राष्ट्रीय
ग्रेटर नोएडा, 6 अप्रैल । गौतमबुद्ध नगर जिले में लोकसभा चुनाव के लिए 28 मार्च से 4 अप्रैल तक नामांकन प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें कुल 34 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र जमा किए थे। 5 अप्रैल को हुई स्क्रूटनी के बाद 34 में से 15 नामांकन ही सही पाए गए हैं।
इसके मुताबिक अब गौतमबुद्ध नगर जिले से दिग्गज नेताओं के साथ कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिले में कुल 52 नामांकन पत्र खरीदे गए थे।
गौतमबुद्ध नगर में 15 प्रत्याशियों की लिस्ट में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. महेंद्र नागर, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी, भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर महेश शर्मा समेत नेशनल पार्टी के प्रत्याशी किशोर सिंह, निर्दलीय प्रत्याशी महकार सिंह, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के मनीष कुमार द्विवेदी, भारतीय राष्ट्रीय जनसत्ता पार्टी के नरेश नौटियाल, जय हिंद नेशनल पार्टी के राजीव मिश्रा, लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी की कुमारी शालू, सुभाष पार्टी के नर्वदेश्वर, वीरों के वीर इंडिया पार्टी के भीम प्रकाश जिज्ञासु, सुपर पावर इंडियन पार्टी के रण सिंह डुडी, निर्दलीय शिवम आशुतोष, मोहम्मद मुमताज आलम, निर्दलीय पराग कौशिक के नाम शामिल हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि नामांकन से नाम वापस लेने के लिए अंतिम तारीख 8 अप्रैल है। द्वितीय चरण का मतदान 26 अप्रैल और मतगणना 4 जून को होगी।
(आईएएनएस)
सहारनपुर (उप्र),6 अप्रैल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि 'संगठन ही सेवा है' और कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को यह मंत्र देकर उन्हें जनता की सेवा में लगाया था।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यही कारण है कि पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता देश के अंदर आम जनमानस में विश्वास का प्रतीक बनकर प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि को जमीनी धरातल पर उतारने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम नए भारत की भावी पीढ़ी के भविष्य को भी बना रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर में भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल व कैराना से उम्मीदवार प्रदीप चौधरी के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर मां मां शाकम्भरी की धरती सहारनपुर से पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी जी ने अमृत काल में हमें विकसित भारत की संकल्पना दी है। देश में नयी बहस प्रारंभ हुई है। जनता-जनार्दन का एक-एक वोट देश की तकदीर व तस्वीर बदलने में सहायक साबित हो सकता है। 2014 के बाद देश में लगातार हुआ परिवर्तन ही इसका आधार है। हमें जाति-संप्रदाय, तुष्टिकरण या किसी वाद के आधार पर नहीं, बल्कि विकसित भारत की संकल्पना व भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए वोट दें, जिससे हम सभी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की संकल्पना को साकार होते हुए देखें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारनपुर उत्तर प्रदेश की नंबर एक की लोकसभा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि हमने बदलते हुए भारत को देखा है। हम ऐसे भारत का दर्शन कर रहे हैं, जो दुनिया के अंदर वैश्विक मंच पर ‘ग्लोबल लीडर’ और विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना के लिए जाना जा रहा है। यह भारत दुनिया को विकास और गरीब कल्याण के कार्यक्रम का मॉडल दे रहा है। भारत का यह मॉडल नौजवानों को आजीविका की गारंटी और आस्था को सम्मान दे रहा है।’’
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र की रिपोर्टिंग ने दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया है। उन्होंने कहा, ‘‘समाचार पत्र ने जिक्र किया है कि 2021-22 में कैसे पाकिस्तान के अंदर चुन-चुनकर आतंकवादी मारे गए थे। कैसे उन्हें नष्ट किया गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 'द गार्डियन' की खबर का स्रोत तो वही बता सकते हैं, लेकिन संदेश साफ है कि भ्रष्टाचार, अराजकता के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। दुनिया ने माना है कि आतंकवाद चुनौती है, इससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में भारत इस चुनौती से निपटने के लिए दुनिया को नेतृत्व देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘18वीं लोकसभा चुनाव के लिए पूरे देश से ही एक ही आवाज आ रही है-‘फिर एक बार मोदी सरकार’, ‘अबकी बार- 400 पार,’ इस आवाज के साथ हम सभी को जुड़ना है।’’
मुख्यमंत्री ने हर मतदाताओं से मतदान केंद्र तक जाने की अपील की।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, ब्रजेश सिंह, जसवंत सैनी, सहारनपुर से भाजपा प्रत्याशी राघव लखन पाल शर्मा, सांसद व कैराना से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी आदि मौजूद रहे। (भाषा)
बालुरघाट (पश्चिम बंगाल), 6 अप्रैल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर इलाके में ग्रामीणों ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों पर हमला नहीं किया, बल्कि एनआईए के अधिकारियों ने उनपर (ग्रामीणों पर) हमला किया।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जांच एजेंसी का दल ‘‘2022 में पटाखे फोड़ने’’ की एक घटना की जांच के सिलसिले में तड़के ग्रामीणों के घरों में गया था।
बनर्जी ने दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में एक चुनावी रैली के दौरान कहा, ‘‘हमला भूपतिनगर की महिलाओं ने नहीं किया था, बल्कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (के अधिकारियों) ने हमला किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर महिलाओं पर हमला होगा तो क्या महिलाएं शांत बैठी रहेंगी?’’
