राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 17 अगस्त। पश्चिम बंगाल में एक और कार्यकर्ता की हत्या की घटना पर भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह से राज्य में विपक्षी नेताओं पर लगातार हमले की घटनाएं हो रहीं हैं, उससे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को बगैर राष्ट्रपति शासन के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से नहीं कराया जा सकता।
स्वतंत्रता दिवस के दिन हुगली जिले के आरमबाग में 40 वर्षीय बीजेपी कार्यकर्ता सुदर्शन प्रमाणिक की तिरंगा फहराने को लेकर हुए हुई हत्या की घटना ने पार्टी नेताओं को आक्रोशित कर दिया है। भाजपा ने सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट से सांसद राजू बिष्ट ने यहां राजधानी में आईएएनएस से कहा, जिस तरह से हेमताबाद विधायक देबेंद्र नाथ के बाद पार्टी कार्यकर्ता सुदर्शन की हत्या हुई। उससे इन परिस्थितियों में अगले साल संभावित विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से नहीं हो सकता। लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराना है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना ही एकमात्र विकल्प है।
उन्होंने कहा कि हिंसक घटनाओं से जूझ रहे राज्य के हालात के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से संज्ञान में लेने का अनुरोध किया है। ताकि इस दिशा में ठोस कदम उठाकर पार्टी कार्यकतार्ओं के जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि भय और आतंक के माहौल में लोकतंत्र नहीं पनप सकता। पश्चिम बंगाल में खतरनाक स्थिति है। लगातार हमले के कारण पार्टी के जमीनी कार्यकतार्ओं के मनोबल पर असर पड़ रहा है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस हिंसा के जरिए राज्य पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है। इस नाते राष्ट्रपति शासन लगना जरूरी है।(IANS)
उज्जैन, 17 अगस्त। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में खुद को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) बताकर लोगों पर धौंस जमाने वाले अधेड़ को पुलिस ने दबोच लिया है। उसके घर से सौ से ज्यादा पासबुक बरामद की गई हैं। विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) के पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि अमलाहा टोल बैरियर पर एक व्यक्ति के खुद को आईपीएस बताकर धमकाने की शिकायत मिली। वह इस टोल बैरियर पर तीन से चार लोगों को नौकरी पर रखने का दवाब बना रहा था। वह खुद को विपिन माहेश्वरी बता रहा था, जबकि उसकी पहचान ज्योतिर्मय विजयवर्गीय के तौर पर हुई है।
गर्ग के अनुसार, वह इंदौर से भोपाल जाते समय तमाम टोल बैरियरों पर खुद को आईपीएस विपिन माहेश्वरी बताता था। उसके खिलाफ भोपाल में मामला भी दर्ज है। आरोपी के घर से सौ पासबुक बरामद की गई हैं। बैंक अकाउंट उसकी पत्नी और नौकर आदि के नाम पर हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इस अधेड़ का रहन-सहन शाही है। वह फॉच्र्युनर कार से चलता है, जिस पर आसानी से कोई शक भी नहीं कर सकता। उसके माता-पिता देवास में रहते हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 17 अगस्त। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार को उनके जन्मदिन पर 30 हजार ऑक्सीमीटर दान में मिले। इन ऑक्सीमीटरों का इस्तेमाल अब देशभर के विभिन्न गांवों में लोगों के ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए किया जाएगा। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर कोरोना के संक्रमण का खतरा रहता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "हमें दान में 30,000 ऑक्सीमीटर देकर लोगों ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं इससे अभिभूत हो गया हूं। अब 30,000 गांवों में ऑक्सीजन जांच केंद्र स्थापित किए जा सकेंगे।"
केजरीवाल और उनकी पार्टी के मुताबिक, इन ऑक्सीमीटरों का इस्तेमाल किए जाने से पहले गांव में रहने वाले युवाओं को इनके इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद गांव के युवा गांव के अंदर ही ऑक्सी केंद्र स्थापित करेंगे। सेनिटाइज करके एक ऑक्सीमीटर का उपयोग कई लोग कर सकेंगे।
16 अगस्त केजरीवाल का जन्मदिन है। हालांकि इस बार उन्होंने जन्मदिन न मनाने का फैसला किया है। बावजूद इसके, मुख्यमंत्री अपने समर्थकों से गिफ्ट लेने को राजी हैं। यह गिफ्ट कुछ और नहीं, बल्कि कोरोना रोगियों के उपचार में काम आने वाला ऑक्सीमीटर है। मुख्यमंत्री ने लोगों से ऑक्सीमीटर दान देने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं जन्मदिन नहीं मना रहा हूं। इसलिए आप लोगों को केक नहीं खिलाऊंगा, लेकिन आप लोगों से मुझे गिफ्ट चाहिए और वह गिफ्ट यही है कि जो लोग जितने ऑक्सीमीटर आम आदमी पार्टी को दान कर सकते हैं, दान कीजिए।"
मुख्यमंत्री को ऑक्सीमीटर दान करने के लिए कई व्यक्ति आगे आए हैं। इसमें अमृतसर से डॉ. निज्झर 500 ऑक्सीमीटर दान कर रहे हैं। इसी तरह मीना और अजय मित्तल 500, बेंगलुरू से मोहन दसारी 250 और लखनऊ के वैभव महेश्वरी 300 ऑक्सीमीटर दान दे रहे हैं। इसके अलावा भी बहुत से लोग ऑक्सीमीटर दान करने के लिए आगे आए हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 17 अगस्त। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि से कुछ दिन पहले, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु राय ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने नेताजी के सभी फाइलों को अभी तक अवर्गीकृत(डिक्लासिफाइड)नहीं किया है। साथ ही उन्होंने देश के महान स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ कथित रूप से साजिश रचने के लिए जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर राय बोस के मामले संसद के अंदर और बाहर भी लगातार उठाते रहे हैं। उन्होंने आईएएनएस से इस मुद्दे पर खुल कर अपना पक्ष रखा।
यहां साक्षात्कार के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।-
प्रश्न : नेताजी के गायब होने के 75 वर्ष बाद, आपको लगता है कि उनके साथ क्या हुआ था, वह हमें पता है?
उत्तर : सालों से सच्चाई बाहर नहीं आने के लिए एक ठोस साजिश रची गई। मैं ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और जापान के गुप्त रखे गए फाइलों को अवर्गीकृत करने की मांग करना चाहूंगा। उन्होंने इसे क्यों नहीं किया? मैं इस सूची में वियतनाम का भी नाम जोड़ना चाहूंगा।
प्रश्न : क्या आप यह सुझाव दे रहे हैं कि नेताजी से संबंधित फाइलों को अवर्गीकृत करने के लिए उन सरकारों को कहना चाहिए?
