खेल
नई दिल्ली, 1 मार्च । बॉर्डर-गावस्कर सिरीज़ के तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं हुई है.
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम इंडिया अपनी पहली पारी में 109 रन ही बना सकी और पूरी टीम मामूली सा स्कोर बनाकर पवेलियन लौट गई.
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के सामने भारतीय बल्लेबाज़ टिक नहीं पाए.
भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 22 रन विराट कोहली ने बनाए. शुभमन गिल ने 21, भरत और उमेश यादव ने 17-17 रन बनाए.
ऑस्ट्रेलिया की ओर से मैथ्यू कुहनेमैन ने पांच और नाथन लायन ने तीन विकेट झटके.
इंदौर में खेले जा रहे इस तीसरे टेस्ट मैच में टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था. टीम में केएल राहुल की जगह शुभमन गिल को मौक़ा दिया गया
सिरीज़ के शुरुआती दो मैचों में जीत भारत ने हासिल की थी.
अगर भारत तीसरा टेस्ट मैच भी जीत लेता है तो टीम इंडिया की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में जगह पक्की हो जाएगी.
शुरुआती दो टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों का प्रदर्शन ख़राब रहा था.
ऐसे में तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की कोशिश है कि जीत के साथ सिरीज़ में वापसी करे. (bbc.com/hindi)
बॉर्डर-गावस्कर सिरीज़ का तीसरा टेस्ट मैच बुधवार से इंदौर में शुरू हो रहा है.
टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया है. टीम में केएल राहुल की जगह पर शुभमन गिल को मौक़ा दिया गया है.
टीम में कौन-कौन?
भारत: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, रविंद्र जडेजा, श्रीकर भरत, अक्षर पटेल, आर अश्विन, उमेश याद, मोहम्मद सिराज
ऑस्ट्रेलिया: उस्मान ख्वाजा, त्राविस हेड, मार्नस, स्टिवन स्मिथ, पीटर हैंड्सकॉम्ब, कैमरन ग्रीन, एलेक्स, मिशेल स्टार्क, नाथन लॉयन, टॉड मर्फी, मैथ्यू
सिरीज़ के शुरुआती दो मैचों में जीत भारत ने हासिल की थी.
अगर भारत तीसरा टेस्ट मैच भी जीत लेता है तो टीम इंडिया की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में जगह पक्की हो जाएगी.
सिरीज़ में लगातार मिलती हार के कारण ऑस्ट्रेलिया मुश्किल में है और टीम की कोशिश होगी कि सिरीज़ में जीत के साथ वापसी करे.
इंदौर (मध्यप्रदेश), 28 फरवरी। भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मैच में ‘‘बल्लेबाजों का स्वर्ग’’ कहे जाने वाले उस होलकर स्टेडियम में बुधवार को आमने-सामने होंगी जहां मेजबान टीम का पलड़ा हमेशा से भारी रहा है।
मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के इस मैदान के पिछले 17 साल के इतिहास में भारत ने केवल एक मुकाबले को छोड़कर, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों (टेस्ट, एक दिवसीय और टी20) के हर मैच में जीत दर्ज की है।
दूसरी तरफ करीब 27,000 दर्शकों की क्षमता वाले होलकर स्टेडियम में खेलने का ऑस्ट्रेलिया को बेहद कम अनुभव है। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैदान पर 24 सितंबर 2017 को आयोजित एक दिवसीय मैच के रूप में इकलौता मुकाबला खेला है जिसमें उसे भारत के हाथों पांच विकेट से पराजय झेलनी पड़ी थी।
संयोग है कि 2017 के इस मुकाबले में भी वह स्टीव स्मिथ ही ऑस्ट्रेलिया की अगुवाई कर रहे थे जो बुधवार को खेले जाने वाले टेस्ट मैच में टीम के कार्यवाहक कप्तान की भूमिका में नजर आएंगे क्योंकि नियमित कप्तान पैट कमिंस अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए स्वदेश लौट गए हैं।
होलकर स्टेडियम पर अब तक केवल दो टेस्ट मैच खेले गए हैं जिनमें भारत ने न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल की है।
भारतीय टीम होलकर स्टेडियम में 2006 से लेकर अब तक आयोजित सभी छह एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में जीत का झंडा फहराते आई है और सीमित ओवरों के इस प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया के अलावा इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड को धूल चटा चुकी है।
होलकर स्टेडियम में अब तक खेले गए तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में से दो में भारत ने जीत हासिल की है, जबकि चार अक्टूबर 2022 को आयोजित एक मुकाबले में मेजबान टीम को दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार का सामना करना पड़ा है।
होलकर स्टेडियम में भारतीय टीम के दबदबे पर बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने "पीटीआई-भाषा" से कहा,"दुनिया की किसी भी क्रिकेट टीम को अपने घरेलू मैदान का मनोवैज्ञानिक फायदा तो मिलता ही है। वैसे भी किसी भी विपक्षी टीम के लिए भारत को भारत में हराना आसान नहीं है।" (भाषा)
दक्षिण अफ्रीका में हाल में हुए महिला टी-20 वर्ल्ड कप में शीर्ष तीन टीमों में जगह बनाने में कामयाब रही भारतीय टीम 2024 के वर्ल्ड कप लिए खुद-ब-खुद क्वालिफाई कर गई है.
भारतीय टीम इस तरह क्वालिफाई करने वाली आठ टीमों में शामिल है. अगला टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में बांग्लादेश में होगा.
वर्ल्ड कप के दोनों ग्रुप की शीर्ष तीन टीमें ऑटोमैटिक क्वालिफाई कर गई हैं. इसके अलावा मेजबान बांग्लादेश और पाकिस्तान की टीमों ने भी क्वालिफाई किया.
ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ्रीका ने ग्रुप वन से क्वालिफाई किया जबकि इंग्लैंड, भारत और वेस्टइंडीज ने दूसरे ग्रुप से क्वालिफाई किया.
श्रीलंका और आयरलैंड की टीमें क्वालिफाई करने में नाकाम रही हैं. (bbc.com/hindi)
सीपीएल विमेंस का खिताब ग्रे राइडर्स को
रायपुर, 28 फरवरी। शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम नया रायपुर में छत्तीसगढ़ क्रिकेट काउंसिल और वीर स्पोर्ट्स क्लब द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग टी 20 के फाइनल मुकाबले में वेनिंगटन कोर्ट रायपुर केपिटल्स ने फिल फाइटर बिलासपुर को हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी खेलकूद प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने जानकारी देते हुए बतलाया कि रायपुर कैपिटल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में रितेश चतुर्वेदानी के 47 गेंदो पर नाबाद 101 रनों की बदौलत 7 विकेट के नुकसान पर 174 रनों का लक्ष्य निर्धारित किया। बिलासपुर की ओर से हरजीत 3 और गौतम ने 2 विकेट हासिल किए।
जवाब में बिलासपुर की पूरी टीम 14.5 ओवरों में 86 रनों पर ही ढेर हो गई। रायपुर कैपिटल की ओर से रितेश, मनीष और पीयूष ने 3-3 विकेट प्राप्त किए। रायपुर कैपिटल ने यह मैच 88 रन से जीतकर छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग का खिताब अपने नाम कर लिया, मैन ऑफ द मैच रितेश चतुर्वेदनी को चुना गया।
टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों में बेस्ट बैट्समैन अबूझमाड़ टाइगर्स के श्रेयष मुखर्जी 291 रन, बेस्ट बॉलर रायपुर कैपिटल के रितेश चतुर्वेदनी 16 विकेट, बेस्ट फील्डर बिलासपुर के शिब्ली गाजी, बेस्ट विकेट कीपर रायपुर कैपिटल के सूर्य प्रताप जोशी और टूर्नामेंट के मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार रितेश चतुर्वेदनी को दिया गया।
जिन्होंने टूर्नामेंट में 262 रनों के साथ गेंदबाजी में भी 16 विकेट प्राप्त किए। विजेता टीम को 3 लाख एवं उपविजेता टीम को 2 लाख का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्य अथिति के रूप में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया।
वही टूर्नामेंट में पहली बार महिला टीमों के मध्य भी मुकाबला कराया गया, जिसमें फाइनल मुकाबले में यल्लो चैलेंजर्स और ग्रे राइडर्स के मध्य मुकाबला खेला गया। ग्रे फाइटर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया।
यल्लो राइडर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 15 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर 99 रन बनाए, जिसमें सिदीक्षा तिवारी ने 37 और कोमल ने 22 रनों का योगदान दिया। ग्रे फाइटर की ओर से डुग्गू और निशा ने एक-एक विकेट लिया। जबाव में ग्रे फाइटर ने 14.4 ओवरों में 6 विकेट खोकर यह मैच जीत लिया। जिसमें बिंदिया साहू ने 28 और धनलक्ष्मी ने 16 रन बनाएं। मैन ऑफ द मैच यल्लो राइडर्स की सिदीक्षा तिवारी को दिया गया।
वेलिंगटन में खेले जा रहे सिरीज़ के दूसरे टेस्ट मैच में मेज़बान न्यूज़ीलैंड ने इंग्लैंड को एक रन से हरा दिया है.
रोमांच और उतार-चढ़ाव से भरपूर इस मैच में इंग्लैंड को जीतने के लिए 258 रन बनाने थे, लेकिन न्यूज़ीलैंड ने 256 रन पर इंग्लैंड की पूरी टीम को आउट कर दिया.
लेकिन एक समय लग रहा था कि पहले टेस्ट की ही तरह दूसरे टेस्ट को भी इंग्लैंड जीत लेगा.
उसे जीतने के लिए 57 रन चाहिए थे और पांच बल्लेबाज़ सुरक्षित थे. लेकिन बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ नील वैगनर ने अपने शानदार प्रदर्शन से यह जीत अपनी टीम के नाम कर दिया.
