी रामकुमार की सर्विस कमजोर रही । तीसरे गेम में स्कोर 15 .30 था जब उन्होंने डबल फॉल्ट किया और ताइपै टीम ने दो ब्रेक प्वाइंट बनाये । साकेत ने नौवे गेम में स्कोर 15 .15 कर दिया । भारतीय जोड़ी ने अपनी सर्विस बचाई लेकिन जुंग ने बैकहैंड पर वॉली विनर लगाकर बढत बना ली ।
इसके बाद भारतीय जोड़ी के लिये वापसी का मौका नहीं था । (भाषा)
अहमदाबाद, 29 सितंबर गुजरात पुलिस ने पांच अक्टूबर से यहां नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में शुरू हो रहे क्रिकेट विश्व कप को ‘‘विश्व आतंक कप’’ में बदलने की धमकी देने के लिए प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अहमदाबाद पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने प्राथमिकी में कहा कि पन्नून ने किसी विदेशी नंबर से पहले से रिकॉर्ड किए संदेश के जरिए देश के लोगों को धमकी दी।
साइबर अपराध शाखा के सब-इंस्पेक्टर एच एन प्रजापति द्वारा दर्ज करायी शिकायत में कहा गया है कि यह उनके संज्ञान में आया है कि कई लोगों को एक फोन नंबर से पहले से रिकॉर्ड धमकी भरा संदेश मिला है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि जिन-जिन लोगों को यह संदेश मिला है उनमें से कई ने विभिन्न माध्यमों के जरिए पुलिस को इसकी शिकायत की है।
पहले से रिकॉर्ड संदेश में कहा गया है कि पांच अक्टूबर को क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत नहीं होगी बल्कि यह ‘‘विश्व आतंक कप’’ की शुरुआत होगी। इसमें धमकी दी गयी है कि सिख्स फॉर जस्टिस खालिस्तानी झंडों के साथ अहमदाबाद में धावा बोलने जा रहा है।
प्राथमिकी में संदेश के हवाले से कहा गया है, ‘‘हम शहीद निज्जर की हत्या का बदला लेंगे। हम आपकी गोलियों का जवाब मतपत्रों से देंगे। हम आपकी हिंसा का जवाब वोट से देंगे। पांच अक्टूबर याद रखिएगा, यह क्रिकेट विश्व कप नहीं बल्कि विश्व आतंक कप की शुरुआती होगी...गुरपतवंत सिंह पन्नून की ओर से संदेश।’’
प्राथमिकी के अनुसार, ‘‘गुरपतवंत सिंह पन्नून को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है और वह विदेश से सिख्स फॉर जस्टिस नामक संगठन चला रहा है।’’
प्राथमिकी में कहा गया है कि पन्नून सिखों और देश के अन्य समुदायों के बीच डर एवं शत्रुता पैदा करने की कोशिश कर रहा है और वह देश में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। पहले भी वह खासतौर से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ऐसी कुख्यात गतिविधियों में शामिल रहा है।
क्रिकेट विश्व कप पांच अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में शुरू होगा।
पन्नून ने कनाडा में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक गतिरोध के बाद यह धमकी भरा संदेश दिया है। (भाषा)
हांगझोऊ, 29 सितंबर । भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने चल रहे 19वें एशियाई खेलों हांगझोऊ-2022 में अपना शीर्ष प्रदर्शन करते हुए अब तक तीन मैचों में तीन जीत हासिल की हैं, लेकिन अब भारत की टक्कर चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगी।
एशिया खेलों में भारत दमदार फॉर्म में है। भारत ने पूल ए मैच में उज्बेकिस्तान पर 16-0 से जीत के साथ प्रतियोगिता की शुरुआत की थी।
वहीं, कप्तान हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम ने सिंगापुर पर भी 16-1 से जीत दर्ज की।
