राष्ट्रीय
ढाका, 3 फरवरी | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया है कि वे उनकी सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रोपेगेंडा के बावजूद बांग्लादेश आगे बढ़ता रहेगा। हसीना ने इस बात पर जोर दिया कि वह लोगों के कल्याण के लिए काम करती रहेंगी। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उन्होंने कहा कि देश और विदेश में जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) हमारी सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रही है। लेकिन, दुश्मनों के चेहरे पर राख मलते हुए बांग्लादेश आगे बढ़ता रहेगा।
गौरतलब है कि संसद का 11वां सत्र 18 जनवरी को शुरू हुआ था और मंगलवार को संसद को भंग किए बगैर इसकी कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
प्रधानमंत्री ने संसद सदस्यों से यह याद रखने के लिए कहा कि अफवाह फैलाना ही बीएनपी का स्वभाव है। उन्होंने कहा, "उन्हें बोलने दीजिए, हम अपने काम के जरिए लोगों की सेवा करेंगे। कोरोना की वैक्सीन बांग्लादेश में पहुंचने से पहले काफी आलोचना हो रही थी। वैक्सीन यहां पहुंचना उन सारी आलोचनाओं का जवाब है।"
बांग्लादेश अवामी लीग की नेता ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी बीएनपी नेतृत्व संकट से जूझ रही है और लोगों का ऐसी पार्टी में कोई भरोसा नहीं है, जिसमें भगोड़े और अपराधी भरे पड़े हों।
हसीना ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों का विश्वास जीता है। स्थानीय चुनावों में हमने यह देखा है। कोरोना वैक्सीन बांग्लादेश के सभी जिलों में पहुंच चुकी है और टीकाकरण अभियान 7 या 8 फरवरी को शुरू होगा। इस बाबत कोविड परीक्षण कराने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं, जो लोग कोविड का टीका लगवाना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए अपना नाम पंजीकृत करवाना होगा।
कोविड महामारी से निपटने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए हसीना ने कहा कि "हमारे प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र महासचिव सहित पूरी दुनिया ने सराहा है, लेकिन देश के अंदर कोई सराहना नहीं मिली।" (आईएएनएस)
गांधीनगर, 3 फरवरी | कांग्रेस छोड़ने के साढ़े तीन साल से अधिक समय बाद, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने बुधवार को कहा कि वह बिना किसी शर्त अपनी पुरानी पार्टी में लौटना चाहते हैं। हालांकि पार्टी की तरफ से इस बाबत कोई संकेत नहीं मिले हैं। अनुभवी राजनीतिज्ञ ने कहा, "जब कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल का निधन हुआ, तो कई कांग्रेसी नेता मुझसे उनके पैतृक गांव पीरामान में मिले और सुझाव दिया कि मुझे कांग्रेस में फिर से शामिल हो जाना चाहिए। जाहिर है, वह समय राजनीति के लिए नहीं था, लेकिन तब से कई कांग्रेसी मुझसे यह कह रहे हैं।"
वाघेला ने कहा, "दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। अगर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी मुझे बुलाती हैं और कहती हैं कि हमें साथ काम करना चाहिए और आप पार्टी में वापस आ जाईए, तो मैं निश्चित रूप से बिना शर्त इसमें शामिल हो जाऊंगा।"
वाघेला ने जुलाई 2017 में कांग्रेस छोड़ दी थी, उन्होंने दावा किया था कि उन्हें बाहर कर दिया गया है।
इस साल एक रैली में वाघेला ने दावा किया था कि वह पार्टी की आंतरिक साजिश का शिकार हो गए थे, जिसके कारण पार्टी ने उन्हें बाहर का दरवाजा दिखाया था।
हालांकि, कांग्रेस ने वाघेला को हटाए जाने से इनकार किया था और कहा था कि उनका दावा निराधार है।
वाघेला ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जन विकास पार्टी बनाई और दिसंबर 2017 के चुनावों में गुजरात विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ा। हालांकि उनके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
2019 में वाघेला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन पिछले साल इसे छोड़ दिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | डॉक्टरों के एक राष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या के बारे में केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों पर आश्चर्य जताया। मंगलवार को, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा था कि कोरोनावायरस से अब तक देश में 162 डॉक्टर, 107 नर्स और 44 आशा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है।
चौबे को लिखे पत्र में आईएमए अध्यक्ष जे.ए. जयलाल ने कहा, "केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों में विरोधाभाष है। कोरोना की वजह से 744 डॉक्टरों को जान गंवानी पड़ी है।"
उन्होंने आगे कहा कि भले ही डॉक्टरों ने उच्च वायरल लोड और उच्च केस फैटेलिटी रेशियो का सामना किया, लेकिन उन्होंने चिकित्सा पेशे की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं में राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प चुना।
डेटा की पुष्टि करने में भारत सरकार की उदासीनता की निंदा करने के अलावा, उन्होंने कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजा देने में देरी करने का भी मुद्दा उठाया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | तीन कृषि कानूनों को लेकर लोकसभा में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हंगामा जारी रहा। विपक्षी सदस्यों ने पिछले साल सितंबर में लागू इन कानूनों को निरस्त करने के लिए नारे लगाए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हंगामे की वजह से शाम 4 बजे सदन 4.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दूसरे स्थगन की घोषणा शाम 5 बजे की गई। लेकिन हंगामा जारी रहा, इसलिए तीसरी बार सदन को शाम 7 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
इन संक्षिप्त बैठकों के दौरान, सरकार ने वित्त, श्रम, उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु बदलाव, यातायात, पर्यटन और संस्कृति पर छह स्थायी समिति की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और शिवसेना उन आठ प्रमुख विपक्षी दलों में शामिल थे, जिन्होंने विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया।
विपक्षी पार्टी के नेताओं ने, 'किसान विरोधी बिल वापस लो', 'किसानो पर तानशाही नहीं चलेगी, 'मोदी सरकार- हाय, हाय' जैसे नारे लगाए।
पोडियम के पास खड़े कुछ सांसद 'किसान मारने वाले कानून वापस लो' की तख्तियां पकड़े हुए थे।
वाईएसआरसीपी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सदस्य भी अपनी सीटों से सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
बिड़ला ने इस दौरान कार्रवाई करने की धमकी भी दी, लेकिन लगातार विरोध के चलते उन्हें लगभग 70 मिनट की अवधि में संक्षिप्त अंतराल पर तीन बार सदन को स्थगित करने पर मजबूर कर दिया। (आईएएनएस)
दिल्ली की सीमाओं पर बीते दो महीने से अधिक वक्त से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसे लेकर जहां कुछ अंतरराष्ट्रीय हस्तियां सोशल मीडिया पर ट्वीट कर रही हैं, वहीं बॉलीवुड से जुड़े लोग और राजनेता भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं.
