अंतरराष्ट्रीय
सुमी खान
ढाका, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| बांग्लादेश में भारत के नए उच्यायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने कहा है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच साझेदारी परस्पर सम्मान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी लोगों की भावना का भारत गहराई से प्रशंसा और सम्मान करता है, जिन्होंने ऐतिहासिक संघर्ष के माध्यम से अपनी विशिष्ट पहचान के आधार पर राष्ट्र का निर्माण किया है।
दोरईस्वामी ने ढाका में अपने सरकारी आवास, इंडिया हाउस में मीडिया के साथ बातचीत में गुरुवार को कहा, "मेरा मानना है कि सबसे करीबी रिश्तों को भी पोषित करने की आवश्यकता होती है। मेरी सरकार ने मुझे ठीक यही करने का आदेश दिया है।"
दोरईस्वामी पूर्व भारतीय दूत रीवा गांगुली दास के डेढ़ साल के कार्यकाल के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना होने के तीन दिन बाद सोमवार को त्रिपुरा से होकर बांग्लादेश पहुंचे।
नए दूत का आगमन ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश मुजीब बोरशो का जश्न मना रहा है और देश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाने की तैयारी भी कर रहा है, जो बांग्लादेश और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 50 वीं वर्षगांठ को भी चिन्हित करता है।
इस भावना के साथ, दोरईस्वामी ने इस साझेदारी के लिए अपनी सेवा की शुरुआत उन नायकों को श्रद्धांजलि देकर की जिन्होंने दोनों राष्ट्रों को इतिहास में इस मुकाम तक पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि वह और उनके सहयोगी बांग्लादेश और भारत के बीच सभी स्तरों पर साझेदारी को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
दोरई स्वामी ने कहा कि बांग्लादेश-भारत का संबंध साझा बलिदान, इतिहास, संस्कृति और घनिष्ठ संबंधों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मैं इस बिंदु को रेखांकित करना चाहता हूं कि भारत के लिए बांग्लादेश की अहमियत कभी कम नहीं होगी।
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने टकराव को और आगे ले जाते हुए हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने घोषणा की है कि वह एक पैनल बनाने के लिए एक बिल पेश करेंगी जो राष्ट्रपति के रूप में पारी जारी रखने की ट्रंप की क्षमता का आकलन करेगा।
पेलोसी ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि ट्रंप एक बदली हुई स्थिति में हैं। देश में 3 नवंबर को चुनाव होने हैं।
ट्रंप के कोविड-19 राहत पैकेज पर बातचीत रद्द करने और बाद में आंशिक डील का संकेत देने के फैसले का हवाला देते हुए स्पीकर ने ब्लूमबर्ग न्यूज से कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं इस व्यवहार पर कैसे प्रतिक्रिया दूं।"
डेमोक्रेटिक पार्टी की स्पीकर ने कहा, "ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि जब आप स्टेरॉयड पर होते हैं या कोविड-19 से संक्रमित होते हैं, तो निर्णय को लेकर कुछ हानि हो सकती है।"
राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए संवैधानिक प्रावधान के लिए आह्वान करते हुए स्पीकर और साथी-डेमोक्रेट सांसद जेमी रस्किन ने कहा कि वे ट्रंप की क्षमता के आकलन के लिए कमीशन के गठन के लिए शुक्रवार को बिल पेश करेंगे।
यह कदम काफी हद तक प्रतीकात्मक होने की उम्मीद है क्योंकि ट्रंप को हटाने के लिए एक संवैधानिक तख्तापलट की कोशिश में डेमोक्रेटिक बहुल वाले प्रतिनिधि सभा द्वारा पास प्रस्ताव को रिपब्लिकन-नियंत्रित वाले सीनेट से मंजूरी मिलने की संभावना नहीं है।
वहीं, ट्रंप ने पलटवार करते हुए एक ट्वीट में कहा, "सनकी नैन्सी वह महिला है जिसे अवलोकन के तहत होना चाहिए।"
बाद में जब ट्रंप को लेकर बदली हुई स्थिति होने के बारे में पेलोसी के दावे के बारे में पूछा गया, तो व्हाइट हाउस की रणनीतिक संचार निदेशक एलिसा फराह ने पत्रकारों से कहा, "बिल्कुल नहीं। राष्ट्रपति मजबूत हैं। वह काम कर रहे हैं। वह कभी नहीं रुके ।"
ट्रंप के निजी चिकित्सक ने गुरुवार शाम को एक ज्ञापन जारी किया जिसमें कहा गया था कि वह स्थिर हैं और शनिवार को सार्वजनिक गतिविधि में शामिल हो सकते हैं।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्कूलों को खुला रखने के बजाय बंद रखने के कारण लंबे समय में अधिक मौतें हो सकती हैं। बृहस्पतिवार को जारी एक नये विश्लेषण में यह दावा किया गया है। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन में यह खुलासा भी हुआ है कि सामाजिक मेलजोल से दूरी महामारी से होने वाली मौतों की संख्या घटाने का एक कारगर औजार रही।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी के प्राध्यापक एवं अध्ययन दल के मुख्य लेखक ग्रीम आकलैंड ने कहा, ''संक्षिप्त अवधि में स्कूलों को बंद रखने से संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या कम रही, लेकिन इस फैसले ने हमें संक्रमण के बाद के चरण के लिये कहीं अधिक खतरे में डाल दिया। उन्होंने कहा, ''कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये विभिन्न आयु वर्ग की आबादी के लिए अलग-अलग रणनीतियों की जरूरत थी , जिसमें अधिक ध्यान बुजुर्गों और जोखिम ग्रस्त लोगों का बचाव करने पर दिया जाना था।
अध्ययन के नतीजे 'रिपोर्ट 9 के विश्लेषण पर आधारित हैं। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के इस अध्ययन का इस्तेमाल ब्रिटिश सरकार की आपात स्थिति पर वैज्ञानिक सलाहकार समूह ने 23 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने में किया था। इसके तहत स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था।
नया विश्लेषण 'ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। विशेषज्ञों ने कहा है कि स्कूलों और दुकानों को बंद रखने जैसे उपायों का यदि फिर से सहारा लिया जाता है तो महामारी और भी लंबे समय तक जा सकती है और प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम क्रियान्वित नहीं होने पर दीर्घकाल में कहीं अधिक मौतें होंगी। (एजेंसी)