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 की घटना को लेकर एनआईए अधिकारियों का उनके घरों में जाने का उन्होंने केवल विरोध किया था।
पुलिस ने बताया कि भूपतिनगर इलाके में 2022 के बम विस्फोट मामले की जांच के लिए गए एनआईए के दल पर ग्रामीणों ने शनिवार को हमला कर दिया।
उसने बताया कि एनआईए अधिकारियों के एक दल ने इस मामले के संबंध में बुधवार सुबह दो लोगों को गिरफ्तार किया और यह दल कोलकाता वापस जा रहा था, तभी उसके वाहन पर हमला हुआ।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर पथराव किया। एनआईए ने कहा है कि उसका एक अधिकारी घायल भी हुआ है।’’
उन्होंने बताया कि एनआईए ने भी इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
भूपतिनगर में तीन दिसंबर, 2022 को एक कच्चे घर में हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर चुनाव जीतने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल की कोशिश का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि निर्वाचन आयोग भाजपा-संचालित आयोग न बने, बल्कि निष्पक्षता से काम करे।’’
उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के पुलिस अधिकारियों के तबादले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग (आईटी) के अधिकारियों को क्यों नहीं बदला गया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘एनआईए, सीबीआई भाजपा के भाई हैं, ईडी और आईटी विभाग भाजपा को निधि मुहैया कराने वाले बक्से हैं।’’
उन्होंने रैली में कहा, ‘‘अगर आप (भाजपा) में ताकत है, तो चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से लड़कर जीतें। मेरे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और चुनाव एजेंट को गिरफ्तार न करें।’’
उन्होंने कथित भूमि घोटाले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आबकारी नीति से संबंधित मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने की निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में सभी को समान अवसर मिलने चाहिए।’’ (भाषा)
सिंगापुर, 6 अप्रैल सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में बढ़कर 35.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो सालाना आधार पर 18.2 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक ने यहां शनिवार को यह जानकारी दी।
उच्चायोग में प्रथम सचिव (वाणिज्य) टी प्रभाकर ने कहा कि सिंगापुर भारत का आठवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार (2022-23) है, जिसकी भारत के कुल व्यापार में 3.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वह सिंगापुर में आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) के तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
प्रभाकर ने कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच व्यापार में 2022-23 के दौरान 18.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 35.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
उन्होंने बताया कि 2022-23 में सिंगापुर से हमारा आयात 23.6 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो सालाना आधार पर 24.4 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह सिंगापुर को भारत का निर्यात सालाना आधार पर 7.6 अरब डॉलर से बढ़कर 12 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। (भाषा)
जयपुर, 6 अप्रैल कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए शनिवार को कहा कि वह खुद को महान मानकर देश और लोकतंत्र की मर्यादा का चीरहरण कर रहे हैं।
इसके साथ ही सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘आज हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है।’’
सोनिया गांधी यहां विद्याधर नगर में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘देश के ऊपर हो जाने की बात सपने में भी नहीं सोची जा सकती। क्या कोई देश से बड़ा हो सकता है? जो ऐसा सोचता है उसे देश की जनता सबक सिखा देती है। दुर्भाग्य से आज हमारे देश में ऐसे नेता सत्ता में विराजमान हैं। मोदी जी खुद को महान मानकर देश और लोकतंत्र की मर्यादा का चीरहरण कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी नेताओं को डराने धमकाने, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में शामिल कराने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।’’
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमारा देश पिछले दस साल से एक ऐसी सरकार के हवाले है जिसने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक संकट, असमानता व अत्याचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।’’
मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस दौरान मौजूद थे। (भाषा)
नागपुर,6 अप्रैल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना किसी को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं की गई थी और इसलिए पार्टी को कभी भी आंतरिक विभाजन का सामना नहीं करना पड़ा।
फडणवीस ने दावा किया कि उनकी पार्टी देश के इतिहास में एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है, जो कभी बंटी नहीं।
उन्होंने भाजपा के 44वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनसे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सिपाही’ के तौर पर काम करने को कहा।
उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक सभी ने पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया है।
फडणवीस ने कहा कि भाजपा नेता कभी भी खुद तक सीमित या स्वार्थी नहीं रहे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह पार्टी कभी भी किसी को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं बनाई गई थी, बल्कि इसकी स्थापना एक ऐसी विचारधारा के लिए की गई थी, जो देश के हितों की सेवा करे। इस पार्टी ने सदैव अपनी विचारधारा के अनुरूप कार्य किया और इसमें कभी फूट नहीं पड़ी।’’
हाल के वर्षों में बाल ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) आंतरिक उथल-पुथल के बाद बंट गई थी।
फडणवीस ने बाद में कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में विपक्षी गुटों महा विकास आघाडी (एमवीए) और ‘इंडिया’ पर कटाक्ष किया तथा उनकी तुलना एक ऐसी रेलगाड़ी से की जिसमें इंजन तो है लेकिन डिब्बे नहीं हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘(विपक्षी गठबंधन के) घटक दलों के बीच कोई तालमेल नहीं है और सभी अपना-अपना राग अलाप रहे हैं।’ (भाषा)
कोलकाता, 6 अप्रैल केंद्रीय मंत्री एवं मतुआ नेता शांतनु ठाकुर का मानना है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) मतुआ समुदाय के लोगों को ‘‘कानूनी रूप से नागरिकता’’ प्रदान करके उनकी रक्षा करेगा और उन्हें ‘‘आगामी 100 साल में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की संभावित प्रक्रिया’’ के दौरान विदेशी करार दिए जाने से बचाएगा।
ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन जमा करने के संबंध में मतुआ समुदाय के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करने की कोशिश की।
उन्होंने मतुआ समुदाय के पास बांग्लादेश में उनके पिछले आवासीय पते की पुष्टि करने वाले पर्याप्त दस्तावेज नहीं होने के कारण नागरिकता आवेदनों को लेकर उनके बीच भ्रम की स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि इस ‘‘मामले पर ध्यान दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘बांग्लादेश में पिछले आवासीय पते को साबित करने वाला कोई दस्तावेज अनिवार्य नहीं है और सामुदायिक संगठनों के प्रमाण पत्र पर्याप्त हैं।’’
ठाकुर पश्चिम बंगाल की बनगांव लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू किए के बिना ममता बनर्जी सहित विपक्ष का कोई भी नेता अब से एक सदी में एनआरसी की प्रक्रिया किए जाने की स्थिति में मतुआ समुदाय की रक्षा नहीं कर पाएगा।
ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह नागरिकता संशोधन अधिनियम मतुआ समुदायों को कानूनी और संवैधानिक नागरिकता प्रदान करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अगले 100 साल में एनआरसी प्रक्रिया होने की स्थिति में उन्हें घुसपैठियों की तरह देश से निर्वासित नहीं किया जाए। नया नागरिकता अधिनियम मतुआ समुदाय को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करेगा।’’
मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान से संबंध रखने वाले मतुआ हिंदुओं का एक कमजोर वर्ग है जो विभाजन के दौरान और बांग्लादेश के निर्माण के बाद धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आ गया था।
ठाकुर ने चिंता व्यक्त की कि सीएए द्वारा दी गई सुरक्षा के बिना मतुआ समुदाय के लोगों को निष्कासित किया जा सकता है और उनकी स्थिति म्यांमा के रोहिंग्या समुदाय की तरह हो सकती है जिन्हें सदियों से नागरिकता से वंचित रखा गया है।
जब ठाकुर से इस बारे में सवाल किया गया कि कुछ विपक्षी दल निकट भविष्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया होने की संभावना जता रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द ‘‘ऐसा कोई कदम उठाए जाने की जानकारी नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अगले 100-200 वर्ष में एनआरसी की संभावना के बारे में बात कर रहा हूं, तो हमें संवैधानिक रूप से सुरक्षित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।’’
ठाकुर ने 1947 में हुए विभाजन के इतिहास और 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश के गठन का जिक्र करते हुए कहा कि 1971 के बाद से बांग्लादेश से आए हिंदुओं या धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत के कानूनी नागरिक के रूप में मान्यता नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुक्ति संग्राम से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच एक संधि के कारण पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को कानूनी शरणार्थी माना जाता था और नागरिकता दी जाती थी। लेकिन बांग्लादेश के गठन के बाद यह व्यवस्था समाप्त हो गई जिसके बाद धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश से आने वाले लोग कानूनी या संवैधानिक रूप से इस देश के नागरिक नहीं हैं।’’
अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के अध्यक्ष ठाकुर ने दावा किया कि आधार कार्ड मतुआ समुदायों को संवैधानिक नागरिकता प्रदान नहीं करता, लेकिन सीएए ऐसा करेगा।
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सीएए के खिलाफ रुख के लिए उनकी आलोचना की और उन पर ‘‘दोहरे मानदंड’’ अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कह रही हैं कि मतदाता पहचान पत्र या आधार कार्ड होने से मतुआ इस देश के नागरिक बन जाते हैं। अगर ऐसा है तो पश्चिम बंगाल पुलिस के अधीन जिला खुफिया ब्यूरो (डीआईबी) पासपोर्ट सत्यापन के दौरान मतुआ समुदाय के लोगों से 1971 से पहले के जमीन के दस्तावेज क्यों मांग रहा है? वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि संघीय ढांचे में यह पता करने का नियम है कि कौन वैध नागरिक है और कौन नहीं।’’
नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन के नियमों को इस साल मार्च में अधिसूचित किया गया था। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। (भाषा)
हैदराबाद, 6 अप्रैल । भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी से दलबदल करने वाले बीआरएस के दो विधायकों से इस्तीफा लेने या स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे यह स्प्ष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में दलबदल विरोधी आश्वासन पर उनके रुख के संबंध में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आलोचना की।
केटीआर ने राहुल गांधी की ईमानदारी पर सवाल उठाया। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में दल-बदल विराधी वादों का पालन करने की चुनौती दी।
केटीआर ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी का दल-बदल विरोधी आश्वासन तेलंगाना में लागू होता है। उन्होंने बीआरएस विधायकों काे अपनी पार्टी में शामिल करने की आलोचना की। उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाया कि उनकी पार्टी ने बीआरएस विधायक दानम नागेंद्र को सिकंदराबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाने की घोषणा की है।
अपने बयान में, केटीआर ने विधायकों/सांसदों के दलबदल करने पर स्वत: अयोग्यता सुनिश्चित करने के लिए 10वीं अनुसूची में संशोधन करने के कांग्रेस पार्टी के प्रस्ताव का स्वागत किया।
हालांकि, केटीआर ने दोहराया कि शब्दों की तुलना में कार्य अधिक प्रभावशाली होते हैं। उन्होंने राहुल गांधी को अपने कार्यों से यह दिखाने को कहा कि उनकी पार्टी जो कहती है, उस पर अमल भी करती है।
केटीआर ने सभी दलों से लोकतंत्र और पारदर्शिता के सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि बीआरएस के दो विधायक दानम नागेंद्र और कादियाम श्रीहरि हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कांग्रेस ने नागेंद्र को सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं श्रीहरि की बेटी काव्या को वारंगल सीट से टिकट दिया गया है। इसके पहले बीआरएस ने काव्या को वारंगल से अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। बाद में वह अपने पिता के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं।
(आईएएनएस)
रांची, 6 अप्रैल । एकजुटता के तमाम दावों के बावजूद झारखंड में “इंडिया” गठबंधन के घटक दलों के “सुर-ताल” आपस में मिल नहीं पा रहे हैं। कहीं सीट को लेकर पार्टियों की जिद तो कहीं बागियों के तेवर की वजह से गठबंधन के साझे चूल्हे की “खिचड़ी” का जायका बिगड़ता दिख रहा है।
चुनाव की घोषणा के 20 दिन बाद भी राज्य की 14 में से सात सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, जबकि दूसरी तरफ एनडीए के प्रत्याशी सभी 14 सीटों पर प्रचार अभियान में जुटे हैं।
आलम यह कि गठबंधन में शामिल रहीं दो वामपंथी पार्टी -- सीपीआई और सीपीएम ने अपनी राह अलग कर ली है। सीपीआई ने चार सीटों -- चतरा, लोहरदगा, पलामू और दुमका में अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। हजारीबाग सीट पर भी वह अपना प्रत्याशी दे सकती है।
सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा, “पहले हमारी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन अब हम स्वतंत्र रूप से झारखंड के चुनाव मैदान में हैं। फिलहाल चार सीटों पर हमारे प्रत्याशियों के नाम घोषित हो चुके हैं। हमने गठबंधन के तहत सिर्फ एक सीट हजारीबाग देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने इसे नहीं माना।”
इधर सीपीएम के झारखंड प्रदेश राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि उनकी पार्टी राजमहल और चतरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगी। चतरा सीट पर राजद और कांग्रेस के बीच जबरदस्त जिच है। यहां दोनों पार्टियां अपने प्रत्याशी उतारने पर अड़ी हैं। 2019 में भी महागठबंधन में यही स्थिति बनी थी और दोनों के प्रत्याशी एक साथ मैदान में उतर आए थे। अंततः दोनों को शिकस्त खानी पड़ी।
लोहरदगा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुखदेव भगत को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा अब भी इसपर दावा कर रहा है।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कांग्रेस से कहा है कि वह इस सीट पर पुनर्विचार करे। यहां झामुमो उससे ज्यादा मजबूत स्थिति में है।
दरअसल, पार्टी यहां विशुनपुर से अपने विधायक चमरा लिंडा को प्रत्याशी बनाना चाहती है। कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी उतारे जाने के बाद वह बगावती मूड में हैं। शुक्रवार को उन्होंने सीएम आवास में आयोजित पार्टी के विधायकों-सांसदों की बैठक से भी दूरी बना ली। वह स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरने का मूड बना चुके हैं।
इसी तरह राजमहल सीट को लेकर विधायक लोबिन हेंब्रम बगावत पर उतर चुके हैं। झामुमो यहां मौजूदा सांसद विजय हांसदा को फिर से प्रत्याशी बनाने का मन बना चुका है तो दूसरी तरफ लोबिन हेंब्रम पार्टी टिकट की परवाह छोड़ अपने बूते मैदान में उतरने को तैयार हैं।
(आईएएनएस)
पुणे (महाराष्ट्र), 6 अप्रैल । पानी के संकट से जूझ रहे पुणे के शिवाजीनगर के खैरेवाड़ी के ग्रामीणों ने समस्या का समाधान नहीं होने पर आगामी लोकसभा चुनावों के बहिष्कार की धमकी दी है।
इलाके के लगभग 10 हजार लोग समस्या के समाधान की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुणे नगर निगम (पीएमसी) के अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का हल नहीं निकाला गया।
पानी की कमी से परेशान लोगोें ने इलाके में “पानी नहीं, तो वोट नहीं” का बैनर लगा दिया है। उनका कहना है कि अगर पानी की समस्या का समाधान नहीं होगा, तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे।”
