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नई दिल्ली, 19 जनवरी | प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस.ए. बोबडे ने मंगलवार को कहा कि अगर किसी समिति के किसी व्यक्ति ने एक मामले पर अपना विचार व्यक्त किया है, तो यह उसके समिति में अयोग्य होने का आधार नहीं बनना चाहिए। भारत के सीजेआई की ओर से की गई यह टिप्पणी इस समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की शिकायतों की सुनवाई के लिए शीर्ष न्यायालय की ओर से गठित चार सदस्यीय समिति से अपना नाम वापस ले लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों और सरकार के बीच तकरार खत्म करने के लिए किसानों की शिकायतों की सुनवाई के लिए चार सदस्यीय एक समिति बनाई थी, जिसमें किसान नेता मान का नाम भी था। हालांकि मान ने किसानों के हितों की बात करते हुए उनके साथ खड़े रहने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित समिति से हटने की घोषणा कर दी।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और विनीत सरन के साथ ही प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि किसी व्यक्ति ने इस मामले पर विचार व्यक्त किया है, जो कि किसी समिति का सदस्य होने के लिए अयोग्यता का आधार नहीं है।"
शीर्ष अदालत की पीठ ने यह टिप्पणी तब की, जब पीठ आपराधिक ट्रायल में तेजी लाने के लिए मामले कि सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने फिजिकल सुनवाई के बजाय वर्चुअल सुनवाई के पक्ष में अपनी राय का हवाला दिया। वकील ने स्पष्ट किया कि वर्चुअल सुनवाई को जारी रखने का समर्थन करने वाली दलीलों में उन्हें न्यायमित्र (एमिकस क्यूरी) होने से बाहर रखा जा सकता है।
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह अयोग्य कैसे हो सकता है।
प्रधान न्यायाधीश बोबडे ने कहा, "आमतौर पर, एक समिति के गठन के बारे में समझ की कमी है।"
इसके साथ ही सीजेआई ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी केवल तात्कालिक मामले के संदर्भ में नहीं है, बल्कि एक सामान्य अवलोकन है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "हम एक सामान्य गलतफहमी की बात कर रहे हैं। समिति के सदस्य न्यायाधीश नहीं हैं। वे अपने विचार बदल सकते हैं।"
किसान यूनियनों ने अदालत द्वारा नियुक्त समिति की संरचना पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इसके सदस्य पहले कृषि कानूनों के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं।
दिल्ली से लगती विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसान कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने पर अड़े हुए हैं। किसान यूनियनों ने इस समिति के समक्ष आने से भी मना कर दिया है।
शीर्ष अदालत ने 12 जनवरी को अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी और एक समिति का गठन किया था, जिसमें भूपिंदर सिंह मान, प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल घनवंत को शामिल किया गया था। (आईएएनएस)
चेन्नई, 19 जनवरी | तमिलनाडु सरकार ने लगभग 10 महीने के अंतराल के बाद मंगलवार को कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल को फिर से खोलने की इजाजत दे दी। कोरोनावायरस महामारी के प्रसार के बाद पिछले साल अप्रैल में स्कूल बंद कर दिए गए थे।
मंगलवार को स्कूलों में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए उनके माता-पिता से एक सहमति पत्र लेना अनिवार्य था। मंगलवार को स्कूली छात्रों को मास्क पहने हुए स्कूल के बाहर कतार में खड़े होते हुए देखा गया, जहां उनका थर्मल स्कैनिंग हो रहा था।
सरकारी आदेशों के अनुसार, छात्रों को उनकी प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए मल्टी-विटामिन और जिंक की गोलियां भी दी गईं।
तमिलनाडु सरकार ने पाठ्यक्रम में लगभग 40 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की है और स्कूलों को पहले महत्वपूर्ण विषयों को पूरा करने का आदेश दिया। (आईएएनएस)
मुंबई, 19 जनवरी | देश के शेयर बाजार में लगातार दो सत्रों में गिरावट के बाद मंगलवार को रौनक लौटी। तीसरी तिमाही के अच्छे वित्तीय नतीजों और विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेतों से घरेलू शेयर बाजार गुलजार रहा। सेंसेक्स 834 अंकों की छलांग लगाकर 49,398 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 240 अंकों की जोरदार तेजी के साथ 14,521 पर ठहरा। रियल्टी, मेटल और पावर समेत बीएसई के सभी सेक्टरों में जोरदार लिवाली रही। मिडकैप सूचकांक दो फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स बीते सत्र से 834.02 अंकों यानी 1.72 फीसदी की तेजी के साथ 49,398.29 पर बंद हुआ और निफ्टी 239.85 अंकों यानी 1.68 फीसदी की तेजी के साथ 14,521.15 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 336.40 अंकों की बढ़त के साथ 48,900.31 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 49,499.86 तक उछला, जबकि इसका निचला स्तर 48,805.54 रहा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सत्र से 80.35 अंकों की बढ़त के साथ 14,371.65 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 14,546.05 तक उछला, जबकि निचला स्तर 14,350.85 रहा।
बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सत्र से 427.23 अंकों यानी 2.31 फीसदी की तेजी के साथ 18,952.06 पर बंद हुआ और स्मॉलकैप सूचकांक 305.18 अंकों यानी 1.66 फीसदी की तेजी के साथ 18,634.97 पर ठहरा।
सेंसेक्स के 30 में से 27 शेयर तेजी के साथ बंद हुए, जबकि तीन शेयरों में मामूली कमजोरी रही। सबसे ज्यादा तेजी वाले पांच शेयरों में बजाज फिनसर्व (6.80 फीसदी), बजाज फाइनेंस (5.25 फीसदी), एचडीएफसी (3.45 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.64 फीसदी) और एलएंडटी (2.63 फीसदी) शामिल रहे।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में टेक महिंद्रा (0.54 फीसदी), आईटीसी (0.30 फीसदी) और एमएंडएम (0.01 फीसदी) शामिल रहे।
बीएसई के सभी 19 सेक्टरों में तेजी रही, जबकि सबसे ज्यादा तेजी वाले पांच सेक्टरों में रियल्टी (4.04 फीसदी), धातु (3.01 फीसदी), पावर (2.77 फीसदी), पूंजीगत वस्तुएं (2.70 फीसदी) और औद्योगिक (2.68 फीसदी) शामिल रहे।
बीएसई पर कुल 3,464 शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2,242 शेयरों में तेजी दर्ज की गई जबकि 1,053 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए और सत्र के आखिर में 169 शेयर सपाट बंद हुए।
