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एक तरफ़ हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को कोरोना का संभावित टीका 'कोवैक्सीन' लगवाया जो ट्रायल के तीसरे फेज़ में है. तो दूसरी तरफ़ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दावा किया कि कुछ ही महीनों में कोरोना वैक्सीन बनकर तैयार हो जायेगी.
इन सबके बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की तरफ़ से कोरोना के टीके की क़ीमत बता दी गई.
संस्थान के अनुसार, कोरोना से बचाव के लिए एक डोज़ की क़ीमत 500 से 600 रुपये होगी.
ख़बरों के मुताबिक़, कोरोना से असरदार बचाव के लिए दो से तीन हफ़्ते के अंतराल में दो टीके लगाने पड़ सकते हैं.
इन तमाम ख़बरों के बाद भारत में कोरोना का टीका लोगों तक कैसे पहुँचेगा, इस पर चर्चा हो रही है.
आइए जानते हैं क्या है कोरोना का टीका लोगों तक पहुँचाने का 'भारत सरकार का प्लान'.
भारत सरकार का एलान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने उम्मीद जताई है कि 2021 के शुरुआती 2-3 महीनों में वैक्सीन मिलनी शुरू हो जायेगी.
उन्होंने साथ ही कहा कि 'अगस्त-सितंबर तक हम 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की स्थिति में होंगे.'
यानी भारत में कोरोना वैक्सीन के लिए अब सरकार ने उलटी गिनती शुरू कर दी है.
इससे पहले अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन ट्रायल के शुरुआती नतीजों के बाद दावा किया था कि कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ सुरक्षा देने वाली नई वैक्सीन 95 फ़ीसदी तक कामयाब है.
कुछ दिन पहले ही दवा कंपनी फ़ाइज़र ने अपनी वैक्सीन के 90 फ़ीसदी लोगों पर कामयाब होने की जानकारी दी थी.
गुरुवार को ख़बर आयी कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के कोरोना वैक्सीन ट्रायल में भी बुज़ुर्गों पर टीका काफ़ी कारगर होने का दावा किया जा रहा है.
मॉडर्ना वैक्सीन को स्टोर करने के लिए माइनस 20 डिग्री और फाइज़र वैक्सीन के लिए माइनस 70 से 80 डिग्री तापमान की ज़रूरत पड़ेगी, जिसके लिए भारत सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
दरअसल, भारत में बच्चों के लिए जो टीकाकरण अभियान चलते हैं, उनके लिए देश भर में वैक्सीन को स्टोर करने के लिए कुछ स्टोरेज चेन पहले से उपलब्ध हैं. लेकिन वो चेन मॉडर्ना और फाइज़र वैक्सीन को स्टोर करने के काम नहीं आयेगी.
इसलिए भारत सरकार ऑक्सफ़ोर्ड वाले टीके और भारत में बनने वाली कोवैक्सीन पर नज़र टिकाये बैठी है, जिनको नॉर्मल फ्रिज के तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.
भारत सरकार को उम्मीद है कि अगर सब नतीजे सही रहे तो अगले साल शुरुआत में कोवैक्सीन भी बाज़ार में आ जाएगी, जिसमें स्टोरेज संबंधी दिक्क़तों का सामना भारत जैसे देश को नहीं करना पड़ेगा.
भारत की जनसंख्या और वैक्सीन की डोज़
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया का दावा है कि 'वो आज भी हर महीने 50 मिलियन से 60 मिलियन वैक्सीन डोज़ बनाने की स्थिति में है.'
संस्थान के मुताबिक़, फ़रवरी 2021 तक उनकी क्षमता 100 मिलियन वैक्सीन डोज़ प्रति माह बनाने की हो जाएगी.
भारत सरकार से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया का किस तरह का क़रार है, इस पर अभी तक दोनों पक्षों ने कुछ साफ़ नहीं किया है.
लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने इतना ज़रूर कहा है कि 'भारत सरकार ने जुलाई 2021 तक उनसे 100 मिलियन वैक्सीन डोज़ की माँग की है.'
जुलाई 2021 तक केंद्र सरकार ने 300 मिलियन वैक्सीन डोज़ जनता तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है.
ये जानकारी अभी किसी को नहीं है कि सारे डोज़ भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट से लेगी या फिर कोई दूसरी व्यवस्था भी की गई है.
अदार पूनावाला ने इतना ज़रूर कहा है कि 'हमने अपनी तरफ़ से पूरी तैयारी रखी है कि हम भारत सरकार को 300 मिलियन डोज़ अपनी तरफ़ से जुलाई तक ऑफ़र कर सकें.'
इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पूरी दुनिया में वैक्सीन पहुँचाने के लिए की जा रही पहल 'कोवैक्स' का भी हिस्सा है.
उन्होंने वहाँ भी अपनी तरफ़ से वैक्सीन देने का वादा किया है ताकि हर देश के ज़रूरतमंदों तक वैक्सीन पहुँच सके.
'वैक्सीन की ख़ुशख़बरी' पहले कहाँ से आने की उम्मीद
भारत में इस वक़्त पाँच अलग-अलग कोरोना वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं. इनमें से दो तीसरे और एडवांस स्टेज में हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन के अलावा, दुनिया भर में बन रहे चार और वैक्सीन बनाने वाली संस्थाओं के साथ वैक्सीन के उत्पादन का क़रार किया है.
अदार पूनावाला कहते हैं, "हमारा क़रार जिनके साथ हुआ है, उनमें से कुछ ऐसी वैक्सीन हैं जिनके एक डोज़ लगाने से भी कोरोना से बचाव संभव है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हर वैक्सीन के बनाने का तरीक़ा अलग है. इतना ही नहीं, अभी कोई नहीं जानता कि कौनसी वैक्सीन कितना असरदार होगी. इसलिए हमने दूसरे वैक्सीन बनाने वालों के साथ उत्पादन का क़रार किया है."
उनका मानना है कि आने वाले एक साल तक हर तीन से चार महीने के बीच एक नई वैक्सीन बाज़ार में आयेगी. ये जनता और सरकार पर निर्भर करेगा कि वो कौनसी वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. इसकी शुरुआत जनवरी से होगी, जब ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन के बाज़ार में आने की संभावना जताई जा रही है.
