खेल
बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए न चुने जाने पर तीन महिला मुक्केबाजों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
महिला बॉक्सिंग की मौजूदा तीन चैंपियनों मंजू रानी, शिखा नरवाल और पूनम पूनिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में नेशनल बॉक्सिंग फेडरेशन को चुनौती देते हुए पूछा है कि चैंपियनशिप के लिए उनका चयन क्यों नहीं हुआ.
दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला बॉक्सरों की याचिका मंजूर कर ली है. मंगलवार को इस पर सुनवाई होगी.
महिला मुक्केबाजों ने अपनी याचिका में कहा है कि दिसंबर 2022 में भोपाल में आयोजित चैंपियनशिप के सभी गोल्ड मेडल विजेताओं को चुना गया है. उन्होंने भी गोल्ड मेडल जीता था लेकिन उन्हें क्यों नहीं चुना गया?
याचिका में कहा गया है, ‘’ याचिकादाता महिला बॉक्सरों ने संबंधित अधिकारियों से अपने नामों पर विचार करने की मांग की थी लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
2019 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली मंजू रानी ने कहा, ‘’जब राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने वाली नौ अन्य महिला बॉक्सरों का चयन सीधे हो सकता है तो फिर उनका क्यों नहीं.‘’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ उन्होंने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से इस पर सफाई मांगी थी लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. (bbc.com/hindi)
वेटलिफ़्टर मीराबाई चनू ने 2022 का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीत लिया है. चनू को पब्लिक वोटिंग के नतीजे आने के बाद विजेता घोषित किया गया.
2021 का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड भी उन्होंने ही जीता था.
मणिपुर में पैदा हुईं चनू ने बचपन में जलावन के लिए लकड़ी इकट्ठा करते हुए वेटलिफ़्टिंग के गुर सीखने शुरू कर दिए थे.
साल 2020 में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग का सिल्वर मेडल जीता था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं.
इसके बाद 2022 में इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने वेटलिफ़्टिंग का गोल्ड मेडल जीता. इसी साल आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता.
नई दिल्ली में आयोजित अवॉर्ड समारोह में पुरस्कार लेने के बाद मीराबाई चनू ने कहा, "शुक्रिया बीबीसी, एक बार फिर से ये अवॉर्ड देने के लिए. इस अवॉर्ड के लिए मैं अपने कोच, परिवार, फेडरेशन और सभी को धन्यवाद कहना चाहती हूं."
उन्होंने कहा, "मई में मेरा कंपटीशन है इसलिए मैं नहीं आ पाई, लेकिन मैं एक चीज़ कहना चाहती हूं कि एशियन गेम्स आने वाले हैं और इंडिया के लिए एक और मेडल लाने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगी."लड़कियों के खेल में जाने और वेटलिफ़्टिंग करने की चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि वेटलिफ़्टिंग में जाने से लड़कियों की बॉडी ख़राब होती है लेकिन मैं पहले भी ऐसी थी और अब भी ऐसी हूं. हमें इस सोच को बदलना होगा. जब से लड़कियां मेडल लाई हैं काफ़ी बदलाव आया है. परिवार भी बहुत चिंतित होता था लेकिन अब काफ़ी बदलाव आए हैं."
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड 2022 के लिए जिन महिला खिलाड़ियों के नाम शॉर्टलिस्ट किए गए थे उनमें रेसलर विनेश फोगाट और साक्षी मलिक, बॉक्सर निख़त ज़रीन और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु शामिल थीं.
पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर बनीं भाविना पटेल
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड में पहली बार शामिल बीबीसी इंडियन पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर कैटेगरी में पुरस्कार जीता भाविना पटेल ने.
पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने 2020 में टोक्यो में आयोजित पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था. ऐसा करने वाली वह भारत की पहली पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी थीं.
भाविना पटेल ने 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था.
भाविना पटेल ने कहा, "ये प्रतिष्ठित पुरस्कार महिलाओं और खिलाड़ियों को सशक्त बनाने की ज़बरदस्त पहल का हिस्सा है और इसे जीतना सच में सुकून देने वाला अहसास है. बीबीसी ने पैरा स्पोर्ट्स और भारत को और समावेशी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है, ये काबिले तारीफ़ है."
उन्होंने कहा, "मैं गुज़ारिश करती हूं कि ज़मीनी स्तर पर खिलाड़ियों की मदद की जाए, क्योंकि एक बार आप मेडल जीत लेते हैं तो सुविधाएं मिलने लगती हैं लेकिन शुरुआत में ऐसे लोगों की मदद करना बहुत ज़रूरी है जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं."
अवॉर्ड समारोह में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान प्रीतम सिवाच को बीबीसी लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया.
उन्हें भारतीय खेलों में उनके योगदान और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए ये अवॉर्ड दिया गया.
अवॉर्ड जीतने पर उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैं बीबीसी को धन्यवाद करती हूं कि इस अवॉर्ड से महिलाओं को नवाज़ा जा रहा है. जब मैं गांव में थी तो मुझे ज़्यादा सुविधाएं नहीं थीं. हरियाणा में आज भी बहुत सारे गांव ऐसे हैं, जहां पर लड़कियां खेलना चाहती हैं लेकिन अभी भी नहीं खेल पाती हैं."
सिवाच ने कहा, "हॉकी खेलने के बाद मैंने सोचा कि मैं एकेडमी बनाऊं, ताकि जो मुश्किलें मुझे आई हैं वो दूसरी लड़कियों को न आएं. आज सोनीपत में जो मैं एकेडमी चलाती हूं, उसमें 200 लड़कियां हैं. बीस साल पहले जब मैंने शुरू किया तो मेरे पास कुछ भी नहीं था, लेकिन मेरी एक ही सोच थी कि मैं यहां से प्लेयर तैयार करूं."
सिवाच देश की पहली महिला हॉकी कोच हैं जिन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल कोच को दिया जाता है.
बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड
बॉक्सर नीतू घनघस को बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड के लिए चुना गया है.
अवॉर्ड जीतने पर नीतू घनघस ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि इस साल मुझे बीबीसी ने इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड दिया है. ऐसे अवॉर्ड हम महिला खिलाड़ियों को और भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए हौसला देते हैं."
"पिछले साल मैं इस कार्यक्रम में गेस्ट बनकर आई थी और इस साल बीबीसी ने मुझे सम्मानित किया है. ये बहुत ही अच्छा अनुभव है. अब सारा ज़ोर अगले साल होने वाले ओलंपिक की तैयारी पर है, जिसके लिए आपकी शुभकामनाओं की ज़रूरत है."
वो दो बार यूथ वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीत चुकी हैं. 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स के मिनिमम वेट कैटेगरी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था.
बीबीसी चेंजमेकर ऑफ़ द ईयर अवार्ड
लवली चौबे, रूपा रानी तिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया को बीबीसी चेंजमेकर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड से नवाज़ा गया है.
इन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल्स वुमेन टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. ये इस खेल में भारत का पहला मेडल था.
फ़ाइनल में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ़्रीका को 17-10 से मात दी थी. लॉन बॉल एक तरह का बॉलिंग गेम है. इसकी शुरुआत इंग्लैंड में तेरहवीं शताब्दी में हुई और इसके औपचारिक नियम और क़ानून 18वीं सदी के अंत में बने.
लॉन बॉल खेल की शुरुआत भारत में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से माना जाता है. आज लगभग 40 देशों में ये खेल खेला जाता है. लॉन बॉल के इवेंट्स कॉमनवेल्थ गेम्स में तो होते हैं लेकिन अभी इसे ओलंपिक्स और एशियन गेम्स में जगह नहीं मिली है.
हालांकि 1966 को छोड़कर हर कॉमनवेल्थ गेम्स में इस खेल को शामिल किया गया है.
स्पेशल ट्रॉफ़ी
95 साल की भगवानी देवी और 106 साल की रामबाई को संयुक्त रूप से उनकी उपलब्धियों के लिए स्पेशल ट्रॉफ़ी से नवाज़ा गया.
2022 में फिनलैंड के शहर टेंपेरे में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 100 मीटर स्प्रिंट में भगवानी देवी ने गोल्ड मेडल जीता था.
35 साल की अधिक उम्र वाले एथलीटों के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में भगवानी देवी ने शॉट पुट में भी कांस्य पदक जीता था.
वहीं रामबाई ने 2022 में वडोदरा में आयोजित नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था.
'मीराबाई चनू को बधाई'
बीबीसी न्यूज़ के डिप्टी सीईओ और डायरेक्टर ऑफ़ जर्नलिज़्म जोनाथन मुनरो ने इस अवॉर्ड समारोह में शामिल होने पर खुशी जताई. उन्होंने लगातार दूसरी बार बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीतने पर मीराबाई चनू को बधाई दी.
उन्होंने कहा, "मैं इस साल के अवॉर्ड में बीबीसी इंडियन पैरा स्पोर्ट्सवुमन कैटेगरी को शामिल किए जाने को लेकर ख़ास तौर पर खुश हूं."