जानी मानी अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया और "किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में कोई बात क्यों नहीं कर रहा है?"
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस, पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग और पूर्व पॉर्न स्टार मिया ख़लीफ़ा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया है.
मीना हैरिस ने लिखा है, "हम सभी को भारत में इंटरनेट शटडाउन और किसान प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों की हिंसा को लेकर नाराज़गी जतानी चाहिए."
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इन ट्वीट्स को लेकर बयान जारी किया है.
मंत्रालय ने कहा है कि "भारत की संसद ने व्यापक बहस और चर्चा के बाद, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी क़ानून पारित किया. ये सुधार किसानों को अधिक लचीलापन और बाज़ार में व्यापक पहुंच देते हैं. ये सुधार आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से सतत खेती का मार्ग प्रशस्त करते हैं."
"भारत के कुछ हिस्सों में किसानों का एक बहुत छोटा वर्ग इन सुधारों से सहमत नहीं है. भारत सरकार ने प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की है. इस कोशिश में अब तक ग्यारह दौर की वार्ता हो चुकी है जिनमें केंद्रीय मंत्री हिस्सा ले रहे हैं सरकार ही नहीं, भारत के प्रधानमंत्री की ओर से इन क़ानूनों को स्थगित करने का प्रस्ताव भी दिया गया है."
विदेश मंत्रालय ने अपने पोस्ट में #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda का इस्तेमाल किया है और कहा है कि "इन विरोधों को भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के संदर्भ में और गतिरोध को हल करने के लिए सरकार और संबंधित किसान समूहों के प्रयासों के साथ देखा जाना चाहिए."
फ़िल्मी सितारे और नेता क्या बोले
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने लिखा है, "प्रोपगैंडा फैलाने वाले और फर्ज़ी बातें फैलाने वालों की कोशिशों के ख़िलाफ़ हम एक साथ खड़े हैं."
उन्होंने उन्हीं हैशटैग (#IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda) का इस्तेमाल किया है जिसका इस्तेमाल विदेश मंत्रालय ने किया है.
अभिनेता अजय देवगन ने भी इन्हीं दो हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा है, "भारत और भारत की नीतियों के ख़िलाफ़ किसी तरह की ग़लत प्रोपगैंडा में न पड़ें. इस वक्त हमें आपस में न झगड़ कर एक साथ खड़े रहना है."
अभिनता अक्षय कुमार ने भी इन्हीं दो हैशटैग का इस्तेमाल किया है और लिखा है, "किसान हमारे देश का अहम हिस्सा हैं. उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के कोशिशें की जा रही हैं और ये स्पष्ट भी है. हमेशा इस मुश्किल के शांतिपूर्ण हल निकलने का समर्थन करना चाहिए और उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जो लोगों को बांटना चाहते हैं."
अभिनेता सुनील शेट्टी ने लिखा, "कोई बात कहने से पहले हमें इस संबंध में पूरी बात जान लेनी चाहिए. आधे सच जितना ख़तरनाक़ कुछ नहीं होता."
पार्श्वगायक कैलाश खेर ने लिखा, "हम सबको पता होना चाहिए कि भारत एक है और इसके ख़िलाफ़ हम कोई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे."
सुनील शेट्टी और कैलाश खेर ने भी #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda हैशटैग का इस्तेमाल किया है.
वहीं निर्देशक करण जौहर ने #IndiaTogether हैशटैग के साथ लिखा है "हम मुश्किल स्थिति में हैं ज़रूरी है कि हम संयम रखें. चलिए साथ मिलकर ऐसा हल खोजने की कोशिश करते हैं जो सभी के लिए हो. किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं. हम किसी को देश को तोड़ने नहीं दे सकते."
रिहाना के सोशल मीडिया पोस्ट के उत्तर में क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा ने लिखा, "मेरे देश को हमारे किसानों पर गर्व है और उसे पता है कि किसान कितने ज़रूरी है. मुझे यक़ीन है कि जल्द ही इस मुश्किल का हल निकलेगा. लेकिन हमारे अंदरूनी मामलों में बाहरी लोगों को नाक नहीं डालनी चाहिए"
हालांकि कुछ लोग हैं जो इसी हैशटैग का इस्तेमाल सरकार को संदेश देने के लिए कर रहे हैं.
लेखक और यूट्यूबर मेघनाद ने लिखा, "सरकारी मीडिया का झूठा प्रोपगंडा दिखाइए और लगे हाथ इंडिपेंडेंट मीडिया को सपोर्ट कीजिये."
रोहित शर्मा नाम के एक ट्विटर यूज़र ने गाज़ीपुर बॉर्डर पुर कई स्तरों की बैरिकेडिंग की तस्वीर पोस्ट की और अक्षय कुमार के ट्वीट का जवाब लिखा, "जी हां,सरकार मुश्किलों का हल तलाशने के लिए कुछ कोशिशें कर रही है."
