महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 नवंबर। खल्लारी थाना क्षेत्र में आयुर्वेद फार्मासिस्ट के अंधे कत्ल की गुत्थी 37 दिनों के बाद भी अनसुलझी रह गई है। इस मामले में एसआईटी भी उलझ कर रह गई है। हालांकि एसआईटी से जुड़े सदस्य का कहना है कि अतिशीघ्र इस पूरे मामले का पटक्षेप होने वाले वाला है।
गौरतलब है कि 25-26 सितंबर की दरमियानी रात खल्लारी थाना क्षेत्र के ग्राम तमोरा निवासी राम कुमार दीवान 55 की खून से लथपथ लाश उसके घर के बरामदे में पलंग पर मिली थी। मृतक के शरीर पर कई जगह गहरे जख्म थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ था कि राम कुमार दीवान की मौत धारदार हथियार के हमले से हुई है।
इस सनसनीखेज हत्या की पड़ताल जब स्थानीय पुलिस नहीं कर पाई तब पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी का गठन किया है। इसमें एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी, एक टी आई के साथ ही साइबर सेल की टीम को हत्यारे तक पहुंचने के लिए लगाया गया है।
मामले में साइबर सेल ने अब तक 1000 से ज्यादा मोबाइलों का विश्लेषण किया है। मृतक राम कुमार दीवान के करीबियों पर टीम को शक है।
बताया जा रहा है कि अब तक 25 से ज्यादा करीबी लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। वहीं तमोरा गांव के लगभग हर शख्स से जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हत्या का संदेह मृतक की पत्नी पर जाकर अटका हुआ है। वहीं उसके सहयोगी की पहचान भी जल्द ही उजागर हो सकती है।
एसआईटी के मुताबिक हत्या में संलिप्त आरोपी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे क्योंकि जांच पड़ताल अब अंतिम दौरान में है। कुछ चीजों को पुख्ता करते ही इस पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया जाएगा।