राष्ट्रीय
कोलकाता, 30 नवंबर | ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पश्चिम बंगाल सरकार 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अपने कार्यक्रमों के लिए कमर कस रही है। ममता सरकार का 'डोर-टू-डोर सरकार' शीर्षक वाला यह कार्यक्रम एक दिसंबर से शुरू होगा, जिसमें राज्य प्रशासन की ओर से बंगाल भर में चल रही 10 विभिन्न प्रदेश स्तर की सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया जाएगा।
बांकुरा में पिछले हफ्ते एक प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा किए जाने के बाद इस पहल पर काम शुरू हुआ था। कार्यक्रम के तहत जिन योजनाओं को प्रमुख तौर पर लोगों के सामने रखा जाएगा, उनमें कोन्याश्री, कद द्योष्ठी (खाद्य योजना), सस्थोष्ठी (स्वास्थ्य योजना), 100 दिन का काम, शिक्खा श्री (शिक्षा योजना) आदि योजनाएं शामिल हैं।
राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, यह अभियान एक दिसंबर से 30 जनवरी तक चार चरणों में सभी जिलों में सभी नगरपालिका एवं पंचायत क्षेत्रों में जारी रहेगा। राज्य सरकार के विभिन्न विभाग उन योजनाओं की शिकायतों और कार्यान्वयन की स्थिति को सुनने के लिए शिविर आयोजित करेंगे।
जिला मजिस्ट्रेट अपने-अपने जिलों में 'डोर-टू-डोर सरकार' अभियान का नेतृत्व करेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि ये शिविर विभिन्न स्कूलों, कॉलेज परिसरों, सामुदायिक हॉलों और पंचायत कार्यालयों में लगाए जाएंगे, ताकि राज्यभर में ऐसी सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सकें।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, राज्य सरकार आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए ये कार्यक्रम शुरू कर रही है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर| संसद से शुरू हुआ केंद्र सरकार के कृषि सुधारों का विरोध अब सड़कों पर उतर आया है। सरकार का दावा है कि नये कानून से कृषि उत्पादों के लिए 'एक राष्ट्र, एक बाजार' का सपना साकार हुआ है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नये कृषि कानून से किसानों की फसलों के लिए देश में दो बाजार बन गए हैं। केंद्र सरकार कहती है कि नये कानून से किसानों को देश में कहीं भी अपने उत्पाद बेचने की आजादी मिली है, जबकि नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों की मानें तो पहले भी एक राज्य से दूसरे राज्य में कृषि उत्पाद ले जाने के लिए किसानों पर कोई प्रतिबंध नहीं था।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020 के प्रावधानों के अनुसार, किसान एक राज्य के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्यों में कहीं भी एपीएमसी कानून द्वारा संचालित मंडियों के बाहर अपने उत्पाद बेच सकते हैं और इस प्रकार के व्यापार पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, जबकि राज्यों के एपीएमसी कानून के तहत संचालित मंडियों में मंडी शुल्क होता है।
सरकार का कहना है कि इस कानून से किसानों को देश में कहीं भी अपने उत्पाद बेचने की आजादी मिली है और कृषि उत्पादों के लिए पूरा देश एक बाजार बन गया है।
वहीं, किसानों का कहना है कि नये कृषि कानून के बाद देश में दो तरह का बाजार बन गया है, एक तो एपीएमसी द्वारा संचालित मंडियां हैं तो दूसरी ओर नये कानून में जो ट्रेड एरिया का प्रावधान किया गया है। एक किसान नेता ने कहा कि, "एपीएमसी में लाइसेंस धारक आढ़ती व कारोबारी होते हैं, जबकि ट्रेड एरिया में व्यापार के लिए कारोबारियों के पास सरकार द्वारा जारी कोई पहचान पत्र व पैन कार्ड होना चाहिए। इस प्रकार दोनों बाजार के नियम भी अगल-अलग हैं।"
नये कानून के तहत किसानों को देश में कहीं भी कृषि उत्पाद बेचने की आजादी दिलाने के सरकार के दावे पर किसानों का कहना है कि पहले भी देश के किसान अनाज, फल और सब्जियां दूसरे राज्य में जाकर बेचते थे और आज भी बेच रहे हैं।
किसानों के इन सवालों को कारोबारी भी सही ठहराते हैं। मध्यप्रदेश में सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा कि, "मध्यप्रदेश का अनाज व अन्य कृषि उत्पाद पहले भी देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य राज्यों में बिकता था और किसानों पर कृषि उत्पाद देश में कहीं भी ले जाने को लेकर कोई रोक नहीं थी।
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आए किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का यह प्रदर्शन 26 नवंबर से जारी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | केंद्र द्वारा पारित तीन किसान कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। गुरुग्राम के दो चिकित्सक किसानों की दुर्दशा को देखकर इस कदर प्रभावित हुए कि वे खुद सिंघु बॉर्डर पर आ गए। डॉ. सारिका वर्मा और डॉ. करण जुनेजा गुरुग्राम के दो सर्जन हैं, जिन्होंने किसानों को सभी तरह की सहायता पहुंचाने के लिए दो मेडिकल कैम्प लगाए हैं, जहां दवाई से लेकर उपचार तक की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
ये दोनों चिकित्सक प्रदर्शकारी किसानों के बीच मास्क का भी वितरण कर रहे हैं और उनसे सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन करने की अपील कर रहे हैं।
आईएएनएस संग बात करते हुए डॉ. सारिका वर्मा ने कहा, "हम यहां सुबह से हैं और अब तक बीस से अधिक मरीजों की ड्रेसिंग और 400 मरीजों की जांच कर चुके हैं। हम किसानों की हालत देखकर इस कदर हैरान और परेशान हुए कि हमने यहां मुफ्त में चिकित्सा शिविर लगाने का फैसला किया।"
डॉ. जुनेजा ने केंद्र से सभी किसानों के लिए कोविड टेस्ट की व्यवस्था कराए जाने की अपील की है। उन्होंने कहा, "हमें यहां कोविड टेस्ट की व्यवस्था करनी चाहिए। अगर यहां संक्रमण के फैलने की संभावना है, तो यह बीमारी कई और लोगों तक फैलेगी, जो काफी घातक होगा।" (आईएएनएस)
बेंगलुरू, 30 नवंबर | कर्नाटक प्रदेश चुनाव आयोग ने सोमवार को ग्राम पंचायत के चुनाव के लिए तिथि की घोषणा कर दी। राज्य में ये चुनाव 22 दिसंबर और 27 दिसंबर को होंगे और मतों की गिनती 30 दिसंबर को होगी। कर्नाटक उच्च न्यायालय से दो हफ्ता पहले हरी झंडी मिलने के बाद, केएसईसी ने इन तिथियों की घोषणा की।
हाईकोर्ट ने अपने नवीनतम फैसले में केएसईसी के लिए 12 नवंबर की समयसीमा तय की थी। साथ ही कहा था कि केएसईसी को फैसले के तीन सप्ताह के अंदर चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा करनी होगी।
केएसईसी ने जून में कोरोना महामारी के चलते ग्राम पंचायत के चुनाव टाल दिए थे और इसके परिणामस्वरूप 6004 ग्राम पंचायतों में से 5800 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। (आईएएनएस)