अगर दो-तीन शुरुआती वैक्सीन कारगर साबित होती हैं, तो सीरम इंस्टीट्यूट बाक़ी वैक्सीन का उत्पादन नहीं करेगा.
इसके अलावा भारत में कई दूसरे वैक्सीन निर्माता भी हैं, जो वैक्सीन उत्पादन के काम में जुटे हैं और उन्होंने दुनिया के दूसरे देशों में चल रहे वैक्सीन बनाने वालों के साथ क़रार किया है.
रूस की वैक्सीन का भी भारत में ट्रायल किये जाने की संभावना जताई जा रही है.
किन लोगों को लगेगी पहली वैक्सीन
भारत सरकार ने यह साफ़ कर दिया है कि कोरोना का टीका जब भी भारत में उपलब्ध होगा, तो सबसे पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगेगा.
लेकिन टीका आम जनता तक कब पहुँचेगा?
गुरुवार को एक कार्यक्रम में पूछे गए इस सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि "135 करोड़ भारतवासियों के लिए एक साथ टीका मुहैया कराना मुमकिन नहीं है. इसलिए सरकार ने प्राथमिकता तय की है."
उन्होंने कहा, "अभी जिन टीकों के सफल होने की बात चल रही है, उनके दो डोज़ लगाने पड़ेंगे. ये दो टीके दो से तीन हफ़्ते के अंतराल में लगेंगे. ऐसे में भारत सरकार शुरुआत में केवल 25 से 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण ही कर सकती है. पिछले 10 महीने से जो हेल्थकेयर वर्कर जान की बाज़ी लगाकर काम कर रहे हैं, वो सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं."
"फिर 65 साल से ज़्यादा उम्र वालों को टीका लगेगा. उसके बाद 50 से 65 साल वालों को टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता दी जायेगी. फिर चौथे नबंर पर 50 साल से कम उम्र वाले ऐसे लोगों को जगह दी जायेगी जिनको दूसरी बीमारियाँ हैं."
डॉक्टर हर्षवर्धन ने यह भी साफ़ किया कि ऐसा नहीं है कि सरकार के पास यह तय करने का अधिकार है, तो वो अपने मन से कुछ भी तय कर रहे हैं.
उनका कहना है कि ये सब बातें वैज्ञानिक आधार पर एक्सपर्ट कमेटी द्वारा तय की गई हैं.
लोगों तक टीका कब और कैसे पहुँचेगा, इसके लिए भारत सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल उसके अध्यक्ष हैं. भारत सरकार ने हर राज्य के गाँव और पंचायत स्तर तक इसे पहुँचाने के लिए तीन महीने पहले से काम शुरू कर दिया है.
बताया गया है कि पहले चरण में जिन हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह टीका लगना है, उसकी लिस्ट राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अक्तूबर के अंत तक तैयार कर ली थी.(bbc)
नई दिल्ली: पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि आज देश ऐसी विचारधाराओं से खतरे में दिख रहा है जो उसको 'हम और वो' की काल्पनिक श्रेणी के आधार पर बांटने की कोशिश करता है. अंसारी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस संकट से पहले ही भारतीय समाज दो अन्य महामारियों- 'धार्मिक कट्टरता' और 'आक्रामक राष्ट्रवाद' का शिकार हो चुका, जबकि इन दोनों के मुकाबले देशप्रेम अधिक सकारात्मक अवधारणा है क्योंकि यह सैन्य और सांस्कृतिक रूप से रक्षात्मक है.
हामिद अंसारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की नई किताब ‘द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग’ के डिजिटल विमोचन के मौके पर बोल रहे थे. उनके मुताबिक, चार सालों की अल्प अवधि में भी भारत ने एक उदार राष्ट्रवाद के बुनियादी नजरिए से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक ऐसी नई राजनीतिक परिकल्पना तक का सफर तय कर लिया जो सार्वजनिक क्षेत्र में मजबूती से घर कर गई है.
पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा, "कोविड एक बहुत ही बुरी महामारी है, लेकिन इससे पहले ही हमारा समाज दो महामारियों- धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद का शिकार हो गया था. धार्मिक कट्टरता और उग्र राष्ट्रवाद के मुकाबले देशप्रेम ज्यादा सकारात्मक अवधारणा है."
फारूक अब्दुल्ला भी कार्यक्रम में थे मौजूद
किताब विमोचन के दौरान चर्चा में भाग लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "1947 में हमारे पास मौका था कि हम पाकिस्तान के साथ चले जाते, लेकिन मेरे वालिद और अन्य लोगों ने यही सोचा था कि दो राष्ट्र का सिद्धांत हमारे लिए ठीक नहीं है." उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार देश को जिस तरह से देखना चाहती है उसे वह कभी स्वीकार नहीं करने वाले हैं.(एजेंसी)
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर में बिहार चुनाव से पहले 282 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए थे. ये जानकारी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने सूचना के अधिकार के तहत दी है.
कमांडर लोकेश के बत्रा की ओर से दायर आवेदन पर बैंक ने ये जवाब दिया है. उन्होंने अक्तूबर 19 से अक्तूबर 28 के बीच किस ब्रांच से कितने इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए इसकी जानकारी मांगी थी.
बिहार में अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हुए हैं जिनमें एनडीए ने जीत हासिल की है.
सबसे ज़्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड एसबीआई की मुंबई ब्रांच में बिके. यहां 130 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए. (bbc)
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में आबादी के एक छोटे समूह में हर्ड इम्यूनिटी यानी वायरस के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता की मौजूदगी के संकेत मिले हैं.
भारत में हुए अपनी तरह के इस पहले अध्ययन में पता चला है कि पुणे में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए 85 फ़ीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिले हैं. इसका मतलब ये है कि उनके शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो गई है.
ये शोध पुणे के चार प्रभागों (जिनमें नगर निगम के तीन से चार वार्ड होते हैं) में किया गया है. यहीं जुलाई और अगस्त में हुए सर्वे में 51 फ़ीसदी आबादी में संक्रमण का पता चला था. सीरो सर्वे के तहत आबादी में संक्रमण के प्रसार का पता किया जाता है. भारत के कई शहरों में ये सर्वे किए गए हैं.