उत्तर : ब्रिटेन ने कुछ फाइलों को जारी किया था, लेकिन 2000 में वर्गीकृत फाइलों को जारी करने की तिथि 2025 तक बढ़ा दी, जब उन्हें इन फाइलों को अवर्गीकृत करना था। इसलिए इस बात की क्या गारंटी है कि जब 2025 आएगा तो वह इसे 2050 तक नहीं बढ़ा देंगे। 3-4 पीढ़ी के बाद, कोई भी यह जानने में रूचि नहीं लेगा कि नेताजी के साथ क्या हुआ था। यहीं उनका आइडिया है।
प्रश्न : आपके अुनसार इसका समाधान क्या है?
उत्तर : मैंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था। उन्होंने राज्यसभा में बताया था कि अमेरिका ने बिखरे हुए रिकार्ड का हवाला देकर इसमें अपनी अक्षमता की सूचना दी है। जब हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और जब सारी सूचनाएं एक माउस पर उपलब्ध है, अमेरिका 'बिखरे हुए रिकार्ड' का हवाला देना हास्यास्पद है। ब्रिटेन ने कहा है उन्होंने उन फाइलों को अवर्गीकृत कर दिया है जिसे वह उचित मानते हैं। जापान ने कोई जवाब नहीं दिया है। मैंने सुषमा जी को फिर से सभी विदेशी सरकारों से आग्रह करने के लिए कहा। लेकिन एक सांसद क्या कर सकता है, जब अन्य किसी सांसदों को इससे कोई मतलब नहीं है। किसी भी सांसद की इसमें रूचि नहीं है।
प्रश्न : चलिए अब घर पर आते हैं, भारत ने नेताजी की फाइलों को अवर्गीकृत कर दिया है। इससे बहुत सारी अज्ञात सच्चाई बाहर आई है। क्या आप इससे सहमत नहीं है?
उत्तर : मैं चुनौती देता हूं कि भारत ने नेताजी की सभी फाइलों को अवर्गीकृत नहीं किया है। अभी भी नेताजी से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय और पीएमओ में पड़ा हुआ है।
प्रश्न : आपने साजिश की बात की है। क्या आप इसे विस्तार से बता सकते हैं?
उत्तर : इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) की वजह से भारत आजाद हुआ। आईएनए के कई जवानों को भारत के कैंपों में बंद रखा गया और अन्य को रेड फोर्ट में रखा गया। लोग नेताजी का नारा लगाते हुए इंतजार कर रहे थे। जवाहर लाल नेहरू ने कभी अपने जीवन में लॉ की प्रैक्टिस नहीं की थी, वह तेज बहादुर सप्रू के साथ केवल आईएनए की तरफ दिखने के लिए आईएनएस जवानों को बचाने गए। नेहरू केवल वहां पब्लिसिटी के लिए गए थे। साजिश बहुत पुरानी है। शहनवाज समिति का गठन क्यों किया गया? क्यों पूर्व आईएनए सदस्य द्वारा जांच किया गया? जिस समय जांच हो रही थी, उसे क्यों केंद्र सरकार में उप मंत्री बनाया गया।(IANS)
संदीप पौराणिक
भोपाल 16 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में वादा तो कांग्रेस ने किया था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाई, वहीं भाजपा के सत्ता में लौटते ही पार्टी के भीतर से ही विधान परिषद के गठन की आवाजें उठने लगी हैं।
राज्य की सत्ता में लौटी भाजपा अपने नेताओं को विभिन्न स्थानों पर समायोजित करने के रास्ते खोज रही है, उसके पास फिलहाल निगम-मंडलों के साथ सहकारी समितियों में नियुक्ति के अवसर हैं। इसके बावजूद कई ऐसे नेता है जो बड़ी जिम्मेदारी चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए बेहतर जगह विधान परिषद हो सकती है और पार्टी में इसको लेकर मंथन भी चल रहा है।
पार्टी में एक तरफ जहां विधान परिषद को लेकर मंथन हो रहा है तो दूसरी ओर नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ हितेष वाजपेई ने तो विधान परिषद बनाने की वकालत ही कर दी। उनका कहना है, अब वक्त आ गया है जब हमें मध्य प्रदेश में विधान परिषद के गठन पर आगे बढ़ना चाहिए।
आईएएनएस से बात करते हुए बाजपेई ने कहा राजनीति में फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिटस्टम जो है वो लोकतंत्र के लिए चुनौती बन गया है। भाजपा को कोई और नेता इस पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
वाजपेई के इस बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार कांग्रेस से बगावत करके आए 25 तत्कालीन विधायकों की मदद से बनी है। पहले 22 विधायक और फि र एक-एक करके तीन विधायक भाजपा में आए। सरकार बनाने में मदद करने वालों को पार्टी ने सरकार में बड़ी हिस्सेदारी दी है। इसके साथ ही आगामी समय में निगम मंडलों में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए लोगों को समायोजित किया जाना है। ऐसे में पार्टी के कई दावेदारों का हक प्रभावित हो सकता है और इसीलिए विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि राज्य में विधान परिषद के गठन का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ज्ञात हो कि राज्य में में डेढ़ दशक तक भाजपा का शासन रहा और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी। राज्य में 15 माह तक कांग्रेस की सरकार रही और अंतर्द्वद के चलते सरकार गिर गई। भाजपा फिर सत्ता में आई है और राज्य में 27 स्थानों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में से 25 ऐसे स्थान हैं जहां से भाजपा दलबदल करके आने वालों को चुनाव लड़ाने वाली है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीतने वाले अब भाजपा के उम्मीदवार के रुप में उप-चुनाव लड़ने वाले हैं, इससे पार्टी के भीतर असंतोष पनप रहा है। इस असंतोष को दबाने के लिए पार्टी लगातार नए उपाय खोज रही है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिह यादव का कहना है कि भाजपा में असंतोष है क्योंकि दल बदलुओं को महत्व मिल रहा है। आगामी समय में होने विधानसभा के उप-चुनाव में भाजपा को हार दिख रही है, इसलिए वह विधान परिषद के गठन की बात कर रही है। कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भाजपा विधान परिषद का विरोध करती थी, अब विधान परिषद की पक्षधर हो गई है। वास्तव में भाजपा मौका परस्तों की पार्टी है।