नवंबर से दिल्ली की सीमा पर कर रहे किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि क़ानून वापिस लिए जाएं, जबकि सरकार 18 महीनों तक इन क़ानूनों को न लागू करने की बात कर रही है.
दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे को लेकर कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया.
इधर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौक़े पर दिल्ली किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर लिए दिल्ली के भीतर आए. एक समूह ने लाल क़िले पर सिखों का केसरी झंडा भी लहरा दिया.
इस घटना के बाद से ही दिल्ली की सीमाओँ पर (सिंधु, गाज़ीपुर और टिकरी बॉर्डर) पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है. यहां बैरिकेडिंग और कॉन्क्रीट ब्लॉक्स के अलावा कंटीले तार बिछाए गए हैं और सड़कें खोद कर कीलें लगाई गई हैं. इनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. (bbc.com)
बेंगलुरु, 3 फरवरी | बेंगलुरु के येलहंका एयर बेस पर बुधवार को एयरो इंडिया 2021 का उद्घाटन हुआ। इस शो के 13वें संस्करण में देश में ही निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को दर्शाया गया। बेंगलुरु के आसमान में अद्भुत मारक क्षमता वाले तेजस की कलाबाजियों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस दौरान यह स्वदेशी विमान सभी के आकर्षण का केंद्र रहा। इस तीन-दिवसीय एयरो शो का उद्घाटन केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। बहरहाल, शो के पहले दिन आज स्वदेशी तेजस विमान को भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट मनीष तोलानी ने उड़ाया। हवा में इसके करतब, एयरोबेटिक्स, वर्टिकल चार्ली और गति से इसकी क्षमता का अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता था।
यहां एक बात यह भी उल्लेखनीय है कि तेजस दुनिया का इकलौता हल्का लड़ाकू विमान है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा इसका निर्माण किया गया है। इसकी डिजाइन रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) की एयरक्राफ्ट डेपेलपमेंट एजेंसी (एडीए) तैयार की है और इसी ने इसे विकसित भी किया है।
भारतीय वायुसेना एलसीए-1 को कोयंबटूर स्थित सुलुर एयर बेस के अपने बेड़े में पहले ही शामिल कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने 13 जनवरी को एचएएल से वायुसेना के लिए 48,000 करोड़ की लागत से 10 ट्रेनर विमान सहित 83 तेजस मार्क-1ए खरीदने की मंजूरी दी थी। एचएएल ने 20 तेजस की आपूर्ति कर दी है और शेष 20 की आपूर्ति करने वाला है।
इस अवसर पर राजनाथ सिंह के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीवाई येदियुरप्पा भी मौजूद थे। तेजस के अलावा राफेल, सुखोई-30, जगुआर, हॉक और एचएएल द्वारा निर्मित हेलीकॉप्टरों ने भी उड़ान भरी और अपने करतब दिखाए। (आईएएनएस)
लखनऊ, 3 फरवरी | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2012 और 2014 के बीच अवैध खनन के मामले में लखनऊ और कौशांबी में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह और नौ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी मंगलवार को की गई।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कौशांबी के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और नौ अन्य लोगों के खिलाफ बेईमानी, चोरी और आपराधिक साजिश का मामला भी दर्ज किया है।
सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि सिंह पर दो नए पट्टों को देने और नौ मौजूदा पट्टों का नवीनीकरण करने का आरोप लगाया गया है, जो कि कौशांबी में अवैध खनन से जुड़ा है।
सिंह ने ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जैसा कि मई 2012 के आदेशों में बताया गया है।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि लखनऊ और कौशांबी में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के ठिकानों पर छापे के दौरान कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि यह छापेमारी मंगलवार देर रात तक चली। उन्होंने कहा, "लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नई दिल्ली में सिंह के ठिकानों से 44 अचल संपत्तियां, 10 लाख रुपये नकद और 51 लाख रुपये की सावधि जमा (फिक्सड डिपॉजिट) से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर लगभग 36 बैंक खातों का भी पता चला है।"
इसके अलावा, छह लॉकरों की चाबी मिली, जिसमें 2.1 करोड़ रुपये के सोने और चांदी के आभूषण और एक लाख रुपये की पुराने नोट पाए गए।
सिंह के अलावा सीबीआई ने जिन अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, उनमें नेपाली निषाद, नर नारायण मिश्रा, रमाकांत द्विवेदी, खेमराज सिंह, राम प्रताप सिंह, मुन्नी लाल, शिव प्रकाश सिंह, राम अभिलाष और योगेंद्र सिंह शामिल हैं।
इससे पहले, जून 2017 में सीबीआई ने 2015-16 में अवैध खनन के मामले में कौशांबी में सहायक भूविज्ञानी (जियोलॉजिस्ट) अरविंद कुमार सहित 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
अवैध खनन के मामलों में कार्रवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जुलाई 2016 में एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका पर संज्ञान लेने के बाद शुरू हुई और राज्य में अवैध खनन और प्राकृतिक संसाधनों की लूट की सीबीआई जांच के निर्देश जारी किए।
अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए, सीबीआई की दिल्ली इकाई के विशेष अपराध प्रभाग (3) ने सात जिलों - शामली, हमीरपुर, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, कौशांबी और सहारनपुर को जांच के लिए चुना। (आईएएनएस)
मुंबई, 3 फरवरी | एक अजीबोगरीब घटनाक्रम में, बृहन्मुंबई नगर निगम के एक शीर्ष अधिकारी बुधवार को गलती से सैनिटाइजर को पानी समझ कर पी गए। संयुक्त नगर आयुक्त रमेश पवार के वार्षिक शिक्षा बजट 2021-2022 पेश करने के ठीक पहले यह घटना घटी।
इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें पवार साफ तौर पर सामने पड़ी एक बोतल उठाते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में वो बोतल खोलते और फिर उसमें से एक घूंट मुंह में डालते दिख रहे हैं। जैसे ही उन्होंने एक घूंट मुंह में डाला, वो चोक करने लगे।
तभी उनके सहयोगी उनको आश्चर्य से देखने लगे और पूछने लगे कि क्या हुआ। पवार ने फिर अपनी कुर्सी से छलांग लगाई और वॉशरूम की ओर दौड़े और अपना मुंह साफ करने के कुछ समय बाद लौट आए।
बाद में पता चला कि जो तरल पदार्थ उन्होंने पीया था वो पानी नहीं सैनिटाइजर था। गनीमत रही कि सैनिटाइजर उनके शरीर के अंदर नहीं गया और मुंह में ही रह गया। बाद में उन्हें पीने के लिए साफ पानी दिया गया।
पिछले ही रविवार (31 जनवरी) को महाराष्ट्र में एक बड़ी चूक तब हुई थी जब 12 नाबालिग बच्चों को यवतमाल जिले के सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पोलियो वैक्सीन के बदले सैनिटाइजर पिला दी गई थीं। इसके बाद सरकार ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन नर्सों और अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर बुधवार को यहां कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण इस मुद्दे पर भारत की छवि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चोट पहुंची है। राहुल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों की ओर से किए गए ट्वीट को भी खारिज कर दिया। राहुल गांधी ने कहा, "यह हमारा आंतरिक मामला है।"
उन्होंने कहा कि वह इन ट्वीट पर कोई राय नहीं रखते हैं, मगर कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने पूछा, "सरकार किलाबंदी क्यों कर रही है, क्या ये किसानों से डरते हैं? किसान देश की ताकत हैं और सरकार को उनसे बात करनी चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमारे देश के लिए गतिरोध अच्छा नहीं है और किसान पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। इसलिए, आज उन्हें वापस लेना बेहतर है।"
बजट के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद थी कि बजट 99 प्रतिशत लोगों को समर्थन देगा, लेकिन यह बजट सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के लिए है। अर्थव्यवस्था केवल उपभोग के माध्यम से बढ़ सकती है। आपूर्ति पक्ष को पैसा देने से अर्थव्यवस्था नहीं चलेगी।"
गांधी ने दावा किया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने रक्षा बजट को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने बजट में सशस्त्र बलों को अधिक आवंटन दिए जाने पर जोर दिया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | भारत सरकार ने ट्विटर को एक नोटिस भेजा है, जिसमें देश में 'किसान नरसंहार' का आरोप लगाने वाले ट्वीट्स को हटाने के उसके आदेश का पालन न करने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चेतावनी जारी की गई है। दरअसल किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक विवादित हैशटैग चलाया जा रहा था। 'हैशटैग मोदी प्लानिंग फार्मर जेनोसाइड' के साथ कंटेंट ट्विटर पर पोस्ट किए गए थे, जिसे सरकार ने भड़काऊ करार दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि इसने अभियान को अप्रमाणित आधार पर समाज में दुरुपयोग, भड़काने और तनाव पैदा करने के लिए प्रेरित किया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि नरसंहार के लिए उकसाना भाषण की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है।
यह कहते हुए कि ट्विटर ने सरकार के आदेश के बावजूद एकतरफा तरीके से खातों और ट्वीट्स को अनब्लॉक किया है, नोटिस में कहा गया है कि ट्विटर एक मध्यस्थ है और सरकार के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य है। अगर ट्विटर नियमों का आदेशों का उल्लंघन करता है तो ट्विटर खुद के लिए कानूनी कार्रवाई को न्यौता दे रहा है।
बता दें कि किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी के खिलाफ विवादित हैशटैग चलाए जाने के बाद भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को कुछ अकाउंट्स को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद ट्विटर ने उन अकाउंट्स को सस्पेंड तो किया, लेकिन बाद में फिर से वे अकाउंट एक्टिव हो गए थे। अब भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को कहा गया है कि वे भारत सरकार के आदेश का पालन करें, वरना उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ट्विटर पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 (ए) के उल्लंघन का आरोप है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत 257 यूआरएल और एक हैशटैग ब्लॉक करने के लिए मंत्रालय ने 31 जनवरी को एक अंतरिम आदेश पारित किया था।
सरकार के अनुसार, अंतरिम आदेश इस आधार पर जारी किया गया था कि उक्त ट्विटर यूआरएल और हैशटैग विरोध के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और देश में सार्वजनिक व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो रही है।
नोटिस में 26 जनवरी के पब्लिक ऑर्डर इश्यू का हवाला दिया गया है और कहा गया कि वैधानिक प्राधिकरण यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि कोई प्रतिकूल घटनाक्रम न हो।
नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि धारा 69 ए (3) अधिनियम की धारा 69 ए के तहत जारी निर्देशों का पालन न करने की स्थिति में विशिष्ट दंड का प्रावधान है। (आईएएनएस)
अमरावती, 3 फरवरी | आंध्र प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) निम्मगड्डा रमेश कुमार ने बुधवार को ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों पर नजर रखने के लिए एक डिजिटल एप्लिकेशन (एप) 'ई वॉच' लॉन्च किया। कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों और मीडिया की मौजूदगी में एक बटन दबाकर एप लॉन्च किया।
राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के सचिव कन्नाबाबू ने कहा, "कहीं से भी कोई भी व्यक्ति एप में चुनावी शिकायतों को दर्ज कर सकता है, जोकि यूजर फै्रंडली है।"
पावरपॉइंट प्रस्तुति का उपयोग करते हुए, अधिकारियों ने एप और इसकी कार्यक्षमता के बारे में बताया।