वाशिंगटन, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 3.64 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि संक्रमण से होने वाली मौतें 1,060,860 से अधिक हो गई हैं। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को दी।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नए अपडेट में खुलासा किया कि शुक्रवार की सुबह तक कुल मामलों की संख्या 36,435,290 हो गई और मृत्यु दर बढ़कर 1,060,869 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, कोविड-19 से अमेरिका दुनिया का सबसे अधिक प्रभावित देश है। यहां संक्रमण के 7,603,746 और इससे हुई मौतों के 212,716 मामले दर्ज किए गए हैं।
वहीं भारत में कोविड-19 के 6,835,655 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके साथ देश मामलों की ²ष्टि से दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में मरने वालों की संख्या 105,526 हो गई है।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, अधिक मामलों वाले अन्य शीर्ष 15 देश ब्राजील (5,028,444), रूस (1,253,603), कोलम्बिया (886,179), अर्जेंटीना (856,369), स्पेन (848,324), पेरू (835,662), मैक्सिको (804,488), फ्रांस (711,704), दक्षिण अफ्रीका (686,891), ब्रिटेन (564,502), ईरान (488,236), चिली (476,016), इराक (394,566), बांग्लादेश (374,592), और इटली (338,398)हैं।
वर्तमान में ब्राजील संक्रमण से हुई 148,957 मौतों के साथ मृत्यु दर मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।
वहीं 10,000 से अधिक मौत वाले देश मेक्सिको (83,096), ब्रिटेन (42,682), इटली (36,083), पेरू (33,009), स्पेन (32,688), फ्रांस (32,539), ईरान (27,888), कोलम्बिया (27,180), अर्जेंटीना (22,710), रूस (21,939), दक्षिण अफ्रीका (17,408), चिली (13,167), इक्वाडोर (12,141), इंडोनेशिया (11,580) और बेल्जियम (10,108) है।
-आईएएनएस
डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप के रनिंग मेट माइक पेंस के खिलाफ पहली और एकमात्र वीपी डिबेट में शुरुआती हमला किया। यूटा के साल्ट लेक सिटी में आयोजित यह डिबेट स्थानीय समयानुसार रात को 9 बजे खत्म हुई।
ब्लू और काले रंग के पैंट शूट परिधान में हैरिस ने पहले सवाल का जवाब देते हुए बहस को शुरू किया, सवाल वायरस को लेकर था। उन्होंने कोविड-19 के लिए ट्रंप प्रशासन के रवैये को "हमारे देश के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता" कहा।
पहले 2 मिनट में सख्त प्रहार करते हुए हैरिस ने कहा, "उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति को इस महामारी की प्रकृति के बारे में 28 जनवरी को सूचित किया गया था। उन्हें बताया गया कि यह घातक है, क्योंकि यह हवा के माध्यम से भी संक्रामक है, यह युवा लोगों को प्रभावित करेगा और यह एक दूसरे से फैलेगा। वे जानते थे कि क्या हो रहा है और उन्होंने आपको नहीं बताया।"
इस बहस में हैरिस का लक्ष्य उनकी प्रेप टीम की लक्ष्य के मुकाबले दोगुना रहा, पहला यह कि घातक महामारी को लेकर ट्रंप की अराजक प्रतिक्रिया में पेंस को समान रूप से फ्रेम करना और दूसरा यह कि अगर बाइडन चुनाव जीतते हैं तो वैकल्पिक परि²श्य क्या होगा यह बताना।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि पेंस को ट्रंप के डूबते हुए जहाज से कूदने के बारे में सोचना चाहिए और एक जीवनरक्षक नाव पर चढ़कर दूर किसी अन्य द्वीप पर जाना चाहिए, जहां वह 2024 के चुनाव आने तक घूम सकें।
अक्सर वीपी डिबेट राष्ट्रपति राजनीति के समाचार चक्र में खो जाते हैं, लेकिन इस बार शायद कुछ अलग हो सकता है। पहले राष्ट्रपति की बहस और खुद के कोविड-19 संक्रमण के बाद ट्रंप के लिए राजनीति की कीमत पहले से ही बढ़ रही है। ट्रंप अभियान की अराजकता ने इस कार्यक्रम को टीवी के तमाशे में बदल दिया है।
वीपी डिबेट में बाइडन-हैरिस द्वारा चलाए जा रहे हथियारों में से अधिकांश ट्रंप के स्वनिर्मित हथियार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने स्वयं के चुनाव अभियान में चलने-फिरने वाले नकारात्मक विज्ञापन के तौर पर प्रवेश किया है। ट्रंप के खिलाफ हेड टू हेड पोलिंग में बाइडन 9 अंक ऊपर हैं। गहरी पैठ बनाते हुए बाइडन ने छह राज्यों में अपनी बढ़त बढ़ा ली है। बाइडन के लिए रियलक्लेयर पॉलिटिक्स ने औसत 4.9 का अंतर रखा है।
ट्रंप के चुनाव के साथ व्हाइट हाउस अपने ए टीम पर हो रहे संक्रमण के प्रहार से हिल गया है। इसका अंदाजा डेमोक्रेट्स ने लगा लिया है और वह इस मौके को भुना रहे हैं। ट्रंप और पेंस के लिए यह डिबेट बहुत उलझन भरा है, क्योंकि मुद्दा कोरोनावायरस है, जिससे 75 लाख अमेरिकी बीमार हैं, और 211,000 से अधिक की मौत हो गई है और यह ट्रंप के कार्यकाल में हुआ है।
ट्रंप, पिछले आठ महीनों से अमेरिकियों का ध्यान चमकते क्षेत्रों की ओर आकर्षित करने में लगे हैं, जिसमें स्टॉक मार्केट, ब्लीच, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पराबैंगनी किरणें, ट्वीट्स, आव्रजन पर स्वाइप और यहां तक कि ताजमहल के दौरे की उनकी तस्वीर छाए रहे। इसके बाद उन्होंने बताया कि कोविड उनकी अब तक की सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती होगी।
कोरोनावायरस ने उनके सभी चमकते गुब्बारों को हवा में उड़ा दिया और अमेरिकी चुनाव 2020 से मात्र 31 दिन पहले व्हाइट हाउस पर प्रहार किया। यह देखते हुए कि हैरिस 101 को हिप्पा शपथ का राजनीतिक संस्करण करने के लिए है: बाइडन के टिकट को कोई नुकसान न करें। हालांकि परिदृश्य को देखते हुए हैरिस पहले से तैयार थी और उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डिबेट में प्रवेश किया।
अमेरिका के सबसे खराब सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान पब्लिक हेल्थ पॉलिसी का आधार भी हैरिस के कदमों को नहीं हिला सकता है। पेंस के लिए सबसे मुश्किल बिंदू कोरोना वायरस है। वहीं ट्रंप ने उन्हें कोरोना वायरस टास्क फोर्स के नेता के रूप में पेश किया था।
यदि हैरिस ट्रंप की ओर से पेंस को जवाब देने के लिए कहती हैं और पेंस मना करते हैं तो फिर उन्हें अपने लिए जवाब देना होगा। वहीं 211,000 अमेरिकियों की मौत के बाद भी अभी भी गिनती जारी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस ही सब कुछ तय करेगा। तो इसे लेकर बहस जारी रहेगी। मैनहट्टन से एक मतदाता अलेक्जेंडर पिकार्ड ने आईएएनएस को बताया, "मैं अपने राष्ट्रपति के लिए वैक्यूम क्लीनर रखना चाहता हूं। कोई भी हो लेकिन ट्रंप नहीं!"(navjivan)
