अंतरराष्ट्रीय
लंदन, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल देश की चरमराई शरण प्रणाली में सुधार लाने, कायापलट करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
वह एक कंजर्वेटिव पार्टी कॉन्फ्रेंस में बताएंगी कि यह प्रणाली मूल रूप से चरमराई हुई है और उनके द्वारा एक दृढ़ और न्यायोचित शरण प्रणाली का वादा करने की उम्मीद है।
पटेल कहेंगी कि प्रणाली में बदलाव में उन लोगों के निर्वासन में तेजी लाना शामिल है, जिनके पास सुरक्षा का कोई दावा नहीं है।
गृह सचिव ने कहा कि वह अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए आगे कानून लाएंगी। उन्होंने कहा कि 'दशकों में हमारी शरण प्रणाली का सबसे बड़ा कायापलट' होगा।
उन्होंने कहा, "दशकों तक सरकारों की निष्क्रियता के बाद, हम इस चरमराई प्रणाली के साथ नैतिक, कानूनी, व्यावहारिक समस्याओं से निपटेंगे, क्योंकि अब जो मौजूद है वह न तो दृढ़ है और न ही न्यायोचित है।"
प्रीति पटेल एक नई शरण प्रणाली शुरू करने का संकल्प लेंगी जो 'सुरक्षित और कानूनी रास्तों' के जरिए लोगों का स्वागत करेगी और अवैध रूप से आने वालों को रोकेगी।
बीबीसी के मुताबिक, प्रीति ने अधिकारियों को शरण संबंधी नीतियों को देखने के लिए कहा जो अन्य देशों में सफल रही हैं।
मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने कहा कि यह विचार अमानवीय, पूरी तरह से अव्यावहारिक है।
शरण प्रणाली में सुधार लाने का वादा सितंबर में प्रवासियों का रिकॉर्ड संख्या में इंग्लिश चैनल के जरिए ब्रिटेन पहुंचने के मद्देनजर आया है, जिसे गृह सचिव ने रोकने का संकल्प लिया है।
--आईएएनएस
लंदन, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन को ब्रिटेन में तीन महीने में उतारा जा सकता है। फिलहाल यह ट्रायल के वैक्सीन एडवांस स्टेज में है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
द टाइम्स के अनुसार, कोरोनोवायरस वैक्सीन को तीन महीने में उतारा जा सकता है, जिससे देश में हर वयस्क को ईस्टर की शुरुआत में यह वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना बढ़ जाती है।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम करने वाले वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत से पहले इसे नियामकों द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है। कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है कि प्रत्येक वयस्क को छह महीने के भीतर वैक्सीन का डोज मिल सकता है।
टीकों को बनाने और वितरित करने में शामिल सरकारी सूत्रों ने द टाइम्स को बताया कि उन्हें एक पूर्ण कार्यक्रम की उम्मीद थी, जो बच्चों को बाहर रखेगा, अनुमोदन के बाद छह महीने या उससे कम समय ले सकता है, और संभवत: काफी तेज होगा।
इस बीच, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने गुरुवार को कहा कि उसने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के संभावित कोविड-19 वैक्सीन के डेटा की समीक्षा शुरू कर दी है, इस तरह के कदमों का उद्देश्य वैक्सीन के लिए क्षेत्र में किसी भी अनुमोदन प्रक्रिया को तेज करना है। ।
रिपोर्टों के अनुसार, एजेंसी ने ब्रिटिश वैक्सीन की संभावना बढ़ा दी है, जिसे कोविड-19 के खिलाफ एक सफल वैक्सीन की दौड़ में अग्रणी माना जा रहा है।
वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्युटिकल फर्म एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया गया है।
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तेल अवीव, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश में लागू कोविड-19 लॉकडाउन प्रतिबंधों के विरोध में हजारों इजरायलियों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। मीडिया ने बताया कि प्रदर्शनकारी देश भर में सड़कों पर उतरे प्रतिबंधों के खिलाफ अपना विरोध जताया। द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते पारित किए गए नए उपायों के तहत देश के निवासियों को विरोध करने के लिए अपने घरों से एक किलोमीटर से अधिक की यात्रा करने से रोक दिया गया है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रदर्शनकारियों को 20-20 लोगों के समूहों की ही इजाजत दी गई है।
शनिवार को पूरे देश में रैलिया हुईं और इनमें से कुछ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ।
पुलिस ने एक बयान में कहा, "सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के लिए तेल अवीव में कम से कम 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।"
रविवार सुबह तक इनमें से 37 को छोड़ दिया गया। वहीं यरुशलम में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
शनिवार को इस बड़े प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूहों में से एक 'ब्लैक फ्लैग्स' ने कहा कि पूरे देश में 1 लाख से अधिक लोगों ने विरोध में भाग लिया। हालांकि दावे का आधिकारिक सत्यापन नहीं किया गया है।
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट में कहा कि पूरे देश से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं।
रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर हमले 'अस्वीकार्य' हैं। उन्होंने अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस से अपील की।
इस्लामाबाद, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) टेलीविजन चैनलों पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। याचिका को एक नागरिक आमिर अजीज ने दायर किया है, जिसने शरीफ भाइयों, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) के अध्यक्ष और अन्य को प्रतिवादी बनाया है।
याचिका में, अजीज ने कहा कि अपने पूर्व भाषणों के दौरान सजायाफ्ता पूर्व प्रधानमंत्री ने, विशेष रूप से 20 सितंबर को सभी दलों के सम्मेलन के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से दिए भाषण में देश के संस्थानों को बदनाम कर दिया है और 'दोषी के भाषण को मीडिया में प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।'
याचिकाकर्ता ने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो भी एक सजायाफ्ता अपराधी है और वह मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं।
अजीज ने अदालत से पेमरा को निर्दश देने का अनुरोध किया कि शरीफ का अगला भाषण किसी भी टीवी चैनल पर प्रसारित नहीं होना चाहिए।