फिर, गुरुवार को भारत ने 2018 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जापान के खिलाफ अपनी जीत कि लय बरकरार रखते हुए 4-2 से जीत दर्ज की। अब, शनिवार को भारत की टक्कर पाकिस्तान से होगी।
भारत की तरह पाकिस्तान टीम भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और उसने अब तक खेले तीनों मैच जीते हैं।
पाकिस्तान ने अपने अभियान की शुरुआत सिंगापुर पर 11-0 से जीत के साथ की। फिर, बांग्लादेश पर 5-2 से और उज्बेकिस्तान पर 18-2 से जीत दर्ज की।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले बोलते हुए, भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि टीम ने टूर्नामेंट में अब तक अपने मैचों से बहुत कुछ सीखा है, जो पाकिस्तान के खिलाफ काम आएगा।
हरमनप्रीत ने आगे कहा, "जब भी पाकिस्तान के खिलाफ मैच होता है तो ड्रेसिंग रूम में हमेशा उत्साह होता है। प्रशंसक हमेशा इस मुकाबले का आनंद लेते हैं। पाकिस्तान के पास एक ठोस टीम है जो वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसलिए, हम जानते हैं कि हमें अच्छा खेलना होगा और उनके खिलाफ जीत हासिल करने कि हमारी पूरी कोशिश है। हम अब तक के नतीजों से प्रेरित हैं और हम टूर्नामेंट में अपनी जीत की लय बरकरार रखने के लिए उत्सुक हैं।"
दोनों टीमें आखिरी बार अगस्त में हीरो एशियन चैंपियंस ट्रॉफी चेन्नई 2023 के पूल मैच में भिड़ी थी, जहां भारत ने 4-0 से मैच जीता था।
2013 के बाद से भारत और पाकिस्तान 24 बार आमने-सामने हुए हैं, जिसमें 16 बार भारत को जीत मिली है। जबकि, 5 बार पाकिस्तान को जीत मिली है और तीन मैच ड्रॉ पर ख़त्म हुए हैं। (आईएएनएस)।
हांगझोउ, 28 सितंबर । पूर्व विश्व नंबर 1 पीवी सिंधु के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम ने एशियाई खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा के 16वें राउंड के मुकाबले में कमजोर मंगोलिया को गुरुवार को बिनजियांग जिमनैजियम में 3-0 से हराया और तीनों मैच सीधे गेम में जीते। ।
ओलंपिक खेलों में दो बार की पदक विजेता सिंधु ने बैडमिंटन स्टेडियम के कोर्ट नंबर 2 पर मंगोलिया की म्याग्मार्टसेरेन गणबातर को केवल 20 मिनट में 21-2, 21-3 से हराकर भारतीय टीम को विजयी शुरुआत दी।
पहले गेम में, सिंधु ने 16-0 की बढ़त बना ली, इसके बाद जाकर उनकी प्रतिद्वंद्वी ने अपना पहला अंक जीता। दूसरे गेम में, मंगोलियाई ने स्कोर 2-1 कर दिया, इससे पहले सिंधु ने अगले आठ अंक जीतकर 10-1 की बढ़त बना ली और गेम 21-3 से समाप्त कर दिया।
दूसरे मैच में अश्मिता चालिहा भी उतनी ही तेज थीं और उन्होंने 21 मिनट में खेरलेन दरखानबातर को 21-2, 21-3 से हरा दिया। इसके बाद अनुपमा उपाध्याय ने खुलंगू बातर को 22 मिनट में 21-0, 21-2 से हराकर भारत की जीत पक्की कर दी।
गायत्री गोपीचंद/ट्रीसा जॉली और अश्विनी पोनप्पा तथा तनीषा क्रैस्टो की युगल जोड़ी को गुरुवार को कोर्ट पर कदम रखने की जरूरत ही नहीं पड़ी।
सिंधु ने मैच के बाद कहा,"यह एक अच्छी शुरुआत है। एक आसान मैच। मैं यहां आने के लिए वास्तव में उत्साहित थी और आखिरकार यह शुरू हो गया है। यह हमारे लिए अपनी तैयारी शुरू करने का समय है। टीम इवेंट एक नॉकआउट है इसलिए अगर हम 3-0 से जीतते हैं तो हम ''अगले दौर में थाईलैंड से खेलेंगे।''
उनकी संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर सिंधु ने कहा, "इस बार हमारे पास एक मजबूत महिला टीम है और यह महत्वपूर्ण है कि हम वह काम करें। हमारे पास अच्छी युगल जोड़ियां भी हैं।" (आईएएनएस)।
