राष्ट्रीय
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होनी है, लेकिन बिहार के भागलपुर जिले के इस गांव की दशा कुछ और बयां कर रही है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर किसानों की आय दोगुनी हो जाए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग स्तर पर योजनाएं चल रही हैं। इनमें से एक बड़ी योजना हर जिले में दो "डबलिंग फार्मर्स इनकम विलेज " बनाना, ताकि इन गांवों से सीख लेते हुए जिले के सभी गांवों के किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाए। डाउन टू अर्थ ने इनमें से कुछ गांवों की तफ्तीश शुरू की है। इससे पहली कड़ी में आपने पढ़ा, हरियाणा के गुड़गांव जिले के दो गांवों की हकीकत । आज पढ़ें, बिहार के भागलपुर जिले के गांव गंगा करहरिया से राजीव रंजन की रिपोर्ट -
बिहार के भागलपुर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र ने गौराडीह प्रखंड के गंगा करहरिया और कहलगांव के देवीपुर गांव को मॉडल विलेज के रूप में चुना है। यहां के 30 से 35 किसानों की आमदनी दोगुनी की जानी है। इन गांवों की हकीकत जानने के लिए डाउन टू अर्थ ने गंगा करहरिया गांव का दौरा किया।
गंगा करहरिया भागलपुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां की आबादी लभगभ तीन हजार है। यह गांव कासिमपुर पंचायत के अंतर्गत आता है। सुविधा के नाम पर सड़क बनी हुई है। गांव में हाई स्कूल और दो वाटर टैंक है। कासिमपुर पंचायत का मुखिया भी इसी गांव का है।
गांव के दखिन बाड़ी टोला में रह रहे पंकज कुमार बताते हैं कि पिछले दिनों वह कृषि विज्ञान केंद्र, सबौर कृषि कॉलेज में चना के बीज लेने के लिए गए थे। बीज के लिए खेत की मिट्टी और आधार कार्ड लेकर गए थे, किंतु हमें यह नहीं बताया गया है कि उनके गांव का चयन मॉडल के रूप में किया गया है। चने का बीज भी नहीं मिला। कारण था कि हम लोग विलंब से वहां पहुंचे थे। इस संबंध में जब पंकज कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी से फोन पर बातचीत की तो उन्हें बताया गया कि सरकार प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है, जिसके लिए जल्द ही उन्हें बुलाया जाएगा।
वार्ड पार्षद पंकज कुमार कहते हैं कि उसके पास साढ़े तीन बीघा खेत है जिस पर वह चना और गेहूं की बुआई करते हैं। इस बार धान की फसल लगाई थी, प्रति बीघा 20 मन धान हुआ, सब खर्च घटाकर केवल 10 हजार रुपए की बचत हुई। इसमें हमारी अपनी मेहनत-मजदूरी शामिल नहीं है। पिछले कुछ सालों में इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इसके बावजूद हमलोग खेती से जुड़े हैं, मगर परिवार चलाने के लिए दिहाड़ी पर काम भी करते है। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आमदनी दोगुनी करना चाहते हैं, इससे कुछ उम्मीद बंधती है कि शायद हमारे दिन भी बदलेंगे, लेकिन अब तक धरातल पर कोई काम नहीं दिख रहा है
वहीं, दो बीघा खेती के मालिक नंदलाल तांती बताते हैं कि वह धान और गेहूं की बुआई करते हैं, जबकि पूरन साह मंडल का कहना है कि उनके पास 11 बीघा खेत है। अशोक कुमार मंडल के पास तीन बीघा खेत हैं। वे सब लोग चने के बीज के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गए थे, मगर कहा गया कि अब बीज नहीं है। चना का बीज सरकार मुफ्त में दे रही है। सरकार प्रति बीघा खेत पर 15 किलो चना का बीज देती है। संजय मंडल को 40 किलो चना बीज का एक पैकेट मिला है, लेकिन अधिकारियों का कहना था कि एक एकड़ जमीन पर खेती के लिए बीज दिया जाएगा। उससे अधिक भूमि होने के बाद भी नहीं दिया जाएगा।
अशोक कुमार मंडल का कहना है कि सरकार की योजना अभी तक बीज प्रदान करने तथा प्रशिक्षण तक सीमित है, लेकिन उसका लाभ भी सबको नहीं मिल पाता है।
वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान सह वरीय वैज्ञानिक विनोद कुमार का कहना है कि दोनों गांव का चयन हाल ही में किया गया है, इसलिए अभी वहां काम शुरू नहीं किया गया है। इन दोनों गांवों में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे कम लागत पर अधिक फसल का उत्पादन करें। उन्होंने पारंपरिक खेती के साथ-साथ वैकल्पिक खेती के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा मछली पालन, मुर्गी पालन जैसे आय के अन्य साधनों के बारे में भी बताया जाएगा। (downtoearth.org.in)
बिहार में सालाना 17 अरब से ज्यादा ईंटों का निर्माण होता है, इसके लिए 5.6 करोड़ टन उपजाऊ मिट्टी की जरूरत पड़ती है। धरती की ऊपरी परत का यह नुकसान कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा संकट है।
-विवेक मिश्रा
अब बिहार में ईंटों के लिए बिना किसी पर्यावरण मंजूरी के ही मिट्टी का खनन करीब 1.5 मीटर तक किया जा सकता है। ईंट-भट्ठों के लिए भले ही यह राहत की खबर है लेकिन बिहार जैसे कृषि प्रधान सूबे के लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल मिट्टी की ऊपरी परत काफी महत्वपूर्ण होती है और खासतौर से उपज के लिए बेहद अहम भूमिका निभाती है। ईंटों के लिए उपजाऊ मिट्टी की बलि बिहार काफी ज्यादा चुका रहा है।
दिल्ली स्थित संस्था डेवलपमेंट अल्ट्रानेटिवस के डॉ सुमन मैती के मुताबिक बिहार में 5,283 पंजीकृत ईंट भट्ठे हैं। इनके जरिए सालाना 17.5 अरब ईंटों का निर्माण किया जाता है। इन ईंटों को पकाने के लिए 48 लाख कोयले और 5.3 करोड़ टन मिट्टी की जरूरत पड़ती है जो कि मृदा की ऊपरी परत होती है। इस पूरे उत्पादन में 16 लाख टन कॉर्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
मिट्टी खनन के लिए बिहार में जब इस बार के विधानसभा चुनाव थे उसी बीच राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पर्यावरण मंजूरी की शर्त को खत्म करने वाला आदेश जारी किया गया। 22 अक्तूबर, 2020 को जारी आदेश में कहा गया है कि खान एवं भूतत्व विभाग बिहार सरकार की ओर से 14 सितंबर, 2020 को जारी अधिसूचना में ईंट-भट्टठों के लिए ईंट मिट्टी के उत्खनन को खनन गतिविधि ही नहीं माना गया है, ऐसे में 1.5 मीटर गहराई तक मिट्टी खनन के लिए पर्यावरणीय सहमति की जरूरत नहीं होगी।