उनकी इस चेतावनी ने राजनीतिक दलों के नेताओं को चिंतित कर दिया है। यहां 13 मई को चुनाव है।
इलाके के एक निवासी ने कहा कि वे कई महीनों से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं।पानी की कमी के कारण उनका जीवन दयनीय हो गया है।
उन्होंने कहा कि गर्मी शुरू होने के बाद स्थिति और खराब होने वाली है।
ग्रामीणों ने कहा कि अधिकांश दिनों में उन्हें टैंकरों के पानी से काम चलाना पड़ता है। इसके लिए घंटों बर्बाद करना पड़ता है। उन्होंने पीएमसी से पानी की आपूर्ति को पटरी पर लाने की मांग की।
(आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 6 अप्रैल। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि भाजपा को केरल में जीत के बारे में भूल जाना चाहिए, वह चुनाव में 20 सीटों में से किसी पर भी दूसरे स्थान पर नहीं रहेगी।
अलाप्पुझा में मीडिया से बात करते हुए विजयन ने कहा, "यह साबित हो गया है कि संघ परिवार की विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए केरल में कोई जगह नहीं है और यह ऐसा ही बना रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संघ परिवार को केरल से दूर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।"
विजयन ने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि सीपीआई-एम के चुनाव घोषणापत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया हैै कि विवादास्पद सीएए को यहां लागू नहीं होने दिया जाएगा।
विजयन ने कहा,“कांग्रेस के घोषणापत्र में सीएए के संबंध में चुप्पी है। वे सीएए के मामले में भाजपा के साथ मिले हुए हैं।''
केरल में 20 लोकसभा सदस्यों को चुनने के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा।
2019 के आम चुनावों में, तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट को छोड़कर, केरल में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सभी उम्मीदवार मात्र 15.64 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
19 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ को 47.48 फीसदी वोट मिले थे, वहीं सिर्फ एक सीट जीतने वाली सीपीआई-एम की अगुवाई वाले वाम मोर्चे को 36.29 फीसदी वोट मिला था ।
(आईएएनएस)
पटना, 6 अप्रैल । बिहार भाजपा कार्यालय में शनिवार को पार्टी ने अपना स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर पार्टी कार्यालय में झंडोत्तोलन किया गया तथा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को याद किया गया। प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पार्टी का झंडा फहराया।
इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी और उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आरएसएस के चिंतक और संगठनकर्ता दीनदयाल उपाधयाय और भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने सभी कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की शुभकामना और बधाई देते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेताओं ने भाजपा की स्थापना भारत और बिहार को आगे बढ़ाने के लिए किया था। उनकी चिंता समाज के हाशिये पर रहे लोगों की रही। आज हम उन्हीं के सपने को पूरा करने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रारम्भ में विपक्ष के लोग हम पर हंसते थे। आज स्थितियां बदलीं, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले 282 और उसके बाद 303 सीटों के साथ देश मे एनडीए की सरकार बनी।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जनसेवा के संकल्पों के साथ भाजपा के कार्यकर्ता सतत अपने परिश्रम से देश को आगे बढ़ा रहे हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने को लेकर हम अपने पूर्वजों के सपने को साकार करने के रास्ते पर चल पड़े हैं।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि बिहार में 40 पार और देश में 400 पार के मिशन के साथ विकसित बिहार और विकसित भारत बनाने के संकल्पों को लेकर हम चले हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता एक मिशन और एक ध्येय लेकर आगे बढ़ता है। आज हमें संकल्पों के साथ आगे बढ़ने का दिन है।
(आईएएनएस)
सहारनपुर, 6 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि संगठन ही सेवा है। कोरोना के दौरान पीएम ने भाजपा के कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं को यह मंत्र देकर उन्हें जनता-जनार्दन की सेवा में लगाया था। सीएम योगी ने कहा कि दुनिया ने माना है कि आतंकवाद चुनौती है। इससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए। इसलिए सरकार का भ्रष्टाचार, अराजकता के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को सहारनपुर में भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल व कैराना से उम्मीदवार प्रदीप चौधरी के पक्ष में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर मां शाकुंभरी की पावन धरा पर कोटि-कोटि कार्यकर्ताओं को बधाई दी।
सीएम ने कहा कि सहारनपुर उत्तर प्रदेश की नंबर एक की लोकसभा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह क्रम चुनाव परिणाम में भी देखने को मिलेगा।
सीएम ने कहा कि सौभाग्यशाली हैं कि हमने बदलते हुए भारत को देखा है। हम ऐसे भारत का दर्शन कर रहे हैं, जो दुनिया के अंदर वैश्विक मंच पर ग्लोबल लीडर और विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जाना जा रहा है। यह भारत दुनिया को विकास और गरीब कल्याण के कार्यक्रम का मॉडल दे रहा है। भारत का यह मॉडल नौजवानों को आजीविका की गारंटी और आस्था को सम्मान दे रहा है। पहले जिन मुद्दों पर चर्चा करने में लोग हिचकते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में उस कार्य को करने में भी कोई रूकावट नहीं आ रही है।
सीएम ने कहा कि दो दिन पहले ब्रिटेन के प्रतिष्ठित समाचार पत्र की रिपोर्टिंग दुनिया का ध्यान आकृष्ट करती है। उसने जिक्र किया है कि 2021-22 में कैसे पाकिस्तान के अंदर चुन-चुनकर आतंकवादी मारे गए। कैसे उन्हें नष्ट किया गया। 'द गार्डियन' की रिपोर्ट का स्रोत तो वही बता सकते हैं, लेकिन संदेश साफ है कि भ्रष्टाचार, अराजकता के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है। दुनिया ने माना है कि आतंकवाद चुनौती है। इससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भारत इस चुनौती से निपटने के लिए दुनिया को नेतृत्व देगा।
सीएम योगी ने कहा कि मोदी जी ने अमृतकाल में हमें विकसित भारत की संकल्पना दी है। देश में नई बहस प्रारंभ हुई है। जनता-जनार्दन का एक-एक वोट देश की तकदीर व तस्वीर बदलने में सहायक साबित हो सकता है। 2014 के बाद देश में लगातार हुआ परिवर्तन ही इसका आधार है। हमें जाति-संप्रदाय, तुष्टिकरण या किसी वाद के आधार पर नहीं, बल्कि विकसित भारत की संकल्पना व भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए वोट दें, जिससे हम सभी पीएम मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की संकल्पना को साकार होते हुए देखेंगे।
सीएम ने कहा कि 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए पूरे देश से ही एक ही आवाज आ रही है - फिर एक बार मोदी सरकार। अबकी बार 400 पार। इस आवाज के साथ हम सभी को जुड़ना है।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 6 अप्रैल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को छह और उम्मीदवार घोषित किए जिनमें सबसे प्रमुख नाम विरियाटो फर्नांडिस का है जिन्हें दक्षिण गोवा लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद फ्रांसिस्को सारदिन्हा का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सारदिन्हा गोवा के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने उत्तरी गोवा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व केंद्रीय मंत्री रमाकांत खलप को टिकट दिया है। मध्य प्रदेश के मुरैना से सत्यपाल सिंह सीकरवार, ग्वालियर से प्रवीण पाठक और खंडवा से नरेन्द्र पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं दादरा एवं नगर हवेली से अजीत रामजी भाई महला को टिकट दिया गया है।
कांग्रेस अब तक कुल 241 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इससे पहले उसने 13 अलग-अलग सूचियों में 235 उम्मीदवार घोषित किए थे।
देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे। इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी। (भाषा)
