छत्तीसगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 30 दिसंबर। दैनिक ‘छत्तीसगढ’ की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। कोरिया जिले के सोनहत जनपद अंतर्गत वनांचल ग्राम पंचायत रामगढ के यादवपारा मोहल्ले में बीते 4 माह से सौर उर्जा की लाईट बिगड़ी पडी थी। जिसे सुधार करने के लिए ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत की गयी लेकिन सुधार कार्य नही ंकराया जा रहा था। जब खबर का प्रकाशन हुआ तब आनन फानन में सुधार कार्य कराया गया।
ज्ञात हो कि सोनहत जनपद क्षेत्र के वनांचल ग्राम पंचायत रामगढ का पूरा गॉव सौर उर्जा चलित बिजली से रौशन होता है। यहां अब तक विद्युतीकरण नही हो पाया है। जिस कारण लंबे समय से सौर ऊर्जा से ही गांव मे बिजली है वह भी कुछ घंटों के लिए जलता है इसके बाद ज्यादातर समय अंधेरे में ही गुजारा करना होता है।
मैदानी कर्मियों का कहना है कि जब अधिकारी सामान ही उपलब्ध नही करायेंगे तो सुधार कार्य हम कैसे करेंगे।
स्थाई बिजली व्यवस्था अब तक नही पहुंची
रामगढ पंचायत में अब तक स्थाई बिजली व्यवस्था हेतु प्रयास अब तक असफल रहा है। केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत गांव गांव में विद्युत लाईन पहुंचायी गयी है लेकिन वनांचल रामगढ क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी कारणों के कारण अब तक स्थाई विद्युत लाईन का विस्तार नहीं हो पाया है।
जिले के कई गांव अब भी सौर ऊर्जा के भरोसे
कोरिया जिले में अभी भी दर्जनों गॉवों में बिजली नहीं पहुंच पायी है ऐसी स्थिति में ऐसे दर्जनों गॉवों में सौर उर्जा से ही गांव को रोशन किया जा रहा है जिसे लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिल के जिन गांवों में सौर उर्जा सिस्टम से बिजली दी गयी है वहॉ आये दिन सौर सिस्टम खराब होने की समस्या का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी, 30 दिसंबर। विकासखण्ड बड़ेराजपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत ढोन्डरा में एकदिवसीय राज्यस्तरीय रात्रिकालीन प्रो कबड्डी प्रतियोगिता रविवार को युवा संगठन के तत्वावधान में शानदार तरीके समापन हुआ ।
इस प्रतियोगिता में कुल 14 टीमों ने भाग लिया जिसका समापन कार्यक्रम के फाइनल मैच में कोसाहरदुली और नौकाबेड़ा के मध्य खेल गया जिसमें कोसाहरदुली की टीम ने शानदार जीत हासिल कर प्रथम स्थान पर कब्जा कर लिया।
प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी कोसाहरदुली टीम को सरपंच द्वारा 11,111रू एवं ट्रॉपी, द्वितीय स्थान नौकाबेड़ा को समिति द्वारा 5,555 रु. एवं ट्रॉपी, तृतीय स्थान गट्टासिल्ली को उपसरपंच द्वारा 2501रु.एवं ट्रॉपी, चतुर्थ स्थान ढोन्डरा को सुकलाल पंच द्वारा 1501रु.एवं ट्रॉपी औऱ बेस्ट रेडर एवं बेस्ट कैचर को विष्णु नेताम द्वारा ट्रॉपी दिया गया। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे जनपद अध्यक्ष केशकाल महेंद्र नेताम द्वारा समिति को 3000 रुपये का सहयोग राशि नगद दिया गया। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री महेन्द्र नेताम ने प्रथम,द्वितीय,तृतीय और चचतुर्थ आने वाले चारों टीमों के खिलाडिय़ों को बधाई दिये।
हौसला अफजाई करते हुए खिलाडिय़ों के लिए कहा कि खेल में न जीतना जरूरी है न हारना जरूरी है । जीवन एक खेल है,यहां खेलना जरूरी है।
इस समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेन्द नेताम अध्यक्ष जनपद पंचायत केशकाल, विशिष्ट अतिथि के रूप में , प्रमिला मरकाम जिला पंचायत सदस्य,प्रेमशीला मंडावी जनपद अध्यक्ष बड़ेराजपुर, राम कुमार कश्यप उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी,हेमलाल वट्टी सरपंच संघ अध्यक्ष माकड़ी,एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष पिताम्बर नाग ,अनिल उसेंडी पार्षद, हीरासिंग जनपद सदस्य घस्सू नेताम ,खिलेश्वर शोरी अध्यक्ष राजीव गांधी पंचायती राज कोंडागांव, हीरासिंग नेताम, राजेश शोरी, कुलदीप नेताम, चरण मंडावी, नरेंद्र कश्यप, लोकेश नेताम, रामप्रसाद मरकाम, जितेश नेताम,राकेश कुंजाम एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष कोंडागांव उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 30 दिसम्बर। महासमुन्द जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मनरेगा के तहत निर्माण कार्यों में मजदूरी करने वाली 13 गर्भवती महिलाओं को एक महीने के मातृत्व भत्ते के साथ प्रसूति अवकाश दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 18 महिलाओं को मातृत्व भत्ता देने की प्रक्रिया की जा रही है। 150 दिन का रोजगार और वन पट्टा धारियों को 50 दिन अतिरिक्त रोजगार मिलेगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा पृथक से कार्य योजना तैयार कर नरेगा से स्वीकृति प्राप्त की जा रही है। जिले में 130 करोड़ के कार्य की स्वीकृति प्रदाय कर प्रत्येक जॉब कार्ड परिवार को न्यूनतम 100 दिन रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही नए जॉब कार्ड हेतु आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में दिया जा सकता है। जिसके 15 दिन के भीतर नियमानुसार नवीन जॉब कार्ड प्रदाय किया जाएगा। साथ ही मजदूर द्वारा कार्य की मांग का मांग पत्र ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत में जमा करके 15 दिवस के भीतर कार्य पा सकते हैं। यदि किसी को महात्मा गांधी नरेगा में मांग अनुसार 15 दिन में कार्य नहीं दिया जाता है तो तत्काल जिला पंचायत के टोल फ्री नंबर 18002336601 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हंै। मनरेगा में यह राज्य पोषित योजना है। इसमें होने वाले खर्च का प्रावधान बजट में किया जाता है। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार प्राप्त आवेदन अनुरूप मातृत्व भत्ता प्रदाय किया गया एक माह की रोजी 190 रुपए प्रति कार्य दिवस के हिसाब से 5700 रुपए मातृत्व भत्ते के रूप में दिए गए हैं ताकि बच्चे और माँ दोनों स्वस्थ रहें और सेहत दोनों की बनी रहे।
ऑपरेशन मुस्कान की जिले में 96.4 फीसदी सफलता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 30 दिसंबर। कोरिया पुलिस कप्तान चंद्रमोहन सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2020 में गुम बालक बालिकाओं को ढूंढ कर घर वापसी कराने में बडी सफलता पाई है। इस मामले में कोरिया पुलिस ने 96.4 प्रतिशत सफल रही है जो एक रिकार्ड है। कोरिया जिले में वर्ष 2020 में कुल 61 गुम बालक-बालिकाओं की खोज कर उनकी सकुशल घर वापसी कोरिया पुलिस द्वारा कराई गई है।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह बताते है कि किसी का भी बालक का गुम हो जाना बेहद दुखदायी होता है, बच्चों के प्रति हमारा रवैया हमेशा चाइल्ड फेंडली पुलिसिंग का रहा है। हमारे जिले की पूरी पुलिस टीम इसके लिए बधाई के पात्र है, सभी के प्रयास से आपरेशन मुस्कान सफल हो रहा है, पुलिस आगे भी बेहतर काम में जुटी हुई है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में कोरिया पुलिस द्वारा गुम हुये 9 बालक में से 5 और गुम 63 बालिकाओं में से 55 की खोज कर घर वापसी की गई थी। वर्ष 2020 में 8 बालक और 47 बालिकाएँ कोरिया जिले से गुम हुई थी, जिनके खोज कर घर वापसी के लिए प्लानिंग कर थाना प्रभारी को लापता बच्चों के परिजनों से व्यक्तिगत तौर पर रूबरू होकर उनसे बच्चों के संबंध में सारी जानकारियों एकत्रित करने निर्देशित किया गया, इसके बाद बच्चों को बरामद करने के लिए थाना स्तर पर टीम गठित की गयी और लापता बच्चों की तलाश शुरू की गयी। कोरिया पुलिस के अभियान में छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों से वर्ष 2020 में गुम 8 बालको में से 7 बरामद हुये और 47 गुम बालिकाओं में से 46 बालिकाएं बरामद हुई है, इस प्रकार वर्ष 2020 में 96.4 बच्चों की घर वापसी रही है, जो कि कोरिया पुलिस के लिये एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। इस वर्ष के अतिरिक्त पिछले वर्ष के गुम 8 बालिकाओं को भी इस वर्ष कोरिया पुलिस ने खोज निकाला है।