जानकार बताते हैं कि चीन से आर्थिक मोर्चे पर अच्छे आंकड़े आने से एशियाई बाजारों में तेजी का रुझान देखने को मिला। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 जनवरी | उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के चुनाव में भाजपा के दस तथा सपा के दोनों प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। दरअसल, निर्दलीय उम्मीदवार महेश चंद्र शर्मा का नामांकन खारिज कर दिया गया। शर्मा के नामांकन पत्र में आवश्यक 10 प्रस्तावक नहीं थे। इसके साथ ही यह सुनिश्चित हो गया है कि मतदान की जरूरत नहीं पड़ेगी, गुरुवार 21 जनवरी को सभी प्रत्याशियों के औपचारिक निर्वाचन की घोषणा कर दी जाएगी। नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को पर्चा दाखिल करने वाले निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा के पास कोई भी प्रस्तावक न होने से नामांकन पत्र खारिज हो गया है। फिलहाल नामांकन पत्रों की जांच हो रही है, जबकि 21 जनवरी को नाम वापसी का अंतिम दिन है।
भाजपा के सभी दस प्रत्याशियों ने सोमवार को दिन में 12 बजे अपना-अपना नामांकन किया। इसके करीब एक घंटा बाद निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा ने नामांकन कर इस चुनाव में खलबली मचा दी थी। इसके बाद महेश चंद्र शर्मा के पर्चे में एक भी प्रस्तावक नहीं होने के कारण उनका पर्चा खारिज हो गया। विधान परिषद के चुनाव में 13वें प्रत्याशी के रूप में सामने आए निर्दलीय प्रत्याशी महेश शर्मा का नामांकन खारिज हो गया है। उनके पर्चे में एक भी प्रस्तावक नहीं थे। विधान परिषद के चुनाव में मुकाबले में आने के लिए नियमानुसार कम से कम 10 विधायकों के हस्ताक्षर होने चाहिए। महेश चंद्र शर्मा का दावा था कि उनके पास अपना दल के तथा निर्दलीय विधायक हैं। जब नामांकन पत्र देखा गया तो उसके प्रस्तावकों के नाम वाला बॉक्स खाली था।
विधान परिषद की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा को दस तथा सपा को दो सीट मिलेंगी। इन सभी का अब निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। भाजपा की तरफ से उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य, प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा, कुंवर मानवेंद्र सिंह, भाजपा प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, सलिल विश्नोई, सुरेंद्र चौधरी व धर्मवीर प्रजापति ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
सपा के पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा विधान परिषद में पांच वर्ष से सेवा दे रहे नेता विरोधी दल अहमद हसन के साथ अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने नामांकन किया। इनका नामांकन कराने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी विधान भवन में पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी में अहमद हसन तथा राजेंद्र चौधरी ने अपना पर्चा दाखिल किया। उनका निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। (आईएएनएस)
सुमी खान
ढाका, 19 जनवरी | बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मालेक ने कहा है कि देश को बुधवार को भारत से उपहार के तौर पर एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) की 20 लाख खुराक प्राप्त होंगी।
मालेक ने आईएएनएस से पुष्टि की कि भारत ने बांग्लादेश सरकार को एक पत्र में कहा है कि एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान वैक्सीन की खेप लेकर बुधवार को ढाका हवाईअड्डे पर उतरेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को कहा, "हमें उम्मीद है कि वैक्सीन बुधवार या गुरुवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आएगी। मैं व्यक्तिगत रूप से ढाका हवाईअड्डे पर वैक्सीन प्राप्त करूंगा।"
वैक्सीन पहुंचने के साथ ही बांग्लादेश में टीकाकरण अभियान एक सप्ताह के भीतर ही शुरू हो जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "देशभर के 300 केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा।"
स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 702 नए कोविड-19 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या 5,29,031 तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा देश में 20 और लोगों की मौत हो चुकी है और अभी तक संक्रमण के कारण कुल 7,942 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
अधिकारियों ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 642 लोग ठीक हुए हैं, जिसके बाद देश में ठीक होने वाले लोगों की संख्या 4,73,885 हो चुकी है।
ताजा मौतों में 11 लोग ढाका से, छह चटगांव से, दो राजशाही से और एक व्यक्ति खुलना मंडल से हैं।
बांग्लादेश के स्वास्थ्य महानिदेशालय के महानिदेशक अबुल बशर मोहम्मद खुर्शीद आलम ने आईएएनएस को बताया कि वैक्सीन पहुंचने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उसके एक हफ्ते बाद ही देश के वरिष्ठ नागरिकों, पुलिस अधिकारियों और अन्य सरकारी अधिकारियों को वैक्सीन दी जाएगी। (आईएएनएस)
शिमला, 19 जनवरी | यहां तीन लोगों को ऐतिहासिक रिज मैदान में तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ बैठक आयोजित कर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। माना जा रहा है कि तीनों पंजाब के किसान हैं। पुलिस ने दावा किया कि वे निषिद्ध जगह पर एक बैठक कर रहे थे, जबकि किसानों ने दावा किया कि अन्य पर्यटकों की तरह, वे नियमों का उल्लंघन किए बिना बस वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने मीडिया को बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा कोर जोन की घोषणा के बाद रिज पर बैठक आयोजित करने पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन या पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली थी।
चावला ने कहा, "उनपर भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, वे मोहाली के हैं और कृषि कानूनों के खिलाफ स्थानीय लोगों को प्रेरित करने के लिए सिंघू सीमा से आए थे।
हिरासत में लिए गए लोगों में से एक ने कहा, "जब पुलिस ने हमें हिरासत में लिया, तब हम खड़े थे और उन पर चर्चा कर रहे थे। हमने कोई नारा नहीं लगाया। क्या यह लोकतंत्र है? क्या हम आजाद देश में रह रहे हैं?" (आईएएनएस)
दिल्ली, 19 जनवरी | भारत ने 16 जनवरी को देश भर में टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से 6.31 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "देश भर में कुल टीकाकृत स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 6.31 लाख से अधिक है। गंभीर या गंभीर एईएफआई का कोई मामला अभी तक नहीं आया है।"
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, "केवल 0.18 प्रतिशत लाभार्थियों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल चीजों का विकास हुआ, जबकि 0.002 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हुए। प्रतिकूल घटनाएं काफी कम हैं। वास्तव में, ये दुनिया में पहले तीन दिनों में सबसे कम हैं।"
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, दिल्ली में 81 टीकाकरण स्थल हैं, जहां मंगलवार को 4,936 लोगों का टीकाकरण किया और टीकाकरण के बाद कुल 16 प्रतिकूल घटनाएं हुईं। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 19 जनवरी | गुरुग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि वे तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के समर्थन के तहत गणतंत्र दिवस से पहले बुधवार को गुरुग्राम में ट्रैक्टर रैली का 'पूर्वाभ्यास' करेंगे। एसकेएम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि बुधवार को ट्रैक्टर रैली का पूर्वाभ्यास बजघेरा फ्लाईओवर से शुरू होगा और दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर विरोध स्थल पर समाप्त होगा।