उन्होंने जेम्स एंडरसन को आउट करके यह मैच अपनी टीम की झोली में डाल दिया. इंग्लैंड के अंतिम पांच में से तीन विकेट उन्होंने ही लिए.
मैच के अंत में इंग्लैंड को 7 रन बनाने थे जबकि उसके दो बल्लेबाज़ आउट होने बाक़ी थे. लेकिन पहले कप्तान साउदी और फिर वैगनर ने 16 गेंद के भीतर इंग्लैंड के बचे दोनों बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखा दी.
दूसरी पारी में शानदार 132 रन बनाने वाले केन विलियम्सन को 'मैन ऑफ़ द मैच' का ख़िताब दिया गया.
फ़ॉलोऑन खेलने के बावजूद न्यूज़ीलैंड को मिली इस जीत से दो टेस्ट मैचों की यह सिरीज़ 1-1 से बराबरी पर ख़त्म हो गई है. टेस्ट क्रिकेट के 145 साल के इतिहास में ऐसा केवल चौथी बार हुआ है, जब कोई टीम फ़ॉलोऑन खेलने के बावजूद जीती हो.
इंग्लैंड ने पहले टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड को 267 रन के भारी अंतर से हरा दिया था. (bbc.com/hindi)
मुंबई, 27 फरवरी। आस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी को चार मार्च से शुरू हो रहे महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के पहले सत्र के लिए सोमवार को गुजरात जायंट्स का कप्तान नियुक्त किया गया।
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महिला टी20 विश्व कप के फाइनल में 74 रन की मैच विजेता पारी खेली थी और उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया था।
गुजरात जायंट्स ने मूनी के साथ भारतीय ऑलराउंडर स्नेह राणा को उपकप्तान नियुक्त किया है।
मूनी ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा,‘‘मैं महिला प्रीमियर लीग के पहले सत्र के लिए अडानी गुजरात जायंट्स का नेतृत्व करने का अवसर पाकर खुश हूं।’’
मूनी महिला टी20 में उन कुछेक बल्लेबाजों में शामिल है जिन्होंने एक से अधिक शतक लगाए हैं। उन्होंने अब तक 83 टी20 मैचों में 2350 रन बनाए हैं।
उप कप्तान राणा ऑफ स्पिनर है और इससे पहले महिला टी20 चैलेंज में वेलोसिटी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। (भाषा)
ख़ास बातें
- ट्वेंटी-20 का मैच
- सात खिलाड़ी बिना खाता खोले आउट
- चार रन बनाने वाले खिलाड़ी टीम के टॉप स्कोरर
- पूरी टीम सिर्फ़ 10 रन पर ढेर
- विरोधी टीम ने 118 गेंद (19.4 ओवर) बाकी रहते जीता मैच
ये कोई गली मुहल्ले की टीमों के बीच हुआ मुक़ाबला नहीं था. एक तरफ थी स्पेन की टीम और दूसरी तरफ थी आइल ऑफ़ मैन की टीम.
आइल ऑफ़ मैन टीम, साल 2017 से इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की एसोसिएट मेंबर है. ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप में ये टीम यूरोपियन सब रीज़नल क्वालिफ़ायर्स में भी हिस्सा ले चुकी है.
लेकिन स्पेन के ख़िलाफ़ रविवार को खेले गए मैच में आइल ऑफ़ मैन का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा.
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम सिर्फ़ 10 रन पर आउट हो गई और उसके नाम पुरुषों के ट्वेंटी-20 मुक़ाबले का न्यूनतम स्कोर दर्ज हो गया.
इसके पहले न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड सिडनी थंडर्स के नाम था. बीते साल (2022) एडिलेड स्ट्राइकर्स के ख़िलाफ़ मैच में सिडनी थंडर्स की टीम 15 रन ही बना सकी थी.
इसके पहले ये रिकॉर्ड तुर्की के नाम था. साल 2019 में तुर्की की टीम चेक रिपब्लिक के ख़िलाफ़ 21 रन ही बना सकी थी.
मैच में क्या हुआ?
आइल ऑफ़ मैन की बात करें तो रविवार के मैच में इस टीम के सात बल्लेबाज़ शून्य पर आउट हो गए. जोसफ़ बुरोज़ टॉप स्कोरर रहे, वो सिर्फ़ चार रन बना सके.
स्पेन के लिए मोहम्मद कामरान ने हैट्रिक समेत चार विकेट लिए. उन्होंने लूक वार्ड, कार्ल हार्टमैन और एडवर्ड बिएर्ड को लगातार तीन गेंदों में आउट किया.
स्पेन के लिए आतिफ़ महमूद ने भी चार विकेट लिए. दो विकेट लोर्न बर्न्स को भी मिले. आइल ऑफ़ मैन की टीम सिर्फ़ 8.2 ओवर तक विकेट पर टिक सकी.
स्पेन ने जीत के लिए मिले 11 रन के लक्ष्य को सिर्फ़ दो गेंदों में हासिल कर लिया. स्पेन की पारी की पहली गेंद नो बॉल थी. अगली दो गेंदों पर अवैस अहमद ने दो छक्के जमाए और मैच ख़त्म कर दिया.
उन्होंने अपनी टीम को 118 गेंद बाकी रहते 10 विकेट से जीत दिला दी.
क्या बोले स्पेन के कोच?
मैच के बाद स्पेन टीम के कोच कोरी रटगर्स ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा मैच नहीं देखा था.
उन्होंने कामरान और महमूद की गेंदबाज़ी की तारीफ की.
रटगर्स ने कहा, "कामरान और महमूद काफी अच्छी स्विंग कर रहे थे. उनकी गेंद स्टंप और पैड पर लग रही थी. "
स्पेन के कोच ने आइल ऑफ़ मैन की टीम को हौसला बनाए रखने की सलाह दी.
स्पेन के कोच ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि वो इस नतीजे से निराश नहीं होंगे और इससे सीखेंगे."
स्पेन और आइल ऑफ़ मैन के बीच छह मैचों की सिरीज़ खेली गई थी. इस सिरीज़ में स्पेन ने विरोधी टीम का सफ़ाया कर दिया.
हालांकि, रविवार के मैच से पहले के मुक़ाबले में आइल ऑफ़ मैन टीम ने अच्छा खेल दिखाया. उस मैच में टीम ने 20 ओवर में आठ विकेट पर 132 रन बनाए थे. स्पेन ने वो मैच 45 गेंद बाकी रहते सात विकेट से जीता था. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 27 फरवरी। ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह आगामी एफआईएच (अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ) हॉकी प्रो लीग मैचों में मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी और विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 20 सदस्यीय भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नेतृत्व करेंगे।
मिडफील्डर हार्दिक सिंह टीम के उपकप्तान होंगे।
टीम में अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश और युवा पवन शामिल हैं, जिन्होंने कृष्ण बहादुर पाठक की जगह ली है। पाठक अपनी शादी के कारण टीम से बाहर रहेंगे।
हरमनप्रीत के साथ जुगराज सिंह, नीलम संजीप जेस, जरमनप्रीत सिंह, सुमित, मंजीत और मनप्रीत सिंह टीम की रक्षापंक्ति की जिम्मेदारी संभालेंगे जबकि मिडफील्ड में हार्दिक, विवेक सागर प्रसाद, मोइरंगथम रबीचंद्र सिंह, विष्णुकांत सिंह, दिलप्रीत सिंह, शमशेर सिंह और राज कुमार पाल जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
युवा एस कार्थी, सुखजीत सिंह, अभिषेक और गुरजंत अग्रिम पंक्ति को मजबूती प्रदान करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के डेविड जॉन और बीजे करियप्पा को शिवेंद्र सिंह के साथ आगामी मैचों के लिए अंतरिम कोच के रूप में नामित किया गया है।
जिन खिलाड़ियों का राष्ट्रीय टीम में चयन नहीं हुआ है, उन्हें रविवार से बेंगलुरु में शुरू हुई तीसरी हॉकी इंडिया सीनियर पुरुष अंतर-विभागीय राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2023 में खेलने के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविर से मुक्त कर दिया गया है।
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने टीम में ऐसे युवा खिलाड़ियों को तरजीह दी है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अच्छी प्रगति कर रहे हैं। इन युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव रखने वाले दिग्गज खिलाड़ियों का मार्गदर्शन मिलेगा।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘राउरकेला में एफआईएच हॉकी प्रो लीग में टीम अंतरिम कोच के देख रेख में खेलेगी। टीम तब तक अंतरिम कोच के देखरेख में खेलेगी जब तक हॉकी इंडिया नए मुख्य कोच की घोषणा नहीं कर देता।’’
भारत पहले मैच में 10 मार्च को जर्मनी जबकि 12 मार्च को ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा। टीम इसके बाद 13 मार्च को दूसरी बार जर्मनी जबकि 15 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगी।
इस बीच 12 और 14 मार्च को इसी स्थल पर ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी का मुकाबला होगा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 फरवरी। तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन और मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन यहां आईबीए (विश्व मुक्केबाजी संघ) महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 में भारत की चुनौती की अगुवाई करेंगी।
इस प्रतियोगिता का आयोजन 15 से 26 मार्च तक इंदिरा गांधी खेल परिसर में होगा।
बोरगोहेन (75 किग्रा) अब तक विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं और वह घरेलू परिस्थितियों में अन्य देशों के कई ओलंपिक पदक विजेताओं के बीच इसमें सुधार करना चाहेंगी।
निकहत 50 किग्रा वर्ग की मौजूदा चैंपियन है और अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगी। निकहत ने इस्तांबुल में 2022 आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीता था।
बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू घंघास 48 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी। दो बार की यह युवा विश्व चैंपियन एक और बड़ा पदक अपने नाम करना चाहेंगी।
भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में भारत मुक्केबाजी का एक ‘पावरहाउस’ बन गया है और हम आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप के लिए इस प्रतिभाशाली दल के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं। टीम में चैम्पियन खिलाड़ी शामिल है मुझे यकीन है कि वे फिर से देश का गौरव बढ़ाएंगे।’’
दिल्ली में 2018 विश्व चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ वैश्विक मंच पर अपने आगमन की घोषणा करने वाली मनीषा मौन अत्यधिक प्रतिस्पर्धी 57 किग्रा ‘फेदरवेट’ वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मनीषा ने 2022 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैस्मिन लैम्बोरिया पिछले सत्र में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। वह 60 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
युवा मुक्केबाज प्रीति और सनामाचा चानू क्रमशः 54 किग्रा और 70 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मौजूदा एशियाई और राष्ट्रीय चैंपियन स्वीटी बूरा 81 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
युवा विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी (52 किग्रा), शशि चोपड़ा (63 किग्रा) और 2019 दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मंजू बम्बोरिया (66 किग्रा) विश्व चैंपियनशिप में अपनी-अपनी श्रेणियों में खुद को साबित करने के लिए उत्सुक होंगी।
81 किग्रा से अधिक ‘हैवीवेट’ वर्ग में भारत की पदक की उम्मीद मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नूपुर श्योराण पर टिकी होगी।(भाषा)
गोपालगंज, 27 फरवरी | बिहार के गोपालगंज के रहने वाले मुकेश कुमार मैदान में भले ही अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाजों को आउट कर देते हैं, लेकिन आम जीवन में वे दिव्या की नजरों से ऐसे घायल हुए कि उन्हें जीवन संगिनी बनाने का फैसला ले लिया। आईपीएल 2023 के लिये हुए ऑक्शन में 5.50 करोड़ में खरीदे गए मुकेश ने दिव्या के साथ गोपालगंज के एक निजी होटल में सगाई कर ली।
वैसे, मुकेश के परिजनों का कहा है कि विवाह की अभी तिथि निश्चित नहीं हुई है, लेकिन संभावना है कि आईपीएल खेलकर लौटने के बाद दोनों परिणय सूत्र में बंध जाएंगे।
बिहार के छपरा की रहनेवाली दिव्या सिंह, मुकेश कुमार सिंह की लाइफ पार्टनर बनेगी। मुकेश और दिव्या की सगाई के मौके पर आयोजित एक समारोह में नजदीकी लोगों को बुलाया गया था।
इस समारोह में गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी, एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार, एसडीपीओ संजीव कुमार भी शामिल हुए।
मुकेश के परिजनों के मुताबिक, दिव्या सिंह छपरा की रहनेवाली हैं और मुकेश की करीबी दोस्त और रिश्तेदार भी बताई जा रही है। इस सगाई कार्यक्रम में दोनों परिवार के लोग भी शामिल हुए। सगाई कार्यक्रम के बाद दोनों परिवार के लोग काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए निकल गए।
सगाई की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। एक वीडियो में मुकेश और दिव्या डांस करते भी नजर आ रहे है।
मुकेश गोपालगंज सदर प्रखंड के काकड़कुंड गांव निवासी स्व. काशीनाथ के पुत्र हैं। पिता के निधन के बाद से उनकी मां मालती देवी मां-बाप की जिम्मेदारियां निभाती हैं।
रणजी ट्रॉफी के लिए इंडिया-ए टीम में बीते साल-2022 में शामिल हुए और बॉल से शानदार प्रदर्शन किया। बेहतर प्रदर्शन के बाद इसी साल इंडिया टीम का हिस्सा बने, हालांकि वे अंतिम 11 खिलाड़ियों में शामिल नहीं हो सके। आइपीएल ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स ने मुकेश को साढ़े पांच करोड़ रुपए में टीम का हिस्सा बनाया है। (आईएएनएस)|
-अभिजीत श्रीवास्तव
ऑस्ट्रेलिया ने छठी बार महिला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया है. केपटाउन के न्यूलैंड में खेले गए फ़ाइनल में उसने मेज़बान दक्षिण अफ़्रीका को 19 रनों से हरा कर यह ट्रॉफ़ी छठी बार अपने नाम की.
इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरू से लेकर फ़ाइनल तक सभी छह मैच जीती और चैंपियन बनी.
बेशक बग़ैर एक भी मैच हारे वो चैंपियन बनी, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में खेले गए उसके मुक़ाबलों पर नज़र दौड़ाएं तो स्पष्ट रूप से ये दिखता है कि इस दौरान एक ऐसा मौक़ा भी आया जब कंगारुओं को नॉक आउट का डर सता रहा था.
वो मौक़ा था भारत के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल का और भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर तब पिच पर डटी थीं.
हालांकि हमरनप्रीत दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से रन आउट हो गईं, उसके बाद भी ऑस्ट्रेलिया आसानी से मैच नहीं जीता बल्कि अंतिम ओवर में बमुश्किल पांच रनों के अंतर ने ही उसे राहत की सांस दिलाई.
जब नॉकआउट का मंडरा रहा था ख़तरा
सेमीफ़ाइनल के इस आंकड़े को इस लिहाज़ से भी देखने की ज़रूरत है कि दोनों टीमों ने कुल 339 रन बनाए जो इस टूर्नामेंट के किसी भी मैच में दोनों टीमों के बनाए कुल रन के योग से अधिक है.
इसकी तुलना ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अन्य टीमों के मुक़ाबले से करें तो फ़ाइनल में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ यह योग 293 रन का रहा जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 19 रन से जीता.
एक नज़र ऑस्ट्रेलिया के ग्रुप मैचों के नतीजों पर डालें तो उसने बांग्लादेश को 8 विकेट तो श्रीलंका को 10 विकेट से हराया. वहीं दक्षिण अफ़्रीकी टीम 21 गेंद रहते 6 विकेट से हार गई तो न्यूज़ीलैंड को ऑस्ट्रेलिया ने 97 रन से हराया.
इससे ये ज़ाहिर है कि अकेली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कीं, वो भी सेमीफ़ाइनल के उस मुक़ाबले में जिसे हारने पर एक टीम का नॉकआउट होना तय था.
यानी कंगारू टीम भले ही चैंपियन बन गई है, लेकिन उसे ये अच्छी तरह पता है कि भारतीय टीम के साथ हुआ मैच ही वो एकमात्र मुक़ाबला है जहां उस पर हार का ख़तरा मंडरा रहा था. यहां ये भी बता दें कि भारत ही वो एकमात्र टीम है जिससे पिछले साल एक मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम हारी थी.
लेकिन ऑस्ट्रेलिया से सेमीफ़ाइनल हारने पर पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने भारतीय महिला टीम की आलोचना भी की है.
टी20 वर्ल्ड कप तो ख़त्म हो गया, लेकिन अब महिला इंडियन प्रीमियर लीग (डब्ल्यूआईपीएल) शुरू होने जा रहा है. जहां ऑस्ट्रेलिया की विश्व विजेता टीम की ये महिला क्रिकेटर कहीं साथ तो कहीं आमने-सामने होंगी.
यानी (घरेलू समेत सभी) भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए ये एक बेहतरीन मौक़ा होगा जब वे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स को क़रीब से देख कर उनकी तरह ही प्रोफ़ेशनल बनने की कोशिश कर सकेंगी. इसमें फ़िटनेस भी अहम होगी, जैसा कि भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान का कहना है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम वर्ल्ड कप जीत की दो हैट्रिक बना चुकी है तो इसके पीछे जहां बैटिंग, बॉलिंग और फ़ील्डिंग तीनों ही क्षेत्रों में उनकी मज़बूती है, वहीं इसमें बड़ी भूमिका उनके खिलाड़ियों की फ़िटनेस की भी है.
यह सभी जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया न केवल महिला और पुरुष क्रिकेट में बल्कि कई अन्य खेलों में भी अन्य टीमों की अपेक्षा कहीं अधिक सशक्त है.
2020, 2022 में ऑस्ट्रेलिया के टी20 वर्ल्ड कप जीतने के दौरान टीम के फ़िज़िकल परफ़ॉर्मेंस कोच नोएल मैकार्थी अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से एक बातचीत में कहते हैं, "ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम ने खेलने के लिए बहुत ऊंचे स्तर के फ़िज़िकल परफ़ॉर्मेंस के मानदंड से कोई समझौता नहीं किया जाता है."
तो महिला इंडियन प्रीमियर लीग में ऐश गार्डनर, बेथ मूनी, एलिस पेरी जैसी क्रिकेटरों से सीखने के लिए बहुत कुछ है.
टी20 वर्ल्ड कप 2023 की ये चैंपियन महिला क्रिकेटर्स
अब बात करतें हैं उन क्रिकेटर्स की जिन्होंने महिला टी20 वर्ल्ड कप में अपनी ऐसी छाप छोड़ दी है कि आने वाले दिनों में महिला इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान भी उनके प्रदर्शन पर नज़रें होगीं, चर्चा होगी और टीम की जीत का दारोमदार भी उन पर होगा.
ऐश गार्डनरः ये ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर टी20 वर्ल्ड कप में 10 विकेट और 189 रन के साथ 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट' बनीं.
एक मैच में तो इन्होंने 12 रन देकर पांच विकेट लिए और यह टूर्नामेंट का सबसे अच्छा बॉलिंग फ़िगर रहा.
ऐश गार्डनर महिला आईपीएल में सबसे महंगी विदेशी क्रिकेटर हैं. गुजरात जायंट्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है. इसी टीम में भारतीय टीम में शामिल स्नेह राणा भी हैं.
ये महिला टी20 वर्ल्ड कप 2023 और 2020 के फ़ाइनल की टॉप स्कोरर रही हैं. तो 2018 और 2019 में वीमेन बिग बैश लीग के फ़ाइनल में अपनी टीम ब्रिसबेन हीट को जीत दिलाने में प्लेयर ऑफ़ द मैच रही थीं.