विदित हो कि पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ के निर्देश पर प्रदेश भर में ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है, जिसके तहत कोरिया पुलिस ने छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से गुमशुदा बच्चों को सकुशल बरामद किया है। कोविड महामारी में संक्रमण काल के दौरान 3 माह संपूर्ण लॉकडाउन होने पर लॉकडाउन के पालन करवाने में व्यस्त होने के कारण पुलिस के रूटिन कार्य भी बाधित हो रहे थे, इसी दौरान डीजीपी महोदय ने अत्यंत आवश्यक कार्य होने पर ही राज्य से बाहर जाने और इसके लिए पहले परमीशन लेने का आदेश जारी किया, जिससे पुलिस का ऑपरेशन मुस्कान कुछ समय के लिए बाधित रहा, पर जब धीरे-धीरे परिस्थितियों सुधरी और आवागमन सामान्य हुआ तब कोरिया पुलिस ने कमर कसते हुए गुमशुदा बच्चों की पता तलाश करने में तेजी लाई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 30 दिसंबर। शहर के युवाओं ने बालक स्कूल परिसर की जमीन को बेतरतीब कब्जा से बचाने के लिए अनूठी पहल की है। यहा के युवा स्कूल परिसर के खाली पड़े जमीन पर आपसी सहयोग से बच्चों के लिए मैदान और गार्डन बना दिए है।
युवाओं ने बची खुची जमीन को बचाने के लिए यह निर्णय लिया। उन्होंने पूरी जमीन पर पहले तो लोहे की जाली से घेरा बनाया। अब वे इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए यहा पौध रोपण कर जमीन पर खेल मैदान और गार्डन का विकास कर रहे हैं। अच्छे काम में लोगों का सहयोग भी मिल रहा है। रोज सुबह यहां युवाओं को काम करते देखा जा सकता है।
जिस गति से काम किया जा रहा है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मैदान और गार्डन महीने भर के भीतर भव्यता व आकर्षक दिखने लगेगा ,मदद के लिए कुछ समाजसेवी नागरिक भी सामने आ रहे हैं। मैदान के एक हिस्से में वॉलीबाल कोर्ट, कबड्डी और फुटबाल के लिए ग्राउंड दूसरे हिस्से में गार्डन विकसित किया जा रहा है। जिसमें नागरिक सुबह शाम चहल कदमी कर स्वास्थ्य लाभ ले ले रहे है।
इस गार्डन का स्वरूप देख नागरिक युवाओ के पहल की सराहना करते नजर आ रहे है युवाओं ने बताया कि गार्डन व मैदान विकसित करने समय समय पर स्कूल के शिक्षक अनिल श्रीवास्तव का भी सुझाव व मार्गदर्शन मिल रहा है। विदित हो की रेस्ट हॉउस के समीप में बना उद्यान नगर पंचायत की उदासीनता के चलते बर्बाद हो गया है, ऐसे में पत्थलगांव शहर में एक भी गार्डन नहीं होने की वजह से युवाओं द्वारा सहयोग से निर्मित यह गार्डन आम लोगों के सैर व व्ययाम के लिए बेहतर साबित हो रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव , 30 दिसंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी एवम जिला पदाधिकारियों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल जिला स्तरीय समस्याओं के समाधान को लेकर जिला के प्रमुख अधिकारियों कलेक्टर जशपुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जशपुर, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर, को शिक्षक पंचायत संवर्ग के 2012 से 2017, तक लम्बित सीपीएस कटौती एवम नियोक्ता अंशदान की राशि जिले के विभिन्न विकास खण्डों में सर्वशिक्षा अभियान विभाग का लंबित है, जिसके सम्बन्ध में मांग पत्र प्रस्तुत किया गया।
शिक्षक पंचायत संवर्ग जो विभागीय अनुमति लेकर निम्न से उच्च पदों पर नियुक्त हुए हैं उनके लम्बित वेतन एरियर्स राशि भुगतान के संबंध में बजट आबंटन के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जशपुर को विशेष रूप से मांग पत्र दिया गया । संघ के प्रतिनिधिमंडल को मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि विभिन्न विकास खंडों में शिक्षक पंचायत संवर्ग के 1नवम्बर 2020,को संविलियन पूर्व के वेतन भुगतान पश्चात बचत राशि की जानकारी सभी विकास खंडों से मंगाई जा रही हैं। उपलब्ध राशि अनुसार सीपीएस नियोक्ता अंशदान एवम लम्बित वेतन एरियर्स का भुगतान किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी जिला जशपुर ने प्रतिनिमण्डल को आश्वस्त किया कि लम्बित सीपीएस नियोक्ता अंशदान एवम वेतन एरियर्स भुगतान के सम्बंध में टी एल बैठक में विशेष रूप से चर्चा किया जायेगा। जिला मिशन समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर ने संघ के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सीपीएस नियोक्ता अंशदान के सम्बंध में शीघ्र ही शासन को पत्र लिखा जाएगा और इस समस्या का निराकरण किया जाएगा।
संघ के प्रतिनिधिमंडल में अर्जुन रत्नाकर प्रदेश उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ, संतोष कुमार टांडे जिलाध्यक्ष छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ जिला शाखा जशपुर,भुवनेश्वर सूर्यवंशी मीडिया प्रभारी छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ जिला शाखा जशपुर उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 30 दिसम्बर। महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित महासमुन्द की वार्षिक आमसभा सोमवार को अमृत बाई हाईस्कूल में आयोजित की गयी । कार्यक्रम का शुभारंभ आशुतोष डड़सेना, सहायक पंजीयक, सहकारी संस्थाएं महासमुन्द, अनिता रावटे एवं प्रबंधकारिणी के हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ। सरस्वती वंदना बैंक की सदस्य निरंजना चंद्राकर ने की। बैंक का प्रगति प्रतिवेदन सविस्तार बैंक के प्रबंधक सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार दवे ने पढ़ी। अध्यक्षीय उद्बोधन में सहायक पंजीयक ने उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि बैंक स्थापना के लंबे कार्यकाल में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हुई थी जिसमें आमसभा के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन व्यवस्थापिका के दिशा.निर्देशों के बिना बैंक को करना पड़ा हो। इस संक्रमण काल में बैंक का कार्य भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि तत्कालिक संचालक मंडल के सदस्यों एवं आपके सहयोग से बैंक ने व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के बीच अपना परचम लहराते हुये जन सामान्य में सर्वप्रिय बैंक के रूप में खुद को स्थापित किया। उन्होंने तत्कालिक संचालक मंडल के कार्य की सराहना करते हुये उनके द्वारा बैंक के प्रगति के क्षेत्र में किये गये प्रयास और मेहनत को अनुकरणीय बताया।