अपने आदेश में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी कहा है कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 28 मार्च, 2020 को जारी अपने अधिसूचना में कहा था कि ऐसे क्रियाकलाप जिन्हें राज्य सरकार द्वारा गैर खननकारी क्रियाकलाप में रखा गया है, उनके लिए पूर्व में हासिल की जाने वाली पर्यावरण मंजूरी की छूट होगी। ऐसे में बिहार में काम करने वाले ईंट-भट्ठों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत पूर्व पर्यावरण मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
बिहार ने भले ही 2040 तक कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनने का सपना दिखाया हो लेकिन यह कदम उसे काफी पीछे ढ़केल सकता है। (downtoearth.org.in)
लखनऊ, 21 नवंबर | भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि अब कांग्रेस शान्ति की ओर लौट रहे जम्मू-कश्मीर को अशान्त कर और अलगाववादियों के हौसलों को बढ़ाने के लिए गुपकार समझौते का अंग बनी हुई है। शनिवार को स्वतंत्र देव पार्टी के राज्य मुख्यालय पर लखनऊ खण्ड शिक्षक स्नातक क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में उपस्थित पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। "कहा कि विपक्षी दल देश की एकता व अखण्डता और सामाजिक ताने बाने में आग लगाने की साजिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम सब ने देखा था कि प्रदेश में उपचुनाव से पहले किस तरह विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने का कुचक्र रचा था, लेकिन योगी सरकार की दक्षता से उनके मंसूबे सफल नहीं हो सके। जनता ने भी उपचुनावों में इन्हें नकार दिया। इन सब के बावजूद अब कांग्रेस शान्ति की ओर लौट रहे जम्मू.कश्मीर को अशान्त कर और अलगाववादियों के हौसलों को बढ़ाने के लिए गुपकार समझौते का अंग बनी हुई है। जिस चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हमारे जवान लड़ रहे हैं और पूरा देश उन जवानों के पीछे खड़ा है। कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल धारा 370 खत्म करने के लिए चीन और पाकिस्तान की मदद लेने की बात कर रहे हैं। वोट हित के लिए देश हित को दांव पर लगाने वाली इन पार्टियों का चेहरा जनता के बीच जाकर बेनकाब करने का काम कार्यकर्ता करें।"
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि, "शिक्षक स्नातक क्षेत्र के लिए विधान परिषद चुनाव में मतदाता देश का वह शिक्षित तबका है जो नीतियों के निर्माण व क्रियान्वयन में अपना योगदान देता है। वह विपक्ष के दोहरे रवैये और कुत्सित राजनीति को भली-भांति समझता है। हमें पार्टी प्रत्याशी के विजय के संकल्प के साथ प्रत्येक मतदाता से सम्पर्क व संवाद स्थापित करना चाहिए।" (आईएएनएस)
नतालिया निंगथौजम
नई दिल्ली, 21 नवंबर| अनलॉक के तहत जब से सिनेमाघरों को खोला गया है, हॉलीवुड फिल्मों सहित कुछ नई रिलीज हुईं फिल्मों ने बड़े पर्दे पर धूम मचाई है। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि हॉलीवुड फिल्में और ना ही बॉलीवुड रिलीज हमेशा जैसी भीड़ को वापस लाने में मदद नहीं करेंगी। स्टार्स से भरपूर पूरे देश में चल सकने वाली अच्छी मार्केटिंग से आई फिल्म की जरूरत है। कोविड-19 लॉकडाउन के बाद दिवाली सप्ताहांत पर पहली फिल्म 'सूरज पे मंगल भारी' रिलीज हुई। इसमें मनोज बाजपेयी, दिलजीत दोसांझ और फातिमा सना शेख ने अभिनय किया है। फिल्म बिरादरी के भरपूर समर्थन के बाद भी यह फिल्म दर्शकों को ज्यादा उत्साहित नहीं कर सकी।
ट्रेड सोर्स के मुताबिक, यह कॉमेडी फिल्म 15 नवंबर को रिलीज होने के बाद से बॉक्स ऑफिस पर अब तक एक करोड़ भी नहीं कमा सकी है। वहीं रिलीज हुई अन्य फिल्मों में मैसी विलियम्स-स्टारर 'द न्यू म्यूटेंट्स' थी, जो भारत में 30 अक्टूबर को रिलीज हुई थी। इसके बाद 13 नवंबर को रॉबर्ट डी नीरो-स्टारर कॉमेडी ड्रामा 'द वार विद ग्रेंडपा' आई। ऐसी ही कुछ और फिल्में आईं लेकिन ट्रेड एनॉलिस्ट गिरीश जौहर के मुताबिक इन सभी फिल्मों का प्रदर्शन बहुत ही निचला रहा।
जौहर ने आईएएनएस को बताया, "या तो दर्शक डर के कारण सिनेमाघरों में नहीं आ रहे हैं या शायद उन्हें जोखिम लेने योग्य कंटेन्ट नहीं मिला है। हॉलीवुड फिल्मों ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।"
कार्निवाल सिनेमा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कुणाल साहनी ने आईएएनएस से कहा, "सूरज पे मंगल भारी ने हॉलीवुड फिल्मों से बेहतर प्रदर्शन किया है। हमने फुटफॉल्स में थोड़ी वृद्धि देखी है। पहले युवा आए अब परिवार आ रहे हैं। संख्या अभी भी कम है, लेकिन इसमें धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। एक बार जब लोग वहां आएंगे, तो वे फिर से आएंगे।"
उन्होंने कहा, "अच्छी मार्केटिंग के साथ अच्छा कंटेन्ट होना चाहिए, तभी भीड़ वापस आएगी। उम्मीद है कि '83' और 'सूर्यवंशी' जैसी स्टार्स वाली बॉलीवुड फिल्म शायद लोगों को उनके घरों से बाहर लाने में कामयाब रहें।
वहीं जौहर ने कहा, "मुझे लगता है कि मानसिक तौर पर हर कोई जनवरी का इंतजार कर रहा है। मुझे लगता है कि तब तक गतिविधियों में एक उतार-चढ़ाव रहेगा। लेकिन पूरे देश में चल सकने वाली भारतीय फिल्म सब कुछ बदल देगी।" (आईएएनएस)
लखनऊ, 21 नवंबर| उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हो हरी मौतों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जहरीली शराब के माफियाओं पर कार्रवाई करने में नाकाम रही है। प्रियंका गांधी ने शनिवार को ट्विटर पर तीन जिलों की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "यूपी में लखनऊ, फिरोजाबाद, हापुड़, मथुरा, प्रयागराज समेत कई जगहों पर जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। आगरा, बागपत मेरठ में जहरीली शराब से मौतें हुई थीं। आखिर क्या कारण है कि कुछ दिखावटी कदमों की बजाय सरकार जहरीली शराब के माफियाओं पर कार्रवाई करने में नाकाम रही है? कौन जिम्मेदार है।"