राजनीतिक विश्लेषक और संविधान के जानकार गिरजा शंकर का कहना है कि राज्य में विधान परिषद की कोई आवश्यकता नहीं है। जिन राज्यों में परिषद है उनका क्या हाल है इसे देख लेना चाहिए, हां यह राजनीतिक तौर पर पुनर्वास का एक स्थान जरूर हो सकता है। अन्य राज्यों में यह राजनीतिक पुर्नवास के केंद्र में बदल चुके है।
संदीप पौराणिक
भोपाल 16 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में वादा तो कांग्रेस ने किया था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाई, वहीं भाजपा के सत्ता में लौटते ही पार्टी के भीतर से ही विधान परिषद के गठन की आवाजें उठने लगी हैं।
राज्य की सत्ता में लौटी भाजपा अपने नेताओं को विभिन्न स्थानों पर समायोजित करने के रास्ते खोज रही है, उसके पास फिलहाल निगम-मंडलों के साथ सहकारी समितियों में नियुक्ति के अवसर हैं। इसके बावजूद कई ऐसे नेता है जो बड़ी जिम्मेदारी चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए बेहतर जगह विधान परिषद हो सकती है और पार्टी में इसको लेकर मंथन भी चल रहा है।
पार्टी में एक तरफ जहां विधान परिषद को लेकर मंथन हो रहा है तो दूसरी ओर नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ हितेष वाजपेई ने तो विधान परिषद बनाने की वकालत ही कर दी। उनका कहना है, अब वक्त आ गया है जब हमें मध्य प्रदेश में विधान परिषद के गठन पर आगे बढ़ना चाहिए।
आईएएनएस से बात करते हुए बाजपेई ने कहा राजनीति में फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिटस्टम जो है वो लोकतंत्र के लिए चुनौती बन गया है। भाजपा को कोई और नेता इस पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
वाजपेई के इस बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार कांग्रेस से बगावत करके आए 25 तत्कालीन विधायकों की मदद से बनी है। पहले 22 विधायक और फि र एक-एक करके तीन विधायक भाजपा में आए। सरकार बनाने में मदद करने वालों को पार्टी ने सरकार में बड़ी हिस्सेदारी दी है। इसके साथ ही आगामी समय में निगम मंडलों में भी पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए लोगों को समायोजित किया जाना है। ऐसे में पार्टी के कई दावेदारों का हक प्रभावित हो सकता है और इसीलिए विधान परिषद के गठन की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि राज्य में विधान परिषद के गठन का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ज्ञात हो कि राज्य में में डेढ़ दशक तक भाजपा का शासन रहा और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी। राज्य में 15 माह तक कांग्रेस की सरकार रही और अंतर्द्वद के चलते सरकार गिर गई। भाजपा फिर सत्ता में आई है और राज्य में 27 स्थानों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में से 25 ऐसे स्थान हैं जहां से भाजपा दलबदल करके आने वालों को चुनाव लड़ाने वाली है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीतने वाले अब भाजपा के उम्मीदवार के रुप में उप-चुनाव लड़ने वाले हैं, इससे पार्टी के भीतर असंतोष पनप रहा है। इस असंतोष को दबाने के लिए पार्टी लगातार नए उपाय खोज रही है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिह यादव का कहना है कि भाजपा में असंतोष है क्योंकि दल बदलुओं को महत्व मिल रहा है। आगामी समय में होने विधानसभा के उप-चुनाव में भाजपा को हार दिख रही है, इसलिए वह विधान परिषद के गठन की बात कर रही है। कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब भाजपा विधान परिषद का विरोध करती थी, अब विधान परिषद की पक्षधर हो गई है। वास्तव में भाजपा मौका परस्तों की पार्टी है।
राजनीतिक विश्लेषक और संविधान के जानकार गिरजा शंकर का कहना है कि राज्य में विधान परिषद की कोई आवश्यकता नहीं है। जिन राज्यों में परिषद है उनका क्या हाल है इसे देख लेना चाहिए, हां यह राजनीतिक तौर पर पुनर्वास का एक स्थान जरूर हो सकता है। अन्य राज्यों में यह राजनीतिक पुर्नवास के केंद्र में बदल चुके है।
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) का मानना है कि किसी लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रहित और जनहित से जुड़े विषयों पर सरकारों के सामने आवाज उठानी चाहिए। जनप्रतिनिधि, अगर जन हितों को लेकर उदासीन हैं तो उन पर भी दबाव की ताकत का प्रयोग करना चाहिए। आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों में से एक और संगठन के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों को सचेत भी किया कि वे संगठन की ताकत का इस्तेमाल हमेशा सत्य और जनहित में करें। दत्तात्रेय होसबोले ने ताकत के इस्तेमाल को अंतिम अस्त्र बताते हुए कहा है कि इसके प्रयोग से पहले संवाद से समस्याओं को सुलझाने पर जोर दें।
दरअसल, भारतीय मजदूर संघ की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कई पदाधिकारियों की ओर से देश हित में सरकार, जनप्रतिनिधियों और जनसंगठनों की भूमिका से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने ये बातें कहीं। भले ही यह कार्यक्रम भारतीय मजदूर संघ का था, मगर माना जा रहा है कि दत्तात्रेय होसबोले का यह बयान संघ के सभी सहयोगी संगठनों के लिए एक अहम सुझाव है।
दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी लेक्च र सीरीज के तहत शनिवार को आयोजित हुए इस चर्चा सत्र के आखिर में दत्तात्रेय होसबोले ने पदाधिकारियों के सवालों का जवाब दिया था। इस दौरान भारतीय रेलवे मजदूर संघ के पदाधिकारी अशोक शुक्ला ने संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से पूछा था कि सरकार पॉलिसी के बारे में सामाजिक संगठनों की जगह सांसदों और जनप्रतिनिधियों से वार्ता करने को प्राथमिकता देती है। लेकिन जिस सांसद की पृष्ठिभूमि श्रमिक या किसान की न रही हो, वह भला कैसे उनका प्रतिनिधित्व कर सकता है?