कन्नाबाबू ने कहा कि 'ई वॉच' या 'इलेक्शन वॉच' वेब पर और साथ ही मोबाइल एप पर उपलब्ध है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद, कोई भी इसके साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।
कन्नाबाबू ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एप विकसित किया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | मौजूदा बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरूआत करते हुए, असम के भाजपा सांसद भुवनेश्वर कलिता ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष पर किसानों के विरोध और सीएए विरोधी आंदोलन को लेकर निशाना साधा। कलिता ने कहा, "कृषि कानूनों को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया है, इसलिए किसानों के विरोध प्रदर्शन को दूसरे शाहीन बाग में बदलने की कोशिश न करें। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणा पत्र का हिस्सा था और जनता ने निर्णायक बहुमत से सरकार चुनी थी।"
असम के सांसद ने बाद में फोन पर कहा, "विपक्ष किसानों के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है।"
उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले असम विधानसभा चुनाव में सीएए विरोधी आंदोलन का समर्थन करने वालों को हार का सामना करना होगा।
हजारों की संख्या में किसान दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि पिछले साल सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 3 फरवरी | दसॉ के राफेल को छोड़कर, अन्य वैश्विक एयरोस्पेस दिग्गज के लड़ाकू विमान बुधवार को द्विवार्षिक एयरो इंडिया 2021 के 13 वें संस्करण में शामिल नहीं हुए। इनमें लॉकहीड का एफ -21, बोइंग का एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट, मिग का मिग-35 इत्यादि शामिल है। पांच लड़ाकू विमान जो एयर शो के पिछले संस्करणों में नियमित रूप से भाग लेते थे, दर्शक इस बार उनके करतब को देखने से वंचित रह गए।
एक रक्षा अधिकारी ने शहर के बाहरी इलाके स्थित येलेहंका एयर बेस पर राफेल के बारे में बात करते हुए कहा, "आईएएफ ने पहले ही 8 राफेल को अपने परिचालन बेड़े में शामिल कर लिया है, अन्य चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को कोविड-से प्रभावित एयर शो से दूर रखा गया है। क्योंकि भारत की तरफ से उनके लिए बोली लगाने की संभावनाएं नहीं हैं।"
इसके अलावा, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के लिए बोली लगाई है और राज्य में संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 83 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (टीएएस) की आपूर्ति करने का आदेश प्राप्त किया है।
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, "भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलटों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में उद्घाटन समारोह में 3 राफेल उड़ाए, लेकिन उनकी हवाई क्षमता और अद्भुत क्षमताओं का प्रदर्शन नहीं किया।"
हालांकि, स्वदेश निर्मित एलसीए को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान चालक मनीष तोलानी ने उड़ाया और साहसी करतब दिखाए।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की शहर स्थित राज्य-संचालित विमान विकास एजेंसी (एडीए) द्वारा डिजाइन विकसित तथा राज्य द्वारा संचालित हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएल) द्वारा निर्मित, तेजस दुनिया का एकमात्र हल्का लड़ाकू विमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 13 जनवरी को 48,000 करोड़ रुपये में 83 तेजस मार्क -1 ए वेरिएंट की खरीद को मंजूरी दी थी। (आईएएनएस)
मुंबई, 3 फरवरी| बॉलीवुड स्टार कंगना रनौत ने भारत के किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में ट्वीट करने के लिए स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को मूर्ख और बिगड़ैल लड़की कहा। ग्रेटा ने बुधवार सुबह ट्वीट किया, "हम भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन में उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं।"
ग्रेटा का ट्वीट सीएनएन वेबसाइट पर एक समाचार के लिए प्रतिक्रिया में आया है, जिसमें लिखा है, "भारत में नई दिल्ली के चारों ओर इंटरनेट काट दिया जाता है, क्योंकि आंदोलनकारी किसानों के साथ पुलिस की झड़प हो जाती है।"
ग्रेटा के ट्वीट का जवाब देते हुए, कंगना ने ट्विटर पर लिखा, "कोईफैंसी एक्टिविस्ट वास्तविक पर्यावरणविद् हमारी अपनी दादी के बारे में बात नहीं करेगा .. लेकिन वे निश्चित रूप से मूर्ख और बिगड़ैल लड़की ग्रेटा थनबर्ग को प्रमोट करेंगे? जिसे पूरी लेफ्ट लॉबी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और बदले में उसने स्कूल और पढ़ाई छोड़ रखी है।"
यहां कंगना का 'दादी' से मतलब कोयम्बटूर की एक ऑर्गेनिक किसान 105 वर्षीय आर पप्पम्मल से है, जिन्हें इस वर्ष कृषि के लिए पद्श्री से सम्मानित किया गया।
इससे पहले, मंगलवार को आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीएनएन के न्यूज पीस ने अंतर्राष्ट्रीय पॉप सनसनी रिहाना को लिखने के लिए प्रेरित किया था, "हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? किसानों का विरोध प्रदर्शन।"
कंगना ने तुरंत पलटवार करते हुए रिहाना को मूर्ख और बिगड़ैल कह दिया। (आईएएनएस)
-सौरभ शुक्ला
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान उसके कुछ साथी 'लापता' हैं. SKM के सदस्य राजेंदर सिंह दीपसिंह वाला ने कहा कि गायब हुए अपने साथियों का जानकारी हासिल करना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि पाकिस्तान, चीन भी इस बारे में जानकारी सामझा करते हैं. दीपसिंह वाला ने कहा कि हम कल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले थे और हमारे जिन साथियों का पता नहीं चल पा रहा है उसकी सूची सौंपी है.किसान नेता ने कहा कि सीएम ने हमें 115 की लिस्ट दी है जो जेल में बंद हैं, इसके बावजूद 18 से अधिक किसानों का पता नहीं चल पा रहा है. हम यह नहीं कर रहे कि ये साथी दोषी है या निर्दोष लेकिन हमारे हर साथी को अपना पक्ष रखने के लिए वकील उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