ये पहला सर्वे है जिसमें संक्रमित लोगों में वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी का पता किया गया है. शोधकर्ताओं ने ये नहीं कहा है कि शहर हर्ड इम्यूनिटी की ओर बढ़ रहा है लेकिन भारत में ये पहला मामला है जब आबादी में संक्रमण इतना ज़्यादा है कि ये कहा जा सकता है कि यहां लोगों में हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो रही है. (bbc)-
जयपुर, 21 नवंबर | संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की 2015 की टॉपर रहीं टीना डाबी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। टीना डाबी ने अपने बैच के आईएएस अतहर आमिर के साथ शादी की थी और अब इस युवा आईएएएस दंपति ने जयपुर में तलाक की अर्जी दायर की है। दोनों के बीच प्यार होने के बाद इन्होंने अप्रैल 2018 में शादी कर ली थी।
कश्मीर के रहने वाले अतहर ने भी यूपीएससी परीक्षा 2015 में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था।
टीना और अतहर दोनों राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं। दोनों ने पहले कहा था कि उन्हें आईएएएस के लिए होने वाले प्रशिक्षण के दौरान प्यार हो गया था।
उनकी शादी और इसके बाद हुई अनबन की दिल्ली से जम्मू एवं कश्मीर तक चर्चा होती रहती है, क्योंकि हिंदू महासभा ने इसे लव-जिहाद करार दिया है।
राजस्थान में तैनात दंपति ने 17 नवंबर को तलाक के लिए अर्जी दी है। उन्होंने एक नवंबर को पारिवारिक अदालत में एक आवेदन प्रस्तुत किया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 नवंबर | दिल्ली के उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी प्रबंधन नियंत्रण 2020 के नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। नए नियमों के तहत अब कोरोना के मानदंडों और सामाजिक दूरी के नियम तोड़ने पर 2000 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही मास्क न पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा आदि खाने पर भी 2000 रुपये जुर्माना देना होगा। दिल्ली सरकार के 20 नवंबर के नोटिफिकेशन में यह जानकारी दी गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं, जिसके चलते केजरीवाल सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय अपनाने का निर्णय लिया है।
दरअसल, एक दिन पहले ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में मास्क न लगाने पर 2000 रुपये जुर्माना लगाने का फैसला किया था, जिस पर अब राज्यपाल ने भी मुहर लगा दी है। अभी तक जुर्माने के तौर पर 500 रुपये वसूले जा रहे थे।
दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि क्वारंटीन नियमों का पालन नहीं करने, सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) को नहीं अपनाने और सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क नहीं पहनने पर 2 हजार जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित करने के साथ ही अब सार्वजनिक क्षेत्रों में पान, गुटका, तम्बाकू के सेवन पर भी प्रतिबंध है।
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्रों में मास्क नहीं पहनने के लिए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने के अपने इरादे को स्पष्ट कर दिया था और पहले के जुर्माने से चार गुना वृद्धि करते हुए नियम को और भी सख्त करने का फैसला किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महामारी को नियंत्रित करने के मुद्दे पर दिल्ली सचिवालय में एक सर्वदलीय बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरुवार को इसकी घोषणा की। केजरीवाल ने कहा, "मैं दिल्ली उपराज्यपाल से पहले दिन में मिला था और हमने सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं पहनने के लिए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है।"(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 21 नवंबर | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की चेतावनी के बावजूद कन्नड़ चालुवली वत्सल पक्ष सुप्रीमो वटाल नागराज के नेतृत्व में कई कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने 5 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसमें मराठा समुदाय विकास बोर्ड के गठन के राज्य सरकार के फैसले की निंदा की गई है। कम से कम एक दर्जन समर्थक कन्नड़ कार्यकर्ता, जिनमें प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और राजकुमार फैंस एसोसिएशन के प्रमुख सा.रा. गोविंदू भी शामिल हैं, उन्होंने शुक्रवार को बैठक कर सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया कि वे 5 दिसंबर को भारत बंद के साथ आगे बढ़ेंगे।
नागराज ने बैठक के बाद कहा, "हम एक बैनर के तहत आ रहे हैं - फेडरेशन ऑफ कन्नड़ एसोसिएशन - 5 दिसंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने के लिए।"
पत्रकारों से बात करते हुए, नागराज ने कहा कि कन्नड़ चालुवली वटाल पक्ष को राज्यभर में 1,000 से अधिक समर्थक कन्नड़ संगठनों का समर्थन पहले ही मिल चुका है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 नवंबर | दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में एक हनुमान मंदिर के प्रस्तावित विध्वंस से संबंधित मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, "हमें हस्तक्षेप के लिए उस आवेदन को देखने का कोई कारण नहीं है जो एक ही मुद्दे पर फिर से विचार करने और खारिज करने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है।"
इसने कहा कि हस्तक्षेप के लिए अनुरोध आप सरकार की ओर से आना चाहिए। पीठ ने कहा, "हस्तक्षेप के लिए आवेदन में किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है। आवेदन खारिज कर दिया गया है।"
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पिछले साल नवंबर में उपराज्यपाल (एलजी) की अध्यक्षता वाली एक धार्मिक समिति की सिफारिश को खारिज कर दिया था, ताकि मंदिर को अपने वर्तमान स्थल पर मौजूद रहने दिया जा सके।
यह आदेश तब पारित किया गया जब उच्च न्यायालय श्री मनोकामना सिद्ध श्रीहनुमान सेवा समिति, एक पंजीकृत सोसाइटी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो रिट याचिका में हस्तक्षेप के लिए प्रार्थना कर रही थी।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा 31 अक्टूबर को मुख्य चंदानी चौक स्थित कटरा दुलिया में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के प्रस्ताव पर आवेदक समाज नाराज था।(आईएएनएस)
कुरनूल, 20 नवंबर | आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने कुरनूल जिले में शेख अब्दुल सलाम परिवार के ट्रेन से कटकर आत्महत्या मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही। रेड्डी ने शुक्रवार को अब्दुल की सास मुबुन्निसा से मुलाकात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि उनके दामाद अब्दुल सलाम के परिवार की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार उनके परिवार को सहायता प्रदान करेगी।