इस सवाल का जवाब देते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने कहा लोकतंत्र में किसान, मजदूर, महिला और विद्यार्थियों के जनसमूह की आवाज जितनी मजबूत होती है, लोकतंत्र में उस पर सरकार को विचार करना होता है। लेकिन आवाज उठाने के साथ यह भी देखना होगा कि सत्य क्या है, हितकारी क्या है, इस पर भी चर्चा होनी जरूरी है।
जनप्रतिनिधियों से जुड़े सवाल पर दत्तात्रेय ने कहा, "उन्हें जनहित में काम करने के लिए दबाव में लाने का काम आपका है। इसके लिए लोकतंत्र में आपको कई औजार और मार्ग बताए गए हैं। आंदोलन करना, आवाज उठाना मार्ग है। अपने ताकत और बल पर आवाज उठाना चाहिए। लेकिन अंतिम अस्त्र का पहले दिन ही प्रयोग नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में संवाद ही सबसे बड़ा अस्त्र है।"
संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने इस दौरान सरकारों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "कोई भी सरकार हो, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस की, सभी सरकारें एक दायरे में काम करतीं हैं। अब सरकारों को इस दायरे से बाहर लाने के लिए कई व्यवस्थाएं हैं- जनसंगठन, मीडिया, न्यायालय इस काम को कर सकते हैं। दस मीडिया में संपादकीय आ गया तो सरकार भी संबंधित विषय पर सोचती है। न्यायालय के निर्णय पर भी सरकार काम करती है।"
उन्होंने कहा कि जन संगठन, मीडिया, अदालत कई मार्ग हैं, जिनका उपयोग करना चाहिए। लेकिन, कब और कौन सी चीज का उपयोग करना है, यह अपने विवेक पर निर्भर करता है। विजडम(बुद्धिमानी) और स्ट्रेटजी(रणनीति) बहुत महत्वपूर्ण है।
इससे पूर्व भारतीय मजदूर संघ की जम्मू-कश्मीर इकाई के महामंत्री अशोक चौधरी के सवाल पर दत्तात्रेय होसबोले ने कहा था कि देशहित, उद्योग और श्रमिक हित में दबाव की ताकत का प्रयोग कर सकते हैं। जरूरी विषयों पर आवाज उठानी भी चाहिए। ताकत है तो चुप भी नहीं रहना है, लेकिन ताकत का दुरुपयोग भी नहीं करना है।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस) | हवाला रैकेट से जुड़े चीनी नागरिक को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार गिरफ्त में आया चीनी शख्स तिब्बती लामाओं को रिश्वत दे रहा था और उनसे दलाई लामा और उनके एसोसिएट्स की जानकारी जुटा रहा था. इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार दिल्ली के मजनू के टीला इलाके के आस-पास रहने वाले कई लोगों को 2 से 3 लाख रुपये दिए गए हैं. इन लोगों को पहचाने की कोशिश की जा रही है. बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को इनकम टैक्स के छापेमारी के दौरान लुओ संग को गिरफ्तार किया गया जोकि भारत में फर्जी तरीकों से चार्ली पेंग के नाम से रह रहा था. दिल्ली पुलिस के अनुसार यह जासूसी के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर था.
जांच में सामने आया है कि लुओ संग 2014 में अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था. भारत में आने के बाद लुओ संग ने मिजोरम की एक महिला से शादी की और मणिपुर से भारत की नागरिकता हासिल कर जाली पारसपोर्ट भी बनवा लिया. इसके बाद लुओ ने चार्ली पेंग के नाम से आधार और पैन कार्ड भी बना लिया. आयकर विभाग ने जांच कर रही अन्य एजेंसियों को बताया है कि तिब्बती लामाओं को रिश्वत की रकम लुओ संग के दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों को दी गई है. विभाग ने बताया कि कोरियर कंपनी ने स्वीकार किया है कि उसके जरिए नकदी का लेन-देन किया गया है.
सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा गैंग बातचीत के लिए चीनी एप 'We Chat' का इस्तेमाल करता था. विभाग दिल्ली में रहने वाले उसे चार्टेड अकाउंटेंट की भी तलाश में जुटी है, जिसकी मदद से मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया. इसके अलावा उस शख्स से पूछताछ की जा रही है जो 40 बैंक अकाउंट हैंडल कर रहा था, उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन्हीं 40 बैंक अकाउंट के माध्यम से 300 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है. लेन-देन के लिए कुछ चीनी फर्मों का इस्तेमाल किया गया है, इनमें से कुछ का पता लगाया जा चुका है.
विभाग के सूत्रों ने बताया कि इनमें से कई लेन-देन हांग-कांग के जरिए किए गए हैं. इसकी चर्चा वी चैट पर भी की गई थी. फिलहाल आयकर विभाग ने चीनी नागरिक से जुड़े तमाम बैंक अकाउंट्स को सीज कर दिया है. उन्हें संदेह है कि इस मनी लॉन्ड्रिंग में बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं.
इनकम टैक्स विभाग ने अपनी जांच में पाया है कि कई बड़ी चीनी कंपनियों के द्वारा छोटी चीनी कंपनियों के फर्जी परचेसिंग ऑर्डर जारी किए गए. जिनके आधार पर छोटी कंपनियों ने फर्जी बिल तैयार किए थे बताते चलें. पिछले हफ्ते आयकर विभाग ने इस केस को लेकर दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में छापेमारी की थी.
लखनऊ, 16 अगस्त (आईएएनएस) | उत्तर प्रदेश में एक किशोर लड़की का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें लड़की ने आरोप लगाया है कि गोविंद नगर पुलिस स्टेशन के एक इंस्पेक्टर ने उससे एफआईआर दर्ज करने के एवज में डांस करने के लिए कहा। लड़की अपने मकान मालिक के भतीजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए गई थी। 16 वर्षीय लड़की ने वीडियो में आरोप लगाया कि निरीक्षक ने उसे पुलिस स्टेशन में बुलाया और उसे उसके सामने डांस करने के लिए कहा।
खबरों के मुताबिक, लड़की अपने परिवार के साथ गोविंद नगर के डाबौली पश्चिम क्षेत्र में किराए के मकान में रहती है। लड़की का परिवार ‘जागरण’ पार्टियां करके अपना पेट पालता है। उन्होंने कहा कि वे मकान मालिक के भतीजे के खिलाफ लड़की से छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराने गए थे। इसके अलावा उन्हें कुछ दिन पहले घर के किराए के हिस्से से जबरन बाहर निकाला गया था।
लड़की की मां ने कहा कि मकान मालकिन का भतीजा आरोपी अनूप यादव 26 जुलाई को उनके घर में घुस गया और उन पर हमला कर दिया। लड़की की मां ने कहा, “7 अगस्त की रात को फिर से मेरी बेटी के साथ छेड़छाड़ की गई जब वह बाजार से घर वापस आ रही थी। फिर बेटी ने गोविंद नगर के इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा से संपर्क किया, उसने मेरी बेटी से कहा कि पहले मेरे सामने डांस करो तब वह उसकी शिकायत दर्ज करेगा।”
गोविंद नगर अधिकारी विकास कुमार पांडेय ने कहा कि एक मकान पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले से ही विवाद चल रहा था। पांडे ने आगे कहा, “आरोपों में कोई दम नहीं है। प्रथम दृष्टता में यह प्रतीत होता है कि लड़की ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए वीडियो वायरल किया है। हालांकि, इस संबंध में एक जांच चल रही है।”