पूर्वाभ्यास में लगभग 100 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे। सभी ट्रैक्टरों में मोर्चा के सदस्य मौजूद होंगे और राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलेंगे।
सिंह ने कहा, "केंद्र सरकार कृषि कानूनों की खामियों से अवगत है, लेकिन अपनी गलती को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर निर्दोष किसानों को लगातार परेशान कर रही है। सरकार को अपने अभिमानी व्यवहार को छोड़ देना चाहिए और काले कानून को वापस लेना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को किसान अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगा चिपकाकर गणतंत्र दिवस में शामिल होंगे और अनुमति मिलने पर राष्ट्रीय राजधानी की ओर रवाना होंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने मंगलवार को अपनी पहली बैठक की। बैठक के दौरान में इस बात पर चर्चा की गई कि यह समिति कैसे काम करेगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि समिति देश में किसानों और अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी। समिति नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जता रहे किसानों के साथ ही इनके समर्थकों के साथ भी चर्चा करेगी।
कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक गुलाटी, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान में दक्षिण एशिया मामलों के पूर्व निदेशक डॉ. प्रमोद जोशी ने बैठक में भाग लिया। समिति में नामित चौथे सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने समिति से नाम वापस लिए जाने की घोषणा की है। इसलिए वह बैठक में मौजूद नहीं थे।
समिति में शामिल तीनों सदस्यों ने समिति की तमाम गतिविधियों पर चर्चा की, ताकि प्रदर्शनकारी किसानों, किसान संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद अपनी सिफारिशें तैयार की जा सकें।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, घनवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, समिति राज्य सरकारों, राज्य विपणन बोर्ड और अन्य हितधारकों, जैसे किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों आदि के साथ भी विचार-विमर्श करेगी।
इसके साथ ही समिति जल्द ही सभी हितधारकों को नए कृषि कानूनों पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित करेगी। बयान में कहा गया है कि व्यक्तिगत किसान भी ऑनलाइन पोर्टल पर अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।
समिति ने कहा है कि वह सभी संबंधितों के विचारों और राय को समझने के लिए उत्सुक है, ताकि वह अपने ऐसे सुझाव दे सके, जो निश्चित रूप से भारत के किसानों के हित में हों। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 19 जनवरी| कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को केंद्र द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों और पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसके बाद हैदराबाद पुलिस ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने राज्य कांग्रेस के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी और अन्य नेताओं को लुंबिनी पार्क में रोका , जिन्हें बड़ी संख्या में विरोध मार्च को नाकाम करने के लिए तैनात किया गया था।
प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए और पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए, कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से राजभवन की ओर कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें सचिवालय के पास रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों को राजभवन की ओर जाने वाली अन्य सड़कों पर भी रोक दिया गया।
पुलिस ने कहा कि विरोध की कोई जरूरत नहीं है। पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस हुई और दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई और हल्का तनाव पैदा हो गया।
बाद में, पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारियों की निंदा की और आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध को रोकने के लिए सरकार अलोकतांत्रिक साधनों को अपना रही है। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ये किसानों को बुरी तरह प्रभावित करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी| केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे रिश्वत मामले में अपनी जांच जारी रखते हुए मंगलवार को दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे रिश्वत मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने की बात भी पता चली है और इस मामले में पिछले तीन दिनों में कुल 4.43 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के एक अधिकारी ने यहां कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने दक्षिणी दिल्ली की कैलाश कॉलोनी में एबीसीआई इन्फ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड के कार्यालय में तलाशी के दौरान 2.04 करोड़ रुपये जब्त किए।
नकदी के अलावा, सीबीआई ने परिसर से कई अन्य चीजें भी जब्त की हैं। अधिकारी ने कहा कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा कुछ वस्तुओं को हटा दिया गया और दिल्ली में अन्य जगह पर छुपा दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि सिक्किम और उत्तर प्रदेश के कानपुर के कई स्थानों पर मंगलवार को सीबीआई ने तलाशी ली।
इस मामले में पिछले दो दिनों में सीबीआई ने अलग-अलग स्थानों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
एजेंसी के अधिकारियों ने रविवार को गुवाहाटी में मालीगांव से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) महेंद्र सिंह चौहान को गिरफ्तार किया था। चौहान 1985 बैच के भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारी हैं।
चौहान के अलावा सीबीआई ने उनके रिश्तेदार इंद्रा सिंह और भूपेंद्र रावत को देहरादून से रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया था।
इसके साथ ही एजेंसी के अधिकारियों ने असम के गुवाहाटी से उप मुख्य इंजीनियर हेमचंद बोरा और सहायक मुख्य इंजीनियर लक्ष्मीकांत वर्मा को भी गिरफ्तार किया है।
पांच गिरफ्तार आरोपियों के साथ सीबीआई ने कंपनी और इसके निदेशक पवन बैद पर आपराधिक षड्यंत्र और रिश्वत के लिए आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण कानून की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इससे पहले दिल्ली, उत्तराखंड, असम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सहित 26 स्थानों पर तलाशी के दौरान 2.39 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे, जिसमें देहरादून में एक करोड़ रुपये की रिश्वत की जब्ती भी शामिल है।