रेड्डी ने एपीएसपी बटालियन गेस्ट हाउस में सलाम की सास से मुलाकात की। उन्होंने मुबुन्निसा की बेटी शजीदा को आउटसोसिर्ंग की नौकरी देने का वादा भी किया।
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को उनके दामाद शामवाली को अनंतपुर से नंद्याल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, अनंतपुर डीएम और एचओ कार्यालय ने शामवाली को नंद्याल स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए हैं।
स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल इंस्पेक्टर सोमशेखर रेड्डी और हेड कांस्टेबल गंगाधर को हाल ही में परिवार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि नंघाल के रोजकुंटा इलाके में ज्वैलरी की एक दुकान से चोरी हुई थी और इस मामले में अब्दुल को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था। पुलिस ने ऑटो चालक अब्दुल सलाम को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में वह जमानत पर छूट गया। आत्महत्या करने से पहले सलाम ने एक वीडियो बनाया, जिसमें पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
इसके बाद शेख अब्दुल सलाम (45), उनकी पत्नी नूरजहां (43), बेटे दादा खलंदर (नौ) और बेटी सलमा (14) ने कथित पुलिस उत्पीड़न के कारण मालगाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या कर ली थी।
इससे पहले गृह मंत्री मेकथोती सुचारिता ने भी कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने मुबुन्निसा के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 नवंबर | भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर झूठे आरोपों को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाकर सीएम केजरीवाल ने लोगों की आस्था को ठेंस पहुंचाई, जब उन्होंने मुद्दे को उठाया तो पार्टी के विधायक को आगे कर केजरीवाल झूठे आरोप लगा रहे हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल अपने दावे को साबित करें वरना कानूनी कार्यवाई झेलने के लिए तैयार रहें। दरअसल, आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सांसद मनोज तिवारी और पूर्व सांसद महेश गिरी पर नगर निगम के लिए ऊंचे रेट पर रिक्शा खरीदने के आरोप लगाए। जिस पर भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छठ पूजा पर बैन लगने से हो रही किरकिरी से परेशान होकर झूठे आरोपों का खेल खेला है। निगम पार्षद एवं पूर्व जोन चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल के इस झूठ के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई की पहल करेंगे।(आईएएनएस)
जिनेवा, 20 नवंबर.. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर को लेकर बड़ा कदम उठाया है. डब्ल्युएचओ ने अपनी कथित प्रीक्वालिफिकेशन लिस्ट से गिलियड की रेमडेसिविर को हटा दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के ईमेल के जवाब में तारिक जसरविच ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने बताया 'हां हमने पीक्यू से इसे हटा दिया है.' इससे पहले डब्ल्युएचो ने शुक्रवार को ही कहा था कि रेमडेसिविर का उपयोग कोविड-19 मरीजों के इलाज में नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि इससे मरीज के बचने की संभावना पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है
नई दिल्ली, 20 नवंबर | विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में शुरू हुआ किसान आंदोलन और अभी भी पंजाब में काफी हद तक सक्रिय है। इस आंदोलन के कारण 19 नवंबर तक उत्तरी रेलवे को 891 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके कारण भारतीय रेलवे को कमाई के मामले में भी 2220 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है। आईएएनएस को मिली जानकारी के अनुसार, राजस्व हानि वास्तव में 24 सितंबर से प्रभावी होने के साथ 55 दिनों में ही 825 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो यात्री ट्रेनों को रद्द करने के कारण और भी बढ़ गई है। केंद्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी विरोध के कारण रेलवे को यात्री राजस्व में 67 करोड़ रुपये सहित कुल 2,220 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए थे।
उत्तरी रेलवे को मालगाड़ियों में लदान नहीं होने के कारण प्रतिदिन 14.85 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
आंदोलन के कारण माल ढुलाई व्यापक रूप से प्रभावित हुई है। पंजाब में रोजाना करीब 30 रैक माल आता है और करीब 40 रैक माल बाहर जाता है। आंदोलन के कारण परिवहन प्रभावित हुआ और रेलवे को नुकसान उठाना पड़ा।
आंदोलन के कारण मालगाड़ियों के 3850 रैक पर लदान नहीं हो सकी।
आंदोलन के कारण पंजाब के बाहर 230 रैक फंसे रहे। इनमें से 78 रैक कोयला, 34 रैक खाद, आठ रैक सीमेंट, आठ रैक पेट्रोलियम पदार्थो तथा 102 रैक कंटेनर, स्टील एवं अन्य सामग्री के हैं।
इसके साथ ही आंदोलन के मद्देनजर, 2352 यात्री ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनका मार्ग परिवर्तन करना पड़ा। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 20 नवंबर | पाकिस्तान सरकार की ओर से इलेक्ट्रॉनिक अपराधों की रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) 2016 के तहत नए नियमों की घोषणा करते हुए, गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री (प्रक्रिया की निगरानी और सुरक्षा) नियम 2020 को हटाने और अवरुद्ध करने के फैसले के साथ इंटरनेट के उपयोग पर अधिक प्रतिबंध लगाए हैं। इस बीच एक तकनीकी संघ (टेक कंसोर्टियम) ने पाकिस्तान से अपनी सेवाओं की संभावित वापसी के संकेत दिए हैं।
फेसबुक, गूगल, ट्विटर और याहू सहित विभिन्न कंपनियों के अंतर्राष्ट्रीय टेक कंसोर्टियम द एशिया इंटरनेट संघ (एआईसी) ने ऑनलाइन सामग्री के लिए पाकिस्तान सरकार के नवीनतम नियमों पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया है।
एआईसी के बयान में कहा गया है, "नए नियमों के दायरे से एआईसी चिंतित है, जो इंटरनेट कंपनियों, साथ ही सेवा प्रदाताओं और ऐसे व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को लक्षित करते हैं, जो अपमानजनक सामग्री पोस्ट या साझा कर सकते हैं।"
एआईसी ने इस बात पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और इसे सरकार की अपारदर्शी प्रक्रिया करार दिया है, जिसके माध्यम से इन नियमों को विकसित किया गया है।
एआईसी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्टेकहोल्डर परामर्श प्रक्रिया, जिसके लिए फरवरी में पाकिस्तान सरकार ने वादा किया था, वह अभी तक सिरे नहीं चढ़ सकी है।
एआईसी के बयान में कहा गया है कि इस फैसले से लोगों को फ्री और खुले इंटरनेट का उपयोग करने से वंचित किया जा रहा है और दुनिया के बाकी हिस्सों से पाकिस्तान की डिजिटल अर्थव्यवस्था ठप पड़ जाएगी।