2020 के टी20 वर्ल्ड कप में वे प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट भी थीं.
अब तक छह बार अंतरराष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंट के फ़ाइनल में खेल चुकी मूनी के नाम चार अर्धशतक समेत 99.33 की औसत से 298 रन हैं.
डब्ल्यूआईपीएल में बेथ मूनी भी ऐश गार्डनर के साथ गुजरात जायंट्स के लिए खेलती नज़र आएंगी.
स्मृति मंधानाः टी20 वर्ल्ड कप में एक मैच में पाकिस्तान की अली सिद्दीकी (102 रन) के सर्वाधिक स्कोर के बाद स्मृति मंधाना का 87 रन दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहा.
स्मृति मंधाना टी20 क्रिकेट में 2800 से अधिक रन बना चुकी हैं.
महिला आईपीएल में वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का नेतृत्व कर रही हैं और महिला आईपीएल के पहले संस्करण की सबसे महंगी महिला क्रिकेटर भी हैं.
एलिसा हिलीः वर्ल्ड कप में खेले गए अपने पांच मैचों में हिली ने 189 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया की ये ओपनर महिला इंडियन प्रीमियर लीग में यूपी वारियर्स के लिए खेलती नज़र आएंगी.
शबनम इस्माइलः 127 किलोमीटर से अधिक की रफ़्तार से गेंद डालने वाली इकलौती महिला क्रिकेटर हैं.
ये महिला टी20 वर्ल्ड कप में सबसे अधिक (43) विकेट लेने वाली गेंदबाज़ भी हैं. इस दक्षिण अफ़्रीकी बॉलर की ख़ूबी इनकी तेज़ गेंदें और सटीक लाइन व लेंथ है.
इस टी20 वर्ल्ड कप में इन्होंने 8 विकेट लिए हैं और इनके तीन ओवर मेडेन भी रहे. सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड हो या फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया, इनकी गेंदों पर रन बनाने में परेशानी साफ़ दिखी.
एलिसा हिली के साथ ये भी यूपी वारियर्स के लिए खेलेंगी.
सोफ़ी इक्लेस्टोनः बाएं हाथ की ये गेंदबाज़ अपने स्पिन से पूरे टूर्नामेंट में बल्लेबाज़ों को छकाती रहीं और सर्वाधिक 11 विकेट लिए. इंग्लैंड की सोफ़ी डब्ल्यूआईपीएल में यूपी वारियर्स के लिए खेलेंगी. भारत की टर्न लेती पिचों पर उनकी स्पिन गेंदबाज़ी देखना दिलचस्प होगा.
हरमनप्रीत कौरः वर्ल्ड कप में अगर भारत सेमीफ़ाइनल में जीत के मुहाने पर पहुंचा तो उसका कारण हरमनप्रीत की विस्फोटक बल्लेबाज़ी ही थी. भारतीय कप्तान हमरनप्रीत टी20 क्रिकेट में तीन हज़ार से अधिक रन बना चुकी हैं. अब हरमनप्रीत महिला इंडियन प्रीमियर लीग में यूपी वारियर्स के लिए कैसी बैटिंग करती हैं ये जल्द ही दिखेगा.
रेणुका सिंह ठाकुरः महिला टी20 वर्ल्ड कप 2023 में भारत की ओर से गेंदबाज़ी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली गेंदबाज़ बनीं. इन्होंने सात विकेट लिए जिसमें एक मैच में 15 रन देकर पांच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल है.
दीप्ति शर्माः दीप्ति शर्मा टी20 क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाली एकमात्र भारतीय क्रिकेटर हैं. 25 वर्षीय दीप्ति एक ऑलराउंडर हैं जो बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी और दाएं हाथ से ऑफ़ ब्रेक गेंदें डालती हैं. इनके नाम अंतरराष्ट्रीय महिला वनडे क्रिकेट में सबसे बड़े व्यक्तिगत स्कोर (188 रन) का भारतीय रिकॉर्ड भी है जो इन्होंने आयरलैंड के ख़िलाफ़ 2017 में बनाया था.
नैट सिवर बर्न्टः इंग्लैंड की उप-कप्तान नैट सिवर बर्न्ट ने महिला टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 81 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए कई रिकॉर्ड बनाए. यह इस टूर्नामेंट का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर था. उस मैच में इंग्लैंड ने 213 रन बनाए जो इस टूर्नामेंट में किसी भी टीम के सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड था.
इतना ही नहीं पाकिस्तान की टीम को इंग्लैंड ने 114 रन से हराया जो इस टूर्नामेंट में रन के अंतर से सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड था. नैट सिवर बर्न्ट इस वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ़्रीका की ओपनर लॉरा वुलवर्ट (230 रन) के बाद दूसरी सबसे अधिक रन बनाने वाली बैटर बनीं. उन्होंने पांच मैचों में 216 रन बनाए.
वहीं बैटिंग औसत (72.00) के मामले में वे दूसरे किसी भी बल्लेबाज़ से कहीं आगे रहीं. 100 से अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों के बीच उनका स्ट्राइक रेट (141.17) भी अव्वल रहा. नैट सिवर महिला आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलेंगी.
इनके अलावा भी महिला क्रिकेटर्स हैं जिनके खेल पर नज़र रहेगी और ये फ़ेहरिस्त लंबी है. जैसे- भारत की ऋचा घोष, शेफ़ाली वर्मा, जेमिमा रॉड्रिग्स आदि. (bbc.com/hindi)
ऑस्ट्रेलिया ने छठी बार महिला टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया है. केपटाउन में खेले गए फ़ाइनल में उसने दक्षिण अफ़्रीका को 19 रनों से हराया.
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 156 रन बनाए. जवाब में दक्षिण अफ़्रीकी टीम ने 20 ओवरों में 6 विकेट पर 137 रन बनाए और यह मुक़ाबला 19 रनों से हार गई.
दक्षिण अफ़्रीका की ओर से ओपनर लॉरा वुलवर्ट ने शानदार बल्लेबाज़ी की और 48 गेंदों पर 61 रन बनाए. वुलफर्ट ने अपना अर्धशतक 43 गेंदों पर पांच चौके और तीन छक्के की मदद से पूरा किया.
वुलवर्ट के अलावा ट्रायन ने 25 रनों का योगदान दिया. दक्षिण अफ़्रीकी ओपनर ब्रिट्स ने 10, कप्तान लुस ने 11 रन बनाए. इसके अलावा किसी भी बल्लेबाज़ का स्कोर दहाई के अंक तक नहीं पहुंच सका.
दक्षिण अफ़्रीका की धीमी शुरुआत
दक्षिण अफ़्रीकी ओपनर्स ने पारी की धीमी शुरुआत की. लॉरा वुलवर्ट और ताज़मिन ब्रिट्स की सलामी जोड़ी ने पहले तीन ओवरों में केवल 8 रन बनाए.
धीमी होती रन गति को तेज़ करने की कोशिश में पांचवे ओवर की आखिरी गेंद पर ब्रिट्स ने लॉन्ग आन के ऊपर से शॉट लगाने की कोशिश की लेकिन मैग्रा के हाथों कैच आउट हो गईं.
17 रन के स्कोर पर दक्षिण अफ़्रीका का पहला विकेट आउट हुआ. ब्रिट्स ने आउट होने से पहले 17 गेंदों पर एक चौके की मदद से 10 रन बनाए, उन्हें डार्सी ब्राउन ने आउट किया.
पावरप्ले के छह ओवरों में दक्षिण अफ़्रीका ने एक विकेट पर चार से भी कम की औसत से 22 रन बनाए.
मैच के 9वें ओवर की आखिरी गेंद पर ऐश गार्डनर ने मारिज़ाने काप को पवेलियन लौटा दिया. काप ने आउट होने से पहले 11 गेंदों पर इतने ही रन का योगदान दिया.
इसके बाद दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान सुन लस पिच पर आईं लेकिन केवल दो रन बना कर रन आउट हो गईं.
दक्षिण अफ़्रीका का दूसरा विकेट 46 रन पर तो तीसरा 54 रन पर आउट हुआ.
इसके बाद वुलफर्ट ने एक छोर संभाल लिया लेकिन 17वें ओवर में उनके आउट होते ही दक्षिण अफ़्रीकी टीम के दो और बल्लेबाज़ जल्दी-जल्दी आउट हो गए.
आखिर 20 ओवर में 6 विकेट पर 137 रन बना कर दक्षिण अफ़्रीकी टीम 19 रनों से यह फ़ाइनल मुक़ाबला हार गई.
ऑस्ट्रेलियाई पारी
इससे पहले महिला टी20 वर्ल्ड कप जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ़्रीका के सामने 157 रन का लक्ष्य रखा है. ऑस्ट्रेलिया की ओर से ओपनर बेथ मूनी शानदार अर्धशतक बनाई.
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी ली. ओपनर एलिसा हिली और बेथ मूनी की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया को तेज़ शुरुआत दी. पांचवे ओवर तक दोनों ने 36 रन जोड़ लिए थे लेकिन इसी ओवर की आखिरी गेंद पर हिली आउट हो गईं.
इसके बाद अगला और पावरप्ले का आखिरी ओवर शबनीम इस्माइल ने मेडेन किया जिससे ऑस्ट्रेलिया का स्कोर छह ओवरों में 1 विकेट पर 36 रन ही रहा.
हिली के आउट होने के बाद पिच पर आईं ऐश गार्डनर ने तेज़ी से रन बटोरने शुरू किए और मूनी के साथ दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े.
ऐश गार्डनर ने 21 गेंदों पर 29 रनों की अपनी पारी में दो चौके और इतने ही छक्के लगाए.
82 रन के स्कोर पर गार्डनर आउट हुईं और उनके बाद ग्रेस हैरिस पर पिच पर ज़्यादा देर के लिए नहीं टिक सकीं.