ज्ञात हो यूपी में इन दिनों जहरीली शराब से मौतें थम नहीं रही है। लखनऊ, मथुरा के बाद प्रयागराज में मामला सामने आया है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 21 नवंबर | जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अवंतीपोरा से जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, जो आश्रय और ट्रांसपोर्ट प्रदान करने में शामिल थे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उनकी पहचान वागड़ त्राल के निवासी बिलाल अहमद चोपन और चटलाम पंपोर निवासी मुर्सलीन बशीर शेख के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि जांच के अनुसार, वे पंपोर और त्राल इलाकों में आतंकवादियों के हथियार और गोला-बारूद के परिवहन के अलावा रसद सहायता और आश्रय प्रदान कर रहे थे।
पुलिस ने कहा, "जेईएम के आंतकियों को संवेदनशील जानाकरी देने में भी इनकी भूमिका रही है। उनके कब्जे से भारी मात्रा में आपराधिक सामग्री बरामद की गई है।"
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आगे की जांच चल रही है।(आईएएनएस)
पटना, 21 नवंबर | बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बहुमत प्राप्त कर बिहार की सत्ता पर फिर से काबिज हो गई है। इस चुनाव में रोजगार का मुद्दा सबसे अधिक छाया रहा।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे के बाद भी राजद भले ही सत्ता तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने यह साबित कर दिया कि बेरोजगारी बिहार के लिए एक बड़ी समस्या है। इधर, अब राजग सत्ता में पहुंचने के बाद नौकरी को लेकर कवायद प्रारंभ कर दी है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सरकारी विभागों के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर आधिकारिक तौर पर रिक्तियों की जानकारी मांगी गई है । पूछा गया है कि उनके विभाग में उनके अधीन रिक्त पदों की कितनी संख्या है। यह भी बताने को कहा गया है कि इसके अतिरिक्त संविदा के आधार पर कितनी संख्या में नौकरियों का मामला प्रक्रियाधीन है। अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की हिदायत भी दी गई है।
सरकार की तेजी देखकर माना जा रहा है कि जल्द ही बड़ी संख्या में नियुक्तियां की जा सकती हैं। सूत्रों का दावा है कि अगले साल बिहार में बड़ी संख्या में रिक्त सरकारी पदों को भरा जाएगा। इसमें सहायक शिक्षक, बिहार प्रशासपिनक सेवा के अधिकारी, जूनियर इंजीनियर, दारोगा, सिपाही जैसे पद हैं। इसके अलावे स्वास्थय विभाग में भी बड़ी बहाली की संभावना है।
राज्य के भवन निर्माण और विज्ञान प्रावैधिकी मंत्री अशोक चैधरी कहते हैं कि सरकार की प्रथमिकता लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की है। उन्होंने कहा कि रोजगार देने के लिए युवाशक्ति का स्किल विकसित किया जाएगा। बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके।
इधर, शिक्षा विभाग में भी नियुक्ति की जाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। नगर विकास विभाग एवं आवास विभाग में जूनियर इंजीनियरों की निुयक्ति की जानी है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने सरकारी विभागों में रिक्त पदों का हवाला देते हुए पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जिसका उनको समर्थन भी मिला था। इसके बाद भाजपा ने 19 लाख लोगों को रोजगार का देने का वादा किया था।
बहरहाल, फिर से सत्ता तक पहुंची राजग के लिए रोजगार देना एक चुनौती है, लेकिन नीतीश सरकार ने इसके लिए कवायद प्रारंभ कर दी है। अब देखना हेागा कि सरकार को इस मामले में कहां तक सफलता मिलती है।(आईएएनएस)
सुगंधा रावल
नई दिल्ली, 21 नवंबर | नवाजुद्दीन सिद्दीकी को लगता है कि भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म चरमरा रहा है। यहां हर कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुछ करना चाहता है, लेकिन कला के लिए नहीं बल्कि व्यापार के लिए। नवाजुद्दीन ने आईएएनएस से कहा, "स्पष्ट रूप से कंटेन्ट के लिए ओटीटी एक प्लेटफॉर्म होता था लेकिन वो बॉलीवुड फॉर्म से अलग था और उसका एक अलग चरित्र या शैली थी। मैं सोशल कंटेन्ट की बात नहीं कर रहा बल्कि दर्शकों के लिए कंटेन्ट की बात कर रहा हूं, जो बॉलीवुड के नियमित कंटेन्ट से कुछ अलग चाहते हैं। अभी इसकी भरमार हो गई है। हमारे यहां भेड़ चाल चलने की प्रवृत्ति है। इससे स्तर में गिरावट आना तय है।"
अभिनेता की 'सीरियस मेन', 'रात अकेली है' और 'घूमकेतु' प्रोजेक्ट इस साल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा, "हम लॉग आर्ट को धंधा बना देते हैं। मुझे डर है कि यह ओटीटी स्पेस में भी होगा कि बिजनेस के लिए कुछ भी दिखाओ। बल्कि ऐसा हो भी रहा है। उदाहरण के लिए मुझे उम्मीद नहीं थी कि कुछ फिल्में नेटफ्लिक्स पर रिलीज होंगी, लेकिन उन्हें नेटफ्लिक्स पर विशेषकर भारत में रिलीज किया जा रहा है। नेटफ्लिक्स और अन्य ओटीटी सेवाओं के दर्शकों में बहुत फर्क है।"
उन्होंने आगे कहा, "एक समय था जब 'सेक्रेड गेम्स' स्टार भारत में ओटीटी की लहर को लेकर आशान्वित थे, लेकिन अब नहीं हैं। अब लग रहा है कि यह घट रहा है। ऐसा तब होता है जब लोग सभी दिशाओं से आते हैं और रचनात्मकता के नाम पर व्यापार करते हैं। एक बार लगा था, जब दो-चार शो आए थे, तब लगा कि ओटीटी के बढ़ने के चांस हैं लेकिन बाद में वो बिजनेस बन गया।"
नवाजुद्दीन ने ये बातें सैफ अली खान, समांथा अक्किनेनी, मनोज वाजपेयी, टिस्का चोपड़ा और दिव्या दत्ता जैसे सितारों के साथ इंडस्ट्री के भविष्य पर चर्चा के दौरान कहीं। यह चर्चा रॉयल स्टैग बैरल सिलेक्ट लॉर्ज शॉर्ट फिल्म्स ईवनिंग के तहत की गई, जो जल्द ही जी नेटवर्क पर आएगी।(आईएएनएस)
जम्मू, 21 नवंबर| नगरोटा हमले को लेकर नई दिल्ली द्वारा पाकिस्तान के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन को तलब किए अभी कुछ घंटे ही बीते हैं और शनिवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया। इसमें एक भारतीय जवान शहीद हो गया है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, "नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर हुए संघर्ष विराम उल्लंघन के दौरान सेना का एक हवलदार शहीद हो गया।"
भारतीय सेना एलओसी पर पाकिस्तान की गोलीबारी का करारा जवाब दे रही है।
पाकिस्तान बार-बार 1999 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित द्विपक्षीय संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है। जनवरी 2020 से अब तक 3,200 से अधिक संघर्ष विराम उल्लंघन में 30 नागरिक मारे गए हैं और 110 से अधिक घायल हुए हैं।