बीबीसी न्यूज़ इंटरनेशनल सर्विसेस और बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की डायरेक्टर लिलियन लैंडोर कहती हैं, "इस अवॉर्ड के लिए नामांकित होने वाली सभी महिला खिलाड़ियों ने भारत में खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
लिलियन लैंडोर कहती हैं, "मुझे उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने में गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने बेहतरीन प्रतिभा, दमखम और खेल के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है. भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के खेल जगत के लिए उन्होंने शानदार उदाहरण पेश किया है."
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड की शुरुआत साल 2019 में हुई थी. इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर खेल के क्षेत्र में अपने नाम की छाप छोड़ने वाली भारतीय महिला खिलाड़ियों को सम्मानित करना और उनके जीवन की चुनौतियों की कहानियों को सामने लाना है.
इस साल फरवरी में बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड के लिए पांच दावेदारों के नामों की घोषणा की गई थी, जिसके बाद पॉपुलर वोट से विजेता का फ़ैसला हुआ.
पाँच दावेदारों का चुनाव एक ज्यूरी के ज़रिए किया गया था जिसमें जाने-माने खेल पत्रकार, लेखक और एक्सपर्ट शामिल थे.
मीराबाई चनू
वेटलिफ़्टिंग चैम्पियन मीराबाई चनू ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर खेलों के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया.
इसके बाद वे वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप 2022 में सिल्वर और बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीतीं.
2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भार नहीं उठा सकने के बाद खेलों को लगभग अलविदा कर चुकीं मीराबाई ने वहाँ से एक लंबा सफ़र तय किया है.
उन्होंने वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप 2017 में गोल्ड मेडल जीत कर अपनी योग्यता साबित की.
देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में चाय बेचने वाले पिता के घर में पैदा हुईं मीराबाई चनू को अपने खेल करियर के शुरुआती चरण में बहुत अधिक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा.
लेकिन वे सभी बाधाओं को सफलतापूर्वक पार करती हुई चैंपियन बनीं.
साक्षी मलिक
साक्षी मलिक ओलंपिक में मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला कुश्ती खिलाड़ी हैं.
उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में 58 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल करके यह इतिहास रचा था. वे ओलंपिक मेडल जीतने वालीं चौथी भारतीय महिला खिलाड़ीं बनी थीं.
साक्षी को हमेशा से खेलों में दिलचस्पी थी और जब ये पता चला कि उनके दादा भी एक पहलवान थे तो उन्हें इससे और प्रेरणा मिली.
रियो ओलंपिक में लाजवाब प्रदर्शन करने के बाद साक्षी का करियर एकदम से औंधेमुंह नीचे की ओर चला गया लेकिन उन्होंने 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर चौंका देने वाली वापसी की.
साक्षी मलिक पहले भी कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं.
विनेश फोगाट
कुश्ती में विनेश फोगाट दो वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं.
वे कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स दोनों में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान भी हैं.
विनेश कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीन गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं, हालांकि ये मेडल अलग-अलग भार वर्ग में आए थे. कॉमनवेल्थ गेम्स में वे बीते वर्ष 2022 में 53 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीती थीं.
विनेश महिला पहलवानों के उस परिवार से आती हैं जहाँ उनकी चचेरी बहनें गीता और बबीता फोगाट ने भी कई अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं.
पीवी सिंधु
बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट सिंधु (पीवी सिंधु) ओलंपिक खेलों में दो मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं.
टोक्यो में मिला कांस्य उनका दूसरा ओलंपिक मेडल था- वे रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर जीती थीं.
सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता था. इससे पहले सिंधु ने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ़) वर्ल्ड टूर फ़ाइनल्स 2021 में सिल्वर मेडल जीता था.
सिंधु ने 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनने का ऐतिहासिक कारनामा किया था. वे सितंबर 2012 को 17 साल की उम्र में ही बीडब्ल्यूएफ़ वर्ल्ड रैंकिंग के टॉप-20 खिलाड़ियों में पहुँच गईं थीं.
2019 में उन्होंने सर्वाधिक वोट हासिल कर पहला बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीता था.
निख़त ज़रीन
2011 में जूनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत चुकीं निख़त ज़रीन महिलाओं की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.
निख़त बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के फ़्लाइवेट वर्ग मुक्केबाज़ी में भी गोल्ड जीतीं.
उन्होंने 2022 का अंत भारत में नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ किया. ज़रीन को उनके पिता ने इस खेल में डाला क्योंकि वे अपनी ऊर्जावान बेटी की ताक़त को दिशा देना चाहते थे.
12 साल की उम्र में बॉक्सिंग के कारण आंखों के चारों ओर हुए काले धब्बों पर रिश्तेदारों के व्यंग्य से उनकी मां चिंतित नहीं हुईं.
निख़त के पिता ने उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया. तब से निख़त ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. (bbc.com/hindi)
डब्ल्यूपीएल के दूसरे मुक़ाबले में दिल्ली कैपिटल्स ने रॉय चैलेंजर बैंगलोर की टीम को 60 रनों से हरा दिया है.
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए दिल्ली कैपिटल्स ने निर्धारित बीस ओवरों में दो विकेट के नुक़सान पर 223 रन बनाए थे. जवाब में आरसीबी की टीम बीस ओवरों में 8 विकेट खोकर 163 रन ही बना सकी.
डीसी की तरफ से ओपनिंग करने आईं मेग लैनिंग ने 72 और शैफ़ाली वर्मा ने 84 रनों की पारी खेली. दोनों ने पहले विकेट के लिए 162 रनों की साझेदारी की.
इसके बाद मारीज़ेन कैप ने नाबाद 39 और जेमिमा रोड्रिगेज़ ने नाबाद 22 रन बनाए.
आरसीबी की तरफ़ से कोई भी गेंदबाज़ अपना असर नहीं छोड़ सकीं.
आरसीबी की तरफ़ से कप्तान स्मृति मंधाना ने ओपनिंग करते हुए 35 रनों की पारी खेली, वहीं दूसरी ओपनर सोफी डेविन सिर्फ़ 14 रन बनाकर आउट हो गईं.
आरसीबी की टीम बीस ओवरों में सिर्फ़ 163 रन ही बना सकी.
हार के बाद आरसीबी की कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा, "हम ऐसी शुरुआत नहीं चाहते थे. हमने 20-30 अतिरिक्त रन ख़र्च कर दिए. हम अगले मैच के लिए अपनी योजना के बारे में सोचेंगे और कल और मज़बूत होकर सामने आएंगे." (bbc.com/hindi)
-मनोज चतुर्वेदी
मुंबई, 5 मार्च । मुंबई इंडियंस और उसकी कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए वीमेंस प्रीमियर लीग में इससे अच्छी शुरुआत और क्या हो सकती है. हरमनप्रीत कौर की गुजरात जायंट्स पर 143 रन की जीत का रिकॉर्ड इस लीग में शायद ही टूटे.
मुंबई इंडियंस ने इस जीत के दौरान दिखाया कि जितना दम उनकी बल्लेबाज़ी में है, उतना ही उनकी गेंदबाज़ी में भी गहराई है. उनका यह प्रदर्शन इस लीग में भाग लेने वाली बाकी टीमों के लिए भी चेतावनी है कि उनसे पार पाना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होगा.
गुजरात जायंट्स की इस बड़ी हार में उसका 208 रन के विशाल लक्ष्य से बने दवाब से कभी भी नहीं उभर पाना प्रमुख रहा.
इसके अलावा इस टीम की बल्लेबाज़ी की जान कप्तान बेथ मूनी और गार्डनर हैं. दोनों का मैच में कुछ नहीं कर पाना बाकी बैटर्स को लड़ने के लिए प्रेरित नहीं कर सका.
मूनी रन लेने के लिए दौड़ते समय घुटना चोटिल करा बैठीं और उन्हें लौटना पड़ा. वहीं गार्डनर खाता खोले बग़ैर पवेलियन लौट गई.
गुजरात जायंट्स के समर्पण की वजह से पहले 7.4 ओवर में ही मैच का फ़ैसला तय हो गया था, क्योंकि इस समय तक 23 रन पर सात विकेट निकल गए थे. वह तो हेमलता की नाबाद 29 रन की पारी के स्कोर को 64 रन तक खींचने में सफल हो गई.
साइका की फिरकी है दमदार
इस जीत के लिए जितना कप्तान हरमनप्रीत की बल्लेबाज़ी को याद किया जाएगा, उतना ही लेफ्ट आर्म स्पिनर साइका ईशाक को भी याद किया जाएगा. इस गेंदबाज़ ने अपने पहले ही मैच में जो प्रभाव छोड़ा है, उसका असर आने वाले मैचों में भी देखने को मिलेगा.
साइका ने 3.1 ओवर की गेंदबाज़ी में 11 रन देकर चार विकेट निकाले और एक ओवर मेडन भी फेंका.
सही मायनों में मुंबई इंडियंस के गेंदबाज़ी अटैक में बहुत गहराई है. नेट सीवर के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए प्रदर्शन से सभी वाकिफ हैं और उन्होंने आज भी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करके दो ओवरों में पांच रन देकर दो विकेट निकाले.