काठमांडू, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| नेपाल में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू किए गए सामाजिक दूरी और अन्य सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के साथ हिमालयी देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति मिल गई है। यह जानकारी गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट से मिली। द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने यहां गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने वॉकेशनल संस्थानों को प्रशिक्षण देने की अनुमति भी दी है, लेकिन प्रतिभागियों की संख्या 25 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
त्रिभुवन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पेशल दहल ने द हिमालयन टाइम्स को बताया कि विवि पहले ही इंजीनियरिंग और एमफिल की परीक्षा आयोजित कर चुका है और नवंबर के मध्य से अन्य रुकी हुई परीक्षाओं को कराने की तैयारी कर रहा है।
शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने एक बयान में कहा, "यदि विश्वविद्यालय सोचते हैं कि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति व्यवहार्य है, तो वे छात्रों को परीक्षा केंद्रों में उपस्थित होने के साथ परीक्षा आयोजित करा सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि वे ऑनलाइन परीक्षा, प्रोजेक्ट आधारित परीक्षा या ऑपन बुक परीक्षा आयोजित कर सकते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं।"
हेलसिंकी, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| जलवायु और मानवाधिकारों के मुद्दों पर सक्रिय रूप से अभियान चलाने वाली 16 साल की एक किशोरी को एक दिन के लिए फिनलैंड की प्रधानमंत्री बनाया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश से लिंगभेद मिटाने के एक अभियान के हिस्से के रूप में किशोरी को यह सम्मान दिया गया। बीबीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री मारिन ने एक दिन के लिए अपना पद किशोरी एवा मुर्तो के लिए छोड़ दिया है। इस एक दिन में मुर्तो राजनेताओं से मुलाकात करेंगी और टेक्नोलॉजी में महिलाओं के अधिकारों पर बात करेंगी।
मानवतावादी संगठन प्लान इंटरनेशनल की 'गर्ल्स टेकओवर' पहल में फिनलैंड की भागीदारी का यह चौथा वर्ष है। यह संगठन दुनियाभर के देशों के किशोरों को एक दिन के लिए नेताओं और अन्य क्षेत्रों के प्रमुखों की भूमिका निभाने की अनुमति देता है।
इस वर्ष संगठन का जोर लड़कियों के लिए डिजिटल कौशल और तकनीकी अवसरों को बढ़ावा देने पर है।
एक भाषण में मुर्तो ने कहा, "आज यहां आपके सामने बोलने में बहुत खुशी हो रही है। हालांकि, एक तरह से मैं चाहती हूं कि मुझे यहां खड़ा न होना पड़े और लड़कियों के चलाए जा रहे टेकओवर जैसे अभियानों की जरूरत ही न पड़े।"
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, सच्चाई यह है कि हमने अभी तक पूरी धरती पर कहीं भी लिंग समानता हासिल नहीं की है। जबकि हमने इस क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है, फिर भी अभी बहुत काम करना बाकी है।"
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री के तौर पर केवल 34 साल की उम्र में शपथ लेने वाली मारिन ने जोर देकर कहा कि टेक्नोलॉजी की 'सभी के लिए सुलभता' सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
बता दें कि मारिन फिनलैंड की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं और 4 अन्य पार्टियों के साथ केंद्र में गठबंधन का नेतृत्व करती हैं। इन चारों पार्टियों की अध्यक्ष महिलाएं हैं और इनमें से 3 की उम्र 35 साल से कम है।
लाहौर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने दैनिक कोरोनावायरस मामलों में वृद्धि के बाद अपने सभी 36 जिलों में 'माइक्रो स्मार्ट लॉकडाउन' लागू किए हैं। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में हाल ही में शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने और सार्वजनिक स्थानों, सरकारी कार्यालयों और व्यावसायिक स्थलों पर कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन होने के कारण संक्रमण में वृद्धि दर्ज की गई।
इन 36 जिलों में से लाहौर, रावलपिंडी, फैसलाबाद, गुजरांवाला, हफीजाबाद और गुजरात में नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
प्रांतीय सरकार ने बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया कि 856 'माइक्रो स्मार्ट लॉकडाउन' लागू किए हैं, जिनके तहत 7,295 नागरिकों को अपने घरों तक सीमित किया गया है।
लाहौर में दो माइक्रो स्मार्ट लॉकडाउन प्रस्तावित किए गए, जबकि रावलपिंडी में 123 लॉकडाउन लागू किए गए हैं।
पंजाब में पिछले 24 घंटों में 115 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे प्रांत में संक्रमण की कुल संख्या 100,148 हो गई है।
वहीं बुधवार को दो नई मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,242 हो गई।
पाकिस्तान में गुरुवार तक कुल 316,934 कोरोनावायरस मामले और 6,544 मौतें दर्ज की गई हैं।
दुबई, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुबई में शराब की तस्करी करने वाले लोगों के एक समूह ने एक भारतीय व्यक्ति पर हमला किया और उसके पैसे चुरा लिए। ऐसा उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि भारतीय ने उनकी उस कार का नंबर नोट कर लिया था, जिसका इस्तेमाल वे अवैध रूप से शराब बेचने में कर रहे थे। शहर की अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई की। गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई कोर्ट ऑफ फस्र्ट इंस्टेंस के सामने आए मामले में 7 आरोपी, जिनमें 4 पाकिस्तानी, 2 नेपाली और 1 भारतीय हैं, वे अवैध रूप से शहर के अल रिफा क्षेत्र में शराब बेचते थे।
जुलाई में हुई इस घटना के 28 वर्षीय पीड़ित ने कहा, "मैं इन आरोपियों को जानता था, क्योंकि मैंने उन्हें इस इलाके में शराब बेचते हुए देखा था। मैंने दुबई पुलिस को इसकी सूचना देने के लिए उनकी कार का नंबर नोट किया।"
तब आरोपियों ने पीड़ित को जमीन पर गिराकर उसकी जमकर पिटाई की, जिसमें उसे गहरी चोटें आईं और उसका जबड़ा भी टूट गया। आरोपियों में से एक ने उसके पर्स से 1,500 दिरहम भी चुरा लिए और वहां से फरार हो गए।
जब दुबई पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो उनके पास से बड़ी मात्रा में शराब जब्त हुई।