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्त को पुण्यतिथि मनाई जाती है और इस बीच जापान के एक मंदिर में रखी राख को भारत वापस लाकर उसका डीएनए टेस्ट कराने की मांग ने जोर पकड़ा है जिसे नेताजी की बताया जाता है। यह आवाज उठाने वालों में नेताजी के पौत्र चंद्र कुमार बोस शामिल हो गए हैं जिनका कहना है कि अगर डायनासोर के कंकाल का टेस्ट हो सकता है तो भारत सरकार को कौन सी बात इससे रोक रही है कि इस राख के डीएनए का मिलान नेताजी के रिश्तेदारों से कर लिया जाए? चंद्र कुमार बोस ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में एक भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा, "नेताजी की इकलौती बेटी अनीता बोस ने उनकी राख का परीक्षण कराने और उसे देश में लाने की मांग करते हुए एक पत्र लिखा था जिस पर डॉ. द्वारकानाथ बोस और अर्धेंदु बोस ने भी हस्ताक्षर किए थे। वे बोस परिवार में सबसे वरिष्ठ हैं। लेकिन, हमें उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। मैंने कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय में इस बारे में पूछा, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यह पत्र मिला है लेकिन अब तक उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।"
इस बारे में उनकी क्या उम्मीदें हैं, इस पर उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री एक आदेश जारी करेंगे ताकि रेंको-जी मंदिर में रखी राख का डीएनए परीक्षण किया जा सके। बोस परिवार के ब्लड सैंपल का एनॉलिसिस न्यायमूर्ति मुखर्जी आयोग के पास उपलब्ध है, जो कि इस मामले की जांच कर रहा था। अब भी नमूने मांगे जाएंगे तो हम देने के लिए तैयार हैं। अब विज्ञान बहुत तरक्की कर चुका है। आज जबकि डायरनासोर के कंकाल का भी डीएनए टेस्ट हो रहा है तो यदि नेताजी की राख में कोई डीएनए उपलब्ध है, तो हमें इसे जांचना चाहिए और उसका बोस परिवार के रक्त के नमूनों के साथ मिलान करना चाहिए, ताकि हमें पता चले कि क्या हुआ था।"
संबंधित फाइलों को लेकर उन्होंने कहा, "जापान में पांच फाइलें थीं जिन्हें क्लासीफाइड किया गया था। 2016 में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के प्रयास से दो फाइलें प्रकाशित हुईं थीं जो अब एक वेबसाइट पर हैं। मैंने उन्हें देखा है लेकिन वे महत्वपूर्ण नहीं हैं। यदि शेष तीन फाइलें मिलें तो हम संभावित जानकारी या तस्वीरों के माध्यम से कुछ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।"
मामले की जांच को लेकर उन्होंने आगे कहा कि "भारत सरकार को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। नेताजी जिन्होंने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज बनाई, यदि जापान में रखी राख उनकी ही है तो उसे देश में पूरे सम्मान के साथ वापस लाना चाहिए।"
मुंबई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमनियन स्वामी ने रविवार को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। स्वामी ने ट्वीट कर कहा, "सुशांत सिंह राजपूत की हत्या बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के लिए वाटरलू और वाटरगेट है। अपना सीट बेल्ट बांध लीजिए, क्योंकि जबतक दोषी को सजा नहीं मिल जाता, तब तक हम अपनी कोशिश नहीं छोड़ेंगे।"
शुक्रवार को स्वामी ने दिवंगत अभिनेता के नौकर की अनुपस्थिति और सुशांत की मौत के बाद दो ऐंबुलेंस बुलाए जाने पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था, "क्यों दो ऐंबुलेंस बुलाए गए थे? किन्होंने इसे बुलाया था? अगर मुझे सही जवाब नहीं मिलता है तो हम इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि क्यों एसएसआर का इमानदार नौकर लापता है। वह जिंदा है या मर गया? क्या दूसरी ऐंबुलेंस उसके लिए थी?"
स्वामी सुशांत की मौत के बाद से ही सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं। उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई पत्र लिखा था। बीते सप्ताह स्वामी ने सुशांत के शव का पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों को भी आड़े हाथों लिया था।
चेन्नई, 16 अगस्त (आईएएनएस)| तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्वतंत्रता दिवस परेड का नेतृत्व करने वाली सशस्त्र रिजर्व पुलिस निरीक्षक एन. माहेश्वरी ने बड़ी हिम्मत की मिसाल पेश की है। शुक्रवार की रात उनके पिता की मौत हो गई फिर भी सुबह में उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की परेड का नेतृत्व किया। वी.ओ. चिदंबरनार स्टेडियम में आयोजित परेड समारोह में मौजूद लोग नहीं जानते थे कि परेड का नेतृत्व कर रहीं माहेश्वरी के पिता नारायणस्वामी का पिछली रात डिंडीगुल जिले में निधन हो गया था। ना ही माहेश्वरी ने किसी को इस बात का अहसास होने दिया। उन्होंने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए सामान्य आवाज के साथ परेड का नेतृत्व किया और जिला कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर सतीश को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
इसके बाद आंखों में आंसू लेकर वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए डिंडीगुल गईं।
उनके पति बालमुरुगन के अनुसार, उन्हें शुक्रवार रात को यह दुखद खबर मिली थी। फिर भी माहेश्वरी ने अगले दिन अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करने का फैसला किया, ताकि अंतिम मिनट में बदलाव होने पर परेड में कोई समस्या न हो।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आज (रविवार) जन्मदिन है। हालांकि इस बार उन्होंने जन्मदिन न मनाने का फैसला किया है। फिर भी वह अपने समर्थकों से जन्मदिन उपहार लेने को राजी हैं। उन्होंने उपहार के रूप मेंकोरोना रोगियों के उपचार में काम आने वाला ऑक्सीमीटर दान देने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं जन्मदिन नहीं मना रहा हूं। इसलिए आप लोगों को केक नहीं खिलाऊंगा, लेकिन आप लोगों से मुझे गिफ्ट चाहिए और वह गिफ्ट यही है कि जो लोग जितने ऑक्सीमीटर आम आदमी पार्टी को दान कर सकते हैं, दान कीजिए।"
केजरीवाल ने कहा, "कुछ लोग पहले ही ऑक्सीमीटर दान करने के लिए आगे बढ़कर आए हैं। इनमें अमृतसर से डॉ. निज्झर 500 ऑक्सीमीटर दान कर रहे हैं। इसी तरह मीना और अजय मित्तल 500, बेंगलुरू से मोहन दसारी 250 और लखनऊ के वैभव महेश्वरी 300 ऑक्सीमीटर दान दे रहे हैं। इसके अलावा भी बहुत से लोग ऑक्सीमीटर दान करने के लिए आगे आए हैं।"
मुख्यमंत्री ने अपने प्रशंसकों से इस असवर पर मुख्यमंत्री आवास न आने की अपील भी की है। उन्होंने कहा, "मेरा जन्मदिन है, लेकिन मैं अपना जन्मदिन नहीं मना रहा हूं। कई लोग अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं देने के लिए घर पर आते हैं, तो आप सभी से विनती है कि कृपया मेरे घर नहीं आइएगा। आप इसका बुरा मत मानिएगा। आप अपने घर से ही मुझे आशीर्वाद और शुभकामनाएं भेज सकते हैं।"