तत्कालिक अध्यक्ष अनिता रावटे ने अपने उद्बोधन में सहकारिता के इस दीप को सदैव प्रज्जवलित रखने की अपील महिलाओं से की। उन्होंने बैंक से सदस्यों, संचालक मंडल के सदस्यों एवं कर्मचारियों के लिये आभार व्यक्त किया एवं निरंतर प्रगति की कामना की। उन्होंने कहा कि उत्तरोत्तर प्रगति और समूचे विकास का क्षेत्र अकेले चलकर नहीं वरन् सहकारिता के बल पर प्राप्त हुआ है। सभा को बैंक की सक्रिय सदस्य एवं पत्रकार उत्तरा विदानी ने भी सम्बोधित किया। अपने सारगर्भित उद्बोधन में उन्होंने निरंतर प्रगति के लिये बधाई दी एवं बैंक को घर के रूप में मानने एवं पहचानने की आवश्यकता बल दिया। इस दौरान उपस्थित सैकड़ों सदस्यों ने कोविड.19 के दिशा.निर्देशों का पालन कर सभा में अपनी उपस्थिति प्रदान की।
बैंक द्वारा सभा में उपस्थित सदस्यों के लिये मास्क एवं सेनेटाईजर की व्यवस्था की गयी। बैंक द्वारा सहायक पंजीयक, सहकारी संस्थाएं महासमुन्द को बैंक की तरफ से स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। सभा को सुचारु रूप से निष्पादित करने में सहयोग के लिये बैंक के प्रबंधक के द्वारा आभार व्यक्त किया गया एवं सभा समाप्ति की घोषणा की गयी। इस दौरान प्रमुख रूप से बैंक की पूर्व अध्यक्ष अरुणा शुक्ला, रंजना शर्मा, इंद्राणी पांडेय के अलावा सुनीता देवांगन, छाया चंद्राकर, रोशन आरा रिजवी, शांति चंद्राकर, ऐजाज जेहरा नकवी, बिमला, सरिता साहू, अनुसुईया शुक्ला, प्रीति चंद्रनाहू, शिल्पा चंद्राकर, सीता डोंडेकर, मधु नामदेव, नंदा रंगारी, माला थापा, राजेन्दर कौर,सविन्दर कौर, ममता नामदेव, पायल जाधव, उपमा ठाकुर, गीतांजली प्रधान, राशि ठाकुर, तुलसी ठाकुर एवं ग्रामीण क्षेत्र से भी सदस्य उपस्थित थे।
कुम्हारी, 30 दिसंबर। वर्ष 2020 की आखिरी मन की बात आत्मनिर्भर भारत का संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात लाईव देखते व सुनते हुए इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से युवा मोर्चा भिलाई जिले के महामंत्री द्वय भोला साहू व कन्हैया सोनी मंडल के अध्यक्ष पी.एन. दुबे मुख्य रूप से उपस्थित थे।
मन की बात कार्यक्रम समापन के बाद किसानों के बीच अपनी बात रखने के लिए सर्वप्रथम मंडल के किसान नेता गोल्डी गोस्वामी ने अपनी बात रखी, उमाकांत साहू ,कन्हैया सोनी, छबी यादव, ने किसानों के हित के बारे में वहां उपस्थित सभी किसान भाइयों को अपना उद्बोधन दिया, कार्यक्रम का समापन पूर्व मंडल अध्यक्ष माखन कोसरिया ने किया व कार्यक्रम का संचालन पूर्व पार्षद राजू निषाद ने किया। कार्यक्रम में सुजीत यादव, डिकेश पटेल, परदेसी साहू, गणपत सोनवानी,संतोष मार्कंडेय ,घासीराम धीवर, नरेश मारकंडे ,सुकालू डाहरे सहित कई किसान भाई उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 30 दिसंबर। महासमुन्द जिले में सौर सुजला योजना के तहत मिले सौर पम्प से सिंचाई कर अब क्षेत्र के कृषक इसका सीधा लाभ उठाने लगे है।विकासखण्ड के ग्राम बगारपाली के कोई दर्जन भर किसान अब सोलर पंप द्वारा सिंचाई कर अपना रोजगार अच्छे तरीके से चला रहे है।ज्ञात हो कि प्रदेश शासन द्वारा जिले में विगत दो वर्षो में 1356 किसानों के खेतों में कृषि सिंचाई हेतु सौर सुजला योजना के तहत सोलर पम्प स्थापित किया गया।
जिन किसानों के खेतों में परम्परागत् बिजली नहीं पहुंची या जिसके पास कृषि भूमि उपलब्ध होते हुए भी सिंचाई व्यवस्था नहीं थी या कृषक के खेत तक विद्युत विस्तार लाईन का व्यय अत्यधिक होने के कारण वह वहन करने की स्थिति में नहीं था। ऐसे किसानों के खेतों में राज्य सरकार द्वारा सोलर पम्प स्थापित किए हैं। इन सिंचाई पम्पों के लिए किसानों को बिजली का कोई बिल नहीं लगेगा। यह पम्प सूरज की रोशनी से चलते हैं। यानि कि किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए सूर्य देवता के आशीर्वाद से मुफ्त बिजली मिलती है। विकासखण्ड के ग्राम बगारपाली के किसान मोहर सिंह का कहना है कि उनके यहां पहले खेतों के लिए सिंचाई की सुविधा नहीं होने के कारण खेतों से सालाना आय मात्र 23 हजार से 26 हजार ही हो पाती थी। किन्तु जबसे सोलर पम्प लगा है, वे अपने खेत में धान फसल के बाद मौसमी सब्जी-भाजी आलू, टमाटर, बरबट्टी इत्यादि उगाकर अब उनकी आमदनी में पॉच गुणा से अधिक वृद्धि हुई है। अब उसकी वार्षिक आमदनी 1.50 से 1.75 लाख रूपए हो जाती है।
इसी प्रकार किसान मोतीराम ठाकुर, नेमसिंग ठाकुर, हेम सिंग ठाकुर एवं श्री सालिक राम इत्यादि 16 कृषकों के यहां सोलर पम्प का स्थापना कार्य किया गया है। उनकी आमदनी में भी काफी ईजाफा हुआ है। वह भी पारम्परिक खेती के साथ सब्जी-भाजी उगा रहें हैं।विभागीय जानकारी के अनुसार विकास खण्ड बागबाहरा के ग्राम टूरीझर के किसान भी नाला किनारें डीजल पम्प लगाकर अपने एक से 1.5 एकड़ खेत में केवल धान फसल ले रहें थे, लेकिन 3 एचपी सोलर पम्प लगने के बाद अब वो बारह महीने सब्जी की खेती कर उनकी वार्षिक आय में बढ़ौतरी हुई है।
ज्ञात हो कि योजनांतर्गत हितग्राहियों का चयन कृषि विभाग द्वारा किया जाता है। बाजार में 5 हॉर्स पावर के जिस सौर ऊर्जा पम्प (सोलर पम्प) की कीमत लगभग 4.50 लाख से अधिक है वह इस योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों के लिए सिर्फ 14800 रूपए में, पिछड़ा वर्ग के किसानों को मात्र 19800 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 24800 हजार रूपए में दी जा रही है। इसी कड़ी में 3 हॉर्स पॉवर के सौर सिंचाई पम्प जिनकी कीमत बाजार में लगभग 3.50 लाख होती है वह सौर सुजला योजना के तहत् अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को केवल 10 हजार रूपए में, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को मात्र 15 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 21 हजार रूपए में दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
भैयाथान, 30 दिसंबर। विकाशखण्ड भैयाथान में पंचायतों में काम-काज बंद कर ग्राम रोजगार सहायक संघ ने अपनी लंबित तीन सूत्री मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल का आगाज आज से सुरु कर दिया गया हैं। जिससे पंचायतों में संचालित सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो गया है।
एक ओर जहां हड़ताल का दौरा चल रहा सबसे पहले पटवारी फिर पंचायत सचिव और अब ग्राम रोजगार सहायक संघ ने भी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आज से जनपद कार्यालय के सामने पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल सुरु कर दिया गया है।ग्राम रोजगार सहायक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बलभद्र दास ने बताया कि ग्रेड पे निर्धारण सहित नियमितिकरण प्रदान सहित जिन ग्राम पंचायतों को नगर निगम अथवा नगर पंचायत में शामिल किया जा रहा है वहां के रोजगार सहायकों को सम्बंधित निकायों में शामिल किया जाए या अन्य रिक्त पंचायतो में सेवा पर रखा जाये इसके साथ ही ग्राम रोजगार सहायकों को सचिव पद पर वरीयता के आधार पर सीधी भर्ती किया जाए एवं ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित करने को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल सुरु कर किया गया और जब तक हमारी मांगो को सरकार नही पूरा नही करती है तब तक हमलोगो का हड़ताल जारी रहेगा।