इसके अलावा इसी वोंग ने भी अपनी गति से प्रभावित किया है. वहीं कलिता भी अनुभव पाने के साथ गेंदबाज़ी में पैनापन ला सकती है.
हरमनप्रीत की आक्रामकता के क्या कहने
मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर को जिस आक्रामक अंदाज़ के लिए जाना जाता है, उनका वह अंदाज़ वीमेन प्रीमियर लीग के पहले ही मैच में दर्शकों को देखने को मिल गया.
ऐसा लग रहा था कि वो पिछले दिनों दक्षिण अफ़्रीका में महिला विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेली अर्धशतकीय पारी को ही आगे बढ़ा रहीं हैं.
वहीं हरमनप्रीत कौर जिस अंदाज़ में चौकों पर चौके लगा रहीं थीं, उससे गुजरात जायंट्स के गेंदबाज़ों पर दवाब साफ देखा जा सकता था.
हरमनप्रीत के बारे में माना जाता है कि वह लेग स्पिनर गेंदबाज़ी को खेलना पसंद करती हैं और इन गेंदबाज़ों पर वो खुलकर स्वीप शॉट खेलना पसंद करती हैं. इसलिए वेयरहम के गेंदबाज़ी का सामना करते हुए उन्होंने स्वीप से दो चौके लगाकर अपने हाथ खोले.
इस ओवर में उनकी जोड़ीदार अमेलिया केर ने एक चौका लगाकर आगे बराबरी से साथ देने का संकेत दिया.
हरमनप्रीत ने जिस तरह से चौके लगाकर अपना खेल पर दबदबा बनाया, वह इस वीमेन प्रीमियर लीग की बाकी टीमों को यह जताने में सफल हो गई हैं कि उनकी टीम से सभी को सतर्क रहना होगा, क्योंकि उनके खेलने का अंदाज़ किसी पर भी कहर ढा सकता है.
हरमनप्रीत और अमेलिया की जोड़ी ने स्पिनर हों या मध्यम तेज़ गेंदबाज़ किसी को भी नहीं बख़्शा और सभी की एक ही अंदाज़ में धुनाई की.
हरमनप्रीत कौर ने शुरू से आख़िर तक आक्रामक रुख़ अपनाकर मात्र 22 गेंदों में इस लीग का पहला अर्धशतक बनाने वाली बैटर बन गई. इस समय तक उनका स्ट्राइक रेट 231.81 का था. इससे उनकी पारी की आक्रामकता को समझा जा सकता है. इसमें उन्होंने 11 चौके लगाए थे.
स्नेह राणा की गेंद पर हेमलता के हाथों कैच होने से पहले हरमनप्रीत कौर ने 65 रन बनाकर टीम को मज़बूती दिला दी थी. उन्होंने 30 गेंदों में 14 चौके लगाए और उनका स्ट्राइक रेट 216.66 रहा.
कप्तानी के दायित्व वाली इस पारी का ही कमाल था कि मुंबई इंडियंस अपने पहले ही मैच में 200 रनों के आंकड़े को पार करने में सफल हो गई.
अमेलिया का ऑलराउंड प्रदर्शन
बाएं हाथ की मध्यम तेज़ गेंदबाज़ मोनिका पटेल के आक्रमण पर आने पर अमेलिया ने चौका लगाकर स्वागत किया तो हरमनप्रीत कौर ने आख़िरी चार गेंदों पर चौका लगाकर इस ओवर में 21 रन बनाकर यह जता दिया कि उनके इरादे क्या हैं.
अमेलिया केर ने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि इस लीग में उनके भी चर्चे होने वाले हैं. वह ज़रूरत पड़ने पर खुलकर खेलना जानती हैं.
हरमनप्रीत कौर के साथ खेलते समय वह उनकी सहयोगी की भूमिका रहीं. पर उनके आउट होते ही उन्होंने मोर्चा संभाल लिया और रनों की रफ्तार कभी थमने नहीं दी.
वह भले ही इस लीग के पहले मैच में अपने नाम अर्धशतक दर्ज नहीं करा सकीं लेकिन वो 45 रन बनाकर नाबाद रहीं. उन्होंने छह चौके और एक छक्का लगाया और उनका स्ट्राइक रेट 187.50 का रहा.
अमेलिया ने बल्लेबाज़ी में जौहर दिखाने के बाद गेंदबाज़ी में भी अपना दबदबा दिखाया. वह जिस तरह से गेंदबाज़ी कर रहीं थीं, उसे देखकर लग रहा था कि बैटर्स को उनका सामना करने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने दो ओवरों में 12 रन देकर दो विकेट निकाले.
सिक्सर क्वीन मैथ्यूज़
हेली मैथ्यूज़ ने पारी की शुरुआत में ही यस्तिका भाटिया के रूप में झटका लग जाने के बाद भी पारी में रनों की रफ्तार को कम नहीं होने दिया.
उन्होंने नेट सीवर ब्रंट के साथ साझेदारी में हावी रहकर यह दिखाया कि आने वाले दिनों में उनके और जौहर दिखने वाले हैं.
असल में दसवें ओवर तक खेल पर हेली मैथ्यूज़ अपने आक्रामक अंदाज़ से छाई हुई थीं और उनके 77 रनों के स्कोर पर तीसरे बल्लेबाज़ के तौर पर आउट होने पर यह सोचा जा रहा था कि क्या उनकी बनाई रफ्तार बरकरार रह पाएगी.
हेली ने मात्र 31 गेंदों में 47 रन की पारी खेली. उनकी पारी की सबसे बड़ी खूबी चार छक्कों के साथ तीन चौके लगाना था.
सही मायनों में उनके तेज़ रफ्तार से बनाए रनों का ही कमाल था कि हरमनप्रीत कौर और अमेलिया केर बिना किसी दवाब के खुलकर खेल सकीं. (bbc.com/hindi)
-विमल कुमार
नई दिल्ली, 5 मार्च । दक्षिण अफ़्रीकी पुरुष क्रिकेट टीम के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ मोर्ने मोर्केल उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं जो बीते कुछ समय से महिला क्रिकेट की कोचिंग से जुड़े हैं और इस खेल में बदलाव को महसूस कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 499 विकेट लेने वाले मोर्केल कई मौक़े पर टेस्ट और वनडे की रैंकिंग में नंबर-1 गेंजबाज़ भी रह चुके हैं.
पुरुष क्रिकेट के विभिन्न स्तरों से वाकिफ़ मोर्केल महिला टी20 वर्ल्ड कप 2023 से बतौर न्यूज़ीलैंड के कोच जुड़े थे.
38 वर्षीय मोर्केल ने बीबीसी से बातचीत में महिला और पुरुष क्रिकेट के बारे में कई बातें बताईं.
उन्होंने बताया, "ये मेरे लिए ये काफ़ी सीखने वाला अनुभव रहा. एक युवा कोच होने के नाते मैं मौजूदा न्यूज़ीलैंड टीम से दक्षिण अफ़्रीका के इस दौरे पर कुछ सीखने की कोशिश कर रहा था."
हमने उनसे पूछा कि आलोचक कहते हैं कि महिला और पुरुष क्रिकेट के स्तर में अभी भी काफ़ी अंतर हैं. इस पर उन्होंने कहा, "मैं पिछले तीन-चार सालों से महिला क्रिकेट से जुड़ा हूं और लगातार इनके स्तर को बेहतर होते ही देख रहा हूं. हर साल खिलाड़ी पहले से बेहतर होती दिख रही हैं. दरअसल, ये खेल ही बहुत तेज़ी से उभरता हुआ दिख रहा है और क्रिकेट के लिए ये सुखद बात है."
"एक पूर्व खिलाड़ी के नज़रिए से देखा जाए तो मैं मौजूदा टीम के खेल में अपने अनुभव और जानकारी से उन्हें और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा हूं. इसमें कोई दो राय नहीं कि महिला क्रिकेट के क्षेत्र में आगे काफी तरक्की होगी. इस यात्रा का एक हिस्सा होने पर मुझे गर्व है."
डब्ल्यूपीएल पर क्या बोले मोर्केल?
शनिवार से भारत में महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की शुरुआत हो गई है. डब्ल्यूपीएल के पहले मैच में मुंबई और गुजरात की टीमों के बीच मुक़ाबला हुआ.
हमने मोर्केल से महिला प्रीमियर लीग को लेकर उनकी राय पूछी, साथ ही ये भी पूछा कि क्या इस आयोजन से इस खेल में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा.
इस पर मोर्केल ने कहा, "बेहतर होने के लिए ज़रूरी होगा कि महिलाएं ज़्यादा से ज़्यादा प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट में हिस्सा लें. जितना अधिक वो खेलेंगी उतना ही उनके खेल में निखार आएगा."