केजरीवाल ने विभिन्न प्रदेशों के अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से कहा, "जो लोग अपने-अपने गांव की, कॉलोनी की जिम्मेदारी ले सकते हैं, आगे बढ़कर जिम्मेदारी लीजिए और ऑक्सीजन जांच केंद्र अपने गांव व इलाके में शुरू कीजिए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। हमारे लिए एक-एक जान कीमती है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "सभी राज्य सरकारें बहुत अच्छा काम कर रही हैं और सभी सरकारें अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं। हमारे इस पूरे अभ्यास के पीछे मकसद किसी की कमी निकालने का नहीं है, हमारा मकसद सिर्फ हाथ बढ़ाना और हाथ बंटाना है। हम सब मिलकर यह कोशिश करें कि हमारे अधिक से अधिक देशवासियों की जान बचाई जा सके।"
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार से जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए इस बार दिल्ली में मोहर्रम त्योहार के दौरान ताजिया निकालने पर पाबंदी रहेगी। दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी आदेश के तहत गणेश चतुर्थी पर्व पर भी भगवान गणेश की सार्वजनिक मूर्ति स्थापना या पंडाल बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। डीडीएमए की तरफ से कोविड-19 के संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए इन पर्वो को अपने घर पर ही मनाने की अपील की गई है। साथ ही, डीडीएमए ने सभी संबंधित विभागों को केंद्र सरकार से जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिशा-निर्देश में कहा है कि डीडीएमए दिल्ली में कोविड-19 महामारी के फैलने के खतरे से वाकिफ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले से ही कोविड-19 को महामारी घोषित किया हुआ है। लिहाजा, दिल्ली सरकार कोविड-19 के फैलने से रोकने के लिए सभी प्रभावी उपाय कर रही है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के मद्देनजर डीडीएमए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को समय-समय पर विभिन्न दिशा-निर्देश जारी करती रही है।
डीडीएमए ने आगामी त्योहारों के दौरान आयोजित होने वाले समारोहों और कार्यक्रमों के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला मजिस्ट्रेट को भी कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे, ताकि समारोहों या कार्यक्रमों में अधिक भीड़ एकत्र न हो सके और कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।
डीडीएमए ने कहा, "इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 28 जुलाई, 2020 को एक डीओ लेटर के जरिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके तहत दिल्ली सरकार की तरफ से बड़े धार्मिक समारोहों और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भीड़ को रोकने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता देखा जा रहा है। लिहाजा, केंद्र सरकार से जारी गाइडलाइन का संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।"
उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों के मद्देनजर विस्तार से गाइडलाइन जारी की गई है, जिसका सभी विभागों द्वारा अनुपालन कराया जाना अनिवार्य है। राज्य कार्यकारिणी समिति, डीडीएमए ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा-22 के तहत सभी संबंधित अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है।
बेंगलुरू, 16 अगस्त (आईएएनएस)| आत्मनिर्भर भारत पहल में अपना योगदान देते हुए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने देश भर में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए चार महीने में 30,000 वेंटिलेटर सप्लाई किए हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। बीईएल के एक अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया, "हमने कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए देश भर के सरकारी अस्पतालों में गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) के लिए चार महीनों के रिकॉर्ड समय में 30,000 वेंटिलेटर वितरित किए हैं और उच्च चिकित्सा उपकरणों में भारत को आत्मनिर्भर बनाया है।"
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अप्रैल में बीईएल को 30,000 आईसीयू वेंटिलेटर बनाने के लिए एक आदेश दिया था ताकि देश भर में कोरोनोवायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके।
वेंटिलेटर मैसूर स्थित स्कैनरे टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ एक लाइसेंसिंग समझौते के तहत बनाए गए। राज्य द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसका डिजाइन प्रदान किया था।
अधिकारी ने कहा, "मेडिकल ग्रेड वाल्व, ऑक्सीजन सेंसर और फ्लो सेंसर जैसे महत्वपूर्ण कम्पोनेंट बनाने का स्वदेशी प्रयास मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम में आत्मनिर्भर बनने में एक गेम-चेंजर है।"
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)| एयर इंडिया ने अब स्वीकार किया है कि बेहतर विकल्पों की चाह में 57 पायलटों ने वित्तीय मजबूरी का हवाला देते हुए एयरलाइन की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था। आईएएनएस ने यह रिपोर्ट सबसे पहले दी थी कि 50 पायलटों को अवैध रूप से बर्खास्त कर दिया गया है। एयर इंडिया ने पायलटों के इस्तीफे की स्वीकृति के मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी किया।
एयर इंडिया ने एक बयान में कहा है, "इस मामले का तथ्य यह है कि इन पायलटों (संख्या में 57) ने बेहतर विकल्प की चाह में वित्तीय मजबूरी का हवाला देते हुए एयर इंडिया की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था।"
एयर इंडिया ने कहा, "इनमें स्थायी और संविदा पर नियुक्त पायलट शामिल हैं। कुछ पायलटों ने बाद में अपने इस्तीफे वापस ले लिए थे। एयर इंडिया को अब इन पायलटों की सेवाओं की आवश्यकता नहीं है और इनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं।"
बयान में कहा गया है कि इनमें से कुछ पायलटों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि एयर इंडिया को उनके इस्तीफों को स्वीकार नहीं करने का निर्देश दिया जाए। यह मामला अदालत में विचाराधीन है।
शुक्रवार को एयर इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को लिखे एक पत्र में भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने कहा कि लगभग 50 पायलटों को कंपनी के ऑपरेशन मैनुअल और सेवा नियमों के उल्लंघन में कार्मिक विभाग से अवैध टर्मिनेशन लेटर प्राप्त हुए हैं।
जम्मू, 16 अगस्त (आईएएनएस)| माता वैष्णो देवी मंदिर को चार महीने बाद रविवार को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारी ने कहा, "आज से हर दिन सिर्फ दो हजार तीर्थयात्रियों को तीर्थ यात्रा पर जाने की अनुमति होगी।"
उन्होंने आगे कहा, "इनमें से जम्मू एवं कश्मीर के बाहर से 100 और 1900 स्थानीय भक्तों को अनुमति दी जाएगी। सभी बाहरी लोगों को कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा, तभी उन्हें तीर्थ यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।"
अधिकारी ने कहा, "माता के मंदिर के रास्ते पर कई स्थानों पर थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं। किसी भी हेल्पर या टट्टू को भक्तों के साथ जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें कटरा बेस कैंप से पूरे रास्ते चलकर जाना होगा।"