बता दें कि गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरोटा टोल प्लाजा के पास 4 आतंकवादी मारे गए थे, जिनके कब्जे से 11 एके राइफल और अन्य हथियार बरामद किए गए थे।
पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि इन आतंकवादियों ने हाल ही में सांबा सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की थी। जिसके बाद भारत ने शुक्रवार की शाम को एक उच्च स्तरीय बैठक की। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 नवंबर| भारत में पिछले चार दिनों में कोरोनावायरस के ताजा मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटों में 46,232 नए मामले सामने आए हैं जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 90,50,597 तक हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, यह लगातार 14 वां दिन है जब भारत ने एक दिन में 50,000 से कम मामले दर्ज किए। पिछली बार दैनिक नए मामले 7 नवंबर को 50,000 को पार कर गए थे।
देश में कोरोना के कारण 564 नई मौतें हुई है, अब तक कुल 1,32,726 लोग जान गंवा चुके हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में शुक्रवार को 45,882, गुरुवार को 45,567, जबकि बुधवार को 38,616 मामले दर्ज किए।
इस बीच, सक्रिय मामलों की संख्या 4,39,747 है। इस बीमारी से अब तक 84,78,124 लोग ठीक हो चुके हैं।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
हालांकि, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के परीक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि गुरुवार को 10,66,022 नमूनों का परीक्षण किया गया। अब तक 13,06,57,808 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। भारत की रिकवरी दर में वृद्धि जारी है और अब 93.60 प्रतिशत है।
पांच सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य हैं : महाराष्ट्र (17,68,695 मामले), कर्नाटक (8,69,561), आंध्र प्रदेश (8,59,932), तमिलनाडु (7,66,677) और केरल (5,51,669 मामले)। (आईएएनएस)
एक तरफ़ हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को कोरोना का संभावित टीका 'कोवैक्सीन' लगवाया जो ट्रायल के तीसरे फेज़ में है. तो दूसरी तरफ़ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दावा किया कि कुछ ही महीनों में कोरोना वैक्सीन बनकर तैयार हो जायेगी.
इन सबके बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की तरफ़ से कोरोना के टीके की क़ीमत बता दी गई.
संस्थान के अनुसार, कोरोना से बचाव के लिए एक डोज़ की क़ीमत 500 से 600 रुपये होगी.
ख़बरों के मुताबिक़, कोरोना से असरदार बचाव के लिए दो से तीन हफ़्ते के अंतराल में दो टीके लगाने पड़ सकते हैं.
इन तमाम ख़बरों के बाद भारत में कोरोना का टीका लोगों तक कैसे पहुँचेगा, इस पर चर्चा हो रही है.
आइए जानते हैं क्या है कोरोना का टीका लोगों तक पहुँचाने का 'भारत सरकार का प्लान'.
भारत सरकार का एलान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने उम्मीद जताई है कि 2021 के शुरुआती 2-3 महीनों में वैक्सीन मिलनी शुरू हो जायेगी.
उन्होंने साथ ही कहा कि 'अगस्त-सितंबर तक हम 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की स्थिति में होंगे.'
यानी भारत में कोरोना वैक्सीन के लिए अब सरकार ने उलटी गिनती शुरू कर दी है.
इससे पहले अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन ट्रायल के शुरुआती नतीजों के बाद दावा किया था कि कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ सुरक्षा देने वाली नई वैक्सीन 95 फ़ीसदी तक कामयाब है.
कुछ दिन पहले ही दवा कंपनी फ़ाइज़र ने अपनी वैक्सीन के 90 फ़ीसदी लोगों पर कामयाब होने की जानकारी दी थी.
गुरुवार को ख़बर आयी कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के कोरोना वैक्सीन ट्रायल में भी बुज़ुर्गों पर टीका काफ़ी कारगर होने का दावा किया जा रहा है.
मॉडर्ना वैक्सीन को स्टोर करने के लिए माइनस 20 डिग्री और फाइज़र वैक्सीन के लिए माइनस 70 से 80 डिग्री तापमान की ज़रूरत पड़ेगी, जिसके लिए भारत सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
दरअसल, भारत में बच्चों के लिए जो टीकाकरण अभियान चलते हैं, उनके लिए देश भर में वैक्सीन को स्टोर करने के लिए कुछ स्टोरेज चेन पहले से उपलब्ध हैं. लेकिन वो चेन मॉडर्ना और फाइज़र वैक्सीन को स्टोर करने के काम नहीं आयेगी.
इसलिए भारत सरकार ऑक्सफ़ोर्ड वाले टीके और भारत में बनने वाली कोवैक्सीन पर नज़र टिकाये बैठी है, जिनको नॉर्मल फ्रिज के तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.
भारत सरकार को उम्मीद है कि अगर सब नतीजे सही रहे तो अगले साल शुरुआत में कोवैक्सीन भी बाज़ार में आ जाएगी, जिसमें स्टोरेज संबंधी दिक्क़तों का सामना भारत जैसे देश को नहीं करना पड़ेगा.
भारत की जनसंख्या और वैक्सीन की डोज़
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया का दावा है कि 'वो आज भी हर महीने 50 मिलियन से 60 मिलियन वैक्सीन डोज़ बनाने की स्थिति में है.'
संस्थान के मुताबिक़, फ़रवरी 2021 तक उनकी क्षमता 100 मिलियन वैक्सीन डोज़ प्रति माह बनाने की हो जाएगी.
भारत सरकार से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया का किस तरह का क़रार है, इस पर अभी तक दोनों पक्षों ने कुछ साफ़ नहीं किया है.
लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने इतना ज़रूर कहा है कि 'भारत सरकार ने जुलाई 2021 तक उनसे 100 मिलियन वैक्सीन डोज़ की माँग की है.'
जुलाई 2021 तक केंद्र सरकार ने 300 मिलियन वैक्सीन डोज़ जनता तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है.
ये जानकारी अभी किसी को नहीं है कि सारे डोज़ भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट से लेगी या फिर कोई दूसरी व्यवस्था भी की गई है.
अदार पूनावाला ने इतना ज़रूर कहा है कि 'हमने अपनी तरफ़ से पूरी तैयारी रखी है कि हम भारत सरकार को 300 मिलियन डोज़ अपनी तरफ़ से जुलाई तक ऑफ़र कर सकें.'
इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पूरी दुनिया में वैक्सीन पहुँचाने के लिए की जा रही पहल 'कोवैक्स' का भी हिस्सा है.
उन्होंने वहाँ भी अपनी तरफ़ से वैक्सीन देने का वादा किया है ताकि हर देश के ज़रूरतमंदों तक वैक्सीन पहुँच सके.
'वैक्सीन की ख़ुशख़बरी' पहले कहाँ से आने की उम्मीद
भारत में इस वक़्त पाँच अलग-अलग कोरोना वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं. इनमें से दो तीसरे और एडवांस स्टेज में हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन के अलावा, दुनिया भर में बन रहे चार और वैक्सीन बनाने वाली संस्थाओं के साथ वैक्सीन के उत्पादन का क़रार किया है.
अदार पूनावाला कहते हैं, "हमारा क़रार जिनके साथ हुआ है, उनमें से कुछ ऐसी वैक्सीन हैं जिनके एक डोज़ लगाने से भी कोरोना से बचाव संभव है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हर वैक्सीन के बनाने का तरीक़ा अलग है. इतना ही नहीं, अभी कोई नहीं जानता कि कौनसी वैक्सीन कितना असरदार होगी. इसलिए हमने दूसरे वैक्सीन बनाने वालों के साथ उत्पादन का क़रार किया है."
उनका मानना है कि आने वाले एक साल तक हर तीन से चार महीने के बीच एक नई वैक्सीन बाज़ार में आयेगी. ये जनता और सरकार पर निर्भर करेगा कि वो कौनसी वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. इसकी शुरुआत जनवरी से होगी, जब ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन के बाज़ार में आने की संभावना जताई जा रही है.
अगर दो-तीन शुरुआती वैक्सीन कारगर साबित होती हैं, तो सीरम इंस्टीट्यूट बाक़ी वैक्सीन का उत्पादन नहीं करेगा.
इसके अलावा भारत में कई दूसरे वैक्सीन निर्माता भी हैं, जो वैक्सीन उत्पादन के काम में जुटे हैं और उन्होंने दुनिया के दूसरे देशों में चल रहे वैक्सीन बनाने वालों के साथ क़रार किया है.
रूस की वैक्सीन का भी भारत में ट्रायल किये जाने की संभावना जताई जा रही है.
किन लोगों को लगेगी पहली वैक्सीन
भारत सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि कोरोना का टीका जब भी भारत में उपलब्ध होगा, तो सबसे पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगेगा.
लेकिन टीका आम जनता तक कब पहुँचेगा?
गुरुवार को एक कार्यक्रम में पूछे गए इस सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि "135 करोड़ भारतवासियों के लिए एक साथ टीका मुहैया कराना मुमकिन नहीं है. इसलिए सरकार ने प्राथमिकता तय की है."
उन्होंने कहा, "अभी जिन टीकों के सफल होने की बात चल रही है, उनके दो डोज़ लगाने पड़ेंगे. ये दो टीके दो से तीन हफ़्ते के अंतराल में लगेंगे. ऐसे में भारत सरकार शुरुआत में केवल 25 से 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण ही कर सकती है. पिछले 10 महीने से जो हेल्थकेयर वर्कर जान की बाज़ी लगाकर काम कर रहे हैं, वो सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं."
"फिर 65 साल से ज़्यादा उम्र वालों को टीका लगेगा. उसके बाद 50 से 65 साल वालों को टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता दी जायेगी. फिर चौथे नबंर पर 50 साल से कम उम्र वाले ऐसे लोगों को जगह दी जायेगी जिनको दूसरी बीमारियाँ हैं."
डॉक्टर हर्षवर्धन ने यह भी साफ़ किया कि ऐसा नहीं है कि सरकार के पास यह तय करने का अधिकार है, तो वो अपने मन से कुछ भी तय कर रहे हैं.
उनका कहना है कि ये सब बातें वैज्ञानिक आधार पर एक्सपर्ट कमेटी द्वारा तय की गई हैं.
लोगों तक टीका कब और कैसे पहुँचेगा, इसके लिए भारत सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल उसके अध्यक्ष हैं. भारत सरकार ने हर राज्य के गाँव और पंचायत स्तर तक इसे पहुँचाने के लिए तीन महीने पहले से काम शुरू कर दिया है.
बताया गया है कि पहले चरण में जिन हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह टीका लगना है, उसकी लिस्ट राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अक्तूबर के अंत तक तैयार कर ली थी.(bbc)
नई दिल्ली: पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि आज देश ऐसी विचारधाराओं से खतरे में दिख रहा है जो उसको 'हम और वो' की काल्पनिक श्रेणी के आधार पर बांटने की कोशिश करता है. अंसारी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस संकट से पहले ही भारतीय समाज दो अन्य महामारियों- 'धार्मिक कट्टरता' और 'आक्रामक राष्ट्रवाद' का शिकार हो चुका, जबकि इन दोनों के मुकाबले देशप्रेम अधिक सकारात्मक अवधारणा है क्योंकि यह सैन्य और सांस्कृतिक रूप से रक्षात्मक है.
हामिद अंसारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की नई किताब ‘द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग’ के डिजिटल विमोचन के मौके पर बोल रहे थे. उनके मुताबिक, चार सालों की अल्प अवधि में भी भारत ने एक उदार राष्ट्रवाद के बुनियादी नजरिए से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक ऐसी नई राजनीतिक परिकल्पना तक का सफर तय कर लिया जो सार्वजनिक क्षेत्र में मजबूती से घर कर गई है.
पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा, "कोविड एक बहुत ही बुरी महामारी है, लेकिन इससे पहले ही हमारा समाज दो महामारियों- धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद का शिकार हो गया था. धार्मिक कट्टरता और उग्र राष्ट्रवाद के मुकाबले देशप्रेम ज्यादा सकारात्मक अवधारणा है."
फारूक अब्दुल्ला भी कार्यक्रम में थे मौजूद
किताब विमोचन के दौरान चर्चा में भाग लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "1947 में हमारे पास मौका था कि हम पाकिस्तान के साथ चले जाते, लेकिन मेरे वालिद और अन्य लोगों ने यही सोचा था कि दो राष्ट्र का सिद्धांत हमारे लिए ठीक नहीं है." उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार देश को जिस तरह से देखना चाहती है उसे वह कभी स्वीकार नहीं करने वाले हैं.(एजेंसी)
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर में बिहार चुनाव से पहले 282 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए थे. ये जानकारी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने सूचना के अधिकार के तहत दी है.
कमांडर लोकेश के बत्रा की ओर से दायर आवेदन पर बैंक ने ये जवाब दिया है. उन्होंने अक्तूबर 19 से अक्तूबर 28 के बीच किस ब्रांच से कितने इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए इसकी जानकारी मांगी थी.