वे बोले, "महिलाओं की क्रिकेट लीग 'द हंड्रेड' और 'महिला बिग बैश लीग' जैसे टूर्नामेंट इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में पहले से होते आ रहे हैं. इनसे इस खेल को फ़ायदा ही हुआ है. अब डब्ल्यूपीएल भी आ गया है तो महिलाओं के सामने ढेरों प्लेटफॉर्म हैं जहां उनके पास ख़ुद को साबित करने का अनेक अवसर हैं."
मोहम्मद सिराज पर क्या बोले मोर्केल?
मोर्केल ख़ुद एक तेज़ गेंदबाज़ हैं, हमने उनसे भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों पर कुछ सवाल पूछे.
उनसे पूछा कि जब आप मोहम्मद सिराज को गेंदबाज़ी करते देखते हैं तो क्या ये सोचते हैं कि उन्होंने लाल गेंद की कला को सफ़ेद गेंद में भी आसानी से उतार लिया है?
उन्होंने कहा, "तेज़ गेंदबाज़ों के सामने ये एक बड़ी चुनौती होती है. लेकिन ये खिलाड़ी बहुत सहज तरीक़े से ख़ुद को इसके लिए ढाल लेते हैं क्योंकि वे बहुत काबिल होते हैं. सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में आपको बहुत चतुराई दिखानी होती है."
सिराज पर मोर्केल बोले, "सिराज को इस फॉर्मेट में खेलते देखकर मुझे बहुत ख़ुशी होती है. हाल के दिनों में उन्होंने काफ़ी बेहतर प्रदर्शन किया है और इसकी एक वजह आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) में उनका एक्सपोज़र भी है. तो बतौर एक गेंदबाज़ जब आप एक मजबूत विरोधी के ख़िलाफ़ दबाव वाले लम्हों में अच्छा करते हैं तो आपका आत्मविश्वास और बेहतर होता जाता है."
'बुमराह को कब मैदान में उतारना है ये तय करें'
भारत के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह बीते क़रीब पांच महीने से चोट की वजह से टीम से बाहर हैं.
पीठ की चोट की वजह से वो बीते साल न तो एशिया कप और न ही टी20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट खेल सके. इस समय ऑस्ट्रेलिया के साथ चल रही टेस्ट सिरीज़ में भी नहीं वो नहीं दिख रहे. आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से भी उनके बाहर रहने की संभावना जताई गई है.
फिटनेस की समस्या से जूझ रहे बुमराह पर मोर्केल ने कहा, "ये हर तेज़ गेंदबाज़ के साथ होता है और आपको ख़ुद को संभालना पड़ता है. भारत तो भाग्यशाली है कि उनके पास तेज़ गेंदबाज़ी में काफ़ी विकल्प मौजूद हैं. लिहाज़ा उन्हें इस पर ग़ौर करना चाहिए कि बुमराह को कैसे फिट रखा जाए और ये भी तय करें कि उन्हें कब-कब मैदान में उतारना है. वे विश्वस्तरीय गेंदबाज़ हैं और अहम सीरीज़ में उनका खेलना भारत के लिए काफी बेहतर साबित होता है."
किस भारतीय गेंदबाज़ के फ़ैन हैं मोर्केल?
बातचीत के दौरान हमने मोर्केल से उनके पसंदीदा भारतीय गेंदबाज़ के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, "मैं हमेशा मोहम्मद शमी का फ़ैन रहा हूं."
वे बोले, "जिस तरह सीम पर उनकी पकड़ है, वे डेथ ओवर में और भी ख़तरनाक हो जाते हैं. मेरे लिए तो वो अपवाद किस्म वाले तेज़ गेंदबाज़ हैं."
मोर्केल ने बताया कि किस तरह मैच से पहले दक्षिण अफ़्रीकी टीम में शमी पर विशेष चर्चा होती थी.
वे बोले, "जब शमी दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेलते थे तो हम लोग टीम मीटिंग में उनकी काफ़ी चर्चा किया करते थे. इसमें कोई दो राय नहीं है कि वो भारत के महान तेज़ गेंदबाज़ों में से एक हैं." (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 5 मार्च | भारत के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) मास्टर्स में इंडिया महाराजा का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो कतर के दोहा में एशियन टाउन क्रिकेट स्टेडियम में 10 मार्च से खेला जाएगा। रैना ने 18 टेस्ट, 226 वनडे (5615 रन) और 78 टी20 (1605 रन) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट में डेब्यू पर शतक लगाने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज, क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में शतक बनाने वाले पहले भारतीय भी हैं और उनके शतक भारत के बाहर बनाए गए थे।
एलएलसी मास्टर्स, जिसमें तीन टीमें हैं - इंडिया महाराजा, एशिया लायंस, और वल्र्ड जायंट्स।
एलएलसी मास्टर्स के साथ अपने जुड़ाव पर रैना ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, "मैं एलएलसी मास्टर्स का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं। प्रारूप ऐसा है कि हम फिर से भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। अपने देश का प्रतिनिधित्व करना हमेशा खुशी की बात है। हम इस बार ट्रॉफी घर लाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"
लीजेंड्स लीग क्रिकेट के सह-संस्थापक और सीईओ रमन रहेजा ने कहा, हमने इस सीजन के लिए पचास खिलाड़ियों के पूल में लगभग 20 नए सीनियर खिलाड़ियों को शामिल किया है। हम लीजेंड्स लीग क्रिकेट में रैना और हरभजन का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इंडिया महाराजा के लिए इन दिग्गजों की ओर से कुछ शानदार पारी देखने को मिलेगी।
लीजेंड्स लीग क्रिकेट मास्टर्स का पहला मैच इंडिया महाराजा और एशिया लायंस के बीच 10 मार्च को खेला जाएगा। (आईएएनएस)|
नवी मुंबई, 5 मार्च। महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के शुरुआती मुकाबले में अपने बल्ले से चमक बिखेरनी वाली मुंबई इंडियन्स की हरमनप्रीत कौर ने कहा कि कप्तानी का दरोमदार उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
हरमनप्रीत ने शनिवार को केवल 30 गेंदों पर 65 रन की पारी खेली जिसमें 14 चौके शामिल थे। उन्होंने इसके साथ ही एमिलिया केर (24 गेंदों पर नाबाद 45 रन) के साथ चौथे विकेट के लिए 89 रन की साझेदारी की जिससे मुंबई ने पांच विकेट पर 207 रन बनाने के बाद गुजरात जायंट्स की पारी को महज 64 रन पर समेट कर 143 रन की बड़ी जीत दर्ज की।
हरमनप्रीत ने मैच के बाद बाद कहा कि पिच से जल्दी से सामंजस्य बिठाना उनकी टीम की जीत के लिए महत्वपूर्ण था।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी मैच में आप यह सोच कर मैदान पर नहीं उतरते की यह एकतरफा मुकाबला होगा। आप हमेशा इस मानसिकता के साथ आते हैं कि आप विरोधी टीम को हल्के में नहीं ले सकते। हमारे गेंदबाजों ने जो किया वह काबिले तारीफ था। मुझे लगता है कि हमें अच्छी शुरुआत मिली और जब ऐसा होता है तो आप इसे जारी रख सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी गेंदबाजी के दौरान लगभग सभी गेंदें सही जगह टप्पा खा रही थी। जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तो यह पता लगाने में सक्षम थे कि किस क्षेत्र में गेंदबाजी करनी है। हमारे गेंदबाजों ने परिस्थितियों से जल्दी सामंजस्य बैठाया इस लिए यह एकतरफा मुकाबला लग रहा था।’’
दायें हाथ की इस बल्लेबाज ने कहा कि कप्तानी की जिम्मेदारी उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया है, तब से मैं टीमों की कप्तानी कर रही हूं। इससे मुझ पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं आता है बल्कि यह मुझे मैच से अधिक जुड़ा हुआ महसूस कराता है। इससे मुझे अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।’’
गुजरात जायंट्स की उपकप्तान स्नेह राणा ने कहा कि उनकी टीम को मुंबई ने हर विभाग में पछाड़ दिया लेकिन उन्हें अपना आत्मविश्वास बनाये रखना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यहां माहौल काफी अलग था और यह कई खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मैच था। हमारे पास घरेलू स्तर के काफी खिलाड़ी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमसे क्षेत्ररक्षण में कई बार चूक हुई और इसने आज के मैच में अहम भूमिका निभाई। मुझे लगता है कि यह हम सभी के लिए एक सबक है। कुछ खिलाड़ी जल्दी से माहौल में घुल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग अपना समय लेते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस मैच में हुई गलतियों के बारे में बात करेंगे। लेकिन हमने सभी खिलाड़ियों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि उन्हें हर समय अपना आत्मविश्वास बनाये रखना है। टूर्नामेंट अभी शुरू हुआ है, हमें हौसला बढ़ाने की जरूरत है। हम और मजबूती से वापसी करेंगे। (भाषा)
मुंबई, 4 मार्च। भारत की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा ने महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के शुरुआती सत्र में ज्यादातर विदेशी खिलाड़ियों को टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देने पर निराशा जताते हुए कहा कि सक्षम भारतीय खिलाड़ियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए थी।
अंजुम ने एक ऑनलाइन मीडिया सत्र में कहा, ‘‘ मुझे यह पसंद नहीं आया कि अधिकांश टीमों ने विदेशी खिलाड़ियों को कप्तान के रूप में चुना है। यह एक भारतीय लीग है और भारतीय परिस्थितियों में खेली जाएगी। ऐसे में अगर भारतीय खिलाड़ियों के पास क्षमता है तो उन्हें कप्तान होना चाहिए था।’’
मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने क्रमशः हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना के रूप में भारतीय खिलाड़ियों को कप्तान बनाया है अन्य टीम ने नेतृत्व के लिए ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों पर भरोसा किया है। इसमें मेग लैनिंग (दिल्ली कैपिटल्स), बेथ मूनी (गुजरात जाइंट्स) और एलिसा हीली (यूपी वॉरियर्स) कप्तान की भूमिका में होंगी।