इस दौरान विनोद देवांगन, विनोद सोंपाकर, सुशील गुप्ता,उमेश गिरी,अम्बेलाल, विजय सिंह,ज्योति सिंह,जुकेन्द्र पैकरा सहित काफी संख्या में ग्राम रोजगार सहायक उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। राजधानी रायपुर समेत जिले में कोरोना मरीज 52 हजार पार हो गए हैं। बुलेटिन के मुताबिक बीती रात मिले 228 नए पॉजिटिव के साथ इनकी संख्या बढक़र 52 हजार 354 हो गई है। दूसरी तरफ, इन सभी मरीजों में से 714 की मौत हो चुकी है। 5 हजार 1 सौ एक्टिव हैं, जिनका अलग-अलग जगहों पर इलाज जारी है। 46 हजार 540 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं।
राजधानी रायपुर समेत जिले में कोरोना मरीज पहले से अब काफी कम हो गए हैं। कल नए पॉजिटिव दो सौ आसपास रहे। हेल्थ टीम, शहर के सरकारी-निजी अस्पतालों, संस्थानों और बाजारों में जाकर कोरोना जांच में लगी है। कई बस्तियों-कॉलोनियों में भी उनकी यह जांच चल रही है, और कई जगहों से नए पॉजिटिव सामने आ रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि नए पॉजिटिव पहले से कम होने लगे हैं। दूसरी तरफ, भर्ती मरीज भी ठीक होने पर लगातार डिस्चार्ज किए जा रहे हैं, और इनकी भी संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी है। लेकिन सतर्कता बहुत जरूरी है। लापरवाही से संक्रमण का खतरा बना रहेगा। स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि जिले में कोरोना संक्रमण जारी है। सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टरों को दिखाने के साथ अपनी कोरोना जांच कराएं।
नक्सली सडक़ निर्माण का कर रहे विरोध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 30 दिसंबर। जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के बुरजी व पुसनार के पास प्रेशर बम को निष्क्रिय करते एक जवान जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल लाया गया है। यहां गंभीर हालत को देखते उसे रायपुर भेज दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक पुसनार व बुरजी मार्ग पर इन दिनों सडक़ निर्माण का काम चल रहा है। बुधवार की सुबह सडक़ निर्माण की सुरक्षा के लिए गंगालूर से डीआरजी व सीएएफ के जवान निकले थे। इस दौरान जवानों ने वहां से तीन प्रेशर बम बरामद किए। दो बम निष्क्रिय कर दिए गए थे। तीसरे बम को निष्क्रिय करते समय सीएएफ की 19वीं बटालियन का जवान रितेश पटेल उसकी जद में आ गया और वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
बताया गया है कि जवान को कमर के नीचे दोनों पैरों में चोट लगी है। घायल जवान को जिला अस्पताल लाया गया। यहां से उसे बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रायपुर रेफर कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को कलेक्टर रितेश अग्रवाल व एसपी कमलोचन कश्यप ने इसी निर्माणधीन सडक़ निर्माण कार्य का जायजा लिया था और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। वहीं दूसरी ओर नक्सली इस सडक़ निर्माण का लगातार विरोध कर रहे हैं। इस मार्ग पर अब तक कई बम बरामद किए जा चुके हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 30 दिसंबर। बुधवार को सरगुजा संभाग की कमिश्नर जिनेविवा किंडो ने पत्थलगांव सिविल अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया। अधिकारियों से मरीजों की सुविधा उनके इलाज की व्यवस्था के संबंध में जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान अस्पताल में चल रहे जीर्णोद्धार के निर्माण कार्य को लेकर समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। अस्पताल की साफ सफाई सहित कोविड महामारी का ध्यान रखते हुए एक-दूसरे से दूरी बना कर रखने के निर्देश दिए।
पत्थलगांव के पाकरगांव में हो रहे गोठान का निरीक्षण किया। इस दौरान पाकरगांव की सरपंच धनमती प्रधान, एसडीएम योगेंद्र श्रीवास मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 30 दिसंबर। पत्थलगांव के नजदीक गांव की एक नाबालिग को उसकी फुफेरी बहन द्वारा दो लोगों को बेचने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत पत्थलगांव थाने में परिजनों ने की तो पुलिस ने नाबालिगबालिका को सुरक्षित बरामद कर परिजनों के सुपुर्द किया एवं चारों आरोपियों को जेल भेजा।
पुलिस के अनुसार फुफेरी बहन ने अपनी नाबालिग ममेरी बहन को शहर घुमाने और काम दिलाने के नाम पर उज्जैन ले जाकर हजारों रुपये में एक के बाद एक 2 लोगों को बेच दिया। मामला प्रकाश में आने के बाद जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत इसका संज्ञान लेते हुए पत्थलगांव पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नाबालिक को बेचने वाली उसकी फुफेरी बहन एवं उसके पति और खरीदने वाले राकेश पारेगी, परमेश्वर चौहान निवासी उज्जैन मप्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
एसडीओपी योगेश देवांगन ने बताया कि बीते दिनों नजदीकी ग्राम से प्रार्थी की शिकायत में नाबालिग बेटी को उसकी फुफेरी बहन एवं उसके पति ने अच्छी नौकरी एवं पैसों का लालच देकर जबरन अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गए थे एवं नाबालिग को उज्जैन ले जाकर एक युवक को 80,000 में नाबालिग को बेच दिया। उसके बाद कुछ दिनों बाद फिर से फुफेरी बहन व जीजा ने नाबालिग को 45,000 में बेच दिया। प्रकरण के चारों आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं। पुलिस ने उनके विरुद्ध धारा 366, 376 , 368, 370 और 4-6 पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई है।
रायपुर, 30 दिसंबर। संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर द्वारा शिक्षक संवर्ग के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। इस विज्ञापन के संदर्भ में विस्तृत जानकारी vyapam.choice.gov.in पर जारी किये गये थे। अभ्यर्थियों से शिक्षक पद हेतु संभाग/जिले की प्राथमिकता का क्रम आमंत्रित किये गये है। अभ्यर्थी http://www.eduportal.cg.nic.in पर आनलाईन प्राथमिकता भर सकते है। इसमें शिक्षक सभी विषयों के लिए 7 जनवरी तक, सहायक शिक्षक सभी विषयों के लिए 11 जनवरी तक तथा सहायक शिक्षक विज्ञान सभी विषयों के लिए 12 जनवरी तक प्राथमिकता क्रम भर सकते है।