बिहार में अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हुए हैं जिनमें एनडीए ने जीत हासिल की है.
सबसे ज़्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड एसबीआई की मुंबई ब्रांच में बिके. यहां 130 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए. (bbc)
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में आबादी के एक छोटे समूह में हर्ड इम्यूनिटी यानी वायरस के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता की मौजूदगी के संकेत मिले हैं.
भारत में हुए अपनी तरह के इस पहले अध्ययन में पता चला है कि पुणे में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए 85 फ़ीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिले हैं. इसका मतलब ये है कि उनके शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई है.
ये शोध पुणे के चार प्रभागों (जिनमें नगर निगम के तीन से चार वार्ड होते हैं) में किया गया है. यहीं जुलाई और अगस्त में हुए सर्वे में 51 फ़ीसदी आबादी में संक्रमण का पता चला था. सीरो सर्वे के तहत आबादी में संक्रमण के प्रसार का पता किया जाता है. भारत के कई शहरों में ये सर्वे किए गए हैं.
ये पहला सर्वे है जिसमें संक्रमित लोगों में वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी का पता किया गया है. शोधकर्ताओं ने ये नहीं कहा है कि शहर हर्ड इम्यूनिटी की ओर बढ़ रहा है लेकिन भारत में ये पहला मामला है जब आबादी में संक्रमण इतना ज़्यादा है कि ये कहा जा सकता है कि यहां लोगों में हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो रही है. (bbc)-
जयपुर, 21 नवंबर | संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की 2015 की टॉपर रहीं टीना डाबी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। टीना डाबी ने अपने बैच के आईएएस अतहर आमिर के साथ शादी की थी और अब इस युवा आईएएएस दंपति ने जयपुर में तलाक की अर्जी दायर की है। दोनों के बीच प्यार होने के बाद इन्होंने अप्रैल 2018 में शादी कर ली थी।
कश्मीर के रहने वाले अतहर ने भी यूपीएससी परीक्षा 2015 में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था।
टीना और अतहर दोनों राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं। दोनों ने पहले कहा था कि उन्हें आईएएएस के लिए होने वाले प्रशिक्षण के दौरान प्यार हो गया था।
उनकी शादी और इसके बाद हुई अनबन की दिल्ली से जम्मू एवं कश्मीर तक चर्चा होती रहती है, क्योंकि हिंदू महासभा ने इसे लव-जिहाद करार दिया है।
राजस्थान में तैनात दंपति ने 17 नवंबर को तलाक के लिए अर्जी दी है। उन्होंने एक नवंबर को पारिवारिक अदालत में एक आवेदन प्रस्तुत किया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 नवंबर | दिल्ली के उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी प्रबंधन नियंत्रण 2020 के नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। नए नियमों के तहत अब कोरोना के मानदंडों और सामाजिक दूरी के नियम तोड़ने पर 2000 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही मास्क न पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा आदि खाने पर भी 2000 रुपये जुर्माना देना होगा। दिल्ली सरकार के 20 नवंबर के नोटिफिकेशन में यह जानकारी दी गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसके चलते केजरीवाल सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय अपनाने का निर्णय लिया है।
दरअसल, एक दिन पहले ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में मास्क न लगाने पर 2000 रुपये जुर्माना लगाने का फैसला किया था, जिस पर अब राज्यपाल ने भी मुहर लगा दी है। अभी तक जुर्माने के तौर पर 500 रुपये वसूले जा रहे थे।
दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि क्वारंटीन नियमों का पालन नहीं करने, सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) को नहीं अपनाने और सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क नहीं पहनने पर 2 हजार जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित करने के साथ ही अब सार्वजनिक क्षेत्रों में पान, गुटका, तम्बाकू के सेवन पर भी प्रतिबंध है।
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्रों में मास्क नहीं पहनने के लिए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने के अपने इरादे को स्पष्ट कर दिया था और पहले के जुर्माने से चार गुना वृद्धि करते हुए नियम को और भी सख्त करने का फैसला किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महामारी को नियंत्रित करने के मुद्दे पर दिल्ली सचिवालय में एक सर्वदलीय बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरुवार को इसकी घोषणा की। केजरीवाल ने कहा, "मैं दिल्ली उपराज्यपाल से पहले दिन में मिला था और हमने सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं पहनने के लिए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है।"(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 21 नवंबर | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की चेतावनी के बावजूद कन्नड़ चालुवली वत्सल पक्ष सुप्रीमो वटाल नागराज के नेतृत्व में कई कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने 5 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसमें मराठा समुदाय विकास बोर्ड के गठन के राज्य सरकार के फैसले की निंदा की गई है। कम से कम एक दर्जन समर्थक कन्नड़ कार्यकर्ता, जिनमें प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और राजकुमार फैंस एसोसिएशन के प्रमुख सा.रा. गोविंदू भी शामिल हैं, उन्होंने शुक्रवार को बैठक कर सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया कि वे 5 दिसंबर को भारत बंद के साथ आगे बढ़ेंगे।
नागराज ने बैठक के बाद कहा, "हम एक बैनर के तहत आ रहे हैं - फेडरेशन ऑफ कन्नड़ एसोसिएशन - 5 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने के लिए।"
पत्रकारों से बात करते हुए, नागराज ने कहा कि कन्नड़ चालुवली वटाल पक्ष को राज्यभर में 1,000 से अधिक समर्थक कन्नड़ संगठनों का समर्थन पहले ही मिल चुका है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 नवंबर | दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में एक हनुमान मंदिर के प्रस्तावित विध्वंस से संबंधित मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, "हमें हस्तक्षेप के लिए उस आवेदन को देखने का कोई कारण नहीं है जो एक ही मुद्दे पर फिर से विचार करने और खारिज करने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है।"
इसने कहा कि हस्तक्षेप के लिए अनुरोध आप सरकार की ओर से आना चाहिए। पीठ ने कहा, "हस्तक्षेप के लिए आवेदन में किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है। आवेदन खारिज कर दिया गया है।"
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पिछले साल नवंबर में उपराज्यपाल (एलजी) की अध्यक्षता वाली एक धार्मिक समिति की सिफारिश को खारिज कर दिया था, ताकि मंदिर को अपने वर्तमान स्थल पर मौजूद रहने दिया जा सके।