अंजुम ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि दीप्ति शर्मा (यूपी वॉरियर्स) को कप्तान बनाया जाना चाहिए था। उसने महिला टी20 चैलेंज में टीम का नेतृत्व किया था। ’’
अंजुम ने हालांकि इस बात पर सहमति जताई कि छह बार की टी20 विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलिया के पास भारतीयों की तुलना में अधिक अनुभवी खिलाड़ी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी विश्व चैंपियन हैं और उनके पास अपने देश में टीमों का नेतृत्व करने का अनुभव है। मैं उनके (ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी) अनुभव (अंतरराष्ट्रीय स्तर पर) से पूरी तरह सहमत हूं। इसलिए मेग लैनिंग के रहते जेमिमा रोड्रिग्स को कप्तान नहीं बनाया जा सकता। अगर इस मामले में बड़ी तस्वीर देखी जाये तो भारतीय खिलाड़ियों के पास ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की तरह कप्तानी की क्षमता नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह भारतीय खिलाड़ियों के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि आप भारत में फ्रेंचाइजी आधारित टूर्नामेंट खेल रहे है। ’’
अंजुम ने कहा कि यह घरेलू खिलाड़ियों के लिए इस खेल के दिग्गजों के साथ खेलने के मामले में अच्छा मौका होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस लीग से जो बड़ी तस्वीर देख रही हूं, वह अंडर-19 खिलाड़ियों को लेकर है। यह खिलाड़ी अंडर-19 विश्व कप जीतकर फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलेंगे, जहां उन्हें मेग लैनिंग, बेथ मूनी और हरमनप्रीत कौर जैसे खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाने का मौका मिलेगा।’’
इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ उनके लिए यह बड़ी बात होगी। हमें देखना होगा कि भारतीय घरेलू खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करते हैं, हम विदेशी खिलाड़ियों को जानते हैं, लेकिन हमें भारतीय घरेलू खिलाड़ियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।’’
अंजुम का मानना है कि डब्ल्यूपीएल से भारतीय महिला क्रिकेट में बड़ा बदलाव आयेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसका लंबे समय से इंतजार था लेकिन आखिरकार लीग शुरू हो गयी। यह ऑस्ट्रेलिया को हराने की तैयारी के बारे में नहीं है। यह बेहतर क्रिकेटर बनने को लेकर है।’’ (भाषा)
निहारिका रैना
मुंबई, 4 मार्च | भारत में महिला क्रिकेट 4 मार्च से शुरू होने वाली महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के रूप में एक क्रांति का साक्षी बनने के लिए तैयार है, जो मुंबई इंडियंस और गुजरात जाइंट्स के बीच मुकाबले के जरिए शुरू होगी। पूर्व भारतीय कप्तान अंजुम चोपड़ा का मानना है कि टूर्नामेंट बहुत अच्छे बदलाव, सुधार और खेल और खिलाड़ियों के लिए अधिक सम्मान लाएगा।
चोपड़ा ने कहा, "कल, जब मैं हवाई अड्डे से होटल पहुंची, तो मैंने हरमनप्रीत कौर, पूजा वस्त्रेकर और यस्तिका भाटिया (मुंबई इंडियंस की) की तस्वीरों के साथ 'आली रे' लिखे बड़े-बड़े बोर्ड देखे। यह पहला बदलाव है क्योंकि मैंने भारत में महिला क्रिकेटरों के होडिर्ंग्स कभी नहीं देखे थे। मैंने बाहर देखा है, लेकिन भारत में पहले नहीं देखा। मुंबई में होडिर्ंग्स लगे हैं और पूरे इलाके में विज्ञापन खूबसूरत लग रहे हैं।"
उन्होंने आगे बताया, "जब कोई उस खिंचाव से गुजरेगा, तो आंखें तुरंत होडिर्ंग में खिलाड़ियों को पहचान लेंगी। "
स्पोर्ट्स18 और जियोसिनेमा की डब्ल्यूपीएल विशेषज्ञ अंजुम ने शनिवार को एक चुनिंदा वर्चुअल राउंडटेबल में आईएएनएस के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "जब पालन बढ़ता है तो सम्मान भी बढ़ता है और जब सम्मान शब्द बीच में आ जाए तो समाज में परिवर्तन की बात सोची जा सकती है जो निश्चित रूप से आ सकती है।"
डब्ल्यूपीएल शुरू होने के साथ, अंजुम को भी लगता है कि अब महिला क्रिकेट देखने का आनंद लेना चाहिए और लंबे समय से चले आ रहे सपने को महसूस करना चाहिए।
यह एक लंबी यात्रा रही है और अंत में इसे होते हुए देखने के लिए और आज तो यह बहुत अलग अहसास था। दो फ्रेंचाइजी टीमों के बीच पहला टॉस होगा, जब मैंने खेलना शुरू किया था और 30 साल पहले जब खेल शुरू हुआ था तब में और आज में बहुत फर्क होगा।
यह पूछे जाने पर कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतर को पाटने में डब्ल्यूपीएल भारत को कैसे आगे बढ़ा सकता है, अंजुम का मानना है कि यह खिलाड़ियों, कैप्ड और अनकैप्ड, को एक खेल में विभिन्न स्थितियों की समझ विकसित करने और खिलाड़ियों के रूप में भी अपना सुधार करने में मदद कर सकता है।
साथ ही, यह ऑस्ट्रेलिया को हराने के बारे में नहीं है, यह एक व्यक्ति के रूप में बेहतर होने के बारे में है। एक बार जब हम एक व्यक्ति के रूप में बेहतर हो जाते हैं, तब हम टीम के माहौल में एक साथ आ सकते हैं और कह सकते हैं, यह मेरी भूमिका थी।
उन्होंने आगे कहा, "सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा, अब पूरे सिस्टम में शामिल हों और प्रतिस्पर्धा करें और जल्दी से सीखें क्योंकि एक राष्ट्र के रूप में, हम आपको आपके क्रिकेट में सुधार के लिए दस साल नहीं दे सकते हैं, हम आपको उससे कम अवधि देंगे। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि नतीजा जल्द ही आएगा और आप सुधार के लिए ज्यादा समय नहीं ले सकते।" (आईएएनएस)
मुंबई, 4 मार्च दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के शुरुआती सत्र में वह खिलाड़ी के तौर पर वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के युवा क्रिकेटरों को मानसिक पहलुओं से निपटने के बारे में बतायेंगी।
सानिया को आरसीबी ने डब्ल्यूपीएल के लिए अपना मार्गदर्शक (मेंटोर) बनाया है। आरसीबी का नेतृत्व भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना कर रही है और टीम रविवार को अपने अभियान का आगाज दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ करेगी।
आरसीबी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें सानिया टीम के खिलाड़ियों से बातचीत करती दिख रही है।
सानिया ने इस वीडियो में कहा, ‘‘ मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती। मैंने सोचा (जब मुझे मेंटोर बनाया गया था) मैं क्या करने जा रही हूं, मैं लड़कियों से क्या बात करूंगी। मैं हाल ही में खेल को अलविदा कहा है। मैं सोचा कि जीवन में मेरा अगला कदम भारत की महिला खिलाड़ियों को मदद करना होगा।’’
सानिया ने कहा, ‘‘ किसी भी खेल में मैं मानसिक पहलू को लेकर मदद करने कर सकती हूं। मैंने पिछले 20 वर्षों से इसका सामना किया है।’’
सानिया ने एक खिलाड़ी ने पूछा कि उनके लिए संन्यास लेना कितना मुश्किल फैसला था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ मैं वास्तव में इसके लिए तैयार थी। मेरा एक बेटा है जो चार साल का है और ईमानदारी से कहूं तो पिछला एक साल संघर्षपूर्ण रहा है। मेरे तीन ऑपरेशन हुए। मैंने हालांकि शीर्ष रहते हुए खेल को अलविदा कहने का सोचा था। मैं बस रुकना चाहती थी।’’
सानिया ने कहा कि मेंटोर के रूप में उनकी भूमिका आरसीबी को डब्ल्यूपीएल खिताब की ओर बढ़ने में मदद करने की होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत खेल में थी, इसलिए फोटो शूट, मीडिया का ध्यान सब कुछ मैंने अपने दम पर संभाला। ऐसे में मैंने सोचा कि लड़कियों से इस तरह की चीजें साझा कर सकती हूं।’’
इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ खेल में दबाव महसूस करना सामान्य है लेकिन आपको बस इससे निपटने का तरीका ढूंढना होगा। आपको बाहर की चर्चा को अनसुना करना होगा। ऐसे मामलों में भारतीय मीडिया सख्त है।’’
संघर्ष को हर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा बताते हुए सानिया ने कहा, ‘‘हर चीज में संघर्ष है। हमें कोर्ट (टेनिस खेलने की जगह) नहीं मिलता था, हम ऐसे कोर्ट पर खेलते थे जिसे गोबर से लीपा जाता था। हमारे पास कोच नहीं थे। जो कोच थे वे विशेषज्ञ नहीं थे। फिर लड़कियों का अपना एक अलग संघर्ष होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक एथलीट के रूप में हमारा काम अगली पीढ़ी को प्रेरित करना है। चैंपियन वह नहीं हैं जो हर समय जीत रहा हो, असली चैंपियन वह हैं जो खराब लय के होने के बाद भी जीतने का जज्बा दिखाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको यह याद रखना होगा कि आपने क्रिकेट खेलना क्यों शुरू किया, क्योंकि आप इस खेल से प्यार करते हैं।’’ (भाषा)
रोम, 4 मार्च | नेपोली को अपनी जीत की लय पर ब्रेक लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वे लाजियो से 1-0 से हार गए, जो इस सीजन में सीरी ए में उनकी पहली हार है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टेनोपेई ने सीजन की शुरूआत से ही शानदार प्रदर्शन किया क्योंकि उन्होंने घरेलू लीग में केवल एक हार स्वीकार की।
होम साइड ने लगातार आठ सीरी ए जीत के साथ स्टैडियो माराडोना में प्रवेश किया और 65 प्रतिशत गेंद पर कब्जे के साथ खेल पर हावी रही, लेकिन माटियास वेसिनो ने 67वें मिनट में एक गोल किया।
हार के बावजूद, नेपोली अभी भी 65 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर है, जबकि लाजि़यो अस्थायी रूप से 48 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है। (आईएएनएस)|
भारतीय महिला क्रिकेट में आज यानी चार मार्च से एक नई शुरुआत हो रही है.