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी तीसरा विकेट हैरिस के रूप में 103 रन के स्कोर पर गंवाया. हैरिस ने 10 रन बनाए.
मूनी ने सबसे अधिक नाबाद 74 रन बनाए
इस दौरान बेथ मूनी क़रीब हर ओवर में चौके जड़ती रहीं.
हैरिस के आउट होने पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग पिच पर आईं लेकिन केवल 10 रन बना कर पवेलियन लौट गईं.
18वें ओवर की चौथी गेंद पर मूनी ने अपना अर्धशतक पूरा किया. मूनी ने अपना अर्धशतक आठ चौके की मदद से 44 गेंदों में पूरा किया.
मूनी 53 गेंदों पर 74 रन बनाकर अंत तक आउट नहीं हुईं. ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवरों में छह विकेट पर 156 रन बनाए.
दक्षिण अफ़्रीका की ओर से शबनीम इस्माइल ने मैच के अंतिम ओवर में लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लिए. इस्माइल ने अपने चार ओवर में 26 रन दिए और अन्य दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ों के मुक़ाबले किफ़ायती रहीं.
उनके अलावा मारिज़ाने कापे ने भी दो विकेट लिए. वहीं चोले ट्रायोन और नॉनकुलुलेको मलाबा को एक-एक विकेट मिले.
फ़ाइनल मुक़ाबले में बेथ मूनी को उनकी शानदार 74 रनों की नाबाद पारी के लिए 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया.
वहीं ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ऐश गार्डनर 'प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट' चुनी गईं. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 25 फरवरी। भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का खिताब नहीं जीतने पर विशेषज्ञों और प्रशंसकों के एक वर्ग ने उन्हें ‘विफल’ कप्तान करार दिया।
कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम 2017 में चैम्पियन्स ट्रॉफी, 2019 में विश्व कप, 2021 में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के अलावा 2021 में टी20 विश्व कप का खिताब जीतने में विफल रही थी।
कोहली ने कहा कि इन सभी हार पर बात का बतंगड़ बनाया गया क्योंकि वह 2011 में विश्व कप और 2013 में चैम्पियन्स ट्रॉफी जीतने वाली उस टीम का हिस्सा थे जिसके कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी थे।
कोहली से जब पूछा गया कि क्या टीम की अगुवाई करते हुए क्या उन्हें कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं उठाने का मलाल है तो उन्होंने कहा, ‘‘देखिए आप टूर्नामेंट जीतने के लिए खेलते हैं। इससे काफी कुछ हुआ (कप्तान के रूप में आईसीसी ट्रॉफी नहीं उठाना)। मैंने 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी की थी, मैंने 2019 विश्व कप टीम की कप्तानी की, मैंने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के पहले सत्र के फाइनल में भारत की कप्तानी की।’’
कोहली ने ‘आरसीबी पोडकास्ट’ के दूसरे सत्र में कहा, ‘‘ इन तीनों आईसीसी टूर्नामेंटों के बाद हम पिछला (2021) टी20 विश्व कप हार गये। हम क्वालीफाई (नॉकआउट चरण) नहीं कर सके। हम 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचे, विश्व कप (2019) के सेमीफाइनल, (विश्व) टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे और इसके बाद भी मुझे एक असफल कप्तान माना गया।’’
इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें टीम में ‘सांस्कृतिक परिवर्तन’ के लिए खुद पर गर्व है ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद को उस दृष्टिकोण से कभी नहीं आंका (आईसीसी टूर्नामेंट में हार)। एक टीम के रूप में हमने जो हासिल किया और मेरे लिए एक सांस्कृतिक बदलाव है। यह हमेशा गर्व की बात होने वाली है क्योंकि एक टूर्नामेंट एक निश्चित अवधि के लिए होता है। लेकिन एक संस्कृति लंबी अवधि की होती है और उसके लिए आपको निरंतरता की आवश्यकता होती है।’’
कोहली ने कहा, ‘‘ उसके (सांस्कृतिक परिवर्तन) लिए, आपको टूर्नामेंट जीतने की तुलना में अधिक जज्बे की आवश्यकता होती है। इसलिए, मैंने एक खिलाड़ी के रूप में (2011) विश्व कप जीता, मैंने एक खिलाड़ी के रूप में (2013) चैंपियंस ट्रॉफी जीती, मैं उस टीम का हिस्सा रहा जिसने पांच टेस्ट गदा जीते हैं।’’
इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ अगर आप आप इसे उस दृष्टिकोण से देखते हैं, तो ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं जिन्होंने कभी विश्व कप नहीं जीता है। मेरे पास जो कुछ भी है उसके लिए मैं हमेशा आभारी हूं।’’
उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ तुलना करते हुए कहा कि इस महान खिलाड़ी ने अपने छठे प्रयास में विश्व कप जीता था, जबकि वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने विश्व कप को उनकी पहली मौजूदगी में ही जीता था।
कोहली ने कहा, ‘‘अगर मैं गलत नहीं हूं तो सचिन तेंदुलकर अपना छठा विश्व कप खेल रहे थे, और वह वही था जो उन्होंने जीता था। मैं पहली बार टीम का हिस्सा बनने में सक्षम था और मैं एक विजेता टीम का हिस्सा बन गया।’’
इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘ ऐसे में अगर आप मेरे करियर में खामियां ढूंढेंगे तो ऐसा करना बहुत आसान है। लेकिन मुझे यह देखना होगा कि मेरे करियर में क्या सही हुआ है और मैं इसके लिए आभारी हूं।’’
कोहली ने कहा, ‘‘ मैं अपनी ट्रॉफी कैबिनेट के भरने को लेकर बहुत जज्बाती नहीं हूं। मेरे लिए यह हमेशा काम का परिणाम रहा है कि आप खुद को कैसे संचालित करते हैं, किस तरह का अनुशासन है और आप दैनिक आधार पर उत्कृष्टता की ओर कैसे प्रयास कर रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं उस पहलू के प्रति बहुत ईमानदार रहा हूं।’’
उन्होंने इसके साथ ही मुश्किल समय में साथ देने के लिए भारत के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को याद करते हुए कहा कि क्रिकेट के मैदान पर जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे तब यह करिश्माई विकेटकीपर बल्लेबाज उनसे से संपर्क करने वाला इकलौता व्यक्ति था।
कोहली ने पिछले महीने चार-एकदिवसीय मैचों में तीन शतकीय पारी खेल अपनी पुरानी लय हासिल की।
उन्होंने इससे पहले सितंबर 2022 में एशिया कप टी-20 टूर्नामेंट में शतक लगाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों के तीन साल के सूखे को खत्म किया था।
कोहली और धोनी के बीच मजबूत रिश्ता है। कोहली की ये बातें इसका तस्दीक करती हैं।
कोहली ने कहा, ‘‘उस समय अनुष्का मेरी सबसे बड़ी ताकत थी क्योंकि वह मेरे साथ रह रही थी और उसने बहुत करीब से देखा कि मैंने कैसा महसूस किया है... इस दौरान मेरे बचपन के कोच और परिवार के अलावा एमएस धोनी इकलौते व्यक्ति थे, जिन्होंने मुझसे संपर्क किया था।’’
कोहली ने 2008 से 2019 के बीच 11 साल तक धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया है। उन्होंने रांची के करिश्माई क्रिकेटर को अपना हमेशा का ‘कप्तान’ बताया ।
कोहली ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे खुद संपर्क किया, क्योंकि धोनी से संपर्क करना काफी मुश्किल है। अगर मैं उन्हें किसी भी दिन फोन करता हूं, तो 99 प्रतिशत वह (फोन) नहीं उठा पाते हैं, क्योंकि वह फोन से दूर रहते है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में उनकी तरफ से संपर्क किया जाना और वह भी दो बार (किया जाना), अच्छा रहा। उन्होंने मुझे समझाया था, ‘‘जब आपसे मजबूत होने की उम्मीद की जाती है और आपको मजबूत व्यक्ति के रूप में देखा जाता है तो लोग यह पूछना भूल जाते हैं कि आप कैसे हैं?’’