इन पदों के लिए अभ्यर्थी आनलाईन च्वाईस सेंटरों, कैफे, इन्टरनेट के माध्यम से प्राथमिकता क्रम भर सकते है। प्राथमिकता क्रम हेतु कोई भी समस्या होने पर अभ्यर्थियों के लिए संभाग के प्रत्येक जिले में सुविधा केन्द्रों का निर्माण किया गया है। रायपुर जिला के लिए ठा.प्यारे लाल शा.हिन्दु उ.मा.वि.रायपुर, धमतरी जिला के लिए शिवसिंह वर्मा शा.कन्या उच्चत्तर माध्यमिक शाला धमतरी, बलौदाबाजार-भाटापारा जिला के लिए पं.च.शु.शा.बहु.उ.म.वि बलौदाबाजार, गरियाबंद जिले के लिए संयुक्त जिला कार्यालय कक्ष क्रमांक - 88 और महासमुंद जिले के लिए कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी को अभ्यर्थियों के लिए सुविधा केन्द्र बनाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म जयंती सप्ताह की श्रृंखला में आगामी 31 दिसंबर को कवि सम्मेलन और प्रदेश के प्रसिद्ध कवियों का सम्मान समारोह रखा जा रहा है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय से जारी जानकारी में बताया गया है कि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय करेंगे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक अति विशिष्ट अतिथि तथा सांसद सुनील सोनी, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत और रायपुर शहर जिला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कवि सम्मेलन में पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे, रामानंद त्रिपाठी, सुश्री वर्षा गुप्ता, सुनील शर्मा नील व मयंक शर्मा अपनी रचनाओं का रसास्वादन कराएंगे। यह कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय के सभागार में अपराह्न 3 बजे से होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नवा रायपुर के सेक्टर 26 में बनने वाले छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के आवासीय परिसर का भूमिपूजन किया। लगभग साढ़े 4 एकड़ में 14 करोड़ 80 लाख रूपए की लागत से इस भवन का निर्माण 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 महीनों में यह कॉलोनी बनकर तैयार हो जाएगी। छत्तीसगढ़ की सर्वसुविधायुक्त राजधानी नवा-रायपुर में इस कॉलोनी का निर्माण हो रहा है। इस कॉलोनी में 72 क्वाटर बनाए जाएंगे।
श्री बघेल ने इस आवासीय कॉलोनी के भूमिपूजन के अवसर पर कहा कि राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ और वन विभाग द्वारा लघु वनोपजों के संग्रहण, तेंदूपत्ता संग्रहण का महत्वपूर्ण कार्य तत्परता और जिम्मेदारी के साथ किया गया। विभाग के प्रयासों से लघु वनोपजों में वेल्यू ऐडिशन का कार्य किया जा रहा है, जिससे वनवासियों और महिला स्वसहायता समूहों की आमदनी बढ़ी है और इस कार्य में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उनके लिए इस आवासीय परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इससे अधिकारियों एवं कर्मचारियों कि कार्य क्षमता भी बढ़ेगी और वे ज्यादा अच्छे ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकेंगे।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस अवसर पर कहा कि नया आवासीय परिसर बनने से अधिकारी एवं कर्मचारियों को नवा रायपुर आने-जाने में लगने वाला समय बचेगा और वे ज्यादा अच्छे ढ़ंग से अपना कार्य कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के कार्य में काफी वृद्धि हुई है। वर्ष 2018 में 7 लघुवनोपजों का संग्रहण किया जाता था, जिनकी संख्या अब बढक़र 52 हो गई है। इस वर्ष प्रदेश में देश में कुल संग्रहित वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित किया गया है, जिसका मूल्य 130 करोड़ रूपए है। तेेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा करने से तेंदूपत्ता संग्रहकों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। छत्तीसगढ़ राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल 1,35,191 वर्ग किलोमीटर है जो देश के क्षेत्रफल का 4.1 प्रतिशत है। राज्य का वन क्षेत्र लगभग 59,772 किलोमीटर है जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 44.21 प्रतिशत है। ऑक्सीजन का एकमात्र स्रोत वृक्ष है। इसलिए वृक्ष पर ही हमारा जीवन आश्रित है। यदि वृक्ष ही नहीं रहेंगे तो किसी भी जीव जंतु का अस्तित्व नहीं रहेगा।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने कुछ दिन पहले ही प्रदेश के सभी 166 नगरीय निकायों के अंतर्गत होने वाले दाह संस्कार में गौ-काष्ठ के उपयोग को प्राथमिकता से करने का निर्देश जारी किया है। संयोगवश नगरीय प्रशासन मंत्री का निर्देश ठीक ऐसे समय पर आया है जब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा वायु प्रदूषण के चलते उतरी एवं मध्य भारतीय राज्यों में भारी आर्थिक क्षति होने की रिर्पोट जारी की जा रही थी। आईसीएमआर ने उत्तर प्रदेश और बिहार में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब होने का जिक्र किया है। लासेंट प्लेनेटरी हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट इंडिया स्टेट लेबल डिजीज बर्डन इनीसिएटिव के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद के 1.4 फीसदी के बराबर की क्षति हो रही है। यह बहुत चिंता का विषय है। वायु प्रदूषण को लेकर ठोस रणनीति के साथ हम सबकों आगे आना होगा। छत्तीसगढ़ की सरकार ने समय रहते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जो कदम उठाया है, वह प्रशंसनीय है। नगरीय प्रशासन द्वारा गौ काष्ठ के इस्तेमाल को नगरीय क्षेत्रों में बढ़ावा देने से एक ओर जहां वायु प्रदूषण में कमी आएगी वहीं एक दाह संस्कार के पीछे 20-20 साल के दो पेड़ कटने से बच जाएंगे। इस पहल से साल भर में लाखों पेड़ों की बलि नहीं चढ़ेगी और हमारी अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
वैसे प्रदूषण को लेकर अक्सर चर्चाएं होती है। नि:संदेह छत्तीसगढ में वायु प्रदूषण की स्थिति अन्य कई राज्यों की तुलना में बेहतर तो है लेकिन शहर सहित कुछ जिलों में स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं है। औद्योगिक जिला सहित शहरी इलाकों में शुद्ध वायु की कमी है। इसके लिए जरूरी है कि हम अधिक से अधिक पौधे लगाए और पेड़ों को कटने से बचाएं। छत्तीसगढ़ की सरकार ने गौ- काष्ठ के इस्तेमाल को लेकर जो आदेश जारी किया है, वह आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और उनके सरकार के सदस्यों की सोच थी कि नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी का मॉडल तैयार किया गया। इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए सरकार ने अपनी संकल्पना को साकार भी करके दिखाया। नगरीय निकाय क्षेत्रों में होने वाले दाह संस्कार और ठण्ड के दिनों में जलाए जाने वाले अलाव में लकड़ी की जगह गोबर से बने गौ-काष्ठ और कण्डे के उपयोग को जरूरी किया जाना सरकार के दूरदर्शी सोच का हिस्सा है।
प्रदेश के लगभग सभी जिलों में इस समय गोठान संचालित किए जा रहे हैं। 6 हजार 4 सौ से अधिक गोठाने हैं। जिसमें से 166 नगरीय निकाय क्षेत्रों में 322 गोठान संचालित है। इन गोठानों में जैविक खाद के अलावा गोबर के अनेक उत्पाद बनाए जा रहे हैं। गोठानों में गौ-काष्ठ और कण्डे भी बनाए जा रहे हैं। कुल 141 स्थानों में गोबर से गौ काष्ठ बनाने मशीनें भी स्वीकृत की जा चुकी है और 104 स्थानों में यह मशीन काम भी करने लगी है।