इंडियन प्रीमियर लीग की ही तरह महिलाओं का भी अपना वीमेन प्रीमियर लीग यानी WPL शुरू हो रहा है.
इसका पहला मैच गुजरात जायंट्स और मुंबई इंडियंस के बीच शनिवार को हो रहा है.
मुंबई टीम की कमान हरमनप्रीत कौर के हाथ में है और गुजरात की कमान बेथ मूनि संभाल रही हैं
इस टूर्नामेंट में कुल 21 मैच होंगे और ये मुक़ाबले पांच टीमों के बीच होंगे. इन टीमों में कुल 87 खिलाड़ी हैं.
जो पांच टीमें इस बार मैदान में हैं, उन्हें लगभग 4,600 करोड़ रुपये में ख़रीदा गया है. इसमें अदानी ग्रुप की ओर से 1,289 करोड़ रुपये में ख़रीदी गई गुजरात की टीम भी शामिल है.
खिलाड़ियों को ख़रीदने में लगभग 60 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए.
टूर्नामेंट की सबसे महंगी खिलाड़ी स्मृति मंधाना हैं, जिन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने 3.4 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.
महिला प्रीमियर लीग का संचालन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI करेगी और इसका मालिकाना हक़ भी बोर्ड के पास होगा.
पहले पांच सालों में बीसीसीआई फ़्रेंचाइज़ी मालिकों को मैचों से होने वाले मुनाफ़े का 80 प्रतिशत हिस्सा देगी. लेकिन उसके बाद के पांच सीज़न में मुनाफ़े का 60 प्रतिशत हिस्सा साझा किया जाएगा.
इसके बाद सीज़न 11वें से 15वें के बीच कमाई के लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा फ़्रेंचाइज़ी से साझा किया जाएगा. इसके अलावा फ़्रेंचाइज़ी मर्चेंडाइज़, टिकट बिक्री और विज्ञापन के ज़रिये भी मुनाफ़ा कमा सकती हैं. (bbc.com/hindi)
... भरत शर्मा...
इंदौर, 3 मार्च। पैट कमिंस की गैरमौजूदगी में भारत के खिलाफ यहां ऑस्ट्रेलिया को यादगार जीत दिलाने वाले कार्यवाहक कप्तान स्टीव स्मिथ ने कहा कि उन्हें इस देश में अपनी टीम का नेतृत्व करना पसंद है क्योंकि हर गेंद पर कुछ होने की संभावना रहती है जिससे स्थिति शतरंज के खेल की तरह होती है।
टीम के नियमित कप्तान कमिंस अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए ऑस्ट्रेलिया लौट गये है। भारत के 2017 के दौरे पर स्मिथ टीम के कप्तान थे और उन्होंने कहा कि वह पांच दिनों तक सपाट पिचों की जगह इस दौरे पर अब तक मिली स्पिनरों की मदद वाली पिच पर खेलना पसंद करेंगे।
सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जीत के बारे में पूछे जाने पर स्मिथ ने कहा कि उन्हें अपनी टीम पर गर्व है क्योंकि शुरुआती दो टेस्ट मैच को तीन दिनों के अंदर गंवाने के बाद उसने शानदार वापसी की।
स्मिथ ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ ऐसी जीत को हासिल करना काफी मुश्किल है। टॉस गंवाने के बाद हमारे लिए इस खेल में शीर्ष पर पहुंचना इस समूह की प्रतिभा और आत्मविश्वास को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने दिल्ली में एक खराब सत्र के कारण मैच गंवा दिया। इससे उबरने के लिए हमें अच्छा ब्रेक मिला और हमने अच्छी तैयारी के साथ यहां आये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी मानसिक स्थिति को मजबूत करने के बारे में था। यह अपने तरीकों पर भरोसा करने के बारे में था। यह विश्वास रखने के बारे में था कि हम सफल होंगे और मैच का परिणाम हमारे हक में होगा।’’
भारत दौरे पर छह साल में पहली बार टेस्ट में जीत का स्वाद चखने के बाद स्मिथ ने कहा, ‘‘हम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करके खुश हैं। यह जो जाहिर तौर पर कुछ समय से हमारी योजना का हिस्सा था। इस टीम के लिए इसे हासिल करना जश्न मनाने लायक है।’’
स्मिथ ने हालांकि कहा कि उन्होंने कप्तानी की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली । यह टीम कमिंस की है और वही इसकी अगुवाई करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा समय (कप्तानी का) पूरा हुआ। यह अब पैडी (पैट कमिंस) की टीम है। मुझे खुशी है कि मैंने इस सप्ताह उन परिस्थितियों में बागडोर संभाली जब कमिंस यहां नहीं हैं। ’’
स्मिथ ने कहा, ‘‘देखो, भारत दुनिया का वह हिस्सा है जिसे मैं कप्तानी करना पसंद करता हूँ। यह शतरंज के खेल की तरह है, हर गेंद के कुछ मायने होते है। आपको एक कदम आगे का सोचना होगा। यह कप्तानी के लिए दुनिया में मेरा पसंदीदा जगह है।’’
होलकर स्टेडियम में स्पिनरों की मददगार पिचों की आलोचना हुई लेकिन स्मिथ इससे परेशान नहीं हैं और ऐसी चुनौती को पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक सभी विकेट स्पिनरों के मददगार रहे है। हमें अभी तक तीन दिन से अधिक क्रिकेट नहीं खेल सके है। इससे पता चलता है कि सभी टेस्ट में पहले दिन से स्पिन हो रही है। मैं ऐसी पिच पर खेलना पसंद करता हूं। सपाट पिचों पर पांच दिनों तक खेलना उबाऊ हो जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन विकेटों (पिच) पर हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है। आपको अपने रनों के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन लोगों ने दिखाया है कि वे ऐसा कर सकते हैं। पहली पारी में उस्मान, नागपुर में पुजारा, रोहित, अक्षर, हैंड्सकॉम्ब ने ऐसा किया तो और लोग भी कर सकते हैं। हां यहां आपको किस्मत का थोड़ा साथ भी चाहिये।’ (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 मार्च। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की बॉक्सिंग खिलाड़ी एस. कलाईवानी ने 20 से 26 फरवरी’ तक सोफिया, बुल्गारिया में आयोजित 74वां स्ट्रैंडजा मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट-23 में कांस्य पदक हासिल किया है। कलाईवानी ने 48 किग्रा वर्ग के अपने प्रथम मैच में फिलीपींस के अपने प्रतिद्वंदी को 5.0 अंक से हराया। दूसरे मैच में अपने प्रतिद्वंदी अर्जेंटीना की फ्लोरेंसिया लोपेज को 4-1 से मात देकर सेमी फायनल में प्रवेश की।
सेमी फायनल मैच में उज्बेकिस्तान की अपने प्रतिद्वंदी से मात खाकर कांस्य पदक हासिल किया। एस. कलाईवानी दपूमरे अकाउंट विभाग में अकाउंट क्लर्क के पद पर कार्यरत है। इससे पहले भी एस. कलाईवानी कई बार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में देश एवं भारतीय रेलवे का परचम लहरा चुकी है ।
नई दिल्ली, 3 मार्च । बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया है.
