राजनांदगांव

डीएपी खाद संकट से मुश्किल में किसान
23-Jun-2022 12:18 PM
डीएपी खाद संकट से मुश्किल में किसान

  तय लक्ष्य से आधा भंडारण   
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 जून।
डीएपी खाद संकट ने शुरूआत में ही किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। मानसून के सक्रिय होते ही खतों में पहुंचें किसानों के सामने खाद का संकट गहरा गया है। इसके पीछे तय लक्ष्य की तुलना में आधा फीसदी खाद भंडारण होना है। डीएपी खाद की जरूरत के लिए किसान सोसायाटियों में चक्कर लगा रहे है। सोसायटियों में किसानों को उनकी आवश्यकता से कम डीएपी खाद का पैकेट दिया जा रहा है।

राजनांदगांव जिले में मौजूदा खरीफ फसल के लिए 65 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद का भंडारण का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन मार्कफेड ने तय लक्ष्य से पचास फीसदी का ही भंडारण किया है। खरीफ की फसल के लिए हाल ही रेल्वे के जरिए खाद की रेक पहुंची थी। एक जानकारी के अनुसार निर्धारित लक्ष्य से 36 हजार मीट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। यानी सीधे 50 प्रतिशत कम खाद होने से किसानों की परेशानी बढऩा लाजिमी है। इस बीच जिले में कई सोसायटियों में खाद की समस्या से किसानों को शुरूआत में ही झटका लगा है। समितियों के पास मार्कफेड ने भी कटौती कर खाद के पैकेट दिए है। किसानों को प्रति पांच एकड के लिए सिर्फ खाद के दो बैग ही थमाए जा रहे है। प्रांरभिक खेती के लिए डीएपी खाद बेहद जरूरी होता है। उधर सोसाटियों में खाद संकट के बीच पोर्टल नही खुलना भी दोहरी परेशानी का कारण बन गया है। पोर्टल के बंद होने से किसानों को सोसायटी से खाद नही मिल पा रहा है।

बताया जाता है कि बिना ओटीपी के किसान को खाद देने का हिसाब रखना संचालकों के लिए मुश्किल हो गया है। किसानों के मोबाईल मे ओटीपी आने के बाद ही ऑनलाईन खाद वितरण की सही जानकारी रिकॉर्ड होती है। जिले में खाद संकट खड़ी होने से किसानों को खेती कार्य भारी पड़ रहा है। पर्याप्त मात्रा में डीएपी का भंडारण होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मौजूदा स्टॉक में से समितियों के जरिए 28 हजार मीट्रिक टन खाद बांट दिया गया है। ऐसे में किसानों निजी दुकानों से डीएपी की खरीदी करनी पड़ रही है। बाजार से खाद खरीदना किसानों के लिए मंहगा सौदा साबित हो रहा है। सोसायटियों में लगातार किसानों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हालांकि प्रशासन नेे खाद संकट को लेकर दावा करते कहा कि कि किसानों को परेशानी नही होने दी जाएगी। इसके उलट समितियों के बाहर किसानो को खाद की किल्लत से जूझते बाहर बैठे देखा जा सकता है।



जिले में खाद बीज की किल्लत-भरत
प्रदेश महामंत्री भाजपा पि.वर्ग मोर्चा भरत वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश में बैठे सरकार किसानों की चिंता नहीं कर रहे हैं। यहां के मुख्यमंत्री राहुल गांधी के नेशनल हेराल्ड केस में लगातार दिल्ली दौरे पर है। जबकि प्रदेश के किसान लगातार सोसायटी का चक्कर लगा रहे हैं। खाद-बीज की कमी की वजह से किसान प्रदेश में बैठी सरकार को कोस रहे है। इसके पूर्व भी इस प्रदेश में पंद्रह वर्ष तक भाजपा की सरकार थी, कभी किसानों को खाद-बीज की कमी नहीं होता था। अग्रिम उठाव कर लेते थे, लेकिन आज किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है। जबकि डीएपी खाद न होने की वजह से किसान धान एवं सोयाबीन बोवाई में पिछड़ जाएंगे और उत्पादन प्रभावित होगा। यूरिया और पोटाश लेने पर नकली जैविक खाद को किसानों को थमा रहे है। जबकि इसको प्रतिबंध लगाना चाहिए।

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