22 सितंबर को पेमरा ने फरार या घोषित अपराधियों के किसी भी भाषण, साक्षात्कार या सार्वजनिक भाषण के प्रसारण और विद्रोह पर प्रतिबंध लगा दिया था।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पूर्व प्रधानमंत्री, जो इलाज के लिए जमानत पाने के बाद पिछले साल के अंत में लंदन के लिए रवाना हुए थे, पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ की अगुवाई वाली सरकार के साथ-साथ न्यायपालिका, सेना सहित देश के कई संस्थानों को निशाना बना रहे हैं।
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता व्यक्त की जा रही है, क्योंकि उनके डॉक्टर ने कहा कि कोरोना से संक्रमित 74 वर्षीय राष्ट्रपति अभी खतरे से बाहर नहीं हैं, जबकि ट्रंप ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि अगले कुछ दिन उनके लिए असली परीक्षा होंगे।
ट्रंप की प्रवक्ता केलीग मैकनानी के माध्यम से जारी एक बयान में राष्ट्रपति के डॉक्टर शॉन कॉनले ने शनिवार रात कहा, "फिलहाल उनके खतरे से बाहर नहीं होने के बीच मेडिकल टीम सतर्कता के साथ आशावादी बनी हुई है।"
राष्ट्रपति ने भी एक वीडियो संदेश में कहा, "मुझे लगता है कि कुछ दिनों की अवधि में यह असली परीक्षा होगी, तो हम यह देखेंगे कि अगले कुछ दिनों में क्या होता है।"
वीडियो वाल्टर रीड नेशनल मेडिकल सेंटर में बनाया गया था जहां उनका कोविड-19 का इलाज चल रहा है।
शनिवार सुबह अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा एक ब्रीफिंग के बाद, ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने पत्रकारों को बताया, "हम अभी भी उनके पूरी तरह से ठीक होने को लेकर स्पष्ट रास्ते पर नहीं हैं। पिछले 24 घंटे राष्ट्रपति की सेहत के मद्देनजर चिंताजनक थे और अगले 48 घंटे उनकी देखभाल के लिहाज से बहुत अहम व गंभीर होंगे।"
3 नवंबर के चुनाव में अब बस तीस दिन शेष हैं और ट्रंप, जिन्होंने विवादास्पद रूप से बिना मास्क पहने रैलियों को संबोधित किया था, उन्हें अब अभियान के लिए नई रणनीति के साथ आना होगा।
उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन जिन्होंने पिछले महीने तक अपने घर से ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रचार किया था, वह व्यक्तिगत रूप से प्रचार कर सकते हैं, जैसा कि शुक्रवार को उन्होंने मिशिगन में किया।
कोरोना संक्रमित ट्रंप को शुक्रवार शाम वाशिंगटन में वाल्टर रीड नेशनल मिल्रिटी मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया, जबकि उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप व्हाइट हाउस में ही रह रही हैं।
अम्मान, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री उमर रज्जाज मंत्रिमंडल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है, लेकिन उन्हें किसी उत्तराधिकारी के आने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम जारी रखने के लिए कहा गया है। 10 नवंबर को आम चुनाव होंगे। रॉयल कोर्ट ने एक बयान में यह जानकारी दी।
जॉर्डन टाइम्स के मुताबिक, रज्जाज के इस्तीफे का जवाब देते हुए, शनिवार को एक पत्र में किंग ने निवर्तमान प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट टीम को 'अपने कर्तव्यों का पालन करने और अपने कार्यकाल में अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी में असाधारण परिस्थितियों के दौरान' दायित्वों के निर्वहन के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने पत्र में कहा कि योजनाओं और कार्यक्रमों को स्थापित करने और प्राथमिकताओं को लागू करने में कैबिनेट के प्रयासों के बावजूद, गलतियों से सीखना महत्वपूर्ण है जो कोविड-19 की प्रतिक्रिया के पहलुओं को चिह्न्ति करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "जैसा कि मैं आपके इस्तीफे को स्वीकार करता हूं, मैं आपको और मंत्रिमंडल को कार्यवाहक सरकार के रूप में काम जारी रखने की जिम्मेदारी सौंपता हूं, जब तक कि एक नए प्रधानमंत्री का चयन नहीं हो जाता और एक नया मंत्रिमंडल नहीं बन जाता और मैं इस अवधि के दौरान लगन से काम करने के महत्व पर जोर देता हूं, क्योंकि कोविड-19 से निपटने के लिए बिना किसी देरी के चल रहे उपायों के साथ, केंद्रित और लगातार कार्रवाई की आवश्यकता है।"
अपने त्याग पत्र में, रज्जाज ने 2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से अपने मंत्रिमंडल की उपलब्धियों को रेखांकित किया।
नवंबर के चुनाव से पहले देश की संसद भंग होने के लगभग एक सप्ताह बाद प्रधानमंत्री का यह इस्तीफा सामने आया है।
कोरोना का फैलाव शुरू हुए कुछ ही महीने हुए थे कि न्यूज़ीवीक ने रिपोर्ट दी थी कि अमरीकी सेना उन संभावित घटनाओं के लिए अत्यंत गोपनीय कार्यक्रम तैयार कर रही है जिनके चलते सरकार गिर सकती है।
न्यूज़वीक मैगज़ीन ने मार्च में प्रकाशित होने वाली अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वाॅशिंग्टन में यह चिंता पाई जाती है कि कोरोना वायरस के फैलाव के चलते सरकार, या कांग्रेस या उच्चतम न्यायालय का एक बड़ा भाग निष्क्रिय हो जाए। इसी आधार पर अमरीकी सेना ने एक अत्यंत गोपनीय कार्यक्रम तैयार किया था ताकि राष्ट्रपति के कोविड-19 में ग्रस्त होने समेत विभिन्न संभावनाओं की स्थिति में सरकार जारी रह सके। इस पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम में वाॅशिंग्टन को ख़ाली कराने और देश का संचालन दूरस्थ क्षेत्रों में निचले स्तर के अधिकारियों को सौंपने जैसी बातें शामिल हैं।
न्यूज़वीक ने लिखा है कि अमरीकी सेना के इस कार्यक्रम का उद्देश्य वाॅशिंग्टन की रक्षा और डोनल्ड ट्रम्प की सरकार गिरने की स्थिति में एक प्रकार की सैन्य सरकार स्थापित करना है। अमरीकी सेना ने जिन कार्यक्रमों की समीक्षा की थी कोडवर्ड में उनके नाम "फ़्रीजैक", "ऑक्टागन" और "ज़ोडियाक" थे और इनका लक्ष्य सरकार जारी रखने को सुनिश्चित बनाने के लिए एक प्रकार के भूमिगत क़ानून बनाना था। न्यूज़वीक के अनुसार संभावित रूप से इन कार्यक्रमों में सरकार का संचालन जारी रखने के लिए संविधान की भी अनदेखी की जा सकती है और पूरे अमरीका का संचालन सैन्य कमांडोज़ को सौंपा जा सकता है।(parstoday)
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि उनकी हालत बहुत अच्छी है। ट्रम्प के ट्वीटर हैंडल से जारी होने वाले वीडियो में उन्होंने कहा कि मैं व्यापक समर्थन पर सबका आभार जताना चाहता हूं मैं वाल्टर रीड अस्पताल जा रहा हूं। फ़र्स्ट लेडी भी काफ़ी अच्छी हालत में हैं।
अब सवाल यह है कि अगर अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव के किसी उम्मीदवार का निधन हो जाता है या वह गंभीर रूप से बीमार होकर काम करने में असमर्थ हो जाता है तो उस स्थिति में क्या होगा।
इस प्रकार की स्थिति के लिए अमरीकी क़ानून और पार्टियों के संविधान ने कुछ उपाय सुझाए हैं।
क्या चुनाव टल सकते हैं?