राजेंदर सिंह ने सरकार और दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने भी विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बारे में भारत को बताया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली से लगी सीमा पर कील और कंटीली फेंसिंग लगाकर हमें अलग-थलग कर दिया.सरकार को बातचीत के लिए उपयुक्त माहौल बनाना चाहिए.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि उनकी सरकार प्रदर्शन स्थलों से गायब हुए किसानों की तलाश में मदद करेगी और जरूरत पड़ने पर उप राज्यपाल और केन्द्र से भी संपर्क करेगी. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार यहां 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में विभिन्न जेलों में बंद 115 लोगों के नामों की सूची भी सार्वजनिक करेगी. उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम 115 प्रदर्शनकारियों के नामों की सूची जारी कर रहे हैं जिन्हें गणतंत्र दिवस पर हिंसा के संबंध में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जो विभिन्न जेल में बंद हैं. हमारी सरकार लापता हुए प्रदर्शनकारियों का पता लगाने का हरसंभव प्रयास करेगी और जरूरत पड़ने पर मैं उप राज्यपाल और केन्द्र सरकार से बातचीत करूंगा.'' गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा की कानूनी टीम के एक प्रतिनिधि दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और 29 लापता किसानों के नामों की सूची उन्हें सौंपी थी, इसमें किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ कथित साजिश की न्यायिक जांच कराने और जेल में बंद लोगों की जांच के लिए चिकित्सकीय बोर्ड के गठन की मांग भी की गई थी. (भाषा से भी इनपुट)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर किए ट्वीट के सिलसिले में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दिल्ली पुलिस ने थरूर, सरदेसाई, द कारवां और अन्य के खिलाफ 30 जनवरी को शहर के निवासी चिरंजीव कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया था, जिन्होंने दावा किया था कि थरूर और अन्य लोगों ने मध्य दिल्ली के आईटीओ में एक किसान की मौत पर लोगों को 'गुमराह' किया, जब हजारों किसानों ने इस क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया था।
इससे पहले, थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया था।
पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ ने भी गणतंत्र दिवस की हिंसा पर भ्रामक ट्वीट पोस्ट करने के आरोप में उनके खिलाफ दायर मामलों को चुनौती देने के लिए मंगलवार शाम को शीर्ष अदालत का रुख किया।
मध्य प्रदेश पुलिस ने भी इस संबंध में कथित भ्रामक ट्वीट्स को लेकर थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
26 जनवरी को, प्रदर्शनकारी किसानों का एक वर्ग अपनी ट्रैक्टर रैली के लिए सहमत मार्ग से भटक गया और राजधानी के कई हिस्सों में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 3 फरवरी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे. पी. नड्डा बुधवार को राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले दो दिवसीय दौरे पर केरल की राजधानी पहुंचे। केरल में अप्रैल महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। नड्डा चुनाव में पार्टी के लिए रणनीति विकसित करने के लिए वरिष्ठ भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेताओं के साथ बैठक सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। 2016 के चुनावों में भाजपा पहले से ही निमोम में अपना खाता खोल चुकी है और पार्टी न्यूनतम 10 से 15 सीटें जीतना चाहती है।
यही नहीं, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि पार्टी अप्रत्याशित रूप से प्रदर्शन करते हुए और अधिक सीटें जीतने में भी कामयाब हो जाए। पार्टी द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया है कि वह राज्य में न्यूनतम 10 सीटें जीत सकती है और अगर वह सभी सामाजिक और राजनीतिक कोणों को ध्यान में रखते हुए एक जमीन पर एक अच्छी लड़ाई लड़ती है तो पार्टी 25 सीटों पर भी जीत दर्ज कर सकती है।
नड्डा व्यापारिक नेताओं और राजधानी के अभिजात वर्ग के साथ रात्रिभोज की बैठक में भाग लेंगे। नड्डा मोदी सरकार को लेकर प्रतिक्रिया प्राप्त करेंगे और इसके साथ ही राज्य के सामने जो ज्वलंत मुद्दे हैं, उन पर भी चर्चा होगी।
आरएसएस नेतृत्व और गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत के दौरान राज्य पार्टी नेतृत्व नड्डा को प्रदेश में पार्टी द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में भी जानकारी देगा।
नड्डा गुरुवार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए त्रिशूर जाएंगे। वह गुरुवार को बाद में दिल्ली लौट जाएंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना को किसान प्रदर्शन के संबंध में ट्वीट करने के मामले में जांच में शामिल होने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी किया है। स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट ने यह नोटिस स्पेशल सेल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मद्देनजर जारी की है।
भयाना ने हाल ही में अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ ट्वीट्स पोस्ट किए थे, जो कथित रूप से फर्जी थे। पुलिस उनसे ट्वीट्स के स्रोत के बारे में जानना चाहती है।
दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 60 किसान नेताओं सहित 270 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। अपराध शाखा ने कई किसान नेताओं से फोन पर भी संपर्क किया है, उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद, पुलिस ने विभिन्न थानों में 44 मामले दर्ज करने के अलावा, दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। (आईएएनएस)