केंद्रीय एजेंसी ने आरोपियों से जुड़े स्थानों से आभूषण और संपत्ति के दस्तावेज भी जब्त किए हैं। अधिकारी ने कहा, "मामले में अब तक 4.43 रुपये जब्त किए गए हैं।"
सीबीआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक बरामदगी होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 19 जनवरी| हरियाणा सरकार ने निजी प्रयोगशालाओं के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) और रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को 700 रुपये से घटाकर 499 रुपये कर दिया है, जबकि घरेलू कलेक्शन के लिए तत्काल प्रभाव से इसकी राशि 900 रुपये से घटाकर 699 रुपये कर दी गई है। इस संबंध में एक आदेश, राजीव अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा जारी किया गया।
यह छठी बार है जब हरियाणा सरकार ने निजी प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर के माध्यम से कोविड -19 परीक्षण के लिए कीमत कम की है।
सिविल सर्जन वीरेंद्र यादव ने गुरुग्राम जिले के सभी निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को एक आदेश जारी किया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि इस संबंध में उनके द्वारा किया गया कोई भी उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 का उल्लंघन होगा।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, विशेषज्ञों द्वारा उचित विचार के बाद यह दर तय की गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह साफ छवि वाले व्यक्ति हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं डरते। उनके साथ कोई रहे या न रहे, फिर भी वह अकेले ही लड़ते रहेंगे। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कृषि कानूनों को लेकर 'खेती का खून' नाम से एक बुकलेट जारी की।
राहुल गांधी ने कहा, "मेरा एक चरित्र है। मैं मोदी या किसी से डरता नहीं हूं। मैं एक साफ-सुथरा व्यक्ति हूं और वे मुझे तक नहीं सकते। हां, वे मुझे गोली मार सकते हैं। मगर मैं एक देशभक्त हूं और मैं अपने देश के हित के लिए लड़ रहा हूं। अगर हर कोई दूसरी तरफ जाकर खड़ा हो जाएगा, तब भी मैं अकेला ही खड़ा रहूंगा और संघर्ष करूंगा, क्योंकि यही मेरा धर्म है।"
राहुल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जे.पी. नड्डा की टिप्पणी पर भी कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान भी कांग्रेस भट्टा पारसौल में किसानों के साथ खड़ी थी। उन्होंने कहा, "नड्डा न तो वहां गए थे और न ही भाजपा किसानों के साथ खड़ी थी।"
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नए तीनों कृषि कानून भारतीय कृषि प्रणाली को नष्ट करने के लिए बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा, "एक बहुत बड़ी त्रासदी सामने आई है और मैं सिर्फ किसानों के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, क्योंकि केवल यही नहीं हो रहा है। इस देश में विश्वास रखने वाले युवाओं को भी ध्यान से सुनने की जरूरत है।"
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये तीनों कृषि कानून देश को खत्म कर देंगे। सरकार को तीनों कानून वापस लेने होंगे।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आज तक खेती पर मेहनतकश किसानों का पूरी तरह एकाधिकार नहीं हुआ, मगर यह अब चार-पांच बड़े अमीरों के हाथों में खेती का पूरा ढांचा ही देने जा रही है। राहुल ने कहा कि हर इंडस्ट्री में चार-पांच लोगों का एकाधिकार बढ़ रहा है, मतलब ये कि जो चार-पांच लोग हैं, इस देश के यही नए मालिक हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ चार-पांच लोग ही देश को चलाएंगे और सारा कोरोबार वही करेंगे। राहुल ने कहा कि जब सिर्फ चार-पांच उद्योगपतियों के हाथों सबकुछ सौंपा जा रहा है, तब आने वाले दिनों में मध्यम वर्ग को बहुत तकलीफ होने वाली है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान देश के 65 करोड़ किसानों की ओर से लड़ रहे हैं।
राहुल ने कहा, "वे सच्चे देशभक्त हैं, जो 65 करोड़ लोगों की आजीविका की रक्षा कर रहे हैं। मैं उनका समर्थन करता हूं। वे हमारे लिए लड़ रहे हैं।"
चीन की घुसपैठ के बारे में एक सवाल के जवाब में, राहुल गांधी ने कहा, "चीन भारत की कमजोरी को नोटिस कर रहा है। चीन के पास रणनीतिक दृष्टि है, क्योंकि वह पूरी दुनिया को अपनी तरह का आकार देना चाहता है। चीन ने भारत का दो बार टेस्ट लिया है। अगर भारत चीन के खिलाफ रणनीति नहीं बनाएगा तो वह इसका लाभ उठाएगा और उस समय इस क्षति को कोई भी रोक नहीं पाएगा।"
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा का काम ठीक से नहीं हो रहा है।
राहुल ने इस बात पर भी जोर दिया कि जो कोई भी सरकार के खिलाफ बोलता है तो उसे राष्ट्रद्रोही या अपराधी ठहरा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह किस तरह का लोकतंत्र है। (आईएएनएस)
पणजी, 19 जनवरी | गोवा में कृषि में नवाचार और रुचि की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को स्थानीय किसानों से केरल के कटहल के किसानों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। सावंत ने यहां एक जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोवा को दक्षिणी राज्य में अपनाए जाने वाले कटहल आधारित कृषि व्यवसाय मॉडल का अनुकरण करना चाहिए, जहां अब इस मुलायम और गूदेदार फल के बीज के पाउडर से मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने की क्षमता के साथ करोड़ों रुपये का कारोबार हो रहा है।
सावंत ने कहा, "केरल के एक व्यक्ति ने पाया कि कटहल के बीज का पाउडर मधुमेह के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। पाउडर मधुमेह को नियंत्रित कर सकता है। वह उस पाउडर से करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहा है। उसने अब इसका निर्यात करना शुरू कर दिया है।"
कर्नाटक और गोवा में खेती और श्रम के प्रति गिरते दृष्टिकोण को देखते हुए सावंत ने कहा कि इसके विपरीत गोवा में उगाए जाने वाले कटहल का 95 प्रतिशत हिस्सा सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है।
सावंत ने कहा, "और हम क्या करते हैं? 90, नहीं हम साफतौर पर कह सकते हैं कि हमारा 95 प्रतिशत कटहल सड़ जाता है। सिर्फ सड़ना-गलना ही नहीं है, ऐसे भी उदाहरण हैं, जब पके हुए कटहल लोगों पर गिर जाते हैं और उन्हें घायल कर देते हैं। हमारी यह स्थिति है।"
गोवा के मुख्यमंत्री ने कटहल को 100 प्रतिशत जैविक बताते हुए इसके कई गुणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कटहल की खेती के प्रति उदासीनता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, "हमारे पूर्वजों ने इसे लगाया, मगर हमने कभी इनके पौधे लगाने की परवाह नहीं की, क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इन्हें लगा दिया था, इसलिए हम अब इन पेड़ों को देख रहे हैं। मुझे तो भविष्य की पीढ़ी की चिंता है, क्या वे कभी कटहल देख भी पाएंगे?"