संभव तो है लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है। अमरीकी संविधान के अनुसार कांग्रेस को चुनाव का समय तय करने का अधिकार है। क़ानून कहता है कि हर चार साल बाद नवम्बर के पहले मंगलवार को चुनाव होंगे इस शर्त पर कि मंगलवार पहली नवंबर को न पड़ रहा हो। अमरीका में आज तक चुनाव कभी टले नहीं हैं। सेनेट में रिपब्लिकन्स और प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट्स के पास बहुमत है।
चुनाव से पहले उम्मीदवार की मौत हो जाए तो क्या होगा?
दोनों पार्टियों के उसूल कहते हैं कि इस स्थिति में पार्टी के सदस्य तत्काल दूसरे उम्मीदवार का चयन करें मगर चुनाव से पहले दूसरे उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया के लिए जो ज़रूरी समय चाहिए वह ख़त्म हो चुका है। इस समय अमरीका में समय से पहले वोटिंग शुरू हो चुकी है और 22 लाख से अधिक वोटर अपना वोट डाल चुके हैं। बहुत से राज्यों में वोटों में किसी भी प्रकार के बदलाव की समय सीमा भी गुज़र चुकी है और 24 राज्यों में वोट वोटरों को भेजे जा चुके हैं।
इसका मतलब यह है कि वोटरों के पास अब यही रास्ता है कि वह ट्रम्प या बाइडन में किसी एक का चयन करें चाहे दोनों में से किसी एक उम्मीदवार की मौत ही क्यों न हो जाए। मगर सवाल अब भी ख़त्म नहीं होते।
अगर वोटरों ने जिसको चुन लिया है इलेक्टोरल कालेज की वोटिंग से पहले उसकी मौत हो जाती है तब क्या होगा? अमरीका में यह भी ज़रूरी होता है कि उम्मीदवार को इलेक्टोरल कालेज की वोटिंग में भी बहुमत मिले। केवल कोलम्बिया राज्य में एसा है कि वहां वोटरों की संख्या और इलेक्टोरल कालेज के वोटों की संख्या का अनुपात बिल्कुल ठीक है।
14 दिसम्बर को इलेक्टोरल कालेज की वोटिंग होगी और कुल 538 वोटों में से 270 वोट पाने वाले को विजयी माना जाएगा। वैसे तो आम तौर पर यह होता है कि हर राज्य का इलेक्टोरल कालेज उसी उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग करता है जिसे इस राज्य के अधिकतर वोटरों ने वोट दिया है मगर कुछ राज्यों में इलेक्टोरल कालेज को अधिकार दिया गया है कि वह राज्य में आम मतदाताओं की वोटिंग से हटकर भी अपनी इच्छा के अनुसार मतदान कर सकते हैं।
जार्ज वाशिंग्टन युनिवर्सिटी में राजनैतिक शास्त्र की विशेषज्ञ लारा ब्राउन का कहना है कि किसी उम्मीदवार की मौत हो जाने की स्थिति में उसकी पार्टी अदालत में जा सकती है और वैकल्पिक उम्मीदवार के लिए वोटिंग की बात कर सकती है मगर इस स्थिति में यह देखना होगा कि अदालत का क्या फ़ैसला होता है?
क़ानून विद जस्टिन लेविथ का कहना है कि यदि वह उम्मीदवार जीतता है जो जीवित है और मौत उसकी हुई है जिसे कम वोट मिले हैं तब तो इस स्थिति में दूसरी पार्टी मतदाताओं के फ़ैसले को चुनौती देने का रास्ता शायद न अपनाए लेकिन अगर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार की मौत हो जाती है तो क्या होगा?
इलेक्टोरल कालेज की वोटिंग के बाद कांग्रेस की बैठक होती है। अब नहीं पता है कि किसी उम्मीदवार की मौत हो जाने की स्थिति में कांग्रेस का क्या निर्णय होगा?
इसका मतलब यह है कि इस प्रकार की स्थिति के लिए संवैधानिक रूप से काफ़ी उलझाव है।(parstoday)
लंदन, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की तरफ से एक विशेष चार्टर्ड विमान ने एक अकेले प्रवासी को लेकर देश के बाहर अपनी उड़ान भरी, क्योंकि उड़ान भरने के कुछ समय पहले कानूनी चुनौतियों के चलते 29 अन्य का सफर पर रोक दिया गया।
शुक्रवार को यहां के एक हवाई अड्डे से फ्रांस के लिए इस चार्टर्ड प्लेन ने अपनी उड़ान भरी, जिसमें लगभग एक लाख पाउंड खर्च आने की बात कही जा रही है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वापस लौटने वाले दर्जनों शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अपील के अंतिम संभावित क्षण तक इंतजार करते रहे, जिसके चलते इनके सफर में रूकावट आई।
18 मामलों में, वकीलों ने मानवाधिकार कानूनों के तहत दावे दर्ज किए, जबकि छह अन्य मामलों में आधुनिक दासता के आरोप शामिल थे।
इन यात्रियों में से पांच के निष्कासन को पहले ही स्थगित किया जा चुका था, जिसके चलते हवाई यात्रा के सफर से ये पहले ही वंचित हो चुके थे। जिस अकेले यात्री ने उड़ान भरी वह सूडान का रहने वाला है।
डबलिन 3 के विनियमों के अनुसार, यूरोपीय संघ के किसी अन्य देश में इससे पहले अपने शरणार्थी की स्थिति का दावा कर शरण चाहने वालों को वहां भेजा जा सकता है, हालांकि वर्तमान कानून वकीलों को अंतिम समय पर प्रक्रिया के किसी भी चरण में चुनौतियां प्रस्तुत करने की अनुमति देता है।
उड़ान के रद्द होने की वजह से बजट होटलों में रहने वाले प्रवासियों की संख्या अब बढ़कर 9,500 हो गई है।
सितंबर की शुरूआत में ही 51 स्थानीय प्राधिकरणों की 91वीं संपत्तियों में इसका प्रसार 8,000 तक हो गया था। इन्हें भोजन, कपड़े और प्रसाधन सामग्री के लिए 37.75 पाउंड मिलते हैं।
-रिएलिटी चैक टीम
अमरीका का राष्ट्रपति चुनाव अब सिर्फ़ कुछ ही सप्ताह दूर है और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार, मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं.
ऐसे में यह सवाल उठ खड़े हुए हैं कि आगे क्या होने वाला है? राष्ट्रपति चुनाव पर इसका किस तरह असर पड़ेगा?
संक्रमण के कारण डोनाल्ड ट्रंप किन चुनावी सभाओं में शामिल नहीं हो पायेंगे?
ट्रंप की एक युवा सहयोगी होप हिक्स के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद, एक अक्तूबर को राष्ट्रपति ट्रंप का कोविड सैंपल लिया गया था.
इस जाँच में उन्हें कोरोना से संक्रमित पाया गया जिसके बाद उन्हें कम से कम दस दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा. शनिवार सुबह ख़बर आयी कि उन्हें एहतियात के तौर पर अस्पताल ले जाया गया है जहाँ वे डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे.