जयपुर, 6 अप्रैल राजस्थान के कई इलाकों में बीते चौबीस घंटे के दौरान भी मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई।
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार पिछले 24 घंटे में जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, जयपुर, भरतपुर संभाग के कुछ भागों में मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई है। विभाग के अनुसार सर्वाधिक बारिश अजमेर, जैसलमेर व भोपालगढ़ में 14—14 मिलीमीटर दर्ज की गई।
राज्य के कई हिस्सों में बीते दो दिन से बूंदाबांदी व हल्की बारिश का दौर जारी है। वहीं इस दौरान राज्य में अधिकतम तापमान वनस्थली टोंक में 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग के अनुसार बदले मौसम के कारण अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया जा रहा है। (भाषा)
चंडीगढ़, 6 अप्रैल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ रविवार को अनशन करेंगे। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी।
आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के विरोध में सात अप्रैल को देशव्यापी सामूहिक अनशन का आह्वान किया है।
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पार्टी के विधायक दिनेश चड्ढा ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री मान और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में सात अप्रैल को शहीद भगत सिंह नगर जिले के खटकर कलां में अनशन करेंगे। उन्होंने पंजाब के लोगों से भी अनशन में शामिल होने की अपील की।
रूपनगर से विधायक चड्ढा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार का हाथ है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी और उसके राष्ट्रीय संयोजक को भाजपा अपने लिए ‘‘सबसे बड़ा खतरा’’ मानती है। (भाषा)
नयी दिल्ली,6 अप्रैल भारत के सबसे कामयाब पैरा एथलीट देवेंद्र झाझड़िया को यकीन है कि जिस तरह एथेंस पैरालम्पिक में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतकर उन्होंने पदार्पण किया था, उसी तरह चुरू (राजस्थान) के चुनावी मैदान में भी ऐतिहासिक जीत दर्ज करके वह राजनीति में कदम रखेंगे।
चुरू में जन्मे झाझड़िया ने कहा, ‘‘मैंने एथेंस में 2004 पैरालम्पिक की भालाफेंक स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतकर पदार्पण किया था और (मुझे) राजनीति में भी ऐतिहासिक जीत के साथ पदार्पण का यकीन है।’’
आठ वर्ष की उम्र में पेड़ पर चढ़ते हुए बिजली के नंगे तार के संपर्क में आने के कारण अपना बायां हाथ गंवा चुके झाझड़िया को पता है कि राजनीति की राह आसान नहीं है, लेकिन अपने जीवन के अब तक के संघर्ष के आगे उन्हें यह चुनौती छोटी ही लग रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट से एक बार पूछा गया कि राष्ट्रपति बनने का सफ़र कितना कठिन रहा तो उन्होंने कहा कि बचपन में पोलियो से इतना संघर्ष किया कि यह संघर्ष लगा ही नहीं। मैंने भी बचपन से इतना संघर्ष किया कि इसका अब पता नहीं चल रहा।’’
चुरू में पिछले दो बार के सांसद राहुल कस्वां की जगह भारतीय जनता पार्टी ने पैरालम्पिक में दो स्वर्ण और एक रजत जीत चुके भालाफेंक खिलाड़ी झाझड़िया को टिकट दिया है। कस्वां अब कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिससे जाट बहुल इस सीट पर 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए मुकाबला कड़ा हो गया है।
झाझड़िया ने कहा कि पिछले दो चुनावों में कस्वां मोदी की लहर में जीते थे और अब निवर्तमान सांसद की पराजय तय है।
उन्होंने कहा, ‘‘चुरू में 2009 में भाजपा करीब 12000 वोट से जीती थी, लेकिन 2014 में मोदी की लहर में जीत का अंतर करीब तीन लाख वोट का और पिछली बार भी मोदी के ही नाम पर जीत का अंतर 3,34,402 रहा। इस बार तो यह अंतर पांच लाख तक जा सकता है।’’
देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण पाने वाले पहले पैरा एथलीट ने कहा, ‘‘जहां तक चुरू के मतदाताओं की बात है तो यहां मोदी की गारंटी ही चलने वाली है। मतदाता सिर्फ यही जानते हैं कि मोदी को लाना है और कमल का निशान मतलब मोदी।’’
यह पूछने पर कि जाट वोट के बंटने से उन्हें नुकसान हो सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं जात-पांत की बात ही नहीं करता। मैं खिलाड़ी हूं और भारत को सर्वोपरि रखा है। हर हिंदुस्तानी में भाई दिखता है और हम तिरंगे के बारे में ही सोचते हैं।’’
राजस्थान में मरूस्थल का द्वार कहे जाने वाले चुरू में आज तक एक ही बार गैर-जाट प्रत्याशी जीत सका है ।
राजनीति में पदार्पण का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि वह भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के नरेन्द्र मोदी के सपने में अंशदान करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दस साल में देश-विदेश में अपनी कार्यप्रणाली से मोदी जी ने भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। मुझे लगा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रधानमंत्री की मुहिम में छोटा सा भी योगदान दूंगा, तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खेलों की ही बात करें तो पिछले दस साल में भारत का ग्राफ कितना ऊंचा गया है। खेलो इंडिया, टॉप्स जैसी योजनाओं से खिलाड़ियों को बहुत मदद मिली और पदकों की संख्या में इजाफ़ा हुआ। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे अब जनसेवा करनी है, क्योंकि खेल को तो बाईस साल दे दिये हैं, जो बहुत लंबा समय है।’’
प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चुरू में विकास का कोई काम नहीं हुआ है और लोगों में काफी आक्रोश है ।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों में काफी रोष है कि जल जीवन मिशन योजना में कांग्रेस सरकार के दौरान काफी भ्रष्टाचार हुआ है। लोगों तक पीने का पानी नहीं पहुंच सका है। कनेक्टिविटी को लेकर किसानों और युवाओं के लिए काम करने की जरूरत है।’’
झाझड़िया ने कहा, ‘‘यहां पर्यटन का विकास हो सकता है। यहां सालासार, देवा, गोगामेड़ी जैसे कई धाम हैं, जिन्हें विकसित करने की जरूरत है। अब प्रदेश में भाजपा सरकार के आने से यहां तेजी से विकास कार्य हो सकते हैं।’’
यह पूछने पर कि मोदी सरकार से किसानों की कथित नाराजगी और किसान आंदोलन मतदान के वक्त एक अहम मसला होगा, झाझड़िया ने कहा कि किसान केंद्र सरकार की योजनाओं से खुश हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवासीय योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, शौचालयों का निर्माण इन सभी से लाभार्थी बहुत खुश हैं। मैं गांव-गांव घूम रहा हूं और किसान भी चाहते हैं कि मोदी-नीत सरकार बने।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मतदाता यह भी नहीं भूलेंगे कि कई पीढ़ियों के इंतजार के बाद रामलला को मोदी जी ने घर दिया। मैं (मतदाताओं से मिलने) जाता हूं तो जगह-जगह लोग जय श्रीराम के नारे लगाते हैं। मंदिर के उद्घाटन के समय मैं वहां था और सभी की आंखें भरी हुई थीं। लोगों के मन में यही भाव है।’’
यह पूछने पर कि राजनीति में सक्रिय होने पर क्या वह भारतीय पैरालम्पिक समिति को अध्यक्ष होने के नाते समय दे पायेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं पीसीआई का नेतृत्व और राजनीति दोनों साथ में कर सकता हूं। इसमें कोई परेशानी नहीं होगी।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘खिलाड़ी होने के नाते मेरी सोच सकारात्मक है और (मैं) ऊर्जावान रहता हूं। बतौर खिलाड़ी मिल रहा सम्मान मतों में जरूर तब्दील होगा। मैं चुरू में खिलाड़ियों को वे तमाम सुविधायें मुहैया कराऊंगा, जो अभी तक नहीं मिल सकी हैं।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 6 अप्रैल दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाला मामले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत शनिवार को 18 अप्रैल तक बढ़ा दी।
सिसोदिया को न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया और विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी।
सिसोदिया के सहयोगी और मामले में सह आरोपी संजय सिंह को हाल में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली है, वह भी सुनवायी के लिए अदालत के समक्ष पेश हुए।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति में सुधार करते वक्त अनियमितताएं हुईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस दिए गए।