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को नौ विकेट से हराया है.
मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के सामने जीतने के लिए सिर्फ़ 76 रन बनाने का लक्ष्य था, जिसे मेहमान टीम ने मैच के शुरुआती घंटों में ही हासिल कर लिया.
पहली पारी में 109 रन बनाकर ऑलआउट होने वाली टीम इंडिया दूसरी पारी में 163 रन ही बना सकी थी.
वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम ने बाद में बल्लेबाज़ी करते हुए पहली पारी में 197 रन बनाए थे.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में टीम इंडिया 2-1 से आगे चल रही है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 3 मार्च । इंदौर टेस्ट में भारत के ख़िलाफ़ जीत हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फ़ाइनल में जगह बना ली है.
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फ़ाइनल लंदन के ओवल में होगा.
मुकाबले में दूसरी टीम कौन सी होगी, इसका फ़ैसला भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले चौथे टेस्ट मैच के बाद होगा. फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए भारत को चौथा टेस्ट मैच जीतना होगा.
अगर भारत ये मैच नहीं जीतता है तो फ़ाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम का फ़ैसला न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका टेस्ट सिरीज़ के बाद होगा.
श्रीलंका को इस महीने न्यूज़ीलैंड में दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ खेलनी है.
भारत के फ़ाइनल में ना पहुंचने की स्थिति में श्रीलंका को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए न्यूज़ीलैंड को 2-0 से हराना होगा.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को नौ विकेट से हरा दिया है.
टेस्ट सिरीज़ में भारतीय टीम 2-1 से आगे चल रही है. (bbc.com/hindi)
इंदौर, 2 मार्च | इंदौर के होल्कर स्टेडियम में आस्ट्रेलिया ने यहां बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारत को 9 विकेट से हरा दिया। बल्लेबाज ट्रेविस हेड और लाबुसेन ने 78 रन की नाबाद अर्धशतकीय साझेदारी निभाई। वहीं, मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी गेंदबाज नाथन लियोन को मिली। इससे पहले दूसरे दिन 60.3 ओवर में भारत 163 रन पर आलआउट हो गया था, जिससे कंगारूओं को 76 रनों का जीत के लिए लक्ष्य मिला था। गेंदबाज नाथन लियोन ने दोनों पारी में 11 विकेट झटके।
वहीं, तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया की सलामी जोड़ी उस्मान ख्वाजा और ट्रेविस हेड ने पारी की शुरूआत की। हालांकि, ख्वाजा अश्विन की गेंद की चपेट में आकर शून्य पर आउट हो गए। फिर मार्नस लाबुसेन क्रिज पर आए और हेड के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने शानदार तरीके से बल्लेबाजी करते हुए 78 रन की साझेदारी निभाई और टीम को 9 विकेट से भारत के खिलाफ जीत दिलाई।
सीरीज में भारत अभी भी 2-1 से आगे है। चौथा टेस्ट 9 मार्च से अहमदाबाद में खेला जाएगा। (आईएएनएस)|
ब्यूनस आयर्स, तीन मार्च। बंदूकधारियों ने अर्जेंटीना के फुटबॉल सुपरस्टार लियोनेल मेसी को एक लिखित संदेश में धमकी देने के साथ उनके परिवार से जुड़े एक सुपरमार्केट में गोलियां चलायीं। यह जानकारी स्थानीय पुलिस ने दी।
गुरुवार की सुबह के हमले में हालांकि किसी को कोई चोट नहीं आयी है। यह स्पष्ट नहीं था कि हमलावरों ने देश के तीसरे सबसे बड़े शहर रोसारियो में यूनिको सुपरमार्केट को क्यों निशाना बनाया। यह सुपरमार्केट उनकी पत्नी एंटोनेला रोकुजो के परिवार के स्वामित्व में है।
शहर के महापौर पाब्लो जावकिन ने रोसारियो में इस सुपर मार्केट का दौरा किया और मादक पदार्थ से संबंधित हिंसा को रोकने में विफलता को लेकर संघीय अधिकारियों को खरी खोटी सुनायी।
रोसारियो देश की राजधानी ब्यूनस आयर्स से उत्तर-पश्चिम में लगभग 190 मील (300 किलोमीटर) की दूरी पर स्थित है।
पुलिस ने कहा कि एक मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने तड़के यूनिको सुपरमार्केट में 12 से ज्यादा गोलियां चलाई। उन्होंने वहां एक संदेश छोड़ा जिसमें लिखा था, ‘‘मेसी, हम आपका इंतजार कर रहे हैं। जावकिन भी मादक पदार्थों का एक तस्कर है, इसलिए वह तुम्हारा ख्याल नहीं रख पायेगा।’’
दुनिया के सबसे महानतम खिलाड़ियों में से एक मेसी ने इस मामले पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। उनकी अगुवाई में इस साल दिसंबर में अर्जेंटीना ने 36 साल के लंबे अंतराल के बाद विश्व कप का खिताब जीता था।
वह फिलहाल पेरिस सेंट-जर्मेन के लिए खेल रहे हैं और अपना अधिकांश समय विदेशों में बिताते हैं। वह अक्सर रोसारियो जाते रहते हैं जहां फनीस उपनगरीय क्षेत्र में उनका घर है।
एपी आनन्द मोना मोना 0303 1121 ब्यूनसआयर्स (एपी)
दुबई, 3 मार्च। शीर्ष रैंकिंग के टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने दुबई चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में ह्यूबर्ट हर्कज को 6-3 7-5 से हराकर छठी बार इस खिताब को जीतने की ओर मजबूत कदम बढ़ाये।
लगातार 20वीं जीत दर्ज करने वाले जोकोविच के सामने सेमीफाइनल में पूर्व नंबर एक डेनियल मेदवेदेव की चुनौती होगी। मेदवेदेव ने इस हार्ड-कोर्ट टूर्नामेंट में रात के मुकाबले में बोर्ना कोरिच को 6-3, 6-2 से हराया।
दुबई चैंपियन के गत विजेता एंड्री रुबलेव दूसरे सेमीफाइनल मैच में अलेक्जेंडर ज्वेरेव से भिड़ेंगे।
रुबलेव ने बोटिक वैन डी जैडस्चुल्प को 6-3 7-6(3) से हराया जबकि ज्वेरेव ने लोरेंजो सोनेगो को 7-5 6-4 से मात दी।
आनन्द आनन्द आनन्द 0303 1015 दुबई (एपी)
इस साल अक्टूबर-नवंबर में क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में होना है.
भारत में होने वाले क्रिकेट वर्ल्डकप पर पाकिस्तान टीम के कप्तान बाबर आज़म ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
जियो न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में बाबर ने कहा, ''हमारा फ़ोकस वर्ल्डकप पर है. ज़ाहिर सी बात है कि बहुत बड़ा इवेंट है और आपका सपना होता है कि आप वर्ल्डकप के लिए अच्छी तैयारी करें, फ़ोकस से खेलें और आप ये सोच बना लें कि ये वर्ल्डकप हमें उठाना है. इसके लिए हम लगे हुए हैं.''
टीम की ग़लतियों पर बाबर आज़म बोले, ''परफ़ॉर्मेंस ऊपर नीचे होती रहती है. हर रोज़ कोशिश होती है कि अच्छा करें. ये टीम गेम है. आप सिर्फ़ दो प्लेयर पर नहीं टिके होते. पूरी टीम कोशिश कर रही होती है. मेन चीज़ ये होती है कि आपके पास मैच जिताने और लड़ने वाले प्लेयर होने चाहिए. ऊपर वाले का शुक्र है कि हमारी टीम में ऐसे लोग हैं. कोशिश करेंगे कि अपनी ग़लतियों से जल्द से जल्द सीखें.''
बाबर आज़म को अपनी परफ़ॉर्मेंस और टीम को मिलती हार के कारण कई पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर्स की आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है.
अपनी आलोचनाओं पर बाबर आज़म ने कहा, ''ये चीज़ें चलती रहती हैं. किसी भी स्टेज पर ये नहीं होगा कि हर कोई आपके लिए अच्छा ही बोले. लेकिन मैं जितना चीज़ों को सकारात्मक तौर पर लेता हूं, मेरे लिए चीज़ें उतनी अच्छी रहती हैं. इससे मुझे कॉन्फिडेंस मिलता है. मेरी कोशिश यही रहती है कि सकारात्मकता से ही चीज़ों को लूं न कि कोई कमेंट पास करूं. ये ठीक भी नहीं है. हर किसी की अपनी राय होती है. वो अपनी जगह अलग सोच रहे होते हैं और मैं अलग सोच रहा होता हूं.'