उन पर शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने और डकैती करने के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही यूएई में अवैध रूप से शराब रखने और बेचने के लिए एक महीने की सजा और उसके बाद निर्वासन का दंड दिया गया है।
इस्लामाबाद, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार के मामलों में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक इश्तिहार जारी किया है और निर्देश दिया है कि इसे दो प्रमुख समाचारपत्रों में प्रकाशित किया जाए। बुधवार को कोर्ट ने अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल तारिक महमूद खोखर को डॉन और जंग अखबारों में इश्तिहार के प्रकाशन पर आने वाली लागत जमा करने को कहा।
डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इश्तिहार के माध्यम से कोर्ट ने 30 दिनों के भीतर शरीफ को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, ताकि किसी भी तरह की प्रतिकूल प्रक्रिया से बचा जा सके। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो अगर दी गई समय-सीमा के बाद भी हाजिर होने में नाकाम रहते हैं, तो अदालत द्वारा उन्हें अपराधी घोषित कर दिया जाएगा और उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया जाएगा।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अतिरिक्त अभियोजक जनरल जहानजेब खान भरवाना ने अदालत को सूचित किया कि वारंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वह अब आरोपी का इश्तिहार जारी करने में सक्षम है।
फिलहाल लंदन में रह रहे शरीफ को पिछले साल इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनके ट्रीटमेंट के चलते अल-अजीजिया मामले में आठ हफ्ते की जमानत दे दी थी, जिसकी समय-सीमा फरवरी में समाप्त हो गई।
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप के रनिंग मेट माइक पेंस के खिलाफ पहली और एकमात्र वीपी डिबेट में शुरुआती हमला किया। यूटा के साल्ट लेक सिटी में आयोजित यह डिबेट स्थानीय समयानुसार रात को 9 बजे खत्म हुई।
ब्लू और काले रंग के पैंट शूट परिधान में हैरिस ने पहले सवाल का जवाब देते हुए बहस को शुरू किया, सवाल वायरस को लेकर था। उन्होंने कोविड-19 के लिए ट्रंप प्रशासन के रवैये को "हमारे देश के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता" कहा।
पहले 2 मिनट में सख्त प्रहार करते हुए हैरिस ने कहा, "उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति को इस महामारी की प्रकृति के बारे में 28 जनवरी को सूचित किया गया था। उन्हें बताया गया कि यह घातक है, क्योंकि यह हवा के माध्यम से भी संक्रामक है, यह युवा लोगों को प्रभावित करेगा और यह एक दूसरे से फैलेगा। वे जानते थे कि क्या हो रहा है और उन्होंने आपको नहीं बताया।"
इस बहस में हैरिस का लक्ष्य उनकी प्रेप टीम की लक्ष्य के मुकाबले दोगुना रहा, पहला यह कि घातक महामारी को लेकर ट्रंप की अराजक प्रतिक्रिया में पेंस को समान रूप से फ्रेम करना और दूसरा यह कि अगर बाइडन चुनाव जीतते हैं तो वैकल्पिक परि²श्य क्या होगा यह बताना।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि पेंस को ट्रंप के डूबते हुए जहाज से कूदने के बारे में सोचना चाहिए और एक जीवनरक्षक नाव पर चढ़कर दूर किसी अन्य द्वीप पर जाना चाहिए, जहां वह 2024 के चुनाव आने तक घूम सकें।
अक्सर वीपी डिबेट राष्ट्रपति राजनीति के समाचार चक्र में खो जाते हैं, लेकिन इस बार शायद कुछ अलग हो सकता है। पहले राष्ट्रपति की बहस और खुद के कोविड-19 संक्रमण के बाद ट्रंप के लिए राजनीति की कीमत पहले से ही बढ़ रही है।
ट्रंप अभियान की अराजकता ने इस कार्यक्रम को टीवी के तमाशे में बदल दिया है।
वीपी डिबेट में बाइडन-हैरिस द्वारा चलाए जा रहे हथियारों में से अधिकांश ट्रंप के स्वनिर्मित हथियार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने स्वयं के चुनाव अभियान में चलने-फिरने वाले नकारात्मक विज्ञापन के तौर पर प्रवेश किया है।
ट्रंप के खिलाफ हेड टू हेड पोलिंग में बाइडन 9 अंक ऊपर हैं। गहरी पैठ बनाते हुए बाइडन ने छह राज्यों में अपनी बढ़त बढ़ा ली है। बाइडन के लिए रियलक्लेयर पॉलिटिक्स ने औसत 4.9 का अंतर रखा है।
ट्रंप के चुनाव के साथ व्हाइट हाउस अपने ए टीम पर हो रहे संक्रमण के प्रहार से हिल गया है। इसका अंदाजा डेमोक्रेट्स ने लगा लिया है और वह इस मौके को भुना रहे हैं।
ट्रंप और पेंस के लिए यह डिबेट बहुत उलझन भरा है, क्योंकि मुद्दा कोरोनावायरस है, जिससे 75 लाख अमेरिकी बीमार हैं, और 211,000 से अधिक की मौत हो गई है और यह ट्रंप के कार्यकाल में हुआ है।
ट्रंप, पिछले आठ महीनों से अमेरिकियों का ध्यान चमकते क्षेत्रों की ओर आकर्षित करने में लगे हैं, जिसमें स्टॉक मार्केट, ब्लीच, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पराबैंगनी किरणें, ट्वीट्स, आव्रजन पर स्वाइप और यहां तक कि ताजमहल के दौरे की उनकी तस्वीर छाए रहे। इसके बाद उन्होंने बताया कि कोविड उनकी अब तक की सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती होगी।
कोरोनावायरस ने उनके सभी चमकते गुब्बारों को हवा में उड़ा दिया और अमेरिकी चुनाव 2020 से मात्र 31 दिन पहले व्हाइट हाउस पर प्रहार किया। यह देखते हुए कि हैरिस 101 को हिप्पा शपथ का राजनीतिक संस्करण करने के लिए है: बाइडन के टिकट को कोई नुकसान न करें।
हालांकि परि²श्य को देखते हुए हैरिस पहले से तैयार थी और उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डिबेट में प्रवेश किया।
अमेरिका के सबसे खराब सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान पब्लिक हेल्थ पॉलिसी का आधार भी हैरिस के कदमों को नहीं हिला सकता है।
पेंस के लिए सबसे मुश्किल बिंदू कोरोनावायरस है। वहीं ट्रंप ने उन्हें कोरोनावायरस टास्क फोर्स के नेता के रूप में पेश किया था।
यदि हैरिस ट्रंप की ओर से पेंस को जवाब देने के लिए कहती हैं और पेंस मना करते हैं तो फिर उन्हें अपने लिए जवाब देना होगा। वहीं 211,000 अमेरिकियों की मौत के बाद भी अभी भी गिनती जारी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस ही सब कुछ तय करेगा। तो इसे लेकर बहस जारी रहेगी।
मैनहट्टन से एक मतदाता अलेक्जेंडर पिकार्ड ने आईएएनएस को बताया, "मैं अपने राष्ट्रपति के लिए वैक्यूम क्लीनर रखना चाहता हूं। कोई भी हो लेकिन ट्रंप नहीं!"