बता दें कि पाकिस्तान के सूचना तकनीक मंत्रालय ने रिमूवल एंड ब्लॉकिंग ऑफ अनलाफुल ऑनलाइन कंटेंट रूल्स 2020 जारी किया है। यह नियमावली पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम 2016 के अंतर्गत है। नए नियम सभी इंटरनेट सर्विस प्रदाता कंपनियों और इंटरनेट मीडिया कंपनियों पर लागू होंगे। इस नियम के अनुसार सभी कंपनियों को नौ महीने के भीतर पाकिस्तान में अपने पंजीकृत कार्यालय स्थापित करने होंगे।
नई नियमावली के अनुसार, कंपनियों को पाकिस्तान में एक जिम्मेदार अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी, जिससे जरूरत पड़ने पर उसे तलब किया जा सकेगा और गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकेगा। इंटरनेट मीडिया का कार्यालय और अधिकारी आतंकवाद, अतिवाद, घृणास्पद बयान, अश्लील सामग्री, हिंसा को बढ़ावा देने वाले तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली सामग्री के लिए जिम्मेदार होंगे।
इमरान खान को लिखे गए पत्र के बारे में याद दिलाते हुए, एआईसी ने दोहराया, "अगर पाकिस्तान वास्तव में प्रौद्योगिकी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनना चाहता है और डिजिटल परिवर्तन के अपने लक्ष्य को महसूस करता है, तो उसे व्यावहारिक, स्पष्ट नियमों पर उद्योग को वापस खींचने और काम करने की आवश्यकता है, जो इंटरनेट के लाभों की रक्षा करता है और लोगों को नुकसान से सुरक्षित रखता है।"(आईएएनएस)
छपरा, 20 नवंबर| बिहार के सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र में शुक्रवार की शाम लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की संध्या पर अघ्र्य के दौरान एक छठ घाट पर हर्ष फायरिंग की घटना में पांच लोग घायल हो गए। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में छठ घाट पर सभी व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के कार्यक्रम में व्यस्त थे, तभी एक युवक ने अति उत्साह में अवैध हथियार से गोलीबारी प्रारंभ कर दी। इसी दौरान एक गोली मिस कर गई और और पांच लोगों को जा लगी।
इस घटना के बाद घाट पर अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मांझी के थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो से गोली चलाने वाले की पहचान कर ली गई है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। (आईएएनएस)
राहुल कुमार
नई दिल्ली, 20 नवंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारत-लग्जमबर्ग द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने लग्जमबर्ग के अपने समकक्ष जेवियर बेट्टेल के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर बातचीत की।
भारत और लक्जमबर्ग के बीच दो दशकों में पहली बार गुरुवार को शिखर बैठक आयोजित किया गया था। दोनों प्रधानमंत्रियों ने वित्तीय क्षेत्र, डिजिटल डोमेन, ग्रीन फाइनैंसिंग और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में संबंधों को सुधारने का निर्णय लिया। उन्होंने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न वैश्विक स्थिति का भी जायजा लिया।
बमुश्किल एक पखवाड़े पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र से बाहर यूरोप की पहली यात्रा की थी। उन्होंने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन का एक सप्ताह का दौरा किया था। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों के बाद, यह स्पष्ट है कि भारत यूरोप को एक नए रूप में देख रहा है।
कम्युनिस्ट राष्ट्र चीन की भू-राजनीति विश्व स्तर पर एक आंख खोलने वाली रही है। चीन की विस्तारवादी नीति और चालबाजी से पश्चिम के उदार लोकतांत्रिक देश भी बखूबी वाकिफ हैं। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ भारत के संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव पर बने हैं।
यूरोप के लोग भी भारत की पहल पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) भारत को रणनीतिक चिंताओं और आर्थिक संबंधों के लिए चीन की तुलना में अधिक उपयुक्त विकल्प के रूप में देख रहा है। भारत को पर्याप्त व्यापार संबंध प्राप्त हैं और उसका यूरोपीय संघ के साथ बड़ा निवेश प्रवाह (इनवेस्टमेंट फ्लो) है। इसके अलावा, भारत और कई यूरोपीय देश आम हित के विभिन्न मुद्दों पर बहुपक्षीय प्लेटफार्मों पर निकटता से काम करते हैं।
श्रृंगला ने अपनी यूरोप यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा और रक्षा साझेदारी पर चर्चा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंध और रणनीति (डीजीआरआईएस) पर फ्रांस के महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल) एलिस गुइटन के साथ मुलाकात की। फ्रांस भारत को राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति कर रहा है और अपनी नवीनतम पनडुब्बियों को डिजाइन करने में भी मदद कर रहा है। दोनों देशों ने आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिग, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और नवाचार के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य के कारण, कई यूरोपीय देशों ने अपने राजनीतिक दृष्टिकोण पर फिर से काम किया है और एशियाई देशों, विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लोगों के साथ तालमेल के साथ उत्सुकता दिखाई है।
वहीं जर्मनी ने इस साल सितंबर में भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी नई नीति दिशानिर्देश जारी किए, जो चीन के अलावा अन्य एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर देता है।
जैसे ही जर्मनी चीन केंद्रित नीति से हटता है, उसके भारत के करीब आने की संभावना निश्चित तौर पर बढ़ जाती है। श्रृंगला ने विदेश राज्य मंत्री और थिंक टैंक नील्स एनेन के साथ मुलाकात की। भारत ने जर्मनी को यह याद दिलाने के अवसर को भुनाया कि वह कैसे एक विश्वसनीय और रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत-प्रशांत की पूर्व दृष्टि में फिट बैठता है।
जर्मनी की रक्षा मंत्री एनेग्रेट क्रैम्प-कर्रनबाउर ने हाल ही में कहा है कि उनका देश अगले साल हिंद महासागर व्यापार मार्गो पर गश्त के लिए अपनी नौसेना भेजना चाहेगा। वह ऑस्ट्रेलियाई रणनीतिक नीति संस्थान (एएसपीआई) और कोनराड एडेनॉयर फाउंडेशन (केएएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं, जहां उन्होंने कहा कि जर्मनी ऑस्ट्रेलिया के साथ निकट रक्षा सहयोग भी करना चाहता है।
इसके अलावा श्रृंगला ने लंदन में ब्रिटिश सरकार से यूरोपीय देशों के अनुरूप इंडो-पैसिफिक की अपनी रणनीति के साथ आने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा, "हम चाहेंगे कि ब्रिटेन एक बड़े निवेशक और इनोवेशन पार्टनर के रूप में सामने आए।"
उन्होंने इंडो-पैसिफिक की नई-प्रासंगिक प्रासंगिकता के बारे में भी स्पष्ट रूप से संकेत दिया। (आईएएनएस)
(यह कंटेंट इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत उपलब्ध)