निकायों के अंतर्गत गोठानों के माध्यम से गोबर का उपयोग गौ काष्ठ बनाने में किया जा रहा है। अभी तक लगभग 2800 क्विंटल गौ काष्ठ विक्रय के लिए तैयार कर लिया गया है। सूखे गोबर से निर्मित गौ-काष्ठ एक प्रकार से गोबर की बनी लकड़ी है। इसका आकार एक से दो फीट तक लकड़ीनुमा रखा जा रहा है। गौ-काष्ठ एक प्रकार से कण्डे का वैल्यू संस्करण है। गोठानों के गोबर का बहुउपयोग होने से जहां वैकल्पिक ईंधन का नया स्रोत विकसित हो रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के गांव और शहरों में रोजगार के नए अवसर भी खुलने लगे हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर की राह में कदम बढ़ा रही है। हाल ही में सरगुजा जिले के अंबिकापुर में प्रदेश का पहला गोधन एम्पोरियम भी खुला है, जहां गोबर के उत्पादों की श्रृखंला है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी गौ काष्ठ और गोबर के उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है। दीपावली में गोबर के दीये, गमले, सजावटी सामान की मांग रहती है।
प्रदेश के गोठानों में तैयार गौ-काष्ठ और कण्डे एक वैकल्पिक और जैविक ईंधन का बड़ा जरिया बन सकता है। इसके जलने से प्रदूषण भी नहीं फैलता और इसका उत्पादन भी आसान है। नगरीय निकाय क्षेत्रो में अलाव और दाह संस्कार में लकड़ी के स्थान पर गौ काष्ठ के उपयोग को बढ़ावा देने से वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन में गति आएगी। प्रदेश के नगरीय निकायों में ठण्ड के दिनों में लगभग 400 अलाव चौक-चौराहों पर जलाए जाते हैं। दाह संस्कार भी होते हैं। रायपुर जैसे शहर में 12 से 30 दाह संस्कार होते हैं। एक दाह संस्कार में अनुमानित 500 से 700 किलो लकड़ी का उपयोग होता है। अलाव और दाह संस्कार में लकड़ी को जलाए जाने से भारी मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन होता है, जो कि पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं है। यदि हम गौ काष्ठ का उपयोग लकड़ी के स्थान पर करे तो महज 300 किलों में ही दाह संस्कार किया जा सकता है। इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता और गोबर की लकड़ी जलने से आसपास के वातावरण भी शुद्ध होते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि हम अंतिम संस्कार में लकड़ी की जगह गौ काष्ठ का उपयोग करे तो हमारा खर्च भी कम हो जाएगा और हम 20-20 साल के दो पेड़ों को कटने से भी बचा सकते हैं। गौ सेवा की दिशा में कार्य कर रही एक पहल सेवा समिति के उपाध्यक्ष श्री रितेश अग्रवाल का कहना है कि दाह संस्कार को इको फ्रेण्डली बनाया जाना अति आवश्यक है। गौ-काष्ठ से दाह संस्कार बहुत आसान और पर्यावरण के लिए उपयोगी है। लोगों को अपनी धारणाएं बदलनी होगी ताकि हम शुद्ध हवा में सांस ले सके। अब तक अनेक दाह संस्कार में गौ काष्ठ का उपयोग कर चुके रितेश अग्रवाल ने बताया कि गोबर की लकड़ी के साथ देशी घी मिलाकर जलाने से शुद्ध आक्सीजन का उत्सर्जन होता है और इससे निकलने वाले कम्पाउण्ड बारिश में सहायक होते हैं।
गोबर में रेडिएशन अवशोषण का गुण भी होता है। इससे निर्मित उत्पाद आसानी से प्रकृति में मिल जाती है। स्वाभाविक है कि गोठानों के संचालन से प्रदेश में गौ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और गोबर उत्पादों के साथ रोजगार के नये विकल्प भी बनेंगे। सरकार द्वारा गोबर को दो रुपए प्रति किलों की दर से खरीदे जाने के बाद पशुपालकों की आमदनी भी बढ़ी है। इससे आर्थिक सशक्तीकरण को भी बल मिला है। गौ काष्ठ को प्रोत्साहन दिए जाने से एक साथ अनेक फायदे होंगे। इसके निर्माण में लगे लोग इसे बेच कर आमदनी प्राप्त करेंगे और ग्रीन तथा क्लीन छत्तीसगढ़ का कान्सेप्ट भी सफल होगा। सरकार के इस प्रयास से हमें ऑक्सीजन, औषधि देने वाले, मृदा संरक्षण करने वाले, पक्षियों के बैठने की व्यवस्था, कीड़े-मकोड़े, मधुमक्खी के छत्ते से वातावरण को अनुकूलन बनाने वाले वृक्षों के साथ पशु-पक्षियों को भी संरक्षण मिलेगा। वैकल्पिक ईंधन के रूप में उपयोग बढऩे से इसका व्यावसायिक उपयोग भी बढ़ेगा, जो हमारी अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ पर्यावरण अंसतुलन के खतरे को कम करने में मील का पत्थर साबित होगा।
ब्रिटेन से लौटे 10 लोगों के सैंपल भी शामिल, स्ट्रेन-2 पता लगाने में मदद मिलेगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। एम्स की वीआरडी लैब से सर्विलांस स्टडी के लिए 70 सैंपल कल एनआईवी पुणे लैब भेजे गए हैं। इसमें से 60 सैंपल एम्स में इलाज करा रहे कोरोना मरीजों के हैं। वहीं 10 सैंपल ब्रिटेन से छत्तीसगढ़ लौटकर आए लोगों के हैं, जिन्हें आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना पॉजीटिव पाया गया है। एम्स प्रशासन का कहना है कि पुणे से रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्ट्रेन-2 की प्रारंभिक जानकारी मिल पाएगी।
एम्स निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स की वीआरडी लैब में अब तक ब्रिटेन से लौटे 10 भारतीयों के सैंपल कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। इन सभी को स्ट्रेन-2 कंफर्म करने के लिए पुणे लैब भेजा गया है। कुछ दिनों में रिपोर्ट मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। हालांकि इन मरीजों का आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुरूप उपचार किया जा रहा है। इसके लिए एम्स में अलग बेड की व्यवस्था की गई है। लैब में भी इस प्रकार के सैंपल रखने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के सैंपल को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए एम्स में पूरी सुविधा उपलब्ध हैं। इसमें ड्राय आइस भी शामिल है। आवश्यकता पडऩे पर वीआरडी लैब में भी ड्राय आइस बनाई जा सकती है।
विभागाध्यक्ष प्रो. अनुदिता भार्गव के अनुसार इसके अतिरिक्त 60 सैंपल और पुणे भेजे गए हैं। यह सभी एम्स में भर्ती मरीजों के हैं, जिन्हें सर्विलांस स्टडी के लिए नियमित रूप से पुणे भेजा जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि यहां के रोगियों में कोरोना वायरस की प्रकृति और प्रवृति बदल तो नहीं रही है। जिससे वायरस स्टडी में काफी मदद मिलती है।
स्ट्रेन-2 की जांच जल्द
बताया गया कि एम्स की वीआरडी लैब में 28 दिसंबर तक 1 लाख 72 हजार 924 सैंपल की जांच हो चुकी है, जिसमें 17 हजार 336 सैंपल पॉजीटिव पाए गए हैं। प्रो. नागरकर ने कहा है कि एम्स के पास जल्द ही कोरोना वायरस के स्ट्रेन-2 की जांच की सारी सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी जाएंगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 दिसंबर। कोरोना संक्रमण और नए स्ट्रेन को देखते हुए परिजनों ने बंदियों की पैरोल अवधि बढ़ाने की मांग जेल प्रशासन व राज्य सरकार से की है। उनका कहना है कि प्रदेश में अभी भी कोरोना का कहर जारी है और रोज करीब हजार से अधिक कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में बंदियों के पैरोल अवधि बढ़ायी जाए।
पैरोल पर चल रहे कुछ बंदियों के साथ उनके परिजन आज दोपहर यहां पे्रस क्लब परिसर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि प्रदेश में कोरोना का पहला केस सामने आने के बाद कई बंदी जेल से पैरोल पर छोड़े गए। संक्रमण को देखते हुए समय-समय पर उनकी पैरोल अवधि भी बढ़ायी गई। प्रदेश के बंदियों की जेल वापसी 1 जनवरी 2021 को होनी है। जबकि कोरोना संक्रमण लगातार बना हुआ है।