वॉशिंगटन, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डॉक्टर ने कहा है कि पिछले 24 घंटे से उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं और बीते लगभग चार दिनों से उन्हें बुखार भी नहीं है। ट्रंप के डॉक्टर सीन कॉनले ने यह भी कहा कि शुक्रवार को अस्पताल ले जाने के बाद से उन्हें किसी पूरक ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं पड़ी थी। राष्ट्रपति सोमवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए।
बुधवार को व्हाइट हाउस के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ट्रंप ने खुद ऐसा कहा है कि वह काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। बाद में ब्रीफिंग्स के लिए उन्होंने ओवल ऑफिस में भी अपनी वापसी की।
टीवी पर प्रसारित होने वाले उप राष्ट्रपति के डिबेट की खबर से पहले बुधवार को ट्रंप के सेहत से संबंधित यह जानकारी मिली। इस दिन माइक पेंस और कमला हैरिस के बीच हुए इस डिबेट का इंतजार काफी लंबे समय से था।
न्यूयॉर्क, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| न्यूयॉर्क के कुछ हिस्सों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बाद यहूदी अल्पसंख्यकों को सांप्रदायिक निशाना बनाया जा रहा है। न्यूयॉर्क में यहूदियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया और मास्क का बोनफायर बना कर जला दिया।
न्यू यॉर्क राज्य के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने शहर और राज्य के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण का ठीकरा यहूदियों पर फोड़ा और उनके धार्मिक स्थलों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद सैकड़ों यहूदी प्रदर्शनकारी बुधवार को रात भर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते रहे। इनमें से कई प्रदर्शनकारी बिना मास्क के थे।
एक यहूदी नेता सीनेटर सिमचा फेल्डर ने कहा: गवर्नर क्यूमो के एक विशेष धार्मिक समूह के लोगों को निशाना बनाना अपमानजनक था।
उनकी भाषा खतरनाक और विभाजनकारी थी, उनके हिसाब से न्यूयॉर्क राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए अकेले रूढ़िवादी यहूदी ही जिम्मेदार हैं।
हालांकि न्यू यॉर्क शुरूआती दिनों में महामारी का केंद्र रहा था। न्यूयॉर्क शहर और राज्य ने लगभग 1 प्रतिशत की संक्रमण दर के साथ इस बीमारी को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि राज्य में स्कूल खुल गए हैं। प्रतिबंध भी कम कर दिए गए हैं।
लेकिन हाल के दिनों में कोरोनावायरस के नए मामले सामने आए हैं जो राज्य में पांच समूहों से जुड़े थे, जिनमें से तीन बड़े यहूदी आबादी वाले समूह थे, उनमें से एक न्यूयॉर्क शहर में और दो शहर से बाहर थे।
क्युमो और दूसरे डेमोक्रेट नेताओं ने मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के लिए यहूदी समुदाय पर अपनी आलोचना को केंद्रित किया। जबकि राज्य में कई दूसरी आबादी के लोग भी ऐसा ही कर रहे थे।
क्युमो ने कहा, रूढ़िवादी यहूदी सभाएं अक्सर बहुत बड़ी होती हैं और हमने देखा है कि एक समूह में एक व्यक्ति क्या कर सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि वे देखेंगे कि क्या लोग नियमों का पालन कर रहे हैं।
वाशिंगटन, 08 अक्टूबर (स्पूतनिक) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि तीन नवंबर के चुनाव के बाद देश में कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध होगा।
श्री ट्रंप ने बुधवार को पहले से रिकॉर्ड वीडियो संदेश में कहा, “ मुझे लगता है कि चुनाव से पहले हमारे पास टीका होना चाहिए, लेकिन स्पष्टत है कि राजनीति हो रही है और यह ठीक है, वे अपना खेल खेलना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “यह चुनाव के ठीक बाद होने जा रहा है।”
अम्मान, 08 अक्टूबर (वार्ता) जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने बिशार खसावने को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
रॉयल कोर्ट के बयान के अनुसार श्री खसावने की नियुक्त के बाद राजा अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रधानमंत्री उमर रजाज के दिये इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। श्री खसावने राजा के नीति और मीडिया सलाहकार के रूप में काम किया है।
राजा ने बुधवार को श्री खसावने को लिखे पत्र में कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच नये मंत्रिमंडल का गठन करना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के साथ अभी हम भी महामारी से निपटने तथा स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए अपनी क्षमताओं से बेहतर काम कर रहे हैं।
श्री अदुल्ला ने कहा कि नागरिकों का स्वास्थ्य और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिसके अनुसार सरकार कोविड महामारी से निपटने के उपायों को जारी रखना है। आर्थिक क्षेत्रों के संचालन और नागरिकों की सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य संबंधी संतुलित करते हुए अजीविका को बनाए रखना है।
इस्लामाबाद, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात अधिकारियों ने बुधवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) को सूचित किया कि नवाज शरीफ के एक प्रतिनिधि ने शुरूआत में पीएमएल-एन सुप्रीमो के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने पर सहमति जताई थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के पार्क लेन स्थित निवास में उनके आगमन से कुछ मिनट पहले उनका मन बदल गया। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट के प्रथम सचिव दिलदार अली अब्रो ने अदालत को सौंपे गए एक लिखित उत्तर में कहा कि नवाज शरीफ के बेटे के सचिव वकार अहमद ने उन्हें फोन किया और उन्हें सूचित किया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के लिए वारंट प्राप्त करेंगे।
अब्रो ने अदालत को बताया कि वकार शुरू में लंदन में नवाज शरीफ के पार्क लेन स्थित निवास पर वारंट प्राप्त करने के लिए सहमत हुए थे। इसके बाद उन्होंने वकार की इस स्वीकृति को लेकर उच्चायोग को सूचित किया। इस पर उच्चायोग ने उन्हें उक्त पते पर वारंट भेजने की अनुमति प्रदान की।
अब्रो ने अदालत को बताया, "वकार के साथ इस बात पर सहमति थी कि वह 23 सितंबर को सुबह 11 बजे वारंट प्राप्त करेंगे।" उन्होंने कहा कि वकार को यह भी बताया गया कि मिशन के कांसुलर अताशे राव अब्दुल हनन वारंट सौंपेंगे।
अब्रो ने अदालत को बताया, "सुबह 10:20 बजे वकार ने मुझे माफी मांगते हुए वारंट प्राप्त करने से मना कर दिया।"
दूसरी ओर, हनन ने अपने बयान में कहा कि वह शुरू में वारंट देने के लिए 17 सितंबर की शाम 6.35 बजे पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर गए थे। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ के एक घरेलू कर्मचारी मुहम्मद याकूब ने वारंट प्राप्त करने से मना कर दिया था, यही वजह है कि वारंट को पूर्व प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंचाया जा सका।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अपनी अंतिम सुनवाई में हनन को वीडियो लिंक के माध्यम से मामले की अगली सुनवाई में एक बयान दर्ज करने का निर्देश दिया।