कोविड-19 महामारी के कारण जम्मू एवं कश्मीर के धार्मिक स्थल को बंद कर दिया गया था। इसे देखते हुए माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा को चार महीने पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था।
यह मंदिर जम्मू डिविजन के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित सबसे अधिक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
महामारी से पहले हर साल 2.40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते रहे हैं।
पणजी, 16 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्व रक्षामंत्री और दिवंगत भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के बड़े बेटे उत्पल कोरोवायरस जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाजपा नेता उत्पल ने ट्वीट किया, "डॉक्टरों की सलाह पर और सही तरीके से इलाज के लिए मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगल कामनाओं के लिए आप सभी को धन्यवाद।"
केंद्रीय रक्षा और आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाइक भी पिछले हफ्ते पॉजिटिव पाए जाने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। वह उत्तरी गोवा सीट से लोकसभा सांसद हैं।
मुंबइ, 16 अगस्त (वार्ता)। स्वर्ण भंडार में बड़ी वृद्धि के दम पर 07 अगस्त को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.62 अरब डॉलर बढक़र 538.19 अरब डॉलर के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह बढ़ा है। रिजर्व बैंक ने 07 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने की बड़े पैमाने पर खरीद की। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 2.16 अरब डॉलर बढक़र 39.79 अरब डॉलर पर पहुँच गया। इसी अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.46 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 492.29 अरब डॉलर हो गई जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है।
आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 70 लाख डॉलर घटकर 4.63 अरब डॉलर रह गया जबकि विशेष आहरण अधिकार 60 लाख डॉलर बढक़र 1.48 अरब डॉलर पर पहुँच गया। इससे पहले 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 11.94 अरब डॉलर की भारी वृद्धि के साथ 534.57 अरब डॉलर हो गया था।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (वार्ता)। पेट्रोल के दाम लगातार 47 दिन अपरिवर्तित रहने के बाद रविवार को इसमें वृद्धि हुई जबकि डीजल की कीमत लगातार 16वें दिन स्थिर रही।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का मूल्य रविवार को 14 पैसे बढक़र 80.57 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गया जो स्थिर रहा जो 26 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी इसकी कीमत 12-12 पैसे बढक़र क्रमश: 82.17 रुपये, 87.31 रुपये और 83.75 रुपये प्रति लीटर हो गई। पेट्रोल के दाम इस साल 29 जून के बाद पहली बार बढ़े हैं।
डीजल की कीमत दिल्ली में 73.56 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही। कोलकाता में इसका मूल्य 77.06 रुपये पर, चेन्नई में 78.86 रुपये पर और मुंबई में 80.11 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर स्थिर रहा।
बस्ती, 16 अगस्त (वार्ता)। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सरयू नदी की बाढ़ से प्रभावित 16,000 से अधिक नागरिक परेशान हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अनाज और पशुओं के चारे की समस्या पैदा हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां कहा कि सरयू नदी खतरे के निशान से 48 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ से जिले के हरैया तथा बस्ती तहसील के 50 गांव प्रभावित हैं इसमें से 25 गांव पानी में चारों ओर से गिरे हुए हैं।
15 हजार से अधिक जनसंख्या लगभग एक महीने से बाढ़ का सामना कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। लोगों के घरों में रखा गया अनाज पानी में खराब हो गया है तथा पशुओं के चारे की समस्या पैदा हो गई है।
जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अनाज का राहत किट और पशुओं के चारे का वितरण कराया गया है। बाढ़ से प्रभावित कल्याणपुर भारतपुर पड़ाव कन्हैया पुर नरसिंहपुर बड़ागांव बतावा अहिल्या जुगाड़ आए पकड़ी संग्राम बिलासपुर भरपूर्वा विष्णु दास पुर शुभिका बाबू आराजी डूबी देवरा गंगवार माझा सहित अन्य गांव के लोग परेशान हैं।
जिला प्रशासन द्वारा पीडि़तों के सहायतार्थ 45 नाव लगाये गये हैं । स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को बाढ़ क्षेत्र के नागरिकों को चिकित्सा सुविधा और राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। सरयू नदी का दबाव कलवारी ,रामपुर, गौरा सैफाबाद, कटोरिया, चांदपुर, लालपुर और विक्रमजोत बांध पर निरंतर बना हुआ है। बाढ़ की निगरानी और सुरक्षा के लिए बाढ़ खंड के अधिकारी और कर्मचारी चौकसी बरत रहे हैं।
बस्ती में सरयू नदी की बाढ़
से 16 हजार प्रभावित
बस्ती, 16 अगस्त (वार्ता)। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में सरयू नदी की बाढ़ से प्रभावित 16,000 से अधिक नागरिक परेशान हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अनाज और पशुओं के चारे की समस्या पैदा हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां कहा कि सरयू नदी खतरे के निशान से 48 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ से जिले के हरैया तथा बस्ती तहसील के 50 गांव प्रभावित हैं इसमें से 25 गांव पानी में चारों ओर से गिरे हुए हैं।
15 हजार से अधिक जनसंख्या लगभग एक महीने से बाढ़ का सामना कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। लोगों के घरों में रखा गया अनाज पानी में खराब हो गया है तथा पशुओं के चारे की समस्या पैदा हो गई है।
जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अनाज का राहत किट और पशुओं के चारे का वितरण कराया गया है। बाढ़ से प्रभावित कल्याणपुर भारतपुर पड़ाव कन्हैया पुर नरसिंहपुर बड़ागांव बतावा अहिल्या जुगाड़ आए पकड़ी संग्राम बिलासपुर भरपूर्वा विष्णु दास पुर शुभिका बाबू आराजी डूबी देवरा गंगवार माझा सहित अन्य गांव के लोग परेशान हैं।
जिला प्रशासन द्वारा पीडि़तों के सहायतार्थ 45 नाव लगाये गये हैं । स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को बाढ़ क्षेत्र के नागरिकों को चिकित्सा सुविधा और राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। सरयू नदी का दबाव कलवारी ,रामपुर, गौरा सैफाबाद, कटोरिया, चांदपुर, लालपुर और विक्रमजोत बांध पर निरंतर बना हुआ है। बाढ़ की निगरानी और सुरक्षा के लिए बाढ़ खंड के अधिकारी और कर्मचारी चौकसी बरत रहे हैं।