ट्रंप के तय कार्यक्रम की क्या चीज़ें छूट जायेंगी?
अगर राष्ट्रपति ट्रंप को दस दिन के लिए ही क्वारंटीन में रहना पड़ता है, तो वे अगली प्रेसिडेंशियल डिबेट यानी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण की बहस में हिस्सा ले पायेंगे जो 15 अक्तूबर को होनी है.
शुक्रवार शाम को अमरीका के फ़्लोरिडा शहर में रिपब्लिकन पार्टी की एक चुनावी सभा होने वाली थी, जिसे डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद रद्द करना पड़ा.
व्हाइट हाउस ने सूचना दी कि 'राष्ट्रपति ट्रंप उस समय कोविड सपोर्ट सेंटर के लोगों से फ़ोन पर बात कर रहे थे और यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि उम्रदराज़ लोगों को विशेष रूप से किस तरह की सावधानियाँ रखने की ज़रूरत होती है.'
राष्ट्रपति ट्रंप का चुनावी अभियान संभालने वाली टीम ने बताया है कि 'फ़िलहाल अगले दस दिनों की चुनावी सभाओं को या तो रद्द कर दिया गया है, या फ़िर अगली तारीख़ों के लिए तय कर लिया गया है.'
किन परिस्थितियों में चुनाव टल सकता है?
यह साफ़ है कि राष्ट्रपति ट्रंप के क्वारंटीन में जाने का सीधा असर उनके चुनावी अभियान पर पड़ेगा. इससे उनकी क्षमता कम होगी. इसलिए यह सवाल भी उठा है कि क्या चुनाव को टाला जा सकता है? और ये कैसे हो सकता है?
अमरीकी क़ानून के तहत, राष्ट्रपति पद का चुनाव हर चार साल में, नवंबर महीने के पहले सोमवार के बाद आने वाले मंगलवार को होता है. इस लिहाज़ से 2020 का चुनाव 3 नवंबर को होना है.
अगर चुनाव की तारीख़ में कोई बदलाव होता है, तो यह निर्णय अमरीकी सांसद करेंगे, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं.
चुनाव की तारीख़ में किसी भी बदलाव के पक्ष में संसद के दोनों सदनों में स्पष्ट बहुमत होना ज़रूरी है. यानी संसद के दोनों सदनों का इसके लिए राज़ी होना आवश्यक होगा, जिसकी संभावना काफ़ी कम लगती है क्योंकि अमरीकी संसद के निचले सदन 'हाउस ऑफ़ रीप्रज़ेन्टेटिव्स' में डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में है और उन्होंने पहले ही कहा था कि वो चुनाव में किसी भी तरह की देरी के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे.
अमरीकी संविधान के नियमानुसार, भले ही चुनाव की तारीख़ बदल दी जाये, मगर अमरीकी राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल ही रहेगा, यानी 20 जनवरी 2021 को राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल स्वतः समाप्त हो जायेगा.
इस तिथि को बदलने के लिए भी संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी. इसे दो-तिहाई अमरीकी सांसदों या राज्य-स्तरीय विधायिकाओं द्वारा अनुमोदित कराना होगा, जिसकी फिर से संभावना कम लगती है.
अगर ट्रंप ज़्यादा बीमार हो गए, तो क्या होगा?
अभी तक तो राष्ट्रपति ट्रंप में कोरोना संक्रमण के 'हल्के लक्षण' बताये जाते हैं, मगर स्थिति बदली और वे ज़्यादा बीमार हो गये जिसके कारण वे अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए मौजूद नहीं रहे, तो उस स्थिति के लिए भी अमरीकी संविधान में व्यवस्था है.
अमरीकी संविधान का 25वां संशोधन अमरीका के राष्ट्रपति को उप-राष्ट्रपति के हाथ में सत्ता की कमान सौंपने की अनुमति देता है.
इसका अर्थ है कि ट्रंप के ज़्यादा बीमार होने पर उप-राष्ट्रपति माइक पेंस अमरीका के कार्यवाहक राष्ट्रपति बनेंगे और तंदरुस्त होने पर डोनाल्ड ट्रंप अपने पद पर दोबारा लौट सकेंगे. पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश के प्रशासन के दौरान यह देखने को मिला भी था.
अगर राष्ट्रपति तुरंत इतने बीमार हो जायें कि वे सत्ता सौंपने की स्थिति में ना रहें, तो कैबिनेट और उप-राष्ट्रपति मिलकर उन्हें असमर्थ घोषित कर सकते हैं. उस स्थिति में भी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ही राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे.
लेकिन ऐसा ही कुछ अगर माइक पेंस के साथ भी होता है, तो 'राष्ट्रपति पद के उत्तराधिकार अधिनियम' के तहत संसद के निचले सदन की अध्यक्षा - नैन्सी पेलोसी जो एक डेमोक्रैट नेता हैं, कतार में अगले नंबर पर होंगी.
हालांकि, अमरीकी संविधान की समझ रखने वाले यह मानते हैं कि इस तरह का सत्ता हस्तांतरण बहुत सारे क़ानूनी झगड़ों को न्योता देगा जिसके नतीजे की यूँ कल्पना करना मुश्किल है.
अगर ट्रंप चुनाव में खड़े नहीं हो पाये, तो बैलेट पर किसका नाम होगा?
कारण चाहे कोई भी हो, अगर किसी पार्टी ने किसी उम्मीदवार को राष्ट्रपति पद के लिए चुना हो और वो चुनाव के समय असमर्थ हो जाये, तो क्या किया जाये? इसे लेकर स्पष्ट प्रक्रिया मौजूद है.
उस स्थिति में पहले तो उप-राष्ट्रपति माइक पेंस राष्ट्रपति के कर्तव्यों को स्वीकार करेंगे, लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि वे रिपब्लिकन पार्टी के चुनावी उम्मीदवार बन जायें - क्योंकि पार्टी ने आधिकारिक तौर पर पहले ही डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामित कर रखा है.
पार्टी के नियमों के तहत, रिपब्लिक नेशनल कमेटी (आरएनसी) के 168 सदस्य नये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करेंगे जिसमें माइक पेंस संभावित उम्मीदवारों में से एक होंगे. कमेटी द्वारा अगर माइक पेंस को ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना जाता है तो चुनाव के लिए उनके एक साथी को भी चुना जाएगा.
पर ग़ौर करने वाली बात यह है कि डैमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी, दोनों ने ही एक बार चुने जाने के बाद अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को कभी नहीं बदला.