कोहली ने बताया, ‘‘उनकी (धोनी की) बातों का मुझपर गहरा असर हुआ, क्योंकि मुझे हमेशा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा गया है जो बहुत आत्मविश्वासी है, मानसिक रूप से बहुत मजबूत है, जो किसी भी परिस्थिति को सहन कर सकता है और रास्ता निकाल सकता है, साथ ही हमें रास्ता दिखा सकता है।’’
इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, ‘‘कभी-कभी, आप जो महसूस करते हैं वह यह है कि जीवन में किसी भी समय एक इंसान के तौर पर आपको कुछ कदम पीछे खींचने और यह समझने की जरूरत होती है कि आपकी खुद की भलाई किन चीजों से है।’’
कोहली ने जब जनवरी 2022 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद अचानक टेस्ट कप्तानी छोड़ दी, तब भी उन्होंने कहा था कि सिर्फ धोनी ने ही उन्हें संदेश (मैसेज) भेजा था। (भाषा)
दुबई, 25 फरवरी। युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष महिला टी20 विश्व कप ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट (टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी) के लिए चुने गयी नौ खिलाड़ियों में अकेली भारतीय है।
भारत गुरुवार को केपटाउन में खेले गए सेमीफाइनल मैच में पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच रन से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
टूर्नामेंट में 19 साल की विकेटकीपर ने बल्ले से फिनिशर की भूमिका में चमक बिखेरी। उन्होंने इस दौरान दो बार 40 रन से अधिक की पारियां खेली। इसमें इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 47 रन की उनकी पारी ने भारतीय टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था।
उन्होंने पांच पारियों में दो बार नाबाद रहते हुए 68 की औसत से 168 रन बनाये। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट लगभग 130 का रहा। उन्होंने विकेट के पीछे भी अपने काम से प्रभावित किया। ऋचा ने शानदार कैच लपक कर इंग्लैंड की सलामी बल्लेबाज डैनी वायट को चलता किया था।
आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की इस सूची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों का दबदबा है, जिसमें मौजूदा चैंपियन के तीन, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के दो खिलाड़ी शामिल हैं। भारत और वेस्टइंडीज के एक-एक खिलाड़ी इसका हिस्सा है।
ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग (139 रन, औसत 69.50), विकेटकीपर बल्लेबाज एलिसा हीली (171 रन, औसत 57) और ऑलराउंडर ऐश गार्डनर (81 रन और नौ विकेट) सूची में शामिल है।
इसमें इंग्लैंड की हरफनमौला नेट साइवर-ब्रंट (216 रन, औसत 72) और स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन (4.15 रन प्रति ओवर और 11 विकेट) के अलावा दक्षिण अफ्रीका की लौरा वूलफार्ट और सलामी बल्लेबाज ताजमिन ब्रिट्स का नाम है।
वेस्टइंडीज की कप्तान हेले मैथ्यूज भी इस सूची में शामिल है मैथ्यूज ने 130 रन बनाने के साथ चार विकेट चटका कर शानदार हरफनमौला प्रदर्शन किया। (भाषा)
लखनऊ, 25 फरवरी। भारत की शीर्ष हरफनमौला दीप्ति शर्मा को आगामी महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में शनिवार को यूपी वॉरियर्स का उप-कप्तान नियुक्त किया गया।
इस 25 साल की खिलाड़ी को यूपी वॉरियर्स ने 2.6 करोड़ रुपये की बोली के साथ टीम से जोड़ा था। भारतीय महिला टीम की एक प्रमुख सदस्य दीप्ति देश की उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक है जिसके पास विदेशों की फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट में खेलने का अनुभव है।
दीप्ति ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि कप्तान एलिसा हीली और अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ हम टीम को अच्छी तरह से काम करने और कुछ शानदार क्रिकेट खेलने में मदद कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि डब्ल्यूपीएल में हमारा प्रदर्शन उत्तर प्रदेश की युवा महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और हम टूर्नामेंट के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’
महिला प्रीमियर लीग चार से 26 मार्च तक मुंबई के ब्रेबॉर्न और डीवाई पाटिल स्टेडियम में आयोजित की जाएगी। (भाषा)
विटोरिया (स्पेन), 25 फरवरी | शीर्ष शटलर प्रमोद भगत और सुकांत कदम स्पेनिश पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल 2023 लेवल 2 टूर्नामेंट में अच्छी शुरूआत करते हुए अपने-अपने मुकाबले जीतकर एकल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गए।
पद्मश्री विजेता ने थाईलैंड के मोंगखोन बुनसुन को तीन गेमों में 16-21, 21-12, 21-18 से 58 मिनट में
हराया और फाइनल में जगह बनाने के लिए उनका मुकाबला जापान के दाईसुक फुजिहारा से होगा।
कदम का एसएल4 सेमीफाइनल में हमवतन सुहास ललिनाकेरे यतिराज से मुकाबला होगा।
पुरुष युगल में भगत और कदम ने क्वार्टरफाइनल में जगह बनायी और अब उनका मुकाबला हमवतन दीप रंजन बिसोई और मनोज सरकार से होगा।
मिश्रित युगल में भगत और मनीषा रामदास को इंडोनेशिया की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा। (आईएएनएस)|
नयी दिल्ली, 24 फरवरी। ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधू अपने कोच पार्क ताए सांग से अलग हो गई है।
दक्षिण कोरिया के कोच ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि करते हुए भारतीय खिलाड़ी के हाल के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि यह भारतीय खिलाड़ी बदलाव चाहती थी।
पार्क ताए सांग ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा,‘‘ मैं पीवी सिंधू के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करना चाहता हूं जिसके बारे में कई लोगों ने पूछा है। हाल के मैचों में उसने कुछ निराशाजनक कदम उठाए और कोच के रूप में मुझे लगता है कि यह मेरी जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा,‘‘इसलिए वह (सिंधू) बदलाव चाहती है और उसने कहा कि वह नए कोच की तलाश करेगी। मैंने उसके फैसले का सम्मान करने और उसका पालन करने का फैसला किया है। मुझे खेद है कि मैं अगले ओलंपिक तक उसके साथ नहीं रह सकता लेकिन इसके बावजूद मेरा समर्थन उसके साथ रहेगा।’’
पार्क ताए सांग के रहते हुए सिंधू ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक और पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 फरवरी। तरीका अलग हो सकता है लेकिन कहानी वही है। लंदन, मेलबर्न, बर्मिंघम और अब केपटाउन में वही कहानी दोहराई गई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ट्रॉफी तक पहुंचने से पहले ही नॉकआउट में बाहर हो गई।
दक्षिण अफ्रीका में चल रहे आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों जीत की स्थिति में होने के बावजूद पांच रन की हार ने भारतीय महिला टीम को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वनडे विश्वकप 2017 के फाइनल में पहुंचने से भारत ने महिला क्रिकेट में क्रांति ला दी थी। उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम अब इससे एक कदम आगे बढ़ेगी और ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को चुनौती देगी, लेकिन छह साल बाद भी कहानी में कोई बदलाव नहीं हुआ।
भारत गुरुवार को केपटाउन में जीत की दहलीज पर पहुंच गया था लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर के रन आउट होने से पूरी कहानी बदल गई और टीम को ऐसी हार मिली जिसे खिलाड़ी वर्षों तक नहीं भुला पाएंगे।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जबकि भारत नॉकआउट में बाहर हो गया हो। वनडे विश्व कप 2017 में वह फाइनल में इंग्लैंड से हार गया था। इसके बाद 2018 में टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में फिर से इंग्लैंड उसके सामने रोड़ा बना था। भारतीय टीम पिछले टी-20 विश्व कप के मेलबर्न में खेले गए फाइनल और पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक मैच में भी हार गई थी। इन दोनों अवसरों पर उसे आस्ट्रेलिया ने पराजित किया।
वर्तमान विश्वकप के लीग चरण में भारतीय टीम का प्रदर्शन असंगत रहा था लेकिन सेमीफाइनल में वह जीत की स्थिति में थी। लचर क्षेत्ररक्षण और औसत गेंदबाजी के बावजूद हरमनप्रीत और जेमिमा रोड्रिग्स की बल्लेबाजी से भारत जीत की स्थिति में था।
ऐसे में सवाल उठता है कि भारतीय टीम इस तरह के दबाव वाले मैचों में अनुकूल परिणाम क्यों हासिल नहीं करती। क्या यह टीम के चयन से जुड़ा कोई मुद्दा है या फिटनेस जिसके कारण क्षेत्ररक्षण बेहद खराब रहा। या फिर टीम की रणनीति या कुछ और।
गुरुवार को भारत का क्षेत्ररक्षण बेहद खराब रहा और क्षेत्ररक्षण कोच शुभादीप घोष को कई सवालों के जवाब देने होंगे। भारत के खराब क्षेत्ररक्षण के कारण ऑस्ट्रेलिया 25 से 30 रन अधिक बनाने में सफल रहा। शेफाली वर्मा ने आसान कैच टपकाया तो विकेटकीपर रिचा घोष ने मेग लैनिंग को स्टंप आउट करने का आसान मौका गंवाया।
पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी ने पीटीआई से कहा,‘‘विश्व कप जीतने वाली भारत की अंडर-19 टीम अधिक फिट और मैदान पर चपल दिख रही थी। मैं शर्त लगाती हूं कि हमारी अधिकतर सीनियर क्रिकेटर यो यो टेस्ट (जो पुरुष टीम के लिए अनिवार्य है) पास नहीं कर पाएंगी। खराब फिटनेस के कारण हम अच्छे क्षेत्ररक्षण की उम्मीद नहीं कर सकते।’’
भारतीय बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट भी अच्छा नहीं था। शेफाली, दीप्ति शर्मा, यस्तिका भाटिया और कप्तान हरमनप्रीत का टूर्नामेंट में स्ट्राइक रेट 110 से कम था। वर्तमान क्रिकेट में 130 से कम का स्ट्राइक रेट अच्छा नहीं माना जाता है।
स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 138.5 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव था। शेफाली लंबे समय से खराब फॉर्म में चल रही हैं और गेंदबाज शार्ट पिच गेंदों की उनकी कमजोरी को भुना रहे हैं। ऐसे में सलामी बल्लेबाज एस मेघना को मौका दिए जाने की जरूरत है।
वह बहुत पुरानी बात नहीं जबकि स्पिनरों को भारत का मजबूत पक्ष माना जाता था लेकिन विश्व कप में उन्होंने निराश किया। राजेश्वरी गायकवाड़ टूर्नामेंट में एक भी विकेट नहीं ले पाई जबकि दीप्ति और राधा यादव भी इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।
तेज गेंदबाजी विभाग में रेणुका सिंह ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन शिखा पांडे वापसी पर प्रभावित नहीं कर पाई। इस विभाग में विकल्पों की कमी चिंता का विषय है। बाएं हाथ की तेज गेंदबाज अंजलि सर्वानी को एक मैच में भी नहीं खिलाया गया। मेघना सिंह को भी मौका नहीं दिया गया।
अब यही उम्मीद कर सकते हैं कि महिला प्रीमियर लीग से तेज गेंदबाजी विभाग में कुछ नई प्रतिभाएं सामने आएंगी।
भारतीय टीम के पास स्थाई कोचिंग स्टाफ नहीं होना भी सवाल पैदा करता है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के कोचों को महिला टीम से जोड़ने के चलन से बचना होगा।
अगला विश्वकप 18 महीने बाद होना है और भारत को उसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। (भाषा)
-अभिजीत श्रीवास्तव
कप्तान हरमनप्रीत ने आगे बढ़ कर कमान संभाली, जेमिमा रॉड्रिग्स ने कंगारुओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया.