मुख्यमंत्री सावंत ने गोवा में और अधिक सब्जियां, अनाज, डेयरी और पोल्ट्री के उत्पादन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि राज्य में इनकी जितनी खपत है, उस अनुसार, इनका उत्पादन नहीं हो रहा है। (आईएएनएस)
पणजी, 19 जनवरी | गोवा प्रशासन ने मंगलवार को बर्ड फ्लू के डर से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक से पक्षियों और अंडों के परिवहन एवं प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। उत्तर और दक्षिण गोवा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
सरकारी आदेश में कहा गया है, "इस आदेश का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार यमुना नदी में प्रदूषण पैदा करने के मामले में एक आदतन अपराधी है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और विनीत सरन की अध्यक्षता वाली पीठ प्रदूषित नदियों को साफ करने के मुद्दे से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी।
सीपीसीबी का प्रतिनिधित्व करने वाली अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि विभाग यमुना में प्रदूषण से जुड़े विभिन्न कारकों पर डेटा एकत्र करने के मध्य में है और इसे बहुत जल्द ही दायर किया जाएगा।
भाटी ने शीर्ष अदालत से कहा, "यमुना में प्रदूषण करने के मामले में दिल्ली एक आदतन अपराधी है।"
मामले में न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मामले पीठ को बताया कि 18 जनवरी को पानी की गुणवत्ता उत्कृष्ट है, क्योंकि अमोनिया की मात्रा 0.3 पीपीएम है, और जोर दिया कि इसे लगातार बनाए रखा जाना चाहिए। हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए, अरोड़ा ने कहा, "उन्होंने अमोनिया को अच्छे स्तर पर लाया है जो स्वीकार्य बिंदु 0.9 पीपीएम है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दिल्ली के लिए पीने के पानी का मामला है।
हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने प्रस्तुत किया कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दायर याचिका स्वीकार्य योग्य नहीं है, क्योंकि कई तथ्य विवाद में हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, "एक आदेश पारित करने में क्या समस्या है कि वर्तमान स्तरों को बनाए रखा जाना चाहिए?"
दीवान ने कहा कि मामले को इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि जल प्रदूषण से जुड़ी समस्याएं दिल्ली से हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि दिल्ली सरकार हरियाणा पर दोषारोपण कर रही है। पीठ ने हरियाणा को दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर जवाब दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।
पीठ ने नदी की निगरानी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा नियुक्त समिति को भी अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले में एक पक्ष बनाया।
13 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण-मुक्त पानी संवैधानिक ढांचे के तहत मूल अधिकार है और सीवेज अपशिष्टों द्वारा नदियों के दूषित होने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था।
इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर कहा कि प्रदूषक तत्वों के निर्वहन के कारण यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा है।
नई दिल्ली. भारत सरकार ने वॉट्सऐप से कहा है कि वह अपनी प्राइवेसी टर्म में किए गए बदलावों को वापस ले, क्योंकि कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वॉट्सऐप के सीईओ विल कैथार्ट को कड़े शब्दों में लिख गए पत्र में कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर वॉट्सऐप का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उसकी सेवाओं के लिए सबसे बड़ा बाजार है. पत्र में कहा गया कि वॉट्सऐप की सेवा और गोपनीयता नीति में प्रस्तावित बदलाव भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं.
मंत्रालय ने वॉट्सऐप से प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने और सूचना गोपनीयता, चयन की आजादी तथा डेटा सुरक्षा को लेकर अपने नजरिए पर फिर से विचार करने को कहा. पत्र में कहा गया कि भारतीयों का उचित सम्मान किया जाना चाहिए, और वॉट्सऐप की सेवा, गोपनीयता शर्तों में कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है.
WhatsApp ने दी सफाई
जानकारी के लिए बता दें कि वॉट्सऐप अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव को लेकर काफी चर्चा में है. वॉट्सऐप ने यूज़र्स को नई पॉलिसी को एक्सेप्ट करने के लिए 8 फरवरी तक का समय दिया था, हालांकि लोगों का रिएक्शन देखते हुए कंपनी ने फिलहाल इसे टाल दिया है. कुछ यूज़र्स इस अपडेट से नाखुश हो रहे हैं और टेलीग्राम, सिग्नलजैसे दूसरे प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो रहे हैं. लोगों के नेगेटिव कमेंट को देखते हुए वॉट्सऐप लगातार सफाई दे रहा है.
पहले वॉट्सऐप ने ब्लॉग जारी किया, ट्वीट किया और इसी पिछले हफ्ते पहली बार ऐसा हुआ है कि वॉट्सऐप ने खुद अपना स्टेटस लगाकर सफाई दी है. वॉट्सऐप ने कॉलिंग, प्राइवेट मैसेज, लोकेशन और कॉन्टैक्ट जैसी बातों पर सफाई दी है. वॉट्सऐप ने बताया कि वह यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही ये भी कहा कि वह लोगों के पर्सनल चैट का रिकॉर्ड नहीं रखती है. वह यूज़र की बातों को नहीं सुनता है, क्योंकि ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होती हैं.