उनका यह भी कहना है कि प्रदेश में जिस तरह से नए पॉजिटिव सामने आ रहे हैं, उससे बंदियों के परिजन चितिंत हैं। जेलों में भी काफी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिलते रहे हैं। ऐसे में जब तक कोरोना वैैक्सीन का टीकाकरण नहीं हो जाता है, तब तक बंदियों के परिजन सरकार से उनकी पैरोल अवधि बढ़ाने की मांग करेंगे। उनका यह भी कहना है कि जेलों में कैदियों की भीड़ को देखते हुए अन्य राज्यों में पैरोल अवधि बढ़ायी जा रही है। ऐसे में वैक्सीन लगने तक यहां भी पैरोल अवधि बढ़ायी जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 30 दिसंबर। जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित ग्राम बोरगांव के 34 वर्षीय किशनु साहा की एक आम कृषक से एक सफल मत्स्य पालक होने की यात्रा चुनौतीपूर्ण रही और आज वे इस व्यवसाय की बदौलत प्रतिमाह लगभग 30 हजार रूपए की आमदनी अर्जित कर रहे हैं। मत्स्य पालन के व्यवसाय को अपनाने के संबंध में वे बताते हैं कि, वे भी पहले एक आम कृषक की तरह लगभग अपने पांच एकड़ की जमीन में धान, मक्का एवं मिर्च, टमाटर की ही खेती करते थे परन्तु पिछले कुछ वर्षों में उन्हें अपेक्षित आमदनी नहीं हो रही थी। साथ ही सब्जी इत्यादि फसलों के लिए अधिक से अधिक मजदूरों की भी जरूरत पड़ती थी फलस्वरूप फसलों की लागत निकल पाना भी मुश्किल हो जाता था। इसके अलावा सब्जी के बाजार भाव में उतार चढ़ाव होने से उनके सहीं मूल्य भी नही मिलते थे। अत: वर्ष 2017-18 में उन्होंने मछली पालन के क्षेत्र में उतरने का फैसला लिया क्योकि मत्स्य पालन में अधिक मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती साथ ही इसका बाजार भाव भी संतोषजनक रहता है।
इस प्रकार उन्होंने अपने 2.5 एकड़ की जमीन में तालाब खुदवाया। शुरूवात में इस नए व्यवसाय में उन्हें कुछ दिक्कतें भी आई वे बताते हैं कि, शुरू-शुरू में उन्हें तालाब के सूखने, मछलियों के मरने और उनकी बढ़ोत्तरी न होने जैसी समस्याएं भी आई परन्तु लगन और इच्छाशक्ति से इसका उन्होंने शीघ्र समाधान निकाला। इस संबंध में मत्स्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन से इस प्रकार की समस्याएं कम होने लगी। चूंकि इस विभाग द्वारा उन्हें तालाब खुदवाने के लिए 50 हजार रूपए का अनुदान दिया गया था। वे आज भी विभाग के बराबर संपर्क में रहते हैं। उनका यह भी मानना है कि, मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में उन्होंने एक सहीं फैसला लिया है वरना वे सीमित भूमि एवं अपर्याप्त आय में ही गुजारा करने के लिए विवश होते और विभाग द्वारा जो सहयोग दिया गया हैं। क्योंकि जिस प्रजाति की मछली की खपत ज्यादा होती है उसी का पालन करना चाहिए साथ ही मत्स्य पालन में आर्थिक पृष्ठभूमि प्रबंधन भी बेहतर होना चाहिए क्योंकि मछलियों के चारे में 75 प्रतिशत का खर्च होता है साथ ही मछलियों के डेटाबेस का रख-रखाव भी करना पड़ेगा क्योंकि उनके चारे, उनके रख-रखाव के खर्चे, मत्स्य बीज की जीविता प्रबंधन के बाद ही हम अपना लाभ और नुकसान को देख सकते हैं। अगर किसान अपने एक एकड़ में मत्स्य फार्म प्रारंभ करते हैं तो जैसे-जैसे मछलियों की खपत होगी तालाब भी बढ़ाना पड़ेगा। इस प्रकार इस व्यवसाय में दो-चार बातों का ध्यान रखा जाए तो यह एक सुरक्षित व्यवसाय है।
किशनु साहा के तालाबों में तेलापिया, रोहू, इण्डियन कार्प, मृगल, कतला, आईएमसी डार्क जैसी प्रजातियों की मछलियों का पालन हो रहा हैं और इन मछलियों की बिक्री स्थानीय बाजारों के अलावा उड़ीसा राज्य के जिलों में भी होती है। इस कार्य के लिए उन्होंने दो व्यक्तियों को भी अपने मत्स्य फार्म में रोजगार उपलब्ध कराया हैं। कोण्डागांव जिले में मत्स्य पालन जैसी व्यवसायों के विकास के लिए आपार सम्भावनाएं हैं। क्योंकि वर्तमान दौर में परम्परागत कृषि के अलावा कुछ नए व्यवसायों को भी अपनाने की जरूरत हैं। इसके लिए जागरूकता, सहीं जानकारी व परिस्थितियों के समझने की आवश्यकता हैं, सहीं भी है कि जब हम जीवन में बदलाव नहीं करेंगे तो कुछ भी नही बदलेगा। किशनु साहा जैसे सफल मत्स्य पालक पर यह उक्ति सटीक बैठती है निश्चित ही उन्होंने बदलाव को अपनाया और इसका साकारात्मक परिणाम उनके जीवन में परिलक्षित हुआ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 30 दिसंबर। भांसी स्थित एनएमडीसी डीएव्ही आईटीआई संस्था में 29 दिसंबर को नवनिर्मित फिटर वर्कशॉप एवं पुस्तकालय का लोकार्पण बचेली परियोजना के अधिशासी निदेशक अशोक कुमार प्रजापति के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्री प्रजापति ने कहा कि आईटीआई को अग्रणी बनाने के लिए इनोवेशन पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होने आईटीआई एवं एनएमडीसी के समावेशी नवाचार के माध्यम से दोनों के परस्पर सहयोग से लाभ लेने की बात कही एवं संस्था के प्राचार्य एवं शिक्षकों को नवनिर्मित भवन की बधाई दी।
नैगमिक सामाजिक दायित्व सीएसआर के उपमहाप्रबंधक सुनील उपाध्याय ने बताया कि आईटीआई में विगत 3 वर्ष पहले की स्थिति में मशीनरी, इं्फ्रास्टक्चर एवं फर्नीचर इत्यादि की जो कमी थी, उसे वर्तमान में एनएमडीसी के सहयोग से पूरा कर लिया गया है। उन्होने आईटीआई छात्रों के प्लेसमेंट के बाद भी नौकरी ज्वाइन ना करते एवं बीच में छोडऩे को लेकर दुख प्रकट किया एवं भविष्य में इसका हल निकालने की बात कही।
ईडी ने संस्था के सभी ट्रेड कक्षों व भवनों का निरीक्षण किया साथ ही वहां छात्रों से मुलाकात भी की।
वर्ष 2000 में तीन ट्रेड के साथ शुरू हुई थी
बचेली नगर से करीब 10 किमी दूर ग्राम भांसी में एनएमडीसी डीएव्ही आईटीआई संस्था वर्ष 2000 में शुरू हुई थी। प्राचार्य कमलेश साहु ने बताया कि तब सिर्फ तीन ही ट्ेड थे, लेकिन वर्तमान में कुल 5 ट्रेड और 192 प्रशिक्षार्थी क्षमता के साथ आईटीआई का सफलतापूर्वक संचालन किया जा राह है। उन्होंने संस्था की उपलब्धियो, क्रियाकलापो एवं भविष्य की योजनाओ से मुख्य अतिथि सहित सभी को अवगत कराया एवं नवनिर्मित भवन प्रदान करने केलिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
सीएसआर मद से 70 लाख में निर्मित
एनएमडीसी के नैगमिक सामाजिक दायित्व निधि (सीएसआर) से कुल 70.65 लाख रूपये की लागत फिटर शॉप व पुस्तकालय का निर्माण हुआ। इस कार्य के साईट प्रभारी एनपी ठाकुर, गौरव अग्रवाल, प्रभारी अभियंता डीजीएम एमएम अग्रवाल, एसके साहु के देखरेख में कार्य हुआ।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में एनएमडीसी बचेली के विद्युत विभाग के महाप्रबंधक संजय बासु, खनन महाप्रबंधक केसी गुप्ता, एमएंडएस महाप्रबंधक रविन्द्र नारायण, टीएंडएस उपमहाप्रबंधक सीबी सुब्रमण्यम, सिविल उपमहाप्रबंधक एम. चोकसे, सीएसआर उपमहाप्रबंधक सुनील उपाध्याय, वित सहायक महाप्रबंधक एसके चैधरी, कार्मिक सहायक महाप्रबंधक एसपी सिंह, सिविल सहायक महाप्रबंधक जेड अंसारी, वरिष्ठ प्रबंधक संतोष साहु सहित अन्य अधिकारी व संस्था के शिक्षक मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 30 दिसंबर। शासन की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी) के तहत जिले के किसान फसल कटाई के बाद खेतों में छोड़े गए पैरा का दान गौठानों में कर रहे हैं जिससे सूखा चारा का संग्रहण हो रहा है। जिले के 157 गौठानों में अब तक 1041.52 टन पैरा का संग्रहण किया जा चुका है तथा किसान लगातार पैरादान करने आगे आ रहे हैं।