वेल प्लेड इंडिया. बस पांच रन की कमी रह गई, लेकिन जीत के बावजूद कंगारुओं की नहीं टीम इंडिया की दो बेहतरीन महिला खिलाड़ियों की बात हो रही है.
इन दोनों महिलाओं ने सेमीफ़ाइनल में हार के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई टीम की पेशानी पर बल डाल दिया.
मैच के तीसरे ओवर में जेमिमा पिच पर थीं तो हरमनप्रीत चौथे ओवर में ही अपना बल्ला थामे मैदान में उतर चुकी थीं.
ऑस्ट्रेलिया के 172 रनों के पहाड़ के आगे टीम इंडिया की शुरुआती तीन बैटर अपने बल्ले से कुल 15 रन बना कर पवेलियन लौट चुकी थीं.
जेमिमा ने आते ही दो बाउंड्री लगा कर अपने इरादे जता दिए थे. तो हरमनप्रीत ने भी चौके, छक्के लगाकर संकेत दिया.
इन दोनों के पिच पर रहते रन गति की सुई साढ़े नौ के इर्दगिर्द घूमती रही. दूसरी टीम के गेंदबाज़ों पर ये दोनों इस कदर हावी थीं कि 10वें ओवर में रन रेट 9.30, तो आवश्यक रन रेट 8.00 था.
40 गेंदों पर 69 रनों की साझेदारी निभा कर जब जेमिमा (24 गेंदों पर 43 रन बना कर) आउट हुई तब इसमें गिरावट ज़रूर आई लेकिन 14वें ओवर और 15वें ओवर में चौके की बरसात कर हरमनप्रीत ने भी अपने इरादे जता दिए.
अभी उनका अर्धशतक (34 गेंदों पर 52 रन) बना ही था कि कप्तान हरमनप्रीत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गईं.
सभी ने उनकी कप्तानी पारी की तारीफ़ें की तो कुछ ने ये भी कहा कि डाइव लगाना चाहिए था.
कसक रह गई कि कोई तीसरा बल्लेबाज़ विकेट पर टिक जाता.
बड़ा स्कोर करने के बावजूद कंगारुओं को अपनी हार दिखने लगी थी और वो भी अगर आसान कैच टपका रहे थे, तो इसके पीछे जेमिमा-हरमनप्रीत की वो बेदाग पारी थी.
मैच के बाद क्या बोलीं हरमनप्रीत कौर?
मैच के बाद हरमनप्रीत ने ख़ुद के आउट होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
हरमनप्रीत कौर ने कहा, "इससे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण नहीं हो सकता था. जेमिमा ने मैच में हमें वापस ला दिया था. हम पूरी कोशिश कर रहे थे, हम मैच के आख़िरी गेंद तक जाने की उम्मीद कर रहे थे. हम आज बाद में ही बल्लेबाज़ी करना पसंद करते तो जब उन्होंने बैटिंग ली, तो हमारे लिए यह ठीक था."
"तेज़ी से दो विकेट गंवाने के बाद भी हमें अपनी लंबी बैटिंग लाइनअप का अंदाजा था. हमें लय में लाने के लिए श्रेय जेमिमा को दिया जाना चाहिए. हमने अच्छा क्रिकेट खेला."
हरमन ने बताया, क्या हुईगल़ती?
हरमनप्रीत भारत की लचर फील्डिंग पर भी बोलीं, "हालांकि हम में से कुछ ने मैदान में ग़लतियां भी कीं. हमने कुछ आसान कैच भी छोड़े. आप इन ग़लतियों से केवल सीख सकते हैं."
दरअसल ये तो कहना ही होगा कि इस तरह के बड़े मैच में आपकी फील्डिंग शानदार होनी ही चाहिए.
वहीं जिस तरह ऑस्ट्रेलियाई टीम बैटिंग कर रही थी, उसे 200 से कम के स्कोर पर रोक देने के लिए (कुछ एक को छोड़ कर) भारतीय गेंदबाज़ों की भी तारीफ़ करनी होगी.
बेशक हरमनप्रीत और जेमिमा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को जीत की दहलीज तक ले गईं लेकिन इस मुक़ाबले में टीम इंडिया से कई मोर्चे पर चूक भी हुई.
पहली बड़ी चूक
कहते हैं 'कैचेज़ विन मैचेज़' और यहां एक नहीं कई कैच छोड़े गए. यह भारतीय टीम की इस बड़े मुक़ाबले की सबसे बड़ी चूक थी.
गेंदबाज़ों को कई अहम मौक़ों पर फील्डर्स का साथ नहीं मिला. चाहे वो विकेट के पीछे हो या आउटफ़ील्ड में, कुछ अहम कैच टपकाए गए.
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ी के 9वें ओवर में स्नेह राणा की गेंद कप्तान मेग लैनिंग के बैट से लग कर विकेट के पीछे गई लेकिन ऋचा घोष कैच नहीं पकड़ सकीं. लैनिंग तब केवल एक रन बना कर खेल रही थीं.
लैनिंग का विकेट कितना अहम था इसका इससे अंदाजा लगाइए- वे केवल 34 गेंदों पर 49 रन बना कर नाबाद रहीं.
इस मैच में जिन आख़िरी 7 गेंदों का उन्होंने सामना किया, उस पर 300 के स्ट्राइक रेट से 21 रन बनाए.
इसी तरह 10वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई ओपनर बेथ मूनी का 32 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर आसान कैच भी छूट गया.
राधा यादव की गेंद को मूनी ने लॉन्ग ऑन पर उछाल कर मारा लेकिन वहां खड़ी शेफाली वर्मा ने एक आसान कैच छोड़ कर उन्हें आगे आक्रामक बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा दिया. मूनी ने अर्धशतक जमाया और ऑस्ट्रेलिया की टॉप स्कोरर रहीं.
ये कितना बड़ा नुक़सान था इसका अनुमान इससे आसानी से लगता है कि जहां भारत ने शुरुआती 10 ओवरों में 93 रन बना लिए थे, वहीं ऑस्ट्रेलिया के केवल 69 रन ही बने थे.
अगर ये दोनों विकेटें गिर गई होतीं तो ऑस्ट्रेलिया का स्कोर संभवतः कुछ और ही होता.
सेमीफ़ाइनल में पहले गेंदबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की स्टार गेंदबाज़ रेणुका सिंह इस टूर्नामेंट में अब तक के प्रदर्शन के कहीं आसपास भी नहीं दिख रही थीं.
सेमीफ़ाइनल में उतरने से पहले इस टूर्नामेंट के पहले चार मैचों में रेणुका सात विकेट ले चुकी थीं. उनकी गेंदों में तब दिखा पैनापन इस मुक़ाबले में कहीं नज़र नहीं आया.
रेणुका ठाकुर इस मैच से पहले तक ऑस्ट्रेलियाई ओपनर एलिसा हिली को पिछले सात मैचों में चार बार आउट कर चुकी थीं. लेकिन हिली इस मुक़ाबले में रेणुका पर पहली गेंद से ही हावी रहीं.
रेणुका के पहले दो ओवरों की पहली गेंद पर बाउंड्री लगा कर हिली ने हरमनप्रीत कौर को उन्हें गेंदबाज़ी से हटाने पर मजबूर किया.
इसी तरह मैच के आखिरी ओवर में रेणुका की गेंद पर कप्तान मेग लैनिंग ने दो छक्के और एक चौके समेत 18 रन बटोरे.
अकेली रेणुका की गेंदें नहीं पिटीं बल्कि स्नेह राणा के आख़िरी ओवर में 14 रन बने तो राधा यादव के आख़िरी ओवर में 13 रन.
भारतीय गेंदबाज़ी और कमज़ोर फील्डिंग की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने आख़िरी 10 ओवर में 103 रन तो अंतिम पांच ओवरों में 31 जबकि आख़िरी दो ओवरों में 30 रन बनाए.
तीसरी बड़ी चूक
टॉप ऑर्डर का फेल हो जाना. ऐसा बहुत कम होता है कि बड़े मैच में आप इस कदर अपना शीर्षक्रम गंवा देते हैं.
अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत कर आईं शेफाली वर्मा तो पूरे टूर्नामेंट में कोई ख़ास करामात नहीं दिखा सकीं. वहीं पिछले दो मैचों में अर्धशतक बना चुकीं स्मृति मंधाना भी दुर्भाग्यशाली रहीं और एलबीडब्ल्यू आउट हुईं.
वहीं तीसरे नंबर पर उतरीं यस्तिका भाटिया ने एक बार फिर अपने बल्ले से दर्शकों को निराश किया. मंधाना के चोटिल होने की वजह से उन्हें ग्रुप मैच में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी मौक़ा मिला था लेकिन वो तब भी उसे भुना नहीं सकी थीं.
वो तो जेमिमा रॉड्रिग्स और इस टूर्नामेंट में पहली बार कप्तान हरमनप्रीत के बल्ले से रन निकल पड़े... वरना जब तीन विकेट आउट हुए थे तब एक बड़ी हार सामने दिख रही थी.
चौथी बड़ी चूक
जब जेमिमा और हरमनप्रीत बहुत कम रनों के अंतराल पर आउट हो गईं तो वहां से अंत तक पिच पर टिक कर खेलने की क्षमता वाले खिलाड़ी का टीम में मौजूद न होना सबसे अधिक खटका.
15वें ओवर की चौथी गेंद पर हरमनप्रीत आउट हुईं. तब स्कोर 133 रन था और जीत के लिए 28 गेंदों पर 38 रन बनाने थे, यानी आवश्यक रन रेट आठ से भी कम था.