इसी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने माना कि नवाज शरीफ का पाकिस्तान से बाहर निकलना 'व्यवस्था का मखौल' है।
शरीफ को गत वर्ष नवंबर में सिर्फ चार हफ्तों के लिए लंदन जाने के लिए एक अदालत से अनुमति मिली थी, लेकिन तब से वह पाकिस्तान वापस नहीं लौटे। उन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में सात साल जेल की सजा मिली है।
दुबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| एक भारतीय महिला जो कोविड-19 के संक्रमण के कारण मरने की कगार पर पहुंच गई थी, वह अपने बच्चे को जन्म देने के बाद ठीक हो गई है। गल्फ न्यूज ने बताया कि असफिया समरीन को मई में कोरोना संक्रमण हो गया था और उसके बाद सितंबर में उन्होंने बच्चे को जन्म दिया।
अबू धाबी हेल्थ सर्विसेज कंपनी (सेहा) ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर घोषणा की, "अपनी गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में कोविड-19 के साथ लंबी और कठिन लड़ाई के बाद असफिया समरीन को जीत की बधाई।"
डब्ल्यूएएम की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान जब उसे सबसे ज्यादा सुरक्षा की जरूरत थी, उसी समय उसे एक के बाद एक समस्या होनी शुरू हुईं और तभी उसका मेडिकल इंश्योरेंस खत्म हो रहा था। इन सारी विषम परिस्थितियों के बीच भारतीय गृहिणी का जीवित बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
महिला के पति एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, लेकिन उनके मालिक के वित्तीय संकट से गुजरने के कारण वे अपने परिवार का मेडिकल इंश्योरेंस रीन्यू नहीं करवा पाए थे।
अबू धाबी के पब्लिक हेल्थ प्रोवाइडर ने कहा कि यह समरीन की दृढ़ता, कॉर्निश अस्पताल और शेख शाखबउत मेडिकल सिटी (एसएसएमसी) की चिकित्सा टीमों की कड़ी मेहनत, समर्पण और देखभाल से ही संभव हुआ है।
समरीन ने कहा, "एक समय पर डॉक्टरों को मेरे बचने की उम्मीद नहीं थी और वे बच्चे का शीघ्र प्रसव कराने की सोच रहे थे।"
स्टॉकहोम, 7 अक्टूबर। इन दिनों नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हो रही है। आज रसायन विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ काम करने वालों के नामों की घोषणा की गई है। वर्ष 2020 के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार इमैन्युएल कारपेंटियर और जेनिफर ए डाउडना को जीनोम एडिटिंग का तरीका खोजने के लिए दिया गया है।
पिछले साल रसायन विज्ञान का इन्हें मिला था पुरस्कार
साल 2019 का रसायन विज्ञान का नोबेल प्राइज लीथियम आयन बैटरी के आविष्कार के लिए तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया था। ये तीन नाम हैं जॉन बी गुडइनफ, एम स्टैनली विटंगम और अकीरा योशिनो। 97 साल के जॉन गुडइनफ अमेरिकी प्रोफेसर हैं और इतनी उम्र में नोबेल पाने वाले पहले शख्स हैं।
11 लाख अमेरिकी डॉलर मिलती है पुरस्कार राशि
स्टॉकहोम स्थित कारोलिंस्का संस्थान में निर्णायक मंडल ने इन तीनों वैज्ञनिकों के नामों की घोषणा की। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (11 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 8,23,71,000 रुपये पुरस्कार राशि के बतौर मिलेगी।
ब्लैक होल्स क्या है, इसे समझने की दिशा में काम करने के लिए तीन वैज्ञानिकों को वर्ष 2020 के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। ये तीन वैज्ञानिक हैं- रोजर पेनरोसे, रीनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया घेज रॉजर पेनरोज ब्रिटेन के हैं। रीनहार्ड गेंजेल जर्मनी और आंद्रिया घेज अमेरिका के निवासी हैं।
ब्राह्मांड के रहस्य उजागर करने में सैद्धांतिक कार्य करने वाले जेम्स पीबल्स तथा सौरमंडल के बाहर एक ग्रह की खोज करने वाले स्विस खगोलशास्त्री माइकल मेयर और डिडियर कुलोज को पिछले साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। सोमवार को नोबेल समिति ने चिकित्सा क्षेत्र में पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की थी।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुनिया के 14 सबसे आर्थिक रूप से उन्नत देशों के अधिकतर लोगों के बीच विशेष तौर पर कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बाद से चीन के प्रति नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के एक हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। यह सर्वे टेलीफोन के जरिए 14 देशों के 14,276 वयस्कों के बीच 10 जून से 3 अगस्त 2020 तक किया गया था। जिन 14 देशों में सर्वे किया गया, इनमें अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।
दुनिया के 14 देशों में किए गए इस सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि अधिकांश लोगों का चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण है।
इसके अलावा, सर्वे किए गए नौ देशों स्पेन, जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में पिछले 12 या उससे ज्यादा सालों में नकारात्मक विचार अपने सबसे उच्च स्तर पर है।
सर्वे के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में 81 प्रतिशत लोगों का कहना है कि चीन के प्रति उनका दृष्टिकोण प्रतिकूल है। पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक लोग ऐसा विचार रखते हैं। ऑस्ट्रेलिया में चीन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। अन्य देशों में भी इसमें वृद्धि देखी गई है।
चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण रखने वाले लोगों में ब्रिटेन में 74 प्रतिशत, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत ज्यादा है, जर्मनी में 71 प्रतिशत (15 प्रतिशत अधिक) और अमेरिका में 73 प्रतिशत (13 प्रतिशत वृद्धि) लोग हैं।
विदेशों में चीन की प्रतिष्ठा के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक कोरोनावायरस रहा है। यह वायरस पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान में सामने आया था और इसके बाद पूरे विश्व में फैल गया। चीन की इस वायरस की शुरू में जानकारी नहीं देने के लिए आलोचना की गई थी। सर्वे में पाया गया कि चीन ने कोरोना वायरस को कैसे नियंत्रित किया, इस संबंध में लोगों का नकारात्मक दृष्टिकोण था। इन 14 देशों में 61 प्रतिशत ने कहा कि चीन खराब तरीके से कोरोना वायरस से निपटा था, जबकि 84 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका ने महामारी को खराब तरीके से नियंत्रित किया है।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल कई लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरूआत में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के माध्यम से हांगकांग में चीन के हस्तक्षेत्र की आलोचना की थी। सर्वे में शामिल देशों के नागरिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भरोसा नहीं करते हैं। सर्वे में 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें विश्व मामलों में सही काम करने का उन पर भरोसा नहीं है।
सर्वे में शामिल लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में भी अच्छी राय नहीं रखते हैं और 83 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे उन पर भरोसा नहीं करते। ट्रंप चीन के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं, जो कोरोना वायरस के लिए बीजिंग को दोषी ठहराते रहे हैं।