सीबीआई ने सिसोदिया को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी से उत्पन्न धनशोधन मामले में सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 6 अप्रैल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता ने शनिवार को यहां एक अदालत में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें कथित घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ की अनुमति मांगी गई थी।
राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने कविता से तिहाड़ जेल में पूछताछ करने की सीबीआई को शुक्रवार को अनुमति दे दी थी। कविता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
सीबीआई ने न्यायिक हिरासत में कविता से पूछताछ करने की अदालत से अनुमति मांगी थी।
कविता की ओर से पेश वकील नितेश राणा ने अदालत से कहा कि सीबीआई ने ‘‘उनकी पीठ पीछे’’ याचिका दायर करके कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘मुझे गंभीर आशंका है कि अदालत से अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए सीबीआई ने सही तथ्यों का खुलासा नहीं किया होगा।’’
उन्होंने अदालत से कविता का पक्ष सुनने तक आदेश को स्थगित रखने का आग्रह किया।
अदालत उनकी याचिका पर संभवत: शनिवार अपराह्न सुनवाई करेगी।
कविता (46) ने अपने 16-वर्षीय बेटे की परीक्षाओं का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत पर उन्हें (कविता को) रिहा करने का बृहस्पतिवार को अदालत से अनुरोध किया था।
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता पर उस ‘साउथ ग्रुप’ की एक प्रमुख सदस्य होने का आरोप है, जिसने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के लाइसेंस का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करने के एवज में 100 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी।
कविता को पिछले मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
ईडी ने कविता को हैदराबाद स्थित उनके बंजारा हिल्स आवास से 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। (भाषा)
भारत के श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे लाखों युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बहुत कमजोर नजर आ रही हैं. एक नई रिपोर्ट ने युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी पर रोशनी डाली है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
जगदीश पाल उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से हैं और गणित में स्नातक हैं. 21 साल के जगदीश ने 2023 में एक निम्न श्रेणी की सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था. इस पद के लिए भी प्रतिस्पर्धा चरम पर थी. जगदीश पाल इस पद के लिए आवेदन करने वाले उन 75 हजार से ज्यादा लोगों में थे, जिनमें से कई के पास स्नातकोत्तर डिग्री थी और वो भी इस नौकरी को पाने की उम्मीद कर रहे थे. डीडब्ल्यू से बातचीत में जगदीश पाल कहते हैं, "मुझे पता था कि मैं नौकरी के लिए जरूरी योग्यता से कहीं ज्यादा योग्य हूं, लेकिन फिलहाल मेरे पास कोई नौकरी नहीं है. इसलिए मैंने आवेदन किया है."
भारत में कई युवा खुद को ऐसी ही स्थिति में पा रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. साल 2023 की चौथी तिमाही के दौरान इसमें 8.4 फीसदी वृद्धि हुई. लेकिन अर्थव्यवस्था में होने वाली यह वृद्धि उन लाखों युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करने में संघर्ष कर रही है, जो हर साल श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे हैं.
इस समस्या का एक कारण यह है कि पिछले कुछ दशकों में अधिकांश वृद्धि भारत के सेवा क्षेत्र के विस्तार की वजह से हुई है, जो कि विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में उतने रोजगार नहीं पैदा कर पाती है. इंग्लैंड के बाथ विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के विजिटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा ने डीडब्ल्यू को बताया, "समावेशी विकास के लिए जरूरी है कि तेजी से नौकरियां न सिर्फ उन्हें मिलें, जो वेतन और कौशल वितरण के शीर्ष पर हैं, बल्कि उन्हें भी मिलें जो सबसे निचले स्तर पर हैं."
स्नातक भी बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं
भारत में बेरोजगारी हर तरफ है. यहां तक कि कॉलेज ग्रेजुएट्स भी बड़ी संख्या में बेरोजगार हैं. हालांकि, कृषि और निर्माण क्षेत्र में नौकरियां काफी हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में उतने कुशल श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं जितनी उम्मीद की जाती है. यही वजह कि नव शिक्षित वर्ग श्रम क्षेत्र की मांगों को पूरा नहीं कर पा रहा है. यानी, उन क्षेत्रों में नौकरियां भी हैं और नौकरी चाहने वाले भी, लेकिन काम के हिसाब से योग्यता और कौशल की कमी है.
हाल ही में इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने 'इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024' जारी किया है. यह रिपोर्ट भी भारत में रोजगार की स्थिति को बहुत गंभीर रूप में पेश करती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जो बेरोजगार कार्यबल है, उनमें लगभग 83 फीसद युवा हैं.
कुल बेरोजगार भारतीयों में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की हिस्सेदारी साल 2000 में जहां 35.2 फीसद थी, वो साल 2022 में लगभग दोगुनी यानी 65.7 फीसद हो गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है, "भारत में युवा बेरोजगारी दर अब वैश्विक स्तर से कहीं ज्यादा है. भारतीय अर्थव्यवस्था नए शिक्षित युवाओं के लिए गैर-कृषि क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार पैदा करने में सक्षम नहीं है, जो बढ़ती बेरोजगारी दर में दिखता है."
एक बड़ा चुनावी मुद्दा
भारत में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 19 अप्रैल से शुरू होकर छह हफ्ते तक, सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं. जाहिर है, युवाओं में इतनी ज्यादा बेरोजगारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए एक बड़ी परेशानी है. मोदी प्रशासन ने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को अपने अभियान का मुख्य हिस्सा बनाया है.
पिछले तीन वर्षों में सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के तौर पर सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया है. इन तमाम प्रयासों के बावजूद, युवाओं के लिए रोजगार सृजन अपर्याप्त है जो कि आईएचडी/आईएलओ की रिपोर्ट से पता चल रहा है. डीडब्ल्यू से बातचीत में अर्थशास्त्री अरुण कुमार कहते हैं, "बेरोजगारी एक बहुआयामी समस्या है. विभिन्न मोर्चों पर नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है. यह मूल रूप से एक आर्थिक पक्ष है, लेकिन इसके कई सामाजिक और राजनीतिक आयाम भी हैं."
अरुण कुमार आगे कहते हैं, "पिछले तीन दशक में शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ भारतीय कार्यबल ज्यादा शिक्षित हुआ है, लेकिन उनके लिए नौकरियां ज्यादा नहीं बढ़ी हैं. यही कारण है कि शिक्षित युवाओं के लिए बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन गई है."
विपक्षी दलों ने इस समस्या के लिए मोदी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मोदी सरकार की इस उदासीनता का खामियाजा हमारे युवाओं को भुगतना पड़ रहा है...आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट निर्णायक रूप से कहती है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है."
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, विपक्ष बेरोजगारी को एक प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है और इसके खिलाफ अभियान चलाने की कोशिश में लगा है. भारत जैसे बड़ी युवा आबादी वाले देश में जहां 65 फीसद भारतीयों की उम्र 35 वर्ष से कम होने का अनुमान है, वहां निश्चित तौर पर बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है.
महिलाओं पर क्या असर है?
नौकरियों का संकट महिलाओं को खासतौर पर प्रभावित करता है. आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं में पुरुषों (62.2%) की तुलना में महिलाओं की हिस्सेदारी कहीं ज्यादा (76.7%) है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत उन देशों में से एक है जहां महिला श्रम बल भागीदारी दर दुनिया में सबसे कम, करीब 25 फीसदी है.