मुंबई, 20 नवंबर| गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए महाराष्ट्र के टेक्सटाइल मंत्री असलम शेख ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में 'पान की दुकान' बन गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शेख ने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "भाजपा शासन मेंसीबीआई 'पान पत्ती की दुकान' बन गई है, खासतौर से गैर-भाजपा शासित राज्यों में ये कहीं भी चले जाते हैं और किसी को भी गिरफ्तार कर लेते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई को अनिवार्य रूप से अपने अधिकार क्षेत्र में जांच से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने मंगलवार को अपने निर्णय में कहा था कि सीबीआई राज्य सरकार की सहमति के बिना किसी मामले में जांच शुरू नहीं कर सकती और केंद्र सरकार राज्य की सहमति के बगैर जांच एजेंसी के क्षेत्राधिकार का दायरा बढ़ाकर राज्य के मामलों में लागू नहीं कर सकता। (आईएएनएस)
चेन्नई, 20 नवंबर | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शुक्रवार को नागपट्टनम जिले में स्थित श्री राजगोपालस्वामी मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की प्राचीन मूर्तियों को सौंपा। 23 नवंबर, 1978 को मंदिर से चोरी हुईं मूर्तियां लगभग 42 साल बाद अपने मूल निवास में वापस लौटीं।
बाद में लंदन में इन मूर्तियों के होने का पता लगा, जिन्हें वहां भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया गया।
लंदन से मूर्तियों को नई दिल्ली के भारतीय पुरातत्व सोसायटी को भेजा गया और फिर वहां से मंदिर में वापस लाया गया।
पलानीस्वामी ने इस मौके पर पुलिस अधिकारियों द्वारा चुराई गई मूर्तियों को बरामद करने के प्रयासों की भी सराहना की।(आईएएनएस)
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 20 नवंबर | फाइजर कंपनी ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अमेरिकी नियामकों से अपनी कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति देने के अनुरोध के साथ आगे बढ़ रही है।
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर ने हाल ही में दावा किया है कि जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर विकसित की गई उनकी कोरोनावायरस वैक्सीन फाइनल क्लीनिकल ट्रायल में 95 फीसदी असरदार पाई गई है। फाइजर ने यह दावा भी किया कि उसकी कोरोना वैक्सीन सुरक्षा मानकों पर भी पूरी तरह खरी उतरी है।
फाइजर का एक्शन दिसंबर के अंत तक सबसे कमजोर अमेरिकियों को वैक्सीन देने की दिशा में पहला कदम हो सकता है।
फाइजर और एक अन्य अमेरिकी कंपनी, मॉडर्ना, ने पिछले नौ महीनों से कोरोना के स्थायी इलाज के लिए वैक्सीन बनाने की चल रही दौड़ में गति के मामले में सभी वैक्सीन निमार्ताओं के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
अमेरिकी नियामक से अनुमोदन प्रक्रिया के साथ ही देश के सभी 50 राज्यों में कोरोना के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं।
फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोउर्ला ने एक बयान में सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
फाइजर और बायोएनटेक ने 2020 में कुल पांच करोड़ वैक्सीन खुराक और 2021 तक 1.3 अरब खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद जताई है। अमेरिकी नियामकों को उम्मीद है कि दिसंबर के अंत में वितरण के लिए मॉडर्ना और फाइजर प्रत्येक से दो करोड़ वैक्सीन की खुराक उपलब्ध हो जाएगी।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 नवंबर| बिहार विधानसभा चुनाव और विभिन्न विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी की कार्यप्रणाली पर उसके ही वरिष्ठ नेताओं की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। कपिल सिब्बल के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी सवाल उठाए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में भारी जीत के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबधंन (राजग) ने एक बार फिर जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बना ली है। इस चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर जनता का विश्वास जीत खुद को और मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है, तो वहीं राजनीति के बदलते परिदृश्य में कांग्रेस अपनी जमीन खोती नजर आ रही है। ऐसे में अब कांग्रेस में नेतृत्व और संगठन की कमजोरी को लेकर सवाल खड़े करने वाले पार्टी के नेताओं की संख्या बढ़ने लगी है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पार्टी के संगठन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी महागठबंधन बिहार में बुरी तरह हार गया। उनका यह बयान पार्टी में आंतरिक दरार के मद्देनजर सामने आ रहा है।
चिदंबरम ने कहा, "जैसे कि मैंने राजग से हारने वाले महागठबंधन को 0.03 प्रतिशत के अंतर से हराने की ओर इशारा किया है। अगर गठबंधन ने आठ और सीटें जीती होती, तो परिणाम 118 से 117 हो जाता (बजाय 110 से 125)। हम और वीआईपी ने आठ सीटें जीतीं।"
इससे पहले, चिदंबरम ने जमीन पर पार्टी की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई थी और इसकी कमजोर संगठनात्मक संरचना की ओर इशारा किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी को सीटों के बंटवारे में केवल जीतने वाली सीटों को चुनना चाहिए, भले ही इनकी संख्या कम हो।
लेकिन शुक्रवार को चिदंबरम ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में राजग में गिरावट है। उन्होंने कहा कि 2019 में और बाद के विधानसभा चुनावों और उपचुनावों में भाजपा ने केवल 218 सेगमेंट जीते हैं, इसके विपरीत, 2019 में बीजेपी ने 392 सेगमेंट जीते हैं।
कई नेताओं की ओर से खुलकर कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद पार्टी आंतरिक कलह का सामना कर रही है।
मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अहमद पटेल, अंबिका सोनी, रणदीप सुरजेवाला, के. सी. वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक ने बिहार के नतीजों के साथ-साथ उपचुनावों पर भी चर्चा की।
सूत्रों का कहना है कि बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और गुजरात प्रभारी राजीव सातव ने पद छोड़ने की पेशकश की, हालांकि सोनिया गांधी ने स्थिति का जायजा लेने तक उन्हें रोक कर रखा है।
सिब्बल ने भी बिहार चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के लिए कांग्रेस के नेतृत्व की आलोचना की थी। सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है। उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं।
कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिंताओं को उठाने के लिए कोई मंच नहीं है, इसलिए उन्हें सार्वजनिक तौर पर ऐसा कहना पड़ रहा है। (आईएएनएस)
बीबीसी संवाददाता सलमान रावी को ब्रिटेन के 'एशियन मीडिया अवॉर्ड्स' ने लॉकडाउन के दौरान उनकी एक रिपोर्ट के लिए सम्मानित किया है.