जेनेवा, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक अनुमान में दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की आशंका जताई है। डब्ल्यूएचओ के शीर्ष इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन ने सोमवार को कहा, "हमारा वर्तमान सर्वश्रेष्ठ अनुमान हमें बताता है कि वैश्विक आबादी का लगभग 10 प्रतिशत इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। यह देश पर निर्भर करता है। यह शहरी से ग्रामीण क्षेत्र में भिन्न होता है, यह समूहों में भिन्न होता है। लेकिन इसका क्मतलब यह है कि दुनिया का अधिकांश हिस्सा जोखिम में है।"
उन्होंने कहा कि दुनिया अब मुश्किल दौर में जा रही है, क्योंकि बीमारी लगातार फैल रही है।
उन्होंने विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में मामलों में वृद्धि हुई है और पूरे यूरोप में बीमारी से मौतें बढ़ी हैं और पूर्वी भूमध्य क्षेत्र चिंता का कारण है।
रायन डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को संबोधित कर रहे थे, जहां अमेरिका ने प्रकोप के बारे में सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करने को लेकर नाकाम रहने पर चीन पर कटाक्ष किया।
डब्ल्यूएचओ ने चीन को ओरिजिन की जांच के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मिशन में भाग लेने के लिए विशेषज्ञों की एक सूची चीनी अधिकारियों को विचार करने के लिए सौंपी है।
अमेरिका के सहायक स्वास्थ्य सचिव ब्रेट गिरोइर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों को नियमित रूप से और समय पर अपडेट मिले।
यूरोपीय संघ के लिए बोलते हुए जर्मनी ने कहा कि विशेषज्ञ मिशन को जल्द ही तैनात किया जाना चाहिए, ऑस्ट्रेलिया ने भी तेजी से जांच का समर्थन किया है।
वॉशिंगटन, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 3.57 करोड़ हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 1,048,700 से अधिक है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने बुधवार को इसका खुलासा किया।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपनी हालिया जानकारी में बताया है कि बुधवार तक, कुल मामलों की संख्या 35,733,340 हो गई थी, जबकि मरने वालों की तादात बढ़कर 1,048,742 हो गई।
सीएसएसई के मुताबिक, अमेरिका दुनिया में कोविड से प्रभावित देशों की सूची में अव्वल है, जहां मामलों की संख्या 7,500,964 है और 210,886 अपनी जान गंवा चुके हैं।
भारत सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां संक्रमितों का आंकड़ा 6,685,082 तक पहुंच गया है, जबकि अब तक 103,569 की मौत हो चुकी है।
सीएसएसई के आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, इसके अलावा, जिन 15 देशों में मामलों की अभी अधिकता है, उनमें ब्राजील (4,969,141), रूस (1,231,277), कोलम्बिया (869,808), पेरू (829,999), स्पेन (825,410), अर्जेंटीना (824,468), मैक्सिको (794,608), दक्षिण अफ्रीका (683,242), फ्रांस (675,736), ब्रिटेन (532,779), ईरान (479,825), चिली (473,306), इराक (387,121), बांग्लादेश (371,631), और सऊदी अरब (337,243) जैसे देश शामिल है।
मृत्यु दर के मामले में ब्राजील फिलहाल सूची में दूसरे स्थान पर है। यहां 147,494 मरीज कोरोना की चपेट में आकर अपना दम तोड़ चुके हैं।
जिन देशों में मौत का आंकड़ा 10,000 से ऊपर है, उनमें मेक्सिको (82,348), ब्रिटेन (42,535), इटली (36,030), पेरू (32,834), स्पेन (32,486), फ्रांस (32,383), ईरान (27,419), कोलंबिया (27,017), अर्जेंटीना (21,827), रूस (21,559), दक्षिण अफ्रीका (17,103), चिली (13,070), इक्वाडोर (11,702), इंडोनेशिया (11,374) और बेल्जियम (10,092) शामिल हैं।
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में भारतीय-अफ्रीकी मूल की डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ बहस के लिए तैयार हैं।
हैरिस और पेंस का आमना-सामना रात 9 बजे ईएसटी (भारतीय समयानुसार गुरुवार सुबह 6.30 बजे) होगा। यूटा में इन दोनों की बहस होगी।
ट्रंप और जो बाइडन के बीच राष्ट्रपति पद को लेकर हुई बहस के बाद सबकी नजरें अब उपराष्ट्रपति पद के इन दोनों उम्मीदवार हैरिस और पेंस के बीच होने वाली बहस पर हैं।
डिबेट के मंच पर हैरिस की उपस्थिति अपने आप में ऐतिहासिक होगी और बुधवार रात को वह अपनी छाप छोड़ने की पूरी कोशिश करेंगी।
वह डेमोक्रेटिक प्राइमरी डिबेट में प्रभावित कर चुकी हैं।
डिबेट से पहले किए गए ट्वीट में हैरिस ने कहा कि वह "अपनी मां श्यामला जैसे लोगों के लिए वोट कर रही हैं, जिन्होंने मेरी बहन और मुझे सिखाया कि 'अगर आपके सामने समस्या है तो आपको इस बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए, बल्कि इससे निपटने के लिए कुछ करना चाहिए।' उनकी वजह से मैं जानती हूं कि अगर हम प्रयास करें तो बदलाव संभव है।"
हैरिस की मां श्यामला गोपालन केवल 19 वर्ष की थी जब वह बर्कली पहुंची थी। यहीं पर उनकी मुलाकात जमैका के अर्थशास्त्र में स्नातक एक छात्र डोनाल्ड हैरिस से हुई। उन्होंने शादी की और उनके दो बच्चे हुए--कमला और माया। हैरिस सार्वजनिक मंचों पर 'मदर इंडिया' थीम को भुनाने में कभी विफल नहीं रही हैं।
कोरोना के मद्देनजर बहस के दौरान पेंस और हैरिस 13 फीट की दूरी पह रहेंगे। अमेरिका में कोरोनावायरस के कराण 210,000 लोग जान गंवा चुके हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित 74 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं।
आरती टिक्कू सिंह
इस्लामाबाद / नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान अधिकृत जम्मू एवं कश्मीर के प्रधानमंत्री फारूक हैदर खान पर लाहौर में अपनी पार्टी के नेता नवाज शरीफ के हालिया ऑनलाइन भाषण को सुनकर पाकिस्तान के खिलाफ 'साजिश' रचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। वीडियो में पाक सेना की आलोचना की गई थी।
इस्लामाबाद के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ, फारूक हैदर खान और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ सोमवार को लाहौर के शाहदरा पुलिस स्टेशन में पाकिस्तान और सेना के खिलाफ 'साजिश' करने का मामला दर्ज किया गया।
यह प्राथमिकी साइबर अपराध से संबंधित पाकिस्तान दंड संहिता, पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश, पाकिस्तान के निर्माण की निंदा, अपनी संप्रभुता के उन्मूलन की वकालत, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और पदोन्नति के तहत दर्ज की गई।
पिछले सप्ताह पीएमएल-एन की केंद्रीय कार्यकारी समिति और केंद्रीय कार्यसमिति की बैठकों में भाग लेने को लेकर मरियम नवाज, राणा सनाउल्ला, अहसान इकबाल, शाहिद खाकान अब्बासी, परवेज राशिद, मर्रियम औरंगजेब, अताउल्लाह तरार सहित अन्य पर भी मामला दर्ज किया गया है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि "लंदन में चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के बजाय, नवाज भड़काऊ भाषण देकर देश और उसके संस्थानों को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश कर रहे हैं।"