(इनपुट-भाषा से)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | जेईई और नीट परीक्षा का पाठ्यक्रम वर्ष 2021 में अपरिवर्तित रहेगा। उम्मीदवारों के पास जेईई और नीट परीक्षाओं में प्रश्नों के उत्तर देने के लिए विकल्प भी उपलब्ध होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, "जेईई मेन के लिए भी पाठ्यक्रम पिछले वर्ष की तरह ही रहेगा। छात्रों को 90 प्रश्न दिए जाएंगे। इनमें से 75 प्रश्न हल करने होंगे। भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में प्रत्येक 25 प्रश्न हल करने होंगे। छात्रों के पास विकल्प होंगे और छात्रों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में 30 प्रश्न होंगे। जेईई 2020 में, सभी प्रश्नों के 75 उत्तर देने थे, जिसमें उम्मीदवारों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में प्रत्येक 25 प्रश्नों का उत्तर देना था।"
नीट 2021 के लिए सटीक पैटर्न की घोषणा होना बाकी है। हालांकि, देश भर के कुछ बोर्डो द्वारा सिलेबस में कमी के मद्देनजर नीट 2021 के प्रश्न पत्र में भी जेईई की तर्ज पर विकल्प होंगे।
विभिन्न बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती को ध्यान में रखते हुए इस बार जेईई (मुख्य) के प्रश्नपत्रों में प्रश्न पूछे जाएंगे। भौतिकी, रसायन और गणित में प्रत्येक से 30 प्रश्न होंगे। जिसमें से परीक्षार्थी को कुल 75 प्रश्नों का उत्तर देना होगा। 15 वैकल्पिक प्रश्नों में नेगेटिव मार्किं ग भी नहीं होगी।
जेईई (मेन) 2021 केवल, 'कंप्यूटर आधारित टेस्ट' (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी। केवल बी आर्क की ड्राइंग परीक्षा 'पेन एंड पेपर' (ऑफलाइन) मोड में आयोजित की जाएगी।
नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर, वर्ष 2021 में जेईई (मेन) परीक्षा पहली बार हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में आयोजित की जाएगी।
इस बार उत्तर प्रदेश के छात्र, जो पहले यूपीएसईई के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं आर्किटेक्चर के पाठ्यक्रमों में उत्तर प्रदेश के संस्थानों में प्रवेश लिया करते थे, भी जेईई की परीक्षा में बैठ सकेंगे। (आईएएनएस)
सुल्तानपुर, 19 जनवरी | विवादित बयान मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया। विधायक सीधे दिल्ली रवाना हुए है। सोमवार की देर शाम रिहाई का आदेश जेल में पहुंचा था।
सदर कोतवाली में दर्ज कराए गए आपराधिक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार बरनवाल ने 16 जनवरी को जमानत अर्जी सुनवाई के बाद स्वीकार करते हुए आरोपी विधायक को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि मामले की रिपोर्ट सदर कोतवाल अतुल सिंह ने 11 जनवरी को दर्ज कराई थी। विधायक को कोर्ट ने 15 जनवरी को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेजा था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने विधायक को 50 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र व इतनी ही धनराशि की दो जमानत दाखिल करने पर सशर्त जमानत दे दी थी।
विधायक के अधिवक्ता सुरेंद्र बहादुर सिंह भदौरिया ने बताया कि सोमवार को जमानतदारों की ओर से दाखिल जमानत प्रपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद विधायक की रिहाई का आदेश कोर्ट की ओर से जिला जेल सुल्तानपुर भेजा गया।
बताते चलें कि आप विधायक पर बीते दस जनवरी को अमेठी जिले के जगदीशपुर थाने में यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अभद्र टिप्पणी मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली , 19 जनवरी | कोरोना महामारी के कारण बीते दस माह से बंद दिल्ली के स्कूल सोमवार (18 जनवरी) से खुल गए। स्कूल खुलते ही छात्रों में गजब का उत्साह है। छात्रों के अनुसार बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने के लिए स्कूल का खुलना ज्यादा बेहतर है। वहीं निजी स्कूलों ने बच्चों को कोविड रिपोर्ट लाने के लिए भी कहा गया है। छात्रों का कहना है कि, "स्कूल खुलने से हम बहुत खुश हैं। घर पर ऑनलाइन पढ़ाई में कुछ समस्याएं थी, हम अपने सवालों को न ढंग से पूछ पाते थे और न उत्तर समझ पाते थे।"
"ऑफलाइन पढ़ाई में बेहतर तरीके से अपनी समस्याओं को समझ सकते हैं, और न समझ आने पर फिर पूछ भी सकते हैं।"
कोरोना महामारी के बाद खुल रहे स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए अधिकतर अभिभावकों ने अपनी मंजूरी दी है। स्कूल प्रशासन का मानना है कि जल्द ही बाकी अभिभावक भी मंजूरी देंगे और स्कूल में पहले की तरह संख्या बढ़ जाएगी।
हालांकि स्कूल खुलने के बाद कुछ बदलाव तो जरूर हुए हैं। जिसमें पहला स्कूलों में प्रार्थना सभा(असेंबली) नहीं होगी, ना ही बच्चों के खाने के लिए कैंटीन खोली जाएगी। ना ही स्कूलों ने बच्चों को परिवहन की सुविधा दी है। बच्चों को खुद ही स्कूल पहुंचना होगा।
दिल्ली के प्राइवेट स्कूल प्रशासन ने बच्चों से कोरोना रिपोर्ट भी मांगी है। विद्या बाल भवन स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. सतवीर शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "स्कूल खुल जाने से साभी के लिए एक राहत है, बच्चे अब प्रभावी रूप से पढ़ाई कर सकेंगे, वहीं टीचर्स और बच्चे आमने सामने बैठ कर बात कर सकेंगे और पढ़ाई से सम्बंधित समस्याओं पर भी चर्चा कर सकेंगे।"
"हमने बच्चों को कहा है कि आप अपनी कोविड रिपोर्ट भी साथ लेकर आएं और स्कूल में जमा करा दें, इससे हम और हमारे अन्य बच्चे सुरक्षित रहेंगे।"
हालांकि स्कूल में मौजूद मेडिकल रूम को कोविड 19 आइसोलेशन रूम में तब्दील कर दिया गया है।
स्कूल की एक टीचर ने आईएएनएस से कहा कि, "बहुत अच्छा लगा बच्चों से मुलाकात करके। ऑनलाइन क्लास के दौरान बहुत सारी चुनौती होती हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं आने वाले दिनों में स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ेगी।"
दरअसल राजधानी दिल्ली में करीब दस महीने के बाद स्कूल खुले हैं। दिल्ली के गवर्नमेंट गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल में जब 10वीं क्लास की छात्राएं स्कूल पहुंची तो बेहद खुश दिखीं। बच्चों ने खुशी जाहिर करते हुए अपने कपड़ों पर मुस्कुराहट वाला एक स्टिकर लगाया हुआ था।