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी की वरिष्ठ अर्थशास्त्री लेखा चक्रवर्ती कहती हैं कि भारत में शिक्षितों, खासकर महिलाओं के बीच बेरोजगारी एक महत्वपूर्ण समस्या है. वह बताती हैं, "यह तीन कारणों से है- व्यापक 'केयर इकोनॉमी' वाली बुनियादी ढांचे की नीतियों की कमी, कठोर सामाजिक मानदंड और पर्याप्त कौशल की कमी. यदि हम व्यापक आर्थिक नीतियों में केयर इकोनॉमी को शामिल करते हैं, तो देश के समग्र आर्थिक हितों में वृद्धि होगी. महिलाओं और हाशिए पर मौजूद सामाजिक समूहों के विरुद्ध श्रम बाजार में भेदभाव जैसे मामलों को दुरुस्त करने के लिए ठोस उपायों की जरूरत है." (dw.com)
चुनाव से चंद हफ्ते पहले भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने विपक्ष में नई जान फूंक दी है. विपक्ष ने बीजेपी पर "सरकारी एजेंसियों का हथियार की तरह इस्तेमाल" करने का आरोप लगाया है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में खड़ा हो गया है. भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के अलावा पार्टी प्रमुख केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था.
भारत में आम चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक चलेंगे. इसके लिए पार्टियों का चुनावी अभियान जोरों पर चल रहा था कि केजरीवाल गिरफ्तार कर लिए गए. आप का कहना है कि केजरीवाल पर लगे आरोप, बीजेपी के विरोधियों को कुचलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीति प्रेरित हथकंडा है.
मोदी के खिलाफ एकजुट विपक्ष
फरवरी में आप ने इंडिया गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था. इंडिया ब्लॉक की अगुवाई भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस कर रही है, जो चुनावों में बीजेपी को एक विश्वसनीय चुनौती देने को तत्पर है.
गठबंधन में दर्जनों राजनीतिक दल शामिल हैं, लेकिन आप और कांग्रेस का दबदबा सबसे ज्यादा है. पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई 'लोकतंत्र बचाओ' रैली में विपक्षी नेताओं ने नरेंद्र मोदी पर भारत की संघीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया कि बीजेपी चुनावों को अपने पक्ष में फिक्स करने की कोशिश कर रही है.
राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चुनावों में मैच फिक्सिंग की कोशिश कर रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, मैच फिक्सिंग, सोशल मीडिया और प्रेस पर दबाव डाले बिना वो 180 से ज्यादा सीटें जीत ही नहीं सकते."
राजनीतिविज्ञानी जोया हसन के मुताबिक, रैली से पता चलता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी ने किस तरह विपक्षी पार्टियों में नई ऊर्जा भर दी है. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "सवाल उस आबकारी नीति की खासियतों या गुणों का नहीं है, जिसकी वजह से केजरीवाल गिरफ्तार किए गए. ऐन चुनावों के वक्त उनकी गिरफ्तारी की टाइमिंग राजनीतिक प्रक्रिया को नष्ट और समान भागीदारी के अवसर को ध्वस्त कर देती है."
विपक्ष कर पाएगा मतदाताओं को लामबंद ?
विपक्षी दलों के लिए बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल का मामला मतदाताओं में सहानुभूति जगाएगा या नहीं. केजरीवाल की भूमिका की तुलना अमेरिका में गर्वनर से की जा सकती है या जर्मनी में किसी प्रांत के प्रीमियर (प्रधानमंत्री) से. दिल्ली महानगर भारत के उन चुनिंदा हिस्सों में से है, जहां मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी बीजेपी को बढ़त हासिल नहीं है.
पिछले दशक से मतदाताओं ने विधानसभा चुनावों में आप का समर्थन किया है. वे केजरीवाल की कल्याणकारी राजनीति पसंद करते हैं, जिसके तहत आप की सरकार ने अच्छी गुणवत्ता वाले सरकारी स्कूलों, परिष्कृत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और मुफ्त बिजली का वादा किया है. हालांकि, संसदीय चुनावों में आप का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.
एक वरिष्ठ आप नेता ने डीडब्ल्यू से कहा, "ये हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी संसदीय चुनावों में हमें फायदा ही पहुंचाएगी. किसी कारणवश केजरीवाल चुनाव प्रचार न कर पाए, तो हम लोगों के बीच जाकर ये बताएंगे कि बीजेपी किस तरह राजनीतिक मैदान से विपक्ष को बाहर रखना चाहती है."
2019 के चुनावों में बीजेपी ने लोकसभा की 543 में से 303 सीटें जीती थीं. उसे यकीन है कि 2024 में भी उसी की सरकार बनेगी. 1 अप्रैल को राजस्थान की एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा, "ये चुनाव भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए है. ये पहला चुनाव है, जिसमें तमाम भ्रष्ट व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए एक साथ आ गए हैं."
बीजेपी प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने डीडब्ल्यू को बताया, "इंडिया ब्लॉक की इस दिखावटी एकजुटता में कोई जोर नहीं, खासतौर पर जबकि पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब जैसे राज्यों में उनके बीच एकता नहीं है. बीजेपी लोगों की पहली और विश्वसनीय पसंद है."
बीजेपी का गलत कार्रवाई से इंकार
दिल्ली स्थित पब्लिक पॉलिसी की जानकार यामिनी अय्यर ने डीडब्ल्यू को बताया कि "विपक्षी नेताओं को असंगत ढंग से निशाना बनाने और विरोध को आपराधिक बना देने के लिए" बीजेपी जांच एजेंसियो, टैक्स कानूनों, देशद्रोह कानूनों, आतंक निरोधी कानूनों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की विदेशी फंडिंग को रेगुलेट करने वाले कानूनों को "व्यवस्थागत ढंग से हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है." वह आगे कहती हैं, "इसकी सबसे खुल्लमखुल्ला मिसाल लोकप्रिय विपक्षी नेता केजरीवाल की गिरफ्तारी है."
इनमें से एक जांच संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) है, जो बड़े स्तर के आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली संघीय एजेंसी है. सार्वजनिक रूप से बीजेपी इस मामले पर हमलावर है. केजरीवाल के खिलाफ किसी राजनीतिक एजेंडा से भी उसने इंकार किया है. पार्टी का मानना है कि ईडी पूरी तरह से स्वतंत्र है और ये एजेंसियां सरकार से अलग हैं और महज भ्रष्टाचार मिटाने का अपना काम कर रही है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने डीडब्ल्यू को बताया, "ये मुद्दा प्रवर्तन निदेशालय और न्यायपालिका के बीच का है और कानून अपना काम करेगा. अदालत मामले की निगरानी कर रही है. और विपक्षी दलों के आरोप के बारे में टिप्पणी करना अनुचित होगा."
2014 में जबसे मोदी ने सत्ता संभाली, ईडी भारत की सबसे ज्यादा डराने वाली एजेंसियों में से एक बन गई है. मनी लॉन्ड्रिंग के 3,000 से ज्यादा मामलों में उसने छापा मारा, लेकिन सिर्फ 54 मामलों में सजा दिला पाई है. एजेंसी ने दर्जनों विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया है. हालांकि, कुछ बीजेपी नेता खुद कानूनी जांच के घेरे में हैं.