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि 'अभी भी चुनाव के लिए समय है और उम्मीद करनी चाहिए कि इन वैकल्पिक रास्तों को अपनाने की नौबत नहीं आयेगी.' कुछ अमरीकी विश्लेषकों का नज़रिया है कि 'राष्ट्रपति ट्रंप का नाम बैलेट पर रहेगा, चाहे जो हो जाये.' (bbc)
इस्लामाबाद, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने पिछले महीने यहां के पंजाब प्रांत में हुए एक बर्बर सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बारे में दिखाए जाने को लेकर यहां के सभी टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस के अनुरोध पर एक ट्रायल कोर्ट द्वारा यह आदेश पारित किया गया है। शुक्रवार को पेमरा के जनरल मैनेजर (ऑपरेशंस-ब्रॉडकास्ट मीडिया) मुहम्मद ताहिर द्वारा जारी एक निर्देश के हवाले से डॉन न्यूज ने बताया, सभी उपग्रह टीवी चैनल (समाचार और करंट अफेयर्स) को यह निर्देश दिया जाता है कि वे सियालकोट मोटरवे की घटना के बारे में आतंकवाद-रोधी न्यायालय, लाहौर के आदेशों का पालन करें और आने वाले समय में तत्काल मामले के संबंध में किसी भी सामग्री को प्रसारित किए जाने से बचें।
जांच अधिकारी (आईओ) जुल्फिकार चीमा ने एटीसी के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें घटना के मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा कि यह घटना एक जघन्य अपराध है और मीडिया मामले को बड़ी ही लापरवाही के साथ दिखा रही है।
चीमा ने अदालत को आगे बताया कि घटना के मीडिया कवरेज से प्रमुख संदिग्ध की गिरफ्तारी में बाधा पैदा हो रही है।
अपने निर्णय में पीठासीन न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने आईओ की दलील को स्वीकार किया और कहा कि मीडिया कवरेज के चलते पीड़िता और उसके परिवार को भी अपमान का सामना करना पड़ सकता है।
काबुल, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के नांगारहार प्रांत में शनिवार को एक कार में हुए विस्फोट में कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की खबर है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक टोलो न्यूज की खब के अनुसार यह घटना घानीखिल जिले की है।
नांगरहार के गवर्नर के प्रवक्ता ने मारे गए लोगों की संख्या की पुष्टि की और कहा कि कुछ बंदूकधारी गवर्नर के आवासीय परिसर में घुसने का प्रयास कर रहे थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मार गिराया।
अधिकारियों ने कहा कि मारे गए लोगों में आठ आम नागरिक हैं।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में यजीद के समर्थन में नारे लगाए जाने के खिलाफ यहां शनिवार को देश के बड़े-बड़े उलेमाओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने तीन मूर्ति भवन से पाकिस्तानी दूतावास की ओर कूच किया, हालांकि पुलिस प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। उलेमाओं ने कहा, "पाकिस्तान में यजीद जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं। यजीद ने काबा पर हमला करवाया था, इमाम हुसैन का कत्ल किया और कई अपराध किए थे। पाकिस्तान में उसके समर्थन में नारे लगाए जाने से मुस्लिम समाज की छवि खराब हो रही है।"
प्रदर्शन में मौजूद सभी मौलानाओं ने कहा कि वे भारत सरकार से दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने की मांग करते हैं, क्योंकि यजीद का समर्थन करने वाला हर शख्स आतंकवादी है। यजीद को मानने वाला मुसलमान नहीं हो सकता।
प्रदर्शन में शामिल शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने आईएएनएस से कहा, "जितने भी आतंकवादी दुनिया में हैं, वे सभी यजीद को मानने वाले हैं और यजीद जिंदाबाद का नारा लगवाए जाने से यह साबित होता है कि पाकिस्तान सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। वहीं इस पाकिस्तानी सरकार को इंटरनेशनली आतंकवादी हुकूमत डिक्लियर कर दिया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यूरोप और अमेरिका में जिस तरह हिटलर को अच्छा कहना मना है, उसी तरह से सभी मुस्लिम मुल्क में यजीद को अच्छा कहना कानूनी तौर पर मना होना चाहिए, क्योंकि सबसे बड़ा आतंकवादी यजीद था।"
शिया धर्मगुरु ने कहा, "कश्मीर में जो आतंकवाद है, वो पाकिस्तान का फैलाया हुआ है। पाकिस्तानी सरकार आतंकवादी सरकार है और इमरान खान, तालिबान खान हैं और वो ये साबित कर रहे हैं।"
प्रदर्शन में दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के जनरल सेक्रेटरी सयैद फरीद अहमद निजामी, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउंसिल के चेयरमैन सयैद नसरूद्दीन चिश्ती और अन्य धर्मगुरु मौजूद रहे।
लंदन, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने बकिंघम पैलेस और विंडसर कैसल में होने वाले सभी कार्यक्रमों को वर्ष के अंत तक के लिए रद्द कर दिया है। यह कदम कोरोनावायरस के मद्देनजर उठाया गया है जो दश में अब तक 469,764 लोगों को संक्रमित कर चुका है जबकि 42,358 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।
शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश एक बयान में बकिंघम पैलेस ने कहा, "वर्तमान सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप, और वर्तमान परिस्थितियों में एक एहतियात के तौर पर, बकिंघम पैलेस या विंडसर कैसल में वर्ष के अंत तक बड़े पैमाने पर कोई आयोजन नहीं होगा।"
इसने कहा कि बड़ी संख्या में मेहमानों और लोगों के आने के कारण, वर्तमान परिस्थितियों में इन कार्यक्रमों को करना संभव नहीं था।
समाचार पत्र मेट्रो ने बताया कि रानी इस समय अपने पति और एडिनबर्ग के ड्यूक प्रिंस फिलिप के साथ नोरफोक के सैंड्रिंगम हाउस में हैं और जल्द ही विंडसर कैसल में जाने की उम्मीद है।
वाशिंगटन, 3 अक्टूबर (वार्ता)। कोरोना महामारी से संक्रमित अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उपचार के लिए रेमेडीसविर दवा दी है।
व्हाइट हाउस के चिकित्सक शॉन कॉनले ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि श्री ट्रम्प को कोविड-19 उपचार के लिए बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी गिलियड साइंसेज द्वारा बनाई गई दवा रेमेडीसविर की पहली खुराक दी गई है।
श्री कॉनले ने कहा,‘राष्ट्रपति का मैरीलैंड के बेथेस्डा में वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर में इलाज चल रहा हैं। उन्होंने अपनी दवा की पहली पूरी खुराक पूरी ली है और आराम से है और ठीक महसूस कर रहे हैं।’
श्री कॉनले ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राष्ट्रपति बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के परामर्श से हमने रेमेडिसविर दवा शुरू कर दी है।’
श्री ट्रम्प ने भी ट््वीट करके, ‘मेरा मानना है, मैं पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं। सब कुछ ठीक हो रहा है। आप सभी का बहुत-बहुत आभार।’