हांगझोउ, 28 सितंबर भारत की पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने गुरुवार को यहां एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता लेकिन व्यक्तिगत स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने वाले सरबजोत सिंह और अर्जुन सिंह चीमा पदक जीतने में नाकाम रहे।
सरबजोत, चीमा और शिव नरवाल ने बेहद करीबी मुकाबले में चीन की टीम को पछाड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया और भारत को निशानेबाजी में चौथा स्वर्ण पदक दिलाया।
भारतीय निशानेबाज मौजूदा खेलों में अब तक चार स्वर्ण, चार रजत और पांच कांस्य पदक जीत चुके हैं।
भारतीय तिकड़ी ने क्वालीफिकेशन में कुल 1734 अंक जुटाए जो चीन की टीम से एक अधिक है। चीन को रजत जबकि वियतनाम (1730) को कांस्य पदक मिला।
सरबजोत ने क्वालीफिकेशन में 580, चीमा ने 578 और नरवाल ने 576 अंक बनाए।
सरबजोत और चीमा ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में भी जगह बनाई लेकिन क्रमश: चौथे और आठवें स्थान पर रहे।
वियतनाम के फेम कुआंग हुई ने 240.5 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि दक्षिण कोरिया के ली वोनहो (239.4) ने रजत पदक हासिल किया। उज्बेकिस्तान के व्लादिमिर स्वेचनिकोव (219.9) को कांस्य पदक मिला।
सरबजोत 199 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहे। चीमा आठवें और अंतिम स्थान पर रहे। वह फाइनल में सबसे पहले बाहर होने वाले निशानेबाज रहे।
स्कीट मिश्रित टीम स्पर्धा में अनंत जीत सिंह नरुका और गनीमत सेखों की जोड़ी क्वालीफिकेशन में आठ टीम में सातवें स्थान पर रहते हुए पदक की दौड़ से बाहर हो गई। पुरुष व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले अनंत ने 71 जबकि गनीमत ने 67 अंक जुटाए। भारतीय टीम का कुल स्कोर 138 रहा।
इस स्पर्धा में शीर्ष छह टीम ने फाइनल में जगह बनाई।
शनिवार को अपना 22वां जन्मदिन मनाने जा रहे सरबजोत ने टीम स्वर्ण पदक के रूप में स्वयं को तोहफा दिया। निशानेबाजी की टीम स्पर्धा में यह भारत का तीसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भारत टीम स्वर्ण पदक जीत चुका है।
इसी साल भोपाल में आईएसएसएफ विश्व कप में सीनियर स्तर पर अपना पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले 22 साल के सरबजोत ने क्वालीफिकेशन में पांचवें स्थान पर रहते हुए व्यक्तिगत फाइनल में जगह बनाई। चीमा भी आठवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में पहुंचे।
क्वालीफिकेशन में सरबजोत की सीरीज 97, 96, 97, 97, 96 और 95 की रही जबकि चीमा ने 97, 96, 97, 97, 96 और 95 की सीरीज बनाई।
क्वालीफिकेशन में 14वें स्थान पर रहे नरवाल की सीरीज 92, 96, 97, 99, 97 और 95 रही।
फाइनल में हालांकि सरबजोत उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। वह फाइनल में तीसरे और चौथे शॉट में 9.8 और 9.4 अंक ही जुटा पाए। इसके अलावा वह सातवें शॉट पर 8.9 अंक की हासिल कर पाए जिसके बाद वह वापसी करने में नाकाम रहे।
चीमा ने कहा कि टीम पदक एक साथ कड़ी ट्रेनिंग का नतीजा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह शानदार रहा। हमारे बीच काफी अच्छी टीम भावना है। अच्छे रिश्ते, अच्छी टीम।’’
चीमा ने कहा, ‘‘वे (सरबजोत और नरवाल) काफी अच्छा खेले। हमने एक साथ काफी समय बिताया है। हमने एक साथ राष्ट्रीय शिविर, राष्ट्रीय ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लिया। यहां तक कि हम पूरे साल साथ रहे। हम दोस्त, परिवार... सब कुछ हैं। हम एक दूसरे का समर्थन करते हैं। हमने एक साथ काफी समय बिताया है।’’ (भाषा)