इस संस्थान ने सलमान रावी को मई 2020 में किए उनके एक फ़ेसबुक लाइव के लिए सम्मानित किया है.
उस फ़ेसबुक लाइव में सलमान ने दिल्ली के रास्ते अपने-अपने गाँवों को लौट रहे दिहाड़ी मज़दूरों से बात की थी.
लाइव के दौरान ही उनकी मुलाक़ात परिवार के साथ सफ़र कर रहे एक मज़दूर से हुई जो हरियाणा के अंबाला से पैदल चलकर दिल्ली पहुँचा था और आगे मध्य प्रदेश में अपने गाँव तक जाना चाहता था.
बीबीसी हिन्दी के इस फ़ेसबुक लाइव में उस मज़दूर ने कहा था कि 'गर्मी में पैदल चलते-चलते उनकी चप्पलें टूट गईं, पर उन्हें कैसे भी अपने घर पहुँचना होगा.'
'वो पत्रकार के तौर पर मुश्किल वक़्त था'
संस्थान ने कहा है कि "बीबीसी संवाददाता सलमान रावी ने जिस सहज भाव से, बिना कुछ सोचे समझे उस मज़दूर की मदद की, वह उनके स्वाभाविक दया भाव और अनुग्रह को दर्शाता है. साथ ही, लॉकडाउन के दौरान भारतीय श्रमिकों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ा, उनकी रिपोर्ट यह भी दिखाती है."
बीबीसी हिन्दी का यह लाइव वीडियो ना सिर्फ़ बीबीसी के प्लेटफ़ॉर्म्स पर, बल्कि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी लाखों बार देखा गया है. वीडियो जर्नलिस्ट पीयूष नागपाल ने सलमान रावी की इस रिपोर्ट को अपने कैमरे में शूट किया था.
सलमान रावी बीबीसी हिन्दी सेवा के संवाददाता हैं. क़रीब 30 वर्ष से वे पत्रकारिता के पेशे में हैं और प्रसारण के सभी माध्यमों- रेडियो, टीवी और ऑनलाइन के लिए काम कर चुके हैं.
एशियन मीडिया अवॉर्ड्स से बात करते हुए सलमान रावी ने कहा, "एक पत्रकार के तौर पर, वो बहुत ही मुश्किल समय था. लाइव शो के दौरान मैं उस मज़दूर को पैसे नहीं दे सकता था. कम से कम जो मैं कर सकता था, वो था उस बिलखते-लाचार पिता को अपने जूते ऑफ़र करना जिनकी गोद में एक बच्चा था, उनकी पूरी गृहस्थी एक गठरी में बंधी हुई थी और उसी हालत में उन्हें पैदल क़रीब 200 किलोमीटर का सफ़र और तय करना था. ऐसे में एक इंसान के तौर पर, इतना तो किया ही जा सकता था."
इस वर्ष का 'एशियन मीडिया अवॉर्ड' समारोह गुरुवार, 19 नवंबर को डिजिटल रूप से करवाया गया.