विवादास्पद इलेक्टोरल बॉन्डों के जरिए पिछले महीने जो तथ्य सामने आए हैं, उसने परेशान-हाल इंडिया ब्लॉक को राजनीति का एक अप्रत्याशित और बहुत जरूरी चर्चा बिंदु सौंप दिया है. ज्यादातर बॉन्ड बीजेपी को हासिल हुए थे.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल कहते हैं, "बीजेपी ने भारतीय लोकतंत्र और नागरिक समाज को नीचा दिखाने के लिए अपने नियंत्रण वाली एजेंसियों का दुरुपयोग किया है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था." मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी को 2020 में भारत में जबरन अपना काम बंद करना पड़ा था. सरकार ने उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे, जिसे एमनेस्टी ने "भारत में सिविल सोसायटी का दमन" करार दिया था. (dw.com)
चेन्नई, 6 अप्रैल । तमिलनाडु वन विभाग ने 2 अप्रैल को मयिलादुथुराई शहर के पास देखे गए तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। वन विभाग ने तेरह टीमें गठित की हैं। हालांकि, तेंदुए का शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी कोई पता नहीं चल पाया है।
विभाग ने तेंदुए का पता लगाने के लिए एक इंफ्रारेड ड्रोन भी तैनात किया है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
वन अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि जानवर के पग चिह्न अरोकियाथापुरम गांव में पाए गए हैं। विभाग ने मयिलादुथुराई और आसपास के गांवों अरोकियाथापुरम, सेमंगुलम, ऊरकुडी और सीथारकाडु में 16 कैमरे लगाए हैं।
ग्रामीणों ने गुरुवार रात सीतारकुडी गांव में कथित तौर पर तेंदुए द्वारा मारी गई एक बकरी का शव देखा था। वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि बकरी को तेंदुए ने ही मारा है।
तेंदुए के चलते मयिलादुथुराई और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और जिन स्कूलों में दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की गई हैं, उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है।
इस बीच, मयिलादुथुराई जिला कलेक्टर, ए.पी. महाभारती ने लोगों से विशेष टीमों की गतिविधियों को बाधित न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने शोर मचाया था और कहा कि इससे तलाशी अभियान बाधित होगा।
(आईएएनएस)
गुवाहाटी, 6 अप्रैल । असम के भाजपा मंत्री जयंत मल्लबरुआ ने शनिवार को राज्य कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा को "जोकर" कहा और कहा कि वह लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल होने की सोच रहे हैं। इससे विवाद पैदा हो गया है।
मल्लाबरुआ ने शनिवार को आईएएनएस से कहा, “हमें भूपेन बोरा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देना चाहिए। वह राज्य की राजनीति में एक जोकर हैं। कांग्रेस नेता चुनाव के नाम पर चंदा इकट्ठा करने में व्यस्त हैं। यह काम पूरा हो जाने के बाद, वह भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
भूपेन बोरा ने हाल ही में दावा किया था कि भाजपा के शीर्ष नेता चार महीनों के भीतर असम में मुख्यमंत्री बदल देंगे।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मल्लाबरुआ ने कहा कि किसी को बोरा की टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
मल्लाबरुआ ने कहा, राज्य में कांग्रेस की स्थिति दयनीय है। वे असम की हर सीट हारने जा रहे हैं। इसीलिए भूपेन बोरा बातें बना रहे हैं।''
मल्लाबरुआ भाजपा उम्मीदवार प्रदान बरुआ के लिए लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं।
कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व सांसद रानी नाराह की जगह बीजेपी से आए उदय शंकर हजारिका को मैदान में उतारा है।
हजारिका ने छह महीने पहले पाला बदल लिया था।
हाल ही में, रानी नाराह के पति और छह बार के कांग्रेस विधायक, भरत नाराह ने अपनी पत्नी को लोकसभा टिकट से वंचित किए जाने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
(आईएएनएस)
पटना, 6 अप्रैल । बिहार में विधान पार्षद हों या विधायक, सभी को दिल्ली पसंद आ रहा है। यही कारण है कि विधायक से लेकर विधान पार्षद तक इस लोकसभा चुनाव के मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। इतना ही नहीं, राज्यसभा सांसदों की इच्छा भी लोकसभा पहुंचने की है। यही कारण है कि ऐसे सांसद भी लोकसभा जाने के लिए चुनावी मैदान में उतर गए हैं या उतरने वाले हैं।
बिहार में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत एनडीए का मुख्य मुकाबला विपक्षी दलों के महागठबंधन से माना जा रहा है। महागठबंधन में सीट बंटवारा तो हो गया, लेकिन पार्टियां अब तक उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर सकी हैं। ऐसे में महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के सांसद बनने की इच्छा रखने वाले विधायक अभी प्रतीक्षा में हैं।
इस चुनाव में राज्यसभा के दो सदस्य अभी तक मैदान में उतर चुके हैं। पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से राज्यसभा सदस्य मीसा भारती प्रचार में जुट गई हैं, तो एनडीए की ओर से भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर भी नवादा क्षेत्र से लोकसभा पहुंचने की उम्मीद पाले चुनावी मैदान में उतरे हैं।
राजद पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी, लेकिन इस चुनाव में वह विधायकों के जरिये अपने चुनावी परिणाम को सुधारना चाहती है।
राजद ने गया से विधायक कुमार सर्वजीत को चुनावी मैदान में उतारा है, तो बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव को जहानाबाद से प्रत्याशी बनाया है। राजद ने विधायक ललित यादव को दरभंगा लोकसभा सीट से उतारने का मन बना लिया है, जबकि विधायक आलोक मेहता को उजियारपुर से चुनाव मैदान में उतारा है।
इधर, पूर्व कृषि मंत्री और रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से चुनावी मैदान में हैं। राजद ने हालांकि अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन कई प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया गया है और वो चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
इसी तरह, पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को मधेपुरा से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है। जदयू विधायक रही बीमा भारती को भी राजद ने पूर्णिया से चुनावी मैदान में उतार दिया है।
इधर, भाकपा माले ने पालीगंज से विधायक संदीप सौरभ को नालंदा लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जबकि तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद आरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को जदयू ने सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है।
(आईएएनएस)
पटना, 6 अप्रैल । बिहार जनता दल यूनाइटेड ने शनिवार को परिवारवाद को लेकर जहां राजद और कांग्रेस पर तंज कसा, तो वहीं प्रत्याशी घोषित नहीं करने पर कांग्रेस को घेरा।
चुनाव में दोनों पक्ष परिवारवाद को लेकर एक दूसरे को आइना दिखाने में जुटे हैं। ऐसे में जदयू ने एक बार फिर परिवारवाद को लेकर राजद और कांग्रेस पर तंज कसा है। जदयू के प्रवक्ता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि घर में उम्मीदवार, पूरे शहर में ढिंढोरा।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस पार्टी को 9 सीटें मिली हैं। तीन सीटों के लिए उन्होंने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, शेष छह बची हुई हैं। कुमार ने कहा कि उन्हें सीटों की अदला-बदली कर लेनी चाहिए। क्योंकि, लालू प्रसाद के परिवार के 12 सदस्यों में से छह का तो समायोजन हो गया है। कोई पार्टी का अध्यक्ष है, कोई प्रतिपक्ष का नेता, कोई विधान परिषद में विपक्ष का नेता, कोई राज्यसभा सांसद, तो कोई लोकसभा प्रत्याशी है। शेष छह प्रतीक्षा सूची में हैं, इन सभी को कन्फर्म कर दीजिए।
उन्होंने आगे कहा कि इससे अच्छा अवसर आपको नहीं मिलेगा। आपके परिवार में 100 परसेंट लोगों को पॉलिटिकल जॉब मिल जाएगा।
(आईएएनएस)