यह आदेश तब पारित किया गया जब उच्च न्यायालय श्री मनोकामना सिद्ध श्रीहनुमान सेवा समिति, एक पंजीकृत सोसाइटी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो रिट याचिका में हस्तक्षेप के लिए प्रार्थना कर रही थी।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा 31 अक्टूबर को मुख्य चंदानी चौक स्थित कटरा दुलिया में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के प्रस्ताव पर आवेदक समाज नाराज था।(आईएएनएस)
कुरनूल, 20 नवंबर | आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने कुरनूल जिले में शेख अब्दुल सलाम परिवार के ट्रेन से कटकर आत्महत्या मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही। रेड्डी ने शुक्रवार को अब्दुल की सास मुबुन्निसा से मुलाकात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि उनके दामाद अब्दुल सलाम के परिवार की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार उनके परिवार को सहायता प्रदान करेगी।
रेड्डी ने एपीएसपी बटालियन गेस्ट हाउस में सलाम की सास से मुलाकात की। उन्होंने मुबुन्निसा की बेटी शजीदा को आउटसोसिर्ंग की नौकरी देने का वादा भी किया।
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को उनके दामाद शामवाली को अनंतपुर से नंद्याल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, अनंतपुर डीएम और एचओ कार्यालय ने शामवाली को नंद्याल स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए हैं।
स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल इंस्पेक्टर सोमशेखर रेड्डी और हेड कांस्टेबल गंगाधर को हाल ही में परिवार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि नंघाल के रोजकुंटा इलाके में ज्वैलरी की एक दुकान से चोरी हुई थी और इस मामले में अब्दुल को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था। पुलिस ने ऑटो चालक अब्दुल सलाम को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में वह जमानत पर छूट गया। आत्महत्या करने से पहले सलाम ने एक वीडियो बनाया, जिसमें पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
इसके बाद शेख अब्दुल सलाम (45), उनकी पत्नी नूरजहां (43), बेटे दादा खलंदर (नौ) और बेटी सलमा (14) ने कथित पुलिस उत्पीड़न के कारण मालगाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या कर ली थी।
इससे पहले गृह मंत्री मेकथोती सुचारिता ने भी कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने मुबुन्निसा के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 नवंबर | भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर झूठे आरोपों को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाकर सीएम केजरीवाल ने लोगों की आस्था को ठेंस पहुंचाई, जब उन्होंने मुद्दे को उठाया तो पार्टी के विधायक को आगे कर केजरीवाल झूठे आरोप लगा रहे हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल अपने दावे को साबित करें वरना कानूनी कार्यवाई झेलने के लिए तैयार रहें। दरअसल, आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सांसद मनोज तिवारी और पूर्व सांसद महेश गिरी पर नगर निगम के लिए ऊंचे रेट पर रिक्शा खरीदने के आरोप लगाए। जिस पर भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छठ पूजा पर बैन लगने से हो रही किरकिरी से परेशान होकर झूठे आरोपों का खेल खेला है। निगम पार्षद एवं पूर्व जोन चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल के इस झूठ के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई की पहल करेंगे।(आईएएनएस)
जिनेवा, 20 नवंबर.. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर को लेकर बड़ा कदम उठाया है. डब्ल्युएचओ ने अपनी कथित प्रीक्वालिफिकेशन लिस्ट से गिलियड की रेमडेसिविर को हटा दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के ईमेल के जवाब में तारिक जसरविच ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने बताया 'हां हमने पीक्यू से इसे हटा दिया है.' इससे पहले डब्ल्युएचो ने शुक्रवार को ही कहा था कि रेमडेसिविर का उपयोग कोविड-19 मरीजों के इलाज में नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि इससे मरीज के बचने की संभावना पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है
नई दिल्ली, 20 नवंबर | विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में शुरू हुआ किसान आंदोलन और अभी भी पंजाब में काफी हद तक सक्रिय है। इस आंदोलन के कारण 19 नवंबर तक उत्तरी रेलवे को 891 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके कारण भारतीय रेलवे को कमाई के मामले में भी 2220 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है। आईएएनएस को मिली जानकारी के अनुसार, राजस्व हानि वास्तव में 24 सितंबर से प्रभावी होने के साथ 55 दिनों में ही 825 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो यात्री ट्रेनों को रद्द करने के कारण और भी बढ़ गई है। केंद्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी विरोध के कारण रेलवे को यात्री राजस्व में 67 करोड़ रुपये सहित कुल 2,220 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए थे।
उत्तरी रेलवे को मालगाड़ियों में लदान नहीं होने के कारण प्रतिदिन 14.85 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
आंदोलन के कारण माल ढुलाई व्यापक रूप से प्रभावित हुई है। पंजाब में रोजाना करीब 30 रैक माल आता है और करीब 40 रैक माल बाहर जाता है। आंदोलन के कारण परिवहन प्रभावित हुआ और रेलवे को नुकसान उठाना पड़ा।
आंदोलन के कारण मालगाड़ियों के 3850 रैक पर लदान नहीं हो सकी।
आंदोलन के कारण पंजाब के बाहर 230 रैक फंसे रहे। इनमें से 78 रैक कोयला, 34 रैक खाद, आठ रैक सीमेंट, आठ रैक पेट्रोलियम पदार्थो तथा 102 रैक कंटेनर, स्टील एवं अन्य सामग्री के हैं।
इसके साथ ही आंदोलन के मद्देनजर, 2352 यात्री ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग परिवर्तन करना पड़ा। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 20 नवंबर | पाकिस्तान सरकार की ओर से इलेक्ट्रॉनिक अपराधों की रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) 2016 के तहत नए नियमों की घोषणा करते हुए, गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री (प्रक्रिया की निगरानी और सुरक्षा) नियम 2020 को हटाने और अवरुद्ध करने के फैसले के साथ इंटरनेट के उपयोग पर अधिक प्रतिबंध लगाए हैं। इस बीच एक तकनीकी संघ (टेक कंसोर्टियम) ने पाकिस्तान से अपनी सेवाओं की संभावित वापसी के संकेत दिए हैं।
फेसबुक, गूगल, ट्विटर और याहू सहित विभिन्न कंपनियों के अंतर्राष्ट्रीय टेक कंसोर्टियम द एशिया इंटरनेट संघ (एआईसी) ने ऑनलाइन सामग्री के लिए पाकिस्तान सरकार के नवीनतम नियमों पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया है।
एआईसी के बयान में कहा गया है, "नए नियमों के दायरे से एआईसी चिंतित है, जो इंटरनेट कंपनियों, साथ ही सेवा प्रदाताओं और ऐसे व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को लक्षित करते हैं, जो अपमानजनक सामग्री पोस्ट या साझा कर सकते हैं।"
एआईसी ने इस बात पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और इसे सरकार की अपारदर्शी प्रक्रिया करार दिया है, जिसके माध्यम से इन नियमों को विकसित किया गया है।