यहां पर ऋचा घोष को विकेट पर टिककर खेलने की ज़रूरत थी लेकिन उन्होंने अगली ओवर में ही अपना विकेट गंवा दिया. 14 रन बनाने के लिए 17 गेंदें लेने वालीं ऋचा कहीं से भी लय में नहीं दिख रही थीं.
ऐसा नहीं था कि यहां से मैच जीता नहीं जा सकता था. केवल पांच खिलाड़ी ही आउट हुए थे, यानी आधी टीम बची थी और पांच ओवर में 8 से भी कम औसत से 39 रन बनाने थे. लेकिन यहां नीचे के क्रम में एक निर्भीक स्ट्रोक प्लेयर का नहीं होना भारत के लिए महंगा सौदा साबित हुआ.
महिला क्रिकेट में महाशक़्तिशाली
मैच के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग ख़ुद स्वीकार किया कि भारतीय पारी के दौरान वे कई बार चिंतित हो गईं थीं. इसे वे अपनी बेहतरीन जीत में से एक बताती हैं.
वैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम की जितनी भी तारीफ़ करें वो कम है. वो मज़बूत से और मज़बूत क्रिकेट टीम होती जा रही है.
इस साल यह उसकी सातवीं जीत है. और पिछले 27 मुक़ाबलों में से वो केवल एक में ही हारी है. ये हार भी सुपर ओवर में पिछले साल (11 दिसंबर, 2022 को) भारत से हुई थी.
तो क्या ऑस्ट्रेलियाई टीम छठी बार टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी उठाने जा रही है?
इसका पता तो फ़ाइनल में ही रविवार को चलेगा. फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम आज इंग्लैंड और दक्षिण अफ़्रीका के बीच दूसरे सेमीफ़ाइनल पर नज़र रखेगी. (bbc.com/hindi)
-मोहम्मद सरताज आलम
मलेशिया में आयोजित 14वीं एशियाई लॉन बॉल चैंपियनशिप में भारतीय महिला टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया.
चार खिलाड़ियों की इस टीम में झारखंड से रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे के अलावा दिल्ली की पिंकी कुमारी और असम की नैनमनी सेकिया ने भारत के लिए गोल्ड जीता.
फाइनल मैच के पहले राउंड में भारतीय टीम को मलेशिया से हार का सामना करना पड़ा.
लेकिन भारतीय टीम ने अपने शानदार खेल का प्रर्दशन करके फाइनल में मलेशिया को 17-16 से पराजित करते हुए 14वीं एशियाई लॉन बॉल चैंपियनशिप का खिताब जीता.
जबकि इस भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल में हॉन्ग कॉन्ग को 14-11 से पराजित किया था.
झारखंड की रहने वाकी वाली रूपा रानी तिर्की रामगढ़ में डीएसओ के पद पर कार्यरत हैं. वह पूर्व में कबड्डी खेलती थीं. लेकिन वर्ष 2008 में लॉनबॉल कोच मधुकांत पाठक ने रूपा रानी व लवली चौबे को लॉनबॉल से जोड़ा.
साल 2008 से पहले लवली चौबे लॉंग जम्प की खिलाड़ी थीं.
कोच मधुकांत पाटक कहते हैं, "मैंने दोनो खिलाड़ियों में 'हेड-आई कोऑर्डिनेशन और माइंड सेट का ज़बरदस्त संतुलन देखा जो लॉनबॉल के लिए अत्यंत ज़रूरी है. इस प्रतिभा ने रूपा रानी को दूसरी बार व लवली चौबे को तीसरी बार एशियन चंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट बनाया."
कोच आगे कहते हैं, "पिछले वर्ष कॉमनवेल्थ में भी दोनो चैंपियन बनीं. अत: भारत की इन बेटियों की बड़ी जीत के बाद भारत में लॉनबॉल का भविष्य उज्ज्वल होगा."
मधुकांत पाठक कहते हैं कि "झारखंड में लॉन बॉल ने रफ्तार पहले ही पकड़ ली थी, आज मेरी एकेडमी में 63 खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं."
34 वर्षीय रूपा रानी की बड़ी बहन रीमा रानी तिर्की ने बीबीसी से बातचीत के दौरान अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा "लॉन बॉल में पहले भी खिलाड़ी प्रदर्शन करते थे लेकिन मेडल प्राप्त नहीं होता था. लेकिन रूपा रानी और लवली चौबे का लॉन बॉल में बढ़ते एक्सपीरियंस ने आज देश को गोल्ड दिया. जो भारत में इस नए खेल का उज्ज्वल भविष्य तय करेगा."(bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 23 फरवरी । महिला टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल से पहले भारतीय टीम को एक बड़ा झटका लगा है.
भारत की अग्रणी गेंदबाज़ पूजा वस्त्राकर बीमार होने के कारण टीम से बाहर हो गई हैं.
इस वर्ल्ड कप के अभी तक हुए सभी मैचों में पूजा ने हिस्सा लिया है.
उन्होंने इस टूर्नामेंट में औसतन 44.5 गेंदों पर दो विकेट लिए हैं.
पूजा को इनफ़ेक्शन की वजह से सांस लेने में परेशानी आ रही है.
आईसीसी इवेंट टेक्निकल कमेटी ने बीसीसीआई की अपील पर उनकी जगह ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ स्नेह राना को टीम में शामिल करने की मंजूरी दे दी है.
स्नेर 24 टी 20 मैचों समेत 47 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं.
आज सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के साथ भारत का मुकाबला होना है और अगर भारतीय टीम ये मैच जीतती है तो वो फ़ाइनल पहुंच जाएगी. (bbc.com/hindi)
लंदन, 23 फरवरी | इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में गुरुवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट के लिए अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया है। द थ्री लायंस ने माउंट माउंगानुई में पहला टेस्ट 267 रन से जीता- 2008 के बाद से देश में उनकी पहली टेस्ट जीत और कप्तान बेन स्टोक्स ने पुष्टि की है कि वे उसी क के साथ लाइन अप करेंगे क्योंकि वे 2-0 की श्रृंखला जीत को पूरा करना चाहते हैं।
इंग्लैंड प्लेइंग इलेवन : जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), बेन फोक्स, ओली रॉबिन्सन, स्टुअर्ट ब्रॉड, जैक लीच, जिमी एंडरसन। (आईएएनएस)|
भारत के ख़िलाफ़ मार्च में होने वाली वनडे सिरीज़ के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम का एलान कर दिया गया है. तेज़ गेंदबाज़ पैट कमिन्स टीम के कप्तान होंगे.
गुरुवार को घोषित 16 सदस्यों की टीम में तीन चोटिल खिलाड़ियों ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल, मिशेल मार्श और ज़ाई रिचर्डसन की वापसी हुई है.
टीम के मुख्य चयनकर्ता जॉर्ज बेली ने कहा है कि भारत में इसी साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप को देखते हुए यह सिरीज़ खिलाड़ियों को काफ़ी अनुभव देगी.
भारत के साथ वनडे सिरीज़ 17 मार्च से शुरू होगी जो 22 मार्च तक चलेगी.
ऑस्ट्रेलिया टीम: पैट कमिन्स (कप्तान), सीन एबॉट, एश्टन एगर, एलेक्स केरी, कैमरुन ग्रीन, ट्रेविस हेड, जोश इंग्लिस, मार्नस लबुशाने, मिशेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, ज़ाई रिचर्डसन, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस, डेविड वॉर्नर और एडम ज़ंपा. (bbc.com/hindi)
आंध्र प्रदेश, 22 फरवरी | हॉकी महाराष्ट्र, पुडुचेरी हॉकी, हॉकी मध्य प्रदेश और मणिपुर हॉकी ने बुधवार को यहां 13वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2023 में अपने मैच जीतकर तीन-तीन अंक हासिल किए। हॉकी महाराष्ट्र ने तमिलनाडु की हॉकी टीम को 8-0 के स्कोर से हराकर पूल एच में अपना शीर्ष स्थान सुनिश्चित किया। मैच में एच लालरुतफेली (10', 36' मिनट), आकांशा सिंह (12', 13' मिनट), लल्लुनमावी (16' मिनट), अश्विनी कोलेकर (47' मिनट), भावना खाड़े (49') और लालरिंदिकी (53' मिनट) गोल दागने वाली में शामिल रहीं।
अपनी जीत के बाद, प्लेयर ऑफ द मैच शालिनी सकुरे ने कहा, तमिलनाडु हॉकी यूनिट एक अच्छी टीम है, लेकिन हमने आज वहां एक अच्छा मैच खेला और क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करना खुशी की बात है, हमारा लक्ष्य टूर्नामेंट में खेलना जारी रखना है।
पूल एच में दूसरा मैच पुडुचेरी हॉकी ने हॉकी अंडमान और निकोबार के खिलाफ 12-0 के अंतर से जीत के साथ समाप्त किया। टीम कप्तान एस सुबार्सी (5', 38', 43', 45', 45', 46', 51', 52' मिनट) ने अपनी टीम का आगे से नेतृत्व करते हुए 8 गोल दागे, जबकि एग्नेस माल्साव्मकिमी (12', 16', 28', 59' मिनट) ने पुडुचेरी हॉकी के लिए 4 गोल किए। एग्नेस मालस्वामकिमी ने अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।
हॉकी मध्य प्रदेश ने अपने अंतिम पूल जी मुकाबले में दिल्ली हॉकी को 7-1 से हराकर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। हॉकी मध्य प्रदेश के लिए अंजलि गौतम (9' मिनट), योगिता बोरा (15' मिनट), प्रतिभा आर्य (23' मिनट), प्रीति दुबे (27', 45' मिनट), दीक्षा तिवारी (36' मिनट) और प्राशु परिहार (36' 47' मिनट), जूही (51') ने गोलों को योगदान दिया।
प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद योगिता अपनी टीम के आगे बढ़ने की संभावनाओं को लेकर उत्साहित थीं। (आईएएनएस)