समाचार पत्र के अनुसार, यह आरोप लगाया गया है कि 20 सितंबर और 1 अक्टूबर को दिए गए भाषणों में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पड़ोसी देश भारत की नीतियों का समर्थन किया, ताकि पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की 'ग्रे सूची' में बना रहे।
एफआईआर में कहा गया है कि नवाज के भाषणों का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने 'पाकिस्तान को अलग-थलग करना और इसे एक दुष्ट देश घोषित करना है।'
प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले सप्ताह नवाज शरीफ पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा था कि नवाज 'खतरनाक खेल' खेल रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत पीएमएल-एन नेता की मदद कर रहा है।
गौरतलब है कि नवाज शरीफ ने लंदन से 20 सितंबर को इस्लामाबाद में आयोजित एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय वर्चुअल सम्मेलन में बात करते हुए सेना पर हमला किया था, साथ ही सेना को इमरान खान की अक्षम सरकार स्थापित करने, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और विदेशी संबंधों को खत्म करने, मीडिया को बंद करने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा था कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल देश के संविधान और संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के नजरिए के अनुसार सरकारी व्यवस्था से दूर रहे, और लोगों की पसंद में हस्तक्षेप न करे।
शरीफ ने कहा था, "हमने इस देश को अपनी नजर में और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मजाक बना दिया है।"
पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जेल जा चुके पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ पिछले साल नवंबर से चिकित्सा उपचार के लिए ब्रिटेन में हैं।
सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों ने भाग लिया था, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान शामिल थे।
अरूल लुईस
न्यूयॉर्क, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोविड-19 से जूझ रहे डोनॉल्ड ट्रंप की चुनावी रैली को पटरी पर लाए जाने का प्रयास पिछले कुछ दिनों से जारी है क्योंकि वह धीरे-धीरे इस महामारी से उबरने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अब उनके वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जिसके चलते उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है।
पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा कि इधर, हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए तटरक्षक बल के कमांडेंट चार्ल्स रे के संपर्क में आने के बाद मंगलवार को संयुक्त प्रमुख चेयरमैन जनरल मार्क मिले और कुछ सेवा प्रमुखों ने भी अपने आप को क्वारंटाइन कर लिया है।
अब इस हालिया स्थिति से ट्रंप सीधे तौर पर तो प्रभावित नहीं हो रहे हैं, लेकिन पेंटागन के शीर्ष स्तर के प्रमुखों का इस तरह से क्वारंटाइन में रहना राजधानी में अव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।
मिलर व्हाइट हाउस के उन करीब 20 लोगों में से एक हैं, जो कोविड से संक्रमित होने के चलते फिलहाल कुछ सुस्त चल रहे हैं और इधर कई और अधिकारियों ने भी सावधानी के तौर पर खुद को क्वारंटाइन कर लिया है।
डेमोक्रेट पार्टी की सदस्य व स्पीकर नैन्सी पलोसी ने कहा, "स्पष्ट रूप से व्हाइट हाउस इस वक्त पूरी तरह से अव्यवस्थित है।"
पोलिटिको ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि सोमवार को सैन्य अस्पताल से लौटे ट्रंप ने मंगलवार खुद को अपने कुछ कर्मियों के साथ अपने दो मंजिला आवास में सील कर लिया है। इस दौरान कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की निगरानी में वह व्यक्तिगत तौर पर ही कुछ खास लोगों से ही मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज और राष्ट्रपति के सहायक डैन स्काविनो शामिल हैं।
प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रंप की हिस्सेदारी का प्रसारण 15 अक्टूबर को किया जाना है और इधर बुधवार को सबकी निगाहें उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर होगी क्योंकि वह उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से पद के लिए उम्मीदवार कमला हैरिस का सामना करेंगे।
ट्रंप के संपर्क में आने के बाद भी पेंस कोविड की जांच में नेगेटिव पाए गए थे। रही बात डिबेट की तो, इसमें सावधानी का खूब बेहतर तरीके से ध्यान रखा जाएगा।
ट्रंप-पेंस की चुनावी योजनाओं को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है, क्योंकि ट्रंप खुद अभी यात्रा करने में असमर्थ हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि अगर ट्रंप पर कोविड का प्रभाव अभी भी है, तो डिबेट को स्थगित कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई सारे लोग अभी संक्रमित हैं और यह एक गंभीर समस्या है।
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य के एक शहर ने अहिंसा और शांति को बढ़ावा देने में महात्मा गांधी की वैश्विक भूमिका के लिए उनकी प्रतिमा स्थापित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
हालांकि, महात्मा गांधी की कुछ मूर्तियां अमेरिका में कट्टरपंथी समूहों द्वारा कुछ स्थानों पर हमले की भेंट चढ़ गए हैं।
एमहस्र्ट में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सामुदायिक पहल के माध्यम से प्रतिमा स्थापित की गई।
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल, स्टेट असेंबली की सदस्य कैरन मिकमॉहन, काउंटी प्रमुख मार्क पोलोनार्ज और ब्रायन कलपा, जो शहर के मेयर के समकक्ष हैं, ने संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया।
काउंसिल ऑफ हेरिटेज एंड आर्ट्स ऑफ इंडिया (सीएचएआई) ने राम सुतर द्वारा गढ़ी गई मूर्ति को स्थापित कराने के लिए पहल की जो जानेमाने मूर्तिकार हैं।
संगठन ने मूर्ति के लिए 40,000 डॉलर जुटाए, कुछ धन संग्रह डिजिटल फंडरेजर साइट 'गोफंडमी' से हुआ।
सीएचएआई के कार्यकारी निदेशक सिबू नायर ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने प्रतिमा को एमहस्र्ट में लाने का फैसला किया क्योंकि गांधी की एक विचारधारा ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब अमेरिका और दुनिया को नफरत और हिंसा से विभाजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "मैंने गांधी स्मारक बनाकर अपने शहर में एक छोटा कदम उठाने के बारे में सोचा क्योंकि गांधी सिर्फ एक व्यक्ति का नाम नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा या जीवन जीने का तरीका है, जो कभी नहीं मरता। वर्तमान दुनिया में उनका संदेश बहुत महत्वपूर्ण है। दुनिया नफरत और हिंसा से भरी पड़ी है।"
जून में कुछ व्यक्तिगत घृणा संदेशों के साथ गांधी की मूर्तियों को वाशिंगटन में नुकसान पहुंचाया गया था।
कैलिफोर्निया के डेवीस में गांधी की एक और मूर्ति को तोड़ दिया गया था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रवक्ता केलीग मैकनानी ने गांधी और अमेरिकी नेता जॉर्ज वाशिंगटन की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की निंदा की थी।