एआईसी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्टेकहोल्डर परामर्श प्रक्रिया, जिसके लिए फरवरी में पाकिस्तान सरकार ने वादा किया था, वह अभी तक सिरे नहीं चढ़ सकी है।
एआईसी के बयान में कहा गया है कि इस फैसले से लोगों को फ्री और खुले इंटरनेट का उपयोग करने से वंचित किया जा रहा है और दुनिया के बाकी हिस्सों से पाकिस्तान की डिजिटल अर्थव्यवस्था ठप पड़ जाएगी।
बता दें कि पाकिस्तान के सूचना तकनीक मंत्रालय ने रिमूवल एंड ब्लॉकिंग ऑफ अनलाफुल ऑनलाइन कंटेंट रूल्स 2020 जारी किया है। यह नियमावली पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम 2016 के अंतर्गत है। नए नियम सभी इंटरनेट सर्विस प्रदाता कंपनियों और इंटरनेट मीडिया कंपनियों पर लागू होंगे। इस नियम के अनुसार सभी कंपनियों को नौ महीने के भीतर पाकिस्तान में अपने पंजीकृत कार्यालय स्थापित करने होंगे।
नई नियमावली के अनुसार, कंपनियों को पाकिस्तान में एक जिम्मेदार अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी, जिससे जरूरत पड़ने पर उसे तलब किया जा सकेगा और गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकेगा। इंटरनेट मीडिया का कार्यालय और अधिकारी आतंकवाद, अतिवाद, घृणास्पद बयान, अश्लील सामग्री, हिंसा को बढ़ावा देने वाले तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली सामग्री के लिए जिम्मेदार होंगे।
इमरान खान को लिखे गए पत्र के बारे में याद दिलाते हुए, एआईसी ने दोहराया, "अगर पाकिस्तान वास्तव में प्रौद्योगिकी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनना चाहता है और डिजिटल परिवर्तन के अपने लक्ष्य को महसूस करता है, तो उसे व्यावहारिक, स्पष्ट नियमों पर उद्योग को वापस खींचने और काम करने की आवश्यकता है, जो इंटरनेट के लाभों की रक्षा करता है और लोगों को नुकसान से सुरक्षित रखता है।"(आईएएनएस)
छपरा, 20 नवंबर| बिहार के सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र में शुक्रवार की शाम लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की संध्या पर अघ्र्य के दौरान एक छठ घाट पर हर्ष फायरिंग की घटना में पांच लोग घायल हो गए। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में छठ घाट पर सभी व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के कार्यक्रम में व्यस्त थे, तभी एक युवक ने अति उत्साह में अवैध हथियार से गोलीबारी प्रारंभ कर दी। इसी दौरान एक गोली मिस कर गई और और पांच लोगों को जा लगी।
इस घटना के बाद घाट पर अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मांझी के थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो से गोली चलाने वाले की पहचान कर ली गई है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। (आईएएनएस)
राहुल कुमार
नई दिल्ली, 20 नवंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारत-लग्जमबर्ग द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने लग्जमबर्ग के अपने समकक्ष जेवियर बेट्टेल के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर बातचीत की।
भारत और लक्जमबर्ग के बीच दो दशकों में पहली बार गुरुवार को शिखर बैठक आयोजित किया गया था। दोनों प्रधानमंत्रियों ने वित्तीय क्षेत्र, डिजिटल डोमेन, ग्रीन फाइनैंसिंग और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में संबंधों को सुधारने का निर्णय लिया। उन्होंने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न वैश्विक स्थिति का भी जायजा लिया।
बमुश्किल एक पखवाड़े पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र से बाहर यूरोप की पहली यात्रा की थी। उन्होंने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन का एक सप्ताह का दौरा किया था। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों के बाद, यह स्पष्ट है कि भारत यूरोप को एक नए रूप में देख रहा है।
कम्युनिस्ट राष्ट्र चीन की भू-राजनीति विश्व स्तर पर एक आंख खोलने वाली रही है। चीन की विस्तारवादी नीति और चालबाजी से पश्चिम के उदार लोकतांत्रिक देश भी बखूबी वाकिफ हैं। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ भारत के संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव पर बने हैं।
यूरोप के लोग भी भारत की पहल पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) भारत को रणनीतिक चिंताओं और आर्थिक संबंधों के लिए चीन की तुलना में अधिक उपयुक्त विकल्प के रूप में देख रहा है। भारत को पर्याप्त व्यापार संबंध प्राप्त हैं और उसका यूरोपीय संघ के साथ बड़ा निवेश प्रवाह (इनवेस्टमेंट फ्लो) है। इसके अलावा, भारत और कई यूरोपीय देश आम हित के विभिन्न मुद्दों पर बहुपक्षीय प्लेटफार्मों पर निकटता से काम करते हैं।
श्रृंगला ने अपनी यूरोप यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा और रक्षा साझेदारी पर चर्चा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंध और रणनीति (डीजीआरआईएस) पर फ्रांस के महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल) एलिस गुइटन के साथ मुलाकात की। फ्रांस भारत को राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति कर रहा है और अपनी नवीनतम पनडुब्बियों को डिजाइन करने में भी मदद कर रहा है। दोनों देशों ने आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिग, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और नवाचार के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य के कारण, कई यूरोपीय देशों ने अपने राजनीतिक दृष्टिकोण पर फिर से काम किया है और एशियाई देशों, विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लोगों के साथ तालमेल के साथ उत्सुकता दिखाई है।
वहीं जर्मनी ने इस साल सितंबर में भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी नई नीति दिशानिर्देश जारी किए, जो चीन के अलावा अन्य एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर देता है।
जैसे ही जर्मनी चीन केंद्रित नीति से हटता है, उसके भारत के करीब आने की संभावना निश्चित तौर पर बढ़ जाती है। श्रृंगला ने विदेश राज्य मंत्री और थिंक टैंक नील्स एनेन के साथ मुलाकात की। भारत ने जर्मनी को यह याद दिलाने के अवसर को भुनाया कि वह कैसे एक विश्वसनीय और रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत-प्रशांत की पूर्व दृष्टि में फिट बैठता है।
जर्मनी की रक्षा मंत्री एनेग्रेट क्रैम्प-कर्रनबाउर ने हाल ही में कहा है कि उनका देश अगले साल हिंद महासागर व्यापार मार्गो पर गश्त के लिए अपनी नौसेना भेजना चाहेगा। वह ऑस्ट्रेलियाई रणनीतिक नीति संस्थान (एएसपीआई) और कोनराड एडेनॉयर फाउंडेशन (केएएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं, जहां उन्होंने कहा कि जर्मनी ऑस्ट्रेलिया के साथ निकट रक्षा सहयोग भी करना चाहता है।
इसके अलावा श्रृंगला ने लंदन में ब्रिटिश सरकार से यूरोपीय देशों के अनुरूप इंडो-पैसिफिक की अपनी रणनीति के साथ आने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा, "हम चाहेंगे कि ब्रिटेन एक बड़े निवेशक और इनोवेशन पार्टनर के रूप में सामने आए।"
उन्होंने इंडो-पैसिफिक की नई-प्रासंगिक प्रासंगिकता के बारे में भी स्पष्ट रूप से संकेत दिया। (आईएएनएस)
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