बच्चे मास्क लगाकर स्कूल पहुंचे रहे है और स्कूल्स में कोविड 19 सम्बंधित सभी नियमों का ध्यान रखा जा रहा है।
गवर्नमेंट गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल की वाइस प्रिंसिपल संध्या सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मुझे बहुत खुशी है, बच्चे जिक्स वक्त नहीं थे स्कूल में सन्नाटा पसरा हुआ था। हमारे यहां 10वीं क्लास के आज 147 बच्चे उपस्थित हैं, जबकि 107 बच्चे अभी आना बाकी हैं।"
"क्लास में टीचर्स के लिए बहुत चुनौती है, ऑफलाइन क्लासेस के साथ अब ऑनलाइन क्लास भी करनी है।"
दरअसल मई में बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में अब कई राज्यों ने 10वीं 12वीं के छात्रों के लिए स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है।
अभी फिलहाल स्कूल खोलने में काफी सख्ती का पालन किया गया है, जैसे कि छात्रों के अभिभावकों के लिखित इजाजत जरूरी है। वहीं स्कूल में कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं होगी और हर जगह गाइडलाइंस लिखनी होगी।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण अब काफी हदतक काबू में आ चुका है, हालांकि खतरा बरकरार है, यही कारण है कि लोगों से नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। (आईएएनएस)
मुंबई, 19 जनवरी | मीडिया की दो हस्तियों के व्हाट्सऐप चैट के हाल में हुए लीक पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को कहा कि इन दोनों हस्तियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और देश के गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को सौंपे गए एक ज्ञापन में, कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और राजू वाघमारे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्णब गोस्वामी और टीआरपी एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई कथित सोशल मीडिया चैट के लीक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा कमजोर हुई है।
अपनी ओर से, देशमुख ने आश्वासन दिया कि वह फैसला लेने से पहले इस मामले को राज्य मंत्रिमंडल में उठाएंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग के एक दिन बाद देशमुख ने 18 जनवरी को कहा कि सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित ऐसे उच्च वगीकृत विवरणों तक गोस्वामी को कैसे पहुंच मिली।
सावंत और वाघमारे ने बताया कि एक चैट में, गोस्वामी दासगुप्ता से कहते हैं कि 14 फरवरी, 2019 को हुए सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सीमा पार की जवाबी कार्रवाई की योजना की जानकारी गोस्वामी को कैसे थी।
कांग्रेस के ज्ञापन में कहा गया है, इस चैट पर तारीख और समय बताते हैं कि यह बातचीत 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले से 3 दिन पहले की थी।
दोनों नेताओं ने देशमुख को बताया कि यह कैसे गंभीर चिंता का विषय है कि सशस्त्र बलों के राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों के बारे में न केवल गोस्वामी को जानकारी थी, बल्कि उन्होंने इसे दासगुप्त के साथ खुले तौर पर साझा किया था, और यह भी पता नहीं है कि कितने लोगों तक ये जानकारी पहुंची होगी।
दोनों नेताओं ने कहा, गोस्वामी की कार्रवाई ऑफिशियल सेक्रेट एक्ट (ओएसए) 1923 की धारा 5 का साफ-साफ उल्लंघन है, जो वगीर्कृत राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों की जानकारी किसी भी व्यक्ति से साझा करने को मना करती है।
उन्होंने राज्य के गृह मंत्री से जांच का आदेश देने और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए गोस्वामी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की।
सावंत और वाघमारे ने रिपब्लिक टीवी के एक अन्य मुद्दे को भी उठाया जिसमें कथित तौर पर रिपब्लिक टीवी ने प्रसार भारती उपग्रह का उपयोग कर अवैध रूप से बिना शुल्क का भुगतान किए लाखों लोगों तक अपनी पहुंच बनाई।
यह मामला गोस्वामी की एक अन्य बातचीत में सामने आया जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने इस मामले को तब तक लंबित रखा जब तक कि रिपब्लिक टीवी सरकार की कार्रवाई से बच नहीं गया।
इस मुद्दे पर सावंत और वाघमारे ने मुंबई पुलिस की टीआरपी जांच के साथ-साथ रिपब्लिक टीवी और कुछ अन्य निजी टेलीविजन चैनलों के टीआरपी डेटा में हेरफेर के मामले की भी जांच की मांग की। उनका कहना है कि इससे भारतीय खजाने को भारी नुकसान हुआ है। (आईएएनएस)
इंदौर, 19 जनवरी | मध्य प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ जारी अभियान में इंदौर के प्रशासन ने अब तक के सबसे बड़े राशन रैकेट का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है। इस रैकेट के मुखिया भरत दवे को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रशासन 12 प्राथमिकी दर्ज कर 40 राशन माफियाओं को आरेापी बना रहा है वहीं कई के खिलाफ राष्टीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर में अरसे से गरीबों के हक पर डाका डालने की शिकायतें आ रही है। इस शिकायत के आधार पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने 12 राशन दुकानों की जांच कराई तो जो तथ्य सामने आए वह चौंकाने वाले थे। इस जांच में पता चला कि गरीबों को राशन दुकान से राशन देने में बड़ी गफलत होती है। यहां लगभग 50 हजार राशन कार्डधरियों के हक पर डाका डाला गया था।
सूत्रों की मानें तो जांच में यह भी बात सामने आई कि प्रभावशाली व्यक्ति अपने नाम या अपने परिजनों के नाम पर एक या उससे ज्यादा राशन दुकानें लिए हुए है और यहां आने वाले राशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़़ी कर उसे सीधे बाजार में बेच देता है। इस तरह के रैकेट का जाल हर तरफ फैला हुआ है।
सूत्रों का दावा है कि इस रैकेट में तमाम बड़े कारोबारी शामिल है, इसके सरगना भरत दवे को दबोच लिया गया है। वहीं 12 प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और 40 लोगों को आरोपी बनाया जा रहा है। इसके साथ ही कई लेागों पर प्रशासन ने रासुका के तहत कार्रवाई करने का मन भी बना लिया है।
इंदौर में इस रैकेट के खुलासे ने यह तो साफ कर ही दिया है कि राशन के क्षेत्र में भी माफिया सक्रिय हैं। इसके तार सिर्फ इंदौर ही नहीं पूरे प्रदेश में फैले हो सकते हैं। यहां के प्रशासन को एक सिरा मिल गया है और बात आगे बढ़ेगी तो कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।