इससे पहले कोविड -19 परीक्षण पॉजिटिव पाये जाने के एक दिन बाद श्री ट्रम्प को मैरीलैंड के बेथेस्डा के वाल्टर रीड मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया है। श्री ट्रम्प ने ट््िवटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘मेरा मानना है, मैं पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं लेकिन हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सब ठीक रहे। प्रथम महिला बहुत अच्छा महसूस कर रही है। आप सभी का बहुत-बहुत आभार।’
चौहत्तर वर्षीय श्री ट्रम्प अपनी उम्र के कारण उच्च जोखिम वाले समूह में शामिल हैं और उनका वजन भी अधिक है।
काबुल, 3 अक्टूबर (वार्ता)। अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में सुरक्षा बलों को निशाना बना कर रखे गये दो देशी बमों में शुक्रवार रात विस्फोट हो जाने से कम से कम सात तालिबान आतंकवादी मारे गये।
प्रांत की पुलिस ने शनिवार को इस घटना की पुष्टि की।
उसने बताया कि अरघनदाब जिले में कल रात आतंकवादी सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर सडक़ किनारे बम रख रहे थे। कुछ देर बाद बम अचानक फट गया जिसमें तीन आतंकवादियों की मौके पर ही मौत हो गई।
दूसरी घटना शाह कोट जिले में हुई जहां चार आतंकवदी एक वाहन पर सवार होकर कहीं जहा रहे थे। इस दौरान उनका वाहन सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर रखे गये बम के संपर्क में आ गया। इस घटना में चारों आतंकवादी मारे गये।
अफगानिस्तान में आतंकवादी सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर सडक़ किनारे देशी बम रखते हैं और बारुदी सुरंग बिछाते हैं। इसकी चपेट में कभी-कभी निर्दोष लोग भी आ जाते हैं।
वाशिंगटन, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन कोरोनावायरस जांच में नेगेटिव पाए गए हैं। उनके डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों कोरोना से संक्रमित नहीं हैं।
न्यूज वेबसाइट द हिल के मुताबिक, शुक्रवार को जारी एक बयान में, पूर्व उपराष्ट्रपति के प्राइमरी केयर फिजिशियन केविन ओ' कॉनर ने कहा, "उपराष्ट्रपति जो बाइडन और जिल बाइडन ने आज कोविड-19 के लिए पीसीआर जांच कराई और जांच में कोविड-19 नेगेटिव निकले।"
बाइडन ने भी ट्विटर के जरिए इस बात की पुष्टि की और लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जिल और मैं कोविड-19 टेस्ट में नेगेटिव निकले हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि यह याद दिलाने के लिए है कि फेसमास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और अपने हाथ धोएं।"
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह और उनकी पत्नी मेलानिया कोरोनावायरस से संक्रमित हैं।
राष्ट्रपति को वाशिंगटन के वाल्टर रीड अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि मेलानिया व्हाइट हाउस में ही रह रही हैं।
सीएनएन के मुताबिक, बाद में शुक्रवार को ग्रैंड रैपिड्स, मिशिगन में बोलते हुए, बाइडन ने कहा कि हमें इस वायरस को गंभीरता से लेना होगा।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ने आगे कहा कि वह और उनकी पत्नी जिल, ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया के स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
इस बीच, डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी कोरोना जांच कराई और जांच में वह नेगेटिव निकलीं।
द हिल के मुताबिक, हैरिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस 7 अक्टूबर को डिबेट करेंगे जबकि ट्रंप और बाइडन के बीच दो और डिबेट होने हैं, ये डिबेट 15 और 22 अक्टूबर को होने के लिए निर्धारित हैं।
न्यूयॉर्क, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| एक संघीय न्यायाधीश ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वर्क वीजा जारी करने पर लगाए प्रतिबंध को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसने कहा कि नीति में आमूलचूल परिवर्तन जनहित में नहीं है। सैन फ्रांसिस्को में फेडरल कोर्ट के न्यायाधीश जेफरी एस. व्हाइट ने गुरुवार को टेक, निर्माण और खुदरा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापार संगठनों द्वारा दायर एक मामले में यह आदेश दिया, जो कंपनिया विदेशों से पेशेवरों की भर्ती करती है, उनके लिए यह राहत की बात है।
यह निर्णय पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए एच वीजा की सभी श्रेणियों पर लागू होता है, अमेरिका में काम करने के लिए ट्रांसफर्ड कर्मचारियों के लिए एल वीजा, और स्कॉलर, प्रशिक्षुओं और कुछ छात्रों के लिए जे वीजा होता है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने 25 जून को अमेरिकी दूतावासों को आदेश दिया था कि कोविड-19 महामारी के कारण अत्यधिक बेरोजगारी के कारण वर्ष के अंत तक वर्क वीजा श्रेणियों को प्रोसेसिलंग करना बंद कर दिया जाए।
बीजिंग, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में लगभग दो लाख लोगों की जान कोरोना वायरस से जा चुकी है, जबकि लाखों संक्रमित हुए हैं। इस बीच लगातार मास्क न पहनने और वैज्ञानिकों की बातों को नजरअंदाज करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी भी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। यह इस बात को भी दर्शाता है कि अमेरिका में वायरस से निपटने में ट्रंप प्रशासन ने कितनी ढिलाई बरती है। वायरस के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका में कोरोना महामारी और गंभीर रूप ले सकती है। क्योंकि ठंड का मौसम आने वाला है और वायरस काबू से बाहर है, ऐसे में बड़ी संख्या में तमाम लोगों के संक्रमित होने की आशंका खारिज नहीं की जा सकती है।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व प्रमुख डॉ. स्कॉट गोटलिब ने चेतावनी देते हुए कहा कि देश वायरस के लिए मुफीद यानी कि बहुत खतरनाक मौसम में प्रवेश करने वाला है। अगर सही ढंग से ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है।
डॉ स्कॉट के मुताबिक यह समूचे अमेरिका के लिए बहुत चिंता की बात है।
यहां बता दें कि डॉ. स्कॉट गोटलिब पहले विशेषज्ञ नहीं हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में वायरस के तेज प्रसार को लेकर चेतावनी जारी की है। जानकार मानते हैं कि जिस तरह से कोविड-19 से निपटने में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है, उसके लिहाज से आने वाले दिन परेशानी भरे हो सकते हैं।
एक एक्सपर्ट कहते हैं कि अमेरिकी सिस्टम में पहले से ही दरारें हैं, अब अगर वायरस और विकराल रूप लेता है तो यह भूकंप का रूप ले सकता है।
उधर एनबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर अमेरिका के लिए इस शरद और सर्दियों में विनाशकारी हो सकती है, और यह सिर्फ अधिक बीमार लोगों के लिए नहीं है, जिनके बारे में डॉक्टर चिंता करते हैं। अगर ऐसा हुआ तो अस्पतालों में महामारी से पीड़ित मरीजों की तादाद बहुत बढ़ जाएगी और चिकित्सा कर्मियों के लिए उनका उपचार करना आसान नहीं होगा।
(अनिल पांडेय --चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
-- आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| वैश्विक कोरोनोवायरस महामारी ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के तहत चल रही अरबों डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बावजूद पाक-अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया है।