बाबर आज़म बोले- अब चीज़ें तेज़ी से बदल गई हैं. आप बदली हुई चीज़ों के हिसाब से ही सीखते हैं, बदलते हैं. जब तक ज़िंदगी है, तब तक आप सीखते रहते हैं.
पाकिस्तान में पीएसएल यानी पाकिस्तान सुपर लीग के मैच चल रहे हैं. बाबर आज़म पेशावर ज़ाल्मी के लिए खेलते हैं.
बाबर आज़म ने कहा, ''पीएसएल में काफ़ी अच्छा चल रहा है. कुछ मैच अच्छे नहीं गुज़रे. पर प्रोफ़ेशनली हमें ये स्वीकार करना होता है और आगे बढ़ना होता है.'' (bbc.com/hindi)
मुंबई, 2 मार्च। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) महिला टीम के मुख्य कोच बेन सॉयर ने स्पष्ट कहा कि शनिवार से शुरू हो रही आगामी महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के दौरान बड़े खिलाड़ियों को ‘रोटेट’ किया जायेगा जिसमें एलिस पैरी, मेगान शट, हीथर नाइट और डेन वान निकर्क शामिल हैं।
इन चार बड़ी क्रिकेटरों के अलावा आरसीबी ने न्यूजीलैंड की महान खिलाड़ी सोफी डेविने और डब्ल्यूबीबीएल स्टार एरिन बर्न्स को भी लिया है।
सॉयर ने स्वीकार किया कि उनके पास मैच में खिलाने के लिये काफी विकल्प हैं। यह पूछने पर उनकी शीर्ष चार विदेशी खिलाड़ी कौन सी होंगी तो न्यूजीलैंड महिला टीम के मौजूदा कोच सॉयर ने सीधे जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी छह खिलाड़ी एक भूमिका निभायेगी। हम पहले छह दिन में चार मैच खेलेंगे। हम अलग अलग टीमों के खिलाफ अलग अलग खिलाड़ी उतारेंगे और मैं भाग्यशाली हूं कि हमारे पास कई खिलाड़ी मौजूद हैं। ’’
सॉयर ने कहा, ‘‘पूरे टूर्नामेंट में हमसे वही चार खिलाड़ियों को खिलाने की उम्मीद मत रखना। हमारे पास कुछ बेहतरीन प्रतिभाओं वाली खिलाड़ी शामिल हैं। पूरा भरोसा है कि आपको टूर्नामेंट में सभी छह खिलाड़ी खेलती दिखेंगी। ’’ (भाषा)
इंदौर, 2 मार्च | तेज गेंदबाज उमेश यादव और आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन आस्ट्रेलिया को 197 रनों पर समेटने के लिए तीन-तीन विकेट लिए। दोनों टीमों के बीच यहां के होलकर स्टेडियम में मैच खेला जा रहा है। हालांकि, मेहमान टीम 200 रन से केवल तीन रन पीछे रह गई, फिर भी टीम के पास 88 रन की बढ़त है।
भारत 16 ओवरों में सफलता हासिल करने में असमर्थ रहा, लेकिन ड्रिंक्स ब्रेक के बाद, चीजें बदल गईं क्योंकि उमेश और अश्विन ने क्रमश: 3/12 और 3/44 का आंकड़ा दर्ज किया। आस्ट्रेलिया ने अपने आखिरी छह विकेट 28 गेंदों में सिर्फ 11 रन पर गंवा दिए।
जबकि उमेश ने रिवर्स स्विंग के साथ शानदार गेंदबाजी की और घरेलू मैदान में 100 टेस्ट विकेट तक पहुंचे। अश्विन टर्न निकालने में सक्षम रहे, जिसमें उन्हें विकेट हासिल करने में मदद मिली।
रवींद्र जडेजा को कुछ टर्न मिला, लेकिन पीटर हैंड्सकॉम्ब और कैमरून ग्रीन को परेशानी देने के लिए यह ज्यादा नहीं था।
ग्रीन ने मोहम्मद सिराज के खिलाफ मिड-आफ पर ड्राइव कर पहली बाउंड्री हासिल की और फिर जडेजा की गेंद पर एक और चौका लगाया।
हैंड्सकॉम्ब डिफेंस में थे, लेकिन जब रविचंद्रन अश्विन को डिफेंड करने की कोशिश की गई, तो गेंद तेजी से घूमी और बल्ले का किनारा लेकर शॉर्ट लेग की तरफ चली गई।
वहीं, स्टंप्स के ठीक सामने उमेश यादव द्वारा ग्रीन को आउट किया गया। इसके बाद गेंदबाज ने मिचेल स्टार्क को आउट किया।
आस्ट्रेलिया ने 76.3 ओवर में दस विकेट के नुकसान पर 197 रन बनाए।
संक्षिप्त स्कोर :
आस्ट्रेलिया पहली पारी : 76.3 ओवर में 197 रन (उस्मान ख्वाजा 60, मार्नस लाबुसेन 21, रवींद्र जडेजा 4/78, उमेश यादव 3/12)।
भारत पहली पारी : 33.3 ओवर में 109 रन। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 मार्च । बॉर्डर-गावस्कर सिरीज़ के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 197 रन बनाए हैं.
ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 88 रनों की बढ़त ली है.
भारत की ओर से जडेजा ने चार, आर अश्विन और उमेश यादव ने तीन-तीन विकेट लिए.
ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज़्यादा 60 रन उस्मान ख्वाजा ने बनाए.
भारत की पहली पारी 109 रनों पर सिमट गई थी. भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 22 रन विराट कोहली ने बनाए थे.
सिरीज़ में भारत 2-0 से आगे चल रहा है.(bbc.com/hindi)
मेलबर्न, 2 मार्च। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को डर है कि खराब फॉर्म से जूझ रहे डेविड वार्नर पर एशेज श्रृंखला से बाहर होने का खतरा है और लंबे समय से बल्ले से नाकाम रहने के बाद उनके टेस्ट करियर का दुखद अंत हो सकता है।
पोंटिंग को लगता है कि वार्नर इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली एशेज टीम में जगह पाने के लिए संघर्ष करेंगे और उनका टेस्ट करियर शायद उनकी शर्तों पर खत्म नहीं होगा।
वार्नर का भारत दौरे पर प्रदर्शन निराशाजनक रहा जहां उन्होंने कोहनी में फ्रेक्चर के कारण स्वदेश लौटने से पहले तीन पारियों में एक, 10 और 15 रन बनाए।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2019 में पिछले इंग्लैंड दौरे पर सिर्फ 9.5 के औसत से रन बनाए थे।
पोंटिंग ने ‘आरएसएन क्रिकेट’ से कहा ‘‘मैंने उन्हें अपने चक्र के बारे में बात करते हुए सुना है। मौजूदा चक्र विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के बाद समाप्त हो जाएगा जो स्पष्ट रूप से पहले एशेज टेस्ट से एक सप्ताह पहले है और मुझे लगता है कि सब कुछ ठीक रहा तो वह कम से कम इस टेस्ट मैच के अंत तक डेविड को अपने साथ रखना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि यह उस पर निर्भर करेगा। एक बल्लेबाज के रूप में आप सिर्फ रन ही बना सकते हैं और अगर आप रन नहीं बनाते तो मुश्किल स्थिति में फंस जाते हैं।’’
पोंटिंग ने कहा, ‘‘यह हम सभी के साथ हुआ है, यह मेरे साथ हुआ है। जब आप एक निश्चित उम्र तक पहुंच जाते हैं और ऐसा लगता है कि आपका फॉर्म थोड़ा सा गिर रहा है, तो आलोचक हावी हो जाते हैं और फिर ज्यादा समय नहीं लगता।’’
पोंटिंग को लगता है कि वार्नर को पिछली गर्मियों में मेलबर्न में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में दोहरा शतक बनाने के बाद टेस्ट क्रिकेट छोड़ देना चाहिए था जो उनका 100वां मैच भी था या फिर सिडनी में अपने घरेलू मैदान पर अगले मैच के बाद उन्हें ऐसा करना चाहिए था।
ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘वह जिस तरह चाहता था उस तरह खत्म करने के लिए मेरे हिसाब से शायद सिडनी टेस्ट के बाद उसे ऐसा करना चाहिए था। उसने मेलबर्न में 200 रन बनाए, अपना 100वां टेस्ट खेला, अपना 101वां टेस्ट सिडनी में खेला जो उसके घरेलू मैदान पर था और शायद वहीं खत्म कर देता।’’ (भाषा)
नई दिल्ली, 1 मार्च । भारतीय गेंदबाज़ आर अश्विन आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले नंबर पर पहुंच गए हैं.
अश्विन ने टेस्ट मैचों में 463 विकेट लिए हैं. इंदौर टेस्ट को मिलाकर अश्विन 91 टेस्ट मैच खेल चुके हैं.
बॉर्डर-गावस्कर सिरीज़ के दूसरे टेस्ट मैच में अश्विन ने छह विकेट लिए थे, जिसके चलते वो इंग्लैंड के गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन को पीछे छोड़कर पहले पायदान पर पहुंच गए हैं.
साल 2015 में अश्विन पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले नंबर पर आए थे. (bbc.com/hindi)