ज्ञात हो कि राज्य में इन दिनों तमाम माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है। शराब माफिया, मिलावटखोर से लेकर जमीन माफियाओं के खिलाफ अभियान चला हुआ है। अब राशन माफिया रैकेट का खुलासा हुआ है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जनवरी | अब देश में हर साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी। मोदी सरकार के निर्णय के बाद संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, भारत सरकार ने नेताजी की 125वीं जयंती वर्ष को 23 जनवरी 2021 से आरम्भ करने का निर्णय लिया है, ताकि राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर उनका सम्मान किया जा सके।
संस्कृति मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति उनके नि: स्वार्थ सेवा को देखते हुए भारत सरकार ने 23 जनवरी को हर वर्ष उनके जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इससे देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को विपत्ति के समय नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमे देश भक्ति की भावना भी समाहित होगी।
मोदी सरकार इस बार नेताजी की 125वीं जयंती को यादगार तरीके से मनाने की दिशा में जोर शोर से जुटी है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए मोदी सरकार एक उच्च स्तरीय समिति भी बीते दिनों गठित कर चुकी है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री योगी बुधवार को शुभारंभ करने जा रहे हैं। दीनदयाल हस्तकला संकुल बड़ा लालपुर में बुधवार से शुरू होने जा रही प्रदर्शनी में 16 जिलों के 50 जीआई उत्पादों के स्टाल लगाए जाएंगे। प्रदर्शनी में हस्त शिल्पियों के लिए सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान उन्हें भारत सरकार के सहयोग से मुफ्त टूल किट दिए जाएंगे। फिक्की के सहयोग से आयोजित इस फिजिकल और वर्चुअल प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री योगी बुधवार को शुभारंभ करेंगे। प्रदर्शनी में प्रदेश के जीआई उत्पादों के साथ जीआई उत्पाद होने कि प्रक्रिया में शामिल उत्पाद भी होंगे। प्रदर्शनी के साथ ही हस्तशिल्पियों को तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रदर्शनी में वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, मिजार्पुर, आजमगढ़, बुलंदशहर, फरुखाबाद, फिरोजाबाद, गोरखपुर, कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, प्रयागराज, सहारनपुर और सिद्धार्थनगर के 50 जीआई उत्पादों के स्टाल लगाए जाएंगे।
जीआई उत्पादों के लिए तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 240 शिल्पियों को प्रशिक्षण, 600 को साफ्ट स्किल ट्रेनिंग के साथ 270 शिल्पियों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान 2000 शिल्पियों को उन्नत टूल किट दिए जाएंगे। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 300 और ओडीओपी प्रशिक्षण योजना के तहत 300 लाभार्थियों को हैण्डलूम टूल किट दिए जाएंगे। इसके साथ ही पीएमईजीपी, एमवाईएसवाई, ओडीओपी मार्जिन मनी ऋण योजना के तहत हर योजना के दो लाभार्थियों को चेक वितरित किया जाएगा। 24 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी के जरिये योगी सरकार ब्रांड यूपी का नया आयाम सामने लाने की तैयारी में है। प्रदर्शनी में 28 अद्वितीय जीआई उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे। जिनमें से 7 वाराणसी के हैं। प्रदर्शनी के जरिये सरकार खरीदारों और विक्रेताओं को संवाद के लिए फिजिकल और वर्चुअल प्लेटफार्म देगी। इस दौरान राज्य सरकार सेमिनार आयोजित कर अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के जरिये जीआई उत्पादों की विशेषता, उपयोगिता, अवसर और व्यापार को बढ़ावा देने का हुनर भी सिखाएगी। (आईएएनएस)
मिर्जापुर (उप्र), 19 जनवरी | उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला स्थित विंध्याचल के राम गया घाट पर मंगलवार को यात्रियों से भरी नाव गंगा में डूब गई। नाव में महिलाएं और पुरुष सवार थे। हलांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे स्टीमर की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।
विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के राम गया घाट के आसपास रहने वाले लोग गंगा पार मटर के खेत में मजदूरी करने के लिए जाते हैं। मंगलवार को चार नाव से सभी गंगा पार जा रहे थे। इसमें तीन बड़ी नावों पर सवार होकर सभी लोग गंगा के उस पार पहुंच गए लेकिन छोटी नाव में सवार 18 लोगों की नाव बीच गंगा में पलट गई।
विंध्याचल कोतवाली के एसआई के.एन. मौर्या ने बताया कि विन्ध्याचल क्षेत्रान्तर्गत शिवपुर रामगया घाट पर कुल 18 पुरूष, महिला एवं बालिकाएं नाव में सवार होकर मटर की फली तोड़ने के लिए चील्ह क्षेत्र में जा रही थी कि अचानक नाव पलट गयी। नाव में सवार सभी को सकुशल बचा लिया गया है। पानी में गिरने के कारण थोड़ी बहुत ठंड लग सकती है। इसी कारण सभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नाव पलटने पर उसमें सवार एक पुरुष और महिला व लड़कियां डूबने लगीं। नाव डूबते देख वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को फोन कर सूचना दी। मौके पर मल्लाह और पुलिस भी पहुंच गई। मल्लाहों न पुलिस की मदद से सभी 18 लोगों को गंगा से बाहर निकाल लिया।
नाव डूबने की हुई घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
नाव डूबने की सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जैसे-जैसे लोगों को पानी से बाहर निकाला गया, उनको जिला अस्पताल भेजने में लग गई। सभी लोग बचा लिए गए, उनको विंध्याचल स्वास्थ्य केंद व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नाव सवार लोग विंध्याचल के ही थे। इसी दौरान वहां पर गोताखोरों को लगाया गया। वाराणसी से तत्काल एनडीआरएफ की टीमों को भी मिर्जापुर बुलाया गया। वहीं जानकारी होने के बाद मौके पर जिलाधिकारी मिर्जापुर व पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस बल के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे। (आईएएनएस)