विश्व बैंक के अनुसार, 2018 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगभग 5.83 प्रतिशत थी। सीपीईसी के काफी चर्चा में रहने के बावजूद 2019 में यह घटकर 1 प्रतिशत से भी कम रह गई, जो 2018 के मुकाबले 4.80 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। वहीं, 2016 में पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि 5.5 प्रतिशत थी।
सीपीईसी से पाकिस्तान में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने के अलावा नौकरियों के अवसर प्रदान करने का अनुमान था। आंकड़े दर्शाते हैं कि जारी परियोजना के बावजूद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की गंभीर स्थिति बनी हुई है, जिसका मूल रूप से अनुमान 46 अरब डॉलर था।
चीन और सीपीईसी
महामारी के आर्थिक प्रभाव के कारण पाकिस्तान की रीपेमेंट क्षमता भी कमजोर हो गई है। चीन के शिनजियांग प्रांत के साथ बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को जोड़ने वाली परियोजना की लागत काफी बढ़ गई है, जो 62 अरब डॉलर से शुरू हुई थी।
पाकिस्तान टुडे के मुताबिक, "पाकिस्तानी महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है और लगभग कई व्यवसायों को दिवालियापन और आर्थिक विफलता के कगार पर पहुंचा दिया है, जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में महामारी के कारण हुई समस्या से उबरने की क्षमता नहीं है।"
जर्मन पब्लिक इंटरनेशनल ब्रॉडकास्टर डॉयचे वेले या डीडब्ल्यू ने कराची स्टॉक एक्सचेंज (केएसई) के पूर्व निदेशक जफर मोती के हवाले से कहा, "पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सिमट रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और विभिन्न क्षेत्र संकट में हैं।"
अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज के पूर्व नौकरशाह और निदेशक शक्ति सिन्हा ने कहा, "सीपीईसी तुरंत रिटर्न नहीं देगा, लेकिन इसे विफल नहीं कहा जा सकता।"
सिन्हा ने हालांकि कहा, "पाकिस्तान के बारे में चीन बहुत गंभीर है। हालांकि पाकिस्तान की जीडीपी पिछले कुछ वर्षो में कमजोर हुई है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फलने में समय लगता है।"
पाकिस्तान में बेरोजगारी
जबकि खान ने बार-बार कहा है कि सीपीईसी से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, तथ्य यह है कि बेरोजगारी बढ़ रही है। एक विश्लेषक ने कहा, "शिक्षित लोगों का भी बेरोजगार होना चिंता का विषय है। हालांकि इस परियोजना का उद्देश्य रोजगार प्रदान करना और विकास को बढ़ावा देना था, लेकिन ऐसा बहुत कम हो पाया। परियोजना का क्रियान्वयन चीनी द्वारा नियंत्रित किया जाता है और यह एकतरफा है। सीपीईसी के अंतर्गत अधिकांश नौकरियां चीनी लोगों को दी जाती हैं, जिससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।"
डॉन की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान देश में बेरोजगारों की संख्या 66.5 लाख तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 58 लाख था।"
सिन्हा ने कहा कि स्पष्ट रूप से, परियोजनाएं चीनियों द्वारा चलाई जाती हैं - चाहे वह प्रबंधन हो या श्रमिक। चीनियों को किसी पर भरोसा नहीं है, इसलिए यहां तक कि श्रमिक भी ज्यादातर चीनी हैं। इसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन नहीं हुआ है।
--आईएएनएस
बीजिंग, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| चीनी संस्कृति और पर्यटन ब्यूरो ने कहा कि इस साल चीनी राष्ट्रीय दिवस और मध्य शरत उत्सव की छुट्टियों का पहले दिन देश में कुल 9.7 करोड़ लोगों ने यात्रा की और पर्यटन की आमदनी 76.65 अरब चीनी युआन तक पहुंची। आंकड़े बताते हैं कि 1 अक्तूबर चीनी राष्ट्रीय दिवस और मध्य शरत उत्सव की छुट्टियों के पहले दिन देश में यातायात और परिवहन आम तौर पर स्थिर रहा है और हाईवे ट्रैफिक बढ़ा है।
चीनी यातायात मंत्रालय से मिली खबर के मुताबिक, 1 अक्तूबर के 12 बजे तक देश के हाईवे में करीब 3 करोड़ वाहन चलते हैं, जो एक दिन से पहले की तुलना में 87.17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। और 1 अक्तूबर को चीन के हाईवे ट्रैफिक करीब 5.4 करोड़ वाहन दर्ज हुए।
(साभार--चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
-- आईएएनएस
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में एक भारतीय अदालत की ओर से बुधवार को सभी 32 अभियुक्तों को बरी किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक शर्मनाक फैसला करार दिया।
पाकिस्तान की भारत के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने की पुरानी आदत रही है। अब बाबरी विध्वंस मामले में भारतीय अदालत के फैसले पर भी पाकिस्तान की बौखलाहट देखने को मिली है। पाकिस्तान ने अदालत के फैसले की निंदा करने के साथ ही मोदी सरकार और इसकी कथित हिंदुत्व विचारधारा पर भी कड़ा प्रहार किया है।
पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रीय संस्थानों पर हमला बोलते हुए कहा कि इसने हिंदू विचारधारा के आगे घुटने टेक दिए हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "1992 में अयोध्या में सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए जिम्मेदार अपराधियों को आज शर्मनाक तरीके से बरी करने पर पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है।"
चौधरी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारत की विशेष सीबीआई अदालत की ओर से सुनाए गए फैसले को त्रुटिपूर्ण करार दिया और भारत के सभी राष्ट्रीय संस्थानों में चरमपंथी हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना की।
मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए चौधरी ने कहा कि अयोध्या निर्णय एक दुखद याद दिलाता है कि हिंदुत्व विचारधारा ने न्याय और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के सिद्धांतों को उलट दिया है।
उन्होंने कहा, "न्यायपालिका का निर्णय इस तथ्य का दुखद स्मरण है कि फासीवादी भाजपा-आरएसएस शासन के तहत, चरमपंथी 'हिंदुत्व' विचारधारा न्याय और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के सभी सिद्धांतों पर वरीयता बरतती है।"
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, भारत सरकार से अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों और उनके प्रार्थना स्थलों की रक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।"
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया था। इसी फैसले पर पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आई है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आरोप लगाते हुए कहा, "आपराधिक कृत्य पर निर्णय लेने के लिए लगभग तीन दशक का समय लिया गया, जो कि सुनियोजित रथ यात्रा के परिणामस्वरूप हुआ और यह आरोपी भाजपा, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) परिवार के अन्य नेताओं द्वारा भीड़ को भड़काने के परिणामस्वरूप हुआ।"