जिले के गौठानों में किसान इन दिनों पैरादान में जुट गए हैं। ग्रीष्म ऋतु में जब हरा चारा उपलब्ध नहीं रहता तब सूखा चारा ही पशुओं का मुख्य भोजन होता है। चारे की तलाश में मवेशियों को यत्र-तत्र भटकना न पड़े, इसलिए गौठानों में सूखा चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने जिला प्रशासन द्वारा किसानों को पैरादान के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, साथ ही कृषि विभाग के मैदानी अमलों के द्वारा इसके लिए समझाइश दी जा रही है। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में कुल 280 गौठान स्वीकृत हैं जिनमें चारा भण्डारण के लिए पैरादान करने पंचायत प्रतिनिधि, विभागीय अमलों, पंचायत सचिव, ग्रीन आर्मी, स्वसहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। परिणामस्वरूप जिले के 157 गौठानों में पैरादान पूर्ण हो चुका है तथा इसका भण्डारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक विकासखण्ड नगरी में 495 टन, मगरलोड में 491 टन, धमतरी में 41.44 टन तथा कुरूद विकासखण्ड में 14.08 टन पैरादान के तहत प्राप्त हुआ है, जिसे खेत अथवा खलिहान से गौठानों में ट्रैक्टर के माध्यम से परिवहन कर लाया गया है।
कृषि विभाग द्वारा बेलर मशीन से दान में प्राप्त पैरा की बंडलिंग कर गौठानों में सुरक्षित एवं व्यवस्थित ढंग से रखाया जा रहा है। धमतरी विकासखण्ड के गौठान में ग्राम बोडऱा (संबलपुर) के किसान तीरथराम यादव ने चार टन पैरादान किया। इसी तरह ग्राम बलियारा (बोडऱा) के किसान चेतनलाल ने 5 टन, जय अम्बे मां स्वसहायता समूह खरतुली के द्वारा पांच टन, नवज्योति महिला समूह परसतराई के द्वारा चार टन पैरादान किया गया। इसी तरह नगरी विकासखण्ड के जय भुखर्रादेव गौठान टांगापानी में गांव के कृषक गणेशराम, श्रीराम, मन्नूराम, घसियाराम के द्वारा 22 टन पैरा दानस्वरूप दिया गया है। इसके अलावा ग्राम सरईटोला, के किसान हीराराम, अमृतलाल, मानकलाल, घासीराम, कोमल सिंह के द्वारा 40 टन पैरादान किया गया।
इन किसानों ने बताया कि हारवेस्टर से फसल कटाई किए जाने से पैरा खेतों में ही रह जाता है, जिसे मवेशी खाते नहीं हैं। इन पैरों को कुट्टी से काटकर बेहतर चारा के रूप में तब्दील किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पैरादान से उनके ही गाय-बैलों को भरपूर चारा गर्मी के मौसम में मिलेगा व इससे और भी फायदे हैं। खेतों में फसल अवशेष जलाए जाने की दुष्प्रवृत्ति पर भी काफी हद तक रोक लगेगी। इन किसानों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना की सराहना करते हुए कहा कि शासन की उक्त योजना काफी सफल रही है जिसके दूरगामी व सकारात्मक परिणाम शीघ्र ही मिलेंगे।
स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी नहीं होंगे परेड में शामिल
राजनांदगांव, 30 दिसंबर। गणतंत्र दिवस 2021 जिला स्तरीय मुख्य समारोह इस वर्ष भी म्युनिसिपल स्कूल मैदान में आयोजित किया जाएगा। जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के प्रोटोकाल का पालन करते समारोह को आयोजित करने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर टीके वर्मा की अध्यक्षता में गणतंत्र दिवस की तैयारियों के संबंध में बैठक संपन्न हुई।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारियों के अनुरूप समय से पहले सभी तैयारियां पूर्ण करने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस की तैयारियां गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समारोह में सभी अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी।
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते इस वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी परेड में शामिल नहीं होंगे। वहीं विद्यार्थियों को अन्य गतिविधियों में भी शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन गंभीरता पूर्वक करें। बैठक में बताया गया कि समारोह के लिए परेड की तैयारी पुलिस विभाग द्वारा की जाएगी। समारोह स्थल की साफ-सफाई, आवश्यक मरम्मत, साज-सज्जा, बैरिकेटिंग, पंडाल एवं बैठक व्यवस्था, पेयजल, माईक, जनरेटर, चिकित्सा टीम एवं एम्बुलेंश आदि की व्यवस्था के संबंध में भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई। कलेक्टर ने कहा कि इस दिवस के लिए अन्य तैयारियां राज्य शासन द्वारा निर्णय आने पर उनके अनुसार की जाएगी।
गणतंत्र दिवस झांकियां
बैठक में बताया गया कि जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में वन विभाग, जिला पंचायत, जल संसाधन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, आदिमजाति कल्याण विभाग, नगर निगम राजनांदगांव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, विद्युत विभाग और पुलिस विभाग की झांकियां निकलेंगी। सभी झांकियां राज्य शासन की विभागीय योजनाओं पर केन्द्रित होंगी। इस अवसर पर अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, अपर कलेक्टर सीएल मारकंडे, जिला पंचायत सीईओ तनुजा सलाम, एएसपी सुरेशा चौबे, सीएसपी मणीशंकर चंद्रा, एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 दिसंबर। भारतीय सुरक्षा दक्षता परिषद नई दिल्ली द्वारा सिक्युरिटी एण्ड इंटेलीजेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड (एसआईएस) क्षेत्रीय प्रशिक्षण अकादमी आरटीसी कुनकुरी जशपुर के संयुक्त तत्वावधान में सुरक्षा कार्यों में रोजगार देने के लिए 4 से 14 जनवरी तक पंजीयन शिविर का आयोजन किया जाएगा।
उप संचालक जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र राजनांदगांव ने बताया कि आवेदित उम्मीदवारों को पंजीकृत प्रशिक्षणोंपरांत स्थाई रोजगार देने के लिए एसआईएस जशपुर द्वारा राजनांदगांव जिले में सुरक्षाकर्मी एवं सुपरवाईजर के लिए पंजीयन शिविर का आयोजन विकासखंडों में किया जाएगा। जनपद पंचायत छुईखदान में 4 जनवरी को शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार जनपद पंचायत खैरागढ़ में 5 जनवरी, डोंगरगढ़ में 6, मानपुर में 7, मोहला में 8, अम्बागढ़ चौकी में 11, छुरिया कॉलेज मैदान में 12, डोंगरगांव स्कूल मैदान में 13 एवं जनपद पंचायत राजनांदगांव में 14 जनवरी को पंजीयन शिविर का आयोजन किया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत एसआईएस ग्रुप के सभी कंपनियों द्वारा विभिन्न सरकारी, अद्र्र्धसरकारी, निजी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के औद्योगिक संस्थानों, खान, शिक्षण संस्थान, होटल, हॉस्पिटल, मॉल, टॉल ब्रिज, मेट्रो एवं एयरपोर्ट पर स्थाई नियुक्ति प्रदान की जाएगी। सुरक्षाकर्मी एवं सुपरवाईजर पंजीयन शिविर में शामिल होने के लिए इच्छुक आवेदक निर्धारित तिथि एवं स्थान पर सुबह 11 बजे उपस्थित हो सकते है। आवेदकों को शिविर में कोविड-19 के संक्रमण के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का उपयोग करना आवश्यक होगा।