न्यूयॉर्क, 16 अगस्त (आईएएनएस)। शोधकतार्ओं ने मनुष्यों में कोविड-19 के संभावित लक्षण के क्रम को डिकोड कर लिया है, जिसमें सबसे पहले बुखार, इसके बाद खांसी, मांसपेशियों में दर्द, और फिर जी मचलना या उल्टी और दस्त नजर आने लगता है। कोविड -19 लक्षणों के क्रम को जानने से एक यह फायदा हो सकता है कि रोगियों को तुरंत चिकित्सा में मदद मिल सकती है या फिर जल्द से जल्द सेल्फ आइसोलेशन को लेकर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।
फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, लक्षणों के क्रम को पहचानने से डॉक्टरों को रोगियों के इलाज की योजना बनाने में मदद मिल सकती है, और शायद इस बीमारी को शुरुआत में ही नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
अमेरिका के साउदर्न कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोध लेखक पीटर कुन ने कहा, "यह क्रम विशेष रूप से यह जानने को लेकर महत्वपूर्ण है कि हम कोविड -19 संक्रमण के लक्षण की तरह होने वाले फ्लू जैसी बीमारियों के साइकिल को कब पार कर रहे हैं।"
शोध के अन्य लेखक जोसेफ लार्सन ने कहा, "इससे कोविड-19 के उपचार के लिए अब बेहतर ²ष्टिकोण उपलब्ध हैं, जिसे पहचान कर पहले ही मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है।"
बुखार और खांसी अक्सर विभिन्न प्रकार की सांस की बीमारियों से जुड़े होते हैं, जिनमें मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) शामिल हैं।
हालांकि ऊपरी और निचले गेस्ट्रोइनेस्टाइनल ट्रैक्ट में लक्षणों को देखते हुए कोविड-19 की पहचान की जा सकती है।
वैज्ञानिकों ने लिखा, ऊपरी गेस्ट्रोइनेस्टाइनल ट्रैक्ट (जी मचलना/ उल्टी) निचले गेस्ट्रोइनेस्टिनल ट्रैक्ट (दस्त) से पहले प्रभावित होने लगती है, जो कि कोविड-19 का लक्षण है और यह मर्स और सार्स से विपरीत है।
शोधकतार्ओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एकत्र किए गए चीन में 55,000 से अधिक कोरोनावायरस मामलों के लक्षण घटना की दर को देखते हुए इस संक्रमण के लक्षणों के क्रम की भविष्यवाणी की।
कानपुर, 16 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में एक किशोर लड़की का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें लड़की ने आरोप लगाया है कि गोविंद नगर पुलिस स्टेशन के एक इंस्पेक्टर ने उससे एफआईआर दर्ज करने के एवज में डांस करने के लिए कहा। लड़की अपने मकान मालिक के भतीजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए गई थी। 16 वर्षीय लड़की ने वीडियो में आरोप लगाया कि निरीक्षक ने उसे पुलिस स्टेशन में बुलाया और उसे उसके सामने डांस करने के लिए कहा।
लड़की अपने परिवार के साथ गोविंद नगर के डाबौली पश्चिम क्षेत्र में किराए के मकान में रहती है।
लड़की का परिवार "जागरण" पार्टियां करके अपना पेट पालता है। उन्होंने कहा कि वे मकान मालिक के भतीजे के खिलाफ लड़की से छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराने गए थे। इसके अलावा उन्हें कुछ दिन पहले घर के किराए के हिस्से से जबरन बाहर निकाला गया था।
लड़की की मां ने कहा कि मकान मालकिन का भतीजा आरोपी अनूप यादव 26 जुलाई को उनके घर में घुस गया और उन पर हमला कर दिया।
लड़की की मां ने संवाददाताओं से कहा, "7 अगस्त की रात को फिर से मेरी बेटी के साथ छेड़छाड़ की गई जब वह बाजार से घर वापस आ रही थी। फिर बेटी ने गोविंद नगर के इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा से संपर्क किया, उसने मेरी बेटी से कहा कि पहले मेरे सामने डांस करो तब वह उसकी शिकायत दर्ज करेगा।"
गोविंद नगर अधिकारी विकास कुमार पांडेय ने कहा कि एक मकान पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले से ही विवाद चल रहा था।
पांडे ने आगे कहा, "आरोपों में कोई दम नहीं है। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि लड़की ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए वीडियो वायरल किया है। हालांकि, इस संबंध में एक जांच चल रही है।"
मेरठ (उत्तर प्रदेश), 16 अगस्त (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी (सपा) के एक पूर्व नेता और सामाजिक कार्यकर्ता को मेरठ पुलिस ने बेंगलुरु कांग्रेस विधायक के भतीजे की हत्या करने के लिए 51 लाख रुपये का इनाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कथित तौर पर बेंगलुरु के विधायक अखण्ड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे द्वारा अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद मंगलवार को बेंगलुरु में हिंसा भड़कने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
बेंगलुरु हिंसा के चार दिन के बाद मेरठ में शाहजेब रिजवी ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपना गुस्सा निकालते हुए, "आरोपी का सिर लाने वाले" के लिए 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
रिजवी ने कहा, "कांग्रेस विधायक के भतीजे की सोशल मीडिया पोस्ट के कारण मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। जो भी मुझे विधायक के भतीजे का सिर भेजेगा, उसे बदले में 51 लाख रुपये मिलेंगे। यह पैसा उन लोग की मदद से इकट्ठा किया जाएगा जो इस मामले में मेरा समर्थन करते हैं।"
जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैला स्थानीय पुलिस ने इस पर ध्यान दिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।
पूर्व सपा नेता पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय साहनी ने कहा, "हमने रिजवी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद जांच का आदेश दिया है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।"
रिजवी पर कुछ दिन पहले सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए भी महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस बीच, एससी/एसटी आयोग ने भी इस बयान को लेकर मेरठ पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा है।
पणजी, 16 अगस्त (आईएएनएस)| देश में कोरोनावायरस महामारी के मामलों में हो रही निरंतर वृद्धि के बीच गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को उत्तरी गोवा में स्थित वागाटोर के एक विला में चल रहे रेव पार्टी का भंडाफोड़ किया। यहां की पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि तीन विदेशियों सहित तेईस लोग गिरफ्तार किए गए हैं और तकरीबन नौ लाख रुपये की ड्रग्स बरामद की गई है।
यह पार्टी वागाटोर बीच विलेज के पास फ्रेंगिपैनी नामक एक विला में रखी गई थी।
गोवा पुलिस ने यह भी कहा, "गहराई से तलाशी लेने पर कोकीन, एमडीएमए, एक्सटेसी की गोलियां और चरस जैसे ड्रग्स भारी मात्रा में बरामद किए गए जिनकी कीमत नौ लाख रुपये से अधिक होगी। आरोपियों में तीन विदेशी महिलाएं भी शामिल हैं।"
बयान में आगे कहा गया, "लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालने और मादक पदार्थों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। आगे की कार्रवाई जारी है।"
गोवा पुलिस के महानिदेशक मुकेश मीणा की चेतावनी के कुछ दिनों बाद यहां छापा मारा गया। उन्होंने कहा था कि महामारी के बीच गोवा में चल रही रेव पार्टी की उन्हें भनक है और उन्होंने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी थी।