जींद (हरियाणा), 3 फरवरी | बीकेयू नेता राकेश टिकैत बुधवार को हरियाणा के जिंद में समर्थन जुटाने और किसान आंदोलन में तेजी लाने के लिए यहां एक किसान महापंचायत को संबोधित करने एक गांव पहुंचे, जहां उनका हजारों लोगों ने शानदार स्वागत किया और उनके साथ एकजुटता प्रदर्शित की। टिकैत के साथ प्रदेश भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी मौजूद थे।
'महापंचायत' के आयोजक कंडेला 'खाप' के अध्यक्ष टेक राम ने कहा कि सभी 'खाप' या सामुदायिक कोर्ट इसमें भाग ले रहे हैं।
उन्होंने मीडिया को बताया, "हमने 50,000 लोगों की उपस्थिति के लिए व्यवस्था की है।"
'महापंचायत' में भाग लेने से एक दिन पहले टिकैत ने कहा कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान सरकार की बात नहीं मानेंगे, तो अखिल भारतीय ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।
इससे पहले भी कंडेला किसानों के आंदोलन का केंद्र रहा है। किसानों ने 2002 में कंडेला से बिजली बकाया की माफी की मांग को लेकर आंदोलन चलाया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | राज्यसभा में बुधवार को तीनों किसान कानूनों पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने केंद्र सरकार पर किसानों के मसले पर संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की बात मान ली होती तो आज यह संकट न खड़ा होता। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर देश की पार्लियामेंट और पाकिस्तान बार्डर से भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था क्यों है? क्या किसान दिल्ली पर हमला करने वाले हैं? समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने बुधवार को कृषि कानूनों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "अगर डेढ़ साल तक कानूनों को होल्ड करने के लिए सरकार राजी है तो फिर तीनों कानूनों को इस सत्र में खत्म कर नए बिल लाकर उसे स्टैंडिंग कमेटी के माध्यम से क्यों नहीं पास कराया जाता। अगर तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की आपने विपक्ष की मांग मान ली होती तो यह संकट न आता।"
सपा सांसद ने कहा कि हमारे किसान कई महीनों से बैठे हुए हैं। सर्दी, भूख और अन्य कारणों से तमाम किसानों की जान जा चुकी है। सरकार ऐसी निर्दयी और बेहरम हो गई है कि उसके ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर सड़कों पर कील लगाने और कंक्रीट की दीवारें बनाए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "दिल्ली-गाजीपुर, टीकरी हो या सिंधु बोर्डर हो। सड़क खोदकर कंक्रीट की दीवारें बना दी गई हैं। इतनी सुरक्षा तो हमारी पार्लियामेंट में भी नहीं है। पाकिस्तान बॉर्डर गया हूं, वहां भी इतनी सुरक्षा नहीं है।"
राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा, "मेरा ये सवाल है कि आप कहते हैं कि हम किसानों के लिए कानून लाएं। किसान कहते हैं कि हमारे लिए ठीक नहीं है तो फिर आप क्यों कानूनों को थोप रहे हो। आर्डिनेंस आ गए थे जून में। बाद में विधेयक आया। मैं आपको एमएसपी का उदाहरण देता हूं। पिछले साल जब अध्यादेश नहीं आया था, तब हमारे यहां मक्का का भाव 22 सौ रुपये क्विंटल था। जब अध्यादेश लागू कर दिया तो 11 सौ रुपये क्विंटल हो गया, जबकि मक्के की एमएसपी की हाईब्रिड की 2660 रुपये और सामान्य मक्का की 1860 रुपये प्रति क्विंटल है।" (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 3 फरवरी | केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व मुख्य सचिव, एम. शिवशंकर को डॉलर की तस्करी के मामले में एर्नाकुलम स्थित आर्थिक अपराध विशेष अदालत से जमानत मिल गई। वरिष्ठ नौकरशाह को पहले ही सोने की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जमानत मिल चुकी है।
तीसरे मामले में, उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में डॉलर की तस्करी के लिए आरोपी बनाया गया था। कस्टम की दलीलों पर उनकी कानूनी टीम द्वारा बहस किए जाने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
शिवशंकर 98 दिनों के बाद बुधवार को एर्नाकुलम की कक्कानाड सब-जेल से बाहर आएंगे। उन्हें 2 लाख रुपये के बांड और इचनी ही राशि के दो व्यक्तिगत प्रतिभूतियों को भरने के बाद जमानत दी गई। उन्हें हर सोमवार को जांच अधिकारी के सामने भी उपस्थित होना होगा।
शिवशंकर मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रभावशाली नौकरशाह थे। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और माकपा नौकरशाह से दूरी बना चुके हैं। पहली आरोपी स्वप्ना प्रभा सुरेश और दूसरा आरोपी पी.एस. सरिथ अभी भी जेल में हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 3 फरवरी | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उन्हें किसानों की एक सूची मिली है, जिन्हें गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद दिल्ली में विभिन्न जेलों में डाल दिया गया था। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि आंदोलनकारी किसान नेताओं के एक समूह ने मंगलवार शाम को उनसे संपर्क किया और इन लापता किसानों को खोजने में मदद मांगी।
दिल्ली सरकार ने एक सूची भी सर्कुलेट की है, जिसमें 115 किसानों के नाम हैं, जो कथित रूप से लापता थे।
उन्होंने कहा, "किसान नेताओं के एक समूह ने इन लापता किसानों को खोजने के लिए दिल्ली सरकार की मदद लेने के लिए कल मुझसे संपर्क किया। इन किसानों के परिजन तनावग्रस्त हैं और वे उनसे संपर्क करने में सक्षम नहीं हैं। दिल्ली सरकार उन लापता किसानों के नाम प्रसारित कर रही है, जो राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग जेलों में बंद हैं।"
इस बीच, केजरीवाल ने किसानों को भरोसा दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्र से मिलकर इन किसानों को उनके परिवारों से मिलवाएंगे। (आईएएनएस)