बयान में कहा गया है कि यह फैसला दुनिया को बताता है कि हिंदुत्व से प्रेरित भारतीय न्यायपालिका न्याय सुनिश्चित करने में बुरी तरह विफल रही है।
बयान में कहा गया है, "मस्जिद के विध्वंस के परिणामस्वरूप भाजपा की अगुवाई में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें हजारों हत्याएं हुईं।"
भारतीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले को पाकिस्तानी मीडिया ने भी प्रमुखता के साथ कवरेज दी है।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बलूचिस्तान में लापता व्यक्तियों की बरामदगी पर पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे 'असंतोषजनक' करार दिया और दो सप्ताह के भीतर व्यापक कार्रवाई के निर्देश दिए। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति फैसल अरब और न्यायमूर्ति इजाजुल हसन के साथ ही प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को हजारा समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ संवैधानिक याचिकाओं पर सुनवाई की।
कार्यवाही के दौरान, पीठ ने जांच अपराध शाखा के एसएसपी मुहम्मद अकबर रायसानी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि अगर वे इस मुद्दे पर एक विस्तृत और पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल होते हैं तो संबंधित अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया जाएगा।
पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने लापता व्यक्तियों का पता नहीं लगा पाने और अधिकारियों की विफलता पर उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने प्रधान न्यायाधीश के हवाले से कहा, "पुलिस अधिकारियों को पता नहीं है कि मामलों की जांच कैसे की जाती है। 2017 और 2018 के बीच गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए, जबकि उनकी रिकवरी में पुलिस का प्रदर्शन शून्य रहा है।"
इसके अलावा अदालत ने बलूचिस्तान में रोजाना होने वाले वाहन तस्करी, हवाई फायरिंग और अन्य अपराधों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
अदालत ने सुनवाई को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है।
कराची, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के राष्ट्रीय कमांड और ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य संबधी दिशानिदेशरें और कोविड-19 के मानकों के अनुपालन में विफल रहने के कारण कराची में छह मैरिज हॉल और 103 रेस्तरां सील कर दिए गए हैं। इनके एक बयान के हवाले से डॉन न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, गिलगित-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और यहां की राजधानी इस्लामाबाद सहित सभी प्रांतों को महामारी के चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य दिशानिर्देशों और मानकों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों से भी नियमों के उल्लंघन की दिशा में पर्याप्त ध्यान देने का आग्रह किया गया है, खासकर रेस्तराओं और मैरिज हॉल पर अधिक गौर फरमाने के आदेश हैं क्योंकि ये दो ऐसी जगहें हैं, जहां महामारी के पनपने के ज्यादा आसार हैं।
पिछले हफ्ते कराची में पुष्ट मामलों की संख्या में हुई अचानक वृद्धि से इस ओर पहल की शुरूआत की गई है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरुवार को सिंध सरकार ने कराची और इसके आसपास के क्षेत्रों में मिनी स्मार्ट लॉकडाउन का विस्तार किया क्योंकि मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही थी। शहर के दक्षिणी जिला क्षेत्रों के दो इलाकों की पहचान नए हॉटस्पॉट के रूप में की गई। इन्हें दो हफ्ते के लिए मिनी स्मार्ट लॉकडाउन के तहत रखा गया।
शुक्रवार को एनसीओसी की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, योजना और विकास मंत्री असद उमर ने ट्वीट किया, "कोविड के प्रसार में इंडोर रेस्तराओं और मैरिज हॉल का काफी ज्यादा योगदान देखने को मिल रहा है। एनसीओसी ने सभी प्रांतों और संघी इकाइयों को इन स्थानों पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के उल्लंघन पर शिकंजा कसने का निर्देश दिया है।"
शुक्रवार तक, पाकिस्तान में कोरोनवायरस के कुल मामलों की संख्या 313,167 हो गई है, जबकि 6,497 लोगों की मौत हो चुकी है।
हमज़ा अमीर
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ द्वारा दिए गए भाषणों पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह भारत के इशारे पर इस्लामाबाद के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाकर खतरनाक खेल खेल रहे हैं।
एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए एक साक्षात्कार में, इमरान खान ने शरीफ पर पाकिस्तान सेना पर हमला कर बड़ी शरारत करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, नवाज शरीफ पाकिस्तान के खिलाफ एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं और मुझे यकीन है कि भारत उनका समर्थन कर रहा है। नवाज शरीफ का हमेशा सेना प्रमुखों के साथ विवाद रहा, क्योंकि वह भ्रष्ट आचरण में शामिल थे और उन्हें नियंत्रित करना चाहते थे।
खान ने कहा कि शरीफ अब वही खेल खेल रहे हैं जो कभी मुत्तहिद कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के पूर्व संस्थापक अल्ताफ हुसैन खेलते थे। उन्होंने कहा कि वह भारत के एजेंडे पर भी काम कर रहे थे और अपने समर्थकों को 'पाकिस्तान मुदार्बाद' के लिए बुला रहे थे।
वह (शरीफ) अगला अल्ताफ हुसैन बन रहे हैं। वह कायर हैं, मुझे यकीन है कि उसे भारत से समर्थन प्राप्त है। भारत की रुचि हमारी सेना को कमजोर करने में है। भारत के थिंक टैंक कहते हैं कि वे पाकिस्तान को तोड़ना चाहते हैं। कुछ मूर्ख उदारवादी शरीफ की कहानी, जो सेना पर हमला करके एक शरारत पैदा कर रहे हैं, से सहमत हैं।
अदालत से दोषी करार दिए गए शरीफ, जिन्हें पिछले साल इलाज के लिए लंदन जाने की अनुमति दी गई थी, ने पिछले महीने अपनी लंबी चुप्पी को तोड़ते हुए कहा कि विपक्ष सेलेक्टेट प्राइम मिनिस्टर के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन लोगों के खिलाफ है जो 2018 में उनको सत्ता में लेकर आए थे।
खान का बयान शरीफ द्वारा उनकी पार्टी के सदस्यों को दिए भाषणों के बाद आया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए निशाना साधा था।
शरीफ ने अपने भाषण के दौरान दावा किया कि उनकी सरकार ने पाकिस्तानी सेना के साथ संबंध दुरुस्त रखने के लिए और देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए यूएस टॉमहॉक मिसाइल की डील कराई थी।
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने शरीफ के भाषणों और बयानों को ब्रॉडकास्ट करने पर रोक लगा दी है। कहा गया है कि घोषित रूप से फरार होने वाले और देश की अदालतों द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में वांछित लोगों के बयानों को ब्रॉडकास्ट नहीं किया जाएगा।
बता दें कि नवाज शरीफ को पाकिस्तान की अदालत द्वारा चिकित्सा आधार पर देश छोड़ने की अनुमति दी गई थी।
हालांकि, शरीफ अपने अंतिम दो वीडियो लिंक के भाषणों में सक्रिय दिख रहे हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।