एशियन मीडिया अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पत्रकारों में कृष्णन गुरु मूर्ति, वारिस हुसैन, मेहदी हसन, नीना वाडिया, अनिता रानी, शोभना गुलाटी और फ़ैसल इस्लाम शामिल हैं. (bbc.com)
चंडीगढ़, 20 नवंबर | छात्रों के बीच कोरोनोवायरस मामलों में अचानक आई तेजी के साथ, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 30 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया है। हरियाणा के स्कूलों में छात्रों की कोरोना की जांच की गई, जिसमें 300 से अधिक छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए थे। नौवमीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए 2 नवंबर को स्कूलों को फिर से खोल दिया गया था। (आईएएनएस)
पणजी, 20 नवंबर | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल की ओर से साल 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार करने के दो सप्ताह बाद, राकांपा नेता नरेंद्र वर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी तटीय राज्य में धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ 'सम्मानजनक सीट-साझाकरण' व्यवस्था तलाश रही है। वर्मा ने पणजी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अगर कांग्रेस के साथ सम्मानजनक सीट बंटवारा होता है तो हम चुनाव लड़ना चाहेंगे। हम नहीं चाहते कि धर्मनिरपेक्ष वोट बंटें।"
वर्मा गोवा में पार्टी मामलों के लिए नए नियुक्त पर्यवेक्षक हैं।
पटेल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सभी 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है।
वर्मा ने कहा कि भारतीय राजनीति में समय बदल गया है और अब मुख्य राजनीतिक लड़ाई कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच नहीं है।
राकांपा नेता ने कहा, "बिहार विधानसभा चुनाव में जो हुआ है, उसे देखें। अब वे दिन चले गए हैं, जब केवल कांग्रेस या भाजपा ही होती थी।"
राकांपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी में समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेने के लिए हमेशा मार्ग खुले हुए हैं। बता दें कि गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में राकांपा का एक ही विधायक है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 नवंबर | बिहार विधानसभा चुनाव और विभिन्न विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी की कार्यप्रणाली पर उसके ही वरिष्ठ नेताओं की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। कपिल सिब्बल के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी सवाल उठाए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में भारी जीत के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबधंन (राजग) ने एक बार फिर जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बना ली है। इस चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर जनता का विश्वास जीत खुद को और मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है, तो वहीं राजनीति के बदलते परिदृश्य में कांग्रेस अपनी जमीन खोती नजर आ रही है। ऐसे में अब कांग्रेस में नेतृत्व और संगठन की कमजोरी को लेकर सवाल खड़े करने वाले पार्टी के नेताओं की संख्या बढ़ने लगी है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पार्टी के संगठन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी महागठबंधन बिहार में बुरी तरह हार गया। उनका यह बयान पार्टी में आंतरिक दरार के मद्देनजर सामने आ रहा है।
चिदंबरम ने कहा, "जैसे कि मैंने राजग से हारने वाले महागठबंधन को 0.03 प्रतिशत के अंतर से हराने की ओर इशारा किया है। अगर गठबंधन ने आठ और सीटें जीती होती, तो परिणाम 118 से 117 हो जाता (बजाय 110 से 125)। हम और वीआईपी ने आठ सीटें जीतीं।"
इससे पहले, चिदंबरम ने जमीन पर पार्टी की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई थी और इसकी कमजोर संगठनात्मक संरचना की ओर इशारा किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी को सीटों के बंटवारे में केवल जीतने वाली सीटों को चुनना चाहिए, भले ही इनकी संख्या कम हो।
लेकिन शुक्रवार को चिदंबरम ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में राजग में गिरावट है। उन्होंने कहा कि 2019 में और बाद के विधानसभा चुनावों और उपचुनावों में भाजपा ने केवल 218 सेगमेंट जीते हैं, इसके विपरीत, 2019 में बीजेपी ने 392 सेगमेंट जीते हैं।
कई नेताओं की ओर से खुलकर कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद पार्टी आंतरिक कलह का सामना कर रही है।
मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अहमद पटेल, अंबिका सोनी, रणदीप सुरजेवाला, के. सी. वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक ने बिहार के नतीजों के साथ-साथ उपचुनावों पर भी चर्चा की।
सूत्रों का कहना है कि बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और गुजरात प्रभारी राजीव सातव ने पद छोड़ने की पेशकश की, हालांकि सोनिया गांधी ने स्थिति का जायजा लेने तक उन्हें रोक कर रखा है।
सिब्बल ने भी बिहार चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के लिए कांग्रेस के नेतृत्व की आलोचना की थी। सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है। उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं। कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिंताओं को उठाने के लिए कोई मंच नहीं है, इसलिए उन्हें सार्वजनिक तौर पर ऐसा कहना पड़ रहा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 नवम्बर : कांग्रेस के पतन के बारे में कपिल सिब्बल की टिप्पणी के बाद जब वरिष्ठ नेताओं के बीच अनबन और विभाजन की एक और लड़ाई छिड़ गई, पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी मामलों और अर्थव्यवस्था से संबंधित मामलों पर उन्हें सूचित रखने के लिए गठित प्रत्येक तीन समितियों में 'असंतुष्ट कैंप' के सदस्यों को शामिल किया है.
शुक्रवार की दोपहर सोनिया गांधी के गोवा रवाना होने से पहले इन नामों की घोषणा की गई. कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए गोवा रवाना हुई हैं.
इन नियुक्तियों को आलोचकों (पार्टी के भीतर और बाहर दोनों) को शांत करने और आगे किसी भी सार्वजनिक शर्मिंदगी को दूर करने के लिए उठाए गए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है जैसे कि श्री सिब्बल द्वारा इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए साक्षात्कार या गांधी परिवार के नियंत्रण को चुनौती देने वाले 23 नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित पत्र.
आर्थिक मामलों की समिति में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम शामिल हैं. दूसरी समिति जो कि विदेशी मामलों की है इसमें आनंद शर्मा और शशि थरूर दोनों के नाम हैं, और गुलाम नबी आजाद और वीरप्पा मोइली को तीसरे समिति में रखा गया है जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बनाई गई है.
महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम को शुरू में असहमित व्यक्त करने वाले नेताओं के कैंप में नहीं रखा गया था, लेकिन सिब्बल के समर्थन के बाद उन्हें वहां स्थानांतरित कर दिया गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बिहार चुनाव और गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में अपने प्रदर्शन के मद्देनजर पार्टी की जमीनी संगठनात्मक उपस्थिति की आलोचना की. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तीनों समितियों के सदस्य हैं.
नेतृत्व की कथित कमी और निराशाजनक चुनावी नतीजों ने मंगलवार को आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए. पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने आरसीईपी (क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी) से दूर रहने के फैसले की आलोचना की, जो कि चीन द्वारा प्रचारित एक मुक्त व्यापार सौदा. भारत की संभावित सदस्यता को लाल झंडी दिखाने वाली कांग्रेस पहले थी. नरेंद्र मोदी सरकार ने बाद में छोटे निर्माताओं पर इसके प्रभाव पर चिंताओं का हवाला देते हुए सौदा छोड़ दिया.
पणजी, 20 नवंबर| दिल्ली में गंभीर प्रदूषण से बचने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को गोवा पहुंची। उनके साथ राहुल गांधी भी हैं। डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली से बाहर जाने की सलाह दी थी। डाबोलिम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी दक्षिण गोवा स्थित रिसॉर्ट के लिए रवाना हो गए जहां वो कुछ दिनों तक रहेंगे।
सोनिया गांधी 2 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल से छुट्टी के बाद से मेडिकेशन पर हैं। डॉक्टर उनके सीने में लगातार संक्रमण से चिंतित हैं।
दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 305 था, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। (आईएएनएस)