भोपाल, 3 फरवरी | केद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन चल रहा है, दिल्ली के करीब उनका डेरा है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेष के कृषि मंत्री कमल पटेल इन कानूनों के समर्थन में मुहिम चलाए हुए हैं और अब वे कानून का विरोध करने वाले किसानों की सद्बुद्धि के लिए उपवास करने वाले हैं। किसान नेताओं ने इस उपवास पर तंज सकते हुए कहा कि सत्य के खिलाफ बोलने वालों का क्या हश्र हुआ इससे सीख लें पटेल तो अच्छा होगा। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते दो माह से ज्यादा समय से किसान आंदोलनरत हैं। किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को रद्द कर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरुप दिया जाए। देश के विभिन्न हिस्सों के साथ दिल्ली में यह आंदोलन व्यापक स्तर पर चल रहा है, मगर मध्य प्रदेश में हल्के-फुल्के आंदोलन चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शिवराज सरकार के कृषि मंत्री पटेल कृषि कानूनों के समर्थन में आंदोलन चलाए हुए हैं।
पटेल ने कृषि कानूनों को किसान हित में बताते हुए किसान संगठनों और आंदोलन का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों की सद्बुद्धि के लिए चार फरवरी को हरदा में नर्मदा नदी के नाभि स्थल पर उपवास रखने का ऐलान किया है।
पटेल ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और इस आंदोलन को हवा दे रहे राजनीतिक संगठनों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है और ऐलान किया है कि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं की सद्बुद्धि के लिए वह 4 फरवरी को हरदा में मां नर्मदा के नाभि स्थल पर एक दिन का उपवास रखकर प्रार्थना करेंगे।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार गांव में संपत्ति का स्वामित्व दिया गया है, कृषि कानून बनाकर किसानों को उद्योग, व्यापार के क्षेत्र में बराबरी पर लाने का प्रयास किया गया है, इसमें व्यवधान डालने से बाज आना चाहिए, देश तरक्की की राह पर है इसे चलने देना चाहिए।
पटेल इससे पहले किसान कानूनों की खूबियां बताने के लिए गांव-गांव में चौपाल लगा चुके हैं। इतना ही नहीं वे लगातार किसानों को कानून की खूबियां बता रहे हैं। वहीं विरोध करने वालों से खुली बहस को तैयार हैं। उनका कहना है कि कानूनों मंे कोई कमी लगती है तो केंद्र सरकार इसमें संशोधन को भी तैयार है।
कृषि मंत्री पटेल के उपवास को लेकर किसान नेता केदार शंकर सिरोही ने कहा, सत्य के खिलाफ, मंदसौर किसान आंदोलन को दबाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज ने उपवास किया। नतीजा-भाजपा हार गई।
सत्य के खिलाफ इमरती देवी ने ग्वालियर में उपवास किया। नतीजा- इमरती हार गई। अब सत्य के खिलाफ, देश के किसान आंदोलन को दबाने के लिए जाट नेता कृषि मंत्री कमल पटेल मां नर्मदा की गोद मे उपवास करने वाले हैं, नतीजा क्या होगा? मां नर्मदा जाने। (आईएएनएस)
पुणे (महाराष्ट्र) 3 फरवरी | एक राजनीतिक उठापटक के बीच, महाराष्ट्र पुलिस ने छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ विवादास्पद हिंदू-विरोधी बयान, अन्य टिप्पणियों और सांप्रदायिक भावना भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। बुधवार सुबह स्वारगेट पुलिस स्टेशन ने मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के सचिव, एडवोकेट प्रदीप गावड़े की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की।
30 जनवरी को यहां आयोजित एल्गार परिषद में बोलते हुए, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक पूर्व छात्र नेता उस्मानी ने कुछ टिप्पणी की थी, जिसके बार में शिकायतकर्ता ने कहा कि हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है।
उस्मानी ने अन्य बातों के अलावा कहा, "आज का हिंदू समाज हिंदुस्तान में बुरी तरह सड़ चुका है।"
इन टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति के साथ शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद स्वारगेट पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की, जो सांप्रदायिक घृणा फैलाने से संबंधित है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (विधानसभा) और प्रवीण दरेकर (परिषद) ने मांग करते हुए कहा कि उस्मानी पर उनके बयानों के लिए राजद्रोह के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
भाजपा ने एक अल्टीमेटम में चेतावनी भी दी कि अगर 48 घंटे के भीतर उस्मानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने भी उस्मानी के बयान पर नाराजगी जताई, जबकि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आश्वासन दिया था कि अगर छात्र नेता के बयानों में कुछ भी आपत्तिजनक पाया गया, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
उस्मानी को इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2019 में सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान एएमयू परिसर के बाहर हुई झड़पों में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 3 फरवरी | जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि सीआईडी केंद्रीय एजेंसियों की सूची में शामिल हो गई है। ये एजेंसी कश्मीरियों को आतंकित करने और उन्हें झूठा फंसाने का काम करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिरासत में लिए गए पीडीपी नेता वहीद पारा को झूठे आरोपों को स्वीकार करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।
महबूबा ने ट्वीट किया, जम्मू-कश्मीर सीआईडी उन केंद्रीय एजेंसियों की सूची में शामिल हो गई है जो कश्मीरियों को आतंकित करने और उन्हें झूठा फंसाने का काम करती हैं। पारा के खिलाफ आरोपों को विफल करने में नाकाम रहने के बाद, सीआईडी ने एसआईटी की जगह ली, क्योंकि उनके मनगढ़ंत आरोपों को मानने से इनकार कर दिया है।
वहीद को झूठे आरोपों को स्वीकार करने के लिए सताया और प्रताड़ित किया जा रहा है। चूंकि उन्होंने स्वीकार नहीं किया, इसलिए उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रखा जा रहा है। यह जांच राजनीतिक रूप से प्रेरित है।
जनवरी में एनआईए अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद पारा को हिरासत में लिया गया था।
उन्हें 25 नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व पुलिस अधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)