दुबई, 28 सितंबर । आईसीसी वनडे बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज बाबर आजम की बढ़त लगातार कम हो रही है। नए अपडेट के अनुसार भारत के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल और बाबर के बीच मात्र 10 अंक का मांमूली अंतर है।
गिल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन किया।
फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने शुरुआती दो मुकाबलों के दौरान कुल 178 रन बनाए। इस सीरीज के पहले मुकाबले में गिल ने मोहाली में 74 रनों की पारी खेली और फिर, इंदौर में अपने करियर का छठा वनडे शतक बनाकर रैंकिंग में बढ़त बनाई।
आईसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गिल के अब कुल 847 रेटिंग अंक हैं और वह 5 अक्टूबर को विश्व कप की शुरुआत से पहले बाबर से सिर्फ 10 रेटिंग अंक पीछे हैं।
पाकिस्तान अपने विश्व कप के पहले मैच तक कोई आधिकारिक वनडे मैच नहीं खेलेगा और गिल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की श्रृंखला के अंतिम मुकाबले से बाहर थे। इसका मतलब है कि बाबर इस साल के टूर्नामेंट में शीर्ष रैंकिंग के साथ प्रवेश करेंगे।
बल्लेबाज रैंकिंग के शीर्ष पर बाबर और गिल के बीच विश्व कप के छह सप्ताह तक कड़ी प्रतिस्पर्धा जारी रहेगी।
इन दोनों बल्लेबाजों में जो वनडे वर्ल्ड कप में दमदार प्रदर्शन करेगा वो आने वाले दिनों में वनडे रैंकिंग में नंबर-1 पर अपना कब्जा जमाएगा। (आईएएनएस)।
तिरुवनंतपुरम, 28 सितंबर । वर्ल्ड कप की धूम के बीच दक्षिण अफ्रीका के वनडे कप्तान टेम्बा बावुमा पारिवारिक कारणों से गुरुवार को अपने देश लौट जाएंगे।
बावुमा 29 सितंबर और 2 अक्टूबर को अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ दो विश्व कप 2023 अभ्यास मैचों में नहीं खेलेंगे। उनकी अनुपस्थिति में एडेन मार्कराम टीम की कप्तानी करेंगे। (आईएएनएस)।
हांगझोउ, 27 सितंबर अंगद वीर सिंह बाजवा, गुरजोत खांगुरा और अमन जीत सिंह नारुका की भारतीय टीम ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष स्कीट स्पर्धा में टीम कांस्य पदक जीता।
भारतीय तिकड़ी ने 355 अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया जिससे बुधवार को निशानेबाजी में भारत का दबदबा जारी रहा।
मेजबान चीन को स्वर्ण जबकि कतर को रजत पदक मिला।
भारत की महिला टीम हालांकि कजाखस्तान, चीन और थाईलैंड के बाद चौथे स्थान पर रहते हुए शॉटगन स्कीट स्पर्धा में पदक से चूक गई। (भाषा)
निंगबो, 27 सितंबर भारत के विष्णु सरवनन ने एशियाई खेलों में बुधवार को पुरूषों की डिंगी आईएलसीए 7 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता ।
तोक्यो ओलंपिक खेल चुके विष्णु ने 34 नेट स्कोर के साथ 11 रेस की यह स्पर्धा जीती ।
वह एक अंक से रजत पदक से चूक गए । दक्षिण कोरिया के जीमिन एचए ने 33 अंक के साथ रजत पदक हासिल किया । वहीं सिंगापुर के जुन हान रियान लो ने 26 स्कोर के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया ।
पाल नौकायन में सभी रेस के सबसे खराब स्कोर को कुल अंकों में से घटाकर नेट स्कोर निकाला जाता है । सबसे कम नेट स्कोर वाला विजयी रहता है ।
विष्णु का कुल स्कोर 48 था और उसकी सबसे खराब रेस आठवीं थी जब वह रिटायर हो गया था । उसके स्कोर से 14 अंक घटाये गए । (भाषा)