जयपुर, 30 नवंबर | राजस्थान के रासमंद से भाजपा की विधायक किरण माहेश्वरी का हरियाणा के गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर पार्टी नेता सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। किरण 59 वर्ष की थीं। राजस्थान की भाजपा नेता व तीन बार विधायक रह चुकीं किरण का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था और एक पखवाड़े से उनका इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा था। रविवार देर रात उनका निधन हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा नेता वसुंधरा राजे, जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह चौहान, और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई प्रमुख व्यक्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया।
मोदी ने लिखा, "किरण माहेश्वरी जी के असामयिक निधन से दुख हुआ। राजस्थान सरकार में सांसद, विधायक या कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने राज्य की प्रगति की दिशा में काम करने और हाशिए पर रहे लोगों सहित गरीबों के लिए कई कार्य किए। उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।"
गहलोत ने लिखा, "भाजपा नेता और राजसमंद की विधायक किरण माहेश्वरी जी के असामयिक निधन के बारे में पता चला। इस अत्यंत कठिन समय में उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। भगवान उन्हें यह नुकसान सहने की शक्ति दे। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने कहा, "मैं किरण के साथ करीबी रूप से जुड़ी हुई थी। उन्होंने भाजपा को मजबूत किया और जीवनभर सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता की भूमिका निभाई। उनकी मृत्यु के कारण संगठन में आई शून्यता को भरना आसान नहीं होगा। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह हमेशा हमारी यादों में जिंदा रहेंगी।"
शेखावत ने कहा, "राजस्थान सरकार में एक पूर्व मंत्री, वरिष्ठ सांसद, विधायक और पार्टी की एक समर्पित कार्यकर्ता, मेरी बड़ी बहन किरण माहेश्वरी के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। उनका जाना न सिर्फ संगठन के लिए बड़ी क्षति है, बल्कि मेरे लिए भी है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे।"
बेनीवाल ने भी ट्विटर पर अपनी संवेदना व्यक्त की। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वरिष्ठ नेताओं के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। शाह के आवास पर सोमवार सुबह शुरू हुई बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता भी मौजूद रहे।
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक केंद्र सरकार द्वारा किसानों को उनके विरोध को समाप्त करने और राजी करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए की गई है। बैठक उन कदमों के बारे में फैसला करने के लिए हुई, जिनसे विवादास्पद मुद्दों को चर्चा के माध्यम से हल किया सके।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सरकार किसी भी समय किसानों को बातचीत के लिए निमंत्रण भेज सकती है।
इस बैठक से एक दिन पहले ही किसानों ने बुराड़ी के मैदान में जाने से मना कर दिया था। सरकार ने कहा था कि वह बातचीत के लिए तैयार है, मगर साथ ही किसानों से अपील भी की थी कि वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बुराड़ी मैदान चले जाएं।
बैठक से दो दिन पहले ही गृह मंत्री ने यह घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, "अगर किसान यूनियन तीन दिसंबर से पहले चर्चा करना चाहते हैं, तो मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जैसे ही आप अपना विरोध निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित करेंगे तो अगले ही दिन आपकी चिंताओं को दूर करने के लिए हमारी सरकार आपके साथ बातचीत करेगी।"
सोमवार को पांचवें दिन भी किसानों का विरोध जारी रहा। कुछ किसान नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार उनके विरोध पर अपना रुख नरम कर सकती है।
पिछले पांच दिनों के दौरान किसानों और केंद्र सरकार ने अपने भविष्य के कार्यो को तय करने के लिए कई बैठकें आयोजित की हैं। लेकिन वे अब तक इस मुद्दे पर बातचीत के लिए आगे नहीं आए हैं।
शाह के आश्वासन के बाद यह पता चला है कि कुछ किसान नेता भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और अगर केंद्र सरकार बिना शर्त बात करने के लिए तैयार हो जाती है तो वे केंद्र से चर्चा के लिए तैयार हो जाएंगे।
इस बीच हरियाणा के रास्ते दिल्ली आने वाले प्रमुख मार्गो पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली-चंडीगढ़, टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली-रोहतक और गाजीपुर की सीमा पर दिल्ली-गाजियाबाद मार्ग पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं। भारी पुलिस उपस्थिति के बीच उन्हें अपने वर्तमान स्थानों पर रैली करने की अनुमति दी गई है।
किसान सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
कुल 31 किसान यूनियनों के प्रमुख ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। दिल्ली चलो के नारे के साथ निकले किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी का रुख किया था। इनमें अधिकतर किसान पंजाब से हैं, जबकि कुछ किसान हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भी हैं। पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को हरियाणा-दिल्ली की सीमा पर ही रोक दिया था। (आईएएनएस)
लखनऊ, 30 नवंबर | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 28 दिसंबर को राज्य के 60 हजार गांवों में पार्टी का झंडा फहराकर कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाने के लिए कहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत के अनुसार, "पार्टी की राज्य कार्यकारिणी, जिला, शहर समितियां, ब्लॉक स्तर निकाय और न्याय पंचायतें गठित की गई हैं और कांग्रेस नेतृत्व अब राज्य की 60 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय समितियों का गठन कर रहा है। प्रियंका गांधी चाहती हैं कि राज्य के हर शहर और गांव में पार्टी का झंडा फहरे।"
सूत्रों ने कहा कि प्रियंका के सहयोगी, संदीप सिंह, लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी के विस्तार के लिए कैडर को प्रेरित करने और राज्यभर में पार्टी की उपस्थिति महसूस कराने के लिए राज्य में लगातार दौरे कर रहे हैं।
प्रियंका के एक वफादार ने कहा, "कांग्रेस को एक शक्तिशाली लॉबी ने अपहृत किया हुआ था। वह लॉबी व्यक्तिगत लाभ के लिए पार्टी का शोषण कर रही थी। उनकी सहमति के बिना कोई भी किसी भी कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकता था। यही वजह है कि कांग्रेस का पतन हो गया, लेकिन इन नेताओं का विकास जारी रहा। अब पार्टी में उनका एकाधिकार खत्म हो गया है। पार्टी नेतृत्व ने युवा खून को पार्टी संभालने की अनुमति दी है।"
उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर के प्रतिबद्ध कैडर ही राज्य में पार्टी के वास्तविक संदेश वाहक होंगे।
दरअसल, प्रियंका उत्तर प्रदेश की प्रभारी के रूप में राज्य में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही हैं। पिछले 2 सालों से पार्टी की स्थिति खराब है। 2019 के चुनावों में पार्टी राज्य में केवल एक रायबरेली की सीट ही जीत पाई थी। वहीं 2017 के विधानसभा चुनावों में जीते 7 विधायकों में से 5 ही पार्टी में बचे हैं। उत्तर प्रदेश में पार्टी के नेताओं का लगातार पलायन हुआ है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | दिल्ली में विरोध स्थल को लेकर केंद्र सरकार के साथ गतिरोध के बीच दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघू बॉर्डर एंट्री पॉइंट पर रैली कर रहे किसानों ने पहले सिख गुरु की जयंती पर सोमवार को कीर्तन सुना और उनकी शिक्षाओं को याद किया। पंजाब के अधिकांश किसान - और सिख धर्म के अनुयायी - पांच दिनों से सिंघु सीमा पर डेरा जमाए हुए हैं और जंतर मंतर या रामलीला मैदान में अपना प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन करने के लिए अड़े हुए हैं। इन सबके बीच, इनके नेता भविष्य में उठाए जाने वाले कदम को लेकर विचार-विमर्श में व्यस्त हैं।
सोमवार को विरोध स्थल पर पूरी तरह बदला हुआ माहौल नजर आया। किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच पिछले हफ्ते दिल्ली में प्रवेश करने को लेकर काफी झड़प हुई थी। गुरु नानक देव की 501वीं जंयती पर आस्था के रंग देखने को मिले और किसान कीर्तन सुनते नजर आए।
इस बीच, किसान नेता केंद्र सरकार के साथ बातचीत के लिए अपने रुख पर अड़े दिख रहे थे क्योंकि उन्होंने बुराड़ी मैदान में जाने के प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था।
एक किसान नेता ने आईएएनएस को बताया, "हम उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बुराड़ी मैदान में शिफ्ट नहीं होंगे क्योंकि यह हमें दरकिनार करने और उनके कृषि कानूनों के खिलाफ हमारे विरोध को नाकाम करने की एक चाल है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान - ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं - सिंघु और टिकरी सीमाओं पर तब तक डटे रहेंगे, जब तक सरकार इन कानूनों को रद्द नहीं करती।
इस बीच, आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस उपायुक्त ने सोमवार को किसान नेताओं के साथ एक बैठक की और उनसे सुरक्षा बलों की आसान आवाजाही की सुविधा के लिए दिल्ली-अंबाला राजमार्ग का हिस्सा खाली करने का आग्रह किया।
प्रदर्शनकारी किसानों को उनके नेतृत्व द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वे अगले निर्देश तक जहां हैं वहीं बने रहें।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने भी कहा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी गाजीपुर में प्रवेश मार्ग पर डटे रहने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "हम इस स्थल को नहीं छोड़ेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। केंद्र को आगे आकर किसानों की बात सुननी चाहिए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वह मेहनती किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, और केंद्र के नए कृषि कानून इस दिशा में एक कदम हैं। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 30 नवंबर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मानना है कि दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन के पीछे पंजाब के आढ़तियों, बिचौलियों और कांग्रेस सहित कुछ राजनीतिक संगठनों का हाथ है। भाजपा के आर्थिक मामलों के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल का दावा है कि नए कानून के कारण सालाना छह हजार करोड़ रुपये के कमीशन पर चोट पहुंचता देख 25 हजार आढ़तियों ने आम किसानों को भड़काना शुरू कर दिया। जबकि नए बने तीनों कानून किसानों के हित में हैं। भाजपा को उम्मीद है कि सही जानकारी मिलने पर किसानों के बीच नए कानूनों को लेकर गलतफहमी दूर हो जाएगी।
केंद्र सरकार और भाजपा के बीच आर्थिक मामलों में सेतु की भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा कि पिछले 20 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि कई कमेटियों ने किसानों के लिए वैकल्पिक बाजार बनाने पर जोर दिया है। स्वामीनाथन कमेटी हो, पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी हो या फिर शांता कुमार समिति की रिपोर्ट, सभी ने इस दिशा में व्यापक बदलाव की जरूरत बताई थी।
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने किसानों के आंदोलन के पीछे आढ़तियों और राजनीतिक दलों की सांठगांठ बताई। उन्होंने कहा, पंजाब में 25 हजार आढ़ती हैं। नए कानून से सालाना छह हजार करोड़ रुपये की कमाई पर चोट पड़ी है। साढ़े आठ प्रतिशत उनका कमीशन होता था। जिस तरह से नए कानूनों से एमएसपी और मंडी व्यवस्था खत्म होने की झूठी बात जोड़कर आंदोलन किया जा रहा है, उसमें राजनीति की बू आती है। मुझे लगता है कि आढ़तियों और उनसे मिले हुए कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों ने किसानों को भड़काने का काम किया है।
शत प्रतिशत एमएसपी की खरीद के सवाल पर उन्होंने कहा कि शांता कुमार की रिपोर्ट उठाकर देखेंगे तो पहले कुल उत्पादन का सिर्फ छह प्रतिशत फसल ही सरकार खरीदती थी। अब मोदी सरकार में सरकारी खरीद बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई है। यानी कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए बेहतर कर रही है। एमएसपी को लेकर भ्रम फैला रहे लोगों को समझना होगा कि केंद्र सरकार सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है, जबकि राज्य सरकारें खरीद करती है। राज्य सरकारें आर्थिक रूप से इतनी मजबूत नहीं हैं कि शत प्रतिशत खरीद वो कर पाएं और न ही उनके पास भंडारण की उचित क्षमता है।
सरकार लिखित रूप में एमएसपी का आश्वासन क्यों नहीं देती? इस सवाल के जवाब में गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि जब नए कानून का एमएसपी से कोई संबंध नहीं है, तो फिर लिखकर देने की बात ही नहीं है। एमएसपी अलग विषय है, उस पर दूसरे स्तर से चर्चा हो सकती है। सरकार पहले ही कह चुकी है कि एमएसपी की मौजूदा व्यवस्था खत्म नहीं हो रही है। जैसे 70 साल से व्यवस्था चली आ रही है, वैसे ही चलती रहेगी। मंडियों की व्यवस्था भी पहले की तरह होगी। आज की डेट में एपीएमसी की मोनोपाली (एकाधिकार) किसानों की सबसे बड़ी समस्या है। आढ़तिये लोकल मंडी में किसानों को फसल बेचने के लिए मजबूर करते हैं। क्योंकि उन्हें साढ़े आठ प्रतिशत कमीशन मिलता है। जबकि नए कानून से जहां लाभ मिलेगा, किसान वहीं फसल बेच सकेंगे।
कानून को लेकर किसान संगठनों से संवाद की कमी के कारण क्या यह आंदोलन खड़ा हो गया? इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने व्यापक विचार विमर्श किया है। कई रिपोर्ट की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए और किसान संगठनों से बातचीत के बाद कृषि कानूनों से जुड़े ऑर्डिनेंस जून में आए थे। किसी को समस्या थी तो जून में भी बात उठा सकते थे। अब नवंबर के अंत में आंदोलन हो रहा है। इससे पता चलता है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है।
स्टोरेज की लिमिट में छूट के पीछे क्या कारपोरेट को फायदा पहुंचाने का आरोप लग रहा है? इस सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश में वेयर हाउसिंग की क्षमता कम है। उसके लिए स्टोरेज कैपेसिटी बनानी है। यह तभी होगा जब प्राइवेट इन्वेस्टमेंट आएगा। भारत में आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट) 1955 में बना था, तब देश में अनाज की कमी थी। आज देश में अनाज सरप्लस है। ऐसे मे स्टोरेज की लिमिट में रियायत देकर प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने की कोशिश है। (आईएएनएस)
धर्मशाला, 30 नवंबर | तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की दूसरी आत्मकथा 'फ्रीडम इन एक्जाइल' का प्रख्यात लेखक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित येशे दोरजी थोंगछी ने असमिया भाषा में अनुवाद किया है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने सोमवार को यह जानकारी दी। भास्कर दत्ता बरुआ द्वारा प्रकाशित, पुस्तक के असमिया संस्करण का शीर्षक 'प्रबासत मुक्ता' है।
पहली बार 1991 में अमेरिका में प्रकाशित, 'फ्रीडम इन एग्जाइल' में आध्यात्मिक नेता द्वारा तिब्बत के इतिहास के बारे में चीन के आख्यानों का विरोध करने के लिए लिखा गया था।
आत्मकथा उनके जन्म, उनके तिब्बत का सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता बनने, तिब्बत-चीन संबंधों में खटास और भारत में उनके निर्वासित जीवन आदि का जिक्र है।
पुस्तक में, दलाई लामा ने भारत सरकार के साथ अपने संबंधों के बारे में भी खुलकर जिक्र किया है।
पाठक एमेजॉन से किताब को ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
2017 में, दलाई लामा की आत्मकथा 'माई लैंड एंड माई पीपल' असमिया भाषा में 'मोर देश अरु मोर मनुह' शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 30 नवंबर | केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के एक सब इंस्पेक्टर का जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम जिले में ड्यूटी के दौरान सोमवार को निधन हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। 93वीं सीआरपीएफ बटालियन का एसआई शबद कुमार डीके मार्ग हायर सेकेंडरी स्कूल में ड्यूटी के दौरान बेहोश हो गया। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत के वास्तविक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।
पुलिस ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।(आईएएनएस)
चंद्रपुर (महाराष्ट्र), 30 नवंबर | समाज सेवा क्षेत्र की दिग्गज शख्सियत बाबा आमटे की पोती प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शीतल आमटे-कर्जकी ने सोमवार सुबह आनंदवन आश्रम में आत्महत्या कर ली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। वारोरा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी पी. पेंडारकर ने कहा, प्रारंभिक सूचना के अनुसार कथित तौर पर उन्होंने खुद को जहरीला इंजेक्शन लगाकर सोमवार सुबह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उन्हें तुरंत नजदीकी वारोरा ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया था।
मैग्ससे पुरस्कार से सम्मानित मुरलीधर डी. आमटे उर्फ बाबा आमटे की पोती डॉ. शीतल महारोगी सेवा समिति की सीईओ थीं जिसने कुष्ठ रोगियों के बीच सराहनीय काम किया है। (आईएएनएस)
महोबा, 30 नवंबर| उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक व्यवसायी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में फरार चल रहे निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार और बर्खास्त कांस्टेबल अरुण यादव पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इलाहाबाद जोन) प्रेम प्रकाश ने कहा कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
पत्थर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी (44) 8 सितंबर को अपनी कार में गोली लगने से लहूलुहान हालत में मिले थे। 13 सितंबर को एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद ये घटना हुई।
त्रिपाठी के भाई ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने व्यवसायी से रिश्वत में 6 लाख रुपये की मांग की थी और राशि का भुगतान न करने पर उसे जान से मारने या झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी थी।
आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने निष्कर्ष निकाला कि त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी। पुलिस ने कहा कि यह पाया गया कि उनकी लाइसेंसी पिस्तौल से निकली गोली उनकी गर्दन में लगी थी।
घटना के तुरंत बाद पाटीदार को निलंबित कर दिया गया और उसकी संपत्ति की जांच के आदेश दिए गए।
एडीजी ने कहा कि बर्खास्त एसएचओ देवेंद्र शुक्ला को 25 नवंबर को मामले में गिरफ्तार किया गया था। शुक्ला घटना के बाद फरार चल रहे थे।
शुक्ला की सेवाओं को पिछले महीने समाप्त कर दिया गया था क्योंकि विशेष जांच टीम ने उन्हें भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया था। (आईएएनएस)
कानपुर (उप्र), 30 नवंबर| उत्तर प्रदेश के कानपुर के चकेरी इलाके में प्रेमी और उसके 3 दोस्तों ने कुछ ही घंटों में एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर 3 बार सामूहिक दुष्कर्म किया। यह घटना शनिवार को हुई थी, लेकिन घटना के बारे जानकारी तक मिली जब लड़की घर लौटी और उसने अगले दिन अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई।
पुलिस ने 2 आरोपियों राहुल सोनकर और मिथुन सोनकर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बाकी 2 आरोपी फरार हैं। पुलिस ने बताया कि चकेरी इलाके की रहने वाली लड़की ने फेसबुक के जरिए साहिल नाम के लड़के से दोस्ती की। शनिवार को साहिल ने अपने दोस्तों राहुल और मिथुन को अपनी प्रेमिका को त्रिमूर्ति मंदिर के पास मोटरसाइकिल पर लाने के लिए कहा। जब वे लड़की को लेकर आए, तो साहिल वी.के. राजपूत नाम के लड़के के साथ उन्हें एक कार में मिला। उन्होंने लड़की को कुछ खाने के लिए दिया।
जब लड़की बेहोश हो गई तो वे चारों उसे एकांत स्थान पर ले गए और कार में उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर वे उसे एक खाली प्लॉट में ले गए और फिर से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। कैंट के सर्कल ऑफिसर सत्यजीत गुप्ता ने कहा, "इसके बाद आरोपी उसे एक दूकान की छत पर ले गये और तीसरी बार उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।"
उन्होंने आगे कहा, "पॉक्सो अधिनियम के अलावा आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। हमने 2 आरोपियों राहुल सोनकर और मिथुन सोनकर को गिरफ्तार किया है। साहिल और वी.के. राजपूत को गिरफ्तार करने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर| नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बीच गुरु नानक जयंती के मौके पर आस्था के रंग भी देखने को मिले और प्रदर्शन स्थल पर गुरबानी और शबद की गूंज सुनने को मिली। ट्रैक्टर ट्रॉलियों से भरे सिंघु सीमा विरोध स्थल गुरुओं (गुरबानी) के शब्दों से गूंजता रहा क्योंकि सभा को संबोधित कर रहे किसानों ने उन्हें अपने भाषणों में इसे शामिल कर लिया।
सोमवार सुबह सूरज उगने के साथ ही प्रदर्शनकारियों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ फिर से नारेबाजी शुरू हो गई।
वहीं दूसरी तरफ, सुरक्षा बल की तैनाती भी सीमा पर बढ़ गई ताकि जारी विरोध प्रदर्शन के बीच शांति और सद्भाव को बरकरार रखा जाए।
किसानों ने रविवार को केंद्र द्वारा दिल्ली के बुराड़ी मैदान में विरोध करने और सीमाओं पर नाकेबंदी हटाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। किसानों ने कहा कि बातचीत का प्रस्ताव सशर्त है और वे बुराड़ी नहीं जाएंगे।
किसानों को निर्देश दिया गया था कि वे अपने नेताओं के अगले निर्देश तक जहां हैं वहीं रहें।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने भी गाजीपुर में रहने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "हम इस स्थल को नहीं छोड़ेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। केंद्र को आगे आना चाहिए और किसानों की बात सुननी चाहिए।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने वैक्सीन डेवलपमेंट सेंटर्स का दौरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की, जिसके बाद रविवार को कांग्रेस खुद को बैकफुट पर पा रही है। शर्मा द्वारा मोदी की सराहना करने के एक दिन बाद ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री की आलोचना की। शर्मा राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता हैं और उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पार्टी में सुधार के लिए कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उन्होंने मोदी की सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के दौरे का स्वागत करते हुए इसे भारतीय वैज्ञानिकों के कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने के काम को मान्यता देने वाला बताया।
उन्होंने कहा, "यह अकेले ही सीमावर्ती योद्धाओं का मनोबल बढ़ाएगा और राष्ट्र को आश्वस्त करेगा। साथ ही उन्होंने उन संस्थानों का सम्मान किया है जिन्होंने दशकों में भारत के दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के रूप में विशेषज्ञता और क्षमता पैदा की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि वैक्सीन आने के साथ ही एक कुशल और न्यायसंगत प्लेटफॉर्म भी तैयार हो।"
शनिवार को सुरजेवाला ने कहा, "काश प्रधानमंत्री विमान में उड़ान भरने के बजाय किसानों से बात करते। कोरोनावायरस वैक्सीन वैज्ञानिकों द्वारा बनाया जाएगा, किसान देश को खिलाएंगे और मोदी जी और भाजपा नेता टेलीविजन को संभालेंगे।"
प्रधानमंत्री ने वैक्सीन के विकास और निर्माण प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा करने के लिए तीन शहरों अहमदाबाद में जाइडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर| केंद्र सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन जारी है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे प्रदर्शनकारी किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की कोर कमेटी की थोड़ी देर में बैठक होने वाली है जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। उधर, प्रदर्शनकारी किसानों के बुराड़ी ग्राउंड आने के अगले ही दिन उनसे बातचीत करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान नेताओं द्वारा ठुकरा देने के बाद रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के आवास पर इस सिलसिले में एक बैठक हुई जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।
गृहमंत्री ने शनिवार को किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है।
मगर, किसानों ने उनकी इस अपील को शर्तिया प्रस्ताव बताते हुए इसे मानने से इंकार कर दिया और दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहने का फैसला लिया। किसानों का यह आंदोलन अब पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है और इसका दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते उत्तर भारत का मुख्य मार्ग जीटी रोड पर यातायात बाधित है। किसान नेताओं ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले अन्य मार्गों को भी बंद करने का एलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने आईएएनएस से कहा कि सभी किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि वे यहीं (सिंघू बोर्डर) बैठे रहेंगे और आने वाले दिनों में दिल्ली की ओर जाने वाली अन्य सड़कों को भी जाम करेंगे।
मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 शामिल हैं। प्रदर्शनकारी किसान नेताओं का कहना है कि इन तीनों कानूनों से किसानों को कोई फायदा नहीं है, बल्कि इनका फायदा कॉरपोरेट को होगा, इसलिए वे इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 30 नवंबर | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने राज्य में 31 दिसंबर तक कोविड-19 लॉकडाउन बढ़ा दिया है, हालांकि कुछ निश्चित छूटों को भी शामिल किया है। यहां जारी एक बयान में, पलानीस्वामी ने कहा कि कोरोनोवायरसफैलने से रोकने के लिए मेडिकल, लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और जिला कलेक्टरों के साथ चर्चा के आधार पर, कोविड-19 लॉकडाउन को 30 नवंबर से 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।
पलानस्वामी के अनुसार, कोविड-19 कन्टेनमेंट जोन्स को छोड़कर निम्नलिखित छूट मौजूदा राहतों के साथ लागू होती हैं :
- सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों के तहत अंतिम वर्ष और चिकित्सा पाठ्यक्रम (स्नातक और स्नातकोत्तर के तहत)।
- पहले वर्ष के लिए शैक्षणिक वर्ष के कॉलेज के छात्रों की कक्षाएं मंगलवार से शुरू होंगी।
- प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए स्विमिंग पूल को मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुपालन में खुलने की अनुमति दी जाएगी।
- मरीना और अन्य समुद्र तट 12 दिसंबर से जनता के लिए खुलेंगे जो कि कोरोनोवायरस एसओपी के अधीन है।
- प्रदर्शनी हॉल को एसओपी का पालन करने के बाद व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ही खुलने की अनुमति दी जाएगी।
- इनडोर सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक मंडली में 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ अनुमति दी जाएगी और मंगलवार से 31 दिसंबर तक 200 व्यक्तियों से अधिक नहीं होने की अनुमति है। जिला कलेक्टरों और ग्रेटर चेन्नई पुलिस (चेन्नई मीटिंग्स के लिए) से अनुमति आवश्यक है।
- कोरोनावायरस प्रसार के आधार पर, आउटडोर मीटिंग्स की अनुमति तय की जाएगी।
- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा अन्य राज्यों से तमिलनाडु आने वालों के लिए ई-पंजीकरण की मौजूदा प्रणाली जारी रहेगी।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | वैक्सीन डेवलपमेंट सेंटर्स का दौरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करने के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उनसे गलती हो गई। उन्होंने अपनी पार्टी की संतुष्टि के लिए स्पष्टीकरण भी दिया है। शर्मा ने कहा, "मेरे पहले के ट्वीट में गलती से लाइनें इधर-उधर हो गईं, जिसके कारण भ्रम पैदा हो गया। मूल ट्वीट इस प्रकार है।"
फिर उन्होंने ट्वीट में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की यात्रा पर गए थे, जो भारतीय वैज्ञानिकों और कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने के उनके काम को मान्यता देना था। यह उन संस्थानों के काम को स्वीकारना है जो भारत ने दशकों में बनाए हैं। संभावित रूप से भारत दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि वैक्सीन आने से पहले कुशल और न्यायसंगत प्लेटफॉर्म बनाएं, जो अभी नहीं है। यह अकेले ही सीमावर्ती योद्धाओं का मनोबल बढ़ाएगा और राष्ट्र को आश्वस्त करेगा।"
इससे पहले शर्मा ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में प्रधानमंत्री की सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की यात्रा का स्वागत किया था और भारतीय वैज्ञानिकों और कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने के उनके काम का मान्यता देने वाला बताया था।
आनंद शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री की तारीफ करने के बाद शनिवार को पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी पर हमला करते हुए ट्वीट किया था, "काश, प्रधानमंत्री विमान में उड़ान भरने के बजाय सड़क पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात करते। कोरोनावायरस वैक्सीन वैज्ञानिकों द्वारा बनाई जाएगी, किसान देश को खिलाएंगे और मोदी जी और भाजपा नेता टेलीविजन संभालेंगे।"
प्रधानमंत्री ने वैक्सीन के विकास और निर्माण प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा करने के लिए अहमदाबाद में जाइडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया था।(आईएएनएस)
लखनऊ, 30 नवंबर | लव जिहाद और सामूहिक धर्मांतरण पर योगी सरकार द्वारा लाए गये नए कानून पर समाजवादी पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी अपत्ति जताई है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को आपाधापी में लागू किया गया कानून बताया है। मायावती ने सोमवार को इसको लेकर एक ट्वीट करते हुए कहा कि, लव जिहाद को लेकर यूपी सरकार द्वारा आपाधापी में लाया गया धर्म परिवर्तन अध्यादेश अनेकों आशंकाओं से भरा है जबकि देश में कहीं भी जबरन व छल से धर्मान्तरण को न तो खास मान्यता न ही स्वीकार्यता है। इस सम्बंध में कई कानून पहले से ही प्रभावी हैं। सरकार इस पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की यह मांग।
योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के मुहर लगाने के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिशेध अध्यादेश, 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके तहत महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। इस नए अध्यादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शादी के लिए धोखाधड़ी कर धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाने संबंधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यूपी में लव जिहाद को लेकर पारित कानून के तहत अगर कोई धर्मगुरु किसी का धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इस कानून के तहत जो धर्म परिवर्तन करा रहा है उसे भी अपने जिले के जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी।(आईएएनएस)
कानपुर (उप्र), 30 नवंबर| उत्तर प्रदेश में एक 43 वर्षीय व्यक्ति ने अपने नाबालिग बेटे की हत्या कर दी और रात भर शव के साथ सोता रहा। घटना की जानकरी पुलिस ने सोमवार को दी। हालांकि व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकारी स्कूल में शिक्षिका सारिका ने आरोप लगाया कि उसके पति अलंकार श्रीवास्तव ने रविवार की सुबह उन्हें जगाया और कहा कि उन्होंने रात में बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी। उनका घर कानपुर में है। उन्होंने अपने रिश्तेदारों को फोन किया, जिसके बाद रिश्तेदारों ने पुलिस को सूचित किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सारिका ने कहा कि उनके पति ने शनिवार रात उनके बेटे को मार डाला और ड्राइंग रूम में शव के साथ सोने चले गए। अगली सुबह, वह बेडरूम में आया और उसे बताया कि उसने अपने सात साल के बेटे की हत्या कर दी है। परिवार के सदस्य अभी भी सदमे में हैं और हमें उनका बयान दर्ज करना बाकी है।"
सूत्रों ने बताया कि कुछ महीने पहले नौकरी छूटने के बाद अलंकार अवसाद में था।
सारिका द्वारा की गई शिकायत के आधार पर, पुलिस ने श्रीवास्तव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया। दंपति की दो बेटियां भी हैं।
पुलिस ने कहा कि आरोपी ने हत्या की बात कबूल कर ली है। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। आगे की जांच चल रही है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 30 नवंबर | कश्मीर घाटी में रात में तापमान हिमांक से नीचे बना रहा, वहीं सोमवार को मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इस सर्दी के मौसम में तापमान सामान्य से कम दर्ज होने की बात कही है। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, "सर्दियों के मौसम (दिसंबर से फरवरी) के दौरान, उत्तर, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश उपसंभागों और पूर्व भारत के कुछ उपसंभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।"
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में सोमवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 1.3 डिग्री सेल्सियस नीचे, पहलगाम में शून्य से 2.3 डिग्री और गुलमर्ग में शून्य से 3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.3 डिग्री नीचे और कारगिल में शून्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
जम्मू शहर में 10.3 डिग्री, माता वैष्णो देवी बेस कैंप कटरा टाउन में 10.7 डिग्री, बटोत में 6.7 डिग्री, बनिहाल में 4.4 डिग्री और भदेरवाह में 4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इसी तरह मौसम की स्थिति 3 दिसंबर तक ऐसे ही जारी रहने की संभावना है, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इन क़ानूनों को निरस्त किया जाए या फिर क़ानून बनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को सबके लिए लागू किया जाए.
इस प्रदर्शन में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब के 30 से अधिक किसान संगठन शामिल हैं. लेकिन हम यहां पंजाब के उन पांच किसान नेताओं के बारे में बता रहे हैं जो इन प्रदर्शनों का ख़ास चेहरा बने हुए हैं.
किसानों के जननेता: जोगिंदर सिंह उगराहां
जोगिंदर सिंह उगराहां भारत में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. वो संगरूर ज़िले के सुनाम शहर के रहने वाले हैं और उनका जन्म और पालन-पोषण एक किसान परिवार में हुआ था.
जोगिंदर सिंह उगराहां किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक हैं
भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद, उन्होंने खेती की ओर रुख़ किया और किसान हितों की लड़ाई में सक्रिय हो गए. उन्होंने साल 2002 में भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) का गठन किया और तब से वो लगातार किसानों के मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं.
जोगिंदर सिंह उगराहां एक उत्कृष्ट वक्ता हैं और इस कला से वो लोगों को जुटाने में माहिर हैं. उनका संगठन पंजाब का एक प्रमुख किसान संगठन है. पंजाब का मालवा क्षेत्र इस संगठन का गढ़ माना जाता है.
संगरूर के एक स्थानीय पत्रकार कंवलजीत लहरागागा कहते हैं, "मैं पिछले 20-25 सालों से किसानों के हितों के लिए जोगिंदर सिंह उगराहां को लड़ते देख रहा हूं. वो हमेशा जनहित की बात करते हैं. मैंने कभी भी उन्हें निजी मुद्दे पर संघर्ष करते नहीं देखा."
किसानों का थिंक टैंक: बलबीर सिंह राजेवाल
बलबीर सिंह राजेवाल भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं
77 वर्षीय बलबीर सिंह राजेवाल भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक नेताओं में से एक हैं. बलबीर सिंह पंजाब के खन्ना ज़िले के राजेवाल गांव से हैं और स्थानीय एएस कॉलेज से 12वीं पास हैं.
भारतीय किसान यूनियन का संविधान भी बलबीर सिंह राजेवाल ने ही लिखा था. उनके संगठन का प्रभाव क्षेत्र लुधियाना के आसपास का मध्य पंजाब है.
बलबीर सिंह राजेवाल स्थानीय मालवा कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं, जो वर्तमान में समराला क्षेत्र का एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान है.
समराला के रहने वाले गुरमिंदर सिंह ग्रेवाल कहते हैं, "राजेवाल पंजाब के सबसे तेज़तर्रार किसान नेता माने जाते हैं. वो किसान मुद्दों पर नेतृत्व करने और किसान पक्ष को प्रस्तुत करके किसान आंदोलन का चेहरा बन गए हैं."
ग्रेवाल का कहना है कि राजेवाल ने कभी भी राजनीतिक चुनाव नहीं लड़ा या किसी भी राजनीतिक पद को स्वीकार नहीं किया है, यही वजह है कि वह इस क्षेत्र के एक प्रभावशाली और सम्मानित व्यक्ति हैं.
वर्तमान में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के डिमांड चार्टर का मसौदा तैयार करने में राजेवाल ने महत्वपूर्ण अग्रणी भूमिका निभाई है.
किसानों का इंटर-संगठन लिंक: जगमोहन सिंह
जगमोहन सिंह 1984 सिख विरोधी नरसंहार के बाद सामाजिक कार्यकर्ता बन गए
जगमोहन सिंह भारत-पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब के फ़िरोज़पुर ज़िले के करमा गाँव से हैं.
वह भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के नेता हैं, जिन्हें उगराहां संगठन के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन कहा जा सकता है.
जगमोहन पंजाब के सबसे सम्मानित किसान नेताओं में से एक हैं. वो 1984 के सिख विरोधी नरसंहार के बाद पूर्णकालिक सामाजिक कार्यकर्ता बन गए. वो राज्य में चल रहे विभिन्न प्रदर्शनों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
किसान संघर्ष के प्रति उनकी ईमानदारी के कारण, उन्हें न केवल अपने संगठन में बल्कि कई अन्य संगठनों में सम्मान मिलता है.
वर्तमान में वह 30 किसान संगठनों के गठबंधन में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
डॉक्टर दर्शनपाल, 30 संगठनों के समन्वयक
डॉक्टर दर्शनपाल ने कभी भी प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं की
डॉक्टर दर्शनपाल क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता हैं और इसका मुख्य आधार पटियाला और आसपास के इलाक़ों में है.
हालांकि, यह संगठन संख्याबल के आधार में छोटा है लेकिन डॉक्टर दर्शनपाल वर्तमान में 30 किसान संगठनों के समन्वयक हैं इसलिए वो एक बड़े नेता के रूप में सामने आए हैं.
1973 में एमबीबीएस और एमडी करने के बाद वो सरकारी सेवा में रहे. वो अपने कॉलेज के दिनों में और नौकरी के दौरान छात्र संघ और डॉक्टरों के संगठन में हमेशा सक्रिय रहे.
दर्शनपाल के बेटे अमनिंदर कहते हैं, "डॉक्टर दर्शनपाल शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के निजीकरण के ख़िलाफ़ हैं और इसके चलते उन्होंने कभी भी प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं की."
"2002 में एक सरकारी डॉक्टर के रूप में अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, वो सामाजिक और किसान संगठनों के साथ सक्रिय हो गए और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा."
किसानों की युवा आवाज़ सरवन सिंह पंधेर
सरवन सिंह पंधेर किसान मज़दूर संघर्ष समिति के महासचिव हैं
सरवन सिंह पंधेर किसान मज़दूर संघर्ष समिति के महासचिव हैं
सरवन सिंह पंधेर पंजाब के माझा क्षेत्र के एक प्रमुख युवा किसान नेता हैं. वो किसान मज़दूर संघर्ष समिति के महासचिव हैं.
इस संगठन का गठन 2000 में सतनाम सिंह पन्नू ने किया था. वो अभी भी संगठन का नेतृत्व करते हैं, लेकिन सरवन सिंह पंधेर वर्तमान आंदोलन में बड़ी भूमिका में नज़र आए हैं.
उनके संगठन का मुख्य आधार दोआबा और मालवा के 10 ज़िलों में है, जिसमें माझा के चार ज़िले शामिल हैं. सरवन सिंह पंधेर को तेज़ी से आगे बढ़ते आंदोलनकारी नेता के रूप में देखा जा रहा है.
किसान संघर्ष समिति के नेता हरप्रीत सिंह ने कहा कि सरवन सिंह का गांव अमृतसर ज़िले का पंधेर है. वह एक स्नातक हैं और अपने छात्र जीवन से ही लोगों के आंदोलनों में शामिल रहे हैं.
हरप्रीत सिंह कहते हैं, "सरवन सिंह पंधेर की उम्र लगभग 42 वर्ष है और उन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक हित के लिए समर्पित कर दिया है इसलिए उन्होंने शादी नहीं की है." (bbc)
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने श्रीलंका के दो दिवसीय दौरे के आख़िरी पलों में वहाँ के तमिल नेता आर संपनथान से रविवार को मुलाक़ात की.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार यह मुलाक़ात कोलंबो स्थिति इंडिया हाउस में हुई और क़रीब आधे घंटे तक चली. द हिन्दू ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है. अख़बार से संपनथान ने इस मुलाक़ात की पुष्टि की है.
उन्होंने 'द हिन्दू' अख़बार से कहा कि मुलाक़ात में श्रीलंका के विकास को लेकर बात हुई है. श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने डोभाल के दौरे, बैठकों और बातचीत को लेकर ट्वीट कर जानकारी दी है लेकिन रविवार को संपनथान से मुलाक़ात को लेकर कुछ भी नहीं कहा है.
डोभाल के इस दौरे में मालदीव, श्रीलंका और भारत की त्रिकोणीय बातचीत हुई है. इसके अलावा भारतीय एनएसए की श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी से द्विपक्षीय मुलाक़ात भी हुई है.
अभी तक यह साफ़ नहीं है कि डोभाल की श्रीलंका के तमिल नेता से मुलाक़ात में लंबे समय से अधर में लटके तमिल सवालों के राजनीतिक समाधान पर बात हुई या नहीं. संपनथान के तमिल नेशनल अलायंस के 10 सांसद हैं और इन्हें श्रीलंका का अहम तमिल नेता माना जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के प्रधानमंत्री के सामने तमिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंता जता चुके हैं. पीएम मोदी और श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के बीच 26 सितंबर को वर्चुअल समिट हुआ था.
इस समिट में भी प्रधानमंत्री ने तमिलों के अधिकारों की बात उठाई थी. दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में संविधान के 13वें संशोधन को लागू करने पर भी बात हुई थी. राजपक्षे सरकार ने संविधान के नए प्रावधानों को लागू करने की बात कही थी लेकिन राजपक्षे सरकार ही के कुछ अहम सदस्यों ने इसका विरोध किया है.
डोभाल के इस दौर में श्रीलंका और मालदीव के साथ शनिवार को मैरीटाइम सुरक्षा को लेकर सहमति बनी है. हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच भारत के लिए श्रीलंका और मालदीव से इस सहमति अहम माना जा रहा है. तीनों देश एक दूसरे से ख़ुफ़िया सूचना साझा करेंगे. (बीबीसी)
गुवाहाटी, 30नवंबर | असम पुलिस ने रविवार को सर्वाधिक वांछित फर्जी उम्मीदवार प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया, जिसने नील नक्षत्र दास के लिए अखिल भारतीय इंजीनियरिंग संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन्स) 2020 लिखी थी, जिसने 99.8 प्रतिशत अंक हासिल किए और टॉपर्स में से एक बन गया। पुलिस ने कहा कि कुमार को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था और अदालत में पेश करने के लिए गुवाहाटी लाया जाएगा।
पुलिस को संदेह है कि कुमार एक पेशेवर 'छद्म उम्मीदवार' हैं।
1 नवंबर को, पुलिस ने एक कोचिंग सेंटर के मालिक भार्गव डेका, जेईई (मेन्स) परीक्षा प्रतिरूपण मामले के एक अन्य मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसमें असम पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
असम सरकार ने घोटाले की जांच के लिए गुवाहाटी के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम), सुप्रोटीव लाल बरुआ के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।
गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने पहले आईएएनएस को बताया कि आरोपी जेईई (मेन्स) के उम्मीदवार, उनके डॉक्टर पिता और तीन अन्य सह साजिशकर्ताओं को भी 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और जांच शुरू की गई थी।
पुलिस ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से संपर्क किया है, जिसने जनवरी और सितंबर में देश भर में जेईई (मेन्स) आयोजित किया था और परीक्षा से संबंधित जानकारी मांगी थी।
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि 23 अक्टूबर को पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि जेईई (मेन्स) के लिए एक उम्मीदवार ने अपनी ओर से परीक्षण के लिए छद्म उम्मीदवार का इस्तेमाल किया और उसने इसकी मदद से 99.8 प्रतिशत अंक हासिल किए। एक निजी कोचिंग सेंटर के अलावा एक अन्य व्यक्ति और एक व्यक्ति।
पुलिस ने अभी तक घोटाले की पूरी जानकारी जांच के हित में नहीं